मैंने सोचा कि मेरे भाई को रसोईघर में ले जाकर पहले तो उसकी पेट पूजा करवाएंगे, लेकिन खाने के लिये तो गुझिया और ठंडाई ही तो थे. मैं समझ गई के ये दोनों छिनाल रान्डे पहले तो मेरे भोले-भाले भाई को भांग वाली गुझिया और ठंडाई पिलाएगी और फिर इसके लंड को अपनी-अपनी चूत में घोंट के खायेन्गी.
चलो कोई बात नहीं, वो भी मेरा भाई है. हमारा खानदान भी कोई कम चुदक्कड नहीं है.!
मैं सोच ही रही थी कि………..







