मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi

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sexy
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Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi

Unread post by sexy » 06 Oct 2015 11:30

मैं इसी तरह से उनके घर आता रहा जाता रहा. पिंकी अब खुद ही हमै अकेला छोड़ के टेबल से किसी ना किसी काम का बहाना कर के उठ जाती और फिर मैं और सुनीता देवी ही टेबल पे बैठे इधर उधर की बातें करते रह जाते. एक दिन मुझे ऐसा महसूस हुआ के वो मुझ से कुछ कहना चाहती है पर कह नही पा रही है और फिर जब पिंकी उठ के चली गयी तो उन्हो ने इधर उधर देखते हुए हिच किचाते हुए कहा के सुनो राज मैं ने कुछ सोचा है तो मैने ने पूछा क्या आंटी क्या सोचा है तो उन्हो ने बोला के तुम लेट नाइट आ सकते हो क्या तो मैं ने कहा के मुझे कोई प्राब्लम नही आंटी आप रात 12 बजे बोलो मैं आपकी सेवा मे आ जाउन्गा तो वो मुस्कुरा दी और बोली के तुम्है पता है ना के मुझे सेठ साहिब के खर्राटे सोने नही देते इसी लिए मैं बंगले के दूसरी तरफ रहती हू तो वाहा पे एक डोर बाहर जाने के लिए भी है जो बंगले के बाहर कॉंपाउंड मे खुलता है और फिर कॉंपाउंड मे भी एक छोटा सा डोर है जो बाहर रोड पे खुलता है जिसको हमारी नौकरानिया कचरा वाघहैरा फेकने के लिए इस्तेमाल करती है तो मैं वो दोनो डोर्स खुले रख दूँगी और तुम पीछे से आ सकते हो तो किसी को पता नही चलेगा तो मैं ने कहा के ठीक है आंटी मैं कल आपको सब अरेंज्मेंट कर के बतादुगा तो उन्हो ने कहा के ठीक है.
मैं ने अपने दोस्त से मिलकर एक इंपोर्टेड शॅंपेन का बंदोबस्त कर लिया था और मैं ने पिंकी को उसके बारे मे बता भी दिया था. मैं ने आंटी को पहले ही बोल दिया था के आंटी मैं शॅंपेन नही पीऊंगा तो उन्हो ने हैरत से कहा क्यों तो मैं ने बोला का नही आंटी आपको तो पता है के मैं तो सिगरेट तक नही पीता और शराब तो ना कभी पहले पीया हू

और ना कभी पियोंगा लैकिन आपके लिए ज़रूर ला कर दूँगा तो उन्हो ने कहा के ठीक है अगर तुम नही पीना चाहते तो मैं फोर्स नही करूगी पर तुम भी मेरी इस बात को सीक्रेट ही रखना होगा तो मैं ने आंटी से कहा के आंटी आप फिकर ना करे मैं हमारे बीच की बात कभी किसी से नही बताउन्गा और हमारी सीक्रेट हमेशा हमारी सीक्रेट ही रहेगी किसी को भी पता नही चलेगा तो उनके चेहरे पे इतमीनान आ गया था.
उसी रात तकरीबन 11 बजे आंटी का फोन आया तो मैं ने बता दिया के आंटी शॅंपेन का बंदोबस्त हो गया है तो उन्हो ने खुशी से चहेकते हुए पूछा “सच” तो मैं ने कहा हा सच आंटी बॉटल मेरे पास है बोलो तो अभी ले के आ जाउ तो उन्हो ने बोला के तुम्है कोई प्राब्लम तो नही होगी इस टाइम आने मे तो मैं ने कहा के अरे आंटी मेरी कॉलेज के तो अभी हॉलिडेज़ चल रहे है और मेरे डॅडी फॉरिन टूर पे है और मम्मी अपने मैके गये है और मैं अकेला हू तो मुझे क्या प्राब्लम होगी आप जब बोलो मैं आपकी सेवा मे आ सकता हू तो उन्हो ने कहा के ठीक है पर एक घंटे के बाद आना जब तक सब सो जाएँगे मैं डोर खुला रखूँगी तो मैं ने कहा के ठीक है आंटी मैं आ जाउन्गा और मैं बाथरूम मे घुस गया और अपने लंड की झटों को शेव कर के लंड को एक दम से चिकना बना दिया और मॅरीड आंटी की एक्सपीरियेन्स्ड चूत को चोदने के ख़याल से ही लंड खड़ा हो गया जिसे आंटी की चूत के नाम पे मूठ मारके शांत करना पड़ा. आज के दिन का यह पहला ही मूठ मारा था और मुझे यकीन था के सेकेंड टाइम तो जल्दी झदुन्गा नही और मैं आज की रात आंटी को चोद चोद के उन की चूत को डबल रोटी की तरह मोटी और टमाटर की तरह लाल कर दूँगा.
एक घंटे के बाद मैं आंटी के बंगले के पिछवाड़े मे पहुँच गया और अपनी बाइक दूसरी तरफ स्टॅंड से लगा दिया और कॉंपाउंड वॉल के छोटे डोर को धक्का दिया तो वो खुल गया प्लान के मुताबिक वो खुला हुआ ही मिला. अंदर आने के बाद उस डोर को अंदर से भेड़ दिया अब मैं बंगले के डोर पे आ गया और धीरे से धकेला तो वो भी खुल गया अंदर कमरे मे तकरीबन अंधेरा ही था बॅस एक बोहोत ही छोटे से बल्ब का टेबल लॅंप जल रहा था उसका बल्ब किसी टॉर्च के बल्ब की तरह छोटा था और लाइट भी बोहोत धीमी थी. मैं कमरे के अंदर आया तो पहले तो कुछ देर के लिए खड़ा हो गया क्यॉंके मुझे कुछ दिखाई नही दे रहा था इतने मैं आंटी की आवाज़ आई डोर लॉक कर के यहा आजओ राज्ज मैं यहा हू. मैने डोर लॉक कर दिया और पलट के देखा तो आंटी दूसरी तरफ सोफे पे पैर लंबे कर के बैठी थी. अब मुझे थोड़ा थोड़ा दिखाई देने लगा था. मैं आंटी के बेडरूम मे आज पहली बार आया था. कमरे मे रूम फ्रेशनेर की भीनी भीनी खुसबु फैल रही थी. कमरा अछा ख़ासा बड़ा था जहा डबल बेड और एक सोफा सेट भी रखा हुआ था जिसके बीच मे सेंटर टेबल भी थी और कमरे मे एक जंबो साइज़ का फ्रिड्ज भी था जिस्मै शाएद वो ठंडा पानी या जूस वाघहैरा के बॉटल रखती

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Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi

Unread post by sexy » 06 Oct 2015 11:30

ोंगी और अटॅच्ड बाथरूम और कमरे के दीवार मे ही इनबिल्ट अलमारियाँ बनी हुई थी और शो पीसिज के लिए भी ग्लास का डिज़ाइन किया हुआ शोकेस भी बना हुआ था. बेड की पयंती की तरफ दीवार मे लकड़ी के फ्रेम मे एक बोहोत ही बड़ा सोनी का प्लास्मा टीवी फिट था जिसके नीचे द्वड प्लेयर और कंप्लीट होम थियेटर सेट रखा हुआ था. कमरे के सारे खिड़कियाँ और डोर बंद थे और कमरे मे एर कंडीशन चल रहा था जिसकी वजह से कमरा ठंडा था.
मैं आंटी के पास आ गया और आंटी ने मेरा हाथ पकड़ के सोफे पे अपने साथ ही बिठा लिया. मेरे हाथ मे ब्राउन कलर का मोटा
सा शॉपिंग बॅग था जिसके अंदर ठंडी शॅंपेन की बॉटल थी जिसे मैं ने अपने घर के फ्रिड्ज मे रखा हुआ था. आंटी ने नाइटी पहनी हुई थी पता नही किसी लाइट कलर की थी या वाइट मुझे तो इतनी धीमी रोशनी मे सफेद ही दिखाई पड़ रही थी. मैं बॉटल बॅग से निकाल कर टेबल पर रख दिया तो आंटी ने किसी छोटे बचे की तरह से उसको उठा लिया और अंधेरे मे ही बॉटल को घूर के देखने लगी उनकी ज़ुबान से “वाउ” निकला और बोली के राज्ज यह तो सच मे इंपोर्टेड है तो मैं ने बोला के आंटी मैने बोला था ना के मेरे दोस्त के पास से ओरिजिनल मिल जाएगी तो वो मुस्कुराने लगी और सेलेब्रेशन के जैसा बॉटल को ऊपेर नीचे कर के हिलाया और बॉटल का कॉर्क खुला तो “प्लॉप” की आवाज़ आई और बॉटल से शॅंपेन झाग की शकल मे ऊपेर उड़ने लगी जिसे आंटी किसी छोटे बच्चे की तरह से बॉटल से उड़ते हुए शॅंपेन को देखने लगी उनकी आँखो मे चमक आ गयी थी. सामने टेबल पे 2 ग्लास भी रखे हुए थे तो और भुने हुए काजू और बादाम की 2 प्लेट्स भी रखी थी. मैं ने बोला के आंटी यह 2 ग्लास क्यों ? तो उन्हो ने बोला के अरे बाबा यह तुम्हारे लिए है चाहो तो शॅंपेन पिओ चाहो तो पेप्सी या सेवेन अप पिओ तो मैं ने कहा के ठीक है मैं बाद मे पी लूँगा अब आप अपनी प्यास बुझाओ पहले फिर मैं आपकी मालिश कर दूँगा तो आंटी एक ग्लास मे अपने लिए शॅंपेन निकाल के चुस्की लेते हुए बोली के वाह राज्ज यू आर ग्रेट आहह क्या मस्त टेस्ट है इसका तो मैं ने कहा के आंटी यह ओरिजिनल है सिर्फ़ आपके लिए ही है और आपको जब भी चाहिए मैं आपको ला कर दूँगा तो उन्हो ने मेरे गाल पे एक छोटा सा किस किया और थॅंक्स बोल के ग्लास उठा के एक घूँट और लिया. वो बड़े मज़े ले ले के पी रही थी पहला ग्लास तो जल्दी ही खाली हो गया लगता है आंटी बोहोत सालो से प्यासी थी. अब आंटी काजू और बादाम खाने लगी और साथ मे एक एक घूँट शॅंपेन का भी पीती रही. मेरे लिए फ्रिड्ज से पेप्सी निकाल के ग्लास मे डाला और मेरी तरफ बढ़ा दिया तो मैं ने ले लिया और पेप्सी का एक एक घूँट पीने लगा.थोड़ी ही देर मे आंटी सुरूर मे आ गयी और उनको थोडा सा नशा चढ़ने लगा तो मैं ने बोला के आंटी अब आप बेड पे

लेट जाओ मैं आपकी मालिश कर देता हू नही तो आपको नशा चढ़ जाएगा तो उन्हो ने ग्लास का लास्ट घूँट अपने हलक़ मे उंड़ेला और सोफे पे से उठने लगी तो उनके पैर लड़ खड़ा गये और इस से पहले के वो फरश पे गिर जाती मैं अपनी जगह से तेज़ी से उठा और उनको अपनी बाँहो मे ले के संभाल लिया और मोके का फ़ायदा उठा ते हुए उनके बूब्स के ऊपेर हाथ रख दिया अफ इस उमर मे भी आंटी के बूब्स बड़े ही कड़क थे. उनके चुचियाँ पकड़ ली ऐसा लगता था के ज़ियादा दबाए नही गये होंगे और उनकी बॉडी के हिसाब से उतने ज़ियादा बड़े भी नही थे बॅस जैसे कोई मीडियम साइज़ का मॅंगो. उनके कड़क बूब्स मेरे हाथ मे कंप्लीट आ गये थे दोनो बूब्स को दबाया और मसल दिया बोहोत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड तो एक दम से फॅन फनाने लगा था. लगता था के अब आंटी को
फुल नशा च्चढ़ गया है और वो पूरी तरह से आउट हो चुकी थी उनकी आँखें बंद हो गयी थी. मैं उनको धीरे धीरे ला के बेड पे लिटा दिया. आंटी की नाइटी सामने से खुल गयी थी और उनकी सफेद सिल्क की पॅंटी सॉफ नज़र आ रही थी. उनकी नाइटी पे जो बटन लगा हुआ था उसको भी खोल दिया अब पूरी नाइटी सामने से खुल चुकी थी. मैं उनकी टाँगो के बीच बैठ गया और उनकी पॅंटी को उनकी गंद उठा के निकाल लिया आअहह क्या मस्त चूत थी मोटे पंखुड़ियो की बिना झतो वाली एक दम से चिकनी चूत और आंटी ने ब्रस्सिएर तो पहनी ही नही थी ऊपेर से बिल्कुल नंगी थी. उनके नंगे बूब्स को दोनो हाथो से पकड़ के दबाया और चूसा. आंटी के बूब्स बड़े मस्त थे एक दम से गोरे क्रीम कलर के गोल गोल जिन पे अंगूर जैसे पिंक कलर के निपल्स जिन्हे चूसने मे बोहोत मज़ा आ रहा था. मेरे लंड का तो बुरा हाल हो गया था. आंटी को चोदना चाहता था लैकिन सोते मे नही मैं चाहता था के आंटी को ऐसे चोदु के वो चुदाई का भरपूर मज़ा लें इसी लिए चोदने का प्रोग्राम पोस्टपोन कर दिया. उनकी पॅंटी को निकाल के अपनी जेब मैं रखा और उनके ऊपेर झुक के उनकी प्यारी चूत को किस किया आहह एक दम से गरम थी उनकी चूत. चूत को थोड़ी देर तक चाटा चूत बोहोत ही गरम थी. मेरे लंड मे से तो प्री कम की धार निकल रही थी. लंड के सूपदे को आंटी की चूत के अंदर रख के ऊपेर नीचे किया चूत मेरे प्री कम से गीली और चिकनी हो गयी थी और इस चिकनाई से मेरे लंड का टोपा उनकी चूत के सुराख मे अटक गया फिर भी आंटी की आँख नही खुली और वो मस्त गहरी गहरी साँसें लेती हुई सो रही थी. अपने लंड को उनकी चूत के सुराख से बाहर निकाला और उनकी टाँगो के बीच मे घुटनो के बल बैठ गया और बैठे ही बैठे अपने लंड का मूठ मारने लगा और सारी मलाई आंटी की चिकनी चूत पे, बूब्स पे और पेट पे गिरा दिया. सोते हुए आंटी बोहोत खूबसूरत लग रही थी और उनको देख के मूठ मारने के बावजूद मेरा लंड आकड़ा हुआ ही था. मैं ने शॅंपेन की बॉटल को बॅग मे डाला और बाहर निकलने से पहले वही से पिंकी को धीमी आवाज़ मे फोन किया और बाहर हॉल मे मिलने को

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Unread post by sexy » 06 Oct 2015 11:30

बोला. आंटी के नंगे बदन पे चदडार डाल के उनके बेडरूम का डोर ऐसे ही भेड़ के मैं बाहर निकला और कमरे के बाहर अंधेरे मे खड़ा हो गया. आंटी ने पहले ही हॉल की लाइट्स बंद कर दी थी. 2 मिनिट के अंदर ही पिंकी वाहा आ गयी और मुझ से लिपट गयी और पूछा के क्या हुआ तो मैं ने उसको सारी दास्तान सुना दी और उसका हाथ अपने लंड पे रख के बताया के देखो यह अभी तक कैसे तुम्हारी चूत की आस मे खड़ा है तो तो मुझे किस करने लगी. मैं ने पूछा के लाला सो गया क्या तो उसने गाली दे के बोला के साला कब का सो चुका है भेन्चोद मैं हंस पड़ा और बोला फिकर ना करो मैं हू ना तुम्हारे साथ तुम्हे पूरी तरह से संतुष्ट
करके ही घर जाउन्गा तो उसने किस किया और बोला के तुम तो मेरे प्यारे राजा हो आइ लव यू वेरी मच.
पिंकी भी नाइटी ही पहने हुए थी. मैं ने उसको दीवार से चिपका दिया और उसकी एक टांग उठा के अपने मूसल लंड को उसकी गीली चूत मे एक ही धक्के मे पेल दिया उसने सिसकारी भरी आआआआआहह और लंड उसकी चूत की गहराइयों मे उतर गया और फिर मैने उसकी दूसरी टांग को उठाया तो उसने अपनी दोनो टांगें मेरे बॅक पे लपेट ली और उसको मैं दीवार से चिपकाए धना धन चोदने लगा. यह पहली बार था पिंकी को इस स्टाइल मे चोदने का. ऐसी पोज़िशन मे मेरे लंड का पिस्टन किसी जॅक हॅमर की तरह उसकी चूत को चोद रहा था उसके बूब्स को चूस रहा था उसके हाथ मेरी गर्दन मे लपेटे हुए थे मैं फुल जोश मे चोद रहा था क्यॉंके आंटी की चूत मारने को नही मिली थी और मन आंटी के ख़याल से ही पिंकी की चूत को बहुत ही तेज़ी से चोद रहा था. पिंकी तो शाएद 3 बार झाड़ चुकी थी चूत एक दम से उसके चूत रस्स से गीली हो चुकी थी और फिर मैने भी उसकी चूत के अंदर ही अपनी मलाई का फव्वारा छोड़ दिया. अपने लंड को उसकी नयी नाइटी से पोछा. उसके बाद बोहोत देर तक वो मुझे किस करती रही और मुझ से लिपटी रही और फिर थोड़ी देर के बाद बाहर निकल के अपने घर को वापस आगेया और बिस्तर पे लेट ते ही गहरी नींद सो गया.
टेलिफोन की बेल से मेरी आँख खुली. दूसरी तरफ आंटी थी पूछे हेलो राजा कैसे हो, अभी तक सो रहे हो क्या तो मैं ने बोला के हा आंटी बॅस अभी अभी उठा हू आपकी बेल से तो उन्हो ने कहा के दिन के 11 बज गये और तुम अभी तक सो रहे हो तो मैं ने कहा के हा आंटी रात देर हो गयी थी ना आपके पास से वापस आने तक तो उन्हो ने पूछा के राजा यहा आ जाओ यही नाश्ता कर्लेना तुम से कुछ बात करनी है तो मैं ने बोला के ठीक है आंटी मैं आधे घंटे मे आ जाउन्गा तो उन्हो ने कहा के मैं तुम्हारा वेट कर रही हू और फोन रख दिया.मैं बिस्तर से उठा और ब्रश किया नहा धो कर कपड़े चेंज किया और बाइक उठा के पिंकी के घर की तरफ चल पड़ा.

पिंकी और आंटी टेबल पे बैठे बातें कर रहे थे के मैं वाहा पहुँच गया तो आंटी ने कहा के आजओ राज नाश्ता कर्लो. मैं और आंटी नाश्ता करते रहे पिंकी सुबह ही कर चुकी थी और वो कॉफी पीने लगी. नाश्ते के बाद हम तीनो बातें करने लगे फिर थोड़ी देर के बाद पिंकी बोली के मा मैं लंच की तय्यारी के लिए किचन मे जाती हू तो आंटी ने कहा के ठीक है बेटी तुम देख लो किचन को और हम दोनो को अकेला छोड़ के पिंकी वाहा से चली गई.
मैं और आंटी जब अकेले हो गये तो आंटी ने फिर इधर उधर देखा और धीरे से बोला के थॅंक्स राजा शॅंपेन तो ला-जवाब थी लैकिन क्या हुआ था कल रात मुझे तो कुछ भी याद नही तो मैं ने कहा के आंटी आप एक दम से आउट हो गयी थी और फिर आपने क्या किया मैं क्या बताउ तो उन्हो ने पूछा क्या किया मैं ने बोलो ना राज प्लीज़ तो मैने शर्मा ने की आक्टिंग की और बोला के मुझे शरम आती है आंटी तो उन्हो ने बोला के अरे घबराओ नही बताओ ना क्यों के जब सुबह मैं उठी तो मैं नंगी थी और मेरे बदन पे कुछ भी नही था क्या तुम ने निकाला तो मैं ने बोला के नही आंटी आपने खुद ही और इतना बोल के मैं खामोश हो गया तो आंटी ने पूछा क्या हुआ था बताओ ना राज प्लीज़ तो मैं ने कहा के शरम आती है आंटी मैं क्या बताउ आपको तो फिर उन्हो ने बोला के देखो यह हमारा सीक्रेट रहेगा प्लीज़ बताओ ना तो मैं ने कहा के आंटी जब आप 3 ग्लास पी के फुल आउट हो गयी तो आपने ना आपने ना !!!! और फिर मैं खामोश हो गया तो उन्हो ने पूछा के क्या बोलो ना तो मैं ने कहा के आपने अपने कपड़े निकाल दिए और मेरा वो पकड़ लिया तो उन्हो ने पूछा वो क्या ? तो मैं ने बोला के वो आंटी मेरा और फिर मैं ने अपने हाथ की इशारे से अपने लंड की तरफ बताया तो उनका चेहरा शरम से लाल हो गया फिर पूछा के फिर क्या हुआ तो मैं ने बोला के आपने मेरी ज़िप को खोल दिया और आंटी मुझे शरम आती है तो उन्हो ने कहा के अरे मेरे से खुल के बात करो मैं एक दम से फ्री हू मेरे से शरम मत करो तो मैं ने बोला के आप बुरा तो नही मनोगी तो उन्हो ने कहा के अरे नही तुम से किसी बात का बुरा मानुगी, जो हुआ वो खुल के बताओ तो मैं ने बताया के जब आप फुल आउट हो गयी तो एक दम से फुल मूड मैं आ गयी और आप सोफे से उठ के अपने बिस्तर पे बैठ गयी और आपने अपनी नाइटी खोल दी और बिस्तर पे फेंक दी मुझे अपने करीब बुलाया और अपनी पॅंटी उतार के मेरी जेब मे रख दी और फिर मेरी पॅंट की ज़िप खोल के मेरा बाहर निकाल लिया और मूठ मारने लगी और फिर आप ने उसको मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. मैं ने देखा तो आंटी का चेहरा टमाटर की तरह से लाल हो गया था. और फिर चूस्ते चूस्ते ही आपने उसको मूह से बाहर निकाला और फिर से मूठ मारने लगी और देखते ही देखते मेरी क्रीम का फव्वारा उड़ उड़

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