किरायेदार hindi long sex story
Re: किरायेदार hindi long sex story
मैक्सी धोने के बाद सुरेखा ने उसे आगे बढ़कर डोरी पर डाल दिया, डोरी मेरे दरवाज़े के आगे ही थी, उसका हसीन नंगा बदन मैक्सी डालते समय मेरे से थोड़ी दूर पर ही था, मन कर रहा था जाकर साली को जकड़ लूँ।
इसके बाद सुरेखा अपनी जांघें फ़ैला कर पटरे पर नहाने बैठ गई। उसकी चिकनी जांघें देखकर मेरे लंड ने कुछ बूंदें वीर्य की त्याग दी। सुरेखा ने पहले अपने पैरों और हाथों पर साबुन लगाया उसके बाद उसने अपने गले और गाल पर साबुन लगाया। उसकी लगातार हिलती हुई नंगी गोल चूचियों ने मुझे पागल कर दिया। साबुन लगाने के बाद पानी बदन पर डालने से सुरेखा का पूरा बदन भीग रहा था, दोनों निप्पल से पानी की बूंदें गिर रही थीं। अब उसके दूधों पर साबुन दौड़ रहा था, दोनों स्तन अपने हाथों से दबाते हुए उसने उन पर साबुन मला इसके बाद लोटे से पानी डालने लगी।
सुरेखा की नंगी कमसिन जवानी मुझे पगला रही थी। वो अपनी पैंटी में हाथ डालकर अपनी चूत पर साबुन मलने लगी। साबुन लगाने के बाद सुरेखा पानी से नहाने लगी,15 मिनट तक सुरेखा नहाती रही और मैं उसके जवान नग्न शरीर का मज़ा लेता रहा। आखिर में उसने बचा हुआ पूरा पानी अपने बदन पर डाल लिया और तौलिए से अपना बदन पोंछने लगी। सुरेखा ने तौलिया बाँध कर अपनी पैंटी उतार दी। मुझे लगा अब सुरेखा का स्नान पूरा हो गया है और मुझे अब सुरेखा की चूत रानी के दर्शन नहीं होंगे।
इसके बाद सुरेखा अपनी जांघें फ़ैला कर पटरे पर नहाने बैठ गई। उसकी चिकनी जांघें देखकर मेरे लंड ने कुछ बूंदें वीर्य की त्याग दी। सुरेखा ने पहले अपने पैरों और हाथों पर साबुन लगाया उसके बाद उसने अपने गले और गाल पर साबुन लगाया। उसकी लगातार हिलती हुई नंगी गोल चूचियों ने मुझे पागल कर दिया। साबुन लगाने के बाद पानी बदन पर डालने से सुरेखा का पूरा बदन भीग रहा था, दोनों निप्पल से पानी की बूंदें गिर रही थीं। अब उसके दूधों पर साबुन दौड़ रहा था, दोनों स्तन अपने हाथों से दबाते हुए उसने उन पर साबुन मला इसके बाद लोटे से पानी डालने लगी।
सुरेखा की नंगी कमसिन जवानी मुझे पगला रही थी। वो अपनी पैंटी में हाथ डालकर अपनी चूत पर साबुन मलने लगी। साबुन लगाने के बाद सुरेखा पानी से नहाने लगी,15 मिनट तक सुरेखा नहाती रही और मैं उसके जवान नग्न शरीर का मज़ा लेता रहा। आखिर में उसने बचा हुआ पूरा पानी अपने बदन पर डाल लिया और तौलिए से अपना बदन पोंछने लगी। सुरेखा ने तौलिया बाँध कर अपनी पैंटी उतार दी। मुझे लगा अब सुरेखा का स्नान पूरा हो गया है और मुझे अब सुरेखा की चूत रानी के दर्शन नहीं होंगे।
Re: किरायेदार hindi long sex story
नहाने के बाद सुरेखा ने पीछे जाकर तेल की शीशी निकाली और पास मैं पड़े तख्त पर बैठकर अपने बदन पर तेल मलने लगी बाहर के बल्ब की रोशनी सीधे उसके बदन पर पड़ रही थी। अपने हाथों पर तेल मलने के बाद उसने अपनी चूचियों को दबाते हुए तेल मालिश करनी शुरू कर दी। मेरे लंड ने हार मानते हुए ढेर सारा वीर्य जमीन पर छोड़ दिया।
सुरेखा 5 मिनट तक अपनी चूची और पेट पर तेल मलती रही। लंड दुबारा खड़ा हो गया था। स्तनों पर तेल मालिश के बाद सुरेखा ने मेरे दरवाज़े की तरफ देखा और फिर अपना तौलिया हटा दिया। चूत प्रदेश काली झांटों में छिपा हुआ था। उसने झुककर पहले अपने पैरों पर तेल लगाया इसके बाद अपनी जांघें फ़ैला लीं और जाँघों पर तेल मालिश करने लगी।
चूत का दरवाज़ा मेरी आँखों के सामने था, आह ! पूरी खुली हुई चूत मेरे लंड को चोदने के लिए उकसा रही थी।
जाँघों की मालिश के बाद चूत की बारी थी, बहुत सारा तेल उसने चूत पर डाल लिया और अंदर उंगली डाल कर चूत की मालिश करने लगी।दस मिनट तक मैंने उसकी नंगी चूत के हर कोण से दर्शन किये।इसके बाद उसने ब्लाउज और पेटीकोट पहन लिया और मेरे दरवाज़े की सांकल खोल कर अंदर चली गई। 6 बज़ रहे थे। 8 बजे सुरेखा चाय नाश्ता लेकर आ गई। सुरेखा इस समय साड़ी ब्लाउज़ में थी, बोली- आज से आप मेरे पेइंग गेस्ट हैं, आप चाय और खाने में क्या और किस समय लेंगे?
मैंने कहा- भाभी आप जो चाहें वो खिलाओ। सुबह 8 बजे नाश्ता और रात को 10 बजे मैं खाना लेता हूँ।
सुरेखा मुस्कराती हुई बोली- आप चाहें तो मुझे सुरेखा कह कर बुला लिया करें।
सुरेखा मुस्करा रही थी। सुबह के स्नान का याद करके मैं सोच रहा था सुरेखा को अपनी गोद में बैठा लूँ और उसकी चूचियों और चूत से खेलूं। मेरा लंड उसको देख कर खड़ा हो गया था, बड़ी मुश्किल से अपने लंड को संभाले हुआ था। 10-12 दिन इसी तरह से निकल गए। रोज़ सुबह सुरेखा की नंगी जवानी का आनंद लेने लगा था मैं, सुरेखा को चोदने की इच्छा बढ़ती जा रही थी।
एक दिन नीचे वाली भाभी बोलीं- सुरेखा को खुजली की शिकायत हो रही है, कुछ प्रॉब्लम है, उसे लेडी डॉक्टर को दिखा लाओ, उसका पति तो नालायक है और दो दिन को बाहर भी गया है। तुम्हारे पास बाइक भी है और कल तुम्हारा ऑफ भी है, तुम तो आराम से ले जाओगे उसे।
मैं बोला- सुरेखा चली जाएगी? सपना हँसते हुए बोली- चिपक कर बैठ कर जाएगी। तुम्हें पसंद करने लगी है, कह रही थी कि राकेश भाईसाहब बहुत अच्छे हैं। काश मुझे भी ऐसे पति मिलते।
मुझे कुछ गुदगुदी सी हुई, मैं बोला- ठीक है, आप उससे कह दो कल ले जाऊंगा।
बाइक पर अब सुरेखा मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी, दोनों चूचियाँ मेरी पीठ से दब रही थीं, बड़ा अच्छा लग रहा था।
सुरेखा बोली- 10 मिनट कहीं बैठ सकते हैं?
मैंने कहा- ठीक है।
सुरेखा 5 मिनट तक अपनी चूची और पेट पर तेल मलती रही। लंड दुबारा खड़ा हो गया था। स्तनों पर तेल मालिश के बाद सुरेखा ने मेरे दरवाज़े की तरफ देखा और फिर अपना तौलिया हटा दिया। चूत प्रदेश काली झांटों में छिपा हुआ था। उसने झुककर पहले अपने पैरों पर तेल लगाया इसके बाद अपनी जांघें फ़ैला लीं और जाँघों पर तेल मालिश करने लगी।
चूत का दरवाज़ा मेरी आँखों के सामने था, आह ! पूरी खुली हुई चूत मेरे लंड को चोदने के लिए उकसा रही थी।
जाँघों की मालिश के बाद चूत की बारी थी, बहुत सारा तेल उसने चूत पर डाल लिया और अंदर उंगली डाल कर चूत की मालिश करने लगी।दस मिनट तक मैंने उसकी नंगी चूत के हर कोण से दर्शन किये।इसके बाद उसने ब्लाउज और पेटीकोट पहन लिया और मेरे दरवाज़े की सांकल खोल कर अंदर चली गई। 6 बज़ रहे थे। 8 बजे सुरेखा चाय नाश्ता लेकर आ गई। सुरेखा इस समय साड़ी ब्लाउज़ में थी, बोली- आज से आप मेरे पेइंग गेस्ट हैं, आप चाय और खाने में क्या और किस समय लेंगे?
मैंने कहा- भाभी आप जो चाहें वो खिलाओ। सुबह 8 बजे नाश्ता और रात को 10 बजे मैं खाना लेता हूँ।
सुरेखा मुस्कराती हुई बोली- आप चाहें तो मुझे सुरेखा कह कर बुला लिया करें।
सुरेखा मुस्करा रही थी। सुबह के स्नान का याद करके मैं सोच रहा था सुरेखा को अपनी गोद में बैठा लूँ और उसकी चूचियों और चूत से खेलूं। मेरा लंड उसको देख कर खड़ा हो गया था, बड़ी मुश्किल से अपने लंड को संभाले हुआ था। 10-12 दिन इसी तरह से निकल गए। रोज़ सुबह सुरेखा की नंगी जवानी का आनंद लेने लगा था मैं, सुरेखा को चोदने की इच्छा बढ़ती जा रही थी।
एक दिन नीचे वाली भाभी बोलीं- सुरेखा को खुजली की शिकायत हो रही है, कुछ प्रॉब्लम है, उसे लेडी डॉक्टर को दिखा लाओ, उसका पति तो नालायक है और दो दिन को बाहर भी गया है। तुम्हारे पास बाइक भी है और कल तुम्हारा ऑफ भी है, तुम तो आराम से ले जाओगे उसे।
मैं बोला- सुरेखा चली जाएगी? सपना हँसते हुए बोली- चिपक कर बैठ कर जाएगी। तुम्हें पसंद करने लगी है, कह रही थी कि राकेश भाईसाहब बहुत अच्छे हैं। काश मुझे भी ऐसे पति मिलते।
मुझे कुछ गुदगुदी सी हुई, मैं बोला- ठीक है, आप उससे कह दो कल ले जाऊंगा।
बाइक पर अब सुरेखा मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी, दोनों चूचियाँ मेरी पीठ से दब रही थीं, बड़ा अच्छा लग रहा था।
सुरेखा बोली- 10 मिनट कहीं बैठ सकते हैं?
मैंने कहा- ठीक है।
Re: किरायेदार hindi long sex story
और हम एक काफी हाउस में घुस गए, कोने में एक सीट पर बैठ गए।
सुरेखा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- आज जो हुआ किसी को मत बताना, मुझे तो बहुत शर्म आ रही है।
सुरेखा बोली- डॉक्टर साहिबा ने नंगी कराने के बाद जब मेरी बड़ी बड़ी झांटें देखीं तो बहुत डाँटा था। उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे पति कैसे सेक्स करते हैं तो मुझे सच सच बताना पड़ा। अरुण रोज़ रात को अपना नंगा लंड मेरी चूत और गांड दोनों में डाल देते हैं, कई बार तो गांड से निकला लंड वैसे का वैसा ही चूत में डाल देते हैं। डॉक्टर यह सुन कर गुस्सा हो गई और उन्होंने तुम्हें बुला लिया।
मैं बोल उठा- आपकी चूचियाँ बहुत सुंदर हैं। सुरेखा शरमा कर बोली- आपकी उंगली ने तो मेरी जान निकाल ली।
सुरेखा और मैं मुस्करा पड़े।
सुरेखा बोली- दवा आप अपने पास रख लें। इन्होंने देख ली तो मेरी जान ले लेंगे। सुरेखा ने मेरा हाथ उठाकर अपनी जाँघों पर रख लिया, धीरे धीरे उसकी जांघें सहलाते हुए मैं उससे बातें करने लगा। काफी आ गई, पीते-पीते मुझे पता चला कि सुरेखा पैसों की कमी के कारण क्रीम और कॉस्मेटिक नहीं खरीद पाती है। मेरा हाथ अब उसकी जाँघों के बीच चल रहा था, उसको मज़ा आ रहा था।काफी पीने के बाद मैंने उसे 1000 रुपए के कॉस्मेटिक और क्रीम दिलवाई। इसके बाद वो बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठ गई और हाथ उसने मेरे तने हुए लंड के ऊपर रख दिया। पूरे रास्ते वो मेरा लंड सहलाती हुई आई। मैं भी बाइक 20 की स्पीड से चला रहा था। उसके बाद हम घर आ गए।
सुरेखा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- आज जो हुआ किसी को मत बताना, मुझे तो बहुत शर्म आ रही है।
सुरेखा बोली- डॉक्टर साहिबा ने नंगी कराने के बाद जब मेरी बड़ी बड़ी झांटें देखीं तो बहुत डाँटा था। उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे पति कैसे सेक्स करते हैं तो मुझे सच सच बताना पड़ा। अरुण रोज़ रात को अपना नंगा लंड मेरी चूत और गांड दोनों में डाल देते हैं, कई बार तो गांड से निकला लंड वैसे का वैसा ही चूत में डाल देते हैं। डॉक्टर यह सुन कर गुस्सा हो गई और उन्होंने तुम्हें बुला लिया।
मैं बोल उठा- आपकी चूचियाँ बहुत सुंदर हैं। सुरेखा शरमा कर बोली- आपकी उंगली ने तो मेरी जान निकाल ली।
सुरेखा और मैं मुस्करा पड़े।
सुरेखा बोली- दवा आप अपने पास रख लें। इन्होंने देख ली तो मेरी जान ले लेंगे। सुरेखा ने मेरा हाथ उठाकर अपनी जाँघों पर रख लिया, धीरे धीरे उसकी जांघें सहलाते हुए मैं उससे बातें करने लगा। काफी आ गई, पीते-पीते मुझे पता चला कि सुरेखा पैसों की कमी के कारण क्रीम और कॉस्मेटिक नहीं खरीद पाती है। मेरा हाथ अब उसकी जाँघों के बीच चल रहा था, उसको मज़ा आ रहा था।काफी पीने के बाद मैंने उसे 1000 रुपए के कॉस्मेटिक और क्रीम दिलवाई। इसके बाद वो बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठ गई और हाथ उसने मेरे तने हुए लंड के ऊपर रख दिया। पूरे रास्ते वो मेरा लंड सहलाती हुई आई। मैं भी बाइक 20 की स्पीड से चला रहा था। उसके बाद हम घर आ गए।