ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story
Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story
संध्या-स्वाती अब मैं तेरे साथ डर्टी वर्ड्स उसे करके खेल करूँगी.
स्वाती- जो भी करना हो करो संध्या प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़………आआआआआअहह
संध्या-साली बड़ी गर्मी चढ़ गयी तेरी चूत कोआओ इसका सारा नशा उतार दूं.
स्वाती- कैसे
संध्या- क्या तू गाजर मूली काम मे लाती है
स्वाती –नही सिर्फ़ उंगली
संध्या- आज उंगली के साथ साथ मूली भी मिलेगी रुक मैं लाती हूँ.
साध्या नंगी ही किचन की ओर बड़ी और दो मस्त चिकनी मोटी मूली लेके आई.
स्वाती-अरे संध्या यह मूली बड़ी मोटी है
संध्या- तेरी चूत सब निगल लेगी देखती जा
स्वाती- देखना कहीं मेरी चूत फट ना जाए.
संध्या- रुक मैं एक और काम करती हूँ फिर स्वाती तुझे मर्दों वाला मज़ा आ जाएगा
स्वाती- ऐसा क्या करेगी (हँसके) क्या तू मर्द बनेगी
संध्या- रुक ना साली बड़ी उतावली हो रही है
संध्या की बातों मे डर्टी पुट आ रहा था और वो सेक्स के मादक नशे मे डूब चुकी थी
संध्या उठी और अपने मोम डैड के रूम मे गयी वहाँ से लौटी तो उसके हाथ मे डैड का अंडरवेर था. स्वाती की आँखें देख के फट गयी. वो अपने डैड के अंडरवेर का लौडे वाला हिस्सा चूस रही थी और अपने हाथों से ऐसे इशारे कर रही थी जैसे वो चुद रही हो.
स्वाती- यह क्या संध्या अंकल का निक्कर
संध्या- पुच्छ मत रानी मेरा उन पर क्रश है मेरा मन करता है वो मुझे नंगी करके चोद दे मेरे ही बेड पर
स्वाती- हाए री तू कितनी चुद्ने को उतावली है क्यों ना राजू का लौडा लेले
संध्या- उससे चुद चुकी हूँ जान बतावुँगी कब और कैसे पेला राजू ने तेरी कामुक संध्या को
स्वाती- आजा अब मेरे को ठंडा कर मेरी चूत मे आग लग गयी है और तू भी तो सेक्स की शिकार हो रही है यह अंकल का निक्कर क्यों लाई क्या नया करेगी
संध्या- इसे पहन के तेरे से सेक्स करूँगी तुझे लगेगा तेरे अंकल तुझे चोद रहे है
स्वाती- संध्या प्ल्ज़
संध्या- हाँ तुझे पता है की डैड तुझे भी चोद्ना चाहते है
स्वाती- हाए रे ऐसा है क्या कितने बालिश्ट है वो मेरी तो हड्डी पीस देंगे
संध्या- (हँसके) हड्डी के साथ तेरे नर्म उरोज और चिकनी चूत भी
स्वाती- संध्या प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी जान मुझे अंकल की बात बताओ तुझे कैसे पता की वो मुझे चोद्ना चाहते है 18 साल की इस कमसिन चूत को
संध्या- एक दिन मैं कॉलेज से जल्दी वापस आ गयी दोपहर के समय मैने सोचा मोम को डिस्टर्ब ना करूँ और अपने रूम मे जाके लेट जाती हूँ. अपने रूम की ओर बढ़ी तो मोम के रूम से आवाज़े आ रही थी. मैं संशय मे पड़ गयी की मोम के साथ कौन है. उनके रूम के पास गयी तो पाया की मोम और डैड सेक्स कर रहे है और चूँकि मैं घर पे नही थी इसलिए वो अपनी आवाज़े भी कंट्रोल नही कर रहे थे.
आगे की कहानी संध्या के मोम(किरण) और डैड(किशोर) की ज़ुबानी-
किशोर- हाए किरण आज कई दिनो बाद मौका मिला है तेरी चूत को दिन मे चोद्ने का
किरण- क्या बोलते हो रोज़ ही तो मेरी पेंटी उतार के इसका मज़ा लूटते रहते हो रात रात भर
किशोर- किरण तेरी चूत ही है ऐसी की हर वक़्त मन करता है इसको चोद दूं. सच बोलू तो यह आज भी किसी 18 साल की कुँवारी चूत जैसे ही टाइट और चिकनी है
किरण- तो आज किसका नाम लेके मेरी चूत मरने का इरादा है.
संध्या बाहर खड़ी सोचती है यह नाम लेके चूत मरने का मतलब क्या है. वो फिर आगे सुनना चाहती है और वहीं रुक जाती है
किशोर- वो संध्या
किरण- क्या संध्या, अपनी बेटी की चूत
किशोर- पूरा सुन ना साली वो संध्या की नयी सहेली है ना स्वाती 18 साल की गोरी चिकनी और मस्त माल
किरण- हाए रे उस पे दिल आया मेरे मर्द का आजा मेरी चूत को आज स्वाती मान के प्यार कर. आओ अपनी स्वाती के होंठ चूम लो मेरे राजा
किशोर- आओ किरण आज मैं अपनी स्वाती के नर्म होंठों को चूम लूँ. स्वाती के मूह मे पानी आ चुका है मेरी जान देख स्वाती साली रंडी कुतिया तेरे यार का लौडा तन चुका है इसे प्यार करो मेरी चिकनी स्वाती.
किरण- (अपनी चूत पे हाथ फिरते हुए) आओ अंकल आओ अपनी स्वाती को सहलाओ, इसके होंठ चूस लो, देखो इसके मूह मे पानी आ गया मेरे अंकल, इसकी चीख निकल दो, आओ मेरे कामुक अंकल, आओ स्वाती की 18 साल की मस्त, ताज़ी, मादक और कच्ची जवानी को चूस लो, अपने दाँतों से उधेड़ दो स्वाती को, अपने मूसल लौडे का प्यार दो.
किशोर-(झुकके) आहा स्वाती बड़ी मीठी है तू. अगर मेरे पास होती तो तुझे असली मे नंगी करके तेरी आंटी के सामने चोद्ता. स्वाती तेरे नर्म उरोज दबोच के चीख निकल देता. तेरी नर्म चूत मे लौडा डाल के तेरी नथ उतार देता. साली बड़ी तमन्ना है तेरे जिस्म का भोग करने की.
इतना कहके किशोर ने किरण की चूत पर मूह लगाया और उसे स्वाती की चिकनी मादक मस्त अनचुदी चूत मान के लपर लपर चूसने लगा. इधर संध्या का बुरा हाल हो चुका था एक तो मोम डैड की चुदाई और दूसरा डैड का स्वाती के बारे मे क्रश सोचके. उसकी चूत ने पानी छोड़ने की तैयारी करली. उससे रहा नही गया संध्या ने अपनी उंगली अपनी स्कर्ट मे डाल के पेंटी एक साइड की और चूत रानी को उंगली का मस्त सहलाव करना शुरू किया. उधर किशोर मस्त किरण की चूत को स्वाती की नर्म बुर का ख़याल करके चूस रहा था.संध्या ने सोचा वो मोम से एक ना एक दिन पुछेगी ज़रूर की इस खेल का राज़ क्या है. डैड उसे और स्वाती को क्यों चोद्ना चाहते है.फिलहाल तो उसने उनको डिस्टर्ब ना करने का फ़ैसला किया.उसे सिर्फ़ अपने डैड मोम की आवाज़े सुनाई दे रही थी वो कुछ देख नही पा रही थी. उसका मन तो कर रहा था की वो देखे उसकी मोम स्वाती बनके कैसी लगती है और उसके डैड स्वाती को चोद के कैसा सुकून पा रहे है.
किशोर- स्वाती आहा बड़ी रसीली है तू. आजा मेरा लौडा चूम आजा स्वाती
किरण- हाँ मेरे अंकल मैं तेरे लौडे को चूस के तुझे प्यार करूँगी
किशोर- साली स्वाती तुझे मस्त चोदुन्गा आज
किरण- चोद्ना मेरे मर्द मेरी छाती दबोच के मेरी नथ उतरो आज पहली बार चूदुन्गी कुँवारी चूत है. अब मेरी चूत मारो अंकल
किशोर- हाँ स्वाती आओ तेरी चूत मे अपना टनटनाता लौडा पेलुँगा पहले इस लौडे को चूस साली कुतिया
किरण- हाँ अंकल स्वाती के मूह मे पेलो लौडा
किशोर- आके इसे हाथों से पकड़ के मूठ मरते हुए मूह मे डाल रंडी की औलाद
किरण- अभी करती हूँ अंकल हाय आप बहुत मस्त मर्द हो
किशोर- कितने मर्दो को झेला है तूने
किरण- एक भी नही अनचूडी बुर है स्वाती की अंकल
किशोर- आज तेरी नथ उतार के स्वाती तुझे लड़की से औरत बना दूँगा
किरण- बनाओ मैं तो लंड मैं इंतज़ार मे हूँ. मैं चुदासी चूत हूँ तेरी अपनी रंडी.
किशोर ने लौडे को स्वाती के मूह मे पेल दिया और बोला
किशोर-स्वाती चूस अपने अंकल का लंड… और गीला करके चूस
किरण- चुस्ती हूँ मेरे राजा आआआआहह……………. बड़ा मस्त गर्म है
किशोर- साली आज तेरी चूत को चूस चूस के चोदुन्गा
किरण- चूसो मेरी चूत आओ अंकल अपनी स्वाती की चूत चाट
किशोरे ने 69 होके किरण के चूत को चूसना शुरू किया
स्वाती- जो भी करना हो करो संध्या प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़………आआआआआअहह
संध्या-साली बड़ी गर्मी चढ़ गयी तेरी चूत कोआओ इसका सारा नशा उतार दूं.
स्वाती- कैसे
संध्या- क्या तू गाजर मूली काम मे लाती है
स्वाती –नही सिर्फ़ उंगली
संध्या- आज उंगली के साथ साथ मूली भी मिलेगी रुक मैं लाती हूँ.
साध्या नंगी ही किचन की ओर बड़ी और दो मस्त चिकनी मोटी मूली लेके आई.
स्वाती-अरे संध्या यह मूली बड़ी मोटी है
संध्या- तेरी चूत सब निगल लेगी देखती जा
स्वाती- देखना कहीं मेरी चूत फट ना जाए.
संध्या- रुक मैं एक और काम करती हूँ फिर स्वाती तुझे मर्दों वाला मज़ा आ जाएगा
स्वाती- ऐसा क्या करेगी (हँसके) क्या तू मर्द बनेगी
संध्या- रुक ना साली बड़ी उतावली हो रही है
संध्या की बातों मे डर्टी पुट आ रहा था और वो सेक्स के मादक नशे मे डूब चुकी थी
संध्या उठी और अपने मोम डैड के रूम मे गयी वहाँ से लौटी तो उसके हाथ मे डैड का अंडरवेर था. स्वाती की आँखें देख के फट गयी. वो अपने डैड के अंडरवेर का लौडे वाला हिस्सा चूस रही थी और अपने हाथों से ऐसे इशारे कर रही थी जैसे वो चुद रही हो.
स्वाती- यह क्या संध्या अंकल का निक्कर
संध्या- पुच्छ मत रानी मेरा उन पर क्रश है मेरा मन करता है वो मुझे नंगी करके चोद दे मेरे ही बेड पर
स्वाती- हाए री तू कितनी चुद्ने को उतावली है क्यों ना राजू का लौडा लेले
संध्या- उससे चुद चुकी हूँ जान बतावुँगी कब और कैसे पेला राजू ने तेरी कामुक संध्या को
स्वाती- आजा अब मेरे को ठंडा कर मेरी चूत मे आग लग गयी है और तू भी तो सेक्स की शिकार हो रही है यह अंकल का निक्कर क्यों लाई क्या नया करेगी
संध्या- इसे पहन के तेरे से सेक्स करूँगी तुझे लगेगा तेरे अंकल तुझे चोद रहे है
स्वाती- संध्या प्ल्ज़
संध्या- हाँ तुझे पता है की डैड तुझे भी चोद्ना चाहते है
स्वाती- हाए रे ऐसा है क्या कितने बालिश्ट है वो मेरी तो हड्डी पीस देंगे
संध्या- (हँसके) हड्डी के साथ तेरे नर्म उरोज और चिकनी चूत भी
स्वाती- संध्या प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी जान मुझे अंकल की बात बताओ तुझे कैसे पता की वो मुझे चोद्ना चाहते है 18 साल की इस कमसिन चूत को
संध्या- एक दिन मैं कॉलेज से जल्दी वापस आ गयी दोपहर के समय मैने सोचा मोम को डिस्टर्ब ना करूँ और अपने रूम मे जाके लेट जाती हूँ. अपने रूम की ओर बढ़ी तो मोम के रूम से आवाज़े आ रही थी. मैं संशय मे पड़ गयी की मोम के साथ कौन है. उनके रूम के पास गयी तो पाया की मोम और डैड सेक्स कर रहे है और चूँकि मैं घर पे नही थी इसलिए वो अपनी आवाज़े भी कंट्रोल नही कर रहे थे.
आगे की कहानी संध्या के मोम(किरण) और डैड(किशोर) की ज़ुबानी-
किशोर- हाए किरण आज कई दिनो बाद मौका मिला है तेरी चूत को दिन मे चोद्ने का
किरण- क्या बोलते हो रोज़ ही तो मेरी पेंटी उतार के इसका मज़ा लूटते रहते हो रात रात भर
किशोर- किरण तेरी चूत ही है ऐसी की हर वक़्त मन करता है इसको चोद दूं. सच बोलू तो यह आज भी किसी 18 साल की कुँवारी चूत जैसे ही टाइट और चिकनी है
किरण- तो आज किसका नाम लेके मेरी चूत मरने का इरादा है.
संध्या बाहर खड़ी सोचती है यह नाम लेके चूत मरने का मतलब क्या है. वो फिर आगे सुनना चाहती है और वहीं रुक जाती है
किशोर- वो संध्या
किरण- क्या संध्या, अपनी बेटी की चूत
किशोर- पूरा सुन ना साली वो संध्या की नयी सहेली है ना स्वाती 18 साल की गोरी चिकनी और मस्त माल
किरण- हाए रे उस पे दिल आया मेरे मर्द का आजा मेरी चूत को आज स्वाती मान के प्यार कर. आओ अपनी स्वाती के होंठ चूम लो मेरे राजा
किशोर- आओ किरण आज मैं अपनी स्वाती के नर्म होंठों को चूम लूँ. स्वाती के मूह मे पानी आ चुका है मेरी जान देख स्वाती साली रंडी कुतिया तेरे यार का लौडा तन चुका है इसे प्यार करो मेरी चिकनी स्वाती.
किरण- (अपनी चूत पे हाथ फिरते हुए) आओ अंकल आओ अपनी स्वाती को सहलाओ, इसके होंठ चूस लो, देखो इसके मूह मे पानी आ गया मेरे अंकल, इसकी चीख निकल दो, आओ मेरे कामुक अंकल, आओ स्वाती की 18 साल की मस्त, ताज़ी, मादक और कच्ची जवानी को चूस लो, अपने दाँतों से उधेड़ दो स्वाती को, अपने मूसल लौडे का प्यार दो.
किशोर-(झुकके) आहा स्वाती बड़ी मीठी है तू. अगर मेरे पास होती तो तुझे असली मे नंगी करके तेरी आंटी के सामने चोद्ता. स्वाती तेरे नर्म उरोज दबोच के चीख निकल देता. तेरी नर्म चूत मे लौडा डाल के तेरी नथ उतार देता. साली बड़ी तमन्ना है तेरे जिस्म का भोग करने की.
इतना कहके किशोर ने किरण की चूत पर मूह लगाया और उसे स्वाती की चिकनी मादक मस्त अनचुदी चूत मान के लपर लपर चूसने लगा. इधर संध्या का बुरा हाल हो चुका था एक तो मोम डैड की चुदाई और दूसरा डैड का स्वाती के बारे मे क्रश सोचके. उसकी चूत ने पानी छोड़ने की तैयारी करली. उससे रहा नही गया संध्या ने अपनी उंगली अपनी स्कर्ट मे डाल के पेंटी एक साइड की और चूत रानी को उंगली का मस्त सहलाव करना शुरू किया. उधर किशोर मस्त किरण की चूत को स्वाती की नर्म बुर का ख़याल करके चूस रहा था.संध्या ने सोचा वो मोम से एक ना एक दिन पुछेगी ज़रूर की इस खेल का राज़ क्या है. डैड उसे और स्वाती को क्यों चोद्ना चाहते है.फिलहाल तो उसने उनको डिस्टर्ब ना करने का फ़ैसला किया.उसे सिर्फ़ अपने डैड मोम की आवाज़े सुनाई दे रही थी वो कुछ देख नही पा रही थी. उसका मन तो कर रहा था की वो देखे उसकी मोम स्वाती बनके कैसी लगती है और उसके डैड स्वाती को चोद के कैसा सुकून पा रहे है.
किशोर- स्वाती आहा बड़ी रसीली है तू. आजा मेरा लौडा चूम आजा स्वाती
किरण- हाँ मेरे अंकल मैं तेरे लौडे को चूस के तुझे प्यार करूँगी
किशोर- साली स्वाती तुझे मस्त चोदुन्गा आज
किरण- चोद्ना मेरे मर्द मेरी छाती दबोच के मेरी नथ उतरो आज पहली बार चूदुन्गी कुँवारी चूत है. अब मेरी चूत मारो अंकल
किशोर- हाँ स्वाती आओ तेरी चूत मे अपना टनटनाता लौडा पेलुँगा पहले इस लौडे को चूस साली कुतिया
किरण- हाँ अंकल स्वाती के मूह मे पेलो लौडा
किशोर- आके इसे हाथों से पकड़ के मूठ मरते हुए मूह मे डाल रंडी की औलाद
किरण- अभी करती हूँ अंकल हाय आप बहुत मस्त मर्द हो
किशोर- कितने मर्दो को झेला है तूने
किरण- एक भी नही अनचूडी बुर है स्वाती की अंकल
किशोर- आज तेरी नथ उतार के स्वाती तुझे लड़की से औरत बना दूँगा
किरण- बनाओ मैं तो लंड मैं इंतज़ार मे हूँ. मैं चुदासी चूत हूँ तेरी अपनी रंडी.
किशोर ने लौडे को स्वाती के मूह मे पेल दिया और बोला
किशोर-स्वाती चूस अपने अंकल का लंड… और गीला करके चूस
किरण- चुस्ती हूँ मेरे राजा आआआआहह……………. बड़ा मस्त गर्म है
किशोर- साली आज तेरी चूत को चूस चूस के चोदुन्गा
किरण- चूसो मेरी चूत आओ अंकल अपनी स्वाती की चूत चाट
किशोरे ने 69 होके किरण के चूत को चूसना शुरू किया
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किशोर- स्वाती आओ मेरी जान अपनी चूत मेरे मूह पे रख दो. देख तेरे अंकल का लंड कितना मस्त हो चला है
किरण- हाँ अंकल आपका लौडा बड़ा मस्त है आंटी तो इससे चुद के मस्त हो जाती होगी मेरे चोदु अंकल
किशोर-आंटी की छोड़ अपनी चूत की बात कर मेरी कच्ची कली स्वाती तेरी चूत बड़ी चिकनी है
किरण- मेरी चूत अभी बुर है अंकल
किशोर-मतलब
किरण- अनचुडी हूँ आप मेरे पहले लौडे होंगे बताया था ना मैने
किशोर- हां आजा स्वाती नंगी तो तू है ही नंगी ही आगे बढ़के अपने मर्द अंकल के लौडे की सैर कर
किरण- लो अंकल स्वाती की नर्म उरोज मसल दो उसे उसकी जवान छाती पकड़ के छोड़ो उसकी चुची के निपल नोंच के खेलो स्वाती से
किशोर- साली स्वाती तू बड़ा नर्म गोस्त है तुझे मज़े ले ले के खाऊंगा, तेरे सिने पर उगे अमरुदों से खेलूँगा फिर तेरी मस्त नाभि मे लौडे का सुपाड़ा डालूँगा जब तू खिलखिलाएगी तेरे होंठ का रस पियुंगा और तेरी जीभ चुसूंगा तेरी गोरी चिकनी मक्खन सी बुर मारूँगा स्वाती मेरी चुदासी बुर.
किरण- हाए रे लौडा बहुत टनटना गया है अंकल इससे आज अपनी स्वाती की बुर की नथ उतार दो
किशोर- आओ स्वाती मेरे लौडे से खेलो
किरण- (लंड को मूह से सहलाते हुए) हाए अंकल कैसा लग रहा है स्वाती के साथ
किशोर-मस्त लग रहा है तू एक नंगी अप्सरा है और मैं उसे चोद रहा हूँ और खेल मेरे लौडे से
किरण- देखो झड़ मत जाना अंकल
किशोर- तू चिंता मत कर तेरी अनचूडी बुर् चोदे बिना नही झडुन्गा. तू मेरा वीर्य पिएगी
किरण- हाँ अंकल यह तो अमृतपान है
किशोर-हाँ स्वाती मर्दो का वीर्य लड़कियों का अमृत है उनकी जवानी मे ताज़गी भरी रहती है
आओ मेरे लौडे को चूसो झड़ गया तो फिर खड़ा करके चोद दूँगा………
इधर संध्या की चूत पूरी तरह पानी छोड़ चुकी थी वो स्वाती और डैड के बीच की बाते सुनके हैरत मे थी की उसकी मोम स्वाती का रोल कर रही है और उसका डैड उसकी नयी सहेली की चूत के दीवाने थे. क्या वो उसकी चूत भी………….. छि……….शायद ज़्यादा सोच गयी थी.
किरण-अंकल एक बात बोलू
किशोर- पूछ ना पहले तू मुझे एक बात बता
किरण-क्या अंकल
क़ीःसोर-स्वाती तू मेरी नंगी रंडी है ना
किरण- आपके सामने मदरजात नंगी होके चुद्ने को तय्यार हूँ और क्या बोलू, हाँ हूँ आपकी पर्सनल रंडी जब बोलोगे तब चुड़ूंगी जिससे बोलॉगे उसका लौडा ले लूँगी अपनी बुर मे
किशोर- तू पूछ क्या पूछ रही थी
किरण-अंकल क्या आप संध्या को भी पेल चुके हो
संध्या ने डैड के इस उत्तर को सुनने को कान अड़ा दिए क्या किशोरे संध्या की भी चूत का प्यासा है ………………………..
किशोर- हाँ मैं उसकी चूत भी मार चुका हूँ.
संध्या का दिमाग़ सन्नाटा खा गया. तो डैड का उस पर क्रश है वो उसके भी दीवाने है. पर मोम कैसे इसे मानती है यह तो वो पूछ के रहेगी. स्वाती तक तो ठीक था पर उसके बारे मे भी सेम सोच इस बारे मे मोम से बात करनी ही होगी.
किशोर- आओ स्वाती अपनी बुर मेरे लौडे पे रख दो
किरण- लो अंकल चोदो अपनी स्वाती को
किशोर- आआआआआहह बड़ी गर्म है तेरी नर्म बुर
किरण- आआआआआआआवउुुुुुुुुुुुुुुुउउ अंकल आपका लौडा बड़ा गर्म और मोटा है
किशोर- स्वाती सब्र कर पूरा मज़ा आएगा तेरे को मेरी जान मेरी कामुक कुतिया
किरण-अंकल प्ल्ज़ बाहर निकालो मेरी बुर दर्द कर रही है मुझे नही चूद्ना आप संध्या , मुस्कान, रिचा को चोद के काम चलाओ
हाए रे संध्या ने बाहर खड़े खड़े सोचा उसके डैड उसके स्वाती के साथ साथ रिचा और मुस्कान की भी सवारी कर चुके है
किशोर- रुक साली कहाँ जाएगी आज तेरी नथ उतरूँगा जैसे रिचा मुस्कान संध्या की उतरी थी तेरी आंटी भी अनचुदी मिली थी
किरण- अंकल स्वाती की बुर बहुत छोटी है फट जाएगी
किशोर-इसी फटने मे चुदाई का मज़ा है. इतना कहके उसने लौडे का ज़ोर लगाया
किरण- आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आहह मार गयी बचाओ कोई इस लौडे से साले ने बुर चिर दी
किशोर- स्वाती और चिल्ला आज तेरी नथ उतरने को मैं अकेला हूँ कल पूरे मोहल्ले वाले चोदेन्गे
किरण-क्यों
किशोर- यहीं यहाँ का नियम है मोहल्ले की हर चूदी चूत को सब मिल बाँट के खाते है
किरण- तभी मैं कहूँ अंकल कोई दीदी की शादी होती है तो आप सब क्यों खुश होते हो क्योंकि वो आप सब से चुद्ति है
किशोर-हाँ स्वाती अब अगर मैने किसी को बोल दिया की तेरी नथ उतार गयी है तो तू मोहल्ले की रानी, रंडी बन जाएगी, बोल, बोल दूं या चुपचाप चुदेगि मुझसे
किरण – प्ल्ज़ अंकल सिर्फ़ आप चोदो मुझे अभी इस छोटी उमर मे रंडी नही बनना पहले मेरा पति मुझे चोद ले फिर जिसका मर्ज़ी लौडा लूँ कोई ऐतराज़ नही
किशोर- फिर आजा मेरे लौडे को मस्त कर और अपनी चूत मरवा
इसके बाद किशोरे ने किरण की छूट को स्वाती की चूत समझ के चोदा परंतु हमारी कहानी संध्या के साथ चलती है इसलिए हम वापस लौटते है. यहाँ संध्या के मूह से उसके डैड द्वारा अपनी फॅंटॅस्टिक चुदाई की बाते सुन के स्वाती का मूह खुला का खुला रह गया. वो शर्म से लाल पड़ गयी और उसने संध्या के मूह पर हथेली रखके बोला
स्वाती-संध्या प्ल्ज़ और मत सुना नही सुना जाता की अंकल मेरी चट रोज़ मारते है और अपना वीर्य मेरी चूत मे छोड़ते है
संध्या- उनका बस चले तो मेरे को भी चोद दे
स्वाती- हाए इतना तुझे कैसे यकीन है यहाँ तो तू उनका निक्कर का लंड वाला हिस्सा चूस रही है इससे लगता है तू खुद उनसे चूद्ना चाहती है
किरण- हाँ अंकल आपका लौडा बड़ा मस्त है आंटी तो इससे चुद के मस्त हो जाती होगी मेरे चोदु अंकल
किशोर-आंटी की छोड़ अपनी चूत की बात कर मेरी कच्ची कली स्वाती तेरी चूत बड़ी चिकनी है
किरण- मेरी चूत अभी बुर है अंकल
किशोर-मतलब
किरण- अनचुडी हूँ आप मेरे पहले लौडे होंगे बताया था ना मैने
किशोर- हां आजा स्वाती नंगी तो तू है ही नंगी ही आगे बढ़के अपने मर्द अंकल के लौडे की सैर कर
किरण- लो अंकल स्वाती की नर्म उरोज मसल दो उसे उसकी जवान छाती पकड़ के छोड़ो उसकी चुची के निपल नोंच के खेलो स्वाती से
किशोर- साली स्वाती तू बड़ा नर्म गोस्त है तुझे मज़े ले ले के खाऊंगा, तेरे सिने पर उगे अमरुदों से खेलूँगा फिर तेरी मस्त नाभि मे लौडे का सुपाड़ा डालूँगा जब तू खिलखिलाएगी तेरे होंठ का रस पियुंगा और तेरी जीभ चुसूंगा तेरी गोरी चिकनी मक्खन सी बुर मारूँगा स्वाती मेरी चुदासी बुर.
किरण- हाए रे लौडा बहुत टनटना गया है अंकल इससे आज अपनी स्वाती की बुर की नथ उतार दो
किशोर- आओ स्वाती मेरे लौडे से खेलो
किरण- (लंड को मूह से सहलाते हुए) हाए अंकल कैसा लग रहा है स्वाती के साथ
किशोर-मस्त लग रहा है तू एक नंगी अप्सरा है और मैं उसे चोद रहा हूँ और खेल मेरे लौडे से
किरण- देखो झड़ मत जाना अंकल
किशोर- तू चिंता मत कर तेरी अनचूडी बुर् चोदे बिना नही झडुन्गा. तू मेरा वीर्य पिएगी
किरण- हाँ अंकल यह तो अमृतपान है
किशोर-हाँ स्वाती मर्दो का वीर्य लड़कियों का अमृत है उनकी जवानी मे ताज़गी भरी रहती है
आओ मेरे लौडे को चूसो झड़ गया तो फिर खड़ा करके चोद दूँगा………
इधर संध्या की चूत पूरी तरह पानी छोड़ चुकी थी वो स्वाती और डैड के बीच की बाते सुनके हैरत मे थी की उसकी मोम स्वाती का रोल कर रही है और उसका डैड उसकी नयी सहेली की चूत के दीवाने थे. क्या वो उसकी चूत भी………….. छि……….शायद ज़्यादा सोच गयी थी.
किरण-अंकल एक बात बोलू
किशोर- पूछ ना पहले तू मुझे एक बात बता
किरण-क्या अंकल
क़ीःसोर-स्वाती तू मेरी नंगी रंडी है ना
किरण- आपके सामने मदरजात नंगी होके चुद्ने को तय्यार हूँ और क्या बोलू, हाँ हूँ आपकी पर्सनल रंडी जब बोलोगे तब चुड़ूंगी जिससे बोलॉगे उसका लौडा ले लूँगी अपनी बुर मे
किशोर- तू पूछ क्या पूछ रही थी
किरण-अंकल क्या आप संध्या को भी पेल चुके हो
संध्या ने डैड के इस उत्तर को सुनने को कान अड़ा दिए क्या किशोरे संध्या की भी चूत का प्यासा है ………………………..
किशोर- हाँ मैं उसकी चूत भी मार चुका हूँ.
संध्या का दिमाग़ सन्नाटा खा गया. तो डैड का उस पर क्रश है वो उसके भी दीवाने है. पर मोम कैसे इसे मानती है यह तो वो पूछ के रहेगी. स्वाती तक तो ठीक था पर उसके बारे मे भी सेम सोच इस बारे मे मोम से बात करनी ही होगी.
किशोर- आओ स्वाती अपनी बुर मेरे लौडे पे रख दो
किरण- लो अंकल चोदो अपनी स्वाती को
किशोर- आआआआआहह बड़ी गर्म है तेरी नर्म बुर
किरण- आआआआआआआवउुुुुुुुुुुुुुुुउउ अंकल आपका लौडा बड़ा गर्म और मोटा है
किशोर- स्वाती सब्र कर पूरा मज़ा आएगा तेरे को मेरी जान मेरी कामुक कुतिया
किरण-अंकल प्ल्ज़ बाहर निकालो मेरी बुर दर्द कर रही है मुझे नही चूद्ना आप संध्या , मुस्कान, रिचा को चोद के काम चलाओ
हाए रे संध्या ने बाहर खड़े खड़े सोचा उसके डैड उसके स्वाती के साथ साथ रिचा और मुस्कान की भी सवारी कर चुके है
किशोर- रुक साली कहाँ जाएगी आज तेरी नथ उतरूँगा जैसे रिचा मुस्कान संध्या की उतरी थी तेरी आंटी भी अनचुदी मिली थी
किरण- अंकल स्वाती की बुर बहुत छोटी है फट जाएगी
किशोर-इसी फटने मे चुदाई का मज़ा है. इतना कहके उसने लौडे का ज़ोर लगाया
किरण- आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आहह मार गयी बचाओ कोई इस लौडे से साले ने बुर चिर दी
किशोर- स्वाती और चिल्ला आज तेरी नथ उतरने को मैं अकेला हूँ कल पूरे मोहल्ले वाले चोदेन्गे
किरण-क्यों
किशोर- यहीं यहाँ का नियम है मोहल्ले की हर चूदी चूत को सब मिल बाँट के खाते है
किरण- तभी मैं कहूँ अंकल कोई दीदी की शादी होती है तो आप सब क्यों खुश होते हो क्योंकि वो आप सब से चुद्ति है
किशोर-हाँ स्वाती अब अगर मैने किसी को बोल दिया की तेरी नथ उतार गयी है तो तू मोहल्ले की रानी, रंडी बन जाएगी, बोल, बोल दूं या चुपचाप चुदेगि मुझसे
किरण – प्ल्ज़ अंकल सिर्फ़ आप चोदो मुझे अभी इस छोटी उमर मे रंडी नही बनना पहले मेरा पति मुझे चोद ले फिर जिसका मर्ज़ी लौडा लूँ कोई ऐतराज़ नही
किशोर- फिर आजा मेरे लौडे को मस्त कर और अपनी चूत मरवा
इसके बाद किशोरे ने किरण की छूट को स्वाती की चूत समझ के चोदा परंतु हमारी कहानी संध्या के साथ चलती है इसलिए हम वापस लौटते है. यहाँ संध्या के मूह से उसके डैड द्वारा अपनी फॅंटॅस्टिक चुदाई की बाते सुन के स्वाती का मूह खुला का खुला रह गया. वो शर्म से लाल पड़ गयी और उसने संध्या के मूह पर हथेली रखके बोला
स्वाती-संध्या प्ल्ज़ और मत सुना नही सुना जाता की अंकल मेरी चट रोज़ मारते है और अपना वीर्य मेरी चूत मे छोड़ते है
संध्या- उनका बस चले तो मेरे को भी चोद दे
स्वाती- हाए इतना तुझे कैसे यकीन है यहाँ तो तू उनका निक्कर का लंड वाला हिस्सा चूस रही है इससे लगता है तू खुद उनसे चूद्ना चाहती है
Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story
संध्या- तूने अभी मेरी और मोम की बातें कहाँ सुनी है वो पता चले तो तू जान जाएगी कौन चूद्ना चाहता है और कौन चोद्ना वैसे भी मेरी कच्ची चूत तुझे एक बार लौडे का चस्का लग जाए तो तू रंडी बन जाएगी चुदाई के पीछे पागल हो जाएगी, अपने यार का लंड पकड़ पकड़ के उससे बोलेगी चोद दे.
स्वाती- अरी मरी कैसे कैसे गंदे शब्द यूज़ करती है तू चल हट
संध्या- स्वाती मेरी जान नंगी है मेरे आगे और गीली भी क्यों नखरे करती है आजा तुझे मर्द की तरह चोद दूं
स्वाती-क्या करेगी तू मेरी चूत की गर्मी उतारने को
संध्या- देखती जा क्या क्या करती हूँ मैं
संध्या मे आगे बड़के अपने डैड के निक्कर का लंड वाला गीला हिस्सा स्वाती की ओर बढ़ा दिया
संध्या- ले चूस इसे देख मेरे दाद का लंड कैसी खुश्बू देता है
स्वाती- मुझसे नही होगा वो अंकल है मेरे
संध्या- मेरे तो डैड है जब मैं नही हिचक रही तो तू क्यों ऐसा करती है देख इस पर उन्होने अपना वीर्य भी लिपटा रखा है
स्वाती ने निक्कर पर एक सफेद सी लाइन पड़ी देखी. वो वीर्य का सुखी पार्ट थी. संध्या उस पार्ट का कुच्छ हिस्सा गीला करके साफ कर चुकी थी. बाकी हिस्से के लिए उसने निक्कर स्वाती को दे दिया. स्वाती ने और विरोध किए बिना संध्या का साथ दिया और दोनो सहेलियों ने निक्कर पर से सूखा वीर्य साफ कर दिया.
स्वाती- संध्या अंकल को पता चल गया तो
संध्या- यही तो चाहती हूँ ताकि मैं वो और गर्म होके और वीर्यपात करेंगे और तुझे उनका और वीर्य मिलेगा. हो सकता है वो उत्तेजित होके एक दिन तुझे सच मे चोद दे.
स्वाती-चल हट ऐसा कभी नही होगा
पर उसका मन कर रहा था की ऐसा जल्द ही हो जाए और वो मोटे असली लौडे से चुद जाए. इधर संध्या ने मूली को पकड़ के चूसना शुरू किया
स्वाती- अब इस मूली से क्या करोगी
संध्या- यह मूली तेरी और मेरी चूत की गर्मी उतरेगी
स्वाती- संध्या नही यह बहुत मोटी है मैं आज तक सिर्फ़ उंगलियों से करती आई हूँ
संध्या- मेरी जान एक ना एक दिन तो लंड भी लेगी क्यों ना उसीकि प्रॅक्टीस करले.
स्वाती-प्यार से डालना जैसे अंकल चोद्ना चाहते हो वैसे ही
संध्या-अरे डैड की स्टाइल से चुदेगी तो तेरी बुर् फट जाएगी
स्वाती-क्यों
संध्या-वो ज़ोर से धक्का मार के पूरी मूली एक बार मे चूत मे पेल देंगे
स्वाती-हाए री ऐसा क्या वो इतने उतावले है मेरी बुर चोद्ने को
संध्या- हाँ री मैने उस रात के बारे मे मोम से बात की थी तू वो सुनेगी तो तेरी गान्ड फट जाएगी. तू खुद सोच एक औरत अपने मर्द को खुद नयी नयी लड़की बनके चुदाई का स्वाद दे और वो भी राज़ी राज़ी क्या यह हो सकता है तू अपने मर्द को किसी और से या मेरे से शेयर करेगी बिस्तर पर?
स्वाती- पर वो तो सिर्फ़ सोच रहे थे कौन सा अंकल ने मेरी या तेरी या रिचा, मुस्कान की चूत असली मे मारी
संध्या-मेरी जान जब मर्द नंगा होके अपना लौडा हाथ मे लेता है और फिर जिस चूत का नाम लेके उसे चोद्ने की बात करता है तो समझ ले उसी चूत के नज़ारे उसकी आँखों के आगे होते है और वो भूल जाता है कि उसके बिस्तेर मे कौन नंगी लेटी है वो उसकी बीवी है या कोई रांड़ बस जिसके बारे मे सोचा उसकी गीली चूत की कल्पना करके उसके ख़यालों मे उसे चोद दिया चाहे वो तू हो या रिचा या मैं
स्वाती-ऐसा क्या मैं तो इस बारे मे ज़्यादा जानती नही
संध्या- तू समझ ले अब जब भी तू डैड के सामने होगी वो तुझे आँखों ही आँखों मे चोद रहे होंगे भले मूह से स्वाती बेटी स्वाती बेटी बोलते रहे पर मन मे यही होगा की स्वाती नंगी मिल जाए तो चोद दूं या आज स्वाती को नंगी करके इसके कपड़े फाड़ के चूत मार लूँ और अपनी फॅंटेसी पूरी कर लूँ
स्वाती- हाए रे तब तो मैं तेरे घर अंकल के सामने कैसे आऊँगी?
संध्या-वैसे जैसे मैं आती जाती हूँ तू सोच डैड तो मेरे को भी चोद्ते है अपनी उस कामुक फॅंटेसी मे, मैं क्या वो नाज़ुक कली मुस्कान, वो रसीली रिचा, तू चिकनी स्वाती, वो नर्म अवन्तिका, वो मादक शालिनी, वो गर्म अदिति, वो मस्त माती, वो छुदासी महिमा या मैं कामुक संध्या, सब उनके लौडे के नीचे आ चुके है रात मे.
स्वाती-हाए रे अंकल बड़े मस्त है पर यह बता तू कैसे उनके सामने आती जाती है दिन मे
संध्या- मेरी मस्त कली मैं यह सोच के गीली हो जाती हूँ की घर मे ही एक मस्त मर्द मुझे दिन रात चोद्ने के सपने लेता है और उसके सामने मैं कुछ भी पहनु वो मेरी नंगी तस्वीर आँखों मे बिठा लेता है. मैं डैड के सामने अपने आप को हमेशा नंगा महसूस करती हूँ. इसलिए मुझे हिचक नही होती की वो मेरा कौनसा कामुक आंग घूर रहे है. बस उनका ताना लौडा महसूस होता है तो जान जाती हूँ की वो ख़यालों मे मेरी जवानी का भोग लगा रहे है.
स्वाती- तो तेरा कहना है की जब भी तेरे डैड मुझे देखेंगे वो मुझे नंगी सोचेंगे चोद्ने वाली निगाह से देखेंगे.
संध्या- हाँ री इसलिए बोल रही हूँ तू फ़िक्र छोड पूरा एंजाय कर लाइफ को, हो जाने दे जो होता है. चाहे डैड चोदे या कोई और मर्द तुझे अपनी चिकनी चूत किसी ना किसी को देनी ही है ना या साबूत बचा के वापस ले जाएगी भगवान के पास
स्वाती- अरी नही रे साबुत कैसे रहेगी कोई ना कोई इसकी मस्ती लूट ही लेगा मेरी चिकनी चूत को कई लंड मिलेंगे तो देखती जा
संध्या- आजा मैं तेरी चूत मे मूली डाल के तुझे लंड वाला मस्त मज़ा दूं
स्वाती- एक बात बता
संध्या- बोल
स्वाती- तेरी मों से बात हुई उस बारे मे
संध्या-किस बारे मे साफ साफ बोल इशारे छोड़
स्वाती- वोही अंकल के साथ नयी नयी लड़कियों का रूप लेके चुदाई करवाने के बारे मे. वो ऐसा क्यों करती है और अंकल क्या हम सबको वाकई मे चोद्ना चाहते है या सिर्फ़ सोच है
संध्या- हाँ मैने मों से बात की थी अभी सुनना चाहेगी या पहले तेरी चूत मे मूली उतार दूं, आजा मेरी चूत भी तो गर्म हो रही है. पहले क्या सुनेगी राजू ने मुझे कैसे चोदा या मोम स्वाती बनके क्यों राज़ी राज़ी चुदी.
प्ल्ज़ आप लोग गाइड करो स्वाती क्या जवाब दे अगला अपडेट आपके जवाब के बाद
स्वाती- अरी मरी कैसे कैसे गंदे शब्द यूज़ करती है तू चल हट
संध्या- स्वाती मेरी जान नंगी है मेरे आगे और गीली भी क्यों नखरे करती है आजा तुझे मर्द की तरह चोद दूं
स्वाती-क्या करेगी तू मेरी चूत की गर्मी उतारने को
संध्या- देखती जा क्या क्या करती हूँ मैं
संध्या मे आगे बड़के अपने डैड के निक्कर का लंड वाला गीला हिस्सा स्वाती की ओर बढ़ा दिया
संध्या- ले चूस इसे देख मेरे दाद का लंड कैसी खुश्बू देता है
स्वाती- मुझसे नही होगा वो अंकल है मेरे
संध्या- मेरे तो डैड है जब मैं नही हिचक रही तो तू क्यों ऐसा करती है देख इस पर उन्होने अपना वीर्य भी लिपटा रखा है
स्वाती ने निक्कर पर एक सफेद सी लाइन पड़ी देखी. वो वीर्य का सुखी पार्ट थी. संध्या उस पार्ट का कुच्छ हिस्सा गीला करके साफ कर चुकी थी. बाकी हिस्से के लिए उसने निक्कर स्वाती को दे दिया. स्वाती ने और विरोध किए बिना संध्या का साथ दिया और दोनो सहेलियों ने निक्कर पर से सूखा वीर्य साफ कर दिया.
स्वाती- संध्या अंकल को पता चल गया तो
संध्या- यही तो चाहती हूँ ताकि मैं वो और गर्म होके और वीर्यपात करेंगे और तुझे उनका और वीर्य मिलेगा. हो सकता है वो उत्तेजित होके एक दिन तुझे सच मे चोद दे.
स्वाती-चल हट ऐसा कभी नही होगा
पर उसका मन कर रहा था की ऐसा जल्द ही हो जाए और वो मोटे असली लौडे से चुद जाए. इधर संध्या ने मूली को पकड़ के चूसना शुरू किया
स्वाती- अब इस मूली से क्या करोगी
संध्या- यह मूली तेरी और मेरी चूत की गर्मी उतरेगी
स्वाती- संध्या नही यह बहुत मोटी है मैं आज तक सिर्फ़ उंगलियों से करती आई हूँ
संध्या- मेरी जान एक ना एक दिन तो लंड भी लेगी क्यों ना उसीकि प्रॅक्टीस करले.
स्वाती-प्यार से डालना जैसे अंकल चोद्ना चाहते हो वैसे ही
संध्या-अरे डैड की स्टाइल से चुदेगी तो तेरी बुर् फट जाएगी
स्वाती-क्यों
संध्या-वो ज़ोर से धक्का मार के पूरी मूली एक बार मे चूत मे पेल देंगे
स्वाती-हाए री ऐसा क्या वो इतने उतावले है मेरी बुर चोद्ने को
संध्या- हाँ री मैने उस रात के बारे मे मोम से बात की थी तू वो सुनेगी तो तेरी गान्ड फट जाएगी. तू खुद सोच एक औरत अपने मर्द को खुद नयी नयी लड़की बनके चुदाई का स्वाद दे और वो भी राज़ी राज़ी क्या यह हो सकता है तू अपने मर्द को किसी और से या मेरे से शेयर करेगी बिस्तर पर?
स्वाती- पर वो तो सिर्फ़ सोच रहे थे कौन सा अंकल ने मेरी या तेरी या रिचा, मुस्कान की चूत असली मे मारी
संध्या-मेरी जान जब मर्द नंगा होके अपना लौडा हाथ मे लेता है और फिर जिस चूत का नाम लेके उसे चोद्ने की बात करता है तो समझ ले उसी चूत के नज़ारे उसकी आँखों के आगे होते है और वो भूल जाता है कि उसके बिस्तेर मे कौन नंगी लेटी है वो उसकी बीवी है या कोई रांड़ बस जिसके बारे मे सोचा उसकी गीली चूत की कल्पना करके उसके ख़यालों मे उसे चोद दिया चाहे वो तू हो या रिचा या मैं
स्वाती-ऐसा क्या मैं तो इस बारे मे ज़्यादा जानती नही
संध्या- तू समझ ले अब जब भी तू डैड के सामने होगी वो तुझे आँखों ही आँखों मे चोद रहे होंगे भले मूह से स्वाती बेटी स्वाती बेटी बोलते रहे पर मन मे यही होगा की स्वाती नंगी मिल जाए तो चोद दूं या आज स्वाती को नंगी करके इसके कपड़े फाड़ के चूत मार लूँ और अपनी फॅंटेसी पूरी कर लूँ
स्वाती- हाए रे तब तो मैं तेरे घर अंकल के सामने कैसे आऊँगी?
संध्या-वैसे जैसे मैं आती जाती हूँ तू सोच डैड तो मेरे को भी चोद्ते है अपनी उस कामुक फॅंटेसी मे, मैं क्या वो नाज़ुक कली मुस्कान, वो रसीली रिचा, तू चिकनी स्वाती, वो नर्म अवन्तिका, वो मादक शालिनी, वो गर्म अदिति, वो मस्त माती, वो छुदासी महिमा या मैं कामुक संध्या, सब उनके लौडे के नीचे आ चुके है रात मे.
स्वाती-हाए रे अंकल बड़े मस्त है पर यह बता तू कैसे उनके सामने आती जाती है दिन मे
संध्या- मेरी मस्त कली मैं यह सोच के गीली हो जाती हूँ की घर मे ही एक मस्त मर्द मुझे दिन रात चोद्ने के सपने लेता है और उसके सामने मैं कुछ भी पहनु वो मेरी नंगी तस्वीर आँखों मे बिठा लेता है. मैं डैड के सामने अपने आप को हमेशा नंगा महसूस करती हूँ. इसलिए मुझे हिचक नही होती की वो मेरा कौनसा कामुक आंग घूर रहे है. बस उनका ताना लौडा महसूस होता है तो जान जाती हूँ की वो ख़यालों मे मेरी जवानी का भोग लगा रहे है.
स्वाती- तो तेरा कहना है की जब भी तेरे डैड मुझे देखेंगे वो मुझे नंगी सोचेंगे चोद्ने वाली निगाह से देखेंगे.
संध्या- हाँ री इसलिए बोल रही हूँ तू फ़िक्र छोड पूरा एंजाय कर लाइफ को, हो जाने दे जो होता है. चाहे डैड चोदे या कोई और मर्द तुझे अपनी चिकनी चूत किसी ना किसी को देनी ही है ना या साबूत बचा के वापस ले जाएगी भगवान के पास
स्वाती- अरी नही रे साबुत कैसे रहेगी कोई ना कोई इसकी मस्ती लूट ही लेगा मेरी चिकनी चूत को कई लंड मिलेंगे तो देखती जा
संध्या- आजा मैं तेरी चूत मे मूली डाल के तुझे लंड वाला मस्त मज़ा दूं
स्वाती- एक बात बता
संध्या- बोल
स्वाती- तेरी मों से बात हुई उस बारे मे
संध्या-किस बारे मे साफ साफ बोल इशारे छोड़
स्वाती- वोही अंकल के साथ नयी नयी लड़कियों का रूप लेके चुदाई करवाने के बारे मे. वो ऐसा क्यों करती है और अंकल क्या हम सबको वाकई मे चोद्ना चाहते है या सिर्फ़ सोच है
संध्या- हाँ मैने मों से बात की थी अभी सुनना चाहेगी या पहले तेरी चूत मे मूली उतार दूं, आजा मेरी चूत भी तो गर्म हो रही है. पहले क्या सुनेगी राजू ने मुझे कैसे चोदा या मोम स्वाती बनके क्यों राज़ी राज़ी चुदी.
प्ल्ज़ आप लोग गाइड करो स्वाती क्या जवाब दे अगला अपडेट आपके जवाब के बाद