काफी देर बाद मैं चरम पर पहुच कर स्खलित हो गया, और कुछ देर बाद ही स्वाति आंटी भी मादक सीत्कारें करते हुए ओरगेज़्म पर पहुँच गई और शिथिल होकर मेरे पास लेट गई।
थोड़ी देर लेटने के बाद स्वाति आंटी उठी और संगीत बंद कर टायलेट में जाकर अपनी योनि की सफाई कर के मेरे पास आकर चिपक कर लेट गईं और हम दोनों नींद के आगोश में खो गये।
सुबह उठा तो आंटी चाय लिये सामने खड़ी मुस्कुरा रही थी, हमने चाय पी, फिर साथ में शावर लिया और मैं कपड़े पहन कर शाम को मिलने के प्रोमिस और गुडबाय किस के साथ अपने घर की ओर बढ़ गया।










