एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story
Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story
“मैं उनकी रेस्पेक्ट कराता हूँ बस….मेरे मन में उनके प्राति कोई ग़लत ख्याल नही है…हर लड़की एक जैसी नही होती, समझा करो गुरु”
“ह्म….अछा एक बात बता पूजा के बड़े में क्या ख्याल है या फिर वाहा भी तेरे इरादे नेक हैं” मोहित ने कहा.
“पूजा के बड़े में इरादे बिल्कुल नेक नही हैं….पर लगता है वो पहले ही डलवा चुकी है…ज़रूर उष विक्की ने ली होगी उष्की”
“ह्म पूरी बात तो पता नही पर लगता तो यही है की उसने पूजा की भी पॉर्न मूवी बनाई थी”
“हन और शायद वो उसे ब्लॅकमेल कर रहा था…तंग आकर वो उसे मारने पहुँच गयी” राजू ने कहा.
राजू और मोहित ने जितनी बाते शुनि थी विक्की के घर पे उशके अनुसार अंदाज़ा लगा रहे थे.
“पूजा वैसे प़ड़्मिनी जी से कम शुनदर नही है” राजू ने कहा.
“अछा तो तू पूजा की चुत मार के प़ड़्मिनी जी का मज़ा लेगा” मोहित ने कहा.
“नही गुरु तुम फिर मुझे ग़लत समझ रहे हो…मैं सच मन से प़ड़्मिनी जी की मदद कर रहा हूँ”
“ह्म….पर पूजा नगमा जैसी नही है….वो इतनी आसानी से नही देगी अपनी” मोहित ने कहा.
“जानता हूँ….सच कहूँ तो मैं तो पूजा को पटाने के लिए ही चक्कर लगाता था उसके घर के लेकिन पटा गयी नगमा” राजू ने कहा.
“तो क्या हुवा नगमा पूजा जैसी शुनदर ना सही पर इश्कि अपनी ही शुनदराता है…बॉडी बहुत सेक्सी है साली की” मोहित ने कहा.
“वो तो है तभी तो मैने मोका नही गवाया. पहली बार नगमा को उशी के घर में चोदा था”
“क्या बात है असली गुरु तो तुम हो मैं तो बस नाम का गुरु हूँ”
“पूजा को भी पता लेता पर उसने एक बार हमें देख लिया”
“वो कैसे?”
“मैने नगमा को एक बार फिर उशी के घर में चोद रहा था. बापू इश्का कही गया था और पूजा कॉलेज गयी थी. पूजा कॉलेज से जल्दी आ गयी और उसने खिड़की से सब देख लिया”
“फिर तो तेरा चान्स कम है….तुझे नही देगी वो” मोहित ने कहा.
“कोशिस करने में क्या हर्ज़ है….वैसे आज तो उसने अच्छे से बात की मुझसे”
“मुझे तो वो भी प़ड़्मिनी जैसी लगी…बाकी तेरी किस्मत…तुझे मिल जाए तो मेरा भी ध्यान रखना”
“ध्यान रखना मतलब वो नगमा नही है…इश्कि बात और है”
“है तो इशी की बहन…देखना वो भी इशी के जैसी बनेगी” मोहित ने कहा.
“मुझे ऐसा नही लगता पूजा और नगमा में ज़मीन आसमान का फ़र्क है” राजू ने कहा.
इधर नगमा बार-बार करवाते बदल रही है.
“अफ अजीब बिस्तर है ये तो नींद ही नही आ रही” नगमा धीरे से बड़बड़ाई.
अचानक वो प़ड़्मिनी से आकर चिपक गयी और बोली, “शो गयी क्या तुम”
“क्या है…दूर हटो”
“डरो मत मैं ऐसी लड़की नही हूँ…मुझे सिर्फ़ आदमियों के लंड अच्छे लगते हैं” नगमा ने कहा.
“फिर भी दूर रहो मुझसे…नींद आ रही है मुझे” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मुझे तो बिल्कुल नींद नही आ रही इसे पर तुम कैसे शो रही हो” नगमा ने कहा.
“आँखे बंद करो और शो जाओ…नींद आ जाएगी” प़ड़्मिनी ने कहा.
“राजू बड़ी फिकर करने लगा है तुम्हारी मुझे चिंता हो रही है…कहीं इतनी अछी चुत मारने वाला तुम मुझसे चीन ना लो” नगमा ने कहा.
“मेरा कोई इंटेरेस्ट नही है राजू में समझी कितनी बार बताओन मैं….वैसे हर किसी के साथ तुम चल पड़ती हो फिर राजू से इतना लगाव क्यों है”
“तुम नही समझोगी उसके जैसा प्रेमी मिलेगा ना तभी समझ पावगी” नगमा ने कहा.
“मुझे समझना भी नही है” प़ड़्मिनी ने कहा.
“राजू जीश तरह से चुत में घुसाता है वैसे कोई और नही घुस्सटा. ख़ासकर जिन आदमियों से मैं मिली हूँ वो तो राजू के आगे फीके ही हैं” नगमा ने कहा.
“ये सब एक नंबर की बकवास है” प़ड़्मिनी बड़बड़ाई.
“नही सच कह रही हूँ” नगमा ने कहा. नगमा ने प़ड़्मिनी के चूतादो पर हाथ रखा और बोली, “पता नही क्या कराता है वो…गान्ड को पकड़ कर जोरदार तरीके से घुसाता है चुत में लंड”
प़ड़्मिनी ने नगमा का हाथ अपने चताड़ो से दूर झटक दिया और बोली, “यहा टच मत करो”
“क्यों क्या हुवा कुछ-कुछ होता है क्या….मुझे लग ही रहा था की तुम्हारी गान्ड बहुत सेक्सी है अब साहबित भी हो गया. लिया है ना तूने भी गान्ड में”
“ऐसा कुछ नही है…मैं ये उल्टे काम नही कराती” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मैं ही कौन सा कराती हूँ पर ये आदमी लोग किसी ना किसी बहाने से ले ही लेते हैं मेरी गान्ड अब देखो ना कैसे मारी थी भोलू ने मेरी गान्ड आज जबकि मैने उसे पहले ही माना किया था.” नगमा ने कहा.
“वो कहानी तुम सुना चुकी हो…शो जाओ अब रात बहुत हो गयी है” प़ड़्मिनी ने कहा.
“सच बता क्या तुमने सच में नही लिया गान्ड में अब तक” नगमा ने पूछा.
“अब क्या स्टंप पेपर पे लिखवा के लाकर डू” प़ड़्मिनी झल्ला कर बोली.
“ठीक है ठीक है तुम्हारी गान्ड है तुम ज़्यादा अच्छे से जानती हो…वैसे तेरा पाती एक नंबर का चूतिया था जो उसने इतनी सेक्सी गान्ड नही मारी” नगमा ने कहा.
“दूर हटो अब…मेरी नींद ना खराब करो” प़ड़्मिनी ने नगमा को झटका दिया.
“ओक जी मैं तो हाल-चाल पूछने आई थी गुड नाइट” नगमा ने कहा.
“अफ मैं अपने गले की चैन शायद सुरिंदर के घर भूल आई” मोनिका बड़बड़ाई.
मोनिका अपने घर पहुँच गयी है. उसे ज़रा भी अंदाज़ा नही की उशके सुरिंदर के घर से जाने के बाद वाहा खून की नादिया बह गयी.
“अभी सुरिंदर को फोन कराती हूँ…”
मोनिका सुरिंदर का फोन ट्राइ कराती है.
“क्या बात है…ये फोन क्यों नही उठा रहा” मोनिका बड़बड़ाई.
“शायद शो गया होगा….मैं भी थोड़ी देर लाते लेती हूँ….सुबह बात करूँगी सुरिंदर से.”
मोनिका बिस्तर पर पसार जाती है.
“सुरिंदर के साथ कब तक चलेगा ये सब….किसी दिन संजय को पता चल गया तो….नही…नही ऐसा नही होगा….पर जो भी हो मुझे जल्दी ये सब ख़त्म करना होगा”
“इश् से पहले की मेरे तन की हवस मेरी जींदगी बर्बाद कर दे…इस कहानी को यही ख़त्म किया जाए. पर मैं ये भी जानती हूँ की ये सब सोचना आसान है और करना मुस्किल…चलो देखते हैं किस्मत कहा ले जाती है”
“ना मैं उष दिन शादी में जाती और ना ही सुरिंदर के चक्कर में फैस्टी……कम्बख़त ने पहली ही मुलाकात में फँसा लिया मुझे” मोनिका सोचते-सोचते ख़यालो में खो जाती है…………………..
“ही मोनिका संजय कहा है?”
“यार सोनिया वो किसी काम में बिज़ी थे नही आ पाएँगे”
“चल कोई बात नही इनसे मिलो ये हैं मिस्टर सुरिंदर मेरे बड़े भाई”
सुरिंदर ने मोनिका को उपर से नीचे तक देखा और बोला,”सोनिया तुम्हारी फ़्रेंड तो बहुत शुनदर है”
मोनिका ने सुरिंदर की नज़रो में देखा और श्रम से अपनी नज़रे झुका ली.
“भैया आप मोनिका से बात करो मैं अभी आई” सोनिया ने कहा.
“अरे सोनिया शन तो” मोनिका ने सोनिया को टोका पर वो उष्की बात उंशुणी करके चली गयी.
“आप शादी शुदा हो” सुरिंदर ने पूछा.
“हन और आप?” मोनिका ने पूछा.
“अभी कुँवारा हूँ….आप जैसी हसीना मिल जाती तो अब तक शादी हो चुकी होती”
मोनिका फिर से शर्मा उठी.
“क्या बात है आप शरमाती बहुत हैं आओ थोड़ा एकांत में चलते हैं यहा भीड़ बहुत है”
“एकांत! एकांत में क्यों”
“देखो मेरे इरादे तुम्हारे बड़े में बिल्कुल नेक नही हैं….मर्ज़ी हो तो चलो वरना रहने दो…मैं घुमा फिरा कर बात नही कराता.”
“हिम्मत की डाट देनी पड़ेगी…”
“बिना हिम्मत के चुत नही मिलती मेडम”
“एक्सक्यूस मे! क्या कहा आपने”
“वही जो आपने शुना….मैं उष गार्डेन में जा रहा हूँ….अपनी चुत में मेरा लंड फील करने की इचा हो तो चली आना” सुरिंदर ने गार्डेन की और इशारा करते हुवे कहा.
“तुम्हे क्या लगता है मैं तुम्हारे झाँसे में अवँगी….ई आम हॅप्पिली मर्रेइड….मुझ पे वक्त बर्बाद मत करो”
“मैं तो इनवेस्टमेंट कर रहा हूँ वक्त की….क्या पता रिटर्न मिल जाए”
सुरिंदर ने आस पास देखा और मोनिका की गान्ड पे हाथ रख कर बोला, “आओ ना ऐसा मज़ा दूँगा की अपने पाती को भूल जाओगी”
“हाथ हटाओ जनाब कोई देख लेगा…वैसे मेरे पाती मुझे बहुत मज़ा देते हैं”
“आज दूसरा लंड ट्राइ करके देखो….यू विल फील बेटर” सुरिंदर ने कहा.
“ई आम नोट इंट्रेस्टेड”
“एक बार चलो तो……कुछ और ना सही तन्हाई में प्यार की दो बाते ही कर लेंगे”
“ह्म ठीक है पर बातो के अलावा और कुछ नही ओक” मोनिका ने कहा.
“ओक जी….चलो तो सही”
दाओनो गार्डेन में आ जाते हैं.
“अछा गार्डेन बनाया है पॅलेस वालो ने….शादी के धूम धड़ाके से दूर यहा आराम से बात की जा सकती है”
“आपका शादी में मन नही लगता क्या?”
“अपनी शादी हो तो बात भी हो दूसरो की शादी में क्या मन लगेगा”
“ह्म….बहुत दिल फेंक हो तुम”
“भाई तो चारा डालता हूँ मछली फँस जाए तो ठीक है वरना कही और जगाद लगाता हूँ”
“तो क्या मछली फँस गयी” मोनिका हंस कर बोली.
“वो तो मछली के होंटो को चूम कर ही पता चलेगा” सुरिंदर ने कहते ही अचानक मोनिका को पकड़ कर उशके होंटो को अपने में जाकड़ लिया.
“उम्म्म….च…छोड़ो”
“रसीले होन्ट हैं तुम्हारे”
“मछली अभी फाँसी नही थी”
“मेरा यकीन करो फँस चुकी है” सुरिंदर ने कहा और मोनिका के बूब्स मसालने लगा.
“आअहह यू अरे डर्टी फ्लर्ट” मोनिका बड़बड़ाई.
“और तुम प्यारी मछली हो” सुरिंदर ने कहा.
“किसी ने देख लिया तो” मोनिका ने कहा.
“सब शादी में मगन हैं…फिर भी सेफ्टी के लिए उष पेड़ के पीछे चलते हैं”
“ह्म….अछा एक बात बता पूजा के बड़े में क्या ख्याल है या फिर वाहा भी तेरे इरादे नेक हैं” मोहित ने कहा.
“पूजा के बड़े में इरादे बिल्कुल नेक नही हैं….पर लगता है वो पहले ही डलवा चुकी है…ज़रूर उष विक्की ने ली होगी उष्की”
“ह्म पूरी बात तो पता नही पर लगता तो यही है की उसने पूजा की भी पॉर्न मूवी बनाई थी”
“हन और शायद वो उसे ब्लॅकमेल कर रहा था…तंग आकर वो उसे मारने पहुँच गयी” राजू ने कहा.
राजू और मोहित ने जितनी बाते शुनि थी विक्की के घर पे उशके अनुसार अंदाज़ा लगा रहे थे.
“पूजा वैसे प़ड़्मिनी जी से कम शुनदर नही है” राजू ने कहा.
“अछा तो तू पूजा की चुत मार के प़ड़्मिनी जी का मज़ा लेगा” मोहित ने कहा.
“नही गुरु तुम फिर मुझे ग़लत समझ रहे हो…मैं सच मन से प़ड़्मिनी जी की मदद कर रहा हूँ”
“ह्म….पर पूजा नगमा जैसी नही है….वो इतनी आसानी से नही देगी अपनी” मोहित ने कहा.
“जानता हूँ….सच कहूँ तो मैं तो पूजा को पटाने के लिए ही चक्कर लगाता था उसके घर के लेकिन पटा गयी नगमा” राजू ने कहा.
“तो क्या हुवा नगमा पूजा जैसी शुनदर ना सही पर इश्कि अपनी ही शुनदराता है…बॉडी बहुत सेक्सी है साली की” मोहित ने कहा.
“वो तो है तभी तो मैने मोका नही गवाया. पहली बार नगमा को उशी के घर में चोदा था”
“क्या बात है असली गुरु तो तुम हो मैं तो बस नाम का गुरु हूँ”
“पूजा को भी पता लेता पर उसने एक बार हमें देख लिया”
“वो कैसे?”
“मैने नगमा को एक बार फिर उशी के घर में चोद रहा था. बापू इश्का कही गया था और पूजा कॉलेज गयी थी. पूजा कॉलेज से जल्दी आ गयी और उसने खिड़की से सब देख लिया”
“फिर तो तेरा चान्स कम है….तुझे नही देगी वो” मोहित ने कहा.
“कोशिस करने में क्या हर्ज़ है….वैसे आज तो उसने अच्छे से बात की मुझसे”
“मुझे तो वो भी प़ड़्मिनी जैसी लगी…बाकी तेरी किस्मत…तुझे मिल जाए तो मेरा भी ध्यान रखना”
“ध्यान रखना मतलब वो नगमा नही है…इश्कि बात और है”
“है तो इशी की बहन…देखना वो भी इशी के जैसी बनेगी” मोहित ने कहा.
“मुझे ऐसा नही लगता पूजा और नगमा में ज़मीन आसमान का फ़र्क है” राजू ने कहा.
इधर नगमा बार-बार करवाते बदल रही है.
“अफ अजीब बिस्तर है ये तो नींद ही नही आ रही” नगमा धीरे से बड़बड़ाई.
अचानक वो प़ड़्मिनी से आकर चिपक गयी और बोली, “शो गयी क्या तुम”
“क्या है…दूर हटो”
“डरो मत मैं ऐसी लड़की नही हूँ…मुझे सिर्फ़ आदमियों के लंड अच्छे लगते हैं” नगमा ने कहा.
“फिर भी दूर रहो मुझसे…नींद आ रही है मुझे” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मुझे तो बिल्कुल नींद नही आ रही इसे पर तुम कैसे शो रही हो” नगमा ने कहा.
“आँखे बंद करो और शो जाओ…नींद आ जाएगी” प़ड़्मिनी ने कहा.
“राजू बड़ी फिकर करने लगा है तुम्हारी मुझे चिंता हो रही है…कहीं इतनी अछी चुत मारने वाला तुम मुझसे चीन ना लो” नगमा ने कहा.
“मेरा कोई इंटेरेस्ट नही है राजू में समझी कितनी बार बताओन मैं….वैसे हर किसी के साथ तुम चल पड़ती हो फिर राजू से इतना लगाव क्यों है”
“तुम नही समझोगी उसके जैसा प्रेमी मिलेगा ना तभी समझ पावगी” नगमा ने कहा.
“मुझे समझना भी नही है” प़ड़्मिनी ने कहा.
“राजू जीश तरह से चुत में घुसाता है वैसे कोई और नही घुस्सटा. ख़ासकर जिन आदमियों से मैं मिली हूँ वो तो राजू के आगे फीके ही हैं” नगमा ने कहा.
“ये सब एक नंबर की बकवास है” प़ड़्मिनी बड़बड़ाई.
“नही सच कह रही हूँ” नगमा ने कहा. नगमा ने प़ड़्मिनी के चूतादो पर हाथ रखा और बोली, “पता नही क्या कराता है वो…गान्ड को पकड़ कर जोरदार तरीके से घुसाता है चुत में लंड”
प़ड़्मिनी ने नगमा का हाथ अपने चताड़ो से दूर झटक दिया और बोली, “यहा टच मत करो”
“क्यों क्या हुवा कुछ-कुछ होता है क्या….मुझे लग ही रहा था की तुम्हारी गान्ड बहुत सेक्सी है अब साहबित भी हो गया. लिया है ना तूने भी गान्ड में”
“ऐसा कुछ नही है…मैं ये उल्टे काम नही कराती” प़ड़्मिनी ने कहा.
“मैं ही कौन सा कराती हूँ पर ये आदमी लोग किसी ना किसी बहाने से ले ही लेते हैं मेरी गान्ड अब देखो ना कैसे मारी थी भोलू ने मेरी गान्ड आज जबकि मैने उसे पहले ही माना किया था.” नगमा ने कहा.
“वो कहानी तुम सुना चुकी हो…शो जाओ अब रात बहुत हो गयी है” प़ड़्मिनी ने कहा.
“सच बता क्या तुमने सच में नही लिया गान्ड में अब तक” नगमा ने पूछा.
“अब क्या स्टंप पेपर पे लिखवा के लाकर डू” प़ड़्मिनी झल्ला कर बोली.
“ठीक है ठीक है तुम्हारी गान्ड है तुम ज़्यादा अच्छे से जानती हो…वैसे तेरा पाती एक नंबर का चूतिया था जो उसने इतनी सेक्सी गान्ड नही मारी” नगमा ने कहा.
“दूर हटो अब…मेरी नींद ना खराब करो” प़ड़्मिनी ने नगमा को झटका दिया.
“ओक जी मैं तो हाल-चाल पूछने आई थी गुड नाइट” नगमा ने कहा.
“अफ मैं अपने गले की चैन शायद सुरिंदर के घर भूल आई” मोनिका बड़बड़ाई.
मोनिका अपने घर पहुँच गयी है. उसे ज़रा भी अंदाज़ा नही की उशके सुरिंदर के घर से जाने के बाद वाहा खून की नादिया बह गयी.
“अभी सुरिंदर को फोन कराती हूँ…”
मोनिका सुरिंदर का फोन ट्राइ कराती है.
“क्या बात है…ये फोन क्यों नही उठा रहा” मोनिका बड़बड़ाई.
“शायद शो गया होगा….मैं भी थोड़ी देर लाते लेती हूँ….सुबह बात करूँगी सुरिंदर से.”
मोनिका बिस्तर पर पसार जाती है.
“सुरिंदर के साथ कब तक चलेगा ये सब….किसी दिन संजय को पता चल गया तो….नही…नही ऐसा नही होगा….पर जो भी हो मुझे जल्दी ये सब ख़त्म करना होगा”
“इश् से पहले की मेरे तन की हवस मेरी जींदगी बर्बाद कर दे…इस कहानी को यही ख़त्म किया जाए. पर मैं ये भी जानती हूँ की ये सब सोचना आसान है और करना मुस्किल…चलो देखते हैं किस्मत कहा ले जाती है”
“ना मैं उष दिन शादी में जाती और ना ही सुरिंदर के चक्कर में फैस्टी……कम्बख़त ने पहली ही मुलाकात में फँसा लिया मुझे” मोनिका सोचते-सोचते ख़यालो में खो जाती है…………………..
“ही मोनिका संजय कहा है?”
“यार सोनिया वो किसी काम में बिज़ी थे नही आ पाएँगे”
“चल कोई बात नही इनसे मिलो ये हैं मिस्टर सुरिंदर मेरे बड़े भाई”
सुरिंदर ने मोनिका को उपर से नीचे तक देखा और बोला,”सोनिया तुम्हारी फ़्रेंड तो बहुत शुनदर है”
मोनिका ने सुरिंदर की नज़रो में देखा और श्रम से अपनी नज़रे झुका ली.
“भैया आप मोनिका से बात करो मैं अभी आई” सोनिया ने कहा.
“अरे सोनिया शन तो” मोनिका ने सोनिया को टोका पर वो उष्की बात उंशुणी करके चली गयी.
“आप शादी शुदा हो” सुरिंदर ने पूछा.
“हन और आप?” मोनिका ने पूछा.
“अभी कुँवारा हूँ….आप जैसी हसीना मिल जाती तो अब तक शादी हो चुकी होती”
मोनिका फिर से शर्मा उठी.
“क्या बात है आप शरमाती बहुत हैं आओ थोड़ा एकांत में चलते हैं यहा भीड़ बहुत है”
“एकांत! एकांत में क्यों”
“देखो मेरे इरादे तुम्हारे बड़े में बिल्कुल नेक नही हैं….मर्ज़ी हो तो चलो वरना रहने दो…मैं घुमा फिरा कर बात नही कराता.”
“हिम्मत की डाट देनी पड़ेगी…”
“बिना हिम्मत के चुत नही मिलती मेडम”
“एक्सक्यूस मे! क्या कहा आपने”
“वही जो आपने शुना….मैं उष गार्डेन में जा रहा हूँ….अपनी चुत में मेरा लंड फील करने की इचा हो तो चली आना” सुरिंदर ने गार्डेन की और इशारा करते हुवे कहा.
“तुम्हे क्या लगता है मैं तुम्हारे झाँसे में अवँगी….ई आम हॅप्पिली मर्रेइड….मुझ पे वक्त बर्बाद मत करो”
“मैं तो इनवेस्टमेंट कर रहा हूँ वक्त की….क्या पता रिटर्न मिल जाए”
सुरिंदर ने आस पास देखा और मोनिका की गान्ड पे हाथ रख कर बोला, “आओ ना ऐसा मज़ा दूँगा की अपने पाती को भूल जाओगी”
“हाथ हटाओ जनाब कोई देख लेगा…वैसे मेरे पाती मुझे बहुत मज़ा देते हैं”
“आज दूसरा लंड ट्राइ करके देखो….यू विल फील बेटर” सुरिंदर ने कहा.
“ई आम नोट इंट्रेस्टेड”
“एक बार चलो तो……कुछ और ना सही तन्हाई में प्यार की दो बाते ही कर लेंगे”
“ह्म ठीक है पर बातो के अलावा और कुछ नही ओक” मोनिका ने कहा.
“ओक जी….चलो तो सही”
दाओनो गार्डेन में आ जाते हैं.
“अछा गार्डेन बनाया है पॅलेस वालो ने….शादी के धूम धड़ाके से दूर यहा आराम से बात की जा सकती है”
“आपका शादी में मन नही लगता क्या?”
“अपनी शादी हो तो बात भी हो दूसरो की शादी में क्या मन लगेगा”
“ह्म….बहुत दिल फेंक हो तुम”
“भाई तो चारा डालता हूँ मछली फँस जाए तो ठीक है वरना कही और जगाद लगाता हूँ”
“तो क्या मछली फँस गयी” मोनिका हंस कर बोली.
“वो तो मछली के होंटो को चूम कर ही पता चलेगा” सुरिंदर ने कहते ही अचानक मोनिका को पकड़ कर उशके होंटो को अपने में जाकड़ लिया.
“उम्म्म….च…छोड़ो”
“रसीले होन्ट हैं तुम्हारे”
“मछली अभी फाँसी नही थी”
“मेरा यकीन करो फँस चुकी है” सुरिंदर ने कहा और मोनिका के बूब्स मसालने लगा.
“आअहह यू अरे डर्टी फ्लर्ट” मोनिका बड़बड़ाई.
“और तुम प्यारी मछली हो” सुरिंदर ने कहा.
“किसी ने देख लिया तो” मोनिका ने कहा.
“सब शादी में मगन हैं…फिर भी सेफ्टी के लिए उष पेड़ के पीछे चलते हैं”
Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story
सुरिंदर मोनिका का हाथ पकड़ कर पेड़ के पीछे ले आया.
“ज़्यादा वक्त नही है….ये शादी उपर उठाओ और झुक जाओ…मैं पीछे से चुत में डालूँगा”
“देखो मुझे दर लग रहा है….मेरी शादी शुदा जींदगी ना ख़तरे में प़ड़ जाए”
“चिंता मत करो, ऐसा कुछ नही होगा…उठाओ सॅडी उपर”
“नही मुझ से नही होगा…चलो चलते हैं” मोनिका ने कहा.
सुरिंदर ने अपना लंड बाहर निकाला और उसे मोनिका के हाथ में थमा दिया और बोला, “इशे क्या तड़प्ता छोड़ जाओगी”
मोनिका ने सुन्दर के लंड को अच्छे से हाथ में पकड़ा और बोली, “मैने अपने पाती के शिवा किसी से नही किया आज तक”
“तो आज कर लो तुम्हे डिफ़्फरेंट लगेगा…हर लंड अलग मज़ा देता है”
“यहा गार्डेन में कोई देख लेगा समझते क्यों नही”
“तभी तो कह रहा हूँ जल्दी शादी उपर खींच कर झुक जाओ” सुरिंदर ने कहा और मोनिका को अपना सामने घुमा दिया और खुद ही उष्की सॅडी उपर करने लगा.
“रूको मैं कराती हूँ.” मोनिका ने सॅडी उपर सरका ली.
“अब झुको तो सही खड़े खड़े नही घुस्सेगा लंड चुत में” सुरिंदर ने मोनिका के कंधे पर दबाव बनाते हुवे कहा.
मोनिका झुक गयी. मोनिका के झुकते ही सुरिंदर ने लंड को मोनिका की चुत पर टीका दिया और बोला, “यकीन नही था की तुम इतनी जल्दी पटा जाओगी” सुरिंदर ने ज़ोर का धक्का मारा और उष्का लंड पूरा अंदर फिसल गया.
“ह्म ये चुत तो खूब चुदी हुई है….सच में तेरा पाती तो खूब मज़े लेता है….हे..हे..हा..हा”
“आआहह……बाते कम करो” मोनिका बड़बड़ाई.
सुरिंदर ने ज़ोर ज़ोर से मोनिका की चुत में धक्के लगाने शुरू कर दिए.
“पर जो भी हो तेरे पाती ने स्मूद रास्ता बना रखा है तुम्हारी चुत में….रोज छोड़ता है क्या वो”
“उउउहह……रोज तो नही पर हर 2-3 दिन में” मोनिका ने हाफ्ते हुवे कहा.
“कैसा लग रहा है मेरा लंड, चुत में”
“अछा लग रहा है….आअहह जल्दी करो कोई आ जाएगा.”
“बस होने वाला है…आअहह…वैसे कोई डिफ़्फरेंसे तो बताओ मुझ मे और तुम्हारे पाती में” सुरिंदर ने कहा.
“आअहह तुम धक्के तेज माराते हो….आअहह”
“हे..हे ऐसा है क्या तो ये बताओ दुबारा भी मरवावगी क्या धक्के”
“पहले ये धक्के तो रोको आअहह कोई आ गया तो मैं फँस जवँगी”
“ये लो फिर छोड़ने जा रहा हूँ मैं अपना जूस तुम्हारे अंदर सम्भालो”
अगले ही पल मोनिका को अपनी चुत में हॉट हॉट लिक्विड महसूस हुवा.
4-5 तेज धक्के निकाल कर सुरिंदर रुक गया. तभी मोनिका की नज़र उनकी तरफ आते एक साए पर पड़ी.
“निकालो बाहर जल्दी कोई इधर आ रहा है” मोनिका बोली.
सुरिंदर ने तुरंत लंड मोनिका की चुत से बाहर खींच लिया और अपनी पेंट में डाल कर ज़िप बंद कर ली. मोनिका ने भी तुरंत ही अपनी सॅडी नीचे सर्काय और कपड़े अड्जस्ट किए.
“आओ चलें उसकी चिंता मत करो यू ही घूम रहा होगा कोई” सुरिंदर ने कहा.
“मैं तो दर ही गयी थी”
“शूकर मनाओ काम तो पूरा हो गया….धक्के अधूरे रह जाते तो पचेटाना पड़ता.”
“वो तो मैने ही प्रेशर बना वरना तो तुम धक्के पे धक्के मारे जा रहे थे.” मोनिका हंसते हुवे बोली.
“क्या करूँ तुम्हारी चुत ही ऐसी है मन कराता है धक्के मारे चले जाओ.” सुरिंदर ने मोनिका की गान्ड पर हाथ फिराते हुवे कहा.
“अछा…रहने दो ऐसा कुछ ख़ास नही है मेरी…..” मोनिका शर्मा कर बोली.
“अछा ये बताओ दुबारा धक्के कब मरवावगी”
“मेरा कोई अफेर चलाने का मूड नही है समझे”
“क्यों तुम्हे तेज धक्के पसंद नही आए क्या?”
“ऐसी बात नही है पर मैं अपने पाती के साथ खुश हूँ”
“तो क्या हुवा….कभी कभी हम भी धक्के मार लेंगे अपना नंबर दे दो”
“सोनिया के पास है मेरा नंबर” मोनिका ने कहा.
“ह्म ठीक है फिर इश्का मतलब दुबारा मुलाकात जल्दी होगी अपनी”
“देखनेगे”
अचानक दरवाजा खड़कने लगा और मोनिका अपने ख़यालो से बाहर आ गयी. उसने घड़ी की और देखा रात के एक बजे थे. “इश् वक्त कौन आ गया”
मोनिका ने डराते डराते दरवाजा खोला. “तुम! तुम तो 2 बजे आने वाले थे”
“मुझे देख कर ख़ुसी नही हुई क्या?”
“ऐसी बात नही है मैं तो बस हैरान हूँ की तुम्हारी ट्रेन तो 2 बजे आनी थी”
“छोड़ो ये सब और गरमा गरम छाए बनाओ बहुत तका हुवा हूँ”
“अछा हुवा मैं सुरिंदर के घर से जल्दी आ गयी वरना फँस जाती आज.” मोनिका ने किचन की और जाते हुवे सोचा.
“कहा ले जा रहे हो मुझे”
“आओ ना प़ड़्मिनी जी…आपको अछा लगेगा आओ”
“वो साएको यही कही आस पास है”
“उशे मैं पकड़ लूँगा चिंता मत करो अब मैं पुलिस में हूँ ज़्यादा देर नही बचेगा वो”
“मुझे लगा था की ये वर्दी किसी से माँग कर लाए हो…तुम पुलिस में कैसे चले गये”
“आपकी खातिर प़ड़्मिनी जी आपको इसे मुसीबत से जो निकालना था”
“तुम मेरी इतनी परवाह क्यों करते हो”
“पता नही शायद आपसे प्यार हो गया है”
“प्यार और तुम….सब जानती हूँ मैं ये नाटक क्या है…मैं तुम्हारे झाँसे में आने वाली नही हूँ”
“ये कोई झाँसा नही है प़ड़्मिनी जी मेरे दिल की सचाई है कहो तो अपना दिल चियर कर दीखा डू”
“दीखाओ चियर कर मैं भी तो देखूं कितना पाप छुपा है वाहा”
“जैसी आपकी मर्ज़ी” वो एक चाकू उठाता है और अपनी कमीज़ के बतन खोल कर चाकू से अपना जिगर चीरेने लगता है. खून की कुछ बूंदे उभर आती हैं उशके शीने पर.
“रूको ये क्या कोई मज़ाक है?”
“प़ड़्मिनी जी मेरे लिए तो ये हक़ीकत है आप शायद इशे मज़ाक समझ रही हैं”
“ऐसे दिल चियर दोगे तो उष साएको को कौन पकड़ेगा”
“मेरा बहोत उसे पकड़ कर जहन्नुम में डाल देगा”
“तुम प्यार कैसे कर सकते हो?”
“प्यार तो प्यार है प़ड़्मिनी जी…कभी भी कही भी हो सकता है”
“नगमा को पता चल गया तो वो मुझे नही छोड़ेगी…… काई बार चेतावनी दे चुकी है मुझे की मेरे राजू से दूर रहना”
“नगमा की चिंता मत करो उष्का मेरा कोई प्यार का रिश्ता नही है”
“शरीर का रिश्ता तो है ना”
“ऐसा रिश्ता तो नगमा का काई लोगो से है…मेरे होने ना होने से उसे फराक नही पड़ेगा”
“नही पर वो फीडा है तुम पर”
“फीडा है….ऐसा नही हो सकता…तुम्हे कैसे पता ये?”
“उशी ने बताया था…”
“बकवास है….उष्को क्या कमी है लड़को की”
“नही वो कह रही थी की……” प़ड़्मिनी कहते-कहते रुक गयी
“क्या कह रही थी?”
“वो कह रही थी की तुम बहुत अच्छे से करते हो…तुम जैसा कोई नही”
“क्या अच्छे से कराता हूँ मैं कुछ समझा नही प़ड़्मिनी जी”
“राजू तुम सब समझ रहे हो नादान मत बनो”
“मुझे सच में कुछ समझ नही आया…सॉफ सॉफ बताओ ना क्या कह रही थी नगमा मेरे बड़े में”
“वो कह रही थी की तुम वो पकड़ कर बहुत अच्छे से घुस्साते हो….समझ गये अब”
“वो मतलब की गान्ड है ना”
“हन हाँ वही”
“अब मैने नगमा की चुत अच्छे से मारी है तो इश्का मतलब ये तो नही की मैं सारी उमर उशी के साथ रहूँगा…मेरा अपना दिल भी तो है जीशमे प्यार उमड़ रहा है तुम्हारे लिए”
“ऐसी बाते मत करो मुझे कुछ कुछ होता है”
“तुम्हे भी मुझसे प्यार हो गया है हैं ना”
“ऐसा नही है”
“ऐसा ही है प़ड़्मिनी जी”
“तुम नगमा को चोद दोगे क्या?”
“नगमा के पास बहुत आशिक हैं उष्की छींटा क्यों कर रही हो…आओ अपने प्यार का थोड़ा मज़ा ले”
“मज़ा ले मतलब?”
“मतलब की कुछ हो जाए”
“देखा ये प्यार नही हवस है तुम्हारी”
“हवस में भी तो प्यार ही है…आओ तुम्हे कुछ दीखाता हूँ”
“क्या धीखाओगे”
“वही जीशकि नगमा दीवानी थी”
“मुझे नही देखना”
“तुम देखे बिना रह नही पावगी” राजू ने कहा और अपनी ज़िप खोल कर अपना भारी भरकम विशाल काय लंड बाहर खींच लिया.
प़ड़्मिनी ने राजू के लंड को सरसरी नज़र से देखा लेकिन एक बार उष पर नज़र क्या गयी वही टिकी रह गयी.
“ओह माई गोद, ये तो बहुत बड़ा है…ये कैसे मुमकिन है”
“नगमा इसे लंड की दीवानी है और कुछ नही…पर आज से ये लंड तुम्हारा है छू कर देखो तुम्हे अछा लगेगा”
“तुम्हारा मेरा प्यार नही हो सकता”
“क्यों?”
“इतना बड़ा ना बाबा ना…मुझे नही करना ये प्यार”
“प़ड़्मिनी जी ऐसा मत कहो….ये आपको प्यार के शिवा कुछ और नही देगा”
“प्यार नही ये दर्द देगा मैं खूब समझ रही हूँ”
“ऐसा कुछ नही है डरो मत”
“डरने की बात ही है मैने इतना भयानक आज तक नही देखा”
“अफ मैने ये लंड दीखा कर ग़लती कर ली चुपचाप तुम्हारी चुत में डाल देता तो अछा रहता”
“ये नही डालेगा वाहा राजू…भूल जाओ मुझे”
“कैसी बात कराती हो नगमा तो पूरा ले लेती है….उष्की तो गान्ड में भी पूरा उतार दिया था मैने…तुम्हारे अंदर क्यों नही जाएगा फिर ये”
“मुझे नही पता पर ये मुमकिन नही है”
“आओ अभी ट्राइ करके देखते हैं”
“मुझे क्या पागल समझा है तुमने”
“नही प़ड़्मिनी जी आप ग़लत समझ रही हैं”
“देखो नगमा इधर ही आ रही है….उशके सामने कोई बात मत करना” प़ड़्मिनी ने कहा.
“वो यहा नही आएगी…उशे नींद आ रही है देखो वो तो खाट बीचा कर लाते गयी”
प़ड़्मिनी ने मूड कर देखा. नगमा वाकाई पेड़ के नीचे खाट पर लेती थी.
“पर उष्की नज़र यही रहेगी” प़ड़्मिनी ने कहा.
“छोड़ो ना उसे वो शो चुकी है आओ मुझे डालने दो…ये जीन्स ज़रा नीचे सरकाओ”
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 13
“ज़्यादा वक्त नही है….ये शादी उपर उठाओ और झुक जाओ…मैं पीछे से चुत में डालूँगा”
“देखो मुझे दर लग रहा है….मेरी शादी शुदा जींदगी ना ख़तरे में प़ड़ जाए”
“चिंता मत करो, ऐसा कुछ नही होगा…उठाओ सॅडी उपर”
“नही मुझ से नही होगा…चलो चलते हैं” मोनिका ने कहा.
सुरिंदर ने अपना लंड बाहर निकाला और उसे मोनिका के हाथ में थमा दिया और बोला, “इशे क्या तड़प्ता छोड़ जाओगी”
मोनिका ने सुन्दर के लंड को अच्छे से हाथ में पकड़ा और बोली, “मैने अपने पाती के शिवा किसी से नही किया आज तक”
“तो आज कर लो तुम्हे डिफ़्फरेंट लगेगा…हर लंड अलग मज़ा देता है”
“यहा गार्डेन में कोई देख लेगा समझते क्यों नही”
“तभी तो कह रहा हूँ जल्दी शादी उपर खींच कर झुक जाओ” सुरिंदर ने कहा और मोनिका को अपना सामने घुमा दिया और खुद ही उष्की सॅडी उपर करने लगा.
“रूको मैं कराती हूँ.” मोनिका ने सॅडी उपर सरका ली.
“अब झुको तो सही खड़े खड़े नही घुस्सेगा लंड चुत में” सुरिंदर ने मोनिका के कंधे पर दबाव बनाते हुवे कहा.
मोनिका झुक गयी. मोनिका के झुकते ही सुरिंदर ने लंड को मोनिका की चुत पर टीका दिया और बोला, “यकीन नही था की तुम इतनी जल्दी पटा जाओगी” सुरिंदर ने ज़ोर का धक्का मारा और उष्का लंड पूरा अंदर फिसल गया.
“ह्म ये चुत तो खूब चुदी हुई है….सच में तेरा पाती तो खूब मज़े लेता है….हे..हे..हा..हा”
“आआहह……बाते कम करो” मोनिका बड़बड़ाई.
सुरिंदर ने ज़ोर ज़ोर से मोनिका की चुत में धक्के लगाने शुरू कर दिए.
“पर जो भी हो तेरे पाती ने स्मूद रास्ता बना रखा है तुम्हारी चुत में….रोज छोड़ता है क्या वो”
“उउउहह……रोज तो नही पर हर 2-3 दिन में” मोनिका ने हाफ्ते हुवे कहा.
“कैसा लग रहा है मेरा लंड, चुत में”
“अछा लग रहा है….आअहह जल्दी करो कोई आ जाएगा.”
“बस होने वाला है…आअहह…वैसे कोई डिफ़्फरेंसे तो बताओ मुझ मे और तुम्हारे पाती में” सुरिंदर ने कहा.
“आअहह तुम धक्के तेज माराते हो….आअहह”
“हे..हे ऐसा है क्या तो ये बताओ दुबारा भी मरवावगी क्या धक्के”
“पहले ये धक्के तो रोको आअहह कोई आ गया तो मैं फँस जवँगी”
“ये लो फिर छोड़ने जा रहा हूँ मैं अपना जूस तुम्हारे अंदर सम्भालो”
अगले ही पल मोनिका को अपनी चुत में हॉट हॉट लिक्विड महसूस हुवा.
4-5 तेज धक्के निकाल कर सुरिंदर रुक गया. तभी मोनिका की नज़र उनकी तरफ आते एक साए पर पड़ी.
“निकालो बाहर जल्दी कोई इधर आ रहा है” मोनिका बोली.
सुरिंदर ने तुरंत लंड मोनिका की चुत से बाहर खींच लिया और अपनी पेंट में डाल कर ज़िप बंद कर ली. मोनिका ने भी तुरंत ही अपनी सॅडी नीचे सर्काय और कपड़े अड्जस्ट किए.
“आओ चलें उसकी चिंता मत करो यू ही घूम रहा होगा कोई” सुरिंदर ने कहा.
“मैं तो दर ही गयी थी”
“शूकर मनाओ काम तो पूरा हो गया….धक्के अधूरे रह जाते तो पचेटाना पड़ता.”
“वो तो मैने ही प्रेशर बना वरना तो तुम धक्के पे धक्के मारे जा रहे थे.” मोनिका हंसते हुवे बोली.
“क्या करूँ तुम्हारी चुत ही ऐसी है मन कराता है धक्के मारे चले जाओ.” सुरिंदर ने मोनिका की गान्ड पर हाथ फिराते हुवे कहा.
“अछा…रहने दो ऐसा कुछ ख़ास नही है मेरी…..” मोनिका शर्मा कर बोली.
“अछा ये बताओ दुबारा धक्के कब मरवावगी”
“मेरा कोई अफेर चलाने का मूड नही है समझे”
“क्यों तुम्हे तेज धक्के पसंद नही आए क्या?”
“ऐसी बात नही है पर मैं अपने पाती के साथ खुश हूँ”
“तो क्या हुवा….कभी कभी हम भी धक्के मार लेंगे अपना नंबर दे दो”
“सोनिया के पास है मेरा नंबर” मोनिका ने कहा.
“ह्म ठीक है फिर इश्का मतलब दुबारा मुलाकात जल्दी होगी अपनी”
“देखनेगे”
अचानक दरवाजा खड़कने लगा और मोनिका अपने ख़यालो से बाहर आ गयी. उसने घड़ी की और देखा रात के एक बजे थे. “इश् वक्त कौन आ गया”
मोनिका ने डराते डराते दरवाजा खोला. “तुम! तुम तो 2 बजे आने वाले थे”
“मुझे देख कर ख़ुसी नही हुई क्या?”
“ऐसी बात नही है मैं तो बस हैरान हूँ की तुम्हारी ट्रेन तो 2 बजे आनी थी”
“छोड़ो ये सब और गरमा गरम छाए बनाओ बहुत तका हुवा हूँ”
“अछा हुवा मैं सुरिंदर के घर से जल्दी आ गयी वरना फँस जाती आज.” मोनिका ने किचन की और जाते हुवे सोचा.
“कहा ले जा रहे हो मुझे”
“आओ ना प़ड़्मिनी जी…आपको अछा लगेगा आओ”
“वो साएको यही कही आस पास है”
“उशे मैं पकड़ लूँगा चिंता मत करो अब मैं पुलिस में हूँ ज़्यादा देर नही बचेगा वो”
“मुझे लगा था की ये वर्दी किसी से माँग कर लाए हो…तुम पुलिस में कैसे चले गये”
“आपकी खातिर प़ड़्मिनी जी आपको इसे मुसीबत से जो निकालना था”
“तुम मेरी इतनी परवाह क्यों करते हो”
“पता नही शायद आपसे प्यार हो गया है”
“प्यार और तुम….सब जानती हूँ मैं ये नाटक क्या है…मैं तुम्हारे झाँसे में आने वाली नही हूँ”
“ये कोई झाँसा नही है प़ड़्मिनी जी मेरे दिल की सचाई है कहो तो अपना दिल चियर कर दीखा डू”
“दीखाओ चियर कर मैं भी तो देखूं कितना पाप छुपा है वाहा”
“जैसी आपकी मर्ज़ी” वो एक चाकू उठाता है और अपनी कमीज़ के बतन खोल कर चाकू से अपना जिगर चीरेने लगता है. खून की कुछ बूंदे उभर आती हैं उशके शीने पर.
“रूको ये क्या कोई मज़ाक है?”
“प़ड़्मिनी जी मेरे लिए तो ये हक़ीकत है आप शायद इशे मज़ाक समझ रही हैं”
“ऐसे दिल चियर दोगे तो उष साएको को कौन पकड़ेगा”
“मेरा बहोत उसे पकड़ कर जहन्नुम में डाल देगा”
“तुम प्यार कैसे कर सकते हो?”
“प्यार तो प्यार है प़ड़्मिनी जी…कभी भी कही भी हो सकता है”
“नगमा को पता चल गया तो वो मुझे नही छोड़ेगी…… काई बार चेतावनी दे चुकी है मुझे की मेरे राजू से दूर रहना”
“नगमा की चिंता मत करो उष्का मेरा कोई प्यार का रिश्ता नही है”
“शरीर का रिश्ता तो है ना”
“ऐसा रिश्ता तो नगमा का काई लोगो से है…मेरे होने ना होने से उसे फराक नही पड़ेगा”
“नही पर वो फीडा है तुम पर”
“फीडा है….ऐसा नही हो सकता…तुम्हे कैसे पता ये?”
“उशी ने बताया था…”
“बकवास है….उष्को क्या कमी है लड़को की”
“नही वो कह रही थी की……” प़ड़्मिनी कहते-कहते रुक गयी
“क्या कह रही थी?”
“वो कह रही थी की तुम बहुत अच्छे से करते हो…तुम जैसा कोई नही”
“क्या अच्छे से कराता हूँ मैं कुछ समझा नही प़ड़्मिनी जी”
“राजू तुम सब समझ रहे हो नादान मत बनो”
“मुझे सच में कुछ समझ नही आया…सॉफ सॉफ बताओ ना क्या कह रही थी नगमा मेरे बड़े में”
“वो कह रही थी की तुम वो पकड़ कर बहुत अच्छे से घुस्साते हो….समझ गये अब”
“वो मतलब की गान्ड है ना”
“हन हाँ वही”
“अब मैने नगमा की चुत अच्छे से मारी है तो इश्का मतलब ये तो नही की मैं सारी उमर उशी के साथ रहूँगा…मेरा अपना दिल भी तो है जीशमे प्यार उमड़ रहा है तुम्हारे लिए”
“ऐसी बाते मत करो मुझे कुछ कुछ होता है”
“तुम्हे भी मुझसे प्यार हो गया है हैं ना”
“ऐसा नही है”
“ऐसा ही है प़ड़्मिनी जी”
“तुम नगमा को चोद दोगे क्या?”
“नगमा के पास बहुत आशिक हैं उष्की छींटा क्यों कर रही हो…आओ अपने प्यार का थोड़ा मज़ा ले”
“मज़ा ले मतलब?”
“मतलब की कुछ हो जाए”
“देखा ये प्यार नही हवस है तुम्हारी”
“हवस में भी तो प्यार ही है…आओ तुम्हे कुछ दीखाता हूँ”
“क्या धीखाओगे”
“वही जीशकि नगमा दीवानी थी”
“मुझे नही देखना”
“तुम देखे बिना रह नही पावगी” राजू ने कहा और अपनी ज़िप खोल कर अपना भारी भरकम विशाल काय लंड बाहर खींच लिया.
प़ड़्मिनी ने राजू के लंड को सरसरी नज़र से देखा लेकिन एक बार उष पर नज़र क्या गयी वही टिकी रह गयी.
“ओह माई गोद, ये तो बहुत बड़ा है…ये कैसे मुमकिन है”
“नगमा इसे लंड की दीवानी है और कुछ नही…पर आज से ये लंड तुम्हारा है छू कर देखो तुम्हे अछा लगेगा”
“तुम्हारा मेरा प्यार नही हो सकता”
“क्यों?”
“इतना बड़ा ना बाबा ना…मुझे नही करना ये प्यार”
“प़ड़्मिनी जी ऐसा मत कहो….ये आपको प्यार के शिवा कुछ और नही देगा”
“प्यार नही ये दर्द देगा मैं खूब समझ रही हूँ”
“ऐसा कुछ नही है डरो मत”
“डरने की बात ही है मैने इतना भयानक आज तक नही देखा”
“अफ मैने ये लंड दीखा कर ग़लती कर ली चुपचाप तुम्हारी चुत में डाल देता तो अछा रहता”
“ये नही डालेगा वाहा राजू…भूल जाओ मुझे”
“कैसी बात कराती हो नगमा तो पूरा ले लेती है….उष्की तो गान्ड में भी पूरा उतार दिया था मैने…तुम्हारे अंदर क्यों नही जाएगा फिर ये”
“मुझे नही पता पर ये मुमकिन नही है”
“आओ अभी ट्राइ करके देखते हैं”
“मुझे क्या पागल समझा है तुमने”
“नही प़ड़्मिनी जी आप ग़लत समझ रही हैं”
“देखो नगमा इधर ही आ रही है….उशके सामने कोई बात मत करना” प़ड़्मिनी ने कहा.
“वो यहा नही आएगी…उशे नींद आ रही है देखो वो तो खाट बीचा कर लाते गयी”
प़ड़्मिनी ने मूड कर देखा. नगमा वाकाई पेड़ के नीचे खाट पर लेती थी.
“पर उष्की नज़र यही रहेगी” प़ड़्मिनी ने कहा.
“छोड़ो ना उसे वो शो चुकी है आओ मुझे डालने दो…ये जीन्स ज़रा नीचे सरकाओ”
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 13
Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story
“अगर उसने देख लिया ना तो मेरी जान ले लेगी वो”
“मेरा यकीन करो वो शो चुकी है”
राजू ने प़ड़्मिनी की जीन्स का बतन खोला और उसे नीचे खीचने लगा.
“रूको इतनी जल्दी क्या है?”
“मैं तड़प रहा हूँ प़ड़्मिनी जी प्लीज़ जल्दी से ये जीन्स उतारो”
प़ड़्मिनी ने जीन्स नीचे सरका ली. राजू ने फ़ौरन प़ड़्मिनी की पेंटी नीचे खींच ली.
“बहुत शुनदर….ऐसी चुत मैने आज तक नही देखी…आपके चेहरे की तरह आपकी चुत भी शुनदर है”
“चुप रहो नगमा शन लेगी”
“उष्की मुझे परवाह नही….चलो थोड़ा घूम जाओ मुझे पीछे से डालना अछा लगता है”
“आज ही डालना क्या ज़रूरी है…फिर कभी देखेंगे”
“नही आज ही फ़ैसला हो जाए की ये लंड अंदर जाएगा की नही”
“अगर नही गया तो…क्या ये प्यार ख़त्म?”
“प्यार सेक्स का मोहताज़ नही है प़ड़्मिनी जी….ई लव यू”
“पता नही क्यों पर तुम मुझे अच्छे लगे”
“यही तो प्यार है…चलो थोड़ा घूम जाओ अब”
प़ड़्मिनी राजू के सामने घूम कर झुक गयी और राजू ने उष्की शुनदर चुत पर लंड टीका दिया.
“देखो थोड़ा धीरे से डालना” प़ड़्मिनी ने कहा.
“आप बिल्कुल चिंता मत करो बिल्कुल धीरे से डालूँगा”
“आआहह मार गयी इशे धीरे कहते हो तुम…निकालो बाहर नही जाएगा ये” प़ड़्मिनी छील्लाई
“जब लंड बड़ा हो तो थोड़ा ज़ोर तो लगाना ही पड़ता है हे हे हे” राजू ने कहा.
“अफ ये आगे नही जाएगा मेरी बात मानो और मत डालना”
“प़ड़्मिनी जी ये पूरा जाएगा….आप चिंता मत करो” राजू ने ज़ोर लगा कर धक्का मारा.
“उुउऊहह मा…डाल दिया क्या पूरा बहुत दर्द हो रहा है”
“अभी आधा गया है प़ड़्मिनी जी”
“ये प्यार आधा ही रहने दो राजू प्लीज़ पूरा मत डालना मैं मार जवँगी”
“आज तक कोई लंड घुस्सने से नही मारा…ये प्यार पूरा हो के रहेगा आअहह” राजू ने कहा और इसे बार ज़ोर लगा कर अपना पूरा लंड प़ड़्मिनी की चुत में उतार दिया.
“उूउऊयययययीीईई मा….आआअहह मेरी जान ले कर रहोगे आज तुम आहह”
“कंग्रॅजुलेशन प़ड़्मिनी जी मेरा लंड पूरा का पूरा अब आपकी चुत में है”
“इशे पूरा लेने में जो मेरी हालत हुई है वो मैं ही जानती हूँ…ऐसा प्यार रोज मिलेगा तो मैं तो गयी काम से” प़ड़्मिनी ने हांपते हुवे कहा.
“हर बार ऐसा दर्द नही होगा तुम्हारी चुत धीरे धीरे अड्जस्ट कर लेगी”
“आआहह पता नही अभी तो बहुत दर्द हो रहा है.”
“थोड़ी देर रुकते हैं”
“हन मैं भी यही कहने वाली थी”
“अब जब मैं तुम्हारी मारूँगा तो तुम्हे बहुत मज़ा आएगा”
“नगमा ठीक कहती थी तुम वो पकड़ कर ही घुस्साते हो”
“गान्ड को पकड़ कर चुत में लंड डालने का मज़ा ही कुछ और है”
“ह्म….नगमा अभी भी शो रही है ना”
“हन-हन शो रही है तुम उष्की चिंता मत करो”
“अब थोड़ा आराम है”
“मतलब की मैं चुत मारना शुरू करूँ”
“मेरा वो मतलब नही था”
“जो भी हो मैं अब मारने जा रहा हूँ” राजू ने कहा और अपना लंड प़ड़्मिनी की चुत से बाहर की और खींच कर वापिस अंदर ढकैयल दिया.
“उउउहह….आअहह”
“क्या हुवा अछा लगा ना” राजू ने पूछा.
“उम्म पता नही तुम करते रहो”
“तुम एंजाय कर रही हो मुझे पता है…बड़ा लंड पहले थोड़ा दर्द ज़रूर देता है लेकिन बाद में बेहिसाहब मज़ा भी देता है”
“आआहह बहुत गर्व है तुम्हे अपने साइज़ पर हन”
“क्यों ना हो हर किसी को ये साइज़ नही मिलता प़ड़्मिनी जी….आअहह”
राजू ने अपने धक्को की बढ़ता बहुत तेज कर दी.
“य…य..ये क्या कर रहे हो थोड़ा धीरे चलाओ गाड़ी”
“सॉरी ब्रेक फैल हो गये हैं अब बढ़ता कम नही होगी”
“गयी भंस पानी में…ब्रेक किशणे खराब किए ये ज़रूर नगमा का काम है”
“हे..हे..शायद उशी का काम है आआहह”
“उुउऊहह तुमने तो तूफान मचा दिया आआहह.”
“ऐसी शुनदर चुत मिलेगी तो तूफान तो आएगा ही” राजू ने कहा
“रूको नगमा करवट ले रही है….. और….और ये उशके पास कौन खड़ा है….हे भगवान ये तो वही साएको है…राजू रूको देखो वही है कातिल….रुक जाओ वो नगमा को मार देगा आअहह”
“इश् हराम खोर साएको को भी अभी आना था….प़ड़्मिनी जी ये गाड़ी अब मंज़िल पर पहुँच कर ही रुकेगी” राजू लगातार प़ड़्मिनी की चुत में धक्के माराता रहा.
“रुक जाओ राजू वो साएको चाकू निकाल रहा है” प़ड़्मिनी ने हानफते हुवे कहा.
“आआहह बस थोड़ी देर और आआहह”
तभी नगमा ने करवट ली पर प़ड़्मिनी को खाट पर नगमा की जगह कोई और दीखा.
“अरे ये तो वही वितनेस है जीशणे मेरे खीलाफ गवाही दी थी”
“जो कोई भी हो अब मैं ये चुत पूरी तरह मार कर ही रुकुंगा आअहह”
“आआआहह राजू प्लीज़ रूको”
तभी प़ड़्मिनी ने देखा की साएको ने तेज धार चाकू से सुरिंदर पर हमले शुरू कर दिए. राजू भी तभी प़ड़्मिनी की चुत में झाड़ गया उसने प़ड़्मिनी की चुत को पूरा पानी से भर दिया.
“नहियीईईईईईईईईईईईई” प़ड़्मिनी ज़ोर से छील्ला कर बेड पर बैठ गयी.
“क….क्या हुवा तुम्हे” पास पड़ी नगमा भी उठ गयी.
“अफ ये कैसा अजीब सपना था.” प़ड़्मिनी ने मन ही मन कहा.
प़ड़्मिनी की छींख शन कर राजू और मोहित भी उठ गये. राजू ने उठ कर कमरे की लाइट जला दी.
“क्या हुवा?” मोहित ने पूछा.
“हन बोलो प़ड़्मिनी क्या बात है?” नगमा ने प़ड़्मिनी के कंधे पर हाथ रख कर पूछा.
“कुछ नही बुरा सपना था…शो जाओ तुम” प़ड़्मिनी ने कहा.
“सुबह के 6 बजे हैं अब क्या शोएंगे…बताओ ना” नगमा ने कहा.
“हन-हन प़ड़्मिनी जी बताओ ना क्या बात है” राजू भी बोल पड़ा
प़ड़्मिनी ने राजू की तरफ देखा और अपने दिल पर हाथ रख लिया. दिल बहुत तेज धड़क रहा था. उसे अपनी टाँगो के बीच गीला गीला महसूस हुवा. बात सॉफ थी उसने ड्रीम में बहुत इनटेन्स ऑर्गॅज़म को महसूस किया था. उष्का असर अभी भी उशके दिलो दीमग पर था.
“प़ड़्मिनी जी क्या हुवा कुछ तो बोलिए” राजू ने फिर कहा.
“हन-हन प़ड़्मिनी बोलो ना क्या बात है?” नगमा ने कहा.
“मैने बहुत अजीब सपना देखा….वो…वो साएको उष वितनेस को मार रहा था. राजू पुलिस की वर्दी में था…….बस इतना ही याद है” प़ड़्मिनी ने कहा.
पूरा सपना प़ड़्मिनी बता भी नही सकती थी. वो बेड से उठ कर टाय्लेट में चली गयी.
“लो कर लो बात खोदा पहाड़ और निकला चूहा” नगमा ने कहा.
“तुम्हे क्या पहाड़ खोदने पर लंड की उम्मीद थी” मोहित ने धीरे से कहा.
“जी नही….मुझसे मज़ाक मत किया करो”नगमा ने कहा.
राजू को पता नही क्या सूझी उसने टीवी ऑन कर दिया.
बाइ चान्स टीवी पर सुरिंदर के खून की खबर ही आ रही थी.
“बहुत ही दर्दनाक मौत दी है कातिल ने सुरिंदर को. कातिल ने उन दो कॉन्स्टेबल्स को भी मार डाला जो की सुरिंदर के घर पर तैनात थे. पूरा शक प़ड़्मिनी अरोरा और उशके नकाब पॉश साथी पर है. सुरिंदर के घर के सामने रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया है की उसने रात के कोई 11:30 बजे एक महिला को सुरिंदर के घर से निकलते देखा था. हो ना हो शायद वो महिलप़ड़मिनी ही थी. अभी पुलिस की तरफ से कोई बयान नही आया है. दो कॉन्स्टेबल्स की मौत के बाद पुलिस महकमा भी सकते में है” न्यूज़ आंकर ने कहा.
न्यूज़ शुंते ही राजू और मोहित हैरान रह गये. तभी प़ड़्मिनी भी टाय्लेट से बाहर आ गयी.
“आपका सपना तो सच हो गया प़ड़्मिनी जी…देखिए न्यूज़ पर दीखा रहे हैं की सुरिंदर का खून हो गया” राजू ने कहा.
“इश्का मतलब तुम्हे पुलिस की वर्दी मिलने वाली है….सपने में तुम भी तो पुलिस की वर्दी में थे” मोहित ने कहा
“प़ड़्मिनी जी पूरा सपना सूनाओ ना” राजू ने कहा.
“नही-नही मुझे पूरा सपना याद नही… जितना याद था बता दिया बाकी मैं भूल गयी” प़ड़्मिनी ने कहा.
“तुम कुछ छुपा रही हो….सच-सच बताओ मेरा राजू तुम्हारे सपने में क्या कर रहा था?” नगमा ने प़ड़्मिनी के कान में कहा.
“मैं क्यों कुछ चुपवँगी मुझे जो याद रहा बता दिया” प़ड़्मिनी ने धीरे से कहा.
“कहीं राजू तुझे झुका के तेरी चुत तो नही मार रहा था” नगमा ने धीरे से कहा.
प़ड़्मिनी ने नगमा की और गौर से देखा जैसे की पूछ रही हो की ‘तुम्हे कैसे पता?‚
“क्या हुवा ऐसे क्यों देख रही हो जैसे की मैने तुम्हारी चोरी पकड़ ली….अरे मैं तो मज़ाक कर रही हूँ. राजू अक्सर झुका कर चुत माराता है. वो तुम्हारे सपने में था मैने सोचा कही तुम्हारी भी मार ली हो. हक़ीकत में ऐसा सोचना भी मत तुम्हारी जान ले लूँगी मैं” नगमा ने कहा.
“क्या कह रही हो प़ड़्मिनी जी को चुपचाप…उन्हे परेशान मत करो” राजू ने कहा.
प़ड़्मिनी ने राजू की तरफ देखा और मन ही मन बोली,”प्यार और वो भी राजू से कभी नही….ची कितना गंदा सपना था. सब इसे नगमा के कारण हुवा…हर वक्त गंदी बाते कराती रहती है. कही ये सपना सच हुवा तो…नही… नही सपने की सारी बाते थोड़ा सच हो सकती हैं. पर ये सुबह का सपना है. एक बात तो सच भी हो गयी. पर जो भी हो मैं राजू जैसे लड़के से प्यार किसी भी हालत में नही कर सकती”
“कहा खो गयी और मेरे राजू को इसे तरह से क्या देख रही हो” नगमा ने प़ड़्मिनी को हिलाया.
“कुछ नही है हर वक्त एक ही राग मत गाया करो” प़ड़्मिनी ने कहा.
अगले ही पल प़ड़्मिनी गहरी चिंता में खो गयी.
“उष वितनेस के मरने का मतलब है की मैं अब बुरी तरह फँस चुकी हूँ” प़ड़्मिनी ने कहा.
“ये साएको जो भी हो है बहुत शातिर…पूरी प्लॅनिंग से काम कर रहा है” राजू ने कहा.
“अब हम क्या करेंगे?” प़ड़्मिनी ने कहा.
ये ऐसा सवाल था जीशका किसी के पास कोई जवाब नही था. कमरे में सन्नाटा हो गया. किसी ने कुछ नही कहा.
“कब आई मेडम” चौहान ने पूछा.
“सिर सुबह सुबह 9 बजे से हैं अपने कमरे में काफ़ी गुस्से वाली लगती हैं…काफ़ी यंग हैं कोई 24-25 साल की होंगी”
“देखने में कैसी है…शुनदर है क्या?” चौहान ने पूछा.
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 14
“मेरा यकीन करो वो शो चुकी है”
राजू ने प़ड़्मिनी की जीन्स का बतन खोला और उसे नीचे खीचने लगा.
“रूको इतनी जल्दी क्या है?”
“मैं तड़प रहा हूँ प़ड़्मिनी जी प्लीज़ जल्दी से ये जीन्स उतारो”
प़ड़्मिनी ने जीन्स नीचे सरका ली. राजू ने फ़ौरन प़ड़्मिनी की पेंटी नीचे खींच ली.
“बहुत शुनदर….ऐसी चुत मैने आज तक नही देखी…आपके चेहरे की तरह आपकी चुत भी शुनदर है”
“चुप रहो नगमा शन लेगी”
“उष्की मुझे परवाह नही….चलो थोड़ा घूम जाओ मुझे पीछे से डालना अछा लगता है”
“आज ही डालना क्या ज़रूरी है…फिर कभी देखेंगे”
“नही आज ही फ़ैसला हो जाए की ये लंड अंदर जाएगा की नही”
“अगर नही गया तो…क्या ये प्यार ख़त्म?”
“प्यार सेक्स का मोहताज़ नही है प़ड़्मिनी जी….ई लव यू”
“पता नही क्यों पर तुम मुझे अच्छे लगे”
“यही तो प्यार है…चलो थोड़ा घूम जाओ अब”
प़ड़्मिनी राजू के सामने घूम कर झुक गयी और राजू ने उष्की शुनदर चुत पर लंड टीका दिया.
“देखो थोड़ा धीरे से डालना” प़ड़्मिनी ने कहा.
“आप बिल्कुल चिंता मत करो बिल्कुल धीरे से डालूँगा”
“आआहह मार गयी इशे धीरे कहते हो तुम…निकालो बाहर नही जाएगा ये” प़ड़्मिनी छील्लाई
“जब लंड बड़ा हो तो थोड़ा ज़ोर तो लगाना ही पड़ता है हे हे हे” राजू ने कहा.
“अफ ये आगे नही जाएगा मेरी बात मानो और मत डालना”
“प़ड़्मिनी जी ये पूरा जाएगा….आप चिंता मत करो” राजू ने ज़ोर लगा कर धक्का मारा.
“उुउऊहह मा…डाल दिया क्या पूरा बहुत दर्द हो रहा है”
“अभी आधा गया है प़ड़्मिनी जी”
“ये प्यार आधा ही रहने दो राजू प्लीज़ पूरा मत डालना मैं मार जवँगी”
“आज तक कोई लंड घुस्सने से नही मारा…ये प्यार पूरा हो के रहेगा आअहह” राजू ने कहा और इसे बार ज़ोर लगा कर अपना पूरा लंड प़ड़्मिनी की चुत में उतार दिया.
“उूउऊयययययीीईई मा….आआअहह मेरी जान ले कर रहोगे आज तुम आहह”
“कंग्रॅजुलेशन प़ड़्मिनी जी मेरा लंड पूरा का पूरा अब आपकी चुत में है”
“इशे पूरा लेने में जो मेरी हालत हुई है वो मैं ही जानती हूँ…ऐसा प्यार रोज मिलेगा तो मैं तो गयी काम से” प़ड़्मिनी ने हांपते हुवे कहा.
“हर बार ऐसा दर्द नही होगा तुम्हारी चुत धीरे धीरे अड्जस्ट कर लेगी”
“आआहह पता नही अभी तो बहुत दर्द हो रहा है.”
“थोड़ी देर रुकते हैं”
“हन मैं भी यही कहने वाली थी”
“अब जब मैं तुम्हारी मारूँगा तो तुम्हे बहुत मज़ा आएगा”
“नगमा ठीक कहती थी तुम वो पकड़ कर ही घुस्साते हो”
“गान्ड को पकड़ कर चुत में लंड डालने का मज़ा ही कुछ और है”
“ह्म….नगमा अभी भी शो रही है ना”
“हन-हन शो रही है तुम उष्की चिंता मत करो”
“अब थोड़ा आराम है”
“मतलब की मैं चुत मारना शुरू करूँ”
“मेरा वो मतलब नही था”
“जो भी हो मैं अब मारने जा रहा हूँ” राजू ने कहा और अपना लंड प़ड़्मिनी की चुत से बाहर की और खींच कर वापिस अंदर ढकैयल दिया.
“उउउहह….आअहह”
“क्या हुवा अछा लगा ना” राजू ने पूछा.
“उम्म पता नही तुम करते रहो”
“तुम एंजाय कर रही हो मुझे पता है…बड़ा लंड पहले थोड़ा दर्द ज़रूर देता है लेकिन बाद में बेहिसाहब मज़ा भी देता है”
“आआहह बहुत गर्व है तुम्हे अपने साइज़ पर हन”
“क्यों ना हो हर किसी को ये साइज़ नही मिलता प़ड़्मिनी जी….आअहह”
राजू ने अपने धक्को की बढ़ता बहुत तेज कर दी.
“य…य..ये क्या कर रहे हो थोड़ा धीरे चलाओ गाड़ी”
“सॉरी ब्रेक फैल हो गये हैं अब बढ़ता कम नही होगी”
“गयी भंस पानी में…ब्रेक किशणे खराब किए ये ज़रूर नगमा का काम है”
“हे..हे..शायद उशी का काम है आआहह”
“उुउऊहह तुमने तो तूफान मचा दिया आआहह.”
“ऐसी शुनदर चुत मिलेगी तो तूफान तो आएगा ही” राजू ने कहा
“रूको नगमा करवट ले रही है….. और….और ये उशके पास कौन खड़ा है….हे भगवान ये तो वही साएको है…राजू रूको देखो वही है कातिल….रुक जाओ वो नगमा को मार देगा आअहह”
“इश् हराम खोर साएको को भी अभी आना था….प़ड़्मिनी जी ये गाड़ी अब मंज़िल पर पहुँच कर ही रुकेगी” राजू लगातार प़ड़्मिनी की चुत में धक्के माराता रहा.
“रुक जाओ राजू वो साएको चाकू निकाल रहा है” प़ड़्मिनी ने हानफते हुवे कहा.
“आआहह बस थोड़ी देर और आआहह”
तभी नगमा ने करवट ली पर प़ड़्मिनी को खाट पर नगमा की जगह कोई और दीखा.
“अरे ये तो वही वितनेस है जीशणे मेरे खीलाफ गवाही दी थी”
“जो कोई भी हो अब मैं ये चुत पूरी तरह मार कर ही रुकुंगा आअहह”
“आआआहह राजू प्लीज़ रूको”
तभी प़ड़्मिनी ने देखा की साएको ने तेज धार चाकू से सुरिंदर पर हमले शुरू कर दिए. राजू भी तभी प़ड़्मिनी की चुत में झाड़ गया उसने प़ड़्मिनी की चुत को पूरा पानी से भर दिया.
“नहियीईईईईईईईईईईईई” प़ड़्मिनी ज़ोर से छील्ला कर बेड पर बैठ गयी.
“क….क्या हुवा तुम्हे” पास पड़ी नगमा भी उठ गयी.
“अफ ये कैसा अजीब सपना था.” प़ड़्मिनी ने मन ही मन कहा.
प़ड़्मिनी की छींख शन कर राजू और मोहित भी उठ गये. राजू ने उठ कर कमरे की लाइट जला दी.
“क्या हुवा?” मोहित ने पूछा.
“हन बोलो प़ड़्मिनी क्या बात है?” नगमा ने प़ड़्मिनी के कंधे पर हाथ रख कर पूछा.
“कुछ नही बुरा सपना था…शो जाओ तुम” प़ड़्मिनी ने कहा.
“सुबह के 6 बजे हैं अब क्या शोएंगे…बताओ ना” नगमा ने कहा.
“हन-हन प़ड़्मिनी जी बताओ ना क्या बात है” राजू भी बोल पड़ा
प़ड़्मिनी ने राजू की तरफ देखा और अपने दिल पर हाथ रख लिया. दिल बहुत तेज धड़क रहा था. उसे अपनी टाँगो के बीच गीला गीला महसूस हुवा. बात सॉफ थी उसने ड्रीम में बहुत इनटेन्स ऑर्गॅज़म को महसूस किया था. उष्का असर अभी भी उशके दिलो दीमग पर था.
“प़ड़्मिनी जी क्या हुवा कुछ तो बोलिए” राजू ने फिर कहा.
“हन-हन प़ड़्मिनी बोलो ना क्या बात है?” नगमा ने कहा.
“मैने बहुत अजीब सपना देखा….वो…वो साएको उष वितनेस को मार रहा था. राजू पुलिस की वर्दी में था…….बस इतना ही याद है” प़ड़्मिनी ने कहा.
पूरा सपना प़ड़्मिनी बता भी नही सकती थी. वो बेड से उठ कर टाय्लेट में चली गयी.
“लो कर लो बात खोदा पहाड़ और निकला चूहा” नगमा ने कहा.
“तुम्हे क्या पहाड़ खोदने पर लंड की उम्मीद थी” मोहित ने धीरे से कहा.
“जी नही….मुझसे मज़ाक मत किया करो”नगमा ने कहा.
राजू को पता नही क्या सूझी उसने टीवी ऑन कर दिया.
बाइ चान्स टीवी पर सुरिंदर के खून की खबर ही आ रही थी.
“बहुत ही दर्दनाक मौत दी है कातिल ने सुरिंदर को. कातिल ने उन दो कॉन्स्टेबल्स को भी मार डाला जो की सुरिंदर के घर पर तैनात थे. पूरा शक प़ड़्मिनी अरोरा और उशके नकाब पॉश साथी पर है. सुरिंदर के घर के सामने रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया है की उसने रात के कोई 11:30 बजे एक महिला को सुरिंदर के घर से निकलते देखा था. हो ना हो शायद वो महिलप़ड़मिनी ही थी. अभी पुलिस की तरफ से कोई बयान नही आया है. दो कॉन्स्टेबल्स की मौत के बाद पुलिस महकमा भी सकते में है” न्यूज़ आंकर ने कहा.
न्यूज़ शुंते ही राजू और मोहित हैरान रह गये. तभी प़ड़्मिनी भी टाय्लेट से बाहर आ गयी.
“आपका सपना तो सच हो गया प़ड़्मिनी जी…देखिए न्यूज़ पर दीखा रहे हैं की सुरिंदर का खून हो गया” राजू ने कहा.
“इश्का मतलब तुम्हे पुलिस की वर्दी मिलने वाली है….सपने में तुम भी तो पुलिस की वर्दी में थे” मोहित ने कहा
“प़ड़्मिनी जी पूरा सपना सूनाओ ना” राजू ने कहा.
“नही-नही मुझे पूरा सपना याद नही… जितना याद था बता दिया बाकी मैं भूल गयी” प़ड़्मिनी ने कहा.
“तुम कुछ छुपा रही हो….सच-सच बताओ मेरा राजू तुम्हारे सपने में क्या कर रहा था?” नगमा ने प़ड़्मिनी के कान में कहा.
“मैं क्यों कुछ चुपवँगी मुझे जो याद रहा बता दिया” प़ड़्मिनी ने धीरे से कहा.
“कहीं राजू तुझे झुका के तेरी चुत तो नही मार रहा था” नगमा ने धीरे से कहा.
प़ड़्मिनी ने नगमा की और गौर से देखा जैसे की पूछ रही हो की ‘तुम्हे कैसे पता?‚
“क्या हुवा ऐसे क्यों देख रही हो जैसे की मैने तुम्हारी चोरी पकड़ ली….अरे मैं तो मज़ाक कर रही हूँ. राजू अक्सर झुका कर चुत माराता है. वो तुम्हारे सपने में था मैने सोचा कही तुम्हारी भी मार ली हो. हक़ीकत में ऐसा सोचना भी मत तुम्हारी जान ले लूँगी मैं” नगमा ने कहा.
“क्या कह रही हो प़ड़्मिनी जी को चुपचाप…उन्हे परेशान मत करो” राजू ने कहा.
प़ड़्मिनी ने राजू की तरफ देखा और मन ही मन बोली,”प्यार और वो भी राजू से कभी नही….ची कितना गंदा सपना था. सब इसे नगमा के कारण हुवा…हर वक्त गंदी बाते कराती रहती है. कही ये सपना सच हुवा तो…नही… नही सपने की सारी बाते थोड़ा सच हो सकती हैं. पर ये सुबह का सपना है. एक बात तो सच भी हो गयी. पर जो भी हो मैं राजू जैसे लड़के से प्यार किसी भी हालत में नही कर सकती”
“कहा खो गयी और मेरे राजू को इसे तरह से क्या देख रही हो” नगमा ने प़ड़्मिनी को हिलाया.
“कुछ नही है हर वक्त एक ही राग मत गाया करो” प़ड़्मिनी ने कहा.
अगले ही पल प़ड़्मिनी गहरी चिंता में खो गयी.
“उष वितनेस के मरने का मतलब है की मैं अब बुरी तरह फँस चुकी हूँ” प़ड़्मिनी ने कहा.
“ये साएको जो भी हो है बहुत शातिर…पूरी प्लॅनिंग से काम कर रहा है” राजू ने कहा.
“अब हम क्या करेंगे?” प़ड़्मिनी ने कहा.
ये ऐसा सवाल था जीशका किसी के पास कोई जवाब नही था. कमरे में सन्नाटा हो गया. किसी ने कुछ नही कहा.
“कब आई मेडम” चौहान ने पूछा.
“सिर सुबह सुबह 9 बजे से हैं अपने कमरे में काफ़ी गुस्से वाली लगती हैं…काफ़ी यंग हैं कोई 24-25 साल की होंगी”
“देखने में कैसी है…शुनदर है क्या?” चौहान ने पूछा.
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 14