ए सी पी जीप चलाने लगा और मन ही मन बातो को सोचकर उसके माथे पर शिकन की ल़हेर दौड़ गयी – ह्म्म्म्म स्ट्रेंज डॉली का आक्सिडेंट होना सुभास शर्मा का दर्दनाक मौत जिसमे कातिल कोई है ये वारदात उससे एक दिन पहले हुई स्ट्रेंज वो भी जंगल के रास्तो पर आख़िर माज़रा क्या है
राज – नही नही ये भोषड़ी वाला तो पीछे ही पड़ गया अगर इस वक़्त मैं डॉली को ढूँढने हॉस्पिटल जाउन्गा तो ये मादर्चोद भी वोई होगा अब मुझे किसी तरीके से इस केस को खुद हॅंडल करना होगा पर कैसे कैसे ?
राज सोच में डूब गया और इधर उधर चक्कर काटने लगा अभी राज सोच ही रहा था कि हवलदार कॅबिन में आया…………सर सर आपसे केस के बारे में कुछ बात करनी है …………..सस्स्शह ओह शट अप मैं कुछ सोच रहा था ना कह क्या है ?............सर खबर पक्की मिली है वो सुभास शर्मा किसी आतंकवादी टेररिस्ट ग्रूप के बारे में कुछ ही दिनो में खुलासा करने वाला था शायद ये भी उसकी मौत की वजह हो सकती है……..राज का सर ठनका और उसने कहा अरे हां मैने तो ये सोचा ही नही तुमने बड़ी खबर नही बल्कि मेरे लिए एक गोलडेन चान्स दिया है…….हवलदार हैरानी से बोला – क्यू सर……अरे भोशॅडी के सुभास आतंकवादी के बारे में पता लगा रहा था और ये नया ए सी पी जब से आया है बेहेन्चोद मेरी मा बेहन एक करने पे उतारू है साले को डीटेल देना पड़ेगा……….हवलदार सर डीटेल………….हाहहाहा अबबे बेवकूफ़ खड़े लंड पे मुक्का हहाहहहा………हवलदार भी राज के साथ हँसने लगा और कहा तो सर आप तो ऐसे प्लान बनाते हो जैसे आप ही ने ही सुभास का क़तल किया हो और बात को दबा रहे हो…………अबबे मादर्चोद पागल है कभी तो सोच समझकर बोला कर वरना वो तो मुझे वर्दी से उतरवाएगा ही तू अपनी वर्दी भी खो देगा और सुन ये बात हम दोनो से बाहर लीक नही होनी चाहिए…….और वैसे भी रिपोर्टर्स क्या कर लेंगे एक दो ताना मारेंगे मुझे उसकी चिंता नही मुझे तो अपने प्यार की चिंता है हाहहहहहहाआ ह्म्म्म्ममममममममम म्म्म्मममममम
डॉली ने धीरे धीरे अपनी आँखें खोली जहाँ मा उसको अपने हाथो से खिला रही थी डॉली ने अपनी मा का यह प्यार देखा बचपन की याद आ गयी जब उसके मा और बाप सब साथ मिलकर ऐसे खाया करते थे पर खिलते फूलो को मुरझाने में कब वक़्त निकल जाए पता ही नही चलता
तभी वो शक्स अंदर आया उसके हाथो में फ्लवर बास्केट था और साथ में एक औरत भी थी
और तभी वो पास आकर कहता है
गुड मॉर्निंग मॅम गेट वेल सून
डॉली ने उनकी तरफ देखते हुए बस अपना सर मुस्कुरातें हुए हिलाया
सुधीर – मिस डॉली जी आपकी खबर सुनते ही हम फ़ौरन दौड़ते दौड़ते आए
ललिता – गेट वेल सून मेरी तरफ से ये फूल
डॉली की मा ने दोनो से वो गुलदस्ते लिए और उन्हे थॅंक यू कहा
डॉली की मा – आप लोगो को यहाँ देख कर बहुत अच्छा लगा
ललिता – जी माजी आपकी डॉली से ही तो ऑफीस जुड़ा है वैसे ये आक्सिडेंट हुआ कैसे
डॉली सोच में डूब गयी
सुधीर – ये भी कोई वक़्त पूछने का ललिता
ललिता – सॉरी सॉरी मॅम
डॉली की मा – नो नो इट्स ऑलराइट
सुधीर ललिता को गौर से देख रहा था
सुधीर ने कहा मॅम ये अभी कुछ कह सकी
डॉली की मा – ना डॉक्टर ने इसे बोलने मना किया है और वैसे भी भगवान ने इसे बचा लिया और मुझे क्या चाहिए मैं तो हरपल यहीं प्रार्थना करती हू कि ये जल्द से जल्द ठीक हो जाए
ललिता- अरे ये ठीक हो जाएँगी आख़िर पूरा ऑफीस इनके लिए प्रेयर करेगा पता है आपको पहले दिन ही डॉली जी ने सबका दिल जीत लिया था आइ मीन कि ऑफीस को ऐसे हॅंडल किया जैसे कितने सालो का एक्षपीरियंस हो
मैं तेरा आशिक़
Re: मैं तेरा आशिक़
सुधीर डॉली को देखते हुए जानता था कि ललिता ताना शाही करने से बाज़ नही आएगी
सुधीर ने कहा अच्छा मॅम तो अब इज़ाज़त दीजिए ओके
डॉली ने सिर्फ़ अपना सर हिलाया और दोनो कमरे से बाहर निकले
सुधीर तुम्हे कितनी बार मना किया है वो हमारी बॉस है कोई स्टाफ नही जिसके सामने तुम बस शुरू हो जाती हो ललिता
ललिता – उफ्फ बॉस हो या मॅनेजर आइ डॉन’ट केर वैसे भी इसके आने से मेरा पत्ता तो कट ही चुका है ह्म्म मुझे क्या मैं तो सिर्फ़ तुम्हारे कहने पर फॉरमॅलिटी निभा रही थी
सुधीर – ठीक ठीक है चलो चलें
एक्सक्यूस मी बोथ ऑफ यू गायज
सुधीर और ललिता जैसे पीछे मुड़े सामने वर्दी में खड़ा ए सी पी धरम बड़ी गौर से देख रहा था
धरम – तो आप दोनो ऊन्के ऑफीस में काम करते है
ललिता – जी जी हां
धरम – वैसे आप जानते है जो डॉली जी से मिलने आया था
ललिता – नो सर ऐसा कोई स्ट्रेंज पर्सन तो डॉली जी से मिलने नही आया
सुधीर – आइ आम डेफनेट्ली शुवर सर क्यूंकी आधा टाइम तो मैं डॉली जी के कॅबिन में ही होता था ऐसा कोई पर्सनल इंसान डॉली जी से नही मिल सकता
धरम ने आँखें तिर्छि करते हुए कहा स्ट्रेंज! इट’स ओके आप लोग जा सकते है
सुधीर – थॅंक थॅंक यू सर
धरम अपने में ही खोया हुआ था डॉली का आक्सिडेंट किसी और की जीप में हुआ स्ट्रेंज वेरी स्ट्रेंज और फिर उसी जंगल बीचो बीच एक वारदात मुझे कुछ कुछ इन दोनो में क्या सेम लग रहा है समझ नही आ रहा
धरम ने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और पोलीस स्टेशन कॉल किया हेलो हां बात सुनो देखो मैं सुभास शर्मा का जहाँ मर्डर हुआ चेक एवेरी थिंग कोई भी चीज़ दिखे तो मुझे बताना और हां कोई भी सबूत बस मुझे सिर्फ़ उसके तिनके की ही तलाश है जो मुझे खूनी तक पहुचाएगा ठीक ठीक है आइ विल कॉल यू लेटर
ललिता – आख़िर ऐसी क्या बात है जो वो पोलीस वाला हम से पूछ रहा था
सुधीर – ओह शट अप मुझे तो लगता है ये आक्सिडेंट में कोई ना कोई साज़िश है और तुम अपनी चूत का दरवाजा यहाँ मत खोलना उसे लेने की दूर कोई उस पर देखेगा भी नही समझी ज़्यादा आगे आगे मत बोला करो
ललिता –अछा तुमने तो मुझे पूरा रंडी समझ लिया पर जानते भी हो मैने कुछ नही किया जो सोचना है उसे सोचने दो चलो यहाँ से
डॉली की मा के पास डॉक्टर आया
डॉक्टर – तो हॅव यू फील बेटर नाउ डॉली ? देखिए मेडम आपकी बेटी कुछ दिन तक यहीं रहेगी इसकी हालत में थोड़ा सुधार आएगा तब हम इसे डिसचार्ज करेंगे अदरवाइज़ शी ईज़ स्टिल इन वीकनेस ऑलराइट
डॉली की मा – ठीक है मैं समझ गयी
क्रमशः…………………………….
सुधीर ने कहा अच्छा मॅम तो अब इज़ाज़त दीजिए ओके
डॉली ने सिर्फ़ अपना सर हिलाया और दोनो कमरे से बाहर निकले
सुधीर तुम्हे कितनी बार मना किया है वो हमारी बॉस है कोई स्टाफ नही जिसके सामने तुम बस शुरू हो जाती हो ललिता
ललिता – उफ्फ बॉस हो या मॅनेजर आइ डॉन’ट केर वैसे भी इसके आने से मेरा पत्ता तो कट ही चुका है ह्म्म मुझे क्या मैं तो सिर्फ़ तुम्हारे कहने पर फॉरमॅलिटी निभा रही थी
सुधीर – ठीक ठीक है चलो चलें
एक्सक्यूस मी बोथ ऑफ यू गायज
सुधीर और ललिता जैसे पीछे मुड़े सामने वर्दी में खड़ा ए सी पी धरम बड़ी गौर से देख रहा था
धरम – तो आप दोनो ऊन्के ऑफीस में काम करते है
ललिता – जी जी हां
धरम – वैसे आप जानते है जो डॉली जी से मिलने आया था
ललिता – नो सर ऐसा कोई स्ट्रेंज पर्सन तो डॉली जी से मिलने नही आया
सुधीर – आइ आम डेफनेट्ली शुवर सर क्यूंकी आधा टाइम तो मैं डॉली जी के कॅबिन में ही होता था ऐसा कोई पर्सनल इंसान डॉली जी से नही मिल सकता
धरम ने आँखें तिर्छि करते हुए कहा स्ट्रेंज! इट’स ओके आप लोग जा सकते है
सुधीर – थॅंक थॅंक यू सर
धरम अपने में ही खोया हुआ था डॉली का आक्सिडेंट किसी और की जीप में हुआ स्ट्रेंज वेरी स्ट्रेंज और फिर उसी जंगल बीचो बीच एक वारदात मुझे कुछ कुछ इन दोनो में क्या सेम लग रहा है समझ नही आ रहा
धरम ने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और पोलीस स्टेशन कॉल किया हेलो हां बात सुनो देखो मैं सुभास शर्मा का जहाँ मर्डर हुआ चेक एवेरी थिंग कोई भी चीज़ दिखे तो मुझे बताना और हां कोई भी सबूत बस मुझे सिर्फ़ उसके तिनके की ही तलाश है जो मुझे खूनी तक पहुचाएगा ठीक ठीक है आइ विल कॉल यू लेटर
ललिता – आख़िर ऐसी क्या बात है जो वो पोलीस वाला हम से पूछ रहा था
सुधीर – ओह शट अप मुझे तो लगता है ये आक्सिडेंट में कोई ना कोई साज़िश है और तुम अपनी चूत का दरवाजा यहाँ मत खोलना उसे लेने की दूर कोई उस पर देखेगा भी नही समझी ज़्यादा आगे आगे मत बोला करो
ललिता –अछा तुमने तो मुझे पूरा रंडी समझ लिया पर जानते भी हो मैने कुछ नही किया जो सोचना है उसे सोचने दो चलो यहाँ से
डॉली की मा के पास डॉक्टर आया
डॉक्टर – तो हॅव यू फील बेटर नाउ डॉली ? देखिए मेडम आपकी बेटी कुछ दिन तक यहीं रहेगी इसकी हालत में थोड़ा सुधार आएगा तब हम इसे डिसचार्ज करेंगे अदरवाइज़ शी ईज़ स्टिल इन वीकनेस ऑलराइट
डॉली की मा – ठीक है मैं समझ गयी
क्रमशः…………………………….