तड़पति जवानी

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rajaarkey
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Re: तड़पति जवानी

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 09:25


मनीष एक पल के रुके और फिर मेरे से कहा “खाना तो मैने बाहर ही खा लिया पर चलो आज साथ मिलकर ही नहाते है ? वैसे भी बोहोत दिन हो गये एक साथ नहाए हुए.” ये कहने के साथ ही मनीष मुस्कुरा दिए. और मुझे अपनी बाहो मे कस कर जाकड़ लिया और फिर एक लंबी किस मेरे होंठो की लेने के बाद उन्होने मुझे अपनी गोद मे उठा लिया पता नही चला वो मुझे अपनी गोद मे ही उठाए हुए बाथरूम तक ले आए.

बाथरूम मे आने के बाद उन्होने मुझे अपनी गोद से उतार दिया और मैं वहाँ खड़ी हो गयी. बाथरूम मे आने के बाद उन्होने मेरे शरीर के एक-एक हिस्से को किस करते हुए मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उनके इस तरह से किस करने से मैं भी मदहोश होती चली जा रही थी. मेरी साँसे इस तरह से किस करने से उखड़ती जा रही थी और मेरी योनि जोरो से रिसाव करे जा रही थी. मैने भी मनीष को किस करना शुरू कर दिया और उनके भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए. अब हम दोनो बिल्कुल नंगे हो गये थे. मनीष ने अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर शवर ओपन कर दिया. और अब हम दोनो पानी के नीचे खड़े हुए थे. पानी की ठंडी ठंडी फुहारे जैसे जैसे मेरे शरीर पर पड़ रही थी मेरी मदहोशी हद से ज़्यादा बढ़ रही थी.

मनीष ने शवर के नीचे खड़े हुए ही अपना मुँह मेरे स्तन पर लगा दिया उत्तेजना के कारण मेरे हाथ मनीष के बालो को सहलाने लग गये. मनीष ने अब ज़ोर ज़ोर से मेरे उरोज को मुँह मे लेकर सक करना शुरू कर दिया. मेरे मुँह से सिसकारिया निकलने लग गयी. मैने उत्तेजना के कारण अपने मनीष का सर अपने सीने पर दबा लिया और मज़े से और भी तेज़ी के साथ आवाज़े निकालने लग गयी. पूरे बाथरूम मे पानी के गिरने की आवाज़ के साथ-साथ मेरी सिसकारियो की आवाज़े गूँज रही थी. उत्तेजना के कारण मेरे दिमाग़ मे अभी थोड़ी देर पहले जैसे वान्या ने अपना हाथ बढ़ा कर लिंग को सहलाना शुरू कर दिया था वैसे ही ना जाने मुझे क्या हुआ वो सब याद करते ही उस एहसास को महसूस करते ही मेरे खुद के हाथ कब मनीष के लिंग पर पहुँच गया और कब उसे पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया पता ही नही चला. मेरा हाथ अपने लिंग पर इस तरह सहलाने से मनीष के मुँह से भी सिसकारिया निकलने लग गयी.

थोड़ी देर यूँ ही मनीष का लिंग अपने हाथ से सहलाने के बाद मैने पास मे ही रखे साबुन को हाथ मे लेकर मनीष के पूरे सरीर पर लगाना शुरू कर दिया. सब से पहले मैने मनीष के सीने पर साबुन लगाया और फिर उनको घुमा कर उनकी पीठ पर ओर फिर उनके सर पर साबुन लगा कर उनके चेहरे पर भी साबुन लगा दिया. अब केवल मनीष के पैर बचे थे साबुन लगाने के लिए इसलिए मैने अपने घुटनो पर बैठ गयी और मनीष के पैरो पर साबुन लगाने के लिए जैसे ही उनके पैर को पकड़ा उनका तना हुआ लिंग मेरे मुँह के सामने आ गया.

तना हुआ लिंग अपने चेहरे के सामने देख कर एक पल के लिए मैने शर्म से अपनी निगाह नीचे कर ली और चुप-चाप साबुन लगाने लग गयी. लेकिन निगाह नीचे कर लेने के बाद भी मेरा ध्यान लिंग पर ही अटका हुआ था और शायद इसी लिए ना चाहते हुए भी मेरी निगाह बार-बार उस लिंग पर जा कर अटक जा रही थी. पैरो पर साबुन लगाने के बाद अब केवल मनीष का लिंग ही रह गया था जिस पर साबुन लगा कर सॉफ करना था. मैने साबुन लेकर मनीष के लिंग पर लगाया और साबुन लगाने से मनीष का लिंग एक दम चिकना हो गया था. जिस वजह से जैसे ही मैने मनीष के लिंग को साबुन लगा कर उसको ज़रा सा सहलाया मनीष की खाल एक दम पीछे हो गयी और उनके लिंग का सूपड़ा सामने की तरफ आ गया जो एक दम गुलाबी रखा हुआ था. लिंग तना हुआ होने के कारण बार-बार झटके ले रहा था देखने से ऐसा लग रहा था जैसे मुझे सलाम कर रहा हो.

rajaarkey
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Re: तड़पति जवानी

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 09:26


लिंग को झटका ख़ाता हुआ देख कर शर्म के कारण मेरे चेहरे पर एक मुस्कान सी फैल गयी. पूरे शरीर पर साबुन लगाने के बाद मैने मनीष को शवर के नीचे खड़ा कर दिया जिस से उनके शरीर पर लगा साबुन धुल कर सॉफ हो गया. साबुन के सॉफ होते ही मनीष ने मुस्कुराते हुए अपनी आँख खोली और मुझे भी अपने सीने से चिपका लिया. और मेरे लबो पर अपने लब रख दिए. थोड़ी देर किस करने के बाद मनीष ने मुझे शवर के नीचे खड़ा कर दिया और मेरे हाथ से साबुन ले लिया.

साबुन को अपने हाथ मे लेकर मनीष ने साबुन को सबसे पहले मेरे मोटे-मोटे बड़े-बड़े उरोजो पर हल्के हाथ से लगाने लग गये जिस कारण मुझे मेरे शरीर मे गुदगुदी का एहसास होने लग गया मेरी हालत एक दम खराब से भी ज़्यादा खराब रही थी. जैसे जैसे मनीष के हाथ मेरे स्तनो पर चल रहे थे मैं मज़े की एक अलग दुनिया मे पहुँचती जा रही थी. ऊरोजो पर साबुन लगाने के बाद मनीष ने मेरे पूरे पेट पर गोल-गोल हाथ घुमा कर पूरे पेट पर साबुन लगा दिया मैने मज़े के कारण अपनी दोनो आँखे बंद कर ली. फिर मनीष ने मेरे बालो मे शॅमपू लगाया और मेरे चेहरे पर साबुन लगा दिया जिस कारण मेरी आँखे पूरी तरह बंद हो गयी थी. मनीष ने अब मुझे घुमा दिया और मेरी पीठ पर साबुन लगाने लगे. पीठ पर साबुन लगाने के बाद उन्होने अपने दोनो हाथ से मेरे नितंब को कस कर दबाया और मुझे थोड़ा सा आगे की तरफ बढ़ा कर मेरे दोनो हाथ को पकड़ कर मुझको दीवार से लगा दिया जिस कारण मनीष का लिंग मेरे नितंबो के बीच मे रगड़ खा रहा था.

थोड़ी देर यूँ ही अपना लिंग नितंबो के बीच रगड़ने के बाद मनीष वहाँ से हट गये और साबुन को मेरे नितंब पर उन्हे दबाते हुए लगाने लग गये.

“निशा कसम से तुम्हारे चूतर एक दम मस्त है मन कर रहा है कि अभी के अभी अपना लंड इन चूतर मे अंदर डाल दू.” मनीष ने अपने दोनो हाथो से मेरे नितंब को कस कर दबाते हुए कहा. जिस कारण मेरे मुँह से एक सिसकारी निकल गयी. मेरे नितंब को दबाने के बाद उन्होने अपने एक हाथ को मेरे नितंब के बीच मे घुसा दिया और उपर नीचे रगड़ते रहे. यूँ ही रगड़ते रगड़ते कब उन्होने अपनी एक उंगली अंदर घुसा दी पता ही नही चली साबुन लगा होने की वजह से पूरी उंगली एक ही बार मे अंदर तक घुसती चली गयी.

मेरे मुँह से हल्की सी दर्द भारी एक चीख निकल गयी……. आआआहह मनीष…… कहते हुए मैं तोड़ा और आयेज दीवार से एक दम सात कर खड़ी हो गयी.

मेरे मुँह से हल्की सी दर्द भारी एक चीख निकल गयी……. आआआहह मनीष…… कहते हुए मैं थोड़ा और आगे दीवार से एक दम सॅट कर खड़ी हो गयी. मनीष की उंगली बराबर मेरे नितंबो मे अंदर बाहर चल रही थी. मनीष की उंगली मोटी होने के कारण मुझे दर्द हो रहा था पर इस दर्द मे भी मुझे मज़ा आ रहा था. आज पहली बार मनीष ने मेरे नितंब के अंदर उंगली करी हो. कहते तो हमेशा थे पर कभी मैने करने नही दिया पर वान्या के सीन को याद करके मैने भी मनीष को नही टोका क्यूकी मैं भी वो एहसास को महसूस करना चाहती थी कि मनीष मुझे वो मज़ा दे सकते हैं या नही. अमित ने तो डाइरेक्ट ही अपना लिंग मेरे अंदर डाल दिया था जिस कारण मुझे इतना दर्द हुआ था कि एक पल के लिए तो मुझे लगा कि मेरी जान निकल गयी मैं मर जाउन्गि. पर उसके बाद जो मज़ा आया था वो तो बस उसे को याद करते ही मेरा पूरा शरीर अकड़ने लग गया और मैने अपने नितंब को मनीष के हाथ पर दबाते हुए अपनी योनि से पानी बहा दिया. कुछ देर झटके खाते हुए मेरी योनि पानी गिराती रही फिर मेरा शरीर ढीला पड़ गया. और मैं वापस वैसे ही खड़ी हो गयी. मनीष की उंगली अब भी बराबर मेरे नितंब मे चल रही थी.

“क्या कर रहे हो मनीष अब बस भी करो बोहोत हो गया” मैने हाँफती हुई आवाज़ मे कहा.

rajaarkey
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Re: तड़पति जवानी

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 09:26


मनीष ने अपनी उंगली बाहर निकाल ली और साबुन को लेकर मेरे नितंब के अंदर छेद पर रगड़ कर लगा दिया. और मुझे फिर घुमा कर खड़ा कर दिया और मेरी योनि पर जो हल्के हल्के बॉल उगे हुए थे उन पर हाथ फिरते हुए “निशा डार्लिंग बाल सॉफ नही किए तुमने ?” मैं मनीष के जवाब से शर्मा गयी “नही कर पाई” मैने अपनी उखड़ती हुई सांसो को संभालते हुए कह दिया. “कोई बात नही, बालो मे भी बोहोत खूबसूरत है” कहते हुए मनीष ने अपना एक हाथ मेरी योनि पर फेरा ओर मेरी योनि के अंदर अपनी उंगली डाल कर उसके अंदर घुमाने लगे.

योनि मे मनीष की उंगली जाते ही मेरे मुँह से फिर एक सिसकारी सी निकल गयी. थोड़ी देर यूँ ही अपनी उंगली को मेरी योनि से खेलने के बाद मनीष ने मेरे पैरो मे भी साबुन लगाया ओर मुझे शवर के नीचे खड़ा कर दिया ओर मेरे बूब्स मसल मसल कर सॉफ करने लगे. मनीष का हाथ कभी मेरे उरोज पर होता तो कभी मेरे नितंब पर तो कभी मेरी योनि पर जब पूरी तरह से हम दोनो के शरीर से साबुन सॉफ हो गया तो मनीष ने मुझे फिर से मुझे अपनी गोद मे उठा लिया. मैं शरमाते हुए मनीष के सीने से चिपक गयी ओर मनीष के चेस्ट को किस करने लगी….
क्रमशः................

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