हम दोनो उठ कर तय्यार हुए और किचन मे जाकर सब के लिए कॉफी बनाने लगे. में और रश्मि डाइनिंग टेबल पर अपनी कॉफी पी रहे थे की बबिता भी आ गयी. वो पूरी तरह से थॅकी हुई लग रही थी. वो अधमरी हालत मे कुर्सी पर बैठ गयी और अपने लिए कॉफी डालने लगी.
"रवि कहाँ है?" रश्मि ने पूछा.
"वो बाथरूम मे नहा रहा है. रश्मि रवि मे बड़ी ताक़त है, दिन रात चुदाई करके वो कभी थकता नही है?" बबिता गहरी साँस लेते हुए बोली.
"क्या सुबह भी उसने तुम्हारी चुदाई की थी?" रश्मि ने उसे चीढ़या.
"बड़ा बेरहम है रवि, सुबह पूरे एक घंटे तक वो मुझे चोद्ता रहा. फिर पिशाब करने के बाद उसने मेरी गांद मारी और उसे अपने वीर्य से भर दिया. जब वो मेरी गांद मार रहा था तो मुझे लगा कि में किसी घोड़े से चुदवा रही है." बबिता ने बताया.
"तुम्हारी गांद कैसी है, कहीं फॅट तो नही गयी?" मेने अपनी बेहन से पूछा.
"नही फटी तो नही है, पर थोड़ी सूज गयी है और दर्द भी काफ़ी हो रहा है." बबिता ने कहा.
"रवि के लंड को अपनी गंद मे झेलने मे तुम्हे थोड़ा वक्त लगेगा. उसका लंड सही मे काफ़ी मोटा और लंबा है." मेने अपनी बेहन से कहा.
"हाँ अब तुम भी हमारे परिवार का हिस्सा बन गयी हो. इस घर की हर औरत ने रवि के लंड अपनी गंद मे लिया है." रश्मि हंसते हुए बोली.
थोड़ी देर मे राज और रवि भी आ गये. नाश्ता करते हुए हम सभी ने तय किया कि हम सब सन्नी के साथ ठीक से पेश आएँगे. हम अपने साथी के साथ ही सोएंगे जिससे उस बच्चे को कोई शक़ ना हो. रवि उसके साथ उसके कमरे मे सोएगा. घर अब कोई नंगा नही घूमेगा और ना ही खुले आम कोई चुदाई करेगा. बबिता को प्रशांत की लगाम पकड़ कर रखनी होगी जिससे वो रश्मि की गंद के पीछे ना भागे.
बाकी के सारे दिन हम हँसी माज़ाक करते रहे. पर रश्मि राज और रवि कहाँ मानने वाले थे. दोपहर को भी उन तीनो ने जम कर चुदाई की.
दोपहर को हम पाँचो छत पर बैठे थे. रश्मि बबिता की तेल से मालिश कर रही थी. थोड़ी देर बाद बबिता रश्मि के शरीर की मालिश करने लगी. वो रश्मि के पीठ पर, पैरों पर और चूतड़ पर तेल मसल रही थी. तभी बबिता ने अपनी एक उंगली उसकी गंद मे घुसा दी.
"क्या गंद के अंदर ही मालिश करोगी?" रश्मि ने पूछा.
"नही चूत की भी करूँगी, ज़रा घुमो तो?" बबिता ने कहा.
रश्मि घूम कर पीठ के बल लेट गयी. बबिता ने अपने हाथों मे थोड़ा तेल लिया और उसकी चुचियों की मालिश करने लगी. वो उसके निपल को हल्के से भींच देती. फिर बबिता ने अपना हाथ नीचे की ओर बढ़ाया और उसकी चूत की चारों तरफ तेल की मालिश करने लगी.
रश्मि की साँसे तेज होने लग गयी थी. बबिता ने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर डाल दी थी. अब वो धीरे धीरे अपनी उंगली उसकी चूत के अंदर बाहर कर रही थी.
बबिता ने रश्मि की चूत मे उंगली अंदर बाहर करते हुए अपनी एक उंगली उसकी गांद मे घुसा दी. फिर उसने अपना सिर नीचे झुका अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया. अब वो उसकी गांद मे उंगली करते हुए उसकी चूत को चूस रही थी.
"ओह आआआआआं हााआआं चूऊऊओसो मेरिइइ चूऊत को ऑश." रश्मि उत्तेजना मे चिल्ला रही थी.
बबिता राशिमी की गंद मे उंगली किए जा रही थी और उसकी चूत को जोरों से चूस रही थी की रश्मि का शरीर ज़ोर से आकड़ा. रश्मि ने अपने हाथों से बबिता के सिर को अपनी चूत पर दावा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. बबिता ने अपना मुँह पूरा खोल उसकी चूत को मुँह मे भर लिया और उसका रस पीने लगी.
"ओह बबिता मज़ा आ गया, तुमने इन दीनो में काफ़ी सीख लिया है कि किसी औरत की चूत कैसे चूसी जाती है, लाओ अब में तुम्हारी चूत चूस दूं." रश्मि ने कहा.
बबिता भी उत्तेजना मे पागल हो रही थी, उसे भी अपनी चूत का पानी छुड़वाना था. बबिता बिस्तर पर पट लेट गयी और राशनी उसकी टाँगो के बीच आ गयी. रश्मि ने उसकी चूत को अपने मुँह भर चूसने लगी.
"रश्मि अपनी उंगली मेरी गंद मे डाल अंदर बाहर करो ना?" बबिता गिड़गिडाई.
रश्मि ने अपनी उंगली पर थोड़ा तेल लगाया और उसकी गंद मे पहले एक उंगली फिर दो उंगली डाल अंदर बाहर करने लगी. इस दोहरे मज़े से बबिता सिसक पड़ी. "ओह हाां राआहमी आईससीई ही करूऊ बहुत आछःःआ लग रहा हाईईइ."
इतने मे राज और रवि अपने खड़े लंड को लेकर दोनो औरतों के पास आ गये, "क्या तुम दोनो कुछ हमारी मदद कर सकती हो?" रवि ने अपने लंड को हिलाते हुए कहा.
रश्मि ने राज को पीठ के बल बिस्तर पर लिटा दिया फिर बबिता को उसके उपर चढ़ा उसके लंड को उसकी गांद मे डाल दिया. रवि इस तरह से बबिता के सामने खड़ा हो गया कि उसका लंड ठीक उसके मुँह के सामने था. बबिता अपना मुँह खोल उसके लंड को अंदर ले चूसने लगी.
"प्रीति यहाँ आओ और अपनी बेहन की चुचियाँ चूसो?" रश्मि ने मुझे हुक्म देते हुए कहा.
में बबिता के बगल मे बैठ गयी और उसकी चुचियों को मसल्ने और चूसने लगी.
रश्मि फिर से बबिता की चूत चूसने लगी और राज नीचे से धक्के लगा उसकी गांद मार रहा था. बबिता जोरों से सिसक रही थी. बबिता की चूत ने कई बार पानी छोड़ा और राज ने अपना वीर्य उसकी गंद मे छोड़ दिया और रवि ने उसके मुँह मे. रस्मी का मुँह बबिता के वीर्य से भर गया था. हम पाँचो थक कर निढाल पड़ गये थे.
"आज की शाम का तो मज़ा आ गया." बबिता ने कहा.
"मेरे शरीर की मालिश करते हुए ये सब तुमने शुरू किया था." रश्मि हंसते हुए कहा.
"अगर मालिश करने का आंजाम ये है तो में हमेशा तुम्हारी मालिश करना चाहूँगी." बबिता ने जवाब दिया.
बाकी की शाम हम सब हँसी मज़ाक करते हुए गुज़ारा. रात का खाना खाने के बाद हम सब हॉल मे बैठ कर प्रशांत और उसके बेटे सन्नी का इंतेज़ार करने लगे. वो दोनो काफ़ी लेट आए. सबसे परिचय के बाद हम सब बैठे बात कर रहे थे. प्रशांत काफ़ी गरम होकर आया था और रश्मि की गंद मे अपना लंड देना चाहता था, पर बबिता ने उसे बड़ी मुश्किल से समझाया. प्रशांत को अपनी बीवी की गंद से ही संतोष करना पड़ा उस रात.
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Re: मैं और मेरी बहू
मंगलवार सन्नी की पहचान
जैसा पहले से तय हुआ था, में बबिता और रश्मि शॉपिंग को चले गये. प्रशांत अपने काम से ऑफीस चला गया था. सन्नी राज और रवि अकेले घर मे रह गये. जब हम वापस आए तो राज ने हमे बताया कि उसने क्या पता लगाया. उसने कुछ इस तरह से अपनी कहानी सुनाई.
आप तीनो के जाने के बाद में रवि और सन्नी घर मे थोड़ी देर कसरत करते रहे. इस बीच सन्नी हम दोनो से काफ़ी खुल गया था. उसने हमे अपने कॉलेज और कॉलेज लाइफ के बारे मे बताया.
जब हम तीनो स्विम्मिंग पूल मे नहाने के लिए आए तो सन्नी ने मुझसे बेदिंग सूयीट उधार माँगा क्यों कि वो उसे अपने साथ लेकर नही आया था. तब मेने उसे बताया कि हम लोग तो नंगे ही स्नान करते हैं, वो चाहे तो नंगा स्नान कर सकता है.
सन्नी पहले तो काफ़ी हिचकिचाया पर बाद मे मान गया. थोड़ी ही देर मे वो हमसे खुल गया और उसने बताया कि पहले वो लड़कियों के साथ डटे पर जाया करता था पर बाद मे उसकी दोस्ती ऐसे लड़कों से हो गयी जो गांद मारना और मरवाना पसंद करते थे.
जब पूल मे स्नान करने के बाद हम आराम कुर्सी पर आराम कर रहे थे तो मेने सन्नी से कहा, "क्या में तुम्हारे शरीर की कुछ मालिश कर दूं?"
सन्नी ने गर्दन हिला कर मुझे हां कर दी. में थोड़ा तेल लेकर उसके शरीर पर मलने लगा. शरीर पर तेल मलते मलते मेने अपना हाथ उसकी गंद के दरार मे दे दिया और वहाँ भी तेल लगाने लगा.
सन्नी उत्तेजना मे कांप रहा था. मैं अपना समय लेते हुए तेल लगा रहा था. थोड़ी देर बाद मेने अपने तेल मे भीगी उंगली उसकी गांद मे डाल दी और घूमाने लगा.
"सन्नी क्या तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है?" मेने उससे पूछा.
उसने अपनी गर्दन हां मे हिलाई और धीरे से कहा, "हां"
"घूम जाओ और मुझे अपना लंड दिखाओ?" मैने उससे फिर कहा.
"नही, प्लीज़ मुझे आकेयला छोड़ दो." सन्नी गिड़गिदते हुए बोला.
"इसमे इतना डरने की क्या बात है? सन्नी देखो यहाँ पर हम सब जवान है, अब घूमो और मुझे अपना लंड दिखाओ." मेने थोडा ज़ोर से कहा.
सन्नी शरमाते हुए घूम गया, उसका खड़ा लंड हवा मे सिर उठाए खड़ा था. सन्नी का लंड बहोत ही प्यारा है, करीब 7'इंच लंबा और 4'इंच मोटा. उसने अपनी आँख बंद कर रखी थी, मेने उसके लंड को अपने हाथ मे ले लिया.
"क्या तुम चाहते हो कि में तुम्हारे लंड का ख़याल रखूं?" मेने उससे पूछा.
सन्नी ने अपनी आँख बंद रखते हुए धीरे से अपनी गर्दन हां मे हिला दी. में उसके लंड को धीरे धीरे मसल्ने लगा. फिर मेने अपने चेहरे को नीचे झुका कर उसके लंड को अपने मुँह मे ले लिया. अब मे अपनी जीब उसके लंड पर घूमाते हुए उसके लंड को अंदर तक ले चूस रहा था.
उसका लंड चूस्ते हुए मेने अपनी तेल से भीगी उंगली फिर से उसकी गंद मे डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. लड़कों से गंद मरवा मरवा कर उसकी गंद काफ़ी फैल गयी थी. मेरी उंगली बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रही थी.
"मेरा छूटने वाला है." सन्नी ज़ोर से चिल्लाया.
में और जोरों से उसके लंड को चूसने लगा. में उसकी गंद मे उंगली कर रहा था कि उसके लंड ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया. में उसका सारा वीर्य निगल गया. सन्नी ज़ोर की हुंकार भरते हुए अपना वीर्य छोड़ रहा था.
"तुम्हारा लंड बहोत प्यारा है सन्नी. मेरे लंड को देखो तुमने क्या कर दिया है. कैसे मेरा लंड स्टील की तरह तन गया है. क्या तुम मेरे लंड को चूसना चाहोगे या मेरे लंड से अपनी गंद मरवाना चाहोगे?" मेने पूछा.
"हां" वो उत्तेजित होते हुए बोला.
"हां क्या सन्नी? क्या चाहते हो तुम? में तो तुम्हारी गांद मारना चाहता हूँ, क्या तुम्हे मंज़ूर है?" मेने उससे पूछा.
"हां मेरी गांद मारो, में गांद मरवाना चाहता हूँ." वो ज़ोर से बोला.
मेने उसे घूमा कर घुटनो के बल कर दिया. फिर उसके पीछे आकर उसकी गांद मे और तेल लगाया. फिर धीरे से मेने अपना लंड उसकी गांद मे घुसा दिया. जब मेरा लंड उसकी गंद मे घूसा तो वो थोड़ा से सहमा पर मेरा लंड आराम से अंदर घूस गया. उसने इसके पहले मुझसे से भी बड़े और मोटे लंड से गंद मरवाई थी.
"जब तक में तुम्हारी गंद मारता हूँ क्या तुम रवि का लंड चूसना पसंद करोगे? मेने उसकी गंद मे धक्के लगाते हुए पूछा.
जैसा पहले से तय हुआ था, में बबिता और रश्मि शॉपिंग को चले गये. प्रशांत अपने काम से ऑफीस चला गया था. सन्नी राज और रवि अकेले घर मे रह गये. जब हम वापस आए तो राज ने हमे बताया कि उसने क्या पता लगाया. उसने कुछ इस तरह से अपनी कहानी सुनाई.
आप तीनो के जाने के बाद में रवि और सन्नी घर मे थोड़ी देर कसरत करते रहे. इस बीच सन्नी हम दोनो से काफ़ी खुल गया था. उसने हमे अपने कॉलेज और कॉलेज लाइफ के बारे मे बताया.
जब हम तीनो स्विम्मिंग पूल मे नहाने के लिए आए तो सन्नी ने मुझसे बेदिंग सूयीट उधार माँगा क्यों कि वो उसे अपने साथ लेकर नही आया था. तब मेने उसे बताया कि हम लोग तो नंगे ही स्नान करते हैं, वो चाहे तो नंगा स्नान कर सकता है.
सन्नी पहले तो काफ़ी हिचकिचाया पर बाद मे मान गया. थोड़ी ही देर मे वो हमसे खुल गया और उसने बताया कि पहले वो लड़कियों के साथ डटे पर जाया करता था पर बाद मे उसकी दोस्ती ऐसे लड़कों से हो गयी जो गांद मारना और मरवाना पसंद करते थे.
जब पूल मे स्नान करने के बाद हम आराम कुर्सी पर आराम कर रहे थे तो मेने सन्नी से कहा, "क्या में तुम्हारे शरीर की कुछ मालिश कर दूं?"
सन्नी ने गर्दन हिला कर मुझे हां कर दी. में थोड़ा तेल लेकर उसके शरीर पर मलने लगा. शरीर पर तेल मलते मलते मेने अपना हाथ उसकी गंद के दरार मे दे दिया और वहाँ भी तेल लगाने लगा.
सन्नी उत्तेजना मे कांप रहा था. मैं अपना समय लेते हुए तेल लगा रहा था. थोड़ी देर बाद मेने अपने तेल मे भीगी उंगली उसकी गांद मे डाल दी और घूमाने लगा.
"सन्नी क्या तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है?" मेने उससे पूछा.
उसने अपनी गर्दन हां मे हिलाई और धीरे से कहा, "हां"
"घूम जाओ और मुझे अपना लंड दिखाओ?" मैने उससे फिर कहा.
"नही, प्लीज़ मुझे आकेयला छोड़ दो." सन्नी गिड़गिदते हुए बोला.
"इसमे इतना डरने की क्या बात है? सन्नी देखो यहाँ पर हम सब जवान है, अब घूमो और मुझे अपना लंड दिखाओ." मेने थोडा ज़ोर से कहा.
सन्नी शरमाते हुए घूम गया, उसका खड़ा लंड हवा मे सिर उठाए खड़ा था. सन्नी का लंड बहोत ही प्यारा है, करीब 7'इंच लंबा और 4'इंच मोटा. उसने अपनी आँख बंद कर रखी थी, मेने उसके लंड को अपने हाथ मे ले लिया.
"क्या तुम चाहते हो कि में तुम्हारे लंड का ख़याल रखूं?" मेने उससे पूछा.
सन्नी ने अपनी आँख बंद रखते हुए धीरे से अपनी गर्दन हां मे हिला दी. में उसके लंड को धीरे धीरे मसल्ने लगा. फिर मेने अपने चेहरे को नीचे झुका कर उसके लंड को अपने मुँह मे ले लिया. अब मे अपनी जीब उसके लंड पर घूमाते हुए उसके लंड को अंदर तक ले चूस रहा था.
उसका लंड चूस्ते हुए मेने अपनी तेल से भीगी उंगली फिर से उसकी गंद मे डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. लड़कों से गंद मरवा मरवा कर उसकी गंद काफ़ी फैल गयी थी. मेरी उंगली बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रही थी.
"मेरा छूटने वाला है." सन्नी ज़ोर से चिल्लाया.
में और जोरों से उसके लंड को चूसने लगा. में उसकी गंद मे उंगली कर रहा था कि उसके लंड ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया. में उसका सारा वीर्य निगल गया. सन्नी ज़ोर की हुंकार भरते हुए अपना वीर्य छोड़ रहा था.
"तुम्हारा लंड बहोत प्यारा है सन्नी. मेरे लंड को देखो तुमने क्या कर दिया है. कैसे मेरा लंड स्टील की तरह तन गया है. क्या तुम मेरे लंड को चूसना चाहोगे या मेरे लंड से अपनी गंद मरवाना चाहोगे?" मेने पूछा.
"हां" वो उत्तेजित होते हुए बोला.
"हां क्या सन्नी? क्या चाहते हो तुम? में तो तुम्हारी गांद मारना चाहता हूँ, क्या तुम्हे मंज़ूर है?" मेने उससे पूछा.
"हां मेरी गांद मारो, में गांद मरवाना चाहता हूँ." वो ज़ोर से बोला.
मेने उसे घूमा कर घुटनो के बल कर दिया. फिर उसके पीछे आकर उसकी गांद मे और तेल लगाया. फिर धीरे से मेने अपना लंड उसकी गांद मे घुसा दिया. जब मेरा लंड उसकी गंद मे घूसा तो वो थोड़ा से सहमा पर मेरा लंड आराम से अंदर घूस गया. उसने इसके पहले मुझसे से भी बड़े और मोटे लंड से गंद मरवाई थी.
"जब तक में तुम्हारी गंद मारता हूँ क्या तुम रवि का लंड चूसना पसंद करोगे? मेने उसकी गंद मे धक्के लगाते हुए पूछा.
Re: मैं और मेरी बहू
सन्नी ने अपनी गर्दन हां मे हिलाई और रवि सन्नी के मुँह के पास आ गया. सन्नी ने रवि के लंड को अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगा. थोड़ी ही देर मे में और रवि झाड़ गये.
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद सन्नी का लंड एक बार फिर खड़ा हो गया था. मैने उसे पूछा कि क्या वो मेरी गंद मारना चाहेगे. उसे अपने नसीब पर यकीन नही हुआ और उसने अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दिया. ज़ोर ज़ोर के धक्के मारते हुए उसने अपना वीर्य मेरी गंद मे छोड़ दिया.
उसके बाद हम तीनो ने साथ साथ स्नान किया और हॉल मे बैठ बात करने लगे. तब हमे सन्नी ने बताया कि पहले वो लड़कियों के साथ बाहर जाता था, पर जबसे उसकी दोस्ती कुछ ऐसे लड़कों के साथ हुई जो गान्डू है तब से उसने भी लड़कियों के साथ चुदाई करना बंद कर दिया था.
रवि और मेने उसे फिर समझाया कि लड़कों के साथ ठीक है पर असली मज़ा तो लड़की के साथ ही है. सन्नी दुविधा में था कि कोई लड़की ऐसे लड़के को कैसे बर्दाश्त कर लेगी जिसे लड़कों में भी दिलचस्पी हो.
तब मेने उसे अपने और रवि के बारे में बताया. फिर मेने उसे बताया कि किस तरह मेने, रश्मि और रवि और प्रीति ने हनिमून पर मज़ा किया. मेने उसे समझाया कि उसे चिंता करने की बात नही है, रश्मि सब संभाल लेगी.
सन्नी को पहले तो विश्वास नही हुआ की रश्मि हम लोगो के साथ शामिल होगी. मेने उसे बताया कि वो सब कुछ मुझ पर छोड़ दे, रश्मि कल शाम को हमारे साथ होगी पर उसपर कोई दबाव नही होगा. उसकी मर्ज़ी होगी तो ही कुछ होगा नही तो नही होगा.
हम तीनो फिर शांत हो गये, मुझे पता था कि तुम लोग शॉपिंग से वापस आने वाले हो. ये है हमारी कहानी.
"हे भगवान मेरा बेटा गान्डू हो गया है, प्रशांत को पता चलेगा तो वो क्या सोचेगा?" बबिता थोड़ा निराश होते हुए बोली.
"सब ठीक हो जाएगा, तुम्हे प्रशांत को कुछ भी बताने की ज़रूरत नही है. मुझे लगता है कि कल के बाद वो लड़कियों मे भी दिलचस्पी लेने लगेगा." मेने बबिता को समझाते हुए कहा.
"में शर्त लगाकर कह सकती हूँ कि कल के बाद सन्नी लड़कों और लड़कियाँ दोनो को चोदने मे माहिर हो जाएगा." रश्मि ने कहा.
"तो फिर ठीक है, कल में और प्रीति आज की तरह शॉपिंग पर चले जाएँगे और रश्मि तुम लड़कों के साथ रह जाएगी, दुआ करती हूँ की ये प्लान कामयाब हो जाए." बबिता ने कहा.
हम सब रात के खाने की तय्यारी करने लगे. थोड़ी देर मे प्रशांत भी काम पर से वापस आ गया. खाने के बाद हम सब बैठ कर बातें कर रहे थे. प्रशांत रश्मि की गंद मारना चाहता था इसलिए राज ने उसे अपने कमरे में आने को कहा जिससे वो बबिता के पास जा सके. पर राज ने रवि को बबिता के कमरे में भेज दिया जिससे वो एक बार फिर सन्नी के साथ रात गुज़ार सके.
टू बी कंटिन्यूड………………..
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद सन्नी का लंड एक बार फिर खड़ा हो गया था. मैने उसे पूछा कि क्या वो मेरी गंद मारना चाहेगे. उसे अपने नसीब पर यकीन नही हुआ और उसने अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दिया. ज़ोर ज़ोर के धक्के मारते हुए उसने अपना वीर्य मेरी गंद मे छोड़ दिया.
उसके बाद हम तीनो ने साथ साथ स्नान किया और हॉल मे बैठ बात करने लगे. तब हमे सन्नी ने बताया कि पहले वो लड़कियों के साथ बाहर जाता था, पर जबसे उसकी दोस्ती कुछ ऐसे लड़कों के साथ हुई जो गान्डू है तब से उसने भी लड़कियों के साथ चुदाई करना बंद कर दिया था.
रवि और मेने उसे फिर समझाया कि लड़कों के साथ ठीक है पर असली मज़ा तो लड़की के साथ ही है. सन्नी दुविधा में था कि कोई लड़की ऐसे लड़के को कैसे बर्दाश्त कर लेगी जिसे लड़कों में भी दिलचस्पी हो.
तब मेने उसे अपने और रवि के बारे में बताया. फिर मेने उसे बताया कि किस तरह मेने, रश्मि और रवि और प्रीति ने हनिमून पर मज़ा किया. मेने उसे समझाया कि उसे चिंता करने की बात नही है, रश्मि सब संभाल लेगी.
सन्नी को पहले तो विश्वास नही हुआ की रश्मि हम लोगो के साथ शामिल होगी. मेने उसे बताया कि वो सब कुछ मुझ पर छोड़ दे, रश्मि कल शाम को हमारे साथ होगी पर उसपर कोई दबाव नही होगा. उसकी मर्ज़ी होगी तो ही कुछ होगा नही तो नही होगा.
हम तीनो फिर शांत हो गये, मुझे पता था कि तुम लोग शॉपिंग से वापस आने वाले हो. ये है हमारी कहानी.
"हे भगवान मेरा बेटा गान्डू हो गया है, प्रशांत को पता चलेगा तो वो क्या सोचेगा?" बबिता थोड़ा निराश होते हुए बोली.
"सब ठीक हो जाएगा, तुम्हे प्रशांत को कुछ भी बताने की ज़रूरत नही है. मुझे लगता है कि कल के बाद वो लड़कियों मे भी दिलचस्पी लेने लगेगा." मेने बबिता को समझाते हुए कहा.
"में शर्त लगाकर कह सकती हूँ कि कल के बाद सन्नी लड़कों और लड़कियाँ दोनो को चोदने मे माहिर हो जाएगा." रश्मि ने कहा.
"तो फिर ठीक है, कल में और प्रीति आज की तरह शॉपिंग पर चले जाएँगे और रश्मि तुम लड़कों के साथ रह जाएगी, दुआ करती हूँ की ये प्लान कामयाब हो जाए." बबिता ने कहा.
हम सब रात के खाने की तय्यारी करने लगे. थोड़ी देर मे प्रशांत भी काम पर से वापस आ गया. खाने के बाद हम सब बैठ कर बातें कर रहे थे. प्रशांत रश्मि की गंद मारना चाहता था इसलिए राज ने उसे अपने कमरे में आने को कहा जिससे वो बबिता के पास जा सके. पर राज ने रवि को बबिता के कमरे में भेज दिया जिससे वो एक बार फिर सन्नी के साथ रात गुज़ार सके.
टू बी कंटिन्यूड………………..