ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story
Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story
संध्या-स्वाती आजा तेरी नरम चूत मे पहले मैं मूली उतार दूं फिर बताऊँगी की मोम स्वाती बनके क्यों डैड से राज़ी राज़ी होके चुद रही थी
स्वाती- संध्या मैं बैचैन हूँ मेरी नज़र मे आंटी एक नया अनोखा काम कर रही थी क्योंकि तेरे हिसाब से कोई भी औरत ऐसा नही कर सकती कि उसका पति उसके सामने किसी और को चोदे और यहाँ तो खुद ही कोई और गरम चूत बनके पति के लौडे से चूद्ना वाकई आश्चर्य की बात है
संध्या- चल इस बात को छोड़ आ मेरी चिकनी स्वाती मैं आज नये तरीके से तेरी चूत का मज़ा लूटती हूँ
स्वाती-कैसे
संध्या- मैं इस मूली का 4 इंच का भाग अपनी कामुक चूत मे डालूंगी और बचे हुए 5 इंच को तेरी चिकनी चूत मे देखना तुझे ऐसा लगेगा जैसे कोई मर्द तुझे चोद रहा है.
स्वाती-संध्या मैं तेरी हर बात मनुगी बस तू मुझे प्यार से भोग ले. मेरी कमसिन चूत का नंगा नाच तेरे आगे करूँगी. मैं तेरे बिस्तर पर नंगी बिच्छने को तय्यार हूँ.
संध्या- तू मेरे आगे नंगी लेटी है एक कुतिया की तरह अब तुझे चोदून्गि. पूरा मज़ा लूँगी तेरी जवानी से
स्वाती- हाए संध्या बस बोल मत अपने इस अनमोल और अनोखे लौडे को मेरी मदमाती चूत मे उतार दे
संध्या- ऐसे नही रानी इसको चूस पहले इसे लौडे की तरह महसूस कर सिसकारी मारक आवाज़े निकाल मुझे उकसा कि मैं भड़क के तेरी बुर मे एक बार मे पूरी मूली उतार के तेरी नथ उतार दूं
स्वाती- संध्या आजा मेरी जान देख तेरे सामने तेरी स्वाती बिल्कुल ननन्गी लेटी है और देख मैं अपनी चिकनी चूत सहला रही हूँ मेरी चूत से निकलता पानी भी तुझे बुला रहा है मेरी चूत चूस ले और मेरी चूत को अपने मादक लौडे से चिर दे मेरी जान देख मैं अपनी नथ उतरवाने को बेताब हूँ
संध्या- तो जिससे कहूँगी उसका लौडा चुसेगी बोल कुतिया
स्वाती- हाँ संध्या मैं हर एक से चूत मरवाने को राज़ी हूँ
संध्या- सोच ले हो सकता है तेरे घर के ड्राइवर से तेरी चूत मरवा दूं
सवती – हाँ संध्या तू जिससे बोलेगी उसके आगे नंगी होके लेट जाऊंगी. चुद लूँगी मेरी जान मेरी चूत की गर्मी उतार दे. चोद दे मेरी जान संध्या तुझे तेरे राजू के लौडे की कसम
संध्या-अब मेरे यार राजू की कसम खाई है तो तेरी चूत मारती हूँ वरना अभी एक घंटा और तेरी चूत को तड़पाती फिर चोद्ति
संध्या ने इतना कहके मूली का 4 इंच हिस्सा अपनी कामुक चूत मे घुसेड लिया और सफेद लॅंड की तरह दिखती हुई मूली का बाकी 5 इंच के हिस्से का अगला भाग स्वाती की चूत के उपर टीका दिया.
स्वाती- अहह धीरे से मेरी जान मैने पहले भी कहा है मैं अभी कच्ची चूत हूँ
संध्या- कोई बात नही मेरी रानी आज रात को तेरे को सब से मस्त रंडी बना दूँगी
स्वाती- हाए संध्या तू आइसा कैसे बोल लेती है मैं तो यह सब सोच भी नही पाती
संध्या धीरे धीरे मूली को स्वाती की चिकनी लसलसाई चूत मे उतरते हुए बोलती है
संध्या- मेरी जान जब तुझे कई कई मर्द चोदेन्गे और गंदी गंदी बाते बोलने को बोलेनेगे तो तू सब सिख जाएगी ऐसा नही है मैं कोई शुरू से ही यह सब बोलना नही सीखी मुझे भी इस समाज ने मस्त छुदासी बना दिया है
स्वाती और संध्या ने अब मूली को लंड समझ कर उसका उपयोग करना शुरू किया. संध्या मे स्वाती के दोनो नंगे संतरे पकड़ लिए और उनको दबा दबाके रस निकालने लगी. इधर स्वाती भी मस्ती मे आ गयी उसने संध्या के तोड़ अनार अपनी मुट्ठी मे दबोच लिए और चूतड़ हिला हिला के मर्द की तरह धक्के लगाने लगी काफ़ी देर तक स्वाती और संध्या का यह खेल चलता रहा. संध्या को महसूस होने लगा की अब और साथ देना मुश्किल है तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और स्वाती की चूत को ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगी. स्वाती का बदन भी ऐंठ गया उसने संध्या को जकड लिया और संध्या के साथ साथ स्वाती को भी ऑर्गॅज़म मिलने लगा.
स्वाती- हाए री संध्या मेरी चूत को यह क्या हो रहा है कुच्छ बारिश का सा अनुभव
संध्या- होने दे स्वाती यह चूत की झडान है जो मर्द से चूद्ने पर और किसी लड़की के कामुक साथ मिलने पर मिलती है होने दे यह सुखद अनुभूति. और संध्या ने स्वाती के नर्म उरोजो मे मुँह घुसेड दिया और दोनो सहेलियाँ रति क्रिया का आत्मसुख पाने लगी. जब स्वाती की साँस मे साँस आई तो उसने कहा
स्वाती – संध्या अब बता तेरी मोम डैड से स्वाती बनके राज़ी राज़ी क्यों चुद रही थी
संध्या- स्वाती मेरी जान मैने मोम से उस रात के बाद अपनी इंटिमेसी बढ़ा दी. धीरे धीरे उनको अपनी चूत खोल के कभी यह कहती इसमे खुजली है कभी यह कहती यह अंदर से सिकुड फूल रही है ताकि मोम मुझसे मर्दो के साथ सेक्स की बाते करे और मैं उस रात का राज़ जान सकूँ. धीरे धीरे एक महीना गुजर गया फिर वो लम्हा आ ही गया जब मैने मोम से उस रात के बारे मे पूछा इसे तू मोम और मेरी कहानी उन्ही के शब्दों मे समझ के सुन.
स्वाती- संध्या मैं बैचैन हूँ मेरी नज़र मे आंटी एक नया अनोखा काम कर रही थी क्योंकि तेरे हिसाब से कोई भी औरत ऐसा नही कर सकती कि उसका पति उसके सामने किसी और को चोदे और यहाँ तो खुद ही कोई और गरम चूत बनके पति के लौडे से चूद्ना वाकई आश्चर्य की बात है
संध्या- चल इस बात को छोड़ आ मेरी चिकनी स्वाती मैं आज नये तरीके से तेरी चूत का मज़ा लूटती हूँ
स्वाती-कैसे
संध्या- मैं इस मूली का 4 इंच का भाग अपनी कामुक चूत मे डालूंगी और बचे हुए 5 इंच को तेरी चिकनी चूत मे देखना तुझे ऐसा लगेगा जैसे कोई मर्द तुझे चोद रहा है.
स्वाती-संध्या मैं तेरी हर बात मनुगी बस तू मुझे प्यार से भोग ले. मेरी कमसिन चूत का नंगा नाच तेरे आगे करूँगी. मैं तेरे बिस्तर पर नंगी बिच्छने को तय्यार हूँ.
संध्या- तू मेरे आगे नंगी लेटी है एक कुतिया की तरह अब तुझे चोदून्गि. पूरा मज़ा लूँगी तेरी जवानी से
स्वाती- हाए संध्या बस बोल मत अपने इस अनमोल और अनोखे लौडे को मेरी मदमाती चूत मे उतार दे
संध्या- ऐसे नही रानी इसको चूस पहले इसे लौडे की तरह महसूस कर सिसकारी मारक आवाज़े निकाल मुझे उकसा कि मैं भड़क के तेरी बुर मे एक बार मे पूरी मूली उतार के तेरी नथ उतार दूं
स्वाती- संध्या आजा मेरी जान देख तेरे सामने तेरी स्वाती बिल्कुल ननन्गी लेटी है और देख मैं अपनी चिकनी चूत सहला रही हूँ मेरी चूत से निकलता पानी भी तुझे बुला रहा है मेरी चूत चूस ले और मेरी चूत को अपने मादक लौडे से चिर दे मेरी जान देख मैं अपनी नथ उतरवाने को बेताब हूँ
संध्या- तो जिससे कहूँगी उसका लौडा चुसेगी बोल कुतिया
स्वाती- हाँ संध्या मैं हर एक से चूत मरवाने को राज़ी हूँ
संध्या- सोच ले हो सकता है तेरे घर के ड्राइवर से तेरी चूत मरवा दूं
सवती – हाँ संध्या तू जिससे बोलेगी उसके आगे नंगी होके लेट जाऊंगी. चुद लूँगी मेरी जान मेरी चूत की गर्मी उतार दे. चोद दे मेरी जान संध्या तुझे तेरे राजू के लौडे की कसम
संध्या-अब मेरे यार राजू की कसम खाई है तो तेरी चूत मारती हूँ वरना अभी एक घंटा और तेरी चूत को तड़पाती फिर चोद्ति
संध्या ने इतना कहके मूली का 4 इंच हिस्सा अपनी कामुक चूत मे घुसेड लिया और सफेद लॅंड की तरह दिखती हुई मूली का बाकी 5 इंच के हिस्से का अगला भाग स्वाती की चूत के उपर टीका दिया.
स्वाती- अहह धीरे से मेरी जान मैने पहले भी कहा है मैं अभी कच्ची चूत हूँ
संध्या- कोई बात नही मेरी रानी आज रात को तेरे को सब से मस्त रंडी बना दूँगी
स्वाती- हाए संध्या तू आइसा कैसे बोल लेती है मैं तो यह सब सोच भी नही पाती
संध्या धीरे धीरे मूली को स्वाती की चिकनी लसलसाई चूत मे उतरते हुए बोलती है
संध्या- मेरी जान जब तुझे कई कई मर्द चोदेन्गे और गंदी गंदी बाते बोलने को बोलेनेगे तो तू सब सिख जाएगी ऐसा नही है मैं कोई शुरू से ही यह सब बोलना नही सीखी मुझे भी इस समाज ने मस्त छुदासी बना दिया है
स्वाती और संध्या ने अब मूली को लंड समझ कर उसका उपयोग करना शुरू किया. संध्या मे स्वाती के दोनो नंगे संतरे पकड़ लिए और उनको दबा दबाके रस निकालने लगी. इधर स्वाती भी मस्ती मे आ गयी उसने संध्या के तोड़ अनार अपनी मुट्ठी मे दबोच लिए और चूतड़ हिला हिला के मर्द की तरह धक्के लगाने लगी काफ़ी देर तक स्वाती और संध्या का यह खेल चलता रहा. संध्या को महसूस होने लगा की अब और साथ देना मुश्किल है तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और स्वाती की चूत को ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगी. स्वाती का बदन भी ऐंठ गया उसने संध्या को जकड लिया और संध्या के साथ साथ स्वाती को भी ऑर्गॅज़म मिलने लगा.
स्वाती- हाए री संध्या मेरी चूत को यह क्या हो रहा है कुच्छ बारिश का सा अनुभव
संध्या- होने दे स्वाती यह चूत की झडान है जो मर्द से चूद्ने पर और किसी लड़की के कामुक साथ मिलने पर मिलती है होने दे यह सुखद अनुभूति. और संध्या ने स्वाती के नर्म उरोजो मे मुँह घुसेड दिया और दोनो सहेलियाँ रति क्रिया का आत्मसुख पाने लगी. जब स्वाती की साँस मे साँस आई तो उसने कहा
स्वाती – संध्या अब बता तेरी मोम डैड से स्वाती बनके राज़ी राज़ी क्यों चुद रही थी
संध्या- स्वाती मेरी जान मैने मोम से उस रात के बाद अपनी इंटिमेसी बढ़ा दी. धीरे धीरे उनको अपनी चूत खोल के कभी यह कहती इसमे खुजली है कभी यह कहती यह अंदर से सिकुड फूल रही है ताकि मोम मुझसे मर्दो के साथ सेक्स की बाते करे और मैं उस रात का राज़ जान सकूँ. धीरे धीरे एक महीना गुजर गया फिर वो लम्हा आ ही गया जब मैने मोम से उस रात के बारे मे पूछा इसे तू मोम और मेरी कहानी उन्ही के शब्दों मे समझ के सुन.
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किरण-संध्या इधर आना ज़रा
संध्या- क्या है मोम आती हूँ
किरण- कल तू बोल रही थी की तेरी पॅंटी मे खराश पड़ गयी है ला मुझे दिखा
संध्या- मोम देखो ना मेरी पॅंटी मे हमेशा गीलापन भी रहता है
संध्या ने एक सेकेंड मे ही किरण के आगे ड्रॉयिंग रूम मे ही अपनी स्कर्ट खोल के पॅंटी नीचे सरका दी.
किरण- इतनी बड़ी हो गयी है अभी भी बच्चो की तरह मेरे सामने नंगी हो गयी चल रूम मे कोई और होता तो यहाँ पे तो
संध्या- तो क्या होता मोम
किरण- चल रूम मे सब समझाती हूँ
किरण ने अधनंगी संध्या का हाथ पकड़ा और उसे रूम की तरफ ले गयी और बोली की वो एक मिनिट मे मैं डोर बंद करके आती है. इधर संध्या ने तब तक अपने सारे कपड़े खोल दिए और मदरजात नंगी हो गयी उसका प्लान था की वो आज किरण से पूछेगी की वो रातों मे स्वाती, अदिति, मेरी, शालिनी, रिचा. अवन्तिका या संध्या बनके क्यों चुद्वाती है. किरण रूम मे आती है और संध्या को पूरी तरह से नंगी देखती है. उसकी चूत मे भी पानी की लहर आ जाती है वो सोचती है की काश संध्या उसे कामसुख दे तो कितना अच्छा होगा.
किरण- यह क्या संध्या तू तो पूरी नंगी हो गयी सिर्फ़ तेरी चूत को ही तो देखना था मुझे
संध्या- मों मेरी चूत के साथ साथ मेरी चुची भी दर्द करती है टीस मारती है देखो मोम कुच्छ हो तो नही गया मेरी चुची को यह दोनो बड़ी जकड़न का अहसास करती है
इतना कहके संध्या ने अपनी ठोस और चिकनी चुची दबोच ली. किरण की चूत मे पानी की और लहरें दौड़ने लगी उसने अपनी जांघे आपस मे सटा ली ताकि चूत मे भरा हुए पानी का रिसाव ना होने लगे. परंतु पानी कहाँ ठहरता वो उसकी चूत का बाँध तोड़कर उसके घुटनो की तरफ़ बढ़ने लगा. मस्ती की वजह से किरण की आँखे बोझिल हो गयी यही हाल संध्या का भी था. उसकी गोरी चूत पानी से भर गयी थी यह बात किरण को साफ साफ दिख रही थी. उसने तुरंत डिसाइड किया की वो आज संध्या को लड़की से औरत बनने का खेल बताएगी ताकि संध्या अपनी इस जवानी का आनंद उठा सके.
किरण- संध्या मेरे पास आ मैं देखती हूँ क्या हुआ है तेरे को
संध्या- देखो मोम मेरी चुची दबाने पर चूत से लेकर दिमाग़ तक सनसनी की लहर उठ रही है और मन होता है कि….
किरण- कैसा मन करता है तेरा
संध्या- कि अपनी चुची खुद ही मसल लूँ और इस निगोडी चूत मे कुच्छ डाल लूँ
किरण- पता है तुझे ऐसा क्यों होता है
संध्या- नही मोम
किरण- क्योंकि तू बड़ी हो गयी है तेरा शरीर मे बदलाव आ रहा है और तू अब बच्ची नही रही अब तू इतनी बड़ी हो गयी है की तू मर्द और औरत के बीच का अंतर समझ सके रुक पहले मैं भी अपने सारे कपड़े नोंच दूं अपने जिस्म से फिर तुझे सब कुच्छ खुल के समझाती हूँ.
इतना कहके किरण ने भी अपने आप को नंगी कर दिया. अब दोनो रूम मे पूरी तरह मदरजात नंगी खड़ी थी. किरण की चूत मे पानी का प्रवाह देखके संध्या बोल ही पड़ी
संध्या- मोम आपको भी छूट से पानी का प्रवाह होता है
किरण- हाँ री आजा तुझे सब कुच्छ बताती हूँ. तुझे औरत और मर्द के रिश्तों का पता है या नही यह बता कोई तेरी सहेली शालिनी, अदिति, रिचा, अवन्तिका, माटी, स्वाती, मुस्कान कोई इस बारे मे बात करती है या नही
संध्या- कुच्छ ज़्यादा नही मगर ……………..
किरण- समझ गयी तुझे नालेज तो है पर पूरी नही
संध्या- कौन बताएगा सब की सब खुद आधा अधूरा ज्ञान लिए रहती है कोई अपनी भाभी से कोई चाची से कोई मामी से कोई मौसी से कोई बुआ से ऐसे ही सब ज्ञानवान बनी फिरती है
किरण- वास्तव मे इसका ज्ञान का भंडार बहुत बड़ा है सारा मुझे भी नही आता पर तुझे जितना चाहिए वो बता सकती हूँ पुच्छ तू क्या पुच्छना चाहती है
संध्या ने सोचा की आज उसका काम बन गया आज वो सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा पर उसे थोड़ा धैर्य से काम लेना होगा. जल्दबाज़ी मे हो सकता है मोम उसे बताए ना.
संध्या- मोम सब, मेरे लिए जो भी ज़रूरी है प्ल्ज़ आप बताओ मैं सब जानना चाहती हूँ
किरण- संध्या जब कोई लड़की जवान होने लगती है तो उसके जिस्म मे ज़रूरी बदलाव आने लगते है जैसे उसके सीने पर छोटे छोटे संतरों का उगाना उसकी कमर मे बाल आना उसकी चूत पे बाल बढ़ना उसकी आवाज़ मे सेक्सीनेस आना मर्दों का उसके जिस्म को घुरना उसमे शर्म आना उसको यह पता चलता कि वो लड़को से अलग है और अनमोल है
संध्या- यह सब किस एज से होता है
किरण- इसकी कोई एज नही है यह 12 से लेकर 16 तक हर लड़की के खानपान और आचार विचार पर निर्भर है कोई लड़की 12 साल मे ही 16 साल का यौवन ले आती है कोई 18 साल तक 12 साल के जिस्म को ओढ़े रहती है
सांध्य- मोम तुम सबसे अलग और दिलचस्प बाते बता रही हो और बोलो मोम क्या होता है लड़की के साथ और कैसे इसे पचाना या अवॉइड किया जा सकता है अगर कोई नॉनसेन्स सिचुयेशन हो तो
किरण- मैं यह बताने की कोशिश मे थी की लड़कों के साथ साथ सभी मर्द लड़की के जिस्म को देख के जान जाते है कि वो जवानी की दहलीज़ पर आ चुकी है या नही. वो उनके बिस्तर को गर्म कर सकती है या नही.
संध्या- यह बिस्तर गर्म करना क्या होता है
किरण – तुझे सब कुच्छ खुलके बोलना होगा. इसका अर्थ होता है मर्द के द्वारा लड़की को भोगा जाना इसमे वो लड़की की चूत मे लौडा डाल के उसे चोद्ता है और उसको लड़की से औरत बना देता है.जब पहली बार कोई मर्द किसी लड़की को चोद्ता है तो उसे नाथ उतरा कहते है या कौमार्य भंग या प्रथम सहवास.
संध्या- सब समझ गयी जो तुमने बोला वो भी और जो नही बोला वो भी पर यह बताओ नथ उतरवाई क्यों कहते है इस चोदन क्रिया को
संध्या- क्या है मोम आती हूँ
किरण- कल तू बोल रही थी की तेरी पॅंटी मे खराश पड़ गयी है ला मुझे दिखा
संध्या- मोम देखो ना मेरी पॅंटी मे हमेशा गीलापन भी रहता है
संध्या ने एक सेकेंड मे ही किरण के आगे ड्रॉयिंग रूम मे ही अपनी स्कर्ट खोल के पॅंटी नीचे सरका दी.
किरण- इतनी बड़ी हो गयी है अभी भी बच्चो की तरह मेरे सामने नंगी हो गयी चल रूम मे कोई और होता तो यहाँ पे तो
संध्या- तो क्या होता मोम
किरण- चल रूम मे सब समझाती हूँ
किरण ने अधनंगी संध्या का हाथ पकड़ा और उसे रूम की तरफ ले गयी और बोली की वो एक मिनिट मे मैं डोर बंद करके आती है. इधर संध्या ने तब तक अपने सारे कपड़े खोल दिए और मदरजात नंगी हो गयी उसका प्लान था की वो आज किरण से पूछेगी की वो रातों मे स्वाती, अदिति, मेरी, शालिनी, रिचा. अवन्तिका या संध्या बनके क्यों चुद्वाती है. किरण रूम मे आती है और संध्या को पूरी तरह से नंगी देखती है. उसकी चूत मे भी पानी की लहर आ जाती है वो सोचती है की काश संध्या उसे कामसुख दे तो कितना अच्छा होगा.
किरण- यह क्या संध्या तू तो पूरी नंगी हो गयी सिर्फ़ तेरी चूत को ही तो देखना था मुझे
संध्या- मों मेरी चूत के साथ साथ मेरी चुची भी दर्द करती है टीस मारती है देखो मोम कुच्छ हो तो नही गया मेरी चुची को यह दोनो बड़ी जकड़न का अहसास करती है
इतना कहके संध्या ने अपनी ठोस और चिकनी चुची दबोच ली. किरण की चूत मे पानी की और लहरें दौड़ने लगी उसने अपनी जांघे आपस मे सटा ली ताकि चूत मे भरा हुए पानी का रिसाव ना होने लगे. परंतु पानी कहाँ ठहरता वो उसकी चूत का बाँध तोड़कर उसके घुटनो की तरफ़ बढ़ने लगा. मस्ती की वजह से किरण की आँखे बोझिल हो गयी यही हाल संध्या का भी था. उसकी गोरी चूत पानी से भर गयी थी यह बात किरण को साफ साफ दिख रही थी. उसने तुरंत डिसाइड किया की वो आज संध्या को लड़की से औरत बनने का खेल बताएगी ताकि संध्या अपनी इस जवानी का आनंद उठा सके.
किरण- संध्या मेरे पास आ मैं देखती हूँ क्या हुआ है तेरे को
संध्या- देखो मोम मेरी चुची दबाने पर चूत से लेकर दिमाग़ तक सनसनी की लहर उठ रही है और मन होता है कि….
किरण- कैसा मन करता है तेरा
संध्या- कि अपनी चुची खुद ही मसल लूँ और इस निगोडी चूत मे कुच्छ डाल लूँ
किरण- पता है तुझे ऐसा क्यों होता है
संध्या- नही मोम
किरण- क्योंकि तू बड़ी हो गयी है तेरा शरीर मे बदलाव आ रहा है और तू अब बच्ची नही रही अब तू इतनी बड़ी हो गयी है की तू मर्द और औरत के बीच का अंतर समझ सके रुक पहले मैं भी अपने सारे कपड़े नोंच दूं अपने जिस्म से फिर तुझे सब कुच्छ खुल के समझाती हूँ.
इतना कहके किरण ने भी अपने आप को नंगी कर दिया. अब दोनो रूम मे पूरी तरह मदरजात नंगी खड़ी थी. किरण की चूत मे पानी का प्रवाह देखके संध्या बोल ही पड़ी
संध्या- मोम आपको भी छूट से पानी का प्रवाह होता है
किरण- हाँ री आजा तुझे सब कुच्छ बताती हूँ. तुझे औरत और मर्द के रिश्तों का पता है या नही यह बता कोई तेरी सहेली शालिनी, अदिति, रिचा, अवन्तिका, माटी, स्वाती, मुस्कान कोई इस बारे मे बात करती है या नही
संध्या- कुच्छ ज़्यादा नही मगर ……………..
किरण- समझ गयी तुझे नालेज तो है पर पूरी नही
संध्या- कौन बताएगा सब की सब खुद आधा अधूरा ज्ञान लिए रहती है कोई अपनी भाभी से कोई चाची से कोई मामी से कोई मौसी से कोई बुआ से ऐसे ही सब ज्ञानवान बनी फिरती है
किरण- वास्तव मे इसका ज्ञान का भंडार बहुत बड़ा है सारा मुझे भी नही आता पर तुझे जितना चाहिए वो बता सकती हूँ पुच्छ तू क्या पुच्छना चाहती है
संध्या ने सोचा की आज उसका काम बन गया आज वो सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा पर उसे थोड़ा धैर्य से काम लेना होगा. जल्दबाज़ी मे हो सकता है मोम उसे बताए ना.
संध्या- मोम सब, मेरे लिए जो भी ज़रूरी है प्ल्ज़ आप बताओ मैं सब जानना चाहती हूँ
किरण- संध्या जब कोई लड़की जवान होने लगती है तो उसके जिस्म मे ज़रूरी बदलाव आने लगते है जैसे उसके सीने पर छोटे छोटे संतरों का उगाना उसकी कमर मे बाल आना उसकी चूत पे बाल बढ़ना उसकी आवाज़ मे सेक्सीनेस आना मर्दों का उसके जिस्म को घुरना उसमे शर्म आना उसको यह पता चलता कि वो लड़को से अलग है और अनमोल है
संध्या- यह सब किस एज से होता है
किरण- इसकी कोई एज नही है यह 12 से लेकर 16 तक हर लड़की के खानपान और आचार विचार पर निर्भर है कोई लड़की 12 साल मे ही 16 साल का यौवन ले आती है कोई 18 साल तक 12 साल के जिस्म को ओढ़े रहती है
सांध्य- मोम तुम सबसे अलग और दिलचस्प बाते बता रही हो और बोलो मोम क्या होता है लड़की के साथ और कैसे इसे पचाना या अवॉइड किया जा सकता है अगर कोई नॉनसेन्स सिचुयेशन हो तो
किरण- मैं यह बताने की कोशिश मे थी की लड़कों के साथ साथ सभी मर्द लड़की के जिस्म को देख के जान जाते है कि वो जवानी की दहलीज़ पर आ चुकी है या नही. वो उनके बिस्तर को गर्म कर सकती है या नही.
संध्या- यह बिस्तर गर्म करना क्या होता है
किरण – तुझे सब कुच्छ खुलके बोलना होगा. इसका अर्थ होता है मर्द के द्वारा लड़की को भोगा जाना इसमे वो लड़की की चूत मे लौडा डाल के उसे चोद्ता है और उसको लड़की से औरत बना देता है.जब पहली बार कोई मर्द किसी लड़की को चोद्ता है तो उसे नाथ उतरा कहते है या कौमार्य भंग या प्रथम सहवास.
संध्या- सब समझ गयी जो तुमने बोला वो भी और जो नही बोला वो भी पर यह बताओ नथ उतरवाई क्यों कहते है इस चोदन क्रिया को
Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story
किरण- क्योंकि पहले जमाने मे नयी नवेली दुल्हन अपने मर्द के रूम मे जब सुहागरात को जाती थी तो वह सज धज के सोलह शृंगार करके जाती थी और पति उसे नंगी करके चोद्ता था इस प्रक्रिया मे वो उसके सभी कपड़े और गहने उतार देता था जिसमे दुल्हन की नथ भी उसका मर्द ही हटा देता था इस वजह से इस को नथ उतारना बोलते है.
संध्या- एक बात बताओ मोम और कैसे कैसे एक मर्द लड़की का जिस्म भोग सकता है बिना उसको चोदे या छुये?
किरण- एक मर्द लड़की को कई तरीके से भोगता है जैसे कोई लड़की जवान होती है और किसी मर्द की निगाह उस पर पड़ती है तो वो आँखों ही आँखों मे उसे चोद डालता है वो अपनी सोच मे उसे नंगी करके उसके साथ सेक्स करता है.जब लड़की उससे बाते करती है तो वो उसके साथ द्विअर्थी बाते करके सेक्स का रस लेता है जब लड़की उससे दूर जा रही होती है तो लड़की के मादक चुतडो के हिलने का स्वाद उठाता है. जब लड़की पास आ रही होती है तो उसके चुची की कसावट का रसपान करता है और उसके क्लीवेज को देख के अपनी संतुष्टि करता है. जब लड़की उसे नही मिल पाती है तो रातों मे उसको याद करके अपना वीर्यपात करता है.
संध्या- कैसे इसे क्लियर करो
किरण- रातों मे उस लड़की की याद करके उसे अपनी सोच मे नंगी करके उसके साथ सहवास की सोचता है मर्द यह सोचता है कि उस लड़की ने उसका लौडा हिलाया, चूसा, सहलाया और अपनी कामुक चूत मे डाल के मर्द को चुदाई का सुख दिया. इस क्रिया के दौरान वो अपने लौडे हो हिलाता रहता है और एक समय आता है जब वो अपने लौडे से वीर्यपात कर देता है यानी की झड जाता है.
संध्या- तुम इतना श्योर कैसे हो मोम इन सब के बारे मे
किरण- तू ऐसा क्यों पुछ रही है मैं शादीशुदा हूँ और तेरे डैड मेरे साथ भरपूर सेक्स करते है हम दोनो अक्सर इन सब पॉइंट का डिस्कसन करते है और सेक्स मे नवीनता लाते है.
संध्या- कैसे मोम ज़रा खुल के बोलो मैं समझी नही नवीनता लाने का मतलब
किरण – इसके लिए तुझे मैं अपनी शादी के छह महीने बाद का किस्सा सुनाऊँगी तब तू सब समझ जाएगी
संध्या- हाँ मोम बताओ ना क्या हुआ था तेरे साथ क्या डैड या किसी और ने आत्मसुख के लिए तुम्हारे साथ संभोग किया या सिर्फ़ मास्तरबेट किया
किरण- सुन तो आजा उससे पहले तू मेरे साथ सेक्स का पहला मज़ा ले
किरण ने सोचा की संध्या अभी अनछुइ कली है वो उसे मर्दों के लिए तैयार कर देगी तो संध्या को जिंदगी मे चुदाई का कष्ट नही होगा. उसे क्या पता था की उसकी संध्या एक रांड़ है जो अभी कुछ दिन पहले ही मर्द का स्वाद चख चुकी है. संध्या ने भी कुछ बताया नही और किरण की गोल और पुष्ट चुचि पर अपने होंठ रख दिए. उसका नंगा बदन किरण की जवानी मे आग लगा रहा था उसे ऐसा लग रहा था की कोई मर्द उसे भोगें जा रह है वो संध्या को एक लड़की की जगह एक मादक मर्द के रूप मे देख रही थी. किरण ने संध्या की नरम चुची दबोच ली.
संध्या- अहहाआआआआआआआआआअ…………………… मोम धीरे से
किरण- मैं धीरे कर दूँगी पर जो मर्द तुझे पहली बार नोचेग तेरी नरम छ्चाटी के दर्शन करेगा तेरी जवानी को मादरजात नंगा करेगा, तुझे चोद्ने के लिए अपने बिस्तेर पर ले जाएगा वो तेरी इन नर्म चुची को चबा डालेगा मेरी रानी तुझे बिल्कुल नही छोड़ेगा. तू है ही इतनी मादक और कामुक तुझे पूरी रात कुतिया बनाके छोड़ेगा तेरी चीखे निकलवा देगा. तू भी बोलेगी और चोद राजा
संध्या- प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मोम मेरे को मर्द और औरत के बीच के इस अनोखे रिश्ते के बारे मे पूरी जानकारी दो प्रॅक्टिकल के साथ.
किरण- आजा संध्या अपनी नंगी किरण की जवानी का स्वाद ले आजा मेरे को फेंच किस कर
संध्या- कैसे
किरण- मेरी जीभ चूस ले मेरे मूह का सारा लार चूस जा मेरी जवानी जब तक तेरे से एक चोद्ने की माँग ना करे मुझे रगड़ दे. मेरे को चूम चूम के ऑर्गॅज़म दिला मेरी जान.
संध्या ने अपनी जीभ किरण के मूह मे डाल दी और उसकी जीभ को चूसने लगी . संध्या की चुची किरण की चुची से टकरा रही थी . टकरा क्या पीस रही थी. दोनो भरपूर गरम हो रही थी. किरण के मूह से लंड की डिमांड आने लगी.
किरण- संध्या काश तू मर्द होती तो मेरी चूत मार लेती मैं तेरे से ही चुद जाती तू मस्त चोदु लड़की बनती.
संध्या- मुझे अपना मर्द मान लो मुझसे चुद लो मोम
किरण- क्या ऐसा हो सकता है
संध्या- आओ मोम मैं तुम्हारे लिए डैड बन जाती हूँ.
किरण – संध्या एक काम कर
संध्या – क्या मोम बोलो
किरण- तू डैड नही राजू बन जा
संध्या- कययययययययययययययययययययययययाआआआआआआआआआआआआअ!!!!!!!
किरण- हाँ मेरी दिली तमन्ना है वो लौंडा मेरी चूत मे अपना मोटा लौडा उतार दे
संध्या- मोम वो मेरा लवर है तुम्हार सन इन लॉ भी हो सकता है
किरण- तो मैं कौन सा उसे सच्ची मे अपने बिस्तर पर लाने की बात कह रही हूँ सिर्फ़ फॅंटेसी ही तो करनी है
संध्या – ओक मोम मगर सिर्फ़ फॅंटेसी सच मे नही
किरण- ओक तो तू राजू बनेगी
संध्या- अपनी नंगी और चुदासी मोम के लिए राज़ी हूँ वरना राजू को किसी से शेयर नही करती.
किरण- हाए राजू आओ अपनी किरण की प्यास बुझा दो
संध्या- हाए किरण आज बड़ी मूड मे है तू
किरण – राजू आजा प्ल्ज़ देख तेरे लिए मैं आज अपने बिस्तेर पर पूरी नंगी पड़ी हुई हूँ आओ राजू अपनी मस्त किरण की चूत मरो और उसकी जवानी को अपने लौडे की गर्मी से ठंडा कर दो
संध्या- आओ किरण तेरी चुची चूस के तुझे मर्द का अहसास करा दूं
किरण – जब चुची ही चुसेगा तो राजू मेरी चूत मे अपनी मोटी उंगली डाल के हिला दे
संधे- क्यों अपने मर्द की उंगली लेती है उसका लौडा काम का नही क्या
किरण- तुझे क्या छुपाना राजू तू तो मेरा यार है
संधा- हाँ बता क्या बात है एक रंडी सबसे सब कुछ छुपा सकती है पर अपने यार से नही.
किरण- तुझे पता ही है राजू शादी के बाद क्या हुआ था मेरे साथ.
संध्या- क्या हुआ था तेरी सुहागरात और तेरी एक मस्त चुदाई और क्या नया हुआ था.
किरण- राजू वो तो हर लड़की के साथ होता है पर तुझे पता है की मेरी शादी ज़मींदार घराने मे हुई थी और संध्या के डैडी उसी घराने के थे. शादी के बाद हम दोनो रोज़ मस्त चुदाई का सुख उठाते थे परंतु एक महीने बाद हमारी गाव की हवेली पर डाकुओं ने डाका डाल दिया.
संध्या- एक बात बताओ मोम और कैसे कैसे एक मर्द लड़की का जिस्म भोग सकता है बिना उसको चोदे या छुये?
किरण- एक मर्द लड़की को कई तरीके से भोगता है जैसे कोई लड़की जवान होती है और किसी मर्द की निगाह उस पर पड़ती है तो वो आँखों ही आँखों मे उसे चोद डालता है वो अपनी सोच मे उसे नंगी करके उसके साथ सेक्स करता है.जब लड़की उससे बाते करती है तो वो उसके साथ द्विअर्थी बाते करके सेक्स का रस लेता है जब लड़की उससे दूर जा रही होती है तो लड़की के मादक चुतडो के हिलने का स्वाद उठाता है. जब लड़की पास आ रही होती है तो उसके चुची की कसावट का रसपान करता है और उसके क्लीवेज को देख के अपनी संतुष्टि करता है. जब लड़की उसे नही मिल पाती है तो रातों मे उसको याद करके अपना वीर्यपात करता है.
संध्या- कैसे इसे क्लियर करो
किरण- रातों मे उस लड़की की याद करके उसे अपनी सोच मे नंगी करके उसके साथ सहवास की सोचता है मर्द यह सोचता है कि उस लड़की ने उसका लौडा हिलाया, चूसा, सहलाया और अपनी कामुक चूत मे डाल के मर्द को चुदाई का सुख दिया. इस क्रिया के दौरान वो अपने लौडे हो हिलाता रहता है और एक समय आता है जब वो अपने लौडे से वीर्यपात कर देता है यानी की झड जाता है.
संध्या- तुम इतना श्योर कैसे हो मोम इन सब के बारे मे
किरण- तू ऐसा क्यों पुछ रही है मैं शादीशुदा हूँ और तेरे डैड मेरे साथ भरपूर सेक्स करते है हम दोनो अक्सर इन सब पॉइंट का डिस्कसन करते है और सेक्स मे नवीनता लाते है.
संध्या- कैसे मोम ज़रा खुल के बोलो मैं समझी नही नवीनता लाने का मतलब
किरण – इसके लिए तुझे मैं अपनी शादी के छह महीने बाद का किस्सा सुनाऊँगी तब तू सब समझ जाएगी
संध्या- हाँ मोम बताओ ना क्या हुआ था तेरे साथ क्या डैड या किसी और ने आत्मसुख के लिए तुम्हारे साथ संभोग किया या सिर्फ़ मास्तरबेट किया
किरण- सुन तो आजा उससे पहले तू मेरे साथ सेक्स का पहला मज़ा ले
किरण ने सोचा की संध्या अभी अनछुइ कली है वो उसे मर्दों के लिए तैयार कर देगी तो संध्या को जिंदगी मे चुदाई का कष्ट नही होगा. उसे क्या पता था की उसकी संध्या एक रांड़ है जो अभी कुछ दिन पहले ही मर्द का स्वाद चख चुकी है. संध्या ने भी कुछ बताया नही और किरण की गोल और पुष्ट चुचि पर अपने होंठ रख दिए. उसका नंगा बदन किरण की जवानी मे आग लगा रहा था उसे ऐसा लग रहा था की कोई मर्द उसे भोगें जा रह है वो संध्या को एक लड़की की जगह एक मादक मर्द के रूप मे देख रही थी. किरण ने संध्या की नरम चुची दबोच ली.
संध्या- अहहाआआआआआआआआआअ…………………… मोम धीरे से
किरण- मैं धीरे कर दूँगी पर जो मर्द तुझे पहली बार नोचेग तेरी नरम छ्चाटी के दर्शन करेगा तेरी जवानी को मादरजात नंगा करेगा, तुझे चोद्ने के लिए अपने बिस्तेर पर ले जाएगा वो तेरी इन नर्म चुची को चबा डालेगा मेरी रानी तुझे बिल्कुल नही छोड़ेगा. तू है ही इतनी मादक और कामुक तुझे पूरी रात कुतिया बनाके छोड़ेगा तेरी चीखे निकलवा देगा. तू भी बोलेगी और चोद राजा
संध्या- प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मोम मेरे को मर्द और औरत के बीच के इस अनोखे रिश्ते के बारे मे पूरी जानकारी दो प्रॅक्टिकल के साथ.
किरण- आजा संध्या अपनी नंगी किरण की जवानी का स्वाद ले आजा मेरे को फेंच किस कर
संध्या- कैसे
किरण- मेरी जीभ चूस ले मेरे मूह का सारा लार चूस जा मेरी जवानी जब तक तेरे से एक चोद्ने की माँग ना करे मुझे रगड़ दे. मेरे को चूम चूम के ऑर्गॅज़म दिला मेरी जान.
संध्या ने अपनी जीभ किरण के मूह मे डाल दी और उसकी जीभ को चूसने लगी . संध्या की चुची किरण की चुची से टकरा रही थी . टकरा क्या पीस रही थी. दोनो भरपूर गरम हो रही थी. किरण के मूह से लंड की डिमांड आने लगी.
किरण- संध्या काश तू मर्द होती तो मेरी चूत मार लेती मैं तेरे से ही चुद जाती तू मस्त चोदु लड़की बनती.
संध्या- मुझे अपना मर्द मान लो मुझसे चुद लो मोम
किरण- क्या ऐसा हो सकता है
संध्या- आओ मोम मैं तुम्हारे लिए डैड बन जाती हूँ.
किरण – संध्या एक काम कर
संध्या – क्या मोम बोलो
किरण- तू डैड नही राजू बन जा
संध्या- कययययययययययययययययययययययययाआआआआआआआआआआआआअ!!!!!!!
किरण- हाँ मेरी दिली तमन्ना है वो लौंडा मेरी चूत मे अपना मोटा लौडा उतार दे
संध्या- मोम वो मेरा लवर है तुम्हार सन इन लॉ भी हो सकता है
किरण- तो मैं कौन सा उसे सच्ची मे अपने बिस्तर पर लाने की बात कह रही हूँ सिर्फ़ फॅंटेसी ही तो करनी है
संध्या – ओक मोम मगर सिर्फ़ फॅंटेसी सच मे नही
किरण- ओक तो तू राजू बनेगी
संध्या- अपनी नंगी और चुदासी मोम के लिए राज़ी हूँ वरना राजू को किसी से शेयर नही करती.
किरण- हाए राजू आओ अपनी किरण की प्यास बुझा दो
संध्या- हाए किरण आज बड़ी मूड मे है तू
किरण – राजू आजा प्ल्ज़ देख तेरे लिए मैं आज अपने बिस्तेर पर पूरी नंगी पड़ी हुई हूँ आओ राजू अपनी मस्त किरण की चूत मरो और उसकी जवानी को अपने लौडे की गर्मी से ठंडा कर दो
संध्या- आओ किरण तेरी चुची चूस के तुझे मर्द का अहसास करा दूं
किरण – जब चुची ही चुसेगा तो राजू मेरी चूत मे अपनी मोटी उंगली डाल के हिला दे
संधे- क्यों अपने मर्द की उंगली लेती है उसका लौडा काम का नही क्या
किरण- तुझे क्या छुपाना राजू तू तो मेरा यार है
संधा- हाँ बता क्या बात है एक रंडी सबसे सब कुछ छुपा सकती है पर अपने यार से नही.
किरण- तुझे पता ही है राजू शादी के बाद क्या हुआ था मेरे साथ.
संध्या- क्या हुआ था तेरी सुहागरात और तेरी एक मस्त चुदाई और क्या नया हुआ था.
किरण- राजू वो तो हर लड़की के साथ होता है पर तुझे पता है की मेरी शादी ज़मींदार घराने मे हुई थी और संध्या के डैडी उसी घराने के थे. शादी के बाद हम दोनो रोज़ मस्त चुदाई का सुख उठाते थे परंतु एक महीने बाद हमारी गाव की हवेली पर डाकुओं ने डाका डाल दिया.