nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum garam

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sexy
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Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara

Unread post by sexy » 08 Jan 2016 09:58

एक अधेड़ हट्टा कट्टा मर्द और एक सुकुमार बदन की तनु नाम की मादा !

लालटेन की पीली रौशनी अभी भी धीरे धीरे कांप रही थी !

हवा के कुछ नन्हे झोंके खिड़की के रास्ते दीवार के पास आ कर उस लालटेन की रौशनी से

छेड़छाड़ कर रहे थे !

कमरे में एक अजीब सा मौन था !

एक ऐसा मौन जिसके इर्दगिर्द काफी था !

और वो तनाव मादा के चेहरे पर स्पष्ट था !

घबराहट , व्याकुलता .डर . हिचकिचाहट .संकोच कुछ तूफानी होने का डर ...जिसमे रोमांच भरा था !

उसकी दिल की धडकने धाड धाड़ कर धड़क रही थी !

मानो हर धड़कन ये पूछ रही थी की " अब आगे क्या होगा ?"

" में आपको क्या बुलाऊ ...?" तनु ने बड़ी हिम्मत करके झोंपड़े में छाई मौनता को भंग कीया !

नर ने पत्री से अपनी नजरें हटाये बिना कहा ;-"पंडित ओमकार शास्त्री मेरा नाम हे ...आप पंडित जी कह सकती हे ....!"

तनु ने फिर संकोच में पूछा -

" में आपको ओ ...ओम जी कह सकती हु ?...."

जो भी आपकी इच्छा ...किसी पुरुष के नाम चयन का अधिकार ....हमेशा एक स्त्री के पास सरंक्षित रहता हे !"

इतना बोल कर उसने एक नजर तनु पर डाली पर फिर पत्रांग पर !

"और कितना समय लगेगा ..?"

" देखिये ...अभी तो शुभारम्भ हे ...!"

तनु बात तो कर रही थी पर बात का सूत्र उसके पकड़ में नहीं आ रहा था !

हर बार उसे नए प्रश्नों का सहारा लेना पड़ रहा था बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए !

तकरीबन दो मिनिट कमरे में मौन ही सरसराता रहा !

फिर -

"कुंडली के मुताबिक तो संतान योग हे ...पर मध्य में राहू बेठा हे ....जिसकी वजह से विलम्ब हो रहा हे .....

अब राहू का क्या हल निकलेगा ...ये आपकी हाथ की रेखाएं देखने पर पता चलेगा ..."

इतना बोल कर वो अधेड़ नर उठा और मादा की बगल में चारपाई पर आकर बेठ गया !

तनु का दिल धाड़ धाड़ कर धडकने लगा !

उसे जिस पल का इन्तजार था , वो धीरे धीरे पास आ रहा था , शरीर में रोमांच की लहरे दौड़ रही थी !

तनु की दोनों हथेलिया मेहंदी के लाल सुर्ख रंग से सजी हुई थी !

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Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara

Unread post by admin » 09 Jan 2016 11:31

हथेली की गोराई पर लाल रंग बहुत ही फब रहा था !

जेसे ही पंडित जी ने तनु की हथेली पकड़ी -

"तुम्हारा शरीर तो बहुत गरम हे ...शायद ठंडी हवा से ज्वर चढ़ गया होगा ...!"

तनु खुद को बोलने से नहीं रोक पाई और उसकी नशीली आवाज़ गूंजी -

"मुझे काफी ठण्ड लग रही हे ...आप ये दरवाज़ा बंद कर दीजिये !"

" यहीं उचित रहेगा ....आप शहर वालो को इतनी ठंडी हवा की आदत नहीं होगी !"

वह दरवाज़ा बंद करके वापिस चारपाई पर आ बेठा !

" अपनी दोनों हथेलिया कर मेरे सामने फेलाइए ..!"

तनु ने वेसा ही किया !

दोनों हथेलियों के मिलने से एक दिल का आकर उभरा जो मेहंदी

से रचा गया था !

:सुन्दर आकृति हे ...!" अधेड़ नर ने दोनों हथेलियों को थामते हुए कहा !

" ये मेने खुद बनाया हे ...!- तनु हलके से सकुचा गई !

" अति सुन्दर ...भाग्य की रेखा तो काफी प्रबल हे .....संतान का योग तो शीघ्र दिख रहा हे ......

पर एक बात हे .....!" शास्त्री की आवाज़ विचारपूर्ण थी !

"क्या ...?"

"पहले आप को कुछ प्रश्नों के उत्तर देने पड़ेंगे .....!" वो बिना सकुचाये बोला !

"जी पूछिए ...." तनु का दिल अब जोर जोर से धडकने लगा था !

" माहवारी का काल चक्र क्या हे ?"....अधेड़ ने तनु की तरफ बहुत गहरी नज़रों से देखते हुए पूछा !

" बताना जरुरी हे ...?" तनु को पता नहीं क्यूँ नहीं चाहते हुए भी संकोच लग रहा था !

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Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara

Unread post by admin » 09 Jan 2016 11:31

" निवारण करने में आपका उत्तर सहायक सिद्ध होगा ...!" शास्त्री की बातों में गंभीरता थी !

"10 तारिख से 15 तारिख तक .." लजाते हुए तनु ने कह ही दिया !

"यानि 5 दिन ...चक्र तो ठीक हे ....चक्र के कितने दिन पश्चात .... आपका मन सम्भोग के लिए

व्याकुल होने लगता हे ....?"

" एक हफ्ते बाद ...!"

" यानि जो समय इस वक़्त चल रहा हे ...ठीक वाही "

" जी ..." तनु की लाज और भी बढ़ गई !

आखिर क्या बात थी उस शास्त्री की जो वो उससे इतना शर्मा रही थी वर्ना वो बहुत मोर्डेन थी !

" वीर्य पतन के कितनी देर बाद आप बिस्तर से उठती हे ..?"

शास्त्री तनु की गुदाज हथेलियों को धीरे धीरे सहला रहा था !

" मतलब ...?" ये प्रश्न तनु की समझ में आ गया था पर .....

" सम्भोग के पश्चात जब आपके पति का वीर्य आपकी योनि में भर जाता हे ...तो उस क्षण के कितनी देर बाद आप

बिस्तर से उठ कर मूत्र त्याग के लिए जाती हे ....?"

शास्त्री ने धीरे से अपनी धोती को थोडा ऊपर उठा लिया !

लाल रंग की लंगोट पर तनु की नजरें ना चाहते हुए भी ठिठकी !

शास्त्री की नजरों ने तनु की आँखों का केंद्र भांप लिया था !

" इस प्रश्न का क्या मतलब हुआ ..?" तनु के गलों पर लालिमा छ गई थी !

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