एक दिन, जब सारा अपने ड्राइवर बसंत से दोपहर मे अपने बेडरूम मे चुद्वा रही थी तो उसको उसके पति ने रंगे हाथ पकड़ लिया. उस वक़्त उसका पति कुछ ज़रूरी कागजात लेने के लिए आया था. जमुना भी घर मे नही थी और उसके पति ने अपने पास की चाबी से घर का दरवाजा खोला था.
उसने सारा को बहुत बुरी तरह मारा था और बासन्त को भी मार कर नौकरी से निकाल दिया. अब सारा के बुरे दिन शुरू हो चुके थे. वो अपने ही घर मे एक कैदी की तरह रहने लगी. वो किसी से बात नही कर सकती थी और कहीं भी अकेली नही जा सकती थी. उसका मोबाइल फोन उसके पति ने ले लिया था और घर की सभी टेलिफोन लाइन कटवा दी गई. घर पर सारा पर नज़र रखने के लिए 24 घंटे गार्ड तैनात कर्दिये गये थे. वो बाहर जा सकती थी पर अकेली नही. हमेशा एक या दो गार्ड उसके साथ जाते थे और उसे किसी के भी घर मे जाना मना था. उसका पति अब उस से कोई बात नही करता था. अब तो उसे जमुना से भी बात करने मे डर लगता था.
करीब 6 महीने बाद, एक शाम को उसका पति उसके बेडरूम मे आया और उस से माफी माँगी. सारा को अपने कानों पर विस्वास नही हुआ. उसके पति ने कहा कि जो भी पिछले 6 महीने मे हुआ है, वो उस से खुश नही है पर वो इसकी भरपाई करने की कोशिश करेगा. उसके पति ने उसको ब्लॅक लेबल का एक पेग दिया पर सारा ने पीने से मना कर्दिया क्यों कि वो शराब नही पीती थी. उसके पति ने कहा कि अब वो अपने काम की कुछ ज़िम्मेदारी सारा को भी देना चाहता है और पीने मे कुछ ग़लत नही है. उल्टा, पीने पिलाने से सारा को काम के सिलसिले मे बड़े बड़े लोगों से संबंध बनाने मे और काम निकालने मे आसानी होगी. उसके पति ने उसको धूम्रपान करने को भी कहा.
सारा पीना और धूम्रपान नही करना चाहती थी पर अपने पति के ज़ोर देने पर, एक आधुनिक बिज़्नेस वुमन की तरह अपने पति के साथ शराब पीने लगी और धूम्रपान भी करने लगी. वो अपने पति के साथ कभी कभी ऑफीस भी जाने लगी और काम समझने की कोशिश करने लगी. पीने और धूम्रपान मे सारा कुछ शांति खोजने की कोशिश करने लगी. जब भी वो अपने आप को अकेला महसूस करती या चुदाई का मन होता, वो शराब पीती और धूम्रपान करती, धीरे धीरे वो आदत से एक शराबी और धूम्रपान की आदि बन गई. दिन रात अपनी गति से बीतने लगे.
कुछ ही दिनो मे सारा पूरी तरह बदल गई. एक दिन जब उसका पति ऑफीस से वापस आया तो उसके साथ एक जाना पहचाना राज्नीतिग्य लीडर भी था. उसके पति ने सारा को बताया कि वो नेता उनके साथ शराब पीएगा और रात का खाना भी खाएगा क्यों कि उसके पति को उस नेता की सहयता की ज़रूरत थी सरकार से अपना एक काम निकलवाने के लिए.
उसके पति ने जमुना से नेता की पसंद का खाना बनाने को कहा और घर मे बने बार मे उस नेता के साथ बैठ कर बातें करने लगा. उस ने सारा से भी साथ देने को कहा. वो दोनो पी रहे थे और धूम्रपान भी कर रहे थे. सारा भी उनका साथ दे रही थी पर उनकी बातें सारा को समझ मे नही आ रही थी. बीच बीच मे वो दोनो सारा से भी बात कर्लेते थे. रात का खाना खाने के पहले वो नेता और सारा का पति अकेले मे कुछ बात करने के लिए कुछ देर बेडरूम के अंदर गये और धीरे धीरे बातें करने लगे.
जुली को मिल गई मूली compleet
Re: जुली को मिल गई मूली
रात का खाना खाने के बाद सारा के पति ने जमुना को उसके कमरे मे जाने को कहा. जमुना के कमरे के दो दरवाजे थे, एक घर के अंदर रसोई मे खुलता था और दूसरा घर के बाहर खुलता था. जमुना अपने रूम मे गई तो सारा के पति ने घर के अंदर खुलने वाले दरवाजे को बंद किया ताकि जमुना उस दरवाजे से घर के अंदर ना आ सके. अगर ज़रूरत हो तो अपने कमरे के दूसरे दरवाजे से बाहर निकलकर, सारा के घर के मुख्य द्वार से घर के अंदर आ सकती थी. घर मे रहने वाले गार्ड भी घर भेज दिए गये.
तीनों, सारा, उसका पति और वो नेता, बेड रूम मे सोफा पर बैठ कर सिगरेट पीने लगे. सारा के पति ने सारा से कहा की लीडर को वो बहुत अच्छी लग रही है और वो और कुछ देर घर मे रहना चाहता है. शराब के नशे मे सारा अपने पति की बात का पूरा मतलब नही समझ सकी. वैसे भी वो एक सब का जाना पहचाना नेता था.
अचानक, उस नेता ने सारा को अपनी बाहों मे जाकड़ लिया तो सारा चौंक गई और उसने अपने पति की तरफ देखा. उसका पति मुस्करा रहा ता. सारा को सारी बात समझ मे आगाई जो वो अब तक नही समझी थी. उस नेता ने सारा को अपनी बाहों मे उठा कर बिस्तर पर गिरा दिया. सारा ने फिर अपने पति की तरफ देखा तो उसके पति ने कहा कि नेताजी को खुश करदो. सारा ना कुछ बोल सकी और ना ही कुछ कर सकी. उसकी आँखों से आँसू निकल आए. उस ने सोच लिया कि वो उस नेता से चुद्वा कर अपने पति के काम मे उसकी मदद करेगी. इस काम मे शराब का भी काफ़ी हाथ था.
सारा अपने बिस्तर पर पड़ी थी और उसका पति और उसका नेता दोस्त दोनो मिलकर उसके कपड़े उतारने लगे. जल्दी ही उन दोनो ने सारा को पूरा नंगा कर दिया. उसके पति ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो कर, सोफा पर बैठ कर सिगरेट पीने लगा. सारा जान गई कि उसका पति जो नामार्द है, कुछ नही करेगा और उसका नेता दोस्त उसको चोदेगा और उसका पति सब देखेगा. नेता ने सारा को कहा की वो उसके कपड़े उतारे. सारा ने नेता के कपड़े उतार कर उसे भी नंगा किया और उसका बेशरम नमार्द पति सोफा पर बैठा सब देख रहा था.
नेता चुदाई के मामले मे बसंत की तरह एक काबिल मर्द था और काफ़ी दिनों के बाद सारा को चुदाई मे संतुष्टि मिली थी, पर सारा खुश नही थी क्यों कि उसके पति ने उसका, उसके बदन का, उसकी चूत का, उसकी चुदाई का अपने धन्दे मे फ़ायदे के लिए इस्तेमाल किया था.
वो नेता तो सारा को चोद कर चला गया था. उस नेता से चुद्वाते हुए सारा ने देखा था कि उसके पति के लंड का पानी अपने आप ही निकल कर सोफा के पास फैल गया था. किसी रंडी की तरह, बिना अपने पति की तरफ ध्यान दिए, करवट ले कर सारा नंगी ही सो गई.
अगले दिन सुबह, जब शराब का नशा नही था, तो सारा को सारी बात अच्छी तरह समझ मे आई. एक बार उसने सोचा कि उसने बहुत ग़लत काम किया है, पर फिर उसने सोचा कि उसने जो भी किया, अपने पति के कहने पर किया और उसका पति खुद वहाँ मौजूद था जब वो नेता उसको चोद रहा था. वैसे भी वो कोई सती सावित्री नही थी. अपनी खुशी के लिए वो बसंत से चुद्वाती थी तो धंधे मे फ़ायदे के लिए एक बार अपने पति के कहने पर उस नेता से चुद्वा लिया तो क्या हो गया. ये चुदाई की बात तो उन तीनो के बीच ही रहनेवाली है. और अंदर से कहीं वो खुश भी थी कि उसको चुदाई मे संतुष्टि भी मिली है जिसकी वो हक़दार है.
पर जल्दी ही सारा को पता चल गया कि ये उसकी ग़लती थी जो वो अपने पति के बारे मे अच्छा अच्छा सोचती थी. सारा ने सोचा था कि वो केवल एक बार की बात थी जो उसे अपने पति की खातिर उस नेता से चुद्वाना पड़ा था. वो अपने पति को ठीक से पहचान नही पाई थी. करीब करीब रोज़ ही शाम को उसका पति अलग अलग आदमियों के साथ घर आता और सारा को उनसे चुद्वाने को कहता. जब कभी भी सारा ने चुद्वाने के लिए ना कहा, उसका पति उसे बुरी तरह मारता था. अब वो समझ गई थी कि उसके पति की पहुँच बहुत उपर तक थी. उसने कई बार घर से भागने की कोशिश की पर नाकाम रही और उसके पति ने उसे पीटा था. उस ने पोलीस मे भी जाने की कोशिश की थी पर उसको पता नही था कि एक बड़ा पोलीस ऑफीसर उसके पति का दोस्त था और बाद मे उसी पोलीस ऑफीसर ने उसके पति की मौजूदगी मे सारा को बुरी तरह चोदा था.
सारा की जिंदगी नर्क बनती जा रही थी. अब तो उसका पति उसे दो – तीन आदमियों से एक साथ ही चुद्वाता था. वो एक रंडी की जिंदगी जी रही थी और उसका अपना पति ही जैसे उसका दलाल / भड़वा बन गया था. सारा को बड़े बड़े आदमियों से चुद्वा कर, अपना काम निकलवा कर, उसके पति ने अपने धन्दे मे बहुत पैसा कमाया. अलग अलग आदमी सारा को अपनी पसंद के अनुसार अलग अलग तरीके से चोद्ते थे और सारा चुद्वाने के सिवाय कुछ नही कर पाती थी.
और इसी कारण वो एक पक्की शराबी बन गई थी और बहुत धूम्रपान करती थी. सारा ने अपनी किस्मत से समझौता कर लिया था. अब तो ये हालत थी कि सारा को चुद्वाने की जैसे आदत पड़ गयी थी और वो अब चुदाई के बिना नही रह सकती थी और उसको रोज़ एक से ज़्यादा मर्द चाहिए चुद्वाने के लिए. अब वो अपनी आदत और मर्ज़ी से एक रांड़ बन चुकी थी. अब उसे किसी तरह की शर्म भी नही आती थी. वो किसी से भी, कभी भी, कैसे भी चुद्वा सकती थी.
मुझे सारा के मूह से उसकी कहानी सुन कर बहुत धक्का लगा और बहुत दुख हुआ. मगर सारा मुस्कराती रही, शराब पीती रही, धूम्रपान करती रही और अपनी चुदाई की भयानक कहानी सुनाती गई.
अंत मे सारा ने बताया – मेरा भड़वा पति अपने तीन विदेशी दोस्तों को लाने के लिए बाहर गया है और आज मैं तीन तीन विदेशियों से एक साथ चुद्वाउन्गि.
मैं बोली – सारा, ये सब तुम कितनी आसानी से कह रही हो. ये चिंता की बात है.
सारा ने जवाब दिया – नही यार! मेरी जिंदगी मे ये सब आम बात है. मैं खुद अब इन सब के बिना नही रह सकती.
मैं बोली – सारा ! मेरी दोस्त ! मुझे बताओ कि मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ कि तुम इस नर्क से बाहर आ जाओ.
सारा – कुछ नही जूली! मुझे अब इसकी आदत पड़ गई है. मैं जो भी कर रही हूँ, वो अपनी मर्ज़ी से कर रही हूँ. मुझे किसी से कोई शिकायत नही है. मुझे रोज़ाना चुद्वाने के लिए एक नया मर्द चाहिए और जिस दिन मेरे भद्वे पति का कोई दोस्त नही आता, उस दिन मैं अपने दलाल पति से किसी मर्द का बंदोबस्त करने को कहती हूँ और वो किसी ना किसी को मुझे चोद्ने के लिए ले आता है. मैं अब बहुत खुश हूँ.
पर मैं जानती थी, वो बहुत तो क्या, ज़रा भी खुश नही है. पर मैं उसके लिए कुछ भी नही कर सकती थी.
शाम के 7.30 बज चुके थे. सारा ने बताया कि उसके भद्वे पति के, उसके तीन विदेशी दोस्तों के साथ आने का समय हो गया है. वो तीनो विदेशी मिलकर अब उसको उसके ही भद्वे पति के सामने चोदेन्गे. मैं उसके पति को भड़वा नही कहना चाहूँगी क्यों कि भड़वा तो उसके लिए बहुत छोटा शब्द है.
मैने भारी मन से सारा से विदाई ली और अपने घर की तरफ रवाना हो गई. मैने उसी समय सोच लिया था कि मैं ये कहानी अपनी अगली चुदाई की दास्तान मे ज़रूर लिखूँगी ताकि लोगों को पता चले कि चुदाई का ये भी एक रूप है.
क्रमशः......................
तीनों, सारा, उसका पति और वो नेता, बेड रूम मे सोफा पर बैठ कर सिगरेट पीने लगे. सारा के पति ने सारा से कहा की लीडर को वो बहुत अच्छी लग रही है और वो और कुछ देर घर मे रहना चाहता है. शराब के नशे मे सारा अपने पति की बात का पूरा मतलब नही समझ सकी. वैसे भी वो एक सब का जाना पहचाना नेता था.
अचानक, उस नेता ने सारा को अपनी बाहों मे जाकड़ लिया तो सारा चौंक गई और उसने अपने पति की तरफ देखा. उसका पति मुस्करा रहा ता. सारा को सारी बात समझ मे आगाई जो वो अब तक नही समझी थी. उस नेता ने सारा को अपनी बाहों मे उठा कर बिस्तर पर गिरा दिया. सारा ने फिर अपने पति की तरफ देखा तो उसके पति ने कहा कि नेताजी को खुश करदो. सारा ना कुछ बोल सकी और ना ही कुछ कर सकी. उसकी आँखों से आँसू निकल आए. उस ने सोच लिया कि वो उस नेता से चुद्वा कर अपने पति के काम मे उसकी मदद करेगी. इस काम मे शराब का भी काफ़ी हाथ था.
सारा अपने बिस्तर पर पड़ी थी और उसका पति और उसका नेता दोस्त दोनो मिलकर उसके कपड़े उतारने लगे. जल्दी ही उन दोनो ने सारा को पूरा नंगा कर दिया. उसके पति ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो कर, सोफा पर बैठ कर सिगरेट पीने लगा. सारा जान गई कि उसका पति जो नामार्द है, कुछ नही करेगा और उसका नेता दोस्त उसको चोदेगा और उसका पति सब देखेगा. नेता ने सारा को कहा की वो उसके कपड़े उतारे. सारा ने नेता के कपड़े उतार कर उसे भी नंगा किया और उसका बेशरम नमार्द पति सोफा पर बैठा सब देख रहा था.
नेता चुदाई के मामले मे बसंत की तरह एक काबिल मर्द था और काफ़ी दिनों के बाद सारा को चुदाई मे संतुष्टि मिली थी, पर सारा खुश नही थी क्यों कि उसके पति ने उसका, उसके बदन का, उसकी चूत का, उसकी चुदाई का अपने धन्दे मे फ़ायदे के लिए इस्तेमाल किया था.
वो नेता तो सारा को चोद कर चला गया था. उस नेता से चुद्वाते हुए सारा ने देखा था कि उसके पति के लंड का पानी अपने आप ही निकल कर सोफा के पास फैल गया था. किसी रंडी की तरह, बिना अपने पति की तरफ ध्यान दिए, करवट ले कर सारा नंगी ही सो गई.
अगले दिन सुबह, जब शराब का नशा नही था, तो सारा को सारी बात अच्छी तरह समझ मे आई. एक बार उसने सोचा कि उसने बहुत ग़लत काम किया है, पर फिर उसने सोचा कि उसने जो भी किया, अपने पति के कहने पर किया और उसका पति खुद वहाँ मौजूद था जब वो नेता उसको चोद रहा था. वैसे भी वो कोई सती सावित्री नही थी. अपनी खुशी के लिए वो बसंत से चुद्वाती थी तो धंधे मे फ़ायदे के लिए एक बार अपने पति के कहने पर उस नेता से चुद्वा लिया तो क्या हो गया. ये चुदाई की बात तो उन तीनो के बीच ही रहनेवाली है. और अंदर से कहीं वो खुश भी थी कि उसको चुदाई मे संतुष्टि भी मिली है जिसकी वो हक़दार है.
पर जल्दी ही सारा को पता चल गया कि ये उसकी ग़लती थी जो वो अपने पति के बारे मे अच्छा अच्छा सोचती थी. सारा ने सोचा था कि वो केवल एक बार की बात थी जो उसे अपने पति की खातिर उस नेता से चुद्वाना पड़ा था. वो अपने पति को ठीक से पहचान नही पाई थी. करीब करीब रोज़ ही शाम को उसका पति अलग अलग आदमियों के साथ घर आता और सारा को उनसे चुद्वाने को कहता. जब कभी भी सारा ने चुद्वाने के लिए ना कहा, उसका पति उसे बुरी तरह मारता था. अब वो समझ गई थी कि उसके पति की पहुँच बहुत उपर तक थी. उसने कई बार घर से भागने की कोशिश की पर नाकाम रही और उसके पति ने उसे पीटा था. उस ने पोलीस मे भी जाने की कोशिश की थी पर उसको पता नही था कि एक बड़ा पोलीस ऑफीसर उसके पति का दोस्त था और बाद मे उसी पोलीस ऑफीसर ने उसके पति की मौजूदगी मे सारा को बुरी तरह चोदा था.
सारा की जिंदगी नर्क बनती जा रही थी. अब तो उसका पति उसे दो – तीन आदमियों से एक साथ ही चुद्वाता था. वो एक रंडी की जिंदगी जी रही थी और उसका अपना पति ही जैसे उसका दलाल / भड़वा बन गया था. सारा को बड़े बड़े आदमियों से चुद्वा कर, अपना काम निकलवा कर, उसके पति ने अपने धन्दे मे बहुत पैसा कमाया. अलग अलग आदमी सारा को अपनी पसंद के अनुसार अलग अलग तरीके से चोद्ते थे और सारा चुद्वाने के सिवाय कुछ नही कर पाती थी.
और इसी कारण वो एक पक्की शराबी बन गई थी और बहुत धूम्रपान करती थी. सारा ने अपनी किस्मत से समझौता कर लिया था. अब तो ये हालत थी कि सारा को चुद्वाने की जैसे आदत पड़ गयी थी और वो अब चुदाई के बिना नही रह सकती थी और उसको रोज़ एक से ज़्यादा मर्द चाहिए चुद्वाने के लिए. अब वो अपनी आदत और मर्ज़ी से एक रांड़ बन चुकी थी. अब उसे किसी तरह की शर्म भी नही आती थी. वो किसी से भी, कभी भी, कैसे भी चुद्वा सकती थी.
मुझे सारा के मूह से उसकी कहानी सुन कर बहुत धक्का लगा और बहुत दुख हुआ. मगर सारा मुस्कराती रही, शराब पीती रही, धूम्रपान करती रही और अपनी चुदाई की भयानक कहानी सुनाती गई.
अंत मे सारा ने बताया – मेरा भड़वा पति अपने तीन विदेशी दोस्तों को लाने के लिए बाहर गया है और आज मैं तीन तीन विदेशियों से एक साथ चुद्वाउन्गि.
मैं बोली – सारा, ये सब तुम कितनी आसानी से कह रही हो. ये चिंता की बात है.
सारा ने जवाब दिया – नही यार! मेरी जिंदगी मे ये सब आम बात है. मैं खुद अब इन सब के बिना नही रह सकती.
मैं बोली – सारा ! मेरी दोस्त ! मुझे बताओ कि मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ कि तुम इस नर्क से बाहर आ जाओ.
सारा – कुछ नही जूली! मुझे अब इसकी आदत पड़ गई है. मैं जो भी कर रही हूँ, वो अपनी मर्ज़ी से कर रही हूँ. मुझे किसी से कोई शिकायत नही है. मुझे रोज़ाना चुद्वाने के लिए एक नया मर्द चाहिए और जिस दिन मेरे भद्वे पति का कोई दोस्त नही आता, उस दिन मैं अपने दलाल पति से किसी मर्द का बंदोबस्त करने को कहती हूँ और वो किसी ना किसी को मुझे चोद्ने के लिए ले आता है. मैं अब बहुत खुश हूँ.
पर मैं जानती थी, वो बहुत तो क्या, ज़रा भी खुश नही है. पर मैं उसके लिए कुछ भी नही कर सकती थी.
शाम के 7.30 बज चुके थे. सारा ने बताया कि उसके भद्वे पति के, उसके तीन विदेशी दोस्तों के साथ आने का समय हो गया है. वो तीनो विदेशी मिलकर अब उसको उसके ही भद्वे पति के सामने चोदेन्गे. मैं उसके पति को भड़वा नही कहना चाहूँगी क्यों कि भड़वा तो उसके लिए बहुत छोटा शब्द है.
मैने भारी मन से सारा से विदाई ली और अपने घर की तरफ रवाना हो गई. मैने उसी समय सोच लिया था कि मैं ये कहानी अपनी अगली चुदाई की दास्तान मे ज़रूर लिखूँगी ताकि लोगों को पता चले कि चुदाई का ये भी एक रूप है.
क्रमशः......................
Re: जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-19
गतान्क से आगे.....................
मैं अपनी चुदाई की जिंदगी बहुत ही खूबसूरत ढंग से, जिस तरह मैं चाहती हूँ, उसी तरह जी रही हूँ. जिंदगी मे चुदाई के सिवाय बहुत से काम है, बहुत सी ज़िम्मेदारियाँ है, पर मैं खुश हूँ और मुझे गर्व है कि मैं हर काम और हर ज़िम्मेदारी निभाते हुए भी हमेशा अपने पति से अपनी चुदाई का भरपूर आनंद लिया है और ले भी रही हूँ. इस बात का बहुत सारा श्रेय मेरे प्यारे पति को उनकी समझदारी, सलाह और प्यार को जाता है, जिन्होने हमारी प्यार की, चुदाई की जिंदगी को इतना खूबसूरत और सेक्सी बना रखा है. आप जानते है कि हम दोनो ने ही प्यार करने का, चुदाई करने का कोई भी मौका नही छोड़ा है.
मेरे पति ने मुझे हमारे घर मे हमेशा अलग अलग जगह, अलग अलग पोज़िशन मे हमेशा और जब भी मौका मिलता है, चोदा है और चोद्ते है. सबसे बड़ी खुशी की बात तो ये है कि बीत ते हुए समय के साथ हमारे प्यार की, हमारी चुदाई की आग कम नही हुई, बल्कि और भी बढ़ रही है.
पिच्छले दिनो, मेरी सासू मा कुछ दिनो के लिए हमारे पास रहने को आई थी. मैं अपनी सासू मा को अपनी सग़ी मा की तरह प्यार करती हूँ और वो भी मुझे अपनी सग़ी बेटी की तरह प्यार करती है. यही कारण है कि वो हमारे पास कुछ दीनो के लिए आई थी. मैं खुद अपनी सासू मा के साथ ज़्यादा से ज़्यादा रहना चाहती हूँ. मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझती हूँ कि मुझे ऐसी प्यार करने वाली सास मिली है जो मा जैसी है.
सब कुछ अच्छा चल रहा था पर पिच्छले कुछ दिनो से हमारे बीच मे दोपहर की चुदाई नही हो पाई थी. आप तो जानते है कि मेरे पति का ऑफीस घर के पास ही है और वो रोज़ दोपहर को गरम खाना खाने के लिए घर आते है. बहुत बार, खाने के पहले या खाने के बाद मेरे पति मुझे चोद्ते है. हम हमेशा ही इस दोपहर की चुदाई का आनंद लेते है. दोपहर की चुदाई हमारी चुदाई की जिंदगी का एक ज़रूरी हिस्सा है और अपने पति से दिन की रोशनी मे अपने घर मे चुद्वाना बहुत रोमांचित करने वाला काम है. सासू मा की घर मे मौजूदगी की वजह से दिन की चुदाई हमारे बेडरूम मे सुबह सुबह की चुदाई तक ही सीमित रह गई थी. हम दोनो पति पत्नी ही मेरी सासू मा की बहुत इज़्ज़त करते है और हम हमारा बेडरूम दिन मे बंद नही करना चाहते थे.
एक दिन, जब मेरी सासू मा का उपवास था, मेरे पति ने दोपहर का खाना मेरे साथ एक पाँच सितारा होटेल मे खाने का प्रोग्राम बनाया. होटेल हमारे घर से कुछ ही दूरी पर है. उन्होने मुझे दोपहर को 1.30 बजे तय्यार रहने को कहा ताकि वो मुझे घर से अपने साथ ले सकें. हमारा विचार घर के बाहर दिन मे एक शानदार, चकाचक चुदाई करने का था. मैं और मेरे पति दोनो ही ऐसी रोमांचक चुदाई बहुत पसंद करतें है, जहाँ कई लोगों के बीच हम चुदाई कर्लेते हैं और किसी को पता भी नही चलता.
प्रोग्राम के अनुसार मैने अपने घर के काम समय पर पूरे किए और अपनी सासू मा के लिए कुछ खाने तय्यार किया जिसे उपवास मे खाया जा सकता है. मैं 1.30 बजे से पहले ही तय्यार हो गई थी. मेरी सासू मा कोई धार्मिक किताब पढ़ रही थी. मैं आप को बता दूं कि मेरे कपड़ों पर मेरे घर मे किसी को भी, किसी भी किस्म का ऐतराज़ नही है. मैं जैसे चाहे वैसे कपड़े पहन सकती हूँ. मैने एक भूरे रंग का स्कर्ट और सफेद टॉप पहना था. मेरे टॉप के अंदर सफेद चोली और स्कर्ट के अंदर सफेद चड्डी थी. मैने उँची ऐईडी की सैंडल पहनी और अपने पति का इंतज़ार करने लगी. बराबर 1.30 बजे मेरे पति का फोन आया और उन्होने मुझे नीचे, बिल्डिंग की लॉबी मे आने को कहा. मैने सासू मा को बताया और बिल्डिंग के नीचे आई.
हम जल्दी ही होटेल प्रेसीडेंट पहुँच गये. मेरे पति ने वहाँ के स्टाफ को कार पार्क करने को दी और हम दोनो गले मिलते, एक दूसरे से अपने सेक्सी जिस्म रगड़ते हुए होटेल के रेस्टोरेंट मे दाखिल हुए. खाने के पहले हम ने ठंडे का ऑर्डर दिया. मेरे पति ने अपनी कुर्सी मेरी तरफ घुमाई और मेरे चेहरे की तरफ देखने लगे. उनकी आँखों मे शरारत, प्यार और चुदाई की चाह सॉफ नज़र आ रही थी. हम ने खाने का ऑर्डर दिया और हम इधर उधर की बातें करने लगे. बीच बीच मे हमेशा की तरह वो मेरे हुस्न की तारीफ़ भी कर रहे थे.
गतान्क से आगे.....................
मैं अपनी चुदाई की जिंदगी बहुत ही खूबसूरत ढंग से, जिस तरह मैं चाहती हूँ, उसी तरह जी रही हूँ. जिंदगी मे चुदाई के सिवाय बहुत से काम है, बहुत सी ज़िम्मेदारियाँ है, पर मैं खुश हूँ और मुझे गर्व है कि मैं हर काम और हर ज़िम्मेदारी निभाते हुए भी हमेशा अपने पति से अपनी चुदाई का भरपूर आनंद लिया है और ले भी रही हूँ. इस बात का बहुत सारा श्रेय मेरे प्यारे पति को उनकी समझदारी, सलाह और प्यार को जाता है, जिन्होने हमारी प्यार की, चुदाई की जिंदगी को इतना खूबसूरत और सेक्सी बना रखा है. आप जानते है कि हम दोनो ने ही प्यार करने का, चुदाई करने का कोई भी मौका नही छोड़ा है.
मेरे पति ने मुझे हमारे घर मे हमेशा अलग अलग जगह, अलग अलग पोज़िशन मे हमेशा और जब भी मौका मिलता है, चोदा है और चोद्ते है. सबसे बड़ी खुशी की बात तो ये है कि बीत ते हुए समय के साथ हमारे प्यार की, हमारी चुदाई की आग कम नही हुई, बल्कि और भी बढ़ रही है.
पिच्छले दिनो, मेरी सासू मा कुछ दिनो के लिए हमारे पास रहने को आई थी. मैं अपनी सासू मा को अपनी सग़ी मा की तरह प्यार करती हूँ और वो भी मुझे अपनी सग़ी बेटी की तरह प्यार करती है. यही कारण है कि वो हमारे पास कुछ दीनो के लिए आई थी. मैं खुद अपनी सासू मा के साथ ज़्यादा से ज़्यादा रहना चाहती हूँ. मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझती हूँ कि मुझे ऐसी प्यार करने वाली सास मिली है जो मा जैसी है.
सब कुछ अच्छा चल रहा था पर पिच्छले कुछ दिनो से हमारे बीच मे दोपहर की चुदाई नही हो पाई थी. आप तो जानते है कि मेरे पति का ऑफीस घर के पास ही है और वो रोज़ दोपहर को गरम खाना खाने के लिए घर आते है. बहुत बार, खाने के पहले या खाने के बाद मेरे पति मुझे चोद्ते है. हम हमेशा ही इस दोपहर की चुदाई का आनंद लेते है. दोपहर की चुदाई हमारी चुदाई की जिंदगी का एक ज़रूरी हिस्सा है और अपने पति से दिन की रोशनी मे अपने घर मे चुद्वाना बहुत रोमांचित करने वाला काम है. सासू मा की घर मे मौजूदगी की वजह से दिन की चुदाई हमारे बेडरूम मे सुबह सुबह की चुदाई तक ही सीमित रह गई थी. हम दोनो पति पत्नी ही मेरी सासू मा की बहुत इज़्ज़त करते है और हम हमारा बेडरूम दिन मे बंद नही करना चाहते थे.
एक दिन, जब मेरी सासू मा का उपवास था, मेरे पति ने दोपहर का खाना मेरे साथ एक पाँच सितारा होटेल मे खाने का प्रोग्राम बनाया. होटेल हमारे घर से कुछ ही दूरी पर है. उन्होने मुझे दोपहर को 1.30 बजे तय्यार रहने को कहा ताकि वो मुझे घर से अपने साथ ले सकें. हमारा विचार घर के बाहर दिन मे एक शानदार, चकाचक चुदाई करने का था. मैं और मेरे पति दोनो ही ऐसी रोमांचक चुदाई बहुत पसंद करतें है, जहाँ कई लोगों के बीच हम चुदाई कर्लेते हैं और किसी को पता भी नही चलता.
प्रोग्राम के अनुसार मैने अपने घर के काम समय पर पूरे किए और अपनी सासू मा के लिए कुछ खाने तय्यार किया जिसे उपवास मे खाया जा सकता है. मैं 1.30 बजे से पहले ही तय्यार हो गई थी. मेरी सासू मा कोई धार्मिक किताब पढ़ रही थी. मैं आप को बता दूं कि मेरे कपड़ों पर मेरे घर मे किसी को भी, किसी भी किस्म का ऐतराज़ नही है. मैं जैसे चाहे वैसे कपड़े पहन सकती हूँ. मैने एक भूरे रंग का स्कर्ट और सफेद टॉप पहना था. मेरे टॉप के अंदर सफेद चोली और स्कर्ट के अंदर सफेद चड्डी थी. मैने उँची ऐईडी की सैंडल पहनी और अपने पति का इंतज़ार करने लगी. बराबर 1.30 बजे मेरे पति का फोन आया और उन्होने मुझे नीचे, बिल्डिंग की लॉबी मे आने को कहा. मैने सासू मा को बताया और बिल्डिंग के नीचे आई.
हम जल्दी ही होटेल प्रेसीडेंट पहुँच गये. मेरे पति ने वहाँ के स्टाफ को कार पार्क करने को दी और हम दोनो गले मिलते, एक दूसरे से अपने सेक्सी जिस्म रगड़ते हुए होटेल के रेस्टोरेंट मे दाखिल हुए. खाने के पहले हम ने ठंडे का ऑर्डर दिया. मेरे पति ने अपनी कुर्सी मेरी तरफ घुमाई और मेरे चेहरे की तरफ देखने लगे. उनकी आँखों मे शरारत, प्यार और चुदाई की चाह सॉफ नज़र आ रही थी. हम ने खाने का ऑर्डर दिया और हम इधर उधर की बातें करने लगे. बीच बीच मे हमेशा की तरह वो मेरे हुस्न की तारीफ़ भी कर रहे थे.