मैं भी उनकी और एक टक ही देख रही थी…जैसी ही उनकी नज़र मुझ पर पड़ी..वो थोड़ा हड़बड़ाते हुए बोली…चलो मैं तुम्हे तुम्हारा कमरा दिखा देती हूँ.
वो मुझे लेकर सीढ़ियों से होते हुए उपर की तरफ ले गयी…रास्ते मे वो बोली..तुम्हे यहाँ काम करने के लिए किसी भी प्रकार का कांट्रॅक्ट साइन करने की ज़रूरत नही है.
नखरे नही करोगी…तो तुम्हे लोगो मे घुलने-मिलने मे आसानी होगी…वो मुझे और उपर जाती हुई सीढ़ियों पर ले जाती हुई बोली…ये घर हमेशा खुला रहता है…पर तुम्हे हफ्ते मे एक दिन की छुट्टी मिलेगी.
ठीक है, मस्तानी चाची-मैं बोली.
कस्टमर को कभी भी ना नही करना…जब तक वो तुम्हारा परिचित ना हो.-वो बोली.
जैसा आप कहे, मस्तानी चाची-मैं बोली.
मेरी नही अपनी इच्छा से काम करो…ये यहाँ के नियम है…वो बोली.
मैं समझ गयी…मस्तानी चाची..मैं बोली.
उन्होने एक दरवाज़े की तरफ इशारा करते हुए बोला…ये है रहस्यमयी खोली..उनके लिए जो चाहते है की उनको कोई देख ना पाए.
उस दरवाज़े पे एक नग्न औरत की तस्वीर बनी हुई थी. उन्होने दरवाज़ा खोला और मैं उसे देखने अंदर घुस गयी..
वो बोली:- कभी कभी कस्टमर्स रूम के अंदर ही भुगतान(पे) कर देते है. तब तुम नीचे काउंटर पे जाकर रिजिस्टर करके पैसा जमा करना और अपना टोकन ले लेना. 15 दिनो बाद तुम अपनी नगद राशि प्राप्त कर सकती हो.(वो मुझे समझाते हुए बोली.) ये घर तुम्हारी कमाई से 50% ले लेगा. बिजली, पानी, मेडिकल, नौकर, बाकी के टॅक्सस जैसे रूम और बोर्ड के और एक्सट्रा चार्जस कुछ भी नही है.(वो मेरी ओर देखकर हस्ते हुए बोली.)
फिर वो मुझे दूसरे कमरे मे ले जाते हुए बोली-सारी प्राइस लिस्ट रिजिस्टर मे लिखी हुई है, किसी होटेल के मेनू की तरह. स्पेशल अनुरोध(रिक्वेस्ट) के लिए एक्सट्रा चार्जस लगते है. उन्होने एक दरवाज़ा खोलकर मुझ से कहा- ये तुम्हारा रूम है..पसंद आया ?
मेरे मूह से तुरंत ही निकला बढ़िया है !!
अंदर घुसी तो देखा चारो तरफ गुलाबी रंग की छटा बिखरी हुई थी..रूम किसी आलीशान शाही कमरे की तरह सज़ा हुआ था..
मैं बोली:- कितना खूबसूरत है..!!
वो बोली:- ये कमरा हमारे यहाँ के बेहतरीन कमरो मे से एक है.
मैं बोली:- थॅंक यू, मस्तानी चाची…आप मेरी तरफ से हमेशा ही खुश रहेंगी.
वहाँ एक बड़ा सा बेड था, जिस पर मक्मल की चढ़र बिछी हुई थी. उन्होने उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा…उस तरफ घंटी रखी हुई है.
एक बार बजाना सामान्य के लिए. दो बार दुबारा के लिए, तीन बार आधे घंटे के लिए जो ज़्यादातर 15 मिनिट्स से ज़्यादा का नही होता.(वो चेहरे पर हसी के भाव उत्पन्न करते हुए बोली)
वो अपना चस्मा उतारते हुए बोली-समय बचाने के लिए तुम अपने मूह का भी प्रयोग कर सकती हो पर एक बार अच्छे से जाँच करने के बाद.
जाँच के बाद मतलब ?- मैं बोली.
स्वचहता…बोलते हुए उन्होने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेसिन के पास ले आई जो वही रूम के कोने मे लगा हुआ था…वो बोली- पहले तुम उसे यहाँ ले के आओ, उसके लंड को हाथ मे पाकड़ो, उसको धो और उसको भीचकर उसको खोलो..(उन्होने मुझे सारी बातें हाथों के इशारे से समझाई)…अगर तुम्हे कही भी दाग-धब्बा, कटा-जला का निशान दिखे तो तुम तुरंत बाहर आ जाओ या फिर एक लंबी रिंग दे देना हम उसे उसी समय यहाँ से भगा देंगे.
मैं बोली- ओह्ह्ह…बीमारी से बचने के लिए……
वो मुस्कुराते हुए बोली- बिल्कुल ठीक..तुम अपने मेडिकल रेकॉर्ड्स लाई हो ?
जी हां लाई हूँ- मैं बोली.(राज ने सारे इंतज़ाम मुझे करके दिए थे.)
मैने अपना हॅंड बॅग खोलकर उस मे से अपना मेडिकल सर्टिफिकेट निकालकर उन्हे दिखाया…
फिर उन्होने उस मे से 2-3 नाम पढ़े, जो मेरी समझ मे तो नही आए और कहा- बहुत अच्छे, जाकर हमारे यहाँ के डॉक्टर को ये मेडिकल सर्टिफिकेट दिखा आओ. वो यहाँ कभी भी आ सकते है साप्ताहिक जाँच के लिए.
क्रमशः............................
एक वेश्या की कहानी compleet
Re: एक वेश्या की कहानी
एक वेश्या की कहानी--3
गतान्क से आयेज.......................
मैने अपना सिर हिलाते हुए उन्हे हां कह दिया और उन्होने मुझे मेरा मेडिकल सर्टिफिकेट लौटा दिया.
तुमने कुछ खाया ? – उन्होने पूछा तो मैने फिर सिर हिलाते हुए ना कह दिया.
चलो मेरे साथ दूसरो से भी मिल लो….वो बोली.
वो मुझे एक बड़े से डाइनिंग हॉल मे ले गयी….जहाँ एक बढ़ा सा डाइनिंग टेबल रखा हुआ था….जिसको चारो तरफ से बहुत सी लड़कियों ने घेर रखा था……
अंदर घुसते ही मस्तानी चाची बोली- ये नयी लड़की है…इसका ज़रा ख़याल रखना.
वहाँ मौजूद सभी लड़कियों ने हाथ हिला कर मेरा अभिवादन किया….
ऊन्मेसे एक लड़की ने मुझे बोला- हेलो मेरा नाम स्वीटी है और मैं यू.पी. से हू…तुम यहाँ बैठ जाओ.(उसने अपने पास रखी एक कुर्सी मेरे लिए सॉफ करती हुई बोली)
मैने मस्तानी चाची की तरफ देखा- तो उन्होने ने मुझे जाकर बैठने की अनुमति दे दी…और मैं भी उसके पास जाकर बैठ गयी….टेबल पर खूब सारा नाश्ता और वाइन की बॉटल रखी हुई थी..
कुछ लाडियाँ सिर्फ़ ग्लास मे वाइन ही पी रही थी..उन मे से एक लड़की ने अपनी वाइन ख़तम करके और ग्लास रखते हुए(लगभग पटकते हुए) कहा….हाई..बिजली फ्रॉम मुंबई…
मैने भी उसे सिर हिलकर सिर्फ़ हाई कह दिया..फिर बाकी लड़कियाँ भी अपना-अपना इंट्रोडक्षन देने लगी..
हाई..छोटी फ्रॉम पुणे.. काँटा फ्रॉम गोआ….कासिष फ्रॉम गुजरात..लगभग हर स्टेट की लड़कियाँ थी उस जगह पर..
तभी एक मोटी सी औरत हाथ मे चॉक्लेट केक लाती हुए मेरे पास आई और बोली लो काटो इसे…ये तुम्हारे आने की ख़ुसी मे..मैं यहाँ हर किसी के आने की खुशी मे कुछ ना कुछ बनाती हू…आज तुम्हारे लिए चॉक्लेट केक बनाया है…काटो इसे और एंजाय करो अपना पहला दिन यहाँ……तभी बाजू वाली लड़की ने जिसने मुझे कुर्सी दी थी..मेरे ग्लास मे वाइन भरा और मुझे ऑफर किया..मैने ग्लास लिया फिर सब ने टोस्ट किया और अपनी-अपनी वाइन पीने लगे…
बिजली ने फिर जीभ से ऐसे किया जैसे वो किसी की योनि मे जीभ डाल कर हिला रही हो….और फिर मुझसे बोली..क्या तुम्हे ये करना आता है ???
मैने सिर नीचे झुककर हां कह दिया…..वो बोली….तुम्हारा नाम क्या है….
मैने बोलने ही वाली थी के मस्तानी चाची बोली- नाम ही सब कुछ नही होता…इसका नाम है राधा…पर अब से हम सब इसे कामिनी कह कर बुलाएँगे.
मैं बोली- कामिनी ???
हां कामिनी, क्यूकी तुम दिखती कामुक हो…तुम्हारी काया कामुक है…तुम बिल्कुल इस चॉकलॅटी केक की तरह हो जिसे हर कोई खाना चाहता है..
गतान्क से आयेज.......................
मैने अपना सिर हिलाते हुए उन्हे हां कह दिया और उन्होने मुझे मेरा मेडिकल सर्टिफिकेट लौटा दिया.
तुमने कुछ खाया ? – उन्होने पूछा तो मैने फिर सिर हिलाते हुए ना कह दिया.
चलो मेरे साथ दूसरो से भी मिल लो….वो बोली.
वो मुझे एक बड़े से डाइनिंग हॉल मे ले गयी….जहाँ एक बढ़ा सा डाइनिंग टेबल रखा हुआ था….जिसको चारो तरफ से बहुत सी लड़कियों ने घेर रखा था……
अंदर घुसते ही मस्तानी चाची बोली- ये नयी लड़की है…इसका ज़रा ख़याल रखना.
वहाँ मौजूद सभी लड़कियों ने हाथ हिला कर मेरा अभिवादन किया….
ऊन्मेसे एक लड़की ने मुझे बोला- हेलो मेरा नाम स्वीटी है और मैं यू.पी. से हू…तुम यहाँ बैठ जाओ.(उसने अपने पास रखी एक कुर्सी मेरे लिए सॉफ करती हुई बोली)
मैने मस्तानी चाची की तरफ देखा- तो उन्होने ने मुझे जाकर बैठने की अनुमति दे दी…और मैं भी उसके पास जाकर बैठ गयी….टेबल पर खूब सारा नाश्ता और वाइन की बॉटल रखी हुई थी..
कुछ लाडियाँ सिर्फ़ ग्लास मे वाइन ही पी रही थी..उन मे से एक लड़की ने अपनी वाइन ख़तम करके और ग्लास रखते हुए(लगभग पटकते हुए) कहा….हाई..बिजली फ्रॉम मुंबई…
मैने भी उसे सिर हिलकर सिर्फ़ हाई कह दिया..फिर बाकी लड़कियाँ भी अपना-अपना इंट्रोडक्षन देने लगी..
हाई..छोटी फ्रॉम पुणे.. काँटा फ्रॉम गोआ….कासिष फ्रॉम गुजरात..लगभग हर स्टेट की लड़कियाँ थी उस जगह पर..
तभी एक मोटी सी औरत हाथ मे चॉक्लेट केक लाती हुए मेरे पास आई और बोली लो काटो इसे…ये तुम्हारे आने की ख़ुसी मे..मैं यहाँ हर किसी के आने की खुशी मे कुछ ना कुछ बनाती हू…आज तुम्हारे लिए चॉक्लेट केक बनाया है…काटो इसे और एंजाय करो अपना पहला दिन यहाँ……तभी बाजू वाली लड़की ने जिसने मुझे कुर्सी दी थी..मेरे ग्लास मे वाइन भरा और मुझे ऑफर किया..मैने ग्लास लिया फिर सब ने टोस्ट किया और अपनी-अपनी वाइन पीने लगे…
बिजली ने फिर जीभ से ऐसे किया जैसे वो किसी की योनि मे जीभ डाल कर हिला रही हो….और फिर मुझसे बोली..क्या तुम्हे ये करना आता है ???
मैने सिर नीचे झुककर हां कह दिया…..वो बोली….तुम्हारा नाम क्या है….
मैने बोलने ही वाली थी के मस्तानी चाची बोली- नाम ही सब कुछ नही होता…इसका नाम है राधा…पर अब से हम सब इसे कामिनी कह कर बुलाएँगे.
मैं बोली- कामिनी ???
हां कामिनी, क्यूकी तुम दिखती कामुक हो…तुम्हारी काया कामुक है…तुम बिल्कुल इस चॉकलॅटी केक की तरह हो जिसे हर कोई खाना चाहता है..
Re: एक वेश्या की कहानी
तभी छोटी ने शरारती नज़रो से मेरे उभारो को देखकर मुझसे कहा- क्या तुम मुझे ये चॉकलॅटी केक थोड़ा सा दोगि..और सभी खिलखिला कर हंस पड़े…..
मस्तानी चाची ने कहा- यहाँ सभी लाडियाँ अपने काम से जानी जाती है…उनका नाम ही उनका काम भी उजागर कर देता है….जैसे तुम कहाँ से हो..तुम्हारा नाम क्या है…और वो समझ जाते है कि उन्हे तुमसे क्या लेना चाहिए…तुम उन्हे कैसे मज़ा दे सकती हो…समझी….
तभी एक लड़की ने अपना टॉप उपर किया और अपने स्तनो को अपने हाथो से हिलाते हुए बोली…मेरा नाम है बबली..और मैं महबूब नगर से हू….और फिर सब हंस पड़े..
यहाँ हर कोई जानता है, सकीना को सक करने मे माहिर होने के लिए….ललिता को वर्ग और श्रेणी के लिए…और साथ ही गंदी सोच के लिए भी..हा हा हा…कहकर वो हस्ने लगती है..तो बाकी भी खिलखिला पड़ी..
फिर वो बोली…और कामिनी तुम्हारी खूबी रहेगी ये तुम्हारी मादक गान्ड(ऐसा बोलते हुए वो मेरी एक पूरी गान्ड को अपने हाथो मे मसल रही थी..) तुम अपनी गान्ड लेहराओ, तुम्हे कभी भी इस बात का पछतावा नही होगा..
कासिष ने अपने हाथ की दो उंगलियाँ अपने नाक पे लगाकर ऐसे इशारा किया जैसे वो नाक से सिगरेट पी रही हो और बोली…अगर कस्टमर ने ऐसे इशारे किए तो….
मैं बोली---इसका क्या मतलब हुआ…
चाची बोली—इसका मतलब वो तुमसे कुछ भद्दी चीज़ें करवाना चाहता है..जैसे पिसिंग, शिटिंग एट्सेटरा….लेकिन हां इसके चार्जस एक्सट्रा लगते है और ये है भी बहुत एक्सपेन्सिव ! (ये बताते हुए उन्होने अपनी नाक पे हाथ रख लिया था.)
बबली ने तीन उंगलियाँ मेरे गालों मे रखते हुए बोली…गालों पर तीन उंगलियाँ मतलब..कस्टमर को स्केल मार्कर उत्तेजित करना होता है..
कभी-कभी तो तीन लोग एक साथ होते है जिसे हम थ्रीसम कहते है…जिसमे कस्टमर अपना लिंग तुम्हारी गान्ड मे डाले रखता है..और दूसरी लड़की उसको स्केल से हल्का-हल्का उसकी गान्ड पर मार-मारकर उत्तेजित करती रहती है..उस लड़की के भी एक्सट्रा चार्जस लगते है…..
काँटा कहती है…मैं चली आराम करने !!...हमे भी आराम करना है कहकर बाकी लड़कियाँ भी जाने लगती है..
तभी स्वीटी जो मेरे बाजू मे बैठी रहती है मुझसे कहती है…तुम बहुत अच्छी हो, सुंदर हो..हम बहुत अच्छे दोस्त बनेंगे..
मैं बोली—मैं भी यही चाहती हू, मेरा भी कोई अच्छा दोस्त बने..
मस्तानी चाची ने कहा- यहाँ सभी लाडियाँ अपने काम से जानी जाती है…उनका नाम ही उनका काम भी उजागर कर देता है….जैसे तुम कहाँ से हो..तुम्हारा नाम क्या है…और वो समझ जाते है कि उन्हे तुमसे क्या लेना चाहिए…तुम उन्हे कैसे मज़ा दे सकती हो…समझी….
तभी एक लड़की ने अपना टॉप उपर किया और अपने स्तनो को अपने हाथो से हिलाते हुए बोली…मेरा नाम है बबली..और मैं महबूब नगर से हू….और फिर सब हंस पड़े..
यहाँ हर कोई जानता है, सकीना को सक करने मे माहिर होने के लिए….ललिता को वर्ग और श्रेणी के लिए…और साथ ही गंदी सोच के लिए भी..हा हा हा…कहकर वो हस्ने लगती है..तो बाकी भी खिलखिला पड़ी..
फिर वो बोली…और कामिनी तुम्हारी खूबी रहेगी ये तुम्हारी मादक गान्ड(ऐसा बोलते हुए वो मेरी एक पूरी गान्ड को अपने हाथो मे मसल रही थी..) तुम अपनी गान्ड लेहराओ, तुम्हे कभी भी इस बात का पछतावा नही होगा..
कासिष ने अपने हाथ की दो उंगलियाँ अपने नाक पे लगाकर ऐसे इशारा किया जैसे वो नाक से सिगरेट पी रही हो और बोली…अगर कस्टमर ने ऐसे इशारे किए तो….
मैं बोली---इसका क्या मतलब हुआ…
चाची बोली—इसका मतलब वो तुमसे कुछ भद्दी चीज़ें करवाना चाहता है..जैसे पिसिंग, शिटिंग एट्सेटरा….लेकिन हां इसके चार्जस एक्सट्रा लगते है और ये है भी बहुत एक्सपेन्सिव ! (ये बताते हुए उन्होने अपनी नाक पे हाथ रख लिया था.)
बबली ने तीन उंगलियाँ मेरे गालों मे रखते हुए बोली…गालों पर तीन उंगलियाँ मतलब..कस्टमर को स्केल मार्कर उत्तेजित करना होता है..
कभी-कभी तो तीन लोग एक साथ होते है जिसे हम थ्रीसम कहते है…जिसमे कस्टमर अपना लिंग तुम्हारी गान्ड मे डाले रखता है..और दूसरी लड़की उसको स्केल से हल्का-हल्का उसकी गान्ड पर मार-मारकर उत्तेजित करती रहती है..उस लड़की के भी एक्सट्रा चार्जस लगते है…..
काँटा कहती है…मैं चली आराम करने !!...हमे भी आराम करना है कहकर बाकी लड़कियाँ भी जाने लगती है..
तभी स्वीटी जो मेरे बाजू मे बैठी रहती है मुझसे कहती है…तुम बहुत अच्छी हो, सुंदर हो..हम बहुत अच्छे दोस्त बनेंगे..
मैं बोली—मैं भी यही चाहती हू, मेरा भी कोई अच्छा दोस्त बने..