माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 22:23

मेरी जाँघो और पैरो को अपने मुलायम हाथो से उसने साफ किया। वह अपनी उंगलीयाँ बडे प्यार से मेरी जाँघो पर फिरा रही थी जिस्से मेरी उत्तेजना बढ रही थी। रीमा ने अपने हाथो को मेरे लंड से दूर ही रखा हाँ अपने चेहरे को मेरे लंड के पास ले आती और मैं अपने लंड पर उसकी गर्म साँसो को महसूस कर सकता था। इतना ही नंही साबुन लगाते हुये रीमा अपनी चूचीयाँ मेरे पैरो पर चिपका देती और एक जाँघ पर साबुन लगाते हुये दूसरी जाँघ पर अपनी चूचीयो का प्यार बरसाती। जिससे मेरा लंड मस्ती मे झूम उठता। एक जाँघ पर हाथ रगडती और दूसरे पर चूची। उसका चेहरा हमेशा मेरे लंड के पास रहता और मेरा मन करता उसका सर पकड कर अपना लंड उसके मुँह मे घुसा दूँ। एक दो बार तो उसके गाल मेरे लंड से छू भी गये थे। अच्छे से मेरी जाँघ और पैर रगडने के बाद रीमा ने मुझे घूमने को कहा। फिर मुझे घुमा कर मेरे चूतडो पर भी साबुन लगाने लगी। वह अपने हाथ प्यार से मेरे चूतडो पर फिरा रही थी। उसकी उंगलीयाँ मेरे पूरे चूतड और चूतडो के दरार में चल रहे थे। पूरी हथेली से मेरे चूतड पर साबून लगाती तो कभी हाथ मे पकड कर मसल देती। वह काफी अच्छी तरह से मसल कर मेरे चूतडो पर वह साबुन लगा रही थी। मुझे उसके हाथ अपने चूतडो पर बहुत अच्छे लग रहे थे। अब मैं अपने प्यारे बेटे के चूतड अपनी चूची से रगड रगड कर साफ करूगी ऐसा कह कर उसने अपनी चुचीयाँ मेरे चूतड पर रखी और मेरे चूतड पर मलने लगी। जैसे उसकी चूचीयाँ कोई स्पोंज हो और वह उससे मेरे चूतड साफ कर रही थी। उसकी घुंडी एक दम कडी हो चुकी थी और मेरे चूतडो मे ऐसे रगड रही थी जैसे छेद ही कर देगी। मेरे लंड एक दम तन के खडा था। रीमा काफी देर तक अपनी चूचीयाँ मेरे चूतड पर मसल मसल कर मेरे चूतड पर साबुन मलती रही फिर कभी कभी तो रीमा की घुंडी मेरे चूतड की दरार मे भी घुस जाती और रीमा पूरा उपर से लेकर नीचे तक अपनी घुंडी मेरे चूतड की दरार मे रगडती। मेरा लंड मस्ती मे तडप रहा था मैं अपने लंड को रीमा के किसी छेद मे खुसा कर चोदना चाहाता था या फिर मेरा मन करता की अपने हाथ मे पकड कर मुठठ मार लूँ

देखो मेरे बेटे के चूतड कैसे चमक गये चूची रगडायी से। तेरे साथ नहाने मे बडा मजा आ रहा है मेरे लाल बडे दिनो बाद किसी के साथ ऐसे प्यार से नहा रही हूँ नंही तो बस मर्दो के नीचे पडी रहती हूँ। और तुझे नहलाने मे भी मुझे बहुत मजा आ रहा है मेरी कोख से जना होता तो बचपन मे मैं तुझे अपने हाथ से नहलाती वह मौका मुझे तब नंही मिला तो क्या हुया आज मिल गया और आज मैं अपनी ये इच्छा जरुर पूरी करूंगी। अब मैंने अपने बेटे का पीछवाडा तो मल मल कर साफ कर दिया अब मैं अपने बेटे की पीठ पर साबुन लगाऊंगी। और रीमा ने अप्नी चूचीयाँ मेरी पीठ से चिपकायी और उनको मेरी पीठ पर रगडते हुये खडी हो गयी और खडे होकर अपनी गोरी मख्खन मलाईदार चूचीयाँ मेरे पीठ पर मलने लगी। वह अपनी चूचीयो से मेरे बदन पर साबुन लगा रही थी। और अपने हाथ मेरे कमर पर चला रही थी। उसकी हरकते उत्तेजनी मे मुझे पागल बनाये दे रही थी। उसकी घुंडिया मुझे अपनी पीठ पर बहुत अच्छी लग रही थी। वह अपनी चूचीयाँ कस के मेरी पीठ पर दबाती और मसलते हुये मेरी पीठ रगडती। अब मेरा मेरे उपर काबू रख पाना बिल्कुल मुश्किल हो गया और मैंने अपना हाथ अपने लंड पर रखा और उसने हिलाने लगा। जिससे मेरा बदन हिलने लगा और रीमा को इस बात का पता चल गया। रीमा ने आगे देखा तो मेरे हाथ पकड कर हटा दिया। ये क्या कर रहा है गाँडू मैंने तेरे को मुठ मारने की इजाज्त थोडी दी है मादरचोद जो तू लगा मुठ मारने। खबरदार जो फिर से लंड पर हाथ लगाया तो समझा बहनचोद मैंने सहमती में सिर हिला दिया।

रीमा मेरी पीठ पर साबुन लगा चुकी थी अब तेरी पीठ तो रगड दी कह कर फिर रीमा मेरे सामने आ गयी और मेरे से चिपक गयी और अपनी बाँहे मेरे गले मे डाल दी मैंने भी अपने हाथ उसके पीछे ले जाकर उसके चूतडो पर रख दिये। अब मैं अपने बेटे की छाती रगडूंगी। रीमा अपनी चूचीयाँ मेरी छाती पर रगडने लगी। उसकी घुंडियाँ मेरे निप्पल्स से टकरा रही थी। मेरी निप्पल्स बहुत ही संवेदनशील थे रीमा के बदन के छूते ही वह खडे हो गये और इसका सीधा असर मेरे खडे लंड पर हो हुआ जो घोडे की तरह हिनहिनाने लगा। रीमा ने अपने होठों से मेरे चहरे को चुमने लगी। और मेरे होंठो को मुँह मे लेकर चूस रही थी। मेरी मस्ती बढने लगी। फिर रीमा ने अपना एक हाथ मेरे चूतड पर रखा और सहलाते हुये मेरी छाती पर अपनी चूचीयाँ मसलने लगी। मैंने अपने दोनो हाथ उसके चूतड पर रख रखे थे और उनको मसल रहा था। रीमा ने मेरे साथ भी ऐसा ही करना शुरु कर दिया। मेरा खडा लंड रीमा की गहरी नाभी से टकरा रहा था ऐसा लग रहा था जैसे अभी उसकी नाभी चोद देगा। मेरा बस चलता तो अपने लंड से रीमा की नाभी मे छेद बना देता। फिर एक और मेरे होंठो का गहरा चुम्बन लेने के बाद रीमा नीचे बैठ गयी। मेरा लंड ठीक रीमा के चहरे के पास आ गया। रीमा ने मेरे चेहरे के और आँखे उठा कर देखा और मुस्कुरायी। फिर रीमा ने टब मे से साबुन वाला पानी लेकर अपनी चूचीयो पर झाग मल लिया। जिससे उसकी चूचीयाँ और भी चिकनी हो गयी।

The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 22:24

फिर रीमा अपने घुटनो के बल हो गयी और मेर लंड को अपने हाथ मे पकड लिया। तो मेरे बेटे का लंड तडप रहा था अपनी माँ के हाथ का स्पर्श पाने के लिये ले बेटा तेरी माँ ने अपने बेटे के लंड को फिर से अपने हाथो मे ले लिया है मेरे लाडले। अब मैं अपने बेटे के लंड को साफ करूगी और वह भी अपनी इन गोल गोल मोटी चूचीयो से रगड कर मुझे पता है मेरे बेटे को मेरी चूचीयाँ कितनी पंसद है तभी तो मैं अपनी चूचीयो से तेरा लंड साफ करूंगी। फिर मेरे लंड को पकड कर अपनी चूचीयो के बीच रख लिया और मेरे लंड को अपनी चूचीयो मे कैद कर लिया। अपने दोनो हाथो से अपनी चूचीयो का दबाव मेरे लंड पर बनाने लगी और अच्छे से मेरे लंड को अपनी चूचीयो के कैद मे ले लिया। फिर धीरे से अपनी चूचीयाँ हिलाने लगी। और अपनी चूचीयो से मेरे लंड को चोदने लगी। बोल बेटा मजा आ रहा है माँ की मोटी छातियाँ चोदने मे अच्छा लग रहा है लंड मेरी चूचीयो के बीच घुसाने में मेरे लाल हाँ माँ बहुत मजा आ रहा है बडी कस के जकडा है तुमने मेरे लंड को अपनी चूचीयो के बीच। चूचीयाँ चोदते हुये जब कभी मेरा लंड रजनी की चूचीयो से बाहर आता रजनी अपने रसीले होंठो का एक चुम्बन जड देती। रीमा कभी कस के अपनी चूचीयाँ दबाती और मेरा लंड चोदती जिससे मैं झडने के करीब आ जाता तो कभी हल्के से लंड को चूचीयो से सहलाती। उसे लंड से खेलने का हर तरीका पता था। कफी देर तक रीमा इसी तरह मुझे तडपाती रही। मेरे मुँह से मस्ती मे आह ओह की आवाजे रीमा को भी मस्त कर रही थी। चल बेटा बहुत खेल लिये अब चल कर शावर मे नहाते हैं। ऐसा कह कर मेरा लंड पकड कर शावर की और चल दी। फिर शावर मे जाकर उसने शावर चला दिया और हम दोनो पानी के नीचे खडे हो गये। पानी हम दोनो के नंगे बदन पर गिर रहा था। रीमा ने अपना हाथ मेरे कंधो पर रख रखा था। मैं अपने हाथो से रीमा के बदन पर से साबुन हटा रहा था और उसके पूरे बदन पर हाथ फेर रहा था।

पानी मेरे बदन पर भी पड रहा था और थोडी ही देर मे हम दोनो के बदन पर से साबुन बह कर निकल गया। मैंने फिर से रीमा को और मजा देने का सोचा और उसके चहरे को चूमने लगा और उसके चहरे पर गिरने वाले पानी को भी पीता जा रहा था। फिर मैन शावर बंद कर दिया और उसके चहरे को चूमते हुये उस पर जमी पानी की बूंदो को पीने लगा। रीमा के चूत मे मेरे ऐसा करने से आग लग गयी। और उसके दिवार के सहारे अपने को टिका लिया। और मुझे अपने बदन से खेलने के खुली छूट दे दी। उसके चहरे पर जमी पनी के बूंदे मैं अपने होंठो से पी गया। फिर मैंने उसकी गर्दन पर अपने होंठ जमा दियए और उस पर जमी बूंदे पीने लगा। उसके बदन से छू कर वह पानी मेरे लिये किसी शराब से कम नंही था।

क्रमशः.......................31


The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 30 Oct 2014 13:23

रीमा की चूत तो मेरे होंठ उसके बदन से लगते ही गर्मी से भर गयी थी। रीमा ने अपना हाथ अपनी गोरी मुलायम टाँगो के बीच रखा और अपनी चूत से खेलने लगी। मेरी हरकतो से रीमा बहुत मजे ले रही थी और अपनी सारी गर्मी निकाल देना चाहती थी। फिर जैसे ही मैंने रीमा के कंधे से नीचे उसके बदन का पानी पीने के लिये अपने होंठ उसकी बदन पर रखे रीमा ने मुझको अलग कर दिया और बोली अबे साले अपनी ही माँ के दलाल क्या सारे बदन का पानी पियेगा अभी थोडी देर पहले तो मेरा सारे बदन को चाट कर उसका पसीना पिया है। फिर से शुरु हो गया अब फिर से मुझे चाटेगा तो मुझे फिर से नहाना पडेगा। चल तौलिया उठा और मेरे बदन को तौलिये से साफ़ कर। मैंने तौलिया लेकर रीमा के बदन को साफ करना शुरु कर दिया। बडे ही प्यार से मे रीमा के बदन को साफ कर रहा था। उसका पेट गहरी नाभी मोटी जाँघे मुलायम हाथ उसके सुंदर पैरे उसकी भारे भरकम चूचीयाँ और मस्ती से भरे उसके चूतड सब कुछ मैंने तौलिये से साफ करने मे १० मिनट लगाये। रीमा ने भी पूरे मजे लेकर मुझसे अपना बदन साफ करवाया। फिर मैंने खुद जल्दी से अपना बदन साफ कर लिया।

तभी दरवाजे पर घंटी बजी। अब कौन आ गया माँ तुमने को डू नॉट डिस्ट्रब का बोर्ड लगाया था। अरे मेरे चोदू बेटे इतनी देर हो गयी है मैंने खाने ऑडर दिया था लगता है की वह आ गया है। तू ऐसा कर तू यंही रह अंदर बाथरुम मे मैं दरवाजा बाहर से बंद कर देती हूँ और जाकर उससे खाना ले लेती हूँ। रीमा ने बाथरुम मे टंगा बाथरोब उठाया और पहन लिया। और दरवाजा बंद करके बाहर निकल गयी। मैं वही कमोड पर बैठ कर उसके दरवाजा खोलने का इंतजार करने लगा।

" मैंने सोच क्यो न अपने पाठको को अपने अगले भाग की थोडी से झलक दे दी जाये इसलिये रीमा ने बाहर जाकर क्या किया और किससे मिली वही तीसरे भाग मे रीमा का साथ देगा"

रीमा जब बाथरुम से बाहर निकली और दरवाजा बन्द कर के रूम के दरवाजे की तरफ बढी। उसने दरवाजे के पास जाकर बाहर देखा और मुस्कुरा दी। उसने अपना बाथरोब खोल कर पास के खूंटी पर टाँग दिया और पूरी नंगी हो गयी। फिर उसने दरवाजे के पीछे जाकर दरवाजा खोल दिया। आओ रजनी मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी। रजनी खाने के ट्रे लेकर अंदर आ गयी। और रीमा ने दरवाजा बंद कर दिया। रजनी काले रंग की एक भरे पूरे बदन वाली ४० साल की औरत थी। वह शादी शुदा थी और होटल मे हेड वेटर्स थी। वेटर्स के साथ साथ होटल मे आने वाले कुछ आमीर लोगो का बिस्तर भी गर्म करती थी। उसके इसके अच्छे पैसे मिल जाते थे पर वह यह काम पैसे के लिये नंही करती थी। वह यह काम मजे के लिये करती थी। ऐसा मुझे रीमा ने बाद मे बताया। उसे मर्द और औरत दौनो पसन्द थे और वह दोनो के साथ मजा लेती थी। गौरी के बदन बहुत ही माँसल था। ३८ डीडी साइज की उसकी चूचीयाँ। ४४ साइज के उसके चूतड और उसका पेट भी बाहर निकला हुया था। देखने मे वह मोटी लगती थी। पर कई जवान मर्दो को उसके तरह कि मोटी औरते ही पसन्द थी। और इसी लिये उसकी बहुत माँग थी।

जब रीमा अपने बॉस के साथ होटल मे रहने आयी थी रजनी ने रीमा और उसके बॉस के साथ बहुत मजे लिये थे। तभी से रीमा के नजर उस पर थी और वह चाहती थी रजनी आकर दीपक को देख ले और फिर वह दोनो मिल कर उस जवान मर्द के साथ मजे लेंगी। रजनी ने बाडर वाली हरे रंग की साडी पहनी थी। और लो कट बलाउस पहना हुया था। उसकी बडी चूचीयाँ उसके बलाउस मे नंही समा पा रही थी। और साडी पारदर्शी होने की वजह से साफ दिख रही थी। उसने ऊची ऐडी के सैंडल पहन रखे थे। जिससे उसके चूतड और भी बाहर को निकल रहे थे। अंदर आने के बाद रजनी ने रीमा को नंगा देखा और उसके गले लग कर बोली क्या दीदी मजे कर रही हो अपने बेटे के साथ। हाँ मेरी रानी बडे मजे कर रही हूँ। तुझे भी करवाउगी मजे चिंता क्यो करती है मस्त छोकरा है। जैसा मैं कहती हूँ वैसा ही करता है तेरे को भी बडा मजा आयेगा। हाँ वह तो है रीमा की चूचीयो को अपने हाथ मे लेकर मसलते हुये रजनी ने कहा।

Post Reply