कुँवारी संगीता का सील तोड़ी – Indian First Time Sex Story

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Fuck_Me
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कुँवारी संगीता का सील तोड़ी – Indian First Time Sex Story

Unread post by Fuck_Me » 25 Sep 2015 09:30

यह कहानी कुछ वक़्त पहले की है… जब मैं ब.स्क के पहले साल मैं था और मेरी क्लासमेट संगीता थी… जिस-से मेरी दोस्ती क्लास मैं हे हुई थी. वो देखने मैं सुंदर और सेक्सी थी और थोड़ी भावुक किस्म की थी. दोस्ती के बाद से हम दोनो क्लास मैं एक हे बेंच पर आजू-बाजू मैं बीतते थे.

कुछ हे दिन मैं हम आपस मैं बहुत घुल-मिल गये थे और कभी-कभी तो कॉलेज से बंक मार कर बाहर घूमने चासले जाते थे. हम दोनो जब भी बाहर जाते थे हमारे जिस्म जब भी एक-दूसरे से टच हो जाते थे तो मेरे जिस्म मैं 110000 वॉल्ट का करेंट दौड़ने लगता था और मेरा 8 इंच लूंबा और 3 इंच मोटा लंड खड़ा होने लगता था. यूयेसेस वक़्त मेरे दिमाग़ मैं अजीब से ख़याल आने लगते थे और मुझे उसे बार-बार चुने का मॅन कराता था.. मुझे यह बहुत अच्छा लगता था.

एक दिन हम माल मैं घूमने गये… तो उसने कहा- लिफ्ट से चलते है. लिफ्ट मैं हम दोनो हे थे और मैने मौका पाकर उसके होतो पर चुंबन कर दिया और उसके गोल-गोल मुम्मो को ज़ोर से दबा दिया.

वो गुस्सा हो गयी और मुझसे बोलने लगी- यह ग़लत है… और मुझसे दोड हूट गयी.

मई चुप हो गया.. लेकिन यूयेसेस दिन के बाद बस दिल की एक हे खावहिश थी… उसे छोड़ने की..

उसका फिगर साइज़… करीब 32-30-32 का था.. वो भौत मस्त लगती थी. लेकिन यूयेसेस दिन के बाद वो मुझे अपने जिस्म से हाथ भी नही लगाने देती थी. इस घतना के बाद मैने उसे बहुत बार बाहर चलने को और सेक्स करने को कहा… लेकिन वो हमेशा माना कर देती थी. आब मुझे यूयेसेस पर बहुत गुस्सा आने लगा था… और हर वक़्त यह ही सोचता था की जब भी मौका मिलेगा मैं इससे ज़रूर चोदूगा … चोद हे डालूँगा… एक दिन शाम को मैं अपने दोस्त के शॉप पर घूमने के लिए गया.

मेरा दोस्त मेडिसिन की शॉप पर जॉब कराता था.

जब मैं उसके पास पहुचा तो उसने पूछा- क्यू परेशान है?

मैने उसे अपनी और संगीता की सारी कहानी बता दे.

तो उसने कहा- बस इतनी से बात से परेशान हो… तू चिंता मत कर… तेरी संगीता को मैं चुदया दूँगा. बस तू तैयार हो जा.

मुझे लगा… यह मेरी टाँग खींच रहा है.

फिर चलते वक़्त मेरे दोस्त ने मुझे दो गोलिया दे और बोला- एक तू खा लेना और एक गोली किसी खाने की चीज़ मैं मिला कर संगीता को खिला देना.

मैने कहा- ठीक है.

मई घर आ गया… लेकिन मुझे यकीन नही हो रहा था की गोली से कुछ होगा. मैं सोच रहा था की क्या एक गोली कुछ कर सकती है…जो लड़की हाथ नही लगाने देती… वो छोड़ने कैसे देगी?

फिर मैने सोचा… कुछ तो होगा हे… फिर मैं दूसरे दिन गोली ले कर कॉलेज गया और सारा दिन संगीता को बाहर घूमने के लिए मानता रहा लेकिन वो बार-बार माना कर रही थी. शायद मेरी पिछली हरकत की वजह से.

लेकिन जब मैने वादा किया की मैं उसे हाथ नही लगौँगा… तो वो मन गयी और उसने अगले दिन चलने के लिए कहा. फिर कॉलेज ख़त्म होते हे हम अपने-अपने घर चले गये.

आब तो मैं अगले दिन के लिए बहुत खुश भी था और परेशान भी… की क्या होगा. मेरा प्लान पूरा होगा या नही.

आख़िर अगला दिन आ हे गया और मैं कॉलेज के बाहर इंतेज़्ज़र करने लगा.थोड़ी देर बाद संगीता आ गयी… आज उसने ब्लू जीन्स और गुलाबी रंग की स पहना था.. जिस्मै से उसकी तनी हुई चूचिया सॉफ दिख रही थी और वो बड़ी सेक्सी लग रही थी. उसे देख कर मेरा लंड फुदकने लगा. मुझ पर चुदाई का बहोत चढ़ने लगा.

मई बाहर घूमने जाने के हिसाहब से अपना बाग लाया हे नही था और संगीता ने अपना बाग अपनी सहाली के पास चोद दिया और हम दोनो घूमने चल दिए. घूमते-घूमते हम लोग बाते करते हुए बिग-बाज़ार पहुच गये. बिग-बाज़ार मैं मैने कॉफी के लिए बोला… वो मन गयी और हम टेबल देख कर बैठ गये. मैं कॉफी लेने चला गया.. मैने कॉफी ले और दोनो कॉफी मैं अपने दोस्त के दे हुई गोलिया डाल दी… और लाकर एक कॉफी संगेता को दे डी और एक खुद पेसेनए लगा.

हम दोनो कॉफी पीने लगे और कॉफी पीने के बाद थोड़ी देर माल मैं घूमे और फिर बाहर निकल आए… सड़क पर बाते करते हुए चलने लगे. कॉफी पिए हुए हमे आधा घंटा हो चुका था और मुझे थोड़ी बेचैनी होने लगी थी, साथ हे मेरी धड़कने भी बढ़ने लगी थी. मुझे संगीता को चुंबन करने का दिल करने लगा.

तोड़ा आगे चलने के बाद सड़क के किनारे पैएड-पौधो के कारण घाना जंगल सा झुर्मुट था… उधर झाड़िया भी थी… तो झाड़िया देख कर संगीता ने मुझे उधर खड़ा कर दिया और खुद झाड़िया के पीछे पेशाब करने चली गयी.

दो मिनिट बाद मुझसे रुका नही गया और मैं भी उसके पीछे चला गया. वो मुझे देख कर खड़ी हो गयी और पूछने लगी- तुम यहा क्या कर रहे हो?

तो मैं कुछ नही बोला और उसे अपनी बाहो मैं जाकड़ लिया.

मई उसे तेज़-तेज़ चुंबन करने लगा… और उसके मुम्मो को दबाने लगा. वो मुझसे चुतने की कोशिश करने लगी. कुछ मिनिट तक मुझसे ज़डो-ज़हद करने के बाद उसे भी माज़ा आअनए लगा था और उसने मेरा विरोध करना चोद दिया. आब वो भी मुझे चुंबन करने लगी, उसे भी माज़ा आने लगा. फिर मैं अपना एक हाथ उसकी चुत पर ले गया और सहलने लगा, मैं साथ मैं उसे चुंबन करते जा रहा था. आब तो वो मेरा पूरा साथ दे रही थी तभी मैने उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया और वो मेरे लंड को पेंट के उपर से हे मसालने लगी. मैने सोचा आज तो मेरा काम हो गया…

आब वो गरम होने लगी थी और उसके मूह से आवाज़े निकल रही थी- आ… आहह.. आ.. और तेज़-तेज़ मुममे दबयो…

आब हुमको एस्सा करते हुए करीब आधा घंटा हो चुका था. अचानक मुझे किसी के आने आहत लगी तो हम अपने कपड़े ठीक करके सड़क पर निकल आए. लेकिन आब वो बहुत हे गरम हो चुकी थी और मुझे चुदसी नॅज़ारो से देख रही थी. हम सड़क पर चलने लगे… थोड़ा आगे हे एक गेस्ट-हाउस था.. और वो उसके सामने जाकर रुक गयी.

मैने पूछा- क्या हुआ?

तो कुछ नही बोली… बस गेस्ट-हाउस के तरफ देख रही थी.

मई समझ चुका था… फिर मैने उसका हाथ पकड़ा और गेस्ट हाउस मैं घुस गया.

फिर मैने 800 रुपीज़ मैं एक कमरा बुक किया औरहूम कमरे मैं चले गये कमरे मैं जाते हे उसने मुझे अपनी बाहो मैं जाकड़ लिया और मुझे चुंबन करने लगी.

वो कामुकता से कहने लगी- आज तुम मुझे चोद हे डालो…

यह सुनते हे मेरा रोम-रोम खिलने लगा और मैने उसे गौड़ मैं उठाया और पलंग पर डाल दिया. मैं उसके उपर चड़ गया और उसे चुंबन करने लगा. वो भी चुंबन कर रही थी. दो मिनिट बाद उसके मूह से आवाज़ निकालने लगी- अया.. आह..आह.. उसने मेरे एक-एक करके सारे कपड़े उतार दिए. आब मैं नंगा हो चुका था.. मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

मैने भी उसके सारे कपड़े उतार दिए. आब हम दोनो नंगे हो चुके थे. उसका गोरा बदन बड़ा सेक्सी लग रहा था.. उसके उठे हुए आँो को देख कर मेरा केला भी तनतना रहा था. उसे देख कर मुझसे रुका हे नही जर आहा था. हम एक दूसरे पर टूट पड़े… मैं एक हाथ से उसकी चूचियो को मसाक रहा था और एक आम को मूह मैं लेकर चूस रहा था. वो मेरे लंड को सहला रही थी और अपनी चूचियो पर मेरा मूह दबाती जा रही थी.

फिर मैं एक हाथ उसकी चुत पर ले गया और मैने देखा उसकी चुत पूरी गीली हो चुकी थी. मैं चुत को सहलने लगा तो वो और तेज़-तेज़ आवाज़े निकालने लगी.

‘आहह… मुझे छोड़ो… जल्दी छोड़ो… आहह..”

फिर मैं नीचे को खिसका और उसकी चुत पर अपना मूह रख दिया. आब मैं उसकी रसभरी चुत को चातने लगा, उसकी गुलाबी चुत को जीभ से छोड़ने लगा. दो मिनिट तक चुत चातने के बाद संगीता ‘उउउओ… अया…ईईइ..” करके झाड़ गयी. मैने उसकी चुत का सारा पानी पे लिया और चुत को चेट-ता रहा. मेरे चातने से थोड़ी हे देर मैं वो फिर से गरम होने लगी थी. आब मैं उठा और अपना लंड उसके मूह पर रख दिया.

उसने मेरा लंड मूह मैं ले लिया और चूसने लगी. वो क हाथ से अपनी चुत को सहलाने लगिMऐ उसका सिर पकड़कर कडोदने लगा और मेरे लॅंड बजी कड़क हो गया था… मैने उसके मूह से लंड को निकाला और उसे लेता कर उसकी चुत पर राल्ह दिया.

फिर मैने अपने लंड पर बहुत सारा थूक लगाया और ज़ोर ज़ोर का धक्का मारा. उसकी चुत बहुत टाइट थी… तो केवल मेरे लंड का टोपा हे अंदर गया था और वो चीखने लगी…और मेरे लंड को बाहर निकालने को कहने लगी.

लेकिन मैं उसकी कोई बात नही सुन रहा था और फिर से धक्का मारा. आब मेरा आधा लंड उसकी झिल्ली को फड़ते हुए चुत मैं घुस गया. वो तेज़-तेज़ चीखने लगी… तो मैने अपने होठ उसके होतो पर रख दिए और उसकी आवाज़ बंद कर दी. आ.. माज़ा आ गया….

उसकी आँखो से पानी बहाने लगा… फिर मैं एक और धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चुत मैं गुसेड दिया.

उसकी चीख मेरे मूह मैं हे डब गयी थी और आब वो दर्द के कारण हाथ-पाएर पताकने लगी… तड़पने लगी और उसकी चुत से खून निकालने लगा था. मैं थोड़ी देर रुका और उसे चुंबन करने लगा और साथ मैं उसके मुम्मो को दबाने लगा. थोड़ी देर मैं वो शांत हो गयी… यह देख कर मैड हीरे धीरे लंड को चुत मैं अंदर-बाहर करने लगा. आब उसे भी कुछ कुछ माज़ा आने लगा था.

वो दर्द से भारी कामुक आवाज़ निकल रही थी.’ आहह… उूुुउउहह… उहह.. आहह…’ अपनी मादक सीत्कारो के साथ हे नीचे आए अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी. अब हम दोनो तेज़-तेज़ आवाज़े निकालने लगे मेरा लंड तेज़ी से चुत मैं अंदर-बाहर हो रहा था… चिक्नेपन की वजह से ‘फक.. फक…’ की आवाज़ आ रही थी… “फक.. फक..” की आवाज़ साअरए कमरे मैं गूंजने लगी. हम दोनो के गोली खाने की वजह से हमर जोश बढ़ता चला जर आहा था. चिदई मैं बहुत माज़ा आ रहा था.

‘आअहह… और तेज़ छोड़ो… और तेज़ छोड़ो… और तेज़..’

‘ले साली… और भीतर ले… और.. और…’

बस इनही आवाज़ो से मस्ती का माहौल था.

आब हुमको चुदाई करते-करते काफ़ी वक़्त हो गया था…. लेकिन कोई भी झड़ने का नाम नही ले रहा था. दोनो मैं किसीस का भी स्खलन नही हो रहा था. फिर मैने उसे कुतीया की तरह बनाया और पीछे से उसे छोड़ने लगा. मैं बहुत तेज़ तेज़ धक्के लगा रहा था. उसकी सिसकारिया बढ़ गयी- अया… आ….. उूउउओ… उूउउऊहह…

एस्सा लग रहा था की आज मेरा लंड फाट जाएगा. फिर लुंबी चुदाई के बाद संगीता सीधी लाते गयी और मैं उसे उपर से छोड़ने लगा.

आब वो झड़ने वाली थी… तो उसने मुझे अपनी बाहो मैं काकाड़ लिया ऑरा पे बहुत हे टाइट चुत मैं मुझे सामने की कोशिश करने लगी, अकड़ती हुई झाड़ गयी. उसके झड़ने के बाद मैं भी झड़ने वाला था और थोड़ी देर तेज़ तेज़ धक्के लगा कर ;आईयी अयाया अया आहह,,,’ मैं भी झाड़ गया.

मैने लंड का सारा पानी उसकी चुत मैं हे चोद दिया और उसके उपर हे लाते गया. थोड़ी देर लेतने के बाद हम खड़े हुए तो देखा की नीचे बिछी चादर खून से सन चुकी थी. संगीता देख कर घबरा गयी. फिर मैने उसे समझाया की पहली बार मैं एसससा होता है.

हम बाथरूम मैं गये और अपने अपने सामानो को सॉफ करने लगे.

जब मैने उसकी चुत को देखा तो उसकी चुत सूज चुकी थी और खुल गयी थी.

संगीता को बहुत दर्द हो रहा था और चलने मैं भी परेशानी हो रही थी. हमने कपड़े पहने और गेस्ट हाउस का बिल चुका कर कॉलेज आ गये. कॉलेज से अपने अपने घर चले गये.

उसके बाद मैं उसे बहुत बार चोद चुका हू… फिर तो मैने उसकी गांड भी माअरी थी. आब जब भी वक़्त मिलता… हम दोनो खूब चुदाई करते.

कुँवारी संगीता का सील तोड़ी – Indian First Time Sex Story
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.

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