तड़पति जवानी
Re: तड़पति जवानी
मैने उस से उस बारे मे कोई भी सवाल जवाब करना सही नही समझा. फ़ोन पर सुनी बात से इतना तो पता चल गया था कि वो जिस डॉक्टर. के पास जा रही है शायद वही मानव है.
थोड़ी ही देर मैं हम उस क्लिनिक पर आ गये. मेरी पॅंटी गीली हो जाने की वजह से बुरी तरह मेरी झांघो से चिप-चिपा रही थी. हम दोनो ही गाड़ी मे से उतरे ऑर क्लिनिक के अंदर की तरफ चल दिए.
मुझे क्लिनिक के अंदर जाते हुए थोड़ा डर और थोड़ा अजीब लग रहा था पर मैं उसके साथ अंदर क्लिनिक मे आ गयी... वो क्लिनिक बोहोत ही शानदार बना हुआ था. क्लिनिक के अंदर आते ही हम दोनो डॉक्टर. मानव के कॅबिन मे आ गये.
डॉक्टर. मानव कोई 27-28 साल के आस पास की उमर के हॅंडसम से नौजवान थे. खेर वान्या उनके सामने बैठी हुई थी. . मानव को देख कर लग ही नही रहा था कि वान्या अभी थोड़ी देर पहले इन्ही से बात कर रही थी. वो किसी गंभीर डॉक्टर. की तरह ही वान्या के साथ मे उस से उसके हाल चाल पूछ रहे थे और किसी ज़िम्मेदारी डॉक्टर. की ही तरह उसका नॉर्मल टेस्ट कर रहे थे.
थोड़ी देर वान्या को नॉर्मली तौर पर देखने के बाद उन्होने उस से कहा कि “मेडम आप रेग्युलर मेडिसिन से रही हो कि नही ?”
वान्या- “जी डॉक्टर मैं रेग्युलर मेडिसिन ले रही हू. क्यू क्या हुआ कोई दिक्कत वाली बात ?” वान्या ने लगभग चोव्न्क ते हुए पूछा.
.मानव- “आप का BP काफ़ी बढ़ गया है. मेरे ख़याल से आप दवाई टाइम से नही ले रही है. आप को चक्कर आ रहे है वो शायद इसी वजह से आ रहे है. आप का थोड़ा चेक-अप कर लेता हू और आप को अभी एक इंजेक्षन लगा देता हू. जिस से आप को आराम मिलेगा. लेकिन आप अपने खाने पीने ओर टाइम से दवाई लेने पर ध्यान दीजिए.” उसने मुस्कुराते हुए कहा.
मुझे उसके हस्ने का तरीका कुछ ठीक नही लग रहा था. पर मैं वहाँ चुप चाप बैठी रही. वान्या वाहा से उठ कर खड़ी हुई और अपनी साड़ी सही करते हुए मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली…
वान्या- “निशा तुम यही थोड़ा वेट करो मैं अभी चेक-अप करवा कर वापस आती हू. और वाहा से उठ कर सामने की तरफ जहा उसने एक प्राइवेट कॅबिन बना रखा था उस तरफ जाने लगी. उसके चेहरे पर एक अजीब किस्म की ख़ुसी सॉफ देखी जा सकती थी.
डॉक्टर. मानव ने मेरी तरफ देखा और फिर वही अमित जैसी गंदी हँसी हंस कर उसी तरफ चल दिया जिस तरफ वान्या गयी थी. उनके जाने के बाद मुझे वान्या की फ़ोन वाली बात याद आ गयी. पता नही क्या हुआ मुझे कि मैं अपने आप को रोक नही पाई और उस तरफ चल दी जहा वो दोनो गये थे.
वाहा केवल पर्दे लगे हुए थे और उस तरफ एक दरवाजा लगा हुआ था जिसे देख कर साफ पता चलता था कि वो प्राइवेट रूम है. मेरी अंदर एक अजीब सी बेचैनी बढ़ती जा रही थी. मैं ये जानना चाहती थी कि वो क्या कर रहे है. “क्यू ?” पता नही पर मेरे दिल मे ये जानने की इच्छा बढ़ती ही जा रही थी. मैं वाहा खड़ी ही थी कि अंदर से मुझे वान्या की आवाज़ सुनाई देने लगी..
वान्या- “कितना तड़पाते हो”
. मानव- “ मैं तड़पाता हू या तुम मुझे तड़पाती हो”
उन दोनो की आती हुई आवाज़ सुन कर मुझे अपने अंदर एक अजीब किस्म की बेचैनी होने लग गयी. क्या करू क्या नही कुछ समझ मे नही आ रहा था. एक बार को तो ख़याल आया कि यहा से हट जाउ और वापस बाहर जा कर बैठ जाउ. पर पता नही क्या हुआ मुझे कि मैं वाहा से चाह कर भी नही हट पा रही..
वान्या- “तुम्हारी पसंद के ही कपड़े पहन कर आई हूँ.”
ड्र. मानव- “पर ये तुम्हारे साथ मस्त सा आइटम कॉन है ?”
अपने बारे मे आइटम वर्ड सुन कर मेरा खून खूल गया. “ये डॉक्टर. है छी कितनी गंदी सोच है इसकी” मैं अपने ही मन मे बड़बड़ाने लग गयी.
अंदर से वान्या के फिर से बोलने की आवाज़ आई… मैने अपने कान अब बिल्कुल दरवाजे से सटा दिए.
वान्या- “अरे यार तुम्हे तो पता है मेरे ससुराल वालो की आदत, हर बात पर सवाल करने लग जाते है इसलिए निशा को अपने साथ ले आई ये बोल कर कि उसको चेक-अप करवाना है और उसका पति है नही तो वो मुझे अपने साथ चलने को बोल रही है”
वान्या की बात सुन कर मैं बुरी तरह से चोव्न्क गयी. “क्या… मेरा नाम लेकर ये यहा पर ये सब करने आई है” मैं फिर से अपने मन मे बड़बड़ाई.
ड्र. मानव- “तुम्हारी दोस्त है एक दम मस्त आइटम कोई जुगाड़ लगाओ ना… हहहे”
वान्या- “लगा दुगी पर पहले मेरी चूत को शांत करो… कब से बहे जा रही है”
वान्या की बात सुन कर मुझे फिर से एक झटका लगा. मेरी समझ मे नही आ रहा था कि यहा पर अब रुकना चाहिए या नही. वान्या जिस तरह से बात कर रही थी मैने कभी सपने मे भी नही सोचा था कि वो इस हद तक हो सकती है. मैं अभी अपनी सोच मे डूबी हुई थी कि तभी मेरी नज़र दरवाजे पर गयी जिसमे एक हल्की सी साँस थी जिस से अंदर का सीन आराम से देखा जा सकता था.
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अंदर का जो नज़ारा मेरी आँखो ने देखा वो देख कर तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी. वान्या केवल ब्रा और पनती मे अपने दोनो हाथ मानव के गले मे डाले हुए मानव को किस कर रही थी, और मानव भी केवल अंडर वेर मे ही था. ये सीन देख कर तो मेरी हालत ही खराब हो गयी, और मैं वाहा से एक दम हट कर वापस बाहर की तरफ आ गयी. वो सब कुछ देख कर मेरी खुद की साँसे बोहोत ज़ोर ज़ोर से चलने लगी. समझ मे नही आ रहा था कि ये सब क्या है.
थोड़ी देर मैं वही बैठी रही, जब मेरी साँसे कुछ नॉर्मल हुई तो मैने अपने माथे पर आए पसीने को सॉफ किया. एक तो मेरी योनि पहले ही गीली थी उस पर ये सब देख कर तो मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होने लग गयी थी. मुझे समझ मे ही नही आ रहा था कि यहाँ पर रुकु या वापस अपने घर चली जाउ. फिर पता नही मुझे क्या हुआ मेरे कदम अपने आप वापस उसी तरफ चल दिए.
दरवाजे के पास आ कर मैने देखा तो दोनो ही वही अंदर पड़े हुए बेड पर लेटे हुए थे… मानव वान्या के उपर चढ़ा हुआ था ऑर वान्या उसके नीचे. दोनो अभी भी पूरी तरह से नंगे नही हुए थे. मानव वान्या को बुरी तरह से किस किए जा रहा था कभी उसके गाल पर कभी उसकी आँख पर कभी उसके माथे पर कभी गर्दन तो कभी उसके कंधे पर.. उस पर ये सब देख कर तो मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होने लग गयी थी.
मानव के यूँ उसको लगातार चूमने से वो बिस्तर पर बुरी तरह से मचलने लग गयी. वो अपना चेहरा कभी इधर तो कभी उधर करे जा रही थी. उसने अपनी दोनो आँखे बंद कर ली थी. मेरी तो जैसे आँखे वही पर जम गयी थी. मैने देखा की वान्या के हाथ मानव की पीठ पर चले जा रहे थे. फिर उसने अपने एक हाथ को उसकी पीठ से हटा लिया ऑर मानव के अंडरवेर के उपर से ही उसके लिंग को पकड़ कर सहलाने लग गयी.
थोड़ी देर यूँ ही वान्या को चूमने के बाद मानव उसके उपर से थोड़ा नीचे की तरफ हुआ और वान्या की ब्रा के उपर से ही उसके उरोजो को किस करने लग गया.वान्या ने भी अब अपना हाथ उसके अंडरवेर के उपर से फिराने की जगह उसके अंदर डाल कर उसके लिंग को बाहर निकाल लिया.
मानव का लिंग कोई ज़्यादा बड़ा नही था लग-भाग मनीष के बराबर ही था पर उसका लिंग मनीष के लिंग से थोड़ा मोटा ज़रूर था. वान्या उसके लिंग को अपने हाथो मे लेकर सहलाने लग गयी. वो उसके लिंग की खाल को लिंग की जड़ तक ले जाती और फिर वैसे ही वापस उपर की तरफ ले आती. जिस से उसके लिंग का सूपड़ा, जो एक दम गुलाबी कलर का था दिखने लग गया
मानव ने वान्या की ब्रा को उसको कमर से थोड़ा सा उपर उठा कर उसकी छाती से अलग कर दिया. अब वान्या उपर से पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी. उसकी ब्रा को हटते ही मानव किसी भूके बच्चे की तरह उसके उरोजो को अपने मुँह मे लेकर चूसने लग गया. और दूसरे हाथ से उसकी दूसरी उरोज को ज़ोर ज़ोर से मसल ने लग गया. वान्या ने अपनी आँखे बंद कर ली थी उसके चेहरे पर आ रहे हाव भाव को देख कर सॉफ पता चल रहा था कि उसको बोहोत मज़ा आ रहा है.
अब मानव उसकी दूसरी वाली उरोज को मुँह मे लेकर चूस रहा था ऑर पहली वाली को मसल रहा था. वान्या का हाथ अपने आप उसके सर पर आ गया ओर उसके बाल को पकड़ कर अपनी छाती पर ज़ोर डाल कर मानव का मुँह अपनी उरोज पर दबा रही थी. ऑर दूसरा हाथ बराबर मानव के लिंग को उपर नीचे सहला रहा था. मानव बराबर वान्या की कभी एक उरोज चूस रहा था तो कभी दूसरी..
थोड़ी देर यूँ ही उरोज चूसने के बाद मानव हटा और वान्या के होंठों को एक बार फिर से किस करने लग गया. वान्या ने अपनी आँखे खोल कर मानव की तरफ देखा जो वान्या के एक दम नज़दीक चेहरा किए उसे ही देखे जा रहा था. वान्या धीरे से मुस्कुराइ और मानव को अपने उपर से हटा कर बेड पर अपने दोनो घुटनो पर बैठ गयी.
मानव ने उसको घुटनो पर बैठा हुआ देख कर उसके पीछे आ गया और उसके नितंबो को अपने दोनो हाथो मे कस कर पकड़ कर दबा दिया. ऑर उसकी पॅंटी उसके शरीर से अलग करने लग गया. थोड़ी ही देर मे वान्या की पॅंटी उसके घुटनो के नीचे जा चुकी थी. मानव ने भी अपना अंडरवेर उतार कर अपने घुटनो से नीचे सरका दिया और वान्या के पीछे आ कर उसके नितंबो से सॅट गया. थोड़ी देर यूँ ही अपने लिंग को उसके नितंबो की दरार मे रगड़ने के बाद उसने वान्या को घुमा कर उसके चेहरे के सामने कर दिया. वान्या ने एक नज़र मानव की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए अपना मुँह खोल कर पूरा का पूरा लिंग मुँह मे ले गयी.
लिंग के मुँह मे जाते ही ना जाने मुझे क्या हुआ मेरे मुँह से अपने आप ही आह सी निकल गयी. मेरी साँसे बोहोत तेज हो चली थी, और दिल भी बोहोत ज़ोर-ज़ोर से धड़के जा रहा था. झुक कर देखने की वजह से मेरे दोनो घुटनो मे दर्द होने लग गया था और मेरी योनि ना जाने कब से बहे जा रही थी जिसके बारे मैने ध्यान ही नही दिया. मुझे ये सब देख कर एक अजीब सी फीलिंग हो रही थी, मन ही नही कर रहा था वहाँ से हटने का. या यूँ कहु कि मुझे खुद को ये सब देख कर बोहोत मज़ा आ रहा था.
CFळ ट्यूब लाइट की रोशनी मे वान्या का जिस्म एक दम दूध के जैसा गोरा दिखाई दे रहा था. वान्या ने अब मानव का लिंग अपने मुँह से निकाल दिया था ऑर वान्या वापस बेड पर लेट गयी. मानव ने उसके पैरो से उसकी पॅंटी निकाल दी और उसकी दोनो टांगे चौड़ी करके उनके बीच मे अपना सर घुसा कर वान्या की योनि पर मुँह लगा दिया. मानव का मुँह अपनी योनि पर लगते ही वान्या जो बोहोत हल्के हल्के सिसकारिया और आहे भर रही थी वो धीरे-धीरे करके तेज होती चली गयी. वान्या अपने नितंब उठा उठा कर अपनी योनि को मानव के मुँह पर रगड़ने लग गयी.
मैं उन दोनो को देख कर एक दम हैरान रह गयी. वो किसी पॉर्न स्टार की तरह सब कुछ एक दम सही तरीके से कर रहे थे और एक दूसरे को भरपूर मज़ा दे रहे थे. वान्या जब मानव का लिंग अपने मुँह मे लेकर चूस रही थी तो ऐसी लग रही थी कि उसे देख कर पॉर्न स्टार भी शर्मा जाए. और अब मानव भी बिल्कुल उसी तरह से वान्या की योनि सक कर रहा था.
क्रमशः................
Re: तड़पति जवानी
Tadapti Jawani-paart-8
gataank se aage.........
Abhi dono baat kar hi rahe the ki vanya ke purse me rakha ph. Bajne lag jata hai. Vanya apne purse se mob nikalti hai or baat karne lag jati hai. Main uske bagal me hi baithi thi is liye mujhe ph me se aa rahi aawaj bhi saaf sunayi de rahi thi.
Vanya- hello manav how r u ?
Manav- I m fine. To tum aa rahi ho na ?
Vanya- haan ghar se nikal gayi hu thodi hi der me pahunch jaugi.
Manav- black bra or panty pehni hai na ?
Vanya- haan baba wahi pehna hua hai.
Maine dono ki baat sun rahi thi. Vanya ko lag raha tha ki mujhe kuch sunayi nahi de raha hai kyuki main dusri taraf apna munh kare hue thi. Mere dimaag me yahi baat chal rahi thi ki ye kis se is tarah se baat kar rahi hai. Ye manav kon hai.
Manav- black bra or panty ki soch kar hi mera khada ho raha hai.
Vanya- aa to rahi hu use thanda karne ke liye. hehe
Vanya- jaldi aa jao ab intjaar nahi ho raha hai. Tumhe black bra or panty me nanga dekhne ka bada man kar raha hai.
Vanya- sirf dekhna hi to main nahi aa rahi..huh
Manav- dekhunga nahi janeman, sab kuch karuga,
Vanya- sab kuch me kya kya karoge ?
Manav- are tumhe bistar par jam kar choduga. Hehe
Vanya- aise nahi shuru se batao kya kya karoge. Imagine karo ki main tumhare samne bra or panty me khadi hui hu.
Manav- tumhe apne kamre me dekh kar main bohot khush ho gaya, or jaldi se kamre ka darwaja band kar liya.
Un dono ki ph par ho rahi baat sun kar mujhe bada ajeeb sa lag raha tha mujhe vishwaas hi nahi ho raha tha ki vanya is tarah ki ladki bhi ho sakti hai. Or us se bhi badi baat unki gandi gandi baate sun kar meri khud ki yoni bekabu hone lag gayi thi or usne risna shuru kar diya tha..
vanya- Aur main aage badhkar tumse lipat gayi.
Manav - Mujhse intezaar nahi ho raha tha isliye bina kuchh kahe main apne honth tumhare honthon par rakh diye aur ek haath se tumhari chhati pakad li or use jor jor se masalna shuru kar diya
vanya- Kaun si wali? Right ya left?
Manav- Right wali janeman
vanya- tumhare chuchi ko padkdte hi mere munh se aawaje nikalna shuru ho jati hai Aaaahhh….ahhhhh jaan. Zor se dabao. Maja aa raha hai.
Manav- Maine tumhare honthon ko chooste hue tumhein deewar ke saath laga diya or apne dono haathon se ab tumhari chhatiyan daba raha hoon. Dono hi chhatiya tan kar ek dam sakht ho gayi hai.
vanya- apne Land ko bhi to choot par ragdo na, kab se bechain ho rahi hai dekho kitna paani baha chuki.
Manav- haan janeman bilkul.. Main ab apna lund panty ke uper se hi tumhari choot par ragad raha hoon. Mera land tumhari choot ko mehsoos karte hi or bhi jyada tight ho gaya hai. Or tumhari choot ko jor jor se jhatke le kar salaami de raha hai.
vanya- tumhare land ko apni choot par mehsoos kar ke mujhse nahi raha ja raha hai or ab Maine apne ek haath ko neeche le jakar tumhare lund ko sehlana shuru kar diya.
Manav- land ko Choosogi nahi? Sirf sehlati hi rahogi ? hehe
vanya- haan baba Choosungi par pehle tum mujhe puri tarah nangi to karo.
Manav- Ab main tumhein dheere choomta hua dheere dheere bistar ki taraf le ja raha hoon. Bistar ke paas le jakar maine tumhein bistar par dhakka dekar gira diya.
vanya- Ab chadh bhi jao mere uper. Ek randi ki tarah chodo mujhe. Dekho meri choot kitni der se aansu baha rahi hai. Kuch to dard samjho uska.
mujhko vanya ke is tarah se baat karne par bohot atpata lag raha tha. Main soch rahi thi ki vanya is tarah ki bhi ho sakti hai…. kabhi use dekh kar laga nahi tha, aur ye manav hai kon jis se ye is tarah ki baat kar rahi hai. Par in sab ke beech, ph par chal rahi baate sun kar meri khudki panty buri tarah se geeli ho chuki thi.
Vanya- “achha ab main ph rakhti hu. 2 min ke baad main tumhare clinic me aajaugi.” Keh kar usne ph kaat diya. Uske chehre par bohot hi khili khili muskurahat thi.
Maine us se us baare me koi bhi sawaal jawaab karna sahi nahi samjha. Ph par suni baat se itna to pata chal gaya tha ki wo jis dr. ke paas ja rahi hai shayad wahi manav hai.
Thodi hi der main ham us clinic par aa gaye. Meri panty gili ho jane ki wajah se buri tarah meri jhaangho se chip-chipa rahi thi. Ham dono hi gaadi me se utre or clinic ke andar ki taraf chal diye.
Mujhe clinic ke andar jate hue thoda dar aur thoda ajeeb lag raha tha par main uske saath andar clinic me aa gayi... wo clinic bohot hi shaandar bana hua tha. Clinic ke andar aate hi ham dono dr. manav ke cabin me aa gaye.