sex stories collection with neighbor (Padosan k saath...)
Re: sex stories collection with neighbor (Padosan k saath...
कुँवारी बुर - kunvari bur
हाय ! मैं समीर, मेरी पहली कहानी "मार डाला रे" आप लोगों ने पसन्द की और मुझे मेल भी किया… इसके लिये धन्यवाद। मैं आज आपको अपनी एक और यौन-कथा अन्तर्वासना के माध्यम से बताने जा रहा हूँ।
मैं गुड़गांव में रहता हूँ। यह बात उस समय की है जब हमारे पड़ोस में एक लड़की अपने मामा के यहाँ रहने आई। उसका नाम मोनिका था। वो बिहार की रहने वाली थी, उसका रंग सांवला था पर उसके स्तन एकदम सेब की तरह टाइट थे। उसके कूल्हे मस्त थे, जब वो चलती थी तो उसके कूल्हों की उठा-पटक देख कर गली के लड़कों के लंड ज़िप तोड़ने के लिये बेकरार हो जाते थे।
वो कभी-कभी हमारे घर टीवी पर मूवी देखने आ जाती थी। जब वो हमारे यहाँ आती थी तो मेरी नजरें सिर्फ़ उसके कूल्हों पर ही रहती थी। उसके स्तन उसकी चोली को फाड़ने के लिये बेबस होते नजर आते थे।
एक दिन हमारे घर के सभी लोग एक शादी में गये थे। उस दिन जब वो हमारे यहां आई तब मैं अपने घर में इंगलिश मूवी देख रहा था, वो चुपचाप आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई मैंने उसे नहीं देखा, मूवी में चुदाई का सीन आ रहा था, लड़का अपना लंड लड़की की गांड में दे कर चुदाई का मजा लूट रहा था। मैं भी अपने मोटे लंड को हाथों में लेकर बैठा था, मेरा लौड़ा टाइट होता जा रहा था, अचानक पीछे रखे गिलास के लुढ़कने की आवाज आई तो मैंने घूम कर देखा तो मोनिका मेरे पीछे खड़ी मूवी को बड़े ध्यान से देख रही थी, उसकी आंखें बिल्कुल लाल हो रही थी। मैंने जल्दी से पास पड़े तौलिए को उठा कर अपने लौड़े पर डाल लिया।
वो भी सकपका गई। मैंने उसको अपने पास बैठने के लिये बोला तो वो आकर बैठ गई। मैंने उससे पूछा- तुम कब आई?
तो वो शरमाते हुए बोली- जब हीरो हिरोइन को किस कर रहा था, तब !
मैं समझ गया कि उसने पूरी चुदाई देखी है। मैंने उसके हाथ को छुआ तो वो पूरी कांप रही थी, मेरे हाथ पकड़ने का उसने कोई विरोध नहीं किया। मैं समझ गया कि आज तो जिंदगी का मजा लूटा जा सकता है। मैंने उससे पूछा- आज हमारे यहीं रूकोगी क्या ? क्योंकि आज हमारे यहां भी कोई नहीं है।
मैं यह जानना चाहता था कि उसके मन में क्या है, तो वो बोली- मुझे डर लगता है !
मेरा लौड़ा चोदने के लिये बेकरार था, उसने लाल रंग की गहरे गले की चोली पहन रखी थी, उसके स्तन ऊपर से बाहर झांक रहे थे, वो बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैंने उसको खाने के लिये स्वीट्स दी, मैंने टीवी का चैनल नहीं बदला। थोड़ी देर बाद फिर चुदाई के दृश्य आये तो मैं उसकी तरफ़ देखने लगा, उसकी आंखें सेक्स से भरी नजर आ रही थी।
हीरो ने जैसे ही अपना लौड़ा बाहर निकाला तो उसके मुँह से उफ निकला मेरा लौड़ा भी टाइट हो रहा था, मैंने उसके कंधों पर अपना हाथ रखा तो वो बिल्कुल मेरे करीब आ गई। मेरे हिम्मत बढ़ गई, मैं अपने हाथ को धीरे-धीरे उसके वक्ष के ऊपर ले जाकर उनको सहलाने लगा। उसके मुँह से मीठी-मीठी आवाजें आने लगी। मैंने उसकी चोली को धीरे से ऊपर सरकाना शुरु कर दिया। नीचे उसने ब्रा भी नहीं पहन रखी थी। वो मस्त होती जा रही थी।
वो बोली- मुझे डर लग रहा है !
मैंने पूछा- क्यों जान?
तो वो बोली- मैंने आज तक सेक्स नहीं किया है !
मैंने सोचा कि मुझे बना रही है, मैं बोला- डरो मत ! मैं सिखा दूंगा।
मैंने उसकी चूत पर अपना हाथ रख दिया तो देखा कि उसकी चूत ने पानी छोड़ रखा था। मैं धीरे-धीरे उसकी चूत को सहलाने लगा। उसने मुझे बाहों में भर लिया। मैंने उसकी कच्छी को उतार दिया, वो शरमा गई। फिर मैंने उसको कहा कि अब वो मेरे कच्छे को उतार दे।
वो फ़िर शरमा गई, तब मैंने अपने लंड को आजाद कर लिया। वो मेरे लंड को प्यासी नजरों से देखने लगी और बोली- यह तो बहुत मोटा है मेरी चूत तो फट जायेगी ?
मैंने कहा- रानी यह तुझे जवानी के मजे देगा !
वो बोली- अब मैं क्या करूं ?
तो मैंने कहा- जिस तरह फ़िल्म की हिरोइन कर रही थी, वैसे ही कर !
उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और हिलाने लगी। फिर धीरे से लौड़े को अपने मुँह में लेने लगी। मेरा लंड इतना मोटा था कि उसके मुँह में नहीं आ रहा था। वो उसे चाटने लगी। मेरा लंड बार-बार हिल रहा था। उसको लंड चाटने में मजा आ रहा था, वो बोली- यह इतना मस्त लग रहा है कि दिल कर रहा है कि इसको खा जाऊं !
मैंने कहा- जान, अगर तो इसको खा जायेगी तो मैं तुझे कैसे चोदूंगा ?
फिर धीरे-धीरे उसने लंड के टोपे को मुँह में ले ही लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मैं अब उसकी चूत में अपनी उंगली डालने के लिये चूत पर घुमाने लगा। उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे उसकी चूत बिल्कुत उभरी हुई थी। पर मेरी उंगली उस चूत में आगे नहीं बढ़ी तो मैं समझ गया कि वो बिल्कुल अनछुई है। मैं बहुत खुश हुआ कि आज तो कुंवारी चूत की सील तोड़ने का मौका मिल ही गया।
मैंने उसको बाहों में उठा लिया और बेडरूम में ले गया, उसको बड़े प्यार से बेड पर लिटा दिया। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। उसके कूल्हे वास्तव में जैसे बाहर से दिखते थे उससे भी कहीं ज्यादा गोल और कसे थे।मैंने उसे कहा- अपनी टांगें चौड़ी कर ले !
उसने वैसा ही किया। अब मेरा लौड़ा उसकी सील तोड़ने के लिये मस्त हो रहा था।
मैंने अपने लंड को आगे किया और कुंवारी चूत से भिड़ाया तो वो मस्ती से हिल पड़ी। मैं शॉट लगाने को बिल्कुल तैयार था, मैंने अपने लौड़े को उसकी चूत में थोड़ा सा लगा कर अन्दर किया तो वो चिल्ला पड़ी- हाय ! मेरी चूत फट जायेगी !
तब मैंने अपने लंड को वापस बाहर निकाल कर उस पर क्रीम लगाई। अब वापस लौड़ा उसकी चूत में डालने लगा तो वो दर्द से तड़प उठी, अपने कूल्हों को हिलाने लगी तो मैंने कहा- जान, बस एक बार थोड़ा सा दर्द होगा, फिर जिंदगी भर तुम लंड के मजे ले सकती हो।
वो बोली- आज तो मैं मजे लेकर रहूंगी !
उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे लौड़ा आठ इंच का है, मैंने धीरे-धीरे लौड़े को चूत में डालना शुरू किया। दो धक्के मारने पर लंड का टोपा उसकी मस्त चूत में घुस गया। वो दर्द से तड़प गई। मैं दो मिनट के लिये वैसे ही लेटा रहा। उसने अपनी चूत को जैसे ही थोड़ा ढीला किया, मैंने एक जोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा घुस गया।
वो बुरी तरह चिल्ला उठी- हाय, मार डाला !
उसकी चूत से गरम-गरम खून आने लगा। शायद उसने नहीं देखा, मैं कुछ देर रुक गया।
थोड़ी देर में उसने अपने कूल्हे हिलाने शुरू कर दिये तो मैं समझ गया कि अब दर्द कम हो रहा है। बस फिर मैं अपने लंड को हिलाने लगा उसकी चूत में मेरा लंड टकराने लगा। वो कस-कस कर लंड का स्वाद लेने लगी। मैं बीस मिनट तक उसकी चूत को अपने लंड से चोदता रहा।
अब वो भी पूरे मजे ले रही थी। मेरा लंड टाइट चूत में टकरा २ कर घायल हो गया। उसकी मस्त चूत ने पानी छोड़ दिया उसकी चुदाई में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरा लंड उसकी चूत को नहलाने को तैयार था। मेरे लंड की तेज पिचकारी ने उसकी चूत को पूरा भर दिया, उसने अपनी टांगें जब तक ढीली नहीं की जब तक मेरे वीर्य की आखिरी बूंद नहीं निकल गई।
अब हम दोनों अलग हो गये तो वो बहुत खुश नजर आ रही थी, मेरे होंठों पर चूम कर वो बोली- राजा, आज तूने मुझे लड़की होने का मजा दे दिया ! आज मैं पूरी रात इस मजे को लूंगी !
मैंने भी कह दिया- तेरी सील बहुत टाइट थी पर मेरे इस लंड ने आखिर उसे फाड़ ही दिया।
वो बोली- तेरा लंड नहीं। यह तो हथौड़ा है ! यह दीवार में भी छेद कर दे ! यह तो मेरी कुंवारी चूत थी।
फिर वो रसोई में जाकर दूध ले आई, हम दोनों ने दूध पिया। तब उसने चादर को बदल दिया, बोली- इसे बाद में धोएंगे, पहले लंड का और मजा तो ले लूँ। मैं बाथरूम में जाकर अपने लंड को धो आया, आज मैं बहुत खुश था, वापस आते ही उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया। वो बोली- आज इसने मेहनत की है, देखो, लाल हो गया है।
थोड़ी देर में मेरा लंड फिर चुदाई के लिये तैयार था। इस बार मैंने उसको कुतिया बना कर चोदा। वो आज बहुत खुश थी। यारो, क्या बताऊँ कि जिंदगी में मैंने ऐसी चुदाई पहली बार की।
उसके बाद वो अपने घर बिहार वापस चली गई पर दोबारा आने को कह गई। अब इन्तजार है कि अगले महीने वो आयेगी तो आगे की कहानी फिर आने पर सुनाउंगा।
हाय ! मैं समीर, मेरी पहली कहानी "मार डाला रे" आप लोगों ने पसन्द की और मुझे मेल भी किया… इसके लिये धन्यवाद। मैं आज आपको अपनी एक और यौन-कथा अन्तर्वासना के माध्यम से बताने जा रहा हूँ।
मैं गुड़गांव में रहता हूँ। यह बात उस समय की है जब हमारे पड़ोस में एक लड़की अपने मामा के यहाँ रहने आई। उसका नाम मोनिका था। वो बिहार की रहने वाली थी, उसका रंग सांवला था पर उसके स्तन एकदम सेब की तरह टाइट थे। उसके कूल्हे मस्त थे, जब वो चलती थी तो उसके कूल्हों की उठा-पटक देख कर गली के लड़कों के लंड ज़िप तोड़ने के लिये बेकरार हो जाते थे।
वो कभी-कभी हमारे घर टीवी पर मूवी देखने आ जाती थी। जब वो हमारे यहाँ आती थी तो मेरी नजरें सिर्फ़ उसके कूल्हों पर ही रहती थी। उसके स्तन उसकी चोली को फाड़ने के लिये बेबस होते नजर आते थे।
एक दिन हमारे घर के सभी लोग एक शादी में गये थे। उस दिन जब वो हमारे यहां आई तब मैं अपने घर में इंगलिश मूवी देख रहा था, वो चुपचाप आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई मैंने उसे नहीं देखा, मूवी में चुदाई का सीन आ रहा था, लड़का अपना लंड लड़की की गांड में दे कर चुदाई का मजा लूट रहा था। मैं भी अपने मोटे लंड को हाथों में लेकर बैठा था, मेरा लौड़ा टाइट होता जा रहा था, अचानक पीछे रखे गिलास के लुढ़कने की आवाज आई तो मैंने घूम कर देखा तो मोनिका मेरे पीछे खड़ी मूवी को बड़े ध्यान से देख रही थी, उसकी आंखें बिल्कुल लाल हो रही थी। मैंने जल्दी से पास पड़े तौलिए को उठा कर अपने लौड़े पर डाल लिया।
वो भी सकपका गई। मैंने उसको अपने पास बैठने के लिये बोला तो वो आकर बैठ गई। मैंने उससे पूछा- तुम कब आई?
तो वो शरमाते हुए बोली- जब हीरो हिरोइन को किस कर रहा था, तब !
मैं समझ गया कि उसने पूरी चुदाई देखी है। मैंने उसके हाथ को छुआ तो वो पूरी कांप रही थी, मेरे हाथ पकड़ने का उसने कोई विरोध नहीं किया। मैं समझ गया कि आज तो जिंदगी का मजा लूटा जा सकता है। मैंने उससे पूछा- आज हमारे यहीं रूकोगी क्या ? क्योंकि आज हमारे यहां भी कोई नहीं है।
मैं यह जानना चाहता था कि उसके मन में क्या है, तो वो बोली- मुझे डर लगता है !
मेरा लौड़ा चोदने के लिये बेकरार था, उसने लाल रंग की गहरे गले की चोली पहन रखी थी, उसके स्तन ऊपर से बाहर झांक रहे थे, वो बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैंने उसको खाने के लिये स्वीट्स दी, मैंने टीवी का चैनल नहीं बदला। थोड़ी देर बाद फिर चुदाई के दृश्य आये तो मैं उसकी तरफ़ देखने लगा, उसकी आंखें सेक्स से भरी नजर आ रही थी।
हीरो ने जैसे ही अपना लौड़ा बाहर निकाला तो उसके मुँह से उफ निकला मेरा लौड़ा भी टाइट हो रहा था, मैंने उसके कंधों पर अपना हाथ रखा तो वो बिल्कुल मेरे करीब आ गई। मेरे हिम्मत बढ़ गई, मैं अपने हाथ को धीरे-धीरे उसके वक्ष के ऊपर ले जाकर उनको सहलाने लगा। उसके मुँह से मीठी-मीठी आवाजें आने लगी। मैंने उसकी चोली को धीरे से ऊपर सरकाना शुरु कर दिया। नीचे उसने ब्रा भी नहीं पहन रखी थी। वो मस्त होती जा रही थी।
वो बोली- मुझे डर लग रहा है !
मैंने पूछा- क्यों जान?
तो वो बोली- मैंने आज तक सेक्स नहीं किया है !
मैंने सोचा कि मुझे बना रही है, मैं बोला- डरो मत ! मैं सिखा दूंगा।
मैंने उसकी चूत पर अपना हाथ रख दिया तो देखा कि उसकी चूत ने पानी छोड़ रखा था। मैं धीरे-धीरे उसकी चूत को सहलाने लगा। उसने मुझे बाहों में भर लिया। मैंने उसकी कच्छी को उतार दिया, वो शरमा गई। फिर मैंने उसको कहा कि अब वो मेरे कच्छे को उतार दे।
वो फ़िर शरमा गई, तब मैंने अपने लंड को आजाद कर लिया। वो मेरे लंड को प्यासी नजरों से देखने लगी और बोली- यह तो बहुत मोटा है मेरी चूत तो फट जायेगी ?
मैंने कहा- रानी यह तुझे जवानी के मजे देगा !
वो बोली- अब मैं क्या करूं ?
तो मैंने कहा- जिस तरह फ़िल्म की हिरोइन कर रही थी, वैसे ही कर !
उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और हिलाने लगी। फिर धीरे से लौड़े को अपने मुँह में लेने लगी। मेरा लंड इतना मोटा था कि उसके मुँह में नहीं आ रहा था। वो उसे चाटने लगी। मेरा लंड बार-बार हिल रहा था। उसको लंड चाटने में मजा आ रहा था, वो बोली- यह इतना मस्त लग रहा है कि दिल कर रहा है कि इसको खा जाऊं !
मैंने कहा- जान, अगर तो इसको खा जायेगी तो मैं तुझे कैसे चोदूंगा ?
फिर धीरे-धीरे उसने लंड के टोपे को मुँह में ले ही लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मैं अब उसकी चूत में अपनी उंगली डालने के लिये चूत पर घुमाने लगा। उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे उसकी चूत बिल्कुत उभरी हुई थी। पर मेरी उंगली उस चूत में आगे नहीं बढ़ी तो मैं समझ गया कि वो बिल्कुल अनछुई है। मैं बहुत खुश हुआ कि आज तो कुंवारी चूत की सील तोड़ने का मौका मिल ही गया।
मैंने उसको बाहों में उठा लिया और बेडरूम में ले गया, उसको बड़े प्यार से बेड पर लिटा दिया। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। उसके कूल्हे वास्तव में जैसे बाहर से दिखते थे उससे भी कहीं ज्यादा गोल और कसे थे।मैंने उसे कहा- अपनी टांगें चौड़ी कर ले !
उसने वैसा ही किया। अब मेरा लौड़ा उसकी सील तोड़ने के लिये मस्त हो रहा था।
मैंने अपने लंड को आगे किया और कुंवारी चूत से भिड़ाया तो वो मस्ती से हिल पड़ी। मैं शॉट लगाने को बिल्कुल तैयार था, मैंने अपने लौड़े को उसकी चूत में थोड़ा सा लगा कर अन्दर किया तो वो चिल्ला पड़ी- हाय ! मेरी चूत फट जायेगी !
तब मैंने अपने लंड को वापस बाहर निकाल कर उस पर क्रीम लगाई। अब वापस लौड़ा उसकी चूत में डालने लगा तो वो दर्द से तड़प उठी, अपने कूल्हों को हिलाने लगी तो मैंने कहा- जान, बस एक बार थोड़ा सा दर्द होगा, फिर जिंदगी भर तुम लंड के मजे ले सकती हो।
वो बोली- आज तो मैं मजे लेकर रहूंगी !
उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे लौड़ा आठ इंच का है, मैंने धीरे-धीरे लौड़े को चूत में डालना शुरू किया। दो धक्के मारने पर लंड का टोपा उसकी मस्त चूत में घुस गया। वो दर्द से तड़प गई। मैं दो मिनट के लिये वैसे ही लेटा रहा। उसने अपनी चूत को जैसे ही थोड़ा ढीला किया, मैंने एक जोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा घुस गया।
वो बुरी तरह चिल्ला उठी- हाय, मार डाला !
उसकी चूत से गरम-गरम खून आने लगा। शायद उसने नहीं देखा, मैं कुछ देर रुक गया।
थोड़ी देर में उसने अपने कूल्हे हिलाने शुरू कर दिये तो मैं समझ गया कि अब दर्द कम हो रहा है। बस फिर मैं अपने लंड को हिलाने लगा उसकी चूत में मेरा लंड टकराने लगा। वो कस-कस कर लंड का स्वाद लेने लगी। मैं बीस मिनट तक उसकी चूत को अपने लंड से चोदता रहा।
अब वो भी पूरे मजे ले रही थी। मेरा लंड टाइट चूत में टकरा २ कर घायल हो गया। उसकी मस्त चूत ने पानी छोड़ दिया उसकी चुदाई में मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरा लंड उसकी चूत को नहलाने को तैयार था। मेरे लंड की तेज पिचकारी ने उसकी चूत को पूरा भर दिया, उसने अपनी टांगें जब तक ढीली नहीं की जब तक मेरे वीर्य की आखिरी बूंद नहीं निकल गई।
अब हम दोनों अलग हो गये तो वो बहुत खुश नजर आ रही थी, मेरे होंठों पर चूम कर वो बोली- राजा, आज तूने मुझे लड़की होने का मजा दे दिया ! आज मैं पूरी रात इस मजे को लूंगी !
मैंने भी कह दिया- तेरी सील बहुत टाइट थी पर मेरे इस लंड ने आखिर उसे फाड़ ही दिया।
वो बोली- तेरा लंड नहीं। यह तो हथौड़ा है ! यह दीवार में भी छेद कर दे ! यह तो मेरी कुंवारी चूत थी।
फिर वो रसोई में जाकर दूध ले आई, हम दोनों ने दूध पिया। तब उसने चादर को बदल दिया, बोली- इसे बाद में धोएंगे, पहले लंड का और मजा तो ले लूँ। मैं बाथरूम में जाकर अपने लंड को धो आया, आज मैं बहुत खुश था, वापस आते ही उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया। वो बोली- आज इसने मेहनत की है, देखो, लाल हो गया है।
थोड़ी देर में मेरा लंड फिर चुदाई के लिये तैयार था। इस बार मैंने उसको कुतिया बना कर चोदा। वो आज बहुत खुश थी। यारो, क्या बताऊँ कि जिंदगी में मैंने ऐसी चुदाई पहली बार की।
उसके बाद वो अपने घर बिहार वापस चली गई पर दोबारा आने को कह गई। अब इन्तजार है कि अगले महीने वो आयेगी तो आगे की कहानी फिर आने पर सुनाउंगा।
Re: दो बहनों की चुदाई - Do Bahno Ki Chudai
दो बहनों की चुदाई - Do Bahno Ki Chudai
मेरा नाम बबलू है और मैं आगरा का रहने वाला हूँ। मेरे घर में तीन ही लोग हैं, मैं, पिताजी और माँ।
बात उस समय की है जब मैं पढ़ता था। मेरे पड़ोस में शर्मा जी का घर था, उनकी दो बेटियाँ थी, एक तो मेरे साथ ही पढ़ती थी। मैं पढ़ने में काफी होशियार था इसलिए कई बच्चे मुझसे सवाल पूछा करते थे और मैं भी सबकी मदद कर देता था। मैं अपने मोहल्ले का काफी सीधा लड़का था।
अब मैं आप लोगो को शर्मा जी की बेटियों के बारे में बताता हूँ। बड़ी का नाम सीमा और छोटी का अंशु था। दोनों की जवानी उभार पर थी पर छोटी वाली तो कुछ ज्यादा आगे थी। सीमा का फिगर बड़ा मस्त था 24-36-24, पर रंग थोड़ा सांवला था। अंशु तो गजब की बाला थी, गोरा रंग और गजब का फिगर ! ऐसा कि देखते ही चोदने का मन करे और कई लड़के तो खड़े-2 मुठ मार दें ! फिर भी मैं इन सब पर ध्यान नहीं देता था।
एक दिन की बात है, मैं शाम को घर के बाहर टहलने निकला, तभी अंशु दौड़ती हुई मेरे पास आई और कहा- दीदी आपको बुला रही है, उन्हें कुछ पूछना है।
मैं चलने को तैयार हो गया और उसके पीछे पीछे उसके घर चला गया। वहाँ देखा तो सीमा कुछ पढ़ रही थी। उसके मम्मी-डैडी कहीं बाहर गए हुए थे और घर पर बस वही दोनों थी।
अंशु ने मुझे एक सोफे पर बैठाया और पानी लेने चली गई। तब तक सीमा अपनी किताब लेकर मेरे पास आ गई। उसने आसमानी रंग की एकदम पतली नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उसकी काली रंग की ब्रा-पैंटी साफ़ झलक रही थी।
पहले तो मैं थोड़ा शरमाया पर सब सही हो गया। वो मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई और सवाल पूछने लगी। सवाल पूछते-2 वो कुछ ऐसा कर रही थी कि उसके स्तन मुझे दिख जाएँ। मेरी नजरें उसके वक्ष पर अटक गई। वह अपनी सफलता पर थोड़ा मुस्कुराई और फिर आगे पूछने लगी।
तब तक अंशु पानी लेकर आ गई। वह आगे बढ़ी और एक कुर्सी से टकरा गई और पानी मेरी पैंट पर गिर गया। मैं घबरा गया। सीमा के स्तन देखते हुए मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था।
अंशु ने मुझसे माफ़ी मांगी और एक तौलिया दे दिया। मैं बाथरूम में चला गया। तभी सीमा वहाँ आ गई और मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैं काफी डर गया और अपना हाथ खींच लिया।
वो अंशु को बुलाते हुए बोली- देख रे कैसा शरमा रहा है, जैसे कभी लड़की ही नहीं देखी।
अंशु भी आ गई और वो दोनों मुझे बेडरूम में ले गई।
मैं सिर्फ अंडरवियर और शर्ट में था।
मुझे देख कर सीमा बोली- हाय रे ! कातिल कहाँ छुपा था अब तक?
अब उन दोनों ने मुझ पर सेक्सी कमेंट्स करने शुरु कर दिए।
मैं बेचैन हो गया और उनसे कहा- मुझे जाने दो !
पर वो भला कहाँ मानने वाली थी।
अंशु ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और मेरे शर्ट के बटन खोल दिए। सीमा भी आगे से मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने स्तनों को मेरे सीने पर दबाने लगी और मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और मेरे लिंग को दबाने लगी।
तभी अंशु ने पीछे से एक ब्लू फिल्म चला दी और कहा- तुम तो काफी ठंडे लगते हो, क्या पहले तुमने ये सब नहीं किया?
मैंने ना में जवाब दिया।
ब्लू फिल्म देख कर मुझे भी जोश आने लगा और मेरा लिंग तनकर 8 इंच का हो गया।
मैंने सीमा की नाइटी उतार दी और ब्रा के बाहर से ही उसके उरोजों को दबाने लगा। क्या सॉलिड बूब्स थे उसके ! मन तो कर रहा था कि काटकर खा लो।
मैंने उसकी पैंटी में ऊँगली डाली और उसकी योनि में ऊँगली करने लगा। उसकी चूत में से पानी आने लगा।
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और पैंटी भी उतार दी, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया। अब दोनों एकदूसरे के सामने नंगे खड़े थे। मैंने पहली बार चूत के दर्शन किए थे। उसकी गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसके बड़े-2 चूतड़ उसको और हसीं बना रहे थे।
मेरे लिंग को देखते ही वो बोली-कितने गंदे हो तुम ! कभी अपनी झांटें भी साफ़ कर लिया करो !
मैंने कहा- डर लगता है ! कहीं कट गया तो?
उसने अपनी बहन अंशु से ब्लेड मंगाया और कहा- आओ, मैं तुम्हारी झांटें बना देती हूँ।
वो मुझे बाथरूम में ले गई और झांटे साफ़ करने लगी और इस बीच मैं उसके स्तन दबाता रहा।
इसके बाद उसने शॉवर चला दिया और हम दोनों उसके नीचे भीगने लगे। एक तरफ पानी और दूसरी तरफ आग, पर आज पानी भी आग को नहीं बुझा पाया।
उसने मेरा लिंग मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं भी उसकी चूचियों को चूसता रहा और चूत में ऊँगली करता रहा।
उसका बदन जलने लगा और कहने लगी- अब और न तड़पाओ मुझे। चोद दो इस चूत को। फाड़ दो इसे अपने फौलादी लंड से।
मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी कमर पर हाथ लगाया और उसकी चूत पर निशाना लगाते हुए अपना लंड आगे दिया। पर मेरा लंड किनारे हो गया। उसकी योनि काफी कसी थी। उसकी गुलाबी चूत शायद अभी तक कुंवारी थी। मैंने २-३ बार कोशिश की पर सफल नहीं हुआ।
फिर उसने मेरे लंड पर शैंपू लगाया और अपनी योनि पर भी। अब धीरे से उसने मेरे लंड को योनि के मुख पर टिकाया और मुझसे धक्का लगाने को कहा, वो खुद भी धक्का लगाने लगी। शैंपू की चिकनाहट के कारण लिंग योनि में सरकता चला गया।
आधा अन्दर जाते ही वो जोर से चिल्लाईई और बाहर निकालने के लिए कहने लगी।
मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और उसके स्तन दबाने लगा। धीरे-2 उसका दर्द कम हुआ, तभी मैंने लिंग को थोड़ा बाहर खींच कर पूरी ताकत से पेल दिया। वो तड़प उठी।
मैं फिर उसके होठों को चूमने लगा। धीरे-2 वो जोश में आने लगी और अपने चूतड़ उछाल-2 कर मजे लेने लगी। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी।
करीब दस मिनट बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया पर मैं अभी भी लगा रहा।
पाँच मिनट बाद मैंने भी वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया।
तभी उसकी बहन अंशु वहाँ आ गई और कहने लगी- अब मेरी प्यास भी मिटा दो।
मैंने देखा सीमा वहीं शॉवर के नीचे पड़ी है और उसकी चूत से पानी और खून निकल रहा है।
मैंने सीमा को वहीं छोड़ा और अंशु के पास पहुँच गया।
जैसा मैंने पहले ही बताया था कि अंशु सीमा से भी ज्यादा सेक्सी माल थी और ऊपर से उसका गोरा रंग और गजब ढा रहा था।
मुझे ऐसा लगा की कोई परी मेरे सामने खडी है और कह रही है- आओ, मुझे चोद दो, मेरी चूत की प्यास बुझा दो।
मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया। उसने कसकर मुझे पकड़ लिया और उसकी चूचियों का नरम-2 एहसास मुझे अपने सीने पर होने लगा।
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा, धीरे से मैंने उसके होंठों को थोड़ा काट लिया। उसके पूरे बदन में आग लग गई, उसने भी मुझे चूमना शुरु कर दिया।
फिर मैंने उसे थोड़ा अलग किया और उसके स्तन दबाने लगा। वो भी मेरा लिंग दबाने लगी और लिंग को चूसना शुरु कर दिया। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैं भी उसकी चूत में ऊँगली डालने लगा और उसके स्तनों को चूसने लगा।
अंशु की योनि तो सीमा से भी मस्त और कसी थी। उसको देख कर ऐसा लगता था मानो भगवान् ने फुर्सत में उसे बनाया है।
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुँह में भर दिया, उसने पूरा वीर्य पी लिया और लिंग को चाट-2 कर साफ़ करने लगी।
मेरा लिंग एक बार फिर मैदान में आ गया और इस बार उसका निशाना सिर्फ अंशु की चूत थी। अंशु भी गरम हो गई थी और बार-2 मुझे छोड़ने का निमंत्रण दे रही थी।
मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया। मुझे पता था कि अंशु की चूत भी अभी कुंवारी है इसलिए मैंने धीरे से उसकी योनि का मुँह फैलाया और उस पर लंड का सुपारा टिका दिया।
मैं उसके होंठों को चूमता रहा और एक उसके पुष्ट उरोजों को दबाते हुए हल्का सा झटका दिया और मेरा लंड आधा अंशु की चूत में पंहुच गया।
वो दर्द से चीख पड़ी पर मैंने उसे ज्यादा मौका नहीं दिया और उसके होंठों को चूसता रहा। उसकी झिल्ली फट चुकी थी, मैंने उसका कौमार्य भंग कर दिया था।
मैंने थोड़ा पीछे होते हुए पूरी ताकत से लंड उसकी चूत में डाल दिया।
वो तड़प उठी पर थोड़ी ही देर में उसे मजा आने लगा और वो चूतड़ उछाल-2 कर साथ देने लगी।
करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गई। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे कुतिया की पोजिशन में कर दिया और फिर उसी तरह करीब आधे घंटे चलता रहा।
तभी उसने कहा- बबलू, अब मैं झड़ने वाली हूँ।
मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए। वो मुझसे चिपक गई और निढाल हो गई।
उस रात हम तीनों ने चुदाई के कई राउंड चलाये। जिसमें दो बार मैंने उन दोनों की गांड मारी और चूत को फाड़ कर भोंसड़ा कर दिया।
उसके बाद भी हमे जब भी मौका मिलता हम पूरा फायदा उठाते।
अंशु की चूत तो अब भी वैसी ही टाइट लगती है। कई बार मैंने उनकी सहेलियों के साथ भी सम्बंध बनाए।
मेरा नाम बबलू है और मैं आगरा का रहने वाला हूँ। मेरे घर में तीन ही लोग हैं, मैं, पिताजी और माँ।
बात उस समय की है जब मैं पढ़ता था। मेरे पड़ोस में शर्मा जी का घर था, उनकी दो बेटियाँ थी, एक तो मेरे साथ ही पढ़ती थी। मैं पढ़ने में काफी होशियार था इसलिए कई बच्चे मुझसे सवाल पूछा करते थे और मैं भी सबकी मदद कर देता था। मैं अपने मोहल्ले का काफी सीधा लड़का था।
अब मैं आप लोगो को शर्मा जी की बेटियों के बारे में बताता हूँ। बड़ी का नाम सीमा और छोटी का अंशु था। दोनों की जवानी उभार पर थी पर छोटी वाली तो कुछ ज्यादा आगे थी। सीमा का फिगर बड़ा मस्त था 24-36-24, पर रंग थोड़ा सांवला था। अंशु तो गजब की बाला थी, गोरा रंग और गजब का फिगर ! ऐसा कि देखते ही चोदने का मन करे और कई लड़के तो खड़े-2 मुठ मार दें ! फिर भी मैं इन सब पर ध्यान नहीं देता था।
एक दिन की बात है, मैं शाम को घर के बाहर टहलने निकला, तभी अंशु दौड़ती हुई मेरे पास आई और कहा- दीदी आपको बुला रही है, उन्हें कुछ पूछना है।
मैं चलने को तैयार हो गया और उसके पीछे पीछे उसके घर चला गया। वहाँ देखा तो सीमा कुछ पढ़ रही थी। उसके मम्मी-डैडी कहीं बाहर गए हुए थे और घर पर बस वही दोनों थी।
अंशु ने मुझे एक सोफे पर बैठाया और पानी लेने चली गई। तब तक सीमा अपनी किताब लेकर मेरे पास आ गई। उसने आसमानी रंग की एकदम पतली नाइटी पहन रखी थी जिसमें से उसकी काली रंग की ब्रा-पैंटी साफ़ झलक रही थी।
पहले तो मैं थोड़ा शरमाया पर सब सही हो गया। वो मेरे सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई और सवाल पूछने लगी। सवाल पूछते-2 वो कुछ ऐसा कर रही थी कि उसके स्तन मुझे दिख जाएँ। मेरी नजरें उसके वक्ष पर अटक गई। वह अपनी सफलता पर थोड़ा मुस्कुराई और फिर आगे पूछने लगी।
तब तक अंशु पानी लेकर आ गई। वह आगे बढ़ी और एक कुर्सी से टकरा गई और पानी मेरी पैंट पर गिर गया। मैं घबरा गया। सीमा के स्तन देखते हुए मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था।
अंशु ने मुझसे माफ़ी मांगी और एक तौलिया दे दिया। मैं बाथरूम में चला गया। तभी सीमा वहाँ आ गई और मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैं काफी डर गया और अपना हाथ खींच लिया।
वो अंशु को बुलाते हुए बोली- देख रे कैसा शरमा रहा है, जैसे कभी लड़की ही नहीं देखी।
अंशु भी आ गई और वो दोनों मुझे बेडरूम में ले गई।
मैं सिर्फ अंडरवियर और शर्ट में था।
मुझे देख कर सीमा बोली- हाय रे ! कातिल कहाँ छुपा था अब तक?
अब उन दोनों ने मुझ पर सेक्सी कमेंट्स करने शुरु कर दिए।
मैं बेचैन हो गया और उनसे कहा- मुझे जाने दो !
पर वो भला कहाँ मानने वाली थी।
अंशु ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और मेरे शर्ट के बटन खोल दिए। सीमा भी आगे से मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने स्तनों को मेरे सीने पर दबाने लगी और मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तब उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और मेरे लिंग को दबाने लगी।
तभी अंशु ने पीछे से एक ब्लू फिल्म चला दी और कहा- तुम तो काफी ठंडे लगते हो, क्या पहले तुमने ये सब नहीं किया?
मैंने ना में जवाब दिया।
ब्लू फिल्म देख कर मुझे भी जोश आने लगा और मेरा लिंग तनकर 8 इंच का हो गया।
मैंने सीमा की नाइटी उतार दी और ब्रा के बाहर से ही उसके उरोजों को दबाने लगा। क्या सॉलिड बूब्स थे उसके ! मन तो कर रहा था कि काटकर खा लो।
मैंने उसकी पैंटी में ऊँगली डाली और उसकी योनि में ऊँगली करने लगा। उसकी चूत में से पानी आने लगा।
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और पैंटी भी उतार दी, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया। अब दोनों एकदूसरे के सामने नंगे खड़े थे। मैंने पहली बार चूत के दर्शन किए थे। उसकी गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं था। उसके बड़े-2 चूतड़ उसको और हसीं बना रहे थे।
मेरे लिंग को देखते ही वो बोली-कितने गंदे हो तुम ! कभी अपनी झांटें भी साफ़ कर लिया करो !
मैंने कहा- डर लगता है ! कहीं कट गया तो?
उसने अपनी बहन अंशु से ब्लेड मंगाया और कहा- आओ, मैं तुम्हारी झांटें बना देती हूँ।
वो मुझे बाथरूम में ले गई और झांटे साफ़ करने लगी और इस बीच मैं उसके स्तन दबाता रहा।
इसके बाद उसने शॉवर चला दिया और हम दोनों उसके नीचे भीगने लगे। एक तरफ पानी और दूसरी तरफ आग, पर आज पानी भी आग को नहीं बुझा पाया।
उसने मेरा लिंग मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं भी उसकी चूचियों को चूसता रहा और चूत में ऊँगली करता रहा।
उसका बदन जलने लगा और कहने लगी- अब और न तड़पाओ मुझे। चोद दो इस चूत को। फाड़ दो इसे अपने फौलादी लंड से।
मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी कमर पर हाथ लगाया और उसकी चूत पर निशाना लगाते हुए अपना लंड आगे दिया। पर मेरा लंड किनारे हो गया। उसकी योनि काफी कसी थी। उसकी गुलाबी चूत शायद अभी तक कुंवारी थी। मैंने २-३ बार कोशिश की पर सफल नहीं हुआ।
फिर उसने मेरे लंड पर शैंपू लगाया और अपनी योनि पर भी। अब धीरे से उसने मेरे लंड को योनि के मुख पर टिकाया और मुझसे धक्का लगाने को कहा, वो खुद भी धक्का लगाने लगी। शैंपू की चिकनाहट के कारण लिंग योनि में सरकता चला गया।
आधा अन्दर जाते ही वो जोर से चिल्लाईई और बाहर निकालने के लिए कहने लगी।
मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और उसके स्तन दबाने लगा। धीरे-2 उसका दर्द कम हुआ, तभी मैंने लिंग को थोड़ा बाहर खींच कर पूरी ताकत से पेल दिया। वो तड़प उठी।
मैं फिर उसके होठों को चूमने लगा। धीरे-2 वो जोश में आने लगी और अपने चूतड़ उछाल-2 कर मजे लेने लगी। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी।
करीब दस मिनट बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया पर मैं अभी भी लगा रहा।
पाँच मिनट बाद मैंने भी वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया।
तभी उसकी बहन अंशु वहाँ आ गई और कहने लगी- अब मेरी प्यास भी मिटा दो।
मैंने देखा सीमा वहीं शॉवर के नीचे पड़ी है और उसकी चूत से पानी और खून निकल रहा है।
मैंने सीमा को वहीं छोड़ा और अंशु के पास पहुँच गया।
जैसा मैंने पहले ही बताया था कि अंशु सीमा से भी ज्यादा सेक्सी माल थी और ऊपर से उसका गोरा रंग और गजब ढा रहा था।
मुझे ऐसा लगा की कोई परी मेरे सामने खडी है और कह रही है- आओ, मुझे चोद दो, मेरी चूत की प्यास बुझा दो।
मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया। उसने कसकर मुझे पकड़ लिया और उसकी चूचियों का नरम-2 एहसास मुझे अपने सीने पर होने लगा।
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा, धीरे से मैंने उसके होंठों को थोड़ा काट लिया। उसके पूरे बदन में आग लग गई, उसने भी मुझे चूमना शुरु कर दिया।
फिर मैंने उसे थोड़ा अलग किया और उसके स्तन दबाने लगा। वो भी मेरा लिंग दबाने लगी और लिंग को चूसना शुरु कर दिया। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैं भी उसकी चूत में ऊँगली डालने लगा और उसके स्तनों को चूसने लगा।
अंशु की योनि तो सीमा से भी मस्त और कसी थी। उसको देख कर ऐसा लगता था मानो भगवान् ने फुर्सत में उसे बनाया है।
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुँह में भर दिया, उसने पूरा वीर्य पी लिया और लिंग को चाट-2 कर साफ़ करने लगी।
मेरा लिंग एक बार फिर मैदान में आ गया और इस बार उसका निशाना सिर्फ अंशु की चूत थी। अंशु भी गरम हो गई थी और बार-2 मुझे छोड़ने का निमंत्रण दे रही थी।
मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख लिया। मुझे पता था कि अंशु की चूत भी अभी कुंवारी है इसलिए मैंने धीरे से उसकी योनि का मुँह फैलाया और उस पर लंड का सुपारा टिका दिया।
मैं उसके होंठों को चूमता रहा और एक उसके पुष्ट उरोजों को दबाते हुए हल्का सा झटका दिया और मेरा लंड आधा अंशु की चूत में पंहुच गया।
वो दर्द से चीख पड़ी पर मैंने उसे ज्यादा मौका नहीं दिया और उसके होंठों को चूसता रहा। उसकी झिल्ली फट चुकी थी, मैंने उसका कौमार्य भंग कर दिया था।
मैंने थोड़ा पीछे होते हुए पूरी ताकत से लंड उसकी चूत में डाल दिया।
वो तड़प उठी पर थोड़ी ही देर में उसे मजा आने लगा और वो चूतड़ उछाल-2 कर साथ देने लगी।
करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गई। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसे कुतिया की पोजिशन में कर दिया और फिर उसी तरह करीब आधे घंटे चलता रहा।
तभी उसने कहा- बबलू, अब मैं झड़ने वाली हूँ।
मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए। वो मुझसे चिपक गई और निढाल हो गई।
उस रात हम तीनों ने चुदाई के कई राउंड चलाये। जिसमें दो बार मैंने उन दोनों की गांड मारी और चूत को फाड़ कर भोंसड़ा कर दिया।
उसके बाद भी हमे जब भी मौका मिलता हम पूरा फायदा उठाते।
अंशु की चूत तो अब भी वैसी ही टाइट लगती है। कई बार मैंने उनकी सहेलियों के साथ भी सम्बंध बनाए।