चाचा चाची की चुदाई Uncle aunty sex fuck long

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Fuck_Me
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Re: चाचा चाची की चुदाई Uncle aunty sex fuck long

Unread post by Fuck_Me » 15 Aug 2015 12:10

सूरज की पत्नी का नाम निशा था. वो 20 साल की कमसिन लड़की थी. कोई 5फ्ट 4 इंच ट, 36, 26, 38 का फिगर और रंग गोरा था. जब रात को सूरज सुहग्रात के लिए कमरे में जाने लगा तो चाचिजी उसको कोने में ले गयी,’ बेटा, उसकी कुँवारी चूत को नर्मी से चोदना, ज़्यादा खून ख़राबा मत करना, ‘ वे बोली. सूरज के लंड को उन्होने पाजामा के उप्पेर ही दबा दिया,’ इतना मोटा हथियार कुँवारी चूत एकद्ूम नही ले पाएगी मेरे राजा,’ उन्होने कहा.
सूरज कमरे में घुसा तो निशा ने उसके पॅव च्छुए और दूध का ग्लास पकरा कर कोने में खड़ी हो गयी. सूरज ने उसे पाकर कर बिस्तेर पेर लिटाया, और धीरे धीरे उसके गहने कापरे उतरने लगा,’ लाइट तो बंड कर दो जी,’ निशा बोली. सूरज ने नाइट लॅंप जला लिया. जब सिर्फ़ ब्रा और चड्डी बचे तो निशा बोली,’ मुझे बहुत शरम आ रही है इनको मत उतारना,’ उसने कहा. सूरज ने अपने कापरे भी उतार दिए और सिर्फ़ चड्डी पहन कर निशा को किस करने लगा. निशा की खुश्बू से सूरज सांड़ की तरह बेक़ाबू हो रहा था. उसने निशा की ब्रा भी उतार फेंकी और उसके बूब्स मसालने लगा चूसने लगा. दूसरे हाथ से वो निशा की चूत को चड्डी के अप्पर से दबा रहा था. जब उसको लगा की निशा की चड्डी गीली हो गयी है तो उसने ज़बरदस्ती उसकी चड्डी उतार फेंकी. निशा ने दोनो हाथो से अपनी चूत को धक दिया. सूरज नीचे आया और उसकी मलाईदार चूत चाटने लगा. निशा उत्तेजना के शिखर पेर थी. सूरज ने लोहे को गरम देख कर हथोदे से वार कर्मा मुनासिब समझा. उसने अपने लंड का मूह उसकी कुवारि चूत के मूह पेर रखा और धीरे धीरे सरकने लगा, निशा दर्द से छटपटा रही थी,’ बस रानी तोड़ा धैर्या रखो इतना सा दर्द सहन कर लो फिर तुम्हे बहुत आनंद मिलेगा,’ वा बोला.’ ऐसा कौनसा ज़रूरी हैजी ये सब,बाद में कर लेना मेरे वाहा बहुत दर्द हो रहा है, निशा बोली. मगर सूरज अपनी ज़िंदगी की पहली सील तोड़ने को बेक़ाबू था. इस से पहले उसने चुदाई तो बहुत कीट ही मगर सील बंद चूत उसको आज पहली बार ही नॅसीब हुई थी. सूरज अपना मज़बूत लंड बेरहमी से सरकता गया,निशा रोटी रही और माना करती रही. सूरज का लंड उसकी छूट के खून से लथपथ था मगर वो रुका नही और बो लंड को कम जगह में ही अंडर बाहर करने लगा. सूरज का आधा लंड ही अंडर गया था. चदडार पूरी की पूरी निशा के खून से भर गयी थी. उधर निशा दर्द से चीखने लगी तो डर कर सूरज को लंड बाहर निकलना पड़ा.’ में मार जौंगी प्लीज़ ये काम फिर कर लेना मुझ पेर रहम करो आज आज,’ निशा गिड़गिदने लगी. सूरज गुस्से से कमरे से बाहर आ गया. चाची वहीं खड़ी थी,’ मैने दरवाज़े के च्छेद से सब कुछ देखा है, बहू की सील तो टूट गयी अब 2-3 रुक कर उसको चॉड्ना , 4-5 चुदाई के बाद वो नॉर्मल होगी,’ उन्होने कहा.’ लेकिन चाची कुँवारी चूत को ये लंड आधा ही चोद पाया, मेरा लंड तो अब नियंत्रण से बाहर है, उसने चाची से कहा. चाची बोली,’ चल बेटा मेरे रूम में तेरी चाची ही तेरे काम आएगी,’ उन्होने कहा. रूम का दरवाज़ा बूँद होते ही सूरज ने चाची का पेटिकोट उप्पेर किया और एक ही स्कोंद में निशा के खून से लाल लंड चाची के भोस्डे में सरका दिया,’ बेटा इस से ज़्यादा मेरी क्या ख़ुशनसीबी होगी कीट उ अपनी सुहग्रात के दिन अपनी चाची को चोद रहा है, जी भर के चाची को चोद, इस सुहग्रात को में याद रखूँगी,’ चाची बोली. चाचजी ने इन दोनो चुदाई करने वालो पेर फूल बरसाने शुरू कर दिए. सूरज को लगा जैसे वो चाची को नही अपनी पत्नी को चोद रहा है चाची को लगा जैसे वो अपने पति के साथ सुहाग रात माना रही है.
शादी के बाद सूरज ने चाचिजी की चुदाई जारी रखी. निशा को भी वो चोद्ता लेकिन उसको बिल्कुल भी मज़ा नही आता था,’ चाचिजी वो चुपचाप लेटी रहती है कुछ भी नही बोलती ऐसा लगता है जैसे किसी लाश को चोद रहा हू,’ सूरज ने चाचिजी से कहा. “ बेटा, में हू ना तेरे गरम लंड के लिए कभी कभी उसको चेंज के लिए चोद दिया कर,’ चाची बोली. निशा शादी के ठीक 4 महीने बाद गर्भवती हो गयी और बच्चा पैदा करने अपने मयके चली गयी, सूरज की चाची- चाचा की चुदाई चलती रही. उधर गीता की मा तो चल बसी थी वो भी अब ज़्यादा काम नही करती थी, उसकी 18 साल की बेटी पूनम अब घर का काम करती थी. वो एकद्ूम काले रंग कीट ही और उसके बूब्स मोटे थे और उसके दुबले पतले बदन पेर अलग से नज़र आते थे. कोई 36-37 का साइज़ होगा. सूरज के मूह में उसके बूब्स देखते ही पानी आअ जाता. वो उसके काले निपल्स की कल्पना करता. पूनम की कमर पतली थी गांद आवरेज थी कोई 34 की होगी. “ चाची पूनम की चुदाई कारवओ ना उसके बूब्स देख कर लंड बेक़ाबू हो जाता है,’ सूरज ने चाची के सामने फरमाइश रखी. अगले दिन गीता को कोने में ले जा कर चाची ने पूछा,’ गीता सूरज का तेरी बेटी को चोद्ने का बड़ा मन है, क्या करे?’ उसने पूछा,’ दो- तीन महीने रुक जाओ चाचिजी, इसका गौना हो गया है, शादी हो जाए फिर कोई दिक्कत नही,’ उसने कहा. कभी कभी गीता के साथ उसका 16 साल का बेटा कालू भी घर आ जाता था. एक दिन गीता ने चाचिजी से कहा,’ चाचिजी कालू का लंड भी तय्यार है, कहो तो आपकी चूत पेर चोट करवा दू?” उसने पूछा, चाची जैसा चुड़क्कड़ कहा मना करने वाला था.
अगले दिन कालू निक्केर पहन कर मा के साथ आया. “ कालू तू चाचिजी के कमरे में जा उनके बदन में दर्द है उनकी मालिश कर आ,’ गीता ने अपने बेटे से कहा. कालू कमरे में गया तो देखा चाचिजी खाली ब्रा और चड्डी पहन कर उल्टी लेती हुई थी उनकी मोटी गांद कालू को सॉफ दिखाई दे रही थी. बॅक और टाँगो पेर मालिश करते करते कालू का लंड बेक़ाबू था. उसका निक्केर फटा जा रहा था. चचजी सीधी हुई. कालू उनकी थाइस और पेट और कंधो पेर मालिश कर रहा था, चाचिजी ने उसका खड़ा लंड देख कर ब्रा उतार दी और बोली,’ ले बेटा थोड़ी इधर भी मालिश कर दे.’ कालू चाची के मोटे मोटे बूब्स मसालने लगा. दो मिनिट बाद ही चाचिजी ने चड्डी नीचे खिसका दी और बोली,’ कालू बेटा इधर भी तेल लगा कर अच्छी मालिश कर दे.’ कालू ने पहली बार असली चूत देखी थी वो भी इतनी नज़दीक से, वो चुपच्छप चूत की मालिश करने लगा.’ बेटा थोड़ी उंगली से इसकी चुदाई भी कर दे,’ चाची बोली. कालू चाचिजी की चूत में अपनी उंगली अंडर बाहर करने लगा. कालू चाचिजी की चूत को तेल भरी उंगली से चोदे जा रहा था और चाचिजी उतीजित अवस्था में गांद उपेर किए जा रही थी. चाचिजी ज़्यादा इंतेज़ार नहीं कर सकी उन्होने नेकार के उप्पेर ही कालू का गरम लंड दबा दिया. कालू के निक्केर के साइड से अब चाचिजी ने लंड बाहर निकाला और उसको बेरहमी से मसालने लगी. कालू से भी रहा नहीं गया उसने अपना निक्केर नीचे सरका दिया. उधर चाचिजी झड़ने वाली थी,’ कालू मदारचोड़ चोद्ता जा मेरी चूत, रुक मत भोसड़ी के चोद ज़र ज़ोर से चोद भद्वे..’ कहते कहते चाचिजी झाड़ गयी. उधर कालू का पानी भी चाचिजी के हाथ में छ्छूट गया. कालू ने निक्केर पहना और बाहर भाग गया. गीता अंडर आई और पूछा,’ क्या हुआ बीबीजी?” ‘ कुछ नहीं गीता नया लौंडा है आज तो सिर्फ़ मूठ मारी है कल परसो इसको चोदुन्गि,’ चाचिजी बोली.’ “लंड कैसा है मेरे बेटे का?” गीता ने पूछा.’ अरे अपने बाप पेर गया है, एकद्ूम क़ाला और मोटा है, सुपरा तो एकद्ूम आलू जितना बड़ा और मोटा है, चूत में जाकर फस जाएगा,’ चाचिजी बोली. “ तूने तो अपने बेटे को नहीं चोदा?” चाचिजी ने पूछा.’ नही मालकिन हम सब एक कमरे में सोते हेँ इसके बाप को पता चल जाता तो मेरी चूत में मिर्ची डाल देता,’ गीता बोली.’ “ पेर तेरा मन तो है ना अपने बेटे का लंड लेने का?” चाचिजी ने पूछा. “ हा मन तो बहुत होता है जवान लंड किस औरत को अच्छा नही लगेगा,’ गीता बोली. “ तो ठीक है कोई बहाने से 3-4 रात तुम मा बेटे यहा आ जाओ हम दोनो कालू को चोद चोद कर पागल कर देंगे उसको,’ चाचिजी बोली.’ तेरी बेटी को भी ले आना ताकि सूरज को भी नयी चूत मिल जाए, नहीं तो हम कालू को खुल कर नहीं चोद पाएँगे,’ चाचिजी बोली.
कोई दो नहीने बाद गीता की बेटी की शादी हो गयी. हफ्ते भर वो ससुराल रह कर अपने मयके चली आई. अब सब कुछ तय था. एक दिन गीता अपने बेटे बेटी के साथ चाचिजी के घर चली आई. “ सूरज बेटा अब गीता 4-5 दिन यहीं रहेगी, तू उसकी बेटी को चोद्ने की अपनी इच्छा पूरी कर लेना, लेकिन में भी कालू को चोदुन्गि, वो तुझसे शरमाएगा, इसलिए जब तक वो खुल ना जाए, तू हुमारे कमरे में मत आना,’ चाचिजी बोली. चाचजी को अब बिल्कुल सन्यासी हो चुके थे. जब भी ऐसा कुछ होता वी छत पेर जा कर सो जाते. रात को सबने खाना खाया. गीता, कालू और चाचिजी एक कमरे में चले गये. सूरज और गीता की बेटी दूसरे कमरे में.
कालू मूठ ज़रूर मारता था मगर उसने चुदाई अभी तक नहीं की थी. उसके लंड के आगे की चमरी तक नहीं हटी थी. ग़रीबो को भगवान शायद सारी ताक़त लंड में दे देता है. अमरी लोगो के लंड जहाँ छ्होटे होते हेँ वही ग़रीबों के लंड एकद्ूम मज़बूत ऑरा आंड वीरया से भरे हुए होते हेँ. कालू का लंड एकद्ूम क़ाला था और कोई 7 इंच के था. उसका सुपरा एकद्ूम गोल और फूला हुआ था. गीता कालू और चाचिजी बाथरूम में गये और तीन वन एक सुसरे को रगर रगर कर नहलाया. कालू दो नगी औरतों के साथ नहा रहा था इसलिए उसका लंड तो पूरा खरा था. चाचिजी ने कालू की मुट्ठी मारनी शुरू कर दी और गीता ने उसके आँड पेर साबुन लगाना शुरू कर दिया. बस दो मिनिट में कालू के काले आँड की सफेद मलाई निकल गयी,’ अब ये दूसरे रौंद में ज़्यादा देर चोद सकेगा,’ चाचिजी गीता से बोली.
तीनो कमरे में आ गये. कालू को बिस्तेर पेर लिटाया और चाचिजी ने कालू का लंड चाटना और चूसना शुरू कर दिया,’ गीता इस लौंदे का लंड इस मुरा में इतना मज़बूत है आगे जाकर तो ये औरतों के चूत फाड़ देगा,’ ये कह कर वी थूक गिरा कर कालू का चिकना लंड मसालने लगी. उधर गीता ने अपने बेट एके अंडकोष चाटना शुरू कर दिए,’ कालू बेट एके अंडकोष बड़े रसीले हेँ इनका रस ही हम दोनो की चूत की जलती आग को बुझाएगा,’ गीता बोली. कालू का लंड दो मिनिट में फड़फड़ने लगा.. चाचिजी ने अब अपनी गांद उसके अप्पर रखी और अपनी गीली चूत में कालू का लंड सरका दिया. 10-12 झटकों में कालू का पूरा लंड चाचिजी की चूत में था और वी उसको हुमच मुमच कर चोद रही थी,’ मदारचोड़ क्या लंड है तेरा मेरी चूत का कचूमर बना रहा है,’ चाचिजी बोली. गीता तब तक तेल ले आई थी और अपने बेट एके गोल और काले आंदियो पेर मालिश करने लगी,’ कर दे बेटा इन आंदियो का रस खाली, भर दे इस रांड़ की चूत,’ ये कह कर वो उनको धीरे धीरे मसालने लगी.’ कालू अब बेक़ाबू था,’ मा मेरा पानी छ्छूट रहा है,’ वो बोला.’ चाचिजी की चूत तो इंतज़ार कर रही थी,’ छ्चोड़ पानी भद्वे छ्चोड़ इसको मेरी चूत के अंडर अंडियीयो मे एक बूँद भी बचाई तो उनको काट कर तेरे को हिजड़ा बना दूँगी,’ ये कह कर चाची की स्पीड तेज़ हो गयी.’ कालू ने पानी छ्चोड़ दिया. चाचिजी नीचे उतरी और गीता ने अब अपने बेटे का ताज़ा स्वादिष्ट वीरया चाटना शुरू कर दिया. चाचिजी भी वही आ गयी दोनो औरते कालू के वीरया का मज़ा लेने लगी. गीता ने कालू को खड़ा किया और फिर से उसका लंड चाटने लगी,’ जिस चूत से तू बाहर आया है बेटा अब समय आ गया है इसके अंडर जाने का,’ वो बोली. कालू समझ गया अब वो मदारचोड़ बनने वाला है.
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Re: चाचा चाची की चुदाई Uncle aunty sex fuck long

Unread post by Fuck_Me » 15 Aug 2015 12:11

हल्लो फ्रेंड स्टोरी काफ़ी लंबी है इसी लिए मुझे लगता है कहानी आप लोगों को ज़रूर पसंद आएगी दोस्तो कहानी पढ़कर अपनी राय ज़रूर दें
गीता अपने बेटे का जवान और क़ाला लंड शॅपर शॅपर चूस रही थी,’ कैसा लग रहा है अपने बेट एके लंड का स्वाद?” चाची ने पूछा,’ ऐसा मस्त लॉडा निकला तो मेरी चूत से ही है इसमे मेरी चूत का स्वाद भी शामिल है,’ गीता बोली. “ अगर बेटे का लंड मज़बूत हो तो लोग समझ जाते हेँ की मा चुड़दकड़ है,’ गीता ने कहा,’ अब अपने बेटे को भी तय्यार कर्मा शुरू कर जब तू बुद्धि हो जाएगी तब तुझे जवान लंड की तलाश नहीं करनी पड़ेगी बल्कि घर में ही मिल जाएगा,’ गीता ने चाचिजी से कहा,’ वो तो मे करूँगी ही और तब तक तू ज़िंदा रही तो उसको तेरी बुद्धि चूत भी दूँगी,’ चाचिजी ने कहा. अब तक कालू का लंड मा के मूह में समा नही रहा था. गीता बिस्तेर पेर लेती और कालू से बोली,’ आ बेटा चोद अपनी मा को और उसकी चूत को धान्या कर,’ ये कहते ही कालू मा के उप्पेर आ गया. निशाना चूक ना जाए इसलिए चाचिजी ने उसका मोटा लंड पकरा और उसके सुपरे को गीता की चूत के होट चौरे कर उस पेर रख दिया, कालू का लंड घच की आवाज़ से मा की चूत मे चला गया,’ श मेरे बेटे ऐसा गरम और लोहे की तरह मज़बूत लंड और कहा.. पूरा तूस दे तेरी मा के भोस्डे में और चोद उसको,’ वो बोली. कालू उस्ताद चुड़दकड़ की तरह मा की चोट में लंड अंडर बाहर करता रहा, कोई 3 मिनिट भी नही चोदा होगा की मारे उत्तेजना के गीता का पानी छूटने लगा,’ चोद बेटा चोद अपनी रंडी मा को, अपने मोटे काले लॉड से उसके भोस्डे का कचूमर बना दे , चोद्ता जा मदारचोड़ चोद तेरी मा को भद्वे,’ वो बोली. चाची को लगा अगर मा के साथ बेटे का पॅनिक हूट हे तो दोनो को मज़ा आ जाएगा. उसने अपने दोनो हाथो की उंगलियो से उसके आँड को मसलना शुरू कर दिया, कोई एक मिनिट मे कालू की आंड पठार जैसे हो रहे थे,’ मा मेरे पानी छ्छूट रहा है,’ वो बोला.’ खाली कर दे तेरे आँड मेरे भोस मे और दे दे मुझे एक बच्चा,’ गीता बोली. लगभग चीखता हुआ कालू झाड़ गया. उस रात कालू ने डूस बार अपनी मा और सूरज की चाची को चोदा.
उधर सूरज का सपना पूरा होने वाला था, पूनम को द्ख्ते ही उसकी लूँगी तंबू बन गयी. देख कर पूनम हस्ने लगी,’ क्या तूने कभी खरा हुआ लंड नही देखा है क्या जो बेशार्मो की तरह हस रही है?” सूरज ने गुस्से से पूछा. “ लंड तो मैने कई देख लिए बाबूजी पेर चुदाई के लिए इतना बेताब लंड आज तक नही देखा,’ ये कह कर उसने लूँगी के अप्पर ही सूरज का लंड कस के दबा दिया.’ सूरज का लंड गरम था. दूसरे हाथ से पोनं ने सूरज की आंड दबा दिए,’ हिजरा बनाएगी क्या इतने ज़ोर से आँड दबा रही है?” सूरज ने पूछा. औरत के दबाने से कोई मर्द हिजरा हुआ है क्या बौजी ,’ ये कह कर पूनम ने सूरज की आंड एर ज़ोर से मसल डाले, इस से पहले की सूरज लंड को लूँगी से आज़ाद करता आँड और लंड मसल कर पूनम ने उसी के पानी से उसकी लूँगी भर दी,’ अरे तूने ये क्या किया, जो पानी तेरी चूत मे जाना थॉ ओ मेरी लूँगी मे ही निकल दिया,’ सूरज ने अफ़सोस किया.’ कोई बात नही बाबूजी हुमारी चूत मे अपना नल तो पूरी रात खाली करते रहना थोड़ा लूँगी का भी शगुन हो गया,’ ये कह कर पूनम हास दी. पूनम ने धीरे धीरे सूरज के कापरे उतार डाले और खुद भी एकद्ूम नंगी हो गयी. सूरज उसका नंगा बदन देख कर डंग रह गया मोटे मोटे बूब्स, एकद्ूम सॉफ और फूली हुई छूट मोटी गांद और काले निपल्स. सूरज ने उसके बोबे मसालने शुरू किए तो उसके निपल लंड की तरह खड़े हो गये. सूरज ने उसके निपल्स चूसने शुरू किए. निपल्स का रस लंड मे नया जोश भर देता है. सूरज का लंड फैलने लगा,’ लो बाबूजी लोहा गरम हो रहा है चोट कर दो,’ पूनम बोली.
सूरज ने पूनम को घोड़ी बनाया और एक ही झटके मे अपना गरम लंड उसकी गीली चूत मे पेल दिया,' फाड़ डालोगे क्या मेरी चूत बाबूजी,' पूनम बोली. ये सुन कर सूरज के अंडर का राक्षस जाग गया वो पागलो की तरह अपनी गांद हिलाने लगा. पूनम को लगा जैसे कोई प्यासा लंड पहली बार कोई चूत चोद रहा हो. " बाबूजी आप तो ऐसे चोद रहे हो जैसे अपने इस से पहले कभी किसी को नही चोदा.' " हा रंडी, ऐसी जवान चूत तो मुझे पहली बार ही मिली है, इसको फड़ुँगा तो ही शांति मिलेगी,' ये कह कर उसने स्पीक और तेज़ कर दी. सूरज की गोलिया पोन्नम की गांद से टकरा कर फॅक फॅक की आवाज़े कर रही थी और पूनम भी अपनी मोटी गांद सूरज के झटको के साथ हिलती जा रही थी,' चोदो बाबूजी अपने मूसल से मेरी रसीली चूत, निकल दो इस कुतिया की गर्मी, चो भेन्चोद, चोद मदर्चोद, चोद भद्वे, चोद गॅंडू,..' पूनम गालिया बोले जा रही थी. कोई 5 मिनिट मे पूनम का पानी निकला और उसके एक मिनिट बाद सूरज का. रात मे कोई 6 बार सूरज ने पूनम को चोदा,' बाबूजी इतना पानी डाला है मेरी चूत मे अपने की अब बच्चा तो हो कर रहेगा,' पूनम बोली. पूनम की चिंता थी की वो एक दो बार अपने पति को भी चोद ले ताकि बच्चा होने पेर वो उसे अपना ही समझे. अगले ही दिन वो अपने पति के पास चली गयी और दो दिन उस को चोद कर वापस आ गयी. उधर कालू मा और चाची को चोदे जा रहा था
चाचिजी सूरज से बोली,’ बेटा, कैसी रही पोन्नम की चुदाई?’ ‘ चाची उसकी चूत तो जैसे कोई रस की डली है,’ सूरज बोला.’ “ उसका भाई भी कम चडककर नही इस उम्र मे साले का लंड गधे को टक्कर देता है,’ वो बोली. “ कालू ने अपनी मा को भी चोद दिया क्या?” सूरज ने पुचछा.’ “ वो साली एक नंबर की चुड़ककर है, मुझसे भी कालू को इसलिए चुडवाया ताकि इसी बहाने उसका लंड खा सके,’ चाचिजी बोली. “ आज रात तुब ही आजा तू में, कालू और गीता पूरी रात चुदाई करेंगे,’ चाचिजी बोली.
खाना खाने के बाद चाचिजी और सूरज ने बिस्तेर पेर लेते लेते ब्लू फिल्म लगा दी जिसमे कुत्ता एक अँग्रेज़ औरत को चोद रहा था,’ देख बेटा इस कुते का मोटा गुलाबी लंड कम से कम डूस इंच का होगा, इस औरत की चूत ही फाड़ देगा,’ चाचिजी बोली.’ नही चाची ये अँग्रेज़ औरतें लंड खाने में एक्सपर्ट होती है, कुत्ता थक जाएगा मगर ये चुड़दकर नही थकेगी,’ सूरज ने कहा. चाची ने फिल्म देखते देखते सूरज की लूँगी उतार दी और उसकी चड्डी खिसका दी. फिल्म के एग्ज़ाइट्मेंट से सूरज का लंड एकद्ूम चट्टान की तरह खरा था,’ वा मेरे लाल आज तो तेरा लंड कमाल का कारक है,’ ये कह कर चाची ने सूरज के लंड के सुपरे को अपने होथो से अप्पर नीचे कर्मा शुरू कर दिया. उधर चाची भी नंगी हो चुकी थी. उन्होने अपनी मोटी गांद सूरज के मूह पेर रख दी सूरज उस कुत्ते की तरह चाची की चूत चाटने लगा,’ ओह ब्स्डी के तू तो मेरी चूत खा ही जाएगा, इसको इतने गीला भी मत कर्ट एरा लंड फिसल जाएगा,’ चाची बोली.
उधर मा बेटे अंडर दाखिल हुए तो ये द्रश्य देख कर डंग रह गये. कालू ने चाची की मोटी गांद को काटना और चाटना शुरू कर दिया. उधर गीता नीचे आ गयी और सूरज के आँड चाटने और मसालने लगी. सूरज की गांद उत्तेजने से उप्पेर नीचे होने लगी और वो चाची का मूह चोद्ने लगा. सूरज ज़्यादा सबर नही कर सका कोई दो मिनिट बाद उसका फव्वारा चाची के मूह मे छ्छूट गया, गीता ने उसके टाइट आँड दबा कर सारा रस निकल दिया. उधर कालू ने चाची की गांद चाट चाट कर गीली कर दी थी. इस से पहले की चाची को कुछ पता चले उसने अपना मोटा लंड गुप से चाची की गांद मे सरका दिया,’ अरे कालू ग़लत जगह दाल दिया ये चूत नही है बेटा,’ चाची बोली.’ चिंता मत करो मालकिन आज कालू आपकी चूत की नही गांद की स्वेआ करेगा थोड़ा सबर करो मज़ा आएगा,’ गीता बोली. उधर कालू धीरे धीरे अपना लंड चाची की गांद मे सरकए जा रहा था. सूरज की आँके ये द्रश्य देख कर डंग रह गयी. उसके मूह से कोई एक इंच उप्पेर कालू की आंड लटक रहे थे और उसको एकद्ूम नज़दीक से चाची के गांद मे आता जाता कालू का मस्त लंड दिख रहा था. सूरज को ना जाने क्या सूझी उसने कालू की आंड चूसना शुरू कर दिए कालू की स्पीड बढ़ गयी , कोई दो मिनिट बाद वो गर्राटा हुआ चाची की गांद मे झाड़ गया. चाची के दोनो च्छेद चुद्ने के बाद दोनो लॉंडू ने अब एक साथ गीता के दोनो च्छेदो की चुदाई शुरू कर दी,’ अरे मदारचोड़ो मे चल भी नही पौँगी इतनी बेरहमी से मत चोदो मुझे,’ गीता बोली. मगर वी दोनो चोद्ते रहे जब तक गीता के अंडर दोनो का वीरया नही चला गया

उधर पूनम ने नौ महीने बाद सूरज के बेटे को जन्म दिया और उसका पति बड़ा खुश था. उसे लगा की वो बाप बन गया है. कालू चाचिजी और गीता को चोद्ता रहा. सूरज की पत्नी निशा भी अपनी बेटी को जन्म देने के बाद ससुराल लौट आई थी. सूरज दो बेटो और दो बेटियो का बाप बन गया था. चाचजी घर छ्चोड़ कर ऋषिकेश चले गये और पूजा ध्यान में अपने बचे खुचे दिन गुज़ारने लगे.
एक बच्चे के जन्म के बाद निशा की चूत भी भोसड़ा बन गयी थी. चाचिजी और सूरज अब चोदने के लिए तरस जाते थे. एक दिन निशा नहाने गयी तो सूरज ने तुरंत चाचिजी की सड़ी उप्पेर कर दी,' आज लंड आपको चोदने के लिए मचल रहा है,' वो बोली.' मार ले मेरी बेटा मगर जल्दी करना निशा ना आ जाए,' चाचिजी बोली और अपनी टाँगे फैला दी. सूरज ने गॅप से अपना गरमा गरम लॉडा अंडर पेल दिया और कुत्ते की तरह तेज़ी से अपनी चाची को चोदने लगा,' जल्दी निकाल अपना पानी बेटा बहू आ जाएगी,' चाचिजी बोली. सूरज ने स्पीड बढ़ा दी और एक ही पल में दोनो होश खो बेथे. उधर निशा हमेशा की तरह जल्दी ही बाहर आ गयी, देखा तो उसके होश उड़ गये. उसका पति उसकी सास को यानी अपनी चाची को चोद रहा है. निशा चीखी और दूसरे रूम मे भाग गयी.
सूरज और चाची बड़े परेशान थे. दो दिन तक निशा रोती रही कुछ भी खाया पिया नही. तीसरे दिन सूरज ने हिम्मत की,' निशा सॉरी वो सब मेरी ग़लती थी मुझे माफ़ कर दो,' वो बोला.' " ग़लती, अपनी चाची को नही छ्चोड़ा अपने, में मर गयी थी क्या?" उसने पूछा. " ऐसा नही निशा मेरी ग़लती है ये,' सूरज ने कहा और निशा से माफी माँगने लगा. निशा हफ्ते भर तक समन्य नही हुई. " देखो निशा, चाचिजी भी इंसान है उनकी भी ज़रूरते हेँ अगर मुझसे पूरी हो गयी तो क्या हर्ज़ है?" सूरज ने कहा.' निशा का रोना धोना चलता रहा. आख़िर सूरज का सब्र टूट पड़ा,' इन्होने मुझे पाला पोसा बड़ा किया है, और हा तुम्हे बुरा लगे तो तुम चली जाओ अपने मयके, में चाचिजी को नही छ्चोड़ूँगा,' उसने कहा. सूरज ने यह भी बता दिया की चाचिजी के दोनो बच्चे भी उसीकि औलाद हेँ.
उधर गीता भी कम नही थी,' बहू मान जाओ, चुदाई तो मर्द औरत के बीच चलती रहती है, दो मिनिट में आकड़ा हुआ मर्द औरत की चूत में टंकी खाली कर भूल जाता है, इसको इतना बड़ा मुद्दा मत बनाओ,' उन्होने निशा से कहा. उधर सूरज और चाचिजी अब और बेशरम हो गये थे. रात में सूरज चाचिजी के कमरे मे ही सोता और दरवाज़ा खुला रख कर ही उनको चोद्ता. निशा को समझ मे आ गया की उसका पति अपनी चाची को चोदे बगैर नही मानेगा.
गीता के साथ कालू भी काम करने आ जाता था. वो निशा को हमेशा हसरत भारी नज़र से देखता. एक दिन उप्पेर वाले आले से निशा को कुछ समान चाहिए था. कालू लंबे स्टूल पेर चढ़ा और निशा उसे नीचे से पाकरे हुए थी. कालू ग़रीब था अंडरवेर तो पहनता नही था सिर्फ़ निकेर पहना हुआ था. निशा ने उप्पेर देखा तो उसकी नज़रे फटी रह गयी. निक्केर की साइड से कालू का मोटा सुपरा और मूत का च्छेद उसको देख रहा था, उसी की साइड से एक आँड भी लटका हुआ था. निशा ने इतना मोटा सुपरा ऑरा आंड अभी तक नही देखा था. उस दिन के बाद उसको दिन रात बस कालू का सुपरा और आँड ही दिखाई देने लगे. निशा अब कालू को चाइ का पूछने लगी, उस से हस बोल कर बाते करने लगी. मगर ना उसकी ना कालू की दोनो की आगे बढ़ने की हिम्मत नही थी. अगर गीता की अनुभवी आँखे ये सब भाँप गयी. " निशा की नज़रे कालू पर है, कहो तो दोनो को चुद्ववा दू, फिर वो कुछ नही कह पाएगी,' गीता ने चाची से बोला," हा गीता अब तो यही एक उपाय है जल्दी ये काम कर ले,' गीता बोली. दोनो कालू को कमरे मे बुलाया,' कालू अब तुझे किसी भी हालत में गीता को चोद्नना है बेटा हम तेरा पूरा सहयोग करेंगे,' उन्होने कालू से कहा.' " सूरज बेटा गीता कह रही थी निशा को कालू से चुड़वा देते है और बाद में उसे भी रंगे हाथो पकर लेंगे ताकि फिर वो हमे कुछ भी नही कह पाएगी,' गीता ने सूरज को कहा, सूरज तो इसके लिए तय्यार ही बेठा था. गीता और चाचिजी ने प्लान बनाया की दोनो और सूरज कुछ दिन बाहर चले जाते हेँ ताकि कालू को एकांत मिल जाए,' एक बार दोनो की चुदाई शुरू हो जाए फिर हम लौट आएँगे,' गीता बोली.
अगले दिन सूरज और चाचिजी गाओं जाने का कह कर अपने दोनो बच्चो के साथ निकल परे. गीता एक दिन तो काम पेर आई फिर बोली,' बहूरानी हुमारी तबीयत कुछ ठीक नही, 3-4 दिन कालू ही आपकी मदद कर देगा. चाचो तो इसको घर पेर ही रख लेना आपको डर नही लगेगा,' गीता बोली. निशा को लगा ठीक रहेगा ताकि रात मे उसको डर नही लगेगा. गीता कालू को छ्चोड़ कर चली गयी. दोपहर में गीता ने कालू को चाइ बनाने के लिए कहा और खुद अपनी छ्होटी बेटी को दूध पिलाने बेठ गयी, कालू चाइ बना कर लाया और चाइ का कप रखते रखते उसकी नज़र निशा के दूध से भरे बोबो पेर पड़ी, एकद्ूम गोरे बूब्स और गुलाबी निपल्स थे उसके. कालू की नज़रे वही गड़ गयी. निशा हड़बड़ाई और तुरंत अपनी सड़ी से अपने बूब्स धक लिए
कालू लॉबी मे ही सोता था. निशा रात मे आराम से सो गयी. रात मे उसको बच्ची के दूध के लिए किचन मे जाना था. वो बेडरूम से बाहर आई तो कुछ अलग ही नज़ारा था. कालू नेट पेर कोई ब्लू फिल्म लगा रखी थी और खुद सोफे पेर आधा लेटा हुआ अपनी मूठ मार रहा था. टीवी की रोशनी मे निशा ने देखा कालू का लंड कम से कम 9 इंच था और एकद्ूम सीधा खड़ा था. निशा को समझ नही आया क्या करे मगर दूध लाना भी ज़रूरी था, उसने जैसे ही लाइट ऑन की, कालू एकद्ूम से हड़बड़ा कर खड़ा हो गया और निक्केर उची कर ली. उसकी निक्केर उसका लंड फाडे जा रहा था. " क्या कर रहे थे कालू?" निशा ने पूछा. "कुछ नही मेमसाहिब टीवी देख रहा था,' ये कह कर कालू ने रिमोट से टीवी ऑफ कर दिया. निशा ने कालू की हालत पेर रहम किया और खुद ही किचन मे जाकर दूध गरम करने लगी. थोड़ी देर मे कालू आआया,' में गरम कर देता हू मेडम,' वो बोला. निशा कुछ नही बोली. कालू चुपचाप खड़ा रहा. निशा ने तिरछी नज़रो से देखा की कालू का लंड अभी भी पूरी तरह बेठा नही था, हालाँकि वो उसको पाओ के बीच मे दबाए हुए था. निशा ने कहा,' कालू तुम दूध पियोगे?" ' नही मेमसाहिब,' कालू बोला. निशा ने बच्चे का दूध बॉटल मे डाला और दो ग्लासस मे खुद का और कालू का दूध डाल दिया. ' इन दोनो ग्लासस को लॉगी मे ले चलो,' उसने कालू से कहा. बच्चे को दूध पीला कर निशा लॉबी मे आई. कालू नीचे ज़मीन पेर बैठा था. वो खुद सोफे पेर बेठी,' कालू दूध पी लो मे भी पी रही हू,' उसने कहा. कालू भी दूध पीने लगा. " अच्छा सच बताना तुम क्या कर रहे थे और टीवी पेर क्या देख रहे थे?" निशा ने पूछा.' "कोई फिल्म थी मेमसाहिब,' कालू बोला. " " देखो कालू अगर तुमने सच नही बताया तो मुझसे बुरा कोई नही होगा,' बोलो क्या देख रहे थे?" निशा ने पूछा. " वो ऐसी वैसी फिल्म देख रहा था,' कालू नीचे देख कर बोला.
" उसको वापस लगाओ, मे भी देखती हू तुम क्या देख रहे थे,' निशा बोली. कालू ने टीवी ऑन कर दिया, कुछ ही देर मे निशा ने देखा की एक मोटे लंड वाला हबशी किसी अँग्रेज़ लड़की की गांद मार रहा था. लर्की कोई 15-16 साल की थी और उस आदमी का लंड कोई 10 इंच से कम नही था. " इतना बड़ा भी किसी का हो सकता है क्या कालू?" निशा ने पूछा,' क्यू नही मेमसाहिब, " कालू बोला. उधर ब्लू फिल्म ओन होते ही कालू का नक्केर फिर से तंबू बन गया था. " तुम इसको देख कर क्या कर रहे थे?" निशा ने पूछा,' "हाथ से कर रहा था मेमसाहिब,' कालू बोला. " इतना एग्ज़ाइट्मेंट होता है तुमको?" निशा ने पूछा,' हा मेमसाहिब,' कालू बोला. "चलो निक्केर खोलो मे हाथ से कर देती हू,' निशा ने बोला.कालू शरमाते शरमाते खड़ा हो गया. निशा ने उसका निक्केर नीचे खिसकाया तो कालू का मोटा लंड ठीक उसकी आँखो के सामने आ गया. निशा दंग रह गयी,; तुम सच कहते थे कालू हबशियो जैसा लंड भी हो सकता है,' ये कह कर उसने कालू के आलू जिट्नी बड़े सुपरे की चमरी अप्पर नीचे करनी शुरू कर दी. दूसरे हाथ से उसने कालू की मोटी मोटी गोलिया सहलाना शुरू कर दी. कालू ने उत्तेजना मे सीधा निशा के बूब्स पेर हाथ डाला और उनको नाइटी के अप्पर से ही दबाने लगा. निशा की नाइटी गीली हो गयी उसने अपनी नाइटी कंधो से नीचे खिसका दी, कालू ने अपने होठ लगाए और निशा का दूध पीने लगा. उसके बूब्स मसालने लगा. उधर निशा की स्पीड बढ़ गयी. उत्तेजित कालू ने कोई दो मिनिट मे ही अपनी टंकी निशा के हाथ मे खाली कर दी निशा ने उठ कर वासनबसन मे अपने हाथ धोए और सोने चली गयी. रात 3 बजे उसकी बच्ची रोई तो उसकी नींद खुली, उसका दूध तो कालू पी चक्का था और बॉटल उसने कब की खाली कर दी थी, निशा ने कालू को आवाज़ दी,' कालू गुड़िया के लिए बॉटल मे दूध गरम कर लाओ,' उसने कालू से कहा. कालू 5 मिनिट मे बॉटल ले कर आ गया. निशा ने कालू से बिस्तेर पेर ही बेठ जाने को कहा. कालू का लंड उत्तेजना से फॉर खड़ा था,' कल में तुमको पॅंट दील्वौनगी, इतना बड़ा समान तुम्हारे निक्केर ने नही आता कालू,' निशा ने बोला. बच्ची दूध पीते ही सो गयी. " तुमने कभी किसी के साथ किया है कालू?" निशा ने पूछा.' हा मेमसाहिब,' कालू बोला.' किस किस के साथ?" निशा ने पूछा.कालू चुप रहा. निशा को गुस्सा आया,' अब किया है तो बताने मे क्या शर्म जल्दी बताओ,' उसने कहा.' कालू बोला की उसने अपनी मा और सूरज को चाची दोनो को चोदा है. निशा पूछती गयी और कालू सारी बाते बताता गया निशा को लगा जैसे इस घर मे सेक्स के अलावा कुछ और नही होता. निशा को लगा वो फालतू ही इतनी पतिव्रता बनती है,' अपना निक्केर उतार कर अप्पर आ जाओ कालू,' उसने कहा. निशा ने अपने कपड़े उतारे और बोली,' अब मुझे वैसे ही चोदो जैसे चाचिजी को चोदा था,' वो बोली.' कालू के सामने गोरी जवान औरत टाँगे फैलाए नंगी लेटी थी, उसने आव देखा ना ताव अपना सुपरा उसकी चूत के मूह पेर रखा और अंडर घुसाने लगा. निशा ने हाथ नीचे किया और कालू का मज़बूत लंड पकर कर उसको आधा अपनी चूत मे सरका दिया. कालू ने ज़ोर से एक झटके मे पूरा लंड अंडर पेल दिया,' कालू मेरी चूत फाड़ देगा तू तो, तेरा लंड बहुत बड़ा है,' निशा बोली. " नही मेमसाहिब आप तो बस इसको लेती जाओ मेरा लंड आपको बहुत मज़ा देगा,' कालू बोला और उसने स्पीड बढ़ा दी. " चाचिजी क्या चूड़ते वक़्त गांद उप्पेर नीचे करती है?" उसने पूछा.' हा मेमसाहिब और गाली बहुत बोलती है,' कालू बोला.' गाली कैसे?" निशा ने पूछा,' वो मुझे भेंचोड़ मदर्चोद भद्वे गॅंडू वगेरह कहती है,' कालू बोला.' निशा ने ईर्ष्या मे गलिया बोलनी शुरू कर दी,' हा कालू तू मदारचोड़ है चोद मूज़े,' वो बोली. "मेरी और उसकी चूत मे क्या फ़र्क है कालू?" निशा ने पूछा.' मेमसाहब उनकी चूत कहा उनका तो भोसड़ा है आपकी चूत तो मलाई है,' वो बोला और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा.' निशा का मिनिट मे पानी छ्छूट गया. कालू नेभी ही कोई दो मिनिट मे अपने अंडकोष निशा के पेट मे खाली कर दिए,' सूरज ने चार बच्चे पैदा कर दिए तेरी बहन तक को नही छोड़ा, अब तू मुझे एक बेटा देगा कालू,' ये कह के निशा ने कालू को भीच लिया.
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.

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Fuck_Me
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Re: चाचा चाची की चुदाई Uncle aunty sex fuck long

Unread post by Fuck_Me » 15 Aug 2015 12:11

हल्लो फ्रेंड स्टोरी काफ़ी लंबी है इसी लिए मुझे लगता है कहानी आप लोगों को ज़रूर पसंद आएगी
आप कहानी का मज़ा लो ओर अपने हाथों को हिलाते रहो मतलब हेंड प्रेक्टिस करते रहो क्योकि कहानी आप लोगों
को बहुत पसंद आ रही है मुझे लगातार मैल आ रहे है की राज भाई कहानी को जल्दी से जल्दी पूरी कर दो
अब मई आपका ओर ज़्यादा टाइम खराब करूँगा क्योकि मई जानता हूँ की आप कहानी पढ़ने के लिए उताबले हो रहे हैं

कालू ने अगले तीन दीनो तक निशा को जानवरो की तरह चोडा. निशा उसको चाचिजी से ज़्यादा मज़े देना चाहती थी. तीन दीनो बाद सूरज, चाचिजी और गीता आ गये. " क्यू मेमसाहिब कैसा है मेरा बेटा चुदाई मे? कैसा लगा उसका लंड?" गेटा ने निशा से पूछा. " मेरे हज़्बेंड से तो हर मामले मे अच्छा है,' निशा बोली. " अब मुझे सिर्फ़ वो ही चोदेगा उसको ही मे एक बच्चे का बाप बनौँगी,' निशा ने सॉफ कह दिया. "लेकिन सूरज बाबू?" गीता ने पूछा. " उन्होने चार बच्चे दो चुतो से पैदा कर दिए तुमको तुम्हारी बेटी को तुम्हारी मा को अपनी चाची को और और भी ना जाने कितनी चूटे उन्होने चोदि होगी अब वो मुझे कैसे रोकेंगे? वो अपनी चाची को चोदे मेरी चूत तो अब नये लंड ही खाएगी,' निशा बोली.

गीता ने जा कर सारी बात चाचिजी और सूरज को बता दी,'अब आप की और चाचिजी के चुदाई और आपसे उनके दो बच्चो के बारे मे मे कुछ नही कहूँगी लेकिन अगर मेरी चुदाई को लेकर आप कुछ बोले तो मे दुनिया को ये सब बता दूँगी,' निशा ने सूरज को बता दिया. अब ये तय हो गया की एक कमरे मे कालू निशा को चोदेगा तो दूसरे मे सूरज चाचिजी को. गीता दोनो कमरो मे आ जा सकती थी. कालू को चाचिजी को चोद्नेने की मनाही थी. अपनी मा को वो चोद सकता था. कालू ने अपने मोटे अंडकोषो का पानी निशा की चूत मे खाली करना जारी रखा. कोई दो महीनो बाद ये कन्फर्म हो गया की निशा के पेट मे कालू का बच्चा ठहर गया है. निशा उसको जन्म देने पीहर चली गयी. उसको लरका हुआ. बच्चा होने के बाद भी वो कोई साल भर तक वही रही. सूरज को पता चला की वो अपने मोहल्ले की रांड़ बन गयी थी. दो बच्चो के बाद उसने नसबंदी करा लीथी.

उधर सूरज चाचिजी और गीता को चोद चोद कर बोर हो गया था. गीता और चाचिजी भी नया लंड तलाश रही थी. एक दिन गीता ने कहा की उनका कोई रिश्तेदार नेपाल से काम करनेवालो को लाता है. चाचिजी ने उस से कहा की हो सके तो पूरा परिवार ले आओ ताकि सबकी चुदाई हो सके. कोई एक महीने बाद नेपाल से एक परिवार उनसे मिलने आया. कोई 45 साल का आदमी था, उसकी वाइफ 40 की होगी, एक लरका था 16 साल का, दो लरकिया, 18 और 14 की. सब गोरे चित्ते और चिकने थे. गीता ने आँख मारी,' देखो हुमारे यहा पेर भी बहुत सारा काम रहता है तुम चाहो तो हुमारी पीछे के सेवन्त क्वॉर्टर मे रह जाना. चाचिजी का साबुन और पेपड बनाना का धंधा था. काम मे बहुत सारी औरते और आदमियो की ज़रूरत पड़ती थी. चाचिजी आदमी को बड़ा बहादुर और उनके लरके को छ्होटा बहादुर कहती थी. बड़ी लर्की को वो बार्की और छ्होटी को चुटकी कहती थी. कोई 3-4 महीनो मे पूरा परिवार वाहा सेट हो गया. गीता की भी उनसे दोस्ती हो गयी. " अभी भी तुम्हारी चुदाई चलती हा क्या?" गीता ने एक दिन उस औरत से पूछा,' इतने छ्होटे कमरे मे चुदाई की सुविधा ही नही मिलती,' वो औरत बोली. उसका नाम अनुराधा था. गीता ने बतो बतो मे उसके पति के औज़ार और उसकी ताक़त का पूछ लिया,' देखो, मेमसाहब बिल्कुल मस्त है, तुम्हारा मूड हो तो मुझे बता देना, मे उनसे कह दूँगी तुम बंगले मे आ कर कमरे मे चुदाई कर लेना,' उसने कहा. अनुराधा ने अपने पति को ये बताया, दोनो चुदाई को तरस रहे थे, उसने गीता से कह दिया. उसी दिन रात मे गीता ने उनको छत वाले कमरे की चाबी दी और कहा,' देखो तुम दोनो अंडर चले जाना, मे बाहर से ताला बुन्द कर दूँगी, जुब चुदाई हो जाए तो दरवाज़ा खटखटा देना मे खोल दूँगी.' दोनो अंडर गये गीता ने ताला लगा दिया. उसने पहले ही दरवाज़े मे बड़ा च्छेद कर रखा था. चाचिजी को भी बुला लिया. उधर बहादुर ने आव देखा ना ताव अपनी पॅंट खोली और अपनी पत्नी का पेटिकोट अप्पर कर दिया. एक ही मिनिट मे भूखा बहडूर बीवी पेर टूट पड़ा. वो ऊहह आ करती रही. उत्तेजित बहादुर एक ही मिनिट मे झाड़ गया. " गीता इसका लंड तो चिकना और मज़बूत है, मोटाई भी अच्छी है सिर्फ़ ज़िसे 6 इंच से ज़्यादा नही है,' चाचीज़ बोली. " दूसरी बार की चुदाई देख ले मेमसाहिब उस से पता चल जाएगा चलता कितना है,' गीता बोली. दो मिनिट मे बहादुर का लंड फिर से खड़ा था इस बार उसने कोई 15-20 मिनिट तक अपनी बीवी की मारी,' पास हो गया ये मर्द, बाक़ी हुम्से सीख जाएगा,' गीता को चाचिजी ने कहा. बहादुर ने दरवाज़ा खटखटाया और गीता ने खोल दिया. उसने बहादुर को आँख मारी बहादुर उसका मतलब समझ गया
बहादुर और उसकी बीवी अब दो दिन मे एक बार चाबी लेकर चुदाई करते रहे. एक दिन गीता ने बहादुर को बुलाया और बोली,' बहडूर तुम चुदाई तो बहुत अच्छी करते हो मैने और चाचिजी ने छुप छुप कर कई बार देखी है,' बहादुर शर्मा कर हस्ने लगा. गीता को कोई शर्म नही थी, उसने नीचे बेठे बठे ही अपना पेटिकोट उँचा किया और अपनी बालो वाली मोटी चूत बहादुर को दिखा कर बोली ,' अब मेरी चूत मे अपना लंड कब डालोगे?" बहडूर शर्मा कर चला गया मगर उसने आज तक ऐसी औरत नही देखी थी जो खुद का पेटिकोट अप्पर कर के लंड माँगे. उसकी पत्नी तो बहुत शरमाती थी. बहादुर को अब दिन रात ख़यालो में गीता की बालो वाली चूत दिखाई देने लगी. उधर गीता सही मौके का इंतज़ार करने लगी, एक दिन उसने बहादुर को छत के कमरे की सफाई के लिए बुलाया और कुण्डी लगा दी. गीता ने बहादुर को कस कर पकड़ा और हाथ नीचे ले जाकर उसकी पॅंट के उप्पेर से ही उसके लंड को आटे की तरह मसालने लगी. जैसी ही उसके हाथो मे बहादुर का लंड सामने नही लगा वो बिस्तेर पेर लेटी और अपना पेटिकोट उप्पेर कर के पाव चौडे कर दिए,' आजा राजा चोद अपनी इस रानी को.' बहादुर अब रुक नही सकता था. उसने अपना गोरा लंड गीता की चूत मे डाला जो रस से पूरी गीली थी और मशीन की तरह उसको चोदने लगा. " चोद राजे चोद निकाल मेरे भोस्डे की गर्मी तेरे नेपाली लंड से,' वो बोली. बहादुर हॅफ्टा हुआ दो मिनिट मे ही झद गया. गीता ने अब लगभग हर रोज़ बहादुर को चोद्नना शुरू कर दिया. जब दोनो बिल्कुल खुल गये तो गीता बोली,' आज रात को तुम हुमारे घर मे ही सोना कुछ काम का बहाना कर के मे तुझे मेमसाहिब को चुदवाउ गी.'

बहडूर रात का इंतज़ार करने लगा. चाचिजी मे अभी भी डम था. बड़े बड़े बूब्स मोटी गांद सूजे हुए होतो वाली चूत और पूरा जोश. रात मे बहादुर को गीता ने बेडरूम मे बुलाया. बहादुर अंडर गया तो उसने देखा की चाचिजी गाउन पहने लेटी हुई थी. ' बहादुर मेमसाहिब के बदन मे बहुत दर्द है आ जा तू और मे दोनो मिल कर मालिश कर देते है.' गीता ने एक पिंडली और बहादुर ने दूसरी पिंडली पेर मालिश शुरू कर दी. गीता बड़ी उस्ताद थी मालिश करते करते उसने चाचिजी का गाउन उनकी गॅंड तक सरका दिया था,' चाचिजी उप्पेर भी दर्द है क्या?" उसने पूछा,' हा गीता पूरे बदन मे दर्द है,' चाचिजी बोली.' लेकिन बहादुर है,' गीता बोली,' अरे बहादुर घर का ही आदमी है इस से क्या शरमाना,' चाचिजी उल्टे लेट हुए बोली.
गीता ने चाचिजी का गाउन कमर तक उप्पेर कर दिया. " मे गाउन उतार ही देती हू,' चाचिजी बोली. उन्होने गाउन उतारा और चड्डी और ब्रा मे ही लेट गयी. चाचिजी ने काली चॅड्डी और काली ब्रा पहनी हुई थी. उल्टी लेते चाचिजी की पहाड़ जैसी मोटी गेंड देख कर बहादुर का लंड बेक़ाबू हो गया. गीता को उसका फूला हुआ पॅंट देख कर सब पता चल रहा था पेर वो चाहती थी लोहा गरम हो तभी हाथोरे की चोट हो. गीता अब चड्डी की साइड से चाचिजी की गेंड भी मसालने लगी. उसने धीरे से चाचिजी की चड्डी को उनकी गेंड की छेद मे डाल दिया. अब चाची जी की गेंड के दोनो चूतर सॉफ दिख रहे थे,' बहादुर एक गॅंड तुम मसालो एक मे मसलती हू,' बहादुर चाचिजी की गेंड मसल्ने लगा. उसका लंड एकद्ूम गीला हो चुक्का था. " बहादुर तुम्हारे कपड़े तेल से गीले हो जाएँगे तुम उप्पेर के सारे कपड़े उतार दो सिर्फ़ चड्डी पहन कर ही मालिश कर दो,' गीता बोली और बोलते बोलते खुद के सारे कपड़े उतार दिए. बहादुर की हालत पतली हो गयी एक औरत पूरी नंगी थी दूसरी आधी. बहादुर ने अपना शर्ट और बनियान उतार दिया लेकिन पॅंट पहनी हुई थी गीता ने उसके पॅंट की ज़िप खोली और जबरन उसे नीचे खेचने लगी, बहादुर ने खुद ही उसको नीचे खिसका दिया. बहादुर अब धरीदार कछे मे था जिसमे से उसका सीधा खड़ा लंड सॉफ दिख रहा था. गीता ने चाचिजी की चड्डी नीचे खेच दी. चाचिजी ने जैसे ही गेंड उप्पेर की बहादुर ने उनकी सॉफ चूत की झलक देखी. चाचिजी ने चूत के सारे बॉल सॉफ कर रखे थे.

गीता का विचार कुछ अलग था. उसने चाचिजी की गेंड की च्छेद मे खूब सारा तेल डाला और उनकी दरार मे हाथ फिरने लगी. फिर उसने चाचिजी की गेंड के छेद मे तेल डाला और अपनी उंगली अंडर बाहर करने लगी और तेल डालने लगी. बहादुर चाचिजी के विशाल चूटर मसले जा रहा था. चाचिजी की गांद मे धीरे धीरे गीता ने अपनी तीन उंगलिया डाल दी और उनकी गांद चोद्नेने लगी. पता नही गीता को क्या ख़याल आया वो उठी नंगी ही किचन तक गयी और वाहा से एक खीरा उठा लाई. खेरे को उसने तेल पिलाया और चाचिजी की खुली गांद मे उसका मूह घुसा दिया,' ये क्या कर रही है तू गीता?" चाचिजी ने पूछा,' बहादुर के साथ आज आपकी सुहाग रात है चूत तो आपकी चुद चुद कर बड़ी हो गयी गांद मे अभी तक कोई दूसरी चीज़ नही गयी, आज इस से आपकी गान्द मर्वौन्गि,' गीता बोली.' " देख मुझे दर्द हुआ तो मे इसका गरम लंड तेरी सुखी गांद मे डलवा दूँगी,' चाचिजी लेते लेते ही बोली. गीता को पता था अब चाचिजी की गांद पूरी तरह खुल चुकी है उसने बहादुर से कहा,' देर मत कर राजा चोद इस पहाड़ को.' बहडूर ने अपना कच्छा उतारा और चाचिजी की गान्द के च्छेद पेर अपने लंड का गुलाबी सुपरा रखा. गीता ने उसको आगे से पकर कर आधा सुपरा चाचिजी की गांद के च्छेद मे डाल दिया. लंड अपने आप अपना रास्ता खोज लेता है. बहादुर ने थोडा धक्का दिया तो उसका सुपरा चाची की गांद मे पूरा समा गया, चाचिजी दर्द से थोडा चीखी. ये सुन कर बहादुर मे और जोश आया, उसने लंड अंडर खिसकना जारी रखा,' ओह मदारचोड़ तू मेरी कुवारि गांद फाड़ डालेगा क्या भोसड़ी के,' चाचिजी बोली.' हा चाचिजी इसका लंड ही आपकी कुवारि गांद का रास्ता खोजेगा,' गीता बोली. बहादुर तब तक रास्ता समझ चक्का था. अब वो लंड अंडर बाहर करने लगा. चाचिजी भी अपनी गांद हिलाने लगी. गीता दोनो के पीछे आ गयी. एक हाथ से उसने चाचिजी की चूत सहलाना शुरू कर दिया और उनकी क्लाइटॉरिस दबाने लगी और दूसरे हाथ से बहादुर के गुलाबी अंडकोष से खेलने लगी. बहादुर बहुत उत्तेजित था. दो औरते उस से खेल रही थी. उधर चाचिजी चरम सुख मे ज़ोर से चीखी और इधर उनकी गांद मे बहादुर का पानी छुत गया. उस रात बहादुर को दोनो चुड़क्कड़ औरतो ने खूब चोदा.
बहादुर अब तीनो औरतो का सामूहिक चोदन करता रहा. गीता, चाचिजी और अपनी पत्नी तीनो को वो जम कर चोद्ता. उधर सूरज ने बहादुर की पत्नी की चुदाई चालू कर दी. दो आदमी और तीन औरते रोज़ रात दिन चोदने लगे. सूरज की नज़र अब बहादुर की दोनो बेटियो पेर थी. दोनो पति पत्नी जानते थे की अब दोनो बेटी चुदाई ने एक्सपर्ट हो कर रहेगी. मगर एक दिन यकायक निशा वापस घर चली आई. कालू अब कही मज़दूरी करने जाता था. निशा को घर मे घुसते ही पता चल गया की उसकी सास ने बहडूर की और उसके हरामी पति ने उसकी पत्नी की चुदाई शुरू कर दी है और सूरज की नज़र अब दो कुवारि चुतो पर है.

मगर निशा की कामुक नज़रो ने शिकार ढूँढ लिया. उसको लगा की इस से पहले की चाची छ्होटे बहादुर को चोदे उस से पहले ही उसे उसको अपनी गिरफ़्त मे लेना परेगा. निशा ने बच्चे की देखभाल के लिए छ्होटे बहादुर को अपने यहा बुला लिया. वो उसके सामने ही आराम से कपड़े बदल लेती और नहा कर नंगी ही बाहर आ जाती. एक दिन नहाते वक़्त उसने उसको अंडर बुलाया और अपनी पीठ रगर्ने को कहा. बहादुर नंगी निशा की पीठ रगर्ने लगा. वो अब पूरा जवान हो चक्का था. निशा ने उस से कहा,' बहादुर तुम्हारे कापरे गीले हो जाएगे इनको उतार दो,' बहादुर शरमाने लगा. निशा तुरंत खड़ी हुई और उसका शर्ट और निक्केर उतार दिया. वो चड्डी बनियान नही पहनता था. बहादुर का कुवरा चमरी वाला लंड एकद्ूम सीधा खरा था. इतना ताज़ा लंड देख कर निशा के मूह मे पानी आ गया. उसने अपने होटो से उसके चमरी को पीछे किया और उसका गुलाबी सुपरा लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. इस से पहले की बहादुर कुछ समझता उसका जवान वीरया निशा के गले के ज़रिए उसके पेट मे उतार गया. अब कुछ भी बाक़ी नही था. एक कमरे मे निशा और छ्होटा बहादुर, दूसरे मे गीता, चाचिजी, बड़ा बहादुर, उसकी पत्नी और सूरज चोद्ते. पूरी रात भेंचोड़ मदर चोद और लंड चूत की टकराहतो की आवाज़े घर मे गूँजती.
छ्होटा बहादुर धीरे ढेरे चुदाई मे बड़ा बन गया. निशा ने उसको एक नंबर का चुड़क्कड़ बना दिया था. शुरू शुरू मे उसकी पिचकारी जल्दी छुट्टी थी मगर निशा ने उसको आँड खाली करने मे जल्दबाज़ी से बचना भी सीखा दिया. उधर एक दिन कालू निशा से मिलने आया, निशा बड़ी खुश हुई वो भी अपने बेटे को देख कर बड़ा खुश था. निशा ने उसके लड़के की लंगोट खोली और उसकी छ्होटी मगर काली नून्न्ी दिखा कर कहा देख ले एक्दुम बाप पेर गयी है इसकी नुन्नि, कालू हस्ने लगा. दोनो ने इस मुलाक़ात मे भी खूब जूम कर चुदाई की,' कालू अब तू तो आता नही मुझे कोई मस्त लंड खाने की इच्छा होती है तू ही ढूँढ ला,' निशा उससे बोली. कालू ने निशा से वादा किया.

कोई दो दिन बाद कालू एक 60 साल के बूढ़े को लेकर आया,' बीबीजी ये साधुरम है मेरे दूर के रिश्ते मे ताऊ लगता है, आपसे मिलवाने लाया हू,' उसने कहा. उस बुड्ढे ने धोती पहनी हुई थी. मेला सा कुर्ता था. पाओ मे भी चप्पल थे. निशा ने उन दोनो को छाई पिलाई फिर उनको रवाना कर दिया. अगले दिन जुब कालू वापस मिलने आया तो निशा बोली,' साले भद्वे मैने तुझे कोई तगड़ा लंड ढूँढने को कहा और तू बुद्धा ले आया, ये तो चोद्ते चोद्ते मेरे उप्पेर ही मार जाएगा,' वो बोली. " ग़लत बीबीजी ऐसा लड पूरे कस्बे मे किसी का नही, खड़ा हो जाए तो ऐसे लगे जैसे कोई गढा हो, एकद्ूम क़ाला और बcचे की कलाई जितना मोटा,' कालू बोला.' मुझे तो विश्वास नही होता,' निशा बोली.' नही बीबीजी ये रोज़ मेरी गांद मारता है चोदना शुरू करता है तो मदारचोड़ का पानी ही नही निकलता,' कालू बोला.' तू तो पूरा मर्द है, तू कब से गांद मरवाने लग गया?" निशा ने असचर्या से पूछा. " बस इस दुनिया मे ऐसा ही है मेमसाहिब जिसके पास जितना बड़ा लंड उसके पास उतनी ही ताक़त, साधुरम का हथियार ज़्यादा मज़बूत है इसलिए मे हार गया,' कालू बोला. " ये मुझे संतुष्ट तो कर देगा?" निशा ने पूछा.' ये बुद्धा चुदाई की मशीन है, पूरी रात भर हम दोनो की मार देगा फिर भी खुद नही झदेगा,' कालू ने कहा. " ठीक है फिर कल रात को इसको ले आ मगर पहले इसको नहलाना धुलना, सफाई वगेरह करना,' निशा बोली.
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.

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