किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic

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Fuck_Me
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Re: किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:44

एस-के ने कहा, “देखो यार मुझे ले जाने में कोई ऐसी प्रॉबलम तो नहीं है पर तुम्हें तो पता है कि वहाँ कान्फ्रेंस में जा रहा हूँ और कान्फ्रेंस वाले जिस फाइव-स्तार होटल में कान्फ्रेंस होती है उअसी होटल मेरं एक कमरा देते हैं। एक तो उसी होटल में दूसरा कमरा मिलना मुश्किल होगा और मिला भी तो एक दिन का किराया ही बीस-हज़ार रुअप्ये के हिसाब से दो हफ्तों के डेढ़-लाख लग जायेंगे... वैसे भी डबल बेड के रूम में एक ही बेड होता है, रहने दो.... मैं तो ऐसे ही मज़क कर रहा था।“ अशफाक ने कहा “अरे यार..... ऐसी भी क्या बात है.... एक ही रूम में रह लेना” और मेरी तरफ़ मुड़ कर अशफाक ने पूछा कि “क्यों किरन.... तुम रह सकती हो ना एस-के के साथ एक ही रूम में?? बेड के एक तरफ़ तुम सो जाना और एक तरफ़ एस-के सो जायेगा” तो मैंने शरम से लाल लाल हो के कहा, “तुम भी कैसी बातें करते हो अशफाक..... बिना सोचे समझे.... तुम्हें कुछ पता भी है कि तुम क्या कह रहे हो?” उसने कहा, “अरे यार किरन.... जाओ थोड़ा घूम फिर कर आओ.... बाहर की दुनिया देख लो..... इंडिया में कहाँ-कहाँ फिरोगी.... मैं तो तुम्हें नहीं ले जा सकता..... एस-के के साथ जाने में क्या प्रॉबलम है?” मैंने कहा, “क्या अशफाक.... तुम भी ना ऐसे-ऐसे प्रपोज़ल दे रहे हो जो तुम भी जानते हो कि कभी नहीं हो सकता”, तो अशफाक ने कहा, “क्यों नहीं हो सकता??? अरे बाबा मैं तुम्हें परमिशन दे रहा हूँ ना और एस-के मेरा बचपन का दोस्त है और हम दोनों ने बहुत मस्तियाँ भी की हैं.... मैं एस-के को अच्छी तरह से जानता हूँ।“ फिर अशफाक और एस-के दोनों साथ में हँसने लगे और एस-के ने कहा, “क्या यार अशफाक.... जाने दो ना.... किरन के सामने क्या हमारी पुरानी बातें लगाये बैठे हो तुम.... वो भी क्या सोचेगी हमारे बारे में।“ मैंने हँस के कहा, “नहीं मैं कुछ नहीं सोचने वाली.... जवानी में तो हर कोई इंजॉय करता ही है.... हो सकता है आप लोगों ने भी कुछ ऐसे ही इंजॉय किया होगा”, मैंने आँख मारते हुए कहा तो अशफाक ने कहा कि, “हाँ बाबा! तुम भी तो जवान हो जाओ और थोड़ा इंजॉय कर के आओ... कमरे की फिक्र मत करो... मैं खर्चा उठाने को तैयार हूँ।“ एस-के ने बात खतम करते हुए कहा कि “यार..... अभी तो टाईम पड़ा है..... तुम दोनों मिल के सोर्ट ऑउट कर लो..... मुझे तो कोई प्रॉबलम नहीं है.... किरन मेरे साथ जा सकती है..... ऐसी कोई बात नहीं। जब तुम लोग निर्णय करलो तो बता देना..... मैं सारे इंतज़ाम कर लूँगा।“ फिर अशफाक से हाथ मिला कर और मेरे कंधे पे हाथ रख कर अपनी तरफ़ थोड़ा सा खींचा और गूड-बॉय कह कर वो चला गया।

एस-के के चले जाने के बाद हम सोने के लिये अपने बेडरूम में चले गये। मुझे टोटल अंधेरे में नंगी सोने की आदत है, इसी लिये सोने के टाईम पे हम नाइट लैंप नहीं लगाते। और ये सोच कर नंगी सोती हूँ कि कभी अशफाक की आँख खुल जाये और उसका मूड आ जाये तो हो सकता है कि कभी मुझे सही तरीके से चोद दे, जब कि ऐसा कभी हुआ नहीं। अंधेरे में लेटे-लेटे अशफाक ने मेरी चूचियों को दबाना और मसलना शुरू किया तो मैंने उसका आधा उठा हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और दबाने लगी। अशफाक का एक हाथ मेरी चूत का मसाज कर रहा था और मैं गरम होने लगी और चूत में से जूस निकलने लगा। अशफाक को हमेशा ही चुदाई की जल्दी होती है, चाहे उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ हो या नहीं। तो आज भी यही हाल था उसका। लंड अभी पूरी तरह से सख्त भी नहीं हुआ था और वो मेरे जिस्म पे चढ़ आया और टाँगों के बीच बैठ कर अपने आधे खड़े लंड को मेरी चूत में रगड़ने लगा। उसके लंड से थोड़ा प्री-कम निकल रहा था, जिससे मेरी चूत स्लिपरी तो हो गयी थी पर उसके लंड में अभी भी सखती नहीं आयी थी। वो मेरे ऊपर झुक आया और लंड को चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा और लंड का सुपाड़ा तो अंदर घुस ही गया किसी तरह से। शायद चूत बहुत गीली हो गयी थी उसके प्री-कम से। खैर लंड का सुपाड़ा तो अंदर घुसा और उसने एक झटका मारा और लंड अंदर घुसेड़ने की कोशिश की, पर उसी वक्त उसके लंड में से मलाई निकल गयी और थोड़ी चूत के अंदर और थोड़ी चूत के बाहर ही निकल गयी। मेरे मुँह से "ओह शिट" निकल गया। अशफाक गहरी साँस लेता हुआ मेरे ऊपर से लुढ़क के मेरे बाजू में लेट गया।
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Re: किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:44

मैं पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और साथ ही खाने के बाद पिये हुए तीन पैग व्हिस्की का नशा-सा भी छाया हुआ था। मेरा मस्ती के मारे बुरा हाल था और चूत में आग लगी हुई थी पर क्या करती। अशफाक अपनी मलाई मेरी चूत के बाहर ही गिरा के बाथरूम चला गया तो मैंने अपनी उंगली चूत में घुसेड़ के अंदर बाहर-करना शुरू कर दिया और एस-के का लंड और उसकी चुदाई का सोचते-सोचते मैं बहुत ज़ोर से झड़ गयी। अशफाक ने बाथरूम से बाहर निकलते-निकलते मुझे अपनी उंगली चूत में डाल कर अंदर-बाहर करते देख लिया पर कुछ बोला नहीं। शायद खुद ही कुछ समझ गया होगा कि मैं ऐसा क्यों कर रही हूँ, क्योंकि वो अच्छी तरह से नहीं चोद सका और मैं प्यासी रह गयी थी, इसी लिये अपने ही हाथों अपनी चूत का मसाज कर रही हूँ।

थोड़ी देर के बाद मैंने न्यू-यॉर्क की बात छेड़ दी। मैं तो दिल से चाहती थी कि मैं एस-के के साथ जाऊँ और हर स्टाईल में खूब चुदवाऊँ। मैंने पूछा, “अशफाक.... क्या तुम संजीदा हो मुझे एस-के के साथ भेजने के लिये”, तो उसने कहा, “हाँ किरन... जा कर आओ.... तुम्हारी भी थोड़ी आऊटिंग हो जायेगी.... कब तक घर में ही पड़ी रहोगी” तो मैंने कहा, “अशफाक तुमने सोचा है कि तुम क्या कह रहे हो.... अगर मैं चली गयी तो लोग क्या कहेंगे और खुद तुम कैसा फ़ील करोगे कि मैं किसी और मर्द के साथ उसके रूम में अकेली रहुँगी तो....?” अशफाक ने कहा, “नहीं किरन, मैं फ्री खयालात का आदमी हूँ और ये ऐसी क्या बात है.... तुम फिक्र ना करो, मैं कुछ सोचने वाला नहीं हूँ।“ मैंने शरारत से उसके लंड को पकड़ के दबाया और कहा कि “अगर एस-के ने मुझे ये दिखा दिया तो मैं क्या करूँ?” अशफाक ने कहा, “किरन तुम्हें पता है.... एस-के का लंड इतना मोटा और बड़ा है....” उसने अपने हाथ में अंगुलियों को मिला के कहा जो मुझे अंधेरे में नज़र आ गया। मैंने पूछा, “मुझे क्या करना है.... पर तुम्हें कैसे मालूम एस-के के लंड के बारे में?” तो उसने बताया कि “पहली दफ़ा तो उसने कॉलेज में ही इंटरवल के टाईम पे क्लास में ही अपना लंड निकाल कर सारी क्लास को दिखाया था।“ मैंने कहा, “क्या बात करते हो.... ऐसे कैसे कोई क्लास में सबके सामने दिखा सकता है.... लेक्चरर नहीं थे क्या?” तो उसने कहा कि, “एक दिन हम कॉलेज में थे तो बारिश होने लगी और बहुत ज़ोर की होने लगी। उस दिन लेक्चरर क्लास में नहीं आये और फिर एस-के को पिशाब करना था.... बाहर जाना मुश्किल था तो किसी ने मज़ाक से कहा कि अरे यार खिड़की में खड़े हो जाओ और मूत दो तो उसने सच में ऐसे ही किया और अपने बेंच पे खड़ा हो गया और विंडो में खड़े हो कर पैंट में से लंड बाहर निकाला और मूतने लगा। सारे लड़के और लड़कियाँ हैरत से देखने लगे और जितनी देर तक वो मुतता रहा, सारे लड़के और लड़कियाँ उसके इतने मोटे और बड़े लंड को देखते रहे।“ फिर अशफाक ने कहा कि, “अगर तुम्हें भी कभी चाँस मिले तो तुम भी देखना.... मैंने तो कभी किसी का इतना बड़ा और इतना मोटा लंड नहीं देखा।“ अब मैं अशफाक से कैसे कहती कि मैं उस लंड को जिसकी वो इतनी तारीफ कर रहा है, मैं अपने जिस्म के हर छेद में वो वंडरफुल लंड डलवा चुकी हूँ और उसकी क्रीम खा के पेट भी भर चुकी हूँ। मैंने कहा, “धत्त मैं क्या करुँगी उसका लंड देख कर??? मुझे तो बस तुम्हारा ही लंड चाहिये.... मुझे किसी और के लंड से क्या लेना देना है”, तो वो हँसने लगा और कहा कि, “वो तो है ही पर अगर कभी चाँस मिले तो ट्राई ज़रूर कर लेना।“ मैंने बात खतम करने के लिये कहा कि, “ठीक है.... देखेंगे” और फिर हम दोनों सो गये।
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Re: किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:45

उस रात हम देर तक एस-के की बातें करते रहे थे। इसी लिये सुबह देर से उठे और शॉवर लिया और ब्रेकफॉस्ट तैयार करके टेबल पे बैठ के नाश्ता करने लगे। नाश्ता करते-करते तकरीबन दस बज चुके थे तो अशफाक ने कहा कि उसको देर हो रही है.... और वो रेडी होने के लिये चला गया। इतनी देर में मैं कॉफी बना कर ले आयी। अशफाक रेडी हो के आये तो कॉफी रेडी थी। हम दोनों कॉफी पीने लगे। इतने में ही बेल बजी। मैंने डोर खोला तो एस-के खड़ा था। अंदर आते ही कहा, “अरे इतनी देर से नाश्ता कर रहे हो.... क्या बात है?” तो हमने कहा कि हाँ रात देर तक बातें कर रहे थे और सोने तक बहुत रात हो गयी थी, इसी लिये सुबह देर से आँख खुली। मैं एक और कप कॉफी लेकर आ गयी और एस-के को दे दिया तो वो भी कॉफी पीने लगा और बोला कि “वाह.... क्या मस्त कॉफी बनायी है आज किरन ने!” अशफाक ने कहा कि “सुनो एस-के, रात हमने फैसला कर लिया है और किरन तुम्हारे साथ जाने के लिये रेडी हो गयी है.... तो बाकी के इंतज़ामात मैं तुम पर छोड़ देता हूँ.... तुम जैसे चाहो कर लो... मुझे एक्सपेंस बता देना और हाँ! शायद मुझे भी कुछ दिनों के लिये मुंबई जाना पड़े। मैं मुंबई चला जाऊँगा और तुम दोनों न्यू-यॉर्क चले जाना।“ एस-के ने कहा, “ठीक है अगर तुम दोनों ने मिल के फैसला किया है तो मुझे क्या प्रॉबलम हो सकती है.... मैं सारे इंतज़ाम कर लूँगा।“

अशफाक ने दोनों को गूड-बॉय किया और चला गया। उसके जाने के बाद डोर लॉक किया और मैं दौड़ती हुई आयी और एस-के से लिपट गयी। मैं बे-इंतहा खुश थी कि अब सही मायेने में हनीमून का मज़ा आयेगा। उस दिन ऑफिस का काम तो खाक होता, बस चुदाई ही हुई सारा दिन। एस-के की वाइफ भी अपने मायके चली गयी थी तो वो भी फ्री था। सुबह से रात तक मेरे साथ ही रहा और हर स्टाईल में चुदाई की। वो अपने साथ स्कॉच व्हिस्की लाया था और हमने पी कर मदहोशी में इतनी चुदाई की कि उसने मेरी चूत का भोंसड़ा बना डाला। चूत के लिप्स सूज गये थे और चूत डबल रोटी की तरह लग रही थी।

बाद में एस-के ने बताया कि उसने न्यू-यॉर्क जाने के इंतज़ाम शुरू कर दिये हैं। वहाँ के होटल को ई-मेल दे दिये हैं और सब काम होने के बाद वो मुझे बता देगा।

एक दिन एस-के ने बताया कि उसको एक वीक के लिये कहीं टूर पे जाना पड़ रहा है और हो सकता है कि थोड़े दिन ज़्यादा भी हो सकते हैं। इत्तेफ़ाक से अशफाक ने भी रात में आ कर बताया कि वो भी एक वीक के लिये कहीं बाहर जा रहा है तो मैं बहुत उदास हो गयी और सोचने लगी कि क्या करना चाहिये एक वीक तक।

दूसरे दिन अशफाक और एस-के दोनों बाहर चले गये। मैं घर में अकेली रह गयी। मैं बहुत ही उदास थी। इतने में बेल बजी, डोर खोला तो देखा कि सलमा आँटी डोर पे खड़ी मुस्कुरा रही हैं। सलमा आँटी अपने मायके से आ गयी थी और मेरे पास मिलने आ गयी। एस-के के साथ इतना टाईम गुज़ारने के बाद मुझे सलमा आँटी कि ज्यादा याद भी नहीं आयी थी। अब उन्हें देखा तो मेरे चेहरे पे मुस्कुराहट आ गयी और मैंने दिल में सोचा कि चलो कुछ तो इंजॉय कर सकते हैं। सलमा आँटी को बिठाया और मैं व्हिस्की की बोतल और ग्लास, पानी वगैरह ले आयी क्योंकि ये हम दोनों का रूटीन बन गया था कि हम दोनों चाय-कॉफी की जगह व्हिस्की पी कर ही मस्ती करते थे। दोनों व्हिस्की पीने लगे और इधर-उधर की बातें करने लगे। मैंने आँटी को आँख मार कर पूछा कि, “आँटी! क्या कुछ खाने को मिला या मायके से भूखी ही वापस आयी हो” तो वो हंसने लगी। कुछ बताया नहीं और इतना कहा कि “तुम्हारी बहुत याद आती थी।“ मैंने भी कहा कि “हाँ, मुझे भी आपकी बहुत याद आती थी” जबकि हक़ीकत तो ये थी कि एस-के के साथ रहते हुए मुझे आँटी की इतनी ज्यादा भी याद नहीं आयी। फिर जब थोड़ा नशा सवार हुआ तो हमने वही सिक्स्टी-नाईन वाले स्टाईल में एक दूसरे की चूतों को चूसा और अपनी चूतों की प्यास बुझायी। आँटी की चूत में से ढेर सारा जूस निकला तो मैंने हँस के कहा कि, “वॉव आँटी! इतना ढेर सारा जूस.... लगाता है कोई मिला नहीं” तो फिर वो हंसने लगी। मैं भी अकेली थी इसी लिये आँटी देर रात तक मेरे साथ ही रही और रात में जाते-जाते भी एक बार और हमने अपनी चूतें आपस में एक दूसरे से रगड़ी और फिर चूस कर एक दूसरे का जूस पिया और आँटी के चले जाने के बाद मैं अपने रूम में सोने चली गयी।
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