किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic

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Fuck_Me
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Re: किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:47

जब देखा मार्केट की कुछ दुकानें खुल चुकी हैं तो मैं पहले तो दुकान के बाहर काऊँटर पे आ कर क ऐसे खड़ी हो गयी जैसे कोई कस्टमर खड़ा होता है। अनिल ने कपड़े एक हफते के बाद देने का वादा किया और कुछ देर के बाद मैं अपने घर को चली गयी। घर जा कर पहले तो गरम पानी का शॉवर लिया। फिर गरम-गरम चाय पी और बेड में लेट के रात की चुदाई के बारे में सोचने लगी जिससे मेरे चेहरे पे खुद-ब-खुद मुस्कुराहट आ गयी और मेरा हाथ खुद-ब-खुद मेरी चूत पे आ गया और मैं चूत का मसाज करने लगी। थोड़ी देर के बाद मैं झड़ गयी और गहरी नींद सो गयी।

अब तो ज़िंदगी बेहद हसीन हो गयी थी। वैसे मैं इस कदर हवस-परस्त (सेक्स-ऐडिक्ट) हो चुकी थी कि मेरी चुदाई की तलब मिटती ही नहीं थी। हर वक़्त ‘ये चूत माँगे मोर’ वाली बात थी। खुदा के फ़ज़ल से चुदाने के लिये अब तो दो-दो मस्त लौड़ों का इंतज़ाम था और लेस्बियन सेक्स के लिये भी सलमा आँटी और डॉली थी। वैसे भी अब तो मैं मुकर्रर बाइसेक्सुअल हो चुकी थी और मर्दों और औरतों को एक ही नज़र से देखती थी। फिर तीन हफ़्तों बाद एक और वाक़िया हुआ जिसके बाद मेरी हवस-परस्ती अगले मक़ाम पे पहुँच गयी और मैं कुत्ते से भी चुदवाने लगी। मेरी इस बेरहरवी का क्रेडिट भी सलमा आँटी को ही जाता है जिहोंने मुझे इस लुत्फ़ से वाक़िफ़ करवाया।

उस दिन मैं ग्यारह बजे के करीब ऑफिस गयी थी। हमेशा की तरह एस-के के चेंबर में पहले तो काम की बातों के साथ -साथ दो पैग शराब पिये और फिर एस-के से अपनी चूत और गाँड दोनों मरवायीं क्योंकि एस-के के उस दिन दोपहर की फ्लाइट से चार दिन के लिये अहमदाबाद के लिये निकलने वाला था। फिर घर आकर थोड़ी देर आराम किया और उसके बाद खाना खा कर करीब दो घंटे कम्प्यूटर पे ऑफिस का काम किया। फिर शाम को सात बजे के करीब मैं तैयार होके सलमा आँटी के घर गयी। वैसे तो सलमा आँटी ही ज्यादातर मेरे घर आती थीं लेकिन अश्फ़ाक़ भी दो दिनों से एक हफ़्ते के लिये टूर पे गये हुए थे और एस-के भी नहीं था तो उस दिन मैं पहली दफ़ा रात को भी सलमा आँटी के घर पे ही रुक गयी। हस्ब-ए-दस्तूर हम दोनों अपने-अपने सैंडलों के अलावा बिल्कुल नंगी हो गयीं और शराब पीते हुए हम दोनों ने उनके बेडरूम में एक ब्लू-फिल्म देखी। फिर काफी देर तक आपस में गुथमगुथा होकर एक दूसरे को चूमा, सहलाया, और सिक्स्टी नाइन पोज़िशन में एक -दूसरे की चूतें चाटती रहीं। फिर हमने आमने-सामने लेट कर आपस में अपनी टाँगें कैंची की तरह फंसा कर सलमा आँटी के दो-रुखे डिल्डो का एक-एक सिरा अपनी-अपनी चूतों में घुसेड़ कर काफी देर तक चुदाई का मज़ा लिया और हम दोनों कईं दफ़ा फारिग हुईं।
एक दूसरे के आगोश में थोड़ा सुस्ताने के बाद हम दोनों फिर व्हिस्की पीने लगीं और सलमा आँटी ने ब्लू-फिल्म की एक नयी सी-डी लगा दी। हम दोनों बेड पर ही हेडबोर्ड और तकियों के सहार कमर टिकाये टाँगें लंबी करके बैठी थीं। फिल्म के पहले सीन में दो अंग्रेज़ लेस्बियन औरतें आपस में हम-जिंसी चुदाई का मज़ा ले रही थीं। इस तरह की फिल्में मैंने सलमा आँटी के साथ पहले भी कईं दफ़ा देखी थीं। काफी गरम सीन था और हम दोनों व्हिस्की की चुस्कियाँ लेते हुए वक़फ़े-वक़फ़े से एक दूसरे के होंठों को भी चूम रही थीं। मैंने सिसकते हुए सलमा आँटी से कहा कि “बेहद हॉट सीन है आँटी“ तो वो बोलीं, “जब अगला सीन देखोगी तो होश उड़ जायेंगे...!“

हक़ीकत में उस फिल्म के अगले सीन ने मेरे होश उड़ा दिये। पिछले सीन वाली लेस्बियन औरतों में से एक औरत नंगी ही कमरे से बाहर गयी और जब लौट कर आयी तो उसके साथ एक काले रंग का बड़ा सा कुत्ता था जिसके कंधे उस लंबी अंग्रेज़ औरत के चूतड़ों के ऊपर तक पहुँच रहे थे। उसके बाद वो दोनों औरतें उस कुत्ते के साथ चुदाई में शरीक़ होने लगीं। इससे पहले मैंने सुना-पढ़ा ज़रूर था कि कुछ लोग इंसानों के बजाय जानवरों से चुदाई करते हैं लेकिन मैंने कभी इस पर इतना गौर नहीं किया था। मैंने एक घूँट में अपना गिलास खाली कर दिया और ताज्जुब से आँखें फाड़े उस पर्वर्टेड चुदाई का दिलफ़रेब नज़ारा देख रही थी। फिल्म में उन दोनों औरतों की मस्ती-भरी सिसकियों और चींखों से ज़ाहिर था कि कुत्ते के बड़ी-सी गाजर जैसे लंड से चुदवाने में उन्हें बेहद मज़ा आ रहा था। मुझे हवस-ज़दा देख कर सलमा आँटी ने प्यार से मेरी चूचियाँ मसलते हुए पूछा, “है ना कमाल का सीन... मज़ा आया?”
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Fuck_Me
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Re: किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:47

“ऊँऊँह... आँटी... दिस इज़ सो किंकी.... लेकिन क्या ये मुमकीन है... ऑय मीन कि हक़ीक़त में... कुत्ते से... चुदाई... रियली?” मैं इस कदर मग़लूब और इक्साइटिड थी कि ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी। व्हिस्की का नशा इक्साइटमेंट में और इज़ाफ़ा कर रहा था।

सलमा आँटी मेरी रहनुमाई करते हुए बोलीं, “येस डार्लिंग... ये हक़ीक़त ही है... निहायत अमेज़िंग हक़ीक़त! इसमें हैरानी वाली कौन सी बात है... दुनिया भर में काफ़ी औरतें इस तरह की चुदाई का खूब मज़ा लेती हैं। कुत्ते मर्दों के मुक़ाबले कहीं ज्यादा एनर्जेटिक होते हैं और पूरे जोश-ओ-खरोश से ज़बर्दस्त चुदाई करते हैं! मालूम है कुत्ते का लंड असल में चूत के अंदर जाकर फूलता है...?” ये कहते हुए उन्होंने शोखी से मुस्कुराते हुए मुझे देख कर आँख मार दी।
“आप तो ऐसे कह रही हैं जैसे की आप को इसका तजुर्बा...?” मैं हंसते हुए बोलने लगी तो आँटी ने कबूल करते हुए कहा, “हाँ मेरी जान.... तजुर्बे से ही बोल रही हूँ...!” सलमा आँटी ने कन्फेस किया तो मैं हक्की बक्की रह गयी और मेरा मुँह खुला का खुला रह गया । “हाय अल्लाह.... रियली...? ये आप क्या कह रही हो.... आप कुत्ते से?” मेरी आवाज़ सदमे और व्हिस्की के नशे से लरज़ रही थी। दो मिनट तक हम दोनों में से कोई नहीं बोला।

“शायद मुझे ये सब तुम्हें नहीं बताना चाहिये था!” मेरा रिएक्शन देख कर आँटी ने कहा। “मैं...नहीं... मैं मैं वो... मेरा मतलब... कब से... क्या ऑस्कर के साथ?” पशोपेश की हालत में मैंने हकलाते हुए कहा।

सलमा आँटी ने साइड-टेबल से व्हिस्की और सोडे की बोतल लेकर हम दोनों के खाली गिलासों में पैग बनाये और फिर मुझे देते हुए धीरे से बोलीं, “येस डियर.. ऑस्कर के साथ... ही इज़ वंडरफुल... ऑस्कर से तो पिछले पाँच-छः सालों से तकरीबन हर रोज़ चुदवा रही हूँ... लेकिन ऑस्कर मेरी ज़िंदगी में पहला कुत्ता नहीं है... बल्कि मेरी चूत सबसे पहले किसी मर्द से नहीं बल्कि कुत्ते से ही चुदी थी!” फिर सलमा आँटी ने तफ़्सील बताया कि कैसे बीस-इक्कीस साल की उम्र में उन्होंने और उनकी दो लेस्बियन सहेलियों ने एक दिन अपने पालतू कुत्ते को फुसला कर अपनी वर्जिनिटी खोयी थी। उसके बाद तो जब भी उन्हें मौका मिलता वो अपने कुत्ते से चुदवा कर खूब मज़ा करती थीं और ये सिलसिला उनकी शादी तक ज़ारी रहा। शादी होने के बाद वो कईं सालों तक इस तरह की बेरहरावी से दूर रहीं। लेकिन उनके शौहर मर्चेंट नेवी में थे और साल में कभी-कभार ही छुट्टी पे घार आ पाते थे तो अपनी जिस्मनी तस्कीन के लिये आँटी जल्दी ही गैर-मर्दों और औरतों के साथ हमबिस्तर होने लगीं। फिर कुछ सालों बाद जब ऑस्कर उनकी ज़िंदगी में आया तो ज़ाहिर है कि वो खुद पर काबू नहीं रख सकीं और उससे चुदवाना शुरू कर दिया।

मैं व्हिस्की पीते हुए हैरत से आँटी की बातें बड़े गौर से सुन रही थी और मेरी चूत बेहद गीली हो गयी थी और पूरे जिस्म में और दिमाग में सनसनी सी फैली हुई थी। अगर्चे ये सब पर्वर्टिड था लेकिन शायद इसी वजह से मुझे ये सब बेहद दिलचस्प और इक्साइटिंग लग रहा था। मैंने पूछा, “कैसा... कैसा लगता है... कुत्ते से चुद... चुदवाना?”

“जस्ट अमेज़िंग.... गज़ब की मस्ती भरी और बेइंतेहा तसल्ली बख़्श धुंआधार चुदाई होती है... ऑस्कर जब मेरी कमर पे चढ़ के और मेरी गाँड से चिपक कर मुसलसल पंद्रह बीस मिनट तक अपना अज़ीम लंड मेरी चूत में दनादन पिस्टन की तरह अंदर-बाहर चोदता है तो... बस जन्नत की सैर करा देता है... चूत भी बार -बार पानी छोड़-छोड़ के बेहाल हो जाती है... कुत्ते का लंड चूत में अंदर जाने के बाद पूरा फूलता है.... और फिर जब उसके लंड की जड़ में गाँठ फूल कर चूत में फ़ंस जाती है तो वो एहसास मैं बयान नहीं कर सकती... बीस-बीस मिनट तक फिर हम दोनों चिपके रहते हैं और उसकी मनि मेरी चूत में मुसलसल गिरती रहती है...!” आँटी ने मस्ती भरे अंदाज़ में कहा और फिर मेरे होंठों को चूमते हुए बोलीं, “वैसे तुम्हें खुद ही ऑस्कर से चुदवा कर ये निहायत अमेज़िंग मज़ा ले कर देखना चाहिये!”

सलमा आँटी की बात सुनकर मैं व्हिस्की का बड़ा सा घूँट पीते हुए लरजती हुई आवाज़ में बोली, “क्या...? मैं... मैं.. रियली... लेकिन... आर यू श्योर...!” कुत्ते से चुदवाने के ख्याल से मेरे जिस्म में सनसनती लहरें दौड़ने लगीं। फिर आँटी उठ कर हाई-हील के सैंडलों में अपनी मस्त गाँड मटकाती हुई ऑस्कर को लाने के लिये कमरे से बाहर चली गयीं। शाम से हम दोनों ने काफी ड्रिंक कर ली थी और सलमा आँटी के कदमों में थोड़ी-सी लड़खड़ाहट ज़ाहिर हो रही थी। दो मिनट बाद ही वो दूसरे कमरे से ऑस्कर को अपने साथ लेकर वापस आयीं और बेड पर बैठते हुए शोख अंदाज़ में बोली, “सो आर यू रेडी... अपनी ज़िंदगी की सबसे बेहतरीन चुदाई का मज़ा लेने के लिये?”
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Re: किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:48

“ऊँहूँ?” मैंने धीरे से मुस्कुराते हुए गर्दन हिलायी। हमारे घर में कभी भी कोई पालतू कुत्ता या कोई और जानवर नहीं था इसलिये मुझे कुत्तों के ज़ानिब ज्यादा जानकारी नहीं थी। इस वजह से थोड़ी एइंगज़ाइअटी और घबराहट सी महसूस हो रही थी लेकिन नशे में मतवाला हवस-ज़दा दिमाग और जिस्म इस बेरहरावी में शऱीक होने के लिये बेकरार था। ऑस्कर भी बेड पर चढ़ गया और सलमा आँटी के सैंडल और पैर चाटने लगा। आँटी उसकी गर्दन सहलाने लगीं और मुझे भी ऐसा ही करने को कहा तो मैं भी उसकी कमर सहलाने लगी। ऑस्कर का नोकिला लाल लंड करीब एक-दो इंच अपने बाल-दार खोल में से बाहर निकला हुआ था। फिर आँटी ने ऑस्कर का चेहरा मेरी टाँगों की तरफ़ किया और उसे मेरी चूत चाटने के लिये कहा तो बासाख़्ता मैंने अपनी टाँगें फैला कर अपनी चूत खोल दी। ऑस्कर ने मेरी टाँगों के बीच में अपना मुँह डाल कर अपनी लंबी भीगी ज़ुबान मेरी रानों पर फिरायी तो अजीब सा एहसास हुआ। तीन-चार दफ़ा मेरी रानों को चाटने के बाद उसने अपना थूथना मेरी भीगी चूत पर लगा कर अपनी ज़ुबान नीचे से ऊपर चाटते हुए मेरी क्लिट पर भी फिरायी तो मेरा पुरा जिस्म थरथरा गया। सलमा आँटी उसे सहलाते-पुचकरते हुए उसकी हौंसला अफ़ज़ाई कर रही थीं।
ऑस्कर काफी जोश में मेरी चूत चाटने लगा। उसकी ज़ुबान मेरी रसीली-भीगी चूत में घुसते हुए उसमें से निकलता हुआ रस चाट रही थी। मैं आँखें बंद करके मस्ती में ज़ोर-ज़ोर से चींखने लगी। एस-के, अनिल, सलमा आँटी और डॉली सभी से चूत चटवाने में मुझे बेहद मज़ा आता था लेकिन ऑस्कर की ज़ुबान की बात ही अलग थी। अपनी चूत और क्लिट पर उस जानवर की लंबी-खुर्दरी भीगी ज़ुबान की चटाई से मेरा जिस्म बेपनाह मस्ती में भर कर बुरी तरह थरथरा रहा था। उसकी ज़ुबान मेरी चूत में इतनी अंदर तक जा रही थी जहाँ तक किसी इंसान की ज़ुबान का पहुँच पाना मुमकिन नहीं था। एक तरह से वो अपनी ज़ुबान से मेरी चूत चाटने के साथ-साथ चोद भी रहा। मैंने ज़ोर-ज़ोर से कराहते हुए मस्ती में अपने घुटने मोड़ कर बिस्तर में अपने सैंडल गड़ाते हुए अपने चूतड़ ऊपर उठा दिये और अपनी चूत उसके थूथने पर ठेल दी। उसकी ज़ुबान मेरी चूत में अंदर तक घुस कर फैलती और फिर बाहर फिसल कर मेरी धधकती क्लिट पर दौड़ती।

मेरे जिस्म में इस कदर मस्ती भरी लहरें दौड़ रही थीं कि मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मेरी चूत पिघल कर पानी छोड़ने लगी। बिस्तर की चादर अपनी मुठ्ठियों में कस कर जकड़ते हुए मैं मस्ती में बेहद ज़ोर से चींखी, “आआआहहह आँटी ईईईई... मेरी चूत... झड़ीईईई... हाय अल्लाह.... ऑय...ऑय एम कमिंग...!” मेरी चूत से बे-इंतेहा पानी निकलाने लगा जिसे ऑस्कर ने अपनी ज़ुबान से जल्दी-जल्दी चाटने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरा पेशाब निकल गया हो। इस कदर गज़ब का ऑर्गैज़म था कि बेहोशी सी छा गयी और मैं आँखें बंद करके हाँफने लगी। ऑस्कर अभी भी मेरी चूत चाटते हुए मेरे पनी के आखिरी कतरे पी रहा था। सलमा आँटी उसे पुचकारते हुए बोलीं, “बस.. बस... इतना काफी है... डार्लिंग!” और ऑस्कर को अपनी तरफ़ खींचकर उसे सहलाने लगी।

बेहतरीन ऑर्गैज़म के लुत्फ़ का एहसास करते हुए मैं चार-पाँच मिनट तक आँखें बंद किये लेटी रही। मुझे बेहद तसल्लुत महसूस हो रही थी। जब मैंने आँखें खोलीं तो देखा कि सलमा आँटी घुटनों पे बैठी ऑस्कर का लाल गाजर जैसा लंड प्यार से सहला रही थीं। करीब सात-आठ इंच लंबा और मोटा सा नोकीला लंड सख्त होकर फड़क रहा था जिसे देख कर मेरे चेहरे की सुकून भरी मुस्कुराहट हैरत में तब्दील हो गयी। आँटी ने मुझे सेहर-ज़दा नज़रों से ऑस्कर के लंड को घूरते हुए देखा तो बोलीं, “है ना लाजवाब? पास आकर इसे हाथ में महसूस करके देखो!” मैं खुद को रोक नहीं सकी और शोखी से मुस्कुराते हुए उठ कर घुटने मोड़ कर बैठ गयी और अपना एक हाथ ऑस्कर के पेट के नीचे ले जा कर उसके सख्त और लरज़ते हुए गरम लंड को सहलाने लगी। उसके लंड को आगे से पीछे तक सहलाते हुए उसके लंड की फूली हुई नसें मुझे अपने हाथ में धड़कती हुई महसूस हो रही थीं। ऑस्कर के लंड से मुसलसल चिकना और पतला-सा रस चू रहा था। मोटी गाजर जैसा उसका लंड मेरे हाथ में धड़कता हुआ और ज्यादा फूलने लगा और उसकी दरार में से सफ़ेद झाग जैसा रस और ज्यादा चूने लगा और मेरा हाथ और उंगलियाँ उस चिकने रस से सन गयीं। इतने में सलमा आँटी उसके टट्टों की फुली हुई एक हाथ में पकड़ कर मुझे दिखाते हुए बोलीं, “देखो ये किस कदर लज़ीज़ मनि से भरे हुए हैं...।“ और अपने होंथों पर ज़ुबान फिराने लगीं।
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