मस्त है यह सानिया भी hindi sex erotic adult story

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Fuck_Me
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Re: मस्त है यह सानिया भी hindi sex erotic adult story

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:52

अगले दिन सुबह चाय पीते हुए मैंने कहा- सानिया, अब आज का दिन मेरा कैसे अच्छा बीतेगा, आज तो 30 ग्राम ही मुझे मिलेगा।

वो मुस्कुराई और बोली- सब ठीक हो जायेगा, फ़िक्र नॉट।

जब वो जाने लगी तो मुझे बोली- चाचू, जरा अपने कमरे में चलिए, एक बात है।

मुझे लगा कि वह शायद कुछ कहेगी पर वो कमरे में मुझे लाई और मुझे बिस्तर पर बिठा दिया, फ़िर एक झटके में अपनी जीन्स के बटन खोल कर उसे घुटने तक नीचे कर दिया, बोली- देख कर आज का दिन ठीक कर लीजिए।

उसके बदन पर वही सेक्सी वाली सफ़ेद पैन्टी थी, उसकी त्रिभुजाकार सफ़ेद पट्टी से उसकी बुर एकदम से ढकी हुई थी, पर सिर्फ़ बुर ही, बाकी उस पैन्टी में कुछ था ही नहीं सिवाय डोरी के ! उसकी जाँघ, चूतड़ सब बिल्कुल अनावृत थे एकदम साफ़ गोरे, दमकते हुए, झाँट की झलक तक नहीं थी।

मेरा गला सूख रहा था। वो २०-२५ सेकेन्ड वैसे रही फ़िर अपना जीन्स उपर कर ली, और मुस्कुराते हुए बाय कह बाहर निकल गई।

मैंने वहीं बिस्तर पर बैठे-बैठे मुठ मारी, यह भी भूल गया कि मैरी घर में है।

उस दिन बाथरूम में मुझे पता चला कि आज मेरे ही रेजर से सानिया झाँट साफ़ की थी, और अपने झाँट के बालों को वाश बेसिन पर ही रख छोड़ा है। दो इन्च की उसकी झाँट के काफ़ी बाल मुझे मिल गये, जिन्हें मैंने कागज में समेट कर रख लिया। मैंने फ़िर मुठ मारी।

शाम की चाय पीते हुए मैंने बात शुरु किया- बेटा, आज मेरे लिए पैन्टी नहीं थी तो तुमने मेरे लिए रेजर साफ़ करने का काम छोड़ दिया !

मेरे चेहरे पर हल्की हँसी थी। वो शरमा गई।

तब मैंने कहा- किस स्टाईल में शेव की है?

उसके चेहरे के भाव बदले, बोली- मतलब?

मैंने आगे कहा- मतलब किस स्टाईल में अपने बाल साफ़ किए हैं?
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Fuck_Me
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Re: मस्त है यह सानिया भी hindi sex erotic adult story

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:52

उसे समझ नहीं आया तो बोली- अब इसमें स्टाईल की क्या बात है, बस साफ़ कर दी।

मैंने अब आँख मारी- पूरी ही साफ़ कर दी?

वो अब थोड़ा बोल्ड बन कर बोली- और नहीं तो क्या, आधा करती? कैसा गन्दा लगता।

मैंने सब समझ गया, कहा- अरे नहीं बाबा, तुम समझ नहीं रही हो, लड़कियाँ अपने इन बालों को कई तरीके से सजा कर साफ़ करती हैं !

उसके लिए यह एक नई बात थी, पूछने लगी- कैसे?

तब मैंने उसको बताया कि झाँटों को कैसे अलग अलग स्टाईल मे बनाया जाता है, जैसे लैंडिन्ग स्ट्रीप, ट्रायन्गल, हिटलर मुश्टैश, बाल्ड, थ्रेड, हार्ट... आदि।

उसके लिए ये सब बातें अजूबा थीं, बोली- मुझे नहीं पता ये सब ! मैं तो जब भी करती हूँ, हमेशा ऐसे ही पूरी ही साफ़ करती रही हूँ। अभी दो महीने बाद किए हैं आज ! इतनी बड़ी-बड़ी हो गई थी। अम्मी को पता चल जाए तो मुझे बहुत डाँटती, वो तो जबरदस्ती बचपन में मेरा 15-18 दिन पर साफ़ कर देती थी। वो तो खुद सप्ताह में दो दिन साफ़ करती हैं अभी भी।

मैंने भी हाँ में हाँ मिलाई- हाँ, सच बहुत बड़ी थी, दो इन्च के तो मैं अपने नहीं होने देता, जबकि मैं मर्द हूँ।

मैं महीने में दो-एक बार काल-गर्ल घर लाता था। इसके लिए मैं एक दलाल राजेन्दर सूरी की मदद लेता। उसके साथ मेरा 5-6 साल पुराना रिश्ता था। वो हमेशा मुझे मेरे पसन्द की लड़की भेज देता। अब तो वो भी मेरी पसन्द जान गया था और जब भी कोई नई लड़की मेरे मतलब की उसे मिलती, वो मुझे बता देता।

ऐसे ही उस दिन शाम को हुआ। सूरी का फ़ोन आया करीब आठ बजे, तब मैं और सानिया खाना खा रहे थे।

सूरी ने बताया कि एक माल आई है नई उसके पास, 18-19 साल की। ज्यादा नहीं गई है, घरेलू टाईप है। आज उसकी ब्लड टेस्ट रिपोर्ट सही आने के बाद वो सुबह मुझे बतायेगा। अगर मैं कहूँ तो वो कल उसकी पहली बुकिंग मेरे साथ कर देगा।

सानिया को हमारी बात ठीक से समझ में नहीं आई, और जब उसने पूछा तो मैंने सोचा कि अब इस लौन्डिया से सब कह देने से शायद मेरा रास्ता खुले, सो मैंने उसको सब कह दिया कि मैं कभी-कभी दलाल के मार्फ़त काल-गर्ल लाता हूँ घर पर ! आज उसी दलाल का फ़ोन आया था, एक नई लड़की के बारे में।
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Re: मस्त है यह सानिया भी hindi sex erotic adult story

Unread post by Fuck_Me » 17 Aug 2015 11:53

उसका चेहरा लाल हो गया।
काल-गर्ल के बारे में सुन कर सानिया का चेहरा लाल हो गया।

वो चुप-चाप खाना खाने लगी। फ़िर हम टीवी देखने लगे, वो एक फ़िल्म लगा कर बैठ गई। मुझे लगा कि शायद काल-गर्ल वाली बात उसे अच्छी नहीं लगी। पर मैंने उसे अब नहीं छेड़ा, सोचा देखें अब वो खुद कैसे मुझे मौका देती है।

अगली सुबह फ़िर सूरी का फ़ोन आया। मुझे लगा कि यह शायद ज्यादा हो रहा है, सो मैंने सूरी को मना कर दिया। सानिया फ़ोन पर मेरी जो बात हो रही थी, वो सुन रही थी। मेरे फ़ोन काटने पर उसने सब कुछ ठीक से जानना चाहा।

एक बार फ़िर उसकी इच्छा देख मुझे लगा कि बात फ़िर पटरी पर आने लगी है। मैं चाहता था कि कैसे भी अब आगे का रास्ता खुले जिससे मैं सानिया के मक्खन से बदन का मजा लूँ। पाँच दिन बीत चुके थे और दो-तीन दिन में उसके अम्मी-अब्बू आ जाने वाले थे।

मैंने गंभीर बनने की ऐक्टिंग करते हुए कहा- बुरा मत मानना सानिया ! पर तुम्हें पता है कि मैं अकेला हूँ, इसलिए अपने जिस्म की जरूरत के लिए एक दलाल सेट किया हुआ है, वो हर महीने 5 और 25 तारीख को मुझे फ़ोन पर पूछता है। मेरा जैसा मूड हो मैं उसको बता देता हूँ, वो लड़की भेज देता है। अक्सर जैसी फ़र्माईश की जाती है, वो इन्तज़ाम कर देता है।

वो बोली- प्लीज चाचू, आज बुला लीजिए ना। मैंने कभी काल-गर्ल नहीं देखी।

मैंने कहा- पर मैं तो तुम्हारे बारे में सोच कर मना कर रहा था, तुम क्या समझोगी मुझे अगर मैं घर पर लड़की बुला लूँ तब? ना ! यह ठीक नहीं होगा, तुम्हारे रहते !

पर अब वो जिद कर बैठी। शनिवार का दिन था, बोली- आज कॉलेज नहीं जाउंगी, अगर आपने हाँ नहीं कहा।

करीब एक घण्टे बाद मैंने कह दिया- ठीक है, पर..."

वो तुरन्त मेरा फ़ोन लाई, काल-बैक किया और स्पीकर ऑन कर के सामने बैठ गई।

मैं कह रहा था- हाँ सूरी, भेज देना आज 8 बजे, कोई ठीक-ठाक, घरेलू भेजना, पर नई भेजना, रचना या पल्लवी नहीं।
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