लड़की चोदते हुए मुझे करीब 25 साल हो गए थे और मैं अपने अनुभव से किसी भी रन्डी को मस्ती करा सकता था। रागिनी तो अभी भी बछिया ही थी मेरे लिए, जब कि मैं एक साँड, जो शायद तब से चूत चोद रहा था जब से इसकी मम्मी ने चुदाना भी नहीं शुरु किया होगा। मैं अब रागिनी को सातों आसमान की सैर एक साथ करा रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने रागिनी की चूत से मुँह हटाया। वो बिल्कुल निढ़ाल दिख रही थी। मैंने उसको तकिये के सहारे बिठा दिया और अपने दाहिने हाथ की बीच वाली ऊँगली चूत में घुसा दी। फ़िर ऊपर की तरफ़ उँगली को चलाते हुए रागिनी के जी-स्पॉट को खोजना शुरु किया, और तभी रागिनी का बदन हल्के से काँपा। मुझे अपने खोज में सफ़लता मिल गई थी। मैंने अपनी उँगली से चूत के भीतर उस जगह कुरेदना शुरु किया तो रागिनी मचलने लगी- आआआआआअह्ह्ह्ह्ह अंकल ! उउईईईमाँ.... इइइस्सस....।
अचानक वो छटपटाई और फ़िर एकदम से ढीली हो गई।
थोड़ी देर बाद मैंने रागिनी की चूत से मुँह हटाया। वो बिल्कुल निढ़ाल दिख रही थी। मैंने उसको तकिये के सहारे बिठा दिया और अपने दाहिने हाथ की बीच वाली ऊँगली चूत में घुसा दी। फ़िर ऊपर की तरफ़ उँगली को चलाते हुए रागिनी के जी-स्पॉट को खोजना शुरु किया, और तभी रागिनी का बदन हल्के से काँपा। मुझे अपने खोज में सफ़लता मिल गई थी। मैंने अपनी उँगली से चूत के भीतर उस जगह कुरेदना शुरु किया तो रागिनी मचलने लगी- आआआआआअह्ह्ह्ह्ह अंकल ! उउईईईमाँ.... इइइस्सस....।
अचानक वो छटपटाई और फ़िर एकदम से ढीली हो गई।
मैं समझ गया कि साली को पहला चरमसुख मिल गया। मैंने ऊँगली बाहर निकाल ली। उसको पहली बार जी-स्पॉट का मजा मिला।
रागिनी एकदम से शांत हो गई थी। मैंने उसे पुकारा- रागिनी बेटा, कैसा लगा... कुछ बताओ तो !
वो उठी और मेरे से लिपट गई, मुझे जवाब मिल गया। हम दोनों एक-एक बार झड़ गए थे। मेरा लण्ड फ़िर से मस्त हो चुका था। मै बिस्तर से उठा और साईड-टेबल पर रखे जग से थोड़ा पानी पिया, और रागिनी की तरफ़ देखा तो उसने इशारे से पानी माँगा।
मस्त है यह सानिया भी hindi sex erotic adult story
Re: मस्त है यह सानिया भी hindi sex erotic adult story
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.
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Re: मस्त है यह सानिया भी hindi sex erotic adult story
एक गिलास पानी पीने के बाद उसके मुँह से बोल निकले- ओह अंकल, आज तक ऐसा नहीं लगा था। बहुत अच्छा लगा अंकल, थैंक्स। अभी तक तो मेरा अनुभव था कि मर्द लोग धक्के लगा-लगा कर खुद मजा लेते, पर मेरे मजा आने के पहले ही, शांत हो जाते। आज पहली बार पता चला असल सेक्स क्या है।
मैंने सानिया की तरफ़ देखा। वो शांति से सब देख रही थी, पर अब उसकी टाँगें थोड़ी आपस में जोर से सटी हुई लगी। उसकी भी चूत गीली हो गई थी।
मैंने उसी को देखते हुए कहा- अभी कहाँ तुम्हें पता चला है कि सेक्स क्या होता है। वो तो अब पता चलेगा जब इस लण्ड को तुम्हारी बुर में पेल कर तुम्हारी चुदाई करुँगा। जल्दी से तैयार हो जाओ चुदवाने के लिए।
मैं अपने लण्ड को सहला-सहला कर सांत्वना दे रहा था कि पप्पू जल्दी ना कर, अभी लाल मुनिया मिलेगी चोदने के लिए।
दो मिनट बाद रागिनी बोली- आ जाइए अंकल, मैं तैयार हूँ।
वो तकिये पर सिर रख कर सीधा लेट गई। मैंने उसके पैरों को घुटने से हल्का मोड़ कर उपर उठा दिया जिससे उसके गीली गीली बुर एक दम से खुल गई। भीतर का नन्हा सा गुलाबी फ़ूल सामने दिख रहा था। मैं उसकी खुली टाँगों के बीच आ गया और अपने 72 किलो के बदन को उसके ऊपर ले आया। फ़िर अपने बाँए हाथ से थूक निकाला और अपने लण्ड की फ़ूले हुए सुपारे पर लगा कर लण्ड रागिनी की बुर पर टिका लिया, पूछा- पेल दूँ अब भीतर रागिनी?
उसका सिर हाँ में हिला।
ठीक है फ़िर चुदो बेटा ! कहते हुए मैंने लण्ड भीतर ठाँसने लगा। रागिनी हल्के से कुनमुनाई। मैंने एक जोर का ध्क्का लगाया और पुरा ८" लण्ड भीतर पेल दिया। रागिनी की आँख बन्द थी, "आआअह" मुँह से निकली, और उसने आँख खोल कर भरपुर नजरों से मुझे देखा।
मैंने उसके कान में कहा- जब मैं चोदूँगा तो मुझे खूब गाली देना, मजा आएगा !
मैंने रागिनी से पूछा- बोलो मेरी बच्ची, चोदूँ तुम्हें?
मैंने सानिया की तरफ़ देखा। वो शांति से सब देख रही थी, पर अब उसकी टाँगें थोड़ी आपस में जोर से सटी हुई लगी। उसकी भी चूत गीली हो गई थी।
मैंने उसी को देखते हुए कहा- अभी कहाँ तुम्हें पता चला है कि सेक्स क्या होता है। वो तो अब पता चलेगा जब इस लण्ड को तुम्हारी बुर में पेल कर तुम्हारी चुदाई करुँगा। जल्दी से तैयार हो जाओ चुदवाने के लिए।
मैं अपने लण्ड को सहला-सहला कर सांत्वना दे रहा था कि पप्पू जल्दी ना कर, अभी लाल मुनिया मिलेगी चोदने के लिए।
दो मिनट बाद रागिनी बोली- आ जाइए अंकल, मैं तैयार हूँ।
वो तकिये पर सिर रख कर सीधा लेट गई। मैंने उसके पैरों को घुटने से हल्का मोड़ कर उपर उठा दिया जिससे उसके गीली गीली बुर एक दम से खुल गई। भीतर का नन्हा सा गुलाबी फ़ूल सामने दिख रहा था। मैं उसकी खुली टाँगों के बीच आ गया और अपने 72 किलो के बदन को उसके ऊपर ले आया। फ़िर अपने बाँए हाथ से थूक निकाला और अपने लण्ड की फ़ूले हुए सुपारे पर लगा कर लण्ड रागिनी की बुर पर टिका लिया, पूछा- पेल दूँ अब भीतर रागिनी?
उसका सिर हाँ में हिला।
ठीक है फ़िर चुदो बेटा ! कहते हुए मैंने लण्ड भीतर ठाँसने लगा। रागिनी हल्के से कुनमुनाई। मैंने एक जोर का ध्क्का लगाया और पुरा ८" लण्ड भीतर पेल दिया। रागिनी की आँख बन्द थी, "आआअह" मुँह से निकली, और उसने आँख खोल कर भरपुर नजरों से मुझे देखा।
मैंने उसके कान में कहा- जब मैं चोदूँगा तो मुझे खूब गाली देना, मजा आएगा !
मैंने रागिनी से पूछा- बोलो मेरी बच्ची, चोदूँ तुम्हें?
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Re: मस्त है यह सानिया भी hindi sex erotic adult story
और सानिया की देख उससे पूछा- दिखा साफ़-साफ़, नहीं तो एक बार फ़िर बाहर निकाल कर पेलूँ भीतर?
यह कहते हुए मैंने लण्ड बाहर खींचा और दुबारा से रागिनी की बुर में पेल दिया। रागिनी के मुँह से दुबारा आऽऽ आऽऽ आह निकली। सानिया इस बार खड़ी हो गई ताकि सब साफ़ देख सके।
रागिनी ने सानिया को खड़ा देख बोला- आईए न दीदी आप भी। अंकल बहुत अच्छे हैं।
आगे कुछ कहने से पहले ही मैंने लण्ड को बुर के बाहर भीतर करके लौण्डिया की चुदाई शुरु कर दी। सानिया का चेहरा चुदाई देख एकदम लाल हो गया था, पर वो सिर्फ़ खड़े-खड़े देख रही थी। रागिनी को पहली बार मेरे जैसे मर्द से वास्ता पड़ा था जो लड़की को खूब मजे लेकर चोदता है और लड़की को भी साथ में मजे देता है।
मेरी आदत है कि मैं रन्डी भी चोदता तो प्रेमिका बना कर। जब भी किसी को चोदा तो उसको अपने लिए भगवान का उपहार माना और उसके शरीर को पूरे मन से भोगा।
मैंने रागिनी से कहा- मजा आया रागिनी?
उसकी आँख बंद थी, होठ से कांपती आवाज आई- हाँ अंकल बहुत। आप बहुत अच्छे हैं। आऽऽ अह अंकल अब थोड़ा जोर से धक्का लगा कर चोदिए ना ! जैसा धक्का लण्ड पेलते समय लगाया था। असल में अभी खूब प्यार से धीरे-धीरे लण्ड अंदर-बाहर करके उसको चोद रहा था। पूरा पैसा वसूल हो इसके लिए जरूरी था कि उसकी बुर कम से कम आध घंटा मेरे लण्ड से चुदे।
उसके जोर का धक्का लगाने की फ़रमाईश पर मैंने आठ-दस दमदार धक्के लगाए और धक्के पर रागिनी के मुँह से आह की आवाज आई।
मैंने रागिनी से कहा- आँख खोल और देख ना कौन चोद रहा है तुझे ! मुझसे आँख मिला, कुछ बात कर ना। रन्डी हो तो थोड़ा रन्डीपना दिखा।
उसे मेरी बात से ठेस पहुँची शायद ! पर वो आँख खोल कर बोली- हाँ साले बेटीचोद, लूट मजा मेरी चूत का साले। मेरे बाप की उमर का होकर साले, मुझे चोद रहा है?
मुझे उसकी गालियों से जोश आ गया- चुप साली ! फाड़ दूँगा तेरी चूत आज ! साली कुतिया ! मुझे बेटी-चोद बोलती है ! बाप से चुदा-चुदा के जवान हुई है साली और मुझे बोल रही है बेटी चोद... ? ले साली चुद, और चुद, और चुद, रन्डी साली।
यह कहते हुए मैंने लण्ड बाहर खींचा और दुबारा से रागिनी की बुर में पेल दिया। रागिनी के मुँह से दुबारा आऽऽ आऽऽ आह निकली। सानिया इस बार खड़ी हो गई ताकि सब साफ़ देख सके।
रागिनी ने सानिया को खड़ा देख बोला- आईए न दीदी आप भी। अंकल बहुत अच्छे हैं।
आगे कुछ कहने से पहले ही मैंने लण्ड को बुर के बाहर भीतर करके लौण्डिया की चुदाई शुरु कर दी। सानिया का चेहरा चुदाई देख एकदम लाल हो गया था, पर वो सिर्फ़ खड़े-खड़े देख रही थी। रागिनी को पहली बार मेरे जैसे मर्द से वास्ता पड़ा था जो लड़की को खूब मजे लेकर चोदता है और लड़की को भी साथ में मजे देता है।
मेरी आदत है कि मैं रन्डी भी चोदता तो प्रेमिका बना कर। जब भी किसी को चोदा तो उसको अपने लिए भगवान का उपहार माना और उसके शरीर को पूरे मन से भोगा।
मैंने रागिनी से कहा- मजा आया रागिनी?
उसकी आँख बंद थी, होठ से कांपती आवाज आई- हाँ अंकल बहुत। आप बहुत अच्छे हैं। आऽऽ अह अंकल अब थोड़ा जोर से धक्का लगा कर चोदिए ना ! जैसा धक्का लण्ड पेलते समय लगाया था। असल में अभी खूब प्यार से धीरे-धीरे लण्ड अंदर-बाहर करके उसको चोद रहा था। पूरा पैसा वसूल हो इसके लिए जरूरी था कि उसकी बुर कम से कम आध घंटा मेरे लण्ड से चुदे।
उसके जोर का धक्का लगाने की फ़रमाईश पर मैंने आठ-दस दमदार धक्के लगाए और धक्के पर रागिनी के मुँह से आह की आवाज आई।
मैंने रागिनी से कहा- आँख खोल और देख ना कौन चोद रहा है तुझे ! मुझसे आँख मिला, कुछ बात कर ना। रन्डी हो तो थोड़ा रन्डीपना दिखा।
उसे मेरी बात से ठेस पहुँची शायद ! पर वो आँख खोल कर बोली- हाँ साले बेटीचोद, लूट मजा मेरी चूत का साले। मेरे बाप की उमर का होकर साले, मुझे चोद रहा है?
मुझे उसकी गालियों से जोश आ गया- चुप साली ! फाड़ दूँगा तेरी चूत आज ! साली कुतिया ! मुझे बेटी-चोद बोलती है ! बाप से चुदा-चुदा के जवान हुई है साली और मुझे बोल रही है बेटी चोद... ? ले साली चुद, और चुद, और चुद, रन्डी साली।
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