मेरा योंन शोषण
Re: मेरा योंन शोषण
मैं शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी। विक्की का हाथ मेरी शर्ट के अंदर था और मेरे नग्न उरोजों के साथ जी भर के खेल रहा था। मैं अपनी कक्षा की उन गिनी चुनी लड़कियों में से थी जो ब्रा पेहेन के आती थी। हाला की सोनल प्रीत मुझसे 2 कक्षा आगे थी परन्तु मेरे उरोज उसके उरोजो को अभी से टक्कर दे रहे थे।
विक्की ने मेरी ब्रा में हाथ डाला हुआ था और मेरे चिकने मम्मे कस कस से निचोड़ने में लगा हुआ था। मेरी हालत खराब होती जा रही थी, योनी से रस बह बह के पेंटी को गीली कर चूका था। सांसें उखाड़ने लगी थी हवस के सैलाब में। उधर मेरी दाएँ ओर बेठी सोनल प्रीत की हालत मुझसे भी खराब थी। योगी कभी सोना के होंठ चूसता तो कभी अपना मूंह उसके मम्मों पे रख देता जिन्हें वोह ब्रा से बाहेर निकाल चूका था। सोनल के निप्पल मूंह में लेके वोह चूसे जा रहा था और सोनल प्रीत के चेहरे पे हवस के रंग साफ़ झलक रहे थे।
हमारे आस पास भी येही सब चल रहा था। जवान जोड़े अपनी रंग रलियों में बेखबर योंन सुख का आनंद ले रहे थे । अब योगी ने अपनी अगली चाल चलते हुए ज़िप खोल के अपने लिंग को बाहर निकाल लिया। सोनल प्रीत ने भी झट से उसके 4इंची लिंग को थाम के मसलना शुरू कर दिया। उनको देख विक्की केसे पीछे रहता, उसने भी ज़िप खोली और अपना विशाल लंड बाहर निकाल लिया। उफ्फ्फ में उसका लंड देखते ही परेशान हो गई क्युकी वह योगी के लिंग से 2 इंच लम्बा ओर दोगुना मोटा था। उसका लंड अभी से कॉलेज के लडको के साइज़ का हो गया था। मैंने अपने कांपते हुए हाथ उसके लंड पे रख के महसूस किया की उसके लंड में आग जेसी गर्मी और दिल जेसी धड़कन थी। मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही विक्की का लंड उछल उछल के हिलने लगा।
विक्की ने मेरी ब्रा में हाथ डाला हुआ था और मेरे चिकने मम्मे कस कस से निचोड़ने में लगा हुआ था। मेरी हालत खराब होती जा रही थी, योनी से रस बह बह के पेंटी को गीली कर चूका था। सांसें उखाड़ने लगी थी हवस के सैलाब में। उधर मेरी दाएँ ओर बेठी सोनल प्रीत की हालत मुझसे भी खराब थी। योगी कभी सोना के होंठ चूसता तो कभी अपना मूंह उसके मम्मों पे रख देता जिन्हें वोह ब्रा से बाहेर निकाल चूका था। सोनल के निप्पल मूंह में लेके वोह चूसे जा रहा था और सोनल प्रीत के चेहरे पे हवस के रंग साफ़ झलक रहे थे।
हमारे आस पास भी येही सब चल रहा था। जवान जोड़े अपनी रंग रलियों में बेखबर योंन सुख का आनंद ले रहे थे । अब योगी ने अपनी अगली चाल चलते हुए ज़िप खोल के अपने लिंग को बाहर निकाल लिया। सोनल प्रीत ने भी झट से उसके 4इंची लिंग को थाम के मसलना शुरू कर दिया। उनको देख विक्की केसे पीछे रहता, उसने भी ज़िप खोली और अपना विशाल लंड बाहर निकाल लिया। उफ्फ्फ में उसका लंड देखते ही परेशान हो गई क्युकी वह योगी के लिंग से 2 इंच लम्बा ओर दोगुना मोटा था। उसका लंड अभी से कॉलेज के लडको के साइज़ का हो गया था। मैंने अपने कांपते हुए हाथ उसके लंड पे रख के महसूस किया की उसके लंड में आग जेसी गर्मी और दिल जेसी धड़कन थी। मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही विक्की का लंड उछल उछल के हिलने लगा।
Re: मेरा योंन शोषण
विक्की अपने हाथो से मेरे जिस्म को गरमा रहा था और मैं भी जोश में आ के तेजी से उसके लिंग पे अपने हाथ फिसला फिसला के योंन सुख ले रही थी। उधर सोना के हाथ तेजी से योगी का हस्त मैथुन कर रहे थे कि तभी योगी के लिंग से सफ़ेद घाढा दही जेसा माल पिचकारी मारता हुआ छूट गया और सोनल प्रीत के हाथों को भर गया। इधर मैं जोश से भर गयी और तेजी से विज्क्य के लंड की सेवा करने लगी। कुछ पलों में विक्की ने भी अपनी पिचकारी छोड़ दी पर उसने मेरे सर को थाम के अपने लंड पे झुका लिया जिस कारण उसका माल मेरे हाथों से साथ साथ ठोड़ी और होंठो पे भी गिरा। पूरानी यादें ताज़ा हो गयी जब मेने अपने होंठो पे जीभ फेरी। वोही नमकीन सा स्वाद और चिपचिपा एहसास।
हमने अपने आप को संभाला और साफ़ सफाई करके बैठ गये। फिल्म ख़त्म हुई और हम सब बाहिर आ गये। मैं शर्म से सर झुका के चल रही थी पर सोना के चेहरे पे कोई शर्म नही थी। वह उन दोनों लड़कों से हस हस के बातें करती चलती रही। तभी विक्की ने मेरा हाथ थाम लिया और पुछा क्या बात है चुप क्यूँ हो। इसपे मेने विक्की की आँखों में आंखें ड़ाल के कहा कि यह सब ठीक नही जो हम कर रहे हैं। विक्की मुस्कुराया और बोला तुम मेरी गर्ल फ्रेंड बनोगी ? मैं ख़ुशी से फूले नही समा रही थी और मेने झट से सर हिला के हामी भर दी। शायद मुझे विकी से प्यार हो गया था
हमने अपने आप को संभाला और साफ़ सफाई करके बैठ गये। फिल्म ख़त्म हुई और हम सब बाहिर आ गये। मैं शर्म से सर झुका के चल रही थी पर सोना के चेहरे पे कोई शर्म नही थी। वह उन दोनों लड़कों से हस हस के बातें करती चलती रही। तभी विक्की ने मेरा हाथ थाम लिया और पुछा क्या बात है चुप क्यूँ हो। इसपे मेने विक्की की आँखों में आंखें ड़ाल के कहा कि यह सब ठीक नही जो हम कर रहे हैं। विक्की मुस्कुराया और बोला तुम मेरी गर्ल फ्रेंड बनोगी ? मैं ख़ुशी से फूले नही समा रही थी और मेने झट से सर हिला के हामी भर दी। शायद मुझे विकी से प्यार हो गया था
Re: मेरा योंन शोषण
सिनेमा के अंदर हुए अनुभव ने मुझे बोल्ड बना दिया था और अब मैं काफी खुल गयी थी। स्कूल और घर दोनों जगह विक्की मेरे साथ मस्ती करने का कोई मोका नही छोड़ता। विक्की के लिंग का हस्त-मैथुन करते करते और उस से निकले वीर्य का स्वाद लेते लेते 2 हफ्ते हो गये थे ।फिर एक दिन शनिवार को हाफ-डे स्कूल छुट्टी के बाद विक्की मुझे अपने घर ले गया।
वहां उसने मुझे अपना आलिशान 2 मंजिला बंगला दिखाया । उस समय वहां उसके नोकर के सिवा कोई ओर नही था। फिर अंत मैं जब पूरा बंगला अन्दर बाहर से देख लिया तो वह मुझे अपने मम्मी-पापा के बेडरूम ले गया । वहां उसने एक अलमारी खोली और किताबों के निचे से एक मैगज़ीन निकाली। मैं तब तक बिस्तर पे बेठ चुकी थी। विक्की ने वो रंगीन मैगज़ीन मेरे सामने रख के कहा यह ब्लू-मैगज़ीन हे।
मेने पहले कभी ब्लू-मैगज़ीन नही देखी थी पर देखने की इच्छा जरुर थी। मेने पहला पन्ना खोला तो दंग रह गयी। उसपे ढेर सारी तसवीरें थी जिन में अंग्रेज युगल जोड़े सम्भोग की अलग अलग क्रिया में दिख रहे थे। मेने विक्की की और देखा और मुस्कुराते हुए पुछा कि ये गन्दी मैगज़ीन कहा से लायी तो उसने बिलकुल बेबाकी से कह दिया की मम्मी पापा की हे। मैं हैरान हो गयी और 2 पल के लिए यह सोचने लगी कहीं मेरे मम्मी पापा भी तो ऐसी गन्दी मैगज़ीन नही देखते ? खैर मैं वापिस मैगज़ीन में खो गयी और पन्ने पलटा पलटा के सेक्स को नये तरीके से जानने लगी।
उसमे हस्त-मैथुन तो था ही, पर पहली बार गुदा-मैथुन, मुख-मैथुन और योनी-मैथुन के नज़ारे देखने को मिल रगे थे । ओर साथ ही साथ एक मर्द-दो लडकियां या एक लड़की-दो मर्द एकसाथ सेक्स करते देखने को मिले। यह सब देख देख के मेरी हालत का अंदाज़ा आप सब लगा ही सकते हो, एक तो कच्ची उम्र उपर से बॉय-फ्रेंड का साथ । मेरी योनी गीली हो चुकी थी और जिस्म हवस की गर्मी से लाल हो गया था। विक्की भी शायद इसी मकसद से मुझे अपने घर लाया था और अब मेरी हालत से उसको मेरे किले में अपना झंडा गाड़ के जीत का जशन मानाने का आसान मोका दिख रहा था।
वहां उसने मुझे अपना आलिशान 2 मंजिला बंगला दिखाया । उस समय वहां उसके नोकर के सिवा कोई ओर नही था। फिर अंत मैं जब पूरा बंगला अन्दर बाहर से देख लिया तो वह मुझे अपने मम्मी-पापा के बेडरूम ले गया । वहां उसने एक अलमारी खोली और किताबों के निचे से एक मैगज़ीन निकाली। मैं तब तक बिस्तर पे बेठ चुकी थी। विक्की ने वो रंगीन मैगज़ीन मेरे सामने रख के कहा यह ब्लू-मैगज़ीन हे।
मेने पहले कभी ब्लू-मैगज़ीन नही देखी थी पर देखने की इच्छा जरुर थी। मेने पहला पन्ना खोला तो दंग रह गयी। उसपे ढेर सारी तसवीरें थी जिन में अंग्रेज युगल जोड़े सम्भोग की अलग अलग क्रिया में दिख रहे थे। मेने विक्की की और देखा और मुस्कुराते हुए पुछा कि ये गन्दी मैगज़ीन कहा से लायी तो उसने बिलकुल बेबाकी से कह दिया की मम्मी पापा की हे। मैं हैरान हो गयी और 2 पल के लिए यह सोचने लगी कहीं मेरे मम्मी पापा भी तो ऐसी गन्दी मैगज़ीन नही देखते ? खैर मैं वापिस मैगज़ीन में खो गयी और पन्ने पलटा पलटा के सेक्स को नये तरीके से जानने लगी।
उसमे हस्त-मैथुन तो था ही, पर पहली बार गुदा-मैथुन, मुख-मैथुन और योनी-मैथुन के नज़ारे देखने को मिल रगे थे । ओर साथ ही साथ एक मर्द-दो लडकियां या एक लड़की-दो मर्द एकसाथ सेक्स करते देखने को मिले। यह सब देख देख के मेरी हालत का अंदाज़ा आप सब लगा ही सकते हो, एक तो कच्ची उम्र उपर से बॉय-फ्रेंड का साथ । मेरी योनी गीली हो चुकी थी और जिस्म हवस की गर्मी से लाल हो गया था। विक्की भी शायद इसी मकसद से मुझे अपने घर लाया था और अब मेरी हालत से उसको मेरे किले में अपना झंडा गाड़ के जीत का जशन मानाने का आसान मोका दिख रहा था।