अरे क्यों नहीं भाई ! आओ, तुम्हारे लिए तो यह बहुत प्यासी है ! मेरे छोटे से लिंग को यह बहुत मजेदार समझती है। मैं भी इसको बताना चाहता था कि इस दुनिया में अलग-अलग लिंग का मजा क्या होता है !
आओ और इसको मजा दो !
इतना कहना था कि मनोज नीचे आया और एक ही बार में मेरी चूत को फाड़ते हुए अपना लिंग अंदर डालने लगा।
मेरे मुँह से आवाज निकल गई- आह ! मैं मर गई ! अरे मनोज, धीरे ! बहुत दर्द हो रहा है !
ये बोले- तब ही तो मजा आएगा
! थोड़ी देर में मजा आने लगा। मनोज जोर-जोर से करने लगा, मैं झड़ गई पर वो अभी तक अपने वार कर रहा था।
अब इन्होंने कहा- रुको मनोज ! कंडोम लगा लो यार !
मनोज ने कंडोम लगाया और फिर शुरू हो गया।
वो भी थोड़ी देर बाद झड़ गया। मैं भी उसके साथ एक बार और झड़ गई।
अब ये आ गये- क्यों जानू? कैसा लगा मेरे भाई के साथ सेक्स ?
मैंने कहा- मजा आ गया ! पर अब तुम्हारा छोटा पड़ेगा !
मैंने ऐसे ही मजाक में कहा था।
ये बोले- अरे कोई बात नहीं ! मनोज आता रहेगा ना तुमको मजा देने के लिए ! तुम चिंता मत करो ! क्यों मनोज? आओगे या नहीं अपनी भाभी के लिए?
अरे भैया ! यह आप क्या कह रहे हैं ! आप कहें तो मैं भाभी के अंदर से कभी बाहर ही ना निकालूँ ! मुझे आज जन्नत मिल गई है भाभी जैसी औरत पाकर ! मैं कभी शादी भी ना करूँ अगर भाभी मेरे साथ सेक्स करें और आप करने दो तो !
अरे क्यों नहीं मनोज ! आज से यह हम दोनों की है ! तुम जब चाहो, तब कर सकते हो ! मेरे तरफ से तुम आज़ाद हो ! क्यों नीता ? तुम मना करोगी क्या मनोज को?
अरे नहीं ! कभी नहीं ! मुझे बहुत मजा आया।
और इन्होंने भी झटके देना चालू कर दिए। मुझे तो इनके लिंग का अहसास ही नहीं हो रहा था मनोज का लिंग लेने के बाद। पर मैं फिर से झड़ने वाली थी और वो भी मेरे साथ ही झड गए !
आज मेरे पति ने मुझे दूसरे लिंग का अहसास कराया।
अब मुझे और लिंग देखने का मन होने लगा, मैंने कहा एक दिन अपने पति से- क्यों, और दूसरे लिंग और तरह के होते हैं?
ये बोले- तुमको और लिंग देखना है क्या ?
मैंने कहा- हाँ !
ये बोले- तो ठीक है ! मैं तुम्हारे लिए नए लिंग की कोशिश करता हूँ पर फिर मनोज और मेरा क्या होगा?
अरे आपको और मनोज को मैं हमेशा ही खुश करुँगी पर कोई नया लिंग देखने का मन है, अगर आप दिखाना चाहो तो ! वो बोले- जानू क्यों नहीं ! मेरे साथ एक है जो बाबू का काम करता है ! और बहुत सेक्सी है !