मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

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sexy
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Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:10

मैं जूली से रोमांस भी कर रहा था… ऐसे में कोई हमको देख लेता तो शायद उसका पजामा गीला हो जाता]

यूरिन से नहीं बल्कि……….हा हा हा ….

मेरे खिडकी खोलने पर भी जूली ने कुछ नहीं कहा वल्कि हामी भरी…

जूली अहा कितनी गर्मी हो गई है ना… अच्छा किया आपने… थोडा सर्फ़ोकेशन दूर होगा…

मैंने उसको अपनी और करके उसके लाल रसीला लवों को अपने होठों में दबा लिया…

जूली ने भी अपने होठो को खोलकर और उचककर मेरे चुम्बन का जबाब दिया….

जूली की पीठ खिडकी की ओर थी और वो आँखे बंद कर मेरे चुम्बन में व्यस्त थी….

मेरे हाथ उसकी नग्न चिकनी पीठ से फिसलते हुए उसके चूतड़ तक पहुँच गए….

तभी एक पल के लिए मेरी आँख खुली….वैसे तो वाहर पूरा अँधेरा था… मगर मुझे एक पल को लगा की जैसे कोई वहाँ खड़ा है….

क्युकि मुझे सिगरेट की चिंगारी जलती नजर आई…

??????? कौन है वो ..????..

मैं पीछे से जूली के चूतड़ों को चाटता हुआ उसके दोनों भागो को हाथ से खोल जूली की गुलाबी दरार पर अपनी जीभ फिराते हुए उसके सुरमई छेद को अपनी जीभ की नोक से कुरेदता हूँ]

आअह्ह्ह्हाआआआआआ ह्ह्ह्ह्हाआआआ

जूली जोर से सिसकारी लेती है…..जूली का मुँह पूरी तरह खिड़की की तरफ था]

हम खिड़की से मात्र कुछ फिट की दूरी पर ही थे]

जूली ने एक हाथ अपना किचिन की स्लेप पर रखा था और दूसरे हाथ से अपने मम्मो को मसल रही थी….

मैं अपनी जीभ को उसकी चूत की ओर ले जाते हुए केवल ये सोच रहा था कि उस बेचारे का क्या हाल होगा……

उसको जूली की चूची बो भी उसके द्वारा खुद मसलती हुई न जाने कैसी लग रही होंगी….

और इस समय तो उसको जूली की चूत भी साफ़ दिखाई दे रही होगी…वो भी मचलती हुई…क्युकि जूली लगातार अपनी कमर घुमा रही थी…

तभी मैंने अपनी जीभ उसकी रस से भरी हुई चूत में घुसेर दी…..

जूली आआआऔऊऊऊऊऊऊ क्या करते हो डॉलिंग ..

मैं एक और काम करता हूँ….पता नहीं आज इस साले दिमाग में आईडिया भी कहाँ से आ रहे थे…

मैं जूली की दायीं पैर को उठा अपनी गोद में रख लेता हुआ…जिससे उसके दोनों पैरों में अच्छा खासा गेप बन जाता है….

उसकी चूत पीछे से तो खुल ही जाती है …. जिससे मेरी जीभ आसानी से उसको छोड़ने लगती है…

मगर मैं ये सोच रहा था की सामने से उसकी चूत कितनी खिली हुई दिख रही होगी….

कमाल तो ये था कि जूली को पता था वो अजनबी आदमी ठीक उसके सामने खड़ा है…. पर वो बिना किसी रूकावट के चूत चटवाते हुए सिस्कारियां निकाल रही थी…..

करीब १० मिनट तक उसकी चूत का सारा रस चाटने के बाद मै फिर से उठकर उसको चूमता हूँ और उसका मुँह नीचे पाने लण्ड कि और करता हूँ….

बस एक बार जूली अपनी आँखों के इशारे से मन सा करती हो और खिड़की ओर देखती है]

परन्तु जैसे ही मैं उसको फिर से नीचे करता हूँ वो अपने घुटनो पर पर बैठ जाती है और मेरे लण्ड को अपने हातों से पकड़, अपनी गीली जीभ बाहर निकाल चाटती है ….

और कुछ ही देर में लड़ को मुँह में ले चूसने लगती है ..

मैं अह्ह्ह्हाआआआ आआअ ऊऊओ मजा लेते हुए उसकी ओर देखता हूँ कि वो तिरछी नजरों से खिड़की कि ओर देख रही थी…..

एक तो बला की खूबसूरत, पूरा नंगा जिस्म वो भी सेक्सी तरीके से लण्ड चूसते हुए …..तिरछी नजर से किसी अजनबी को ढूंढ़ते हुए वो क्या मस्तानी दिख रही थी…

मैं भी उसका अनुसरण करते हुए उधर बिना किसी प्रतिक्रिया के देखा हूँ]

अर्र्र्र्र्र्र्र्र्रीईईईए ये क्याआआआ वो महाशय तो बिलकुल खिड़की से निकट खड़े थे……वो अव खिड़की से बाहर जाती रोशनी की जद में थे…..

तो आसानी से दिख गए…. जरुर जूली को भी नजर आ गए होंगे…मगर उसने अपना कार्य (लण्ड चुसाई) में कोई रुकाबट नहीं की….

बल्कि मेरे लण्ड को अपने ही थूक से और भी गीला किया और भी मस्ती से चूसने लगी…सेक्स उसके सर चढ़कर बोल रहा था….

मैं खड़ा था तो मुझे उस आदमी का निचला भाग ही दिख रहा था……. उसने अपना पजामा नीचे खिसकाया हुआ था और हाथ से लण्ड को मसल रहा था या फिर मुठ मार रहा था]

माई गॉड आज एक अजनबी आदमी मेरे सामने मेरी ही नंगी बीवी को देख मुठ मार रहा है…..और उसको देख मेरे लण्ड भी लावा उगलने जैसा हो गया…

मैं जल्दी से उसके मुँह से अपना लण्ड बाहर खीच लेता हूँ ……और अब चुदाई के बारे में सोचने लगता हूँ की कैसे चोदुं की हम दोनों को भी मजा आये और उसको भी जो बेचारा हाथ से लगा है ….

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Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:10

ओह सॉरी और आपको भी ना जो मुझको को पता नहीं कैसे कर रहे होंगे…
हो सके तो अपने सुझाव भी देना…………..

हमारी ये चुदाई शायद सबसे ज्यादा रोमांचित केर वाली और मेरी अब तक की बेस्ट चुदाई होने वाली थी]

छुपकर और छुपाकर ना जाने कैसे-कैसे चुदाई की थी मगर इस तरह की अपने ही घर पर अपनी ही सेक्सी बीवी को पूरा नंगा कर किचिन में एक अजनवी आदमी के सामने लाइव शो करते हुए इस तरह चोदना मेरे को बहुत ही उत्तेजित कर रहा था….

मैंने जंद न झरने के कारण गपपपपपप की आवाज के साथ अपना लण्ड उसके मुँह से निकल लिया….जूली बड़े ही सेक्सी आँखों से मुझे देखती हुई खड़ी हो गई..

उसके बाएं हाथ में मेरा लण्ड अभी भी खेल रहा था…

उसने मेरे को ऐसे देखा कि अब क्या….मैंने बाएं हाथ से उसकी चूत को दो ऊँगली से बड़े प्यार से सहलाते हुए चोदे का इशारा दिया…

उसने मेरे लण्ड को अपने मुलायम हाथ से आगे से पीछे तक पूरे लण्ड पर फिराते हुए, अपनी बड़ी-बड़ी झील जैसी आँखों को नचाया…..

जैसे पूछ रही हो कि कहाँ और कैसे…..

मैंने उसके होंठो पर एक जोर दार चुम्मा लेते हुए उसे कहा …

मैं जान आज एक नया रोमांच करते हैं क्यों ना यहीं किचिन में ही चुदाई करें….

जूली नहीं जानू, चलो ना बेडरूम में चलते है वहीँ ….

मैंने फिर से उसके होंठो को अपने होंठों में दबा लिया…वो बराबर मेरे लण्ड को सहलाकर…चुदाई का इन्तजार कर रही थी…..

मैं अरे नहीं जान यहीं….

जूली अच्छा ठीक है फिर खिड़की बंद कर दो ….

तभी हम दोनों को लगा जो खिड़की के बॉट निकट खड़ा था… वो थोडा खिसक कर पीछे को हो गया..

मैंने जूली के चेहरे पर एक सेक्सी मुस्कराहट नजर आई…

अब मैंने उसको स्लेप कि और इशारा किया …

वाओ जूली ने खुद चुदाई का तरीका ढूंढ लिया था ..ये वैसे भी उसका पसंदीदा तरीका था….

वो बिलकुल खिड़की के पास ही स्लेप पर दोनों हाथ टिकाकर….अपने सेक्सी चूतड़ों को उठाकर झुककर खड़ी हो हो गई…

उसका पिछला हिस्सा चीख-चीख कर कह रहा था कि आओ इसमें किसी भी छेद में अपना लण्ड डाल दो…

बस मैंने कुछ नहीं सोचा…और उसकी पतली कमर पर दोनों हाथ टिकाकर उसे दबाते हुए अपना तना हुआ लण्ड उसके पीछे से चिपका दिया…

और मैं खिड़की के बाहर उस शख्स को ढूंढ़ने की कोशिश करने लगा….जो शायद एक साइड में ही खड़ा था…..

तभी जूली ने खुद ही, वो अपने सीधे हाथ को नीचे अपनी जांघो के बीच ले गई…. और थोडा सा झुककर मेरे लण्ड को पकड़ अपने चूत के छेद के मुहाने पर रख अपनी ऊँगली के नाखून से लण्ड को कुरेदा…

जो मेरे लिए धक्का लगाने का संकेत था… तभी मुझे वो जनाव भी दिख गए…

वो बहुत मजे से बिलकुल कोने में बैठे …खिड़की की जाली से पूरा मजा ले रहे थे…उसकी नजर हमारी ओर नहीं थी वो सीधे जूली की चूत को बदस्तूर घूर रहे थे…

बस यही वो समय था जब मैंने अपनी कमर को एक झटका दिया….

हाआप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प् की आवाज के साथ मेरे लण्ड का सुपाड़ा चूत में चला गया…..जूली ने हलकी सी सिसकी के साथ अपने चूतड़ और भी ज्यादा पीछे को उभार दिए….

मैंने इस बार थोडा और तेज धक्का लगाया और पूरा लण्ड उसकी चूत में समां गया….

जूली अहा!

अब मैंने जूली की ओर देखा, साधारणतया वो बहुत तेज सिसकारी लेती है…..मगर आज केवल अहा! ..

ऐसा नहीं कि दर्द के कारण वो ऐसा करती हो….वल्कि उसको बेडरूम में चुदाई के समय सेक्सी आवाजें निकलने अच्छा लगता था…

और वो ये भी अच्छी तरह जानती थी कि इस तरह की आवाजों से उसका साथी ज्यादा उत्तेजित हो और भी तेज धक्के लगाकर चुदाई करता है ….

मगर आज हलकी आवाज का कारण वो आदमी था..

मैंने देखा जूली बिना पलक झपकाए उसको देख रही है जो ऐसा लग रहा था कि बिलकुल हमारे सामने बैठा हो …

वो खिड़की के कोने में नीचे बैठा हुए…जाली से चिपका था…और कम्बख्क के नजर पूरी तरह जूली के चूत पर ही थी…

उसने उसकी चूत में मेरे लण्ड को घुसते हुए पूरा साफ़ देखा होगा….

पर मेरी नजर तो जूली पर थी..न जाने वो क्या सोच रही थी …उसकी नजर उस शख्स पर ही थी…मगर वो अपना कोई अंग छुपाने कि कोई कोशिश नहीं कर रही थी …..वल्कि और भी ज्यादा दिखा रही थी….

ना जाने उसकी ये कैसी उत्तेजना थी…जो उसे ये सब करने को प्रेरित कर रही थी]

अब मैंने लयबद्ध तरीके से उसकी कमर को पकड़ धक्के लगाने शुरू कर दिए….

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Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:11

अहहहआआ ओहूऊओ ओह अहा ह्ह्ह्ह ओह्ह ह्ह्ह्ह

अह्ह्हा अह्ह्ह ओह्ह्ूओ हम दोनों ही आवाज के के साथ चुदाई कर रहे थे……

और वो अजनबी हमारे हर धक्के का मजा ले रहा था, मुझे पूरा यकीं था कि वो जिस जगह बैठा था उसको मेरा लण्ड चूत में अंदर बाहर जाता साफ़ दिख रहा होगा]….

ये सोचकर मेरे धक्को में और भी ज्यादा गति आ गई और जूली की सिस्कारियों में भी …..

अहहआआआआआआआआ ओह ह्ह्हह्हह्हह्हह्ह

आआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआअ

ऊऊऊऊऊओ ओह्ह ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह

हम पर तो इन आवाजों का पूरा असर हो रहा था पता नहीं उस पर हो रहा था या नहीं….

५ मिनट बाद जूली खुद पोजीशन बदलने को बोलती है और घूमकर …स्लेप पर बैठ जाती है वो बड़े स्टाइल से अपने दोनों पर खोलकर अपनी चूत का मुँह मेरे लण्ड के लिए खोल देती है…

मैं उसकी रस टपकती चूत को हाथ से सहला एक बार जीभ से चाटता हूँ….

और इस बार सामने से उसकी चूत में अपना लण्ड एक ही झटके में डाल देता हूँ…..

आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआ आआआआ

ओहो हो हो ह्ह्हह्हह्हह्हह्ह अह्हा अह्हा हां

मगर इस तरह मुझे लगा की उस बेचारे को अब केवल एक साइड ही दिख रही थी…….

मैंने जूली की दोनों टांगो के नीचे हाथ डाल उसको अपनी गोद में ले लिया….

हाँ इस सब में मैंने लण्ड एक इंच भी बाहर नहीं आने दिया…. और अब जूली मेरी गोद में लण्ड पर बैठी थी ..

मैं उसको ऐसे ही पकडे हुए खिड़की की और घूम गया..

जूली मेरे से चिपकी थी और उसकी पीठ खिड़की की ओर थी ….

अब बो शख्स आसानी से चूत में लुण्ड को आता जाता देख सकता था…

और मैंने फिर अपनी कमर हिलनी शुरू की..इस बार जूली भी मेरा साथ दे रही थी वो भी मेरे लण्ड पर कूदने लगी….

अह्हा ओह ह्ह्ह्ह आह आए ह्ह्ह्ह ओह ओह ह्ह्ह

दोनों तरफ से धक्के हम दोनों ही झेल नहीं पाये और जूली ने मुझे जकड़ लिया …

मैं समझ गया कि उसका खेल ख़तम हो गया मेरा भी निकलने ही वाला था…

मैंने उसको फिर से स्लेप पर टिका दिया….. और अपना लण्ड बाहर निकाल सारा माल उसके पेट और चूची पर गिरा दिया……

हमने अभी सांस भी नहीं ली थी कि तभी बाहर से किसी महिला कि आवाज आई ….

कोई अनजान महिला अजी सुनते हो कहाँ हो ….??????????????

आवाज का असर तुरंत हुआ……वो अजनबी जल्दी से सामने वाले फ्लैट की ओर लपका और साथ ही…

श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ही कर रहा था जैसे उस महिला को चुप करा रहा हो…..

और जूली पूरी तरह खिड़की से चिपकी थी] उसको उस आदमी के बारे में जानने की कुछ ज्यादा ही उत्सुकता थी]

उसको इस बात का भी ख्याल नहीं था की हम रोशनी में हैं और बाहर वाले को अंदर का सब दिख रहा होगा..

जूली किस अवस्था में थी ये तो आप सभी को पता ही है…..

तभी जूली के मुख से आवाज निकली…..

जूली अरे ये तो तिवारी आंटी थीं…….

मैं क्याआआआआ

जूली जरूर ये तिवारी अंकल ही होंगे…..मैंने पहले भी उनको कई बार इस जगह घूमते और स्मोक करते देखा है….

वो पूरी तरह स्योर थी…..

तिवारी अंकल एक रिटायर्ड अफसर थे] वो ३ साल पहले सेल्स इंस्पेक्टर से रिटायर हुए थे] अंकल और आंटी दोनों ही यहाँ रहते थे]

अंकल तो ६५ साल के थे पर आंटी जिनको मैं और जूली भाभी ही कहकर बुलाते थे…शायद ४० की ही थीं..

तिवारी अंकल की वो दूसरी बीवी थीं … पहली बीवी शायद बीमारी के कारण स्वर्ग सिधार गई थी….

उनकी दूसरी बीवी जिनका नाम शीला भाभी है, बहुत खूबसूरत थी, उन्होंने खुद को बहुत मेन्टेन कर रखा था…..

by chance मैंने और जूली दोनों है एक बार उनको बिना कपड़ो के भी देख लिया था….लेकिन वो किस्सा बाद में अगर आप लोगों ने कहा तो……

तिवारी अंकल के दो ही बेटियां थीं एक की शादी तो उन्होंने कनाडा की है और दूसरी अभी MBA कर रही है….

दोनों ही उनकी पहली पत्नी से हैं… और बहुत ही मॉडर्न एवं खूबसूरत…..

ये उनका थोड़ा सा परिचय था….चलिए यथार्थ में लौटते हैं…………..

मैं जूली को गोद में उठाकर नीचे उतरता हूँ…वो मेरे सीने से चिपकी हंस रही थी…..

मैं हँसते हुए…..चलो यार आज तुम्हारी वजह से तिवारी अंकल कुछ तो गर्म हुए होंगे…..
और शीला भाभी की सुलगती जवानी पर कुछ तो आराम मिलेगा…हाहाहा

जूली तुम भी ना …मैं तो ये सोच रही हूँ …कि कल मैं उनका सामना कैसे करुँगी…..

मैं क्या जान तुम क्यों शरमा रही हो …तुम तो पहले कि तरह ही बिंदास रहना….उनको पता ही नहीं होने देना कि हमने उनको देखा….

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