मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

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sexy
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Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:11

जूली हाँ हाँ आप तो रहने ही दीजिये….आपको क्या पता …पहले ही उनको नजर मेरे को चुभती रहती थी …हमेशा मेरे कपड़ो में ही देखते रहते थे…

और आज तो उन्होंने सब कुछ देख लिया…. अब तो जब भी दिखेंगे ऐसा लगेगा जैसे कपड़ो के अंदर ही देख रहे हों….

मैंहम्म्म जान,
मुझे तो डर है कि कहीं इधर उधर कुछ गलत न कर दें …ऐसे आदमियों का क्या भरोसा अब जरा ध्यान रखना….

जूली अरे नहीं, वो तो आप रहने दो …. उतनी हिम्मत तो किसी की नहीं…..बस मुझे जरा सी शरम ही आएगी जब भी उनके सामने जाउंगी….

मैं छोडो भी यार, अब किस बात की शर्म सब कुछ तो उन्होंने देख ही लिया ही… अब तो उनको टीस करना यार….

जूली हाँ ये भी ठीक है…मैं तो उनकी शर्मिंदी का ही मजा लुंगी….जूली ने कास कर मुझे चूम लिया…
अच्छा आप फ्रेश हो लो मैं दूध और ड्राई फ्रूट्स लाती हूँ ..

मैं उसके चूची को मसलता हुआ …

मैं ये तो पहले से गरम हैं जान यही पिला दो…

जूली मेरे बालों को नोचते हुए… ये सब तो आपका ही है जानू …. जितना चाहे पी लेना …पर अब आप फ्रेश तो हो….

मैं उसकी चूत में ऊँगली करते हुए …क्यों तुमको नहीं फ्रेश होना…

जूली हाँ हाँ बस आप चलो, मैं ये निपटाकर आती हूँ…

मैं जरा ध्यान से कहीं तिवारी अंकल न आ जाएँ…
हाहाहा

जूली हाँ बहुत दम है ना उनमें…उनको तो शीला भाभी ने ही निपटा दिया होगा…और क्या पता वहां भी ढेर हो गए हों ….मैं तो बेचारी उनके बारे में ही सोच रही हूँ…..

अच्छा अब आप जाओ न बहुत रात हो गई है…

और मैं अपनी अंगी बीवी को किचिन में छोड़ अपने बैडरूम में आ बाथरूम में घुस जाता हूँ…

वाकई बहुत मजेदार रात थी …मेरे दिमाग में अब आगे के विचार चल रहे थे……

इस जबरदस्त चुदाई के बाद रात भर जूली मेरे से चिपकी रही, और बिस्तर पर नंगे चिपककर सोने का मजा ही अलग है]

सुबह जूली जल्दी उठ जाती है, वो सभी घरेलु कार्य बहुत दिल से करती है……

वो जब उठी तो आज पहली बार मेरी आँख भी जल्दी खुल गई…या यूँ कहिये कि मैं बहुत सोच रहा था कि कैसे अब सब कुछ किया जाये….

जूली ने धीरे से उठकर मेरे चेरे की ओर देखा फिर मेरे होंठों को चुम लिया….

उसने बहुत प्यार से मेरे लण्ड को सहलाया और झुककर उसपर भी एक गरम गरम चुम्बन दिया…

उसके झुकने के कारण पीछे से उसके मस्त नंगे चूतड़ और चूतड़ के बीच झलक रही गुलाबी, चिकनी चूत देख मेरा दिल भी वहां चूमने का किया….
पर मैंने अपनेआप पर कंट्रोल किया और सोने का बहाना किये लेटा रहा…..

मैं बंद अधखुली आँखों से जूली को देखते हुए अपनी रणनीति के बारे में सोच रहा था….कि मस्ती भी रहे और इज्जत भी बनी रहे….

जूली मेरे से खुल भी जाए….वो मेरे सामने मस्ती भी करे परन्तु उसको ये भी ना लगे कि मैं खुद चाहता हूँ कि बो दूसरे मर्दों से चुदवाये…..

पता नहीं मेरे ये कैसे विचार थे कि दिल मेरी प्यारी बीवी को दूसरे मर्दों की बाँहों में देखना भी चाहता था…
उसको सब कुछ करते देखना चाहता था…

पर ना जाने क्यों एक गहराई में एक जलन भी हो रही थी …. कि नहीं मेरी बीवी की नाजुक चूत और गांड पर सिर्फ मेरा हक़ है…इस पर मैं कोई और लण्ड सहन नहीं कर सकता….

लेकिन इंसान की इच्छा का कोई अंत नहीं होता और वो उसको पूरी करने के लिए हर हद से गुजर जाता है…

जूली को भी दूसरी डिशेस अच्छी लगनी लगी थीं..उसने भी दूसरे लण्डों का स्वाद ले लिया था…

वो तो अब सुधर ही नहीं सकती थी…अब तो बस इस सबसे एक सामजस्य बनाना था….

ट्रिनन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न ट्रीन्न्न्न्न्न्न्न्न
तभी घंटी बजने की आवाज आई…

जूली बाथरूम में थी वो फ्रेश होने गई थी ,,, मैं उठने ही जा रहा था कि फ्लशह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज आई …

मतलब जूली ने भी घंटी की आवाज सुन ली थी…

मैंने सोचा ना जाने कौन होगा? …..

जूली वैसे ही नंगी बाथरूम से बाहर आई ….मैं फिर से सोने का बहाना कर लेट गया ….और सोचने लगा..

क्या जूली ऐसे ही या कैसे दरवाजा खोलेगी…और इस समय कौन होगा…..

इतने समय में मैंने कभी घर के किसी कार्य से कोई मतलब नहीं रखा था….जूली ने सबकुछ बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित किया हुआ था…..

जूली नंगी ही बाहर की तरफ बड़ी …..

मैं आश्चर्यचकित था कि ये क्या ऐसे ही दरवाजा खोलेगी …..और सुबह सुबह आने वाला है कौन ..

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Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:11

कोई पुरुष या महिला ……मैं सब कुछ से अनजान था …

मैं चुपके से उठकर बैडरूम से दरवाजे के पीछे से देखता हूँ….

जूली अपना रात वाला गाउन उठा कर पहन रही थी …अरे भाई वो रात किचिन में ही रह गया था…

मगर गाउन तो उसका पूरा पारदर्शी ही था…..और उसने नीचे ब्रा या कच्छी नहीं पहनी थी….

उसके सभी कोमल अंग बड़े सेक्सी अंदाज में अपनी उपस्थिति बता रहे थे….

मैं उसकी हर अदा और हर हरकत पर नजर रखे था…

उसने दरवाजा खोला …..सामने एक लड़का था …
ओह वो कॉलोनी कि दूकान में ही काम करता है…
अंडे और ब्रेड लेकर आया था….

वो मुस्किल से ******* (***Edited***) साल का ही होगा….

मगर मैंने उस लड़के कि आँखों में भी जूली को देखने कि एक चमक देखी…..

कोई और समय होता तो शायद मैं जूली को ऐसे कपड़ों में दरवाजा खोलने पर डांटता…. पर अब स्थिति बदल गई थीं …..

मैंने देखा जूली ने बाहर किसी से मॉर्निंग भी कहा …कौन था ये नहीं पता……

फिर बो अंदर आ फिर किचन में चली गई ….मेरे कुछ आवाज करने से उसको पता लग गया कि …मैं जाग गया हूँ …

मैंने देखा उसने सामान किचिन में रख मेरी लुंगी जो किचिन में ही थी… उठा अपने ऊपर कन्धों पर डाल ली…

इसका मतलब वो अब भी मेरे से घबरा रही थी..कि कहीं मैं उसको ऐसे कपड़ों के लिए डाँटूगा ….अब उसको क्या पता था कि मैं बहुत बदल गया हूँ…

मैंने सब विचारों का परित्याग कर केवल अब ये सोचा कि जूली को अपने लिए बहुत खोलूंगा..उसको इस सबमे अगर मजा आता है ….तो मैं भी उसका साथ दूंगा….

पर शायद चुदाई जैसी बात तक नहीं बढूंगा … वरना बात बिगड़ भी सकती हैं…..

क्युकि मेरे अनुसार फिर शायद जूली बहुत खुलकर सबकुछ करने लगेगी और उसको मेरी बिलकुल परवाह नहीं रहेगी और हो सकता है फिर वो मेरी इज्जत भी ना करे….

तो यहाँ तक तो ठीक है ….मगर उसको इस सबके लिए खोलने में भी समय तो लगेगा ही ….और सब कुछ करने में जूली को तो बिलकुल बुरा नहीं लगने वाला …ये पक्का था…

इसकी सुरुआत तो रात की चुदाई से हो ही गया था…पर अब इतना करना था …कि जूली अपनी हर बात मुझसे करने लगे….

वो अपनी हर सेक्सी बात मुझे बताने लगे …..जिससे मेरे पीछे होने वाली घटनाएं भी मैं जान सकूँ….

अब मैं यही सब करना चाहता था… मैं नंगा ही फ्रेश हो किचिन में जूली की ओर बढ़ा…..

मैंने किचिन में जाते ही जूली को पीछे से बाँहों में जकड़ लिया]

मैं (जूली की गर्दन को चूमते हुए..) क्या कर रही हो जान…

मेरा लण्ड फिर खड़ा हो उसकी गांड में दस्तक देने लगा……

जूली क्या बात है जानू, कल से कुछ ज्यादा ही रोमांटिक हो रहे हो…..क्या बात है ….आज तक तो कभी किचिन में भी नहीं आये और अब हर समय यहीं ……जरूर कुछ तो बात है ….

मैं हाँ जान …..मैंने अब अपने काम को बहुत हल्का कर लिया है ….और अपनी जो सेक्ट्रेटरी रखी थी ना ..
नीलू …उसने बहुत काम संभाल लिया है …..

जूली ओह तो ये बात है, लगता है उसने मेरे बुद्धू राजा को रोमांटिक भी बना दिया है ….

उसने आँखे घूमते हुए बोला ….

केवल ऑफिस का काम ही ना ….फिर लण्ड को पकड़ते हुए ….कुछ और तो नहीं ना ….

मैं अचानक मेरे दिमाग में विचार आया …) और बोला ….क्या यार जूली ..तुम भी ना …..अब जब हर समय साथ है …तो सभी काम ही करेगी ना …

और वो तो मेरी पर्सनल सेक्ट्रेटरी है … (उसकी चूत को मसलते हुए) तो पर्सनल काम भी ….हाहाहा …

जूली ने मुझे धक्का देते हुए ….

जूली अच्छा जी …खबरदार …जो मेरा हक़ किसी को दिया तो …..वैसे भी वो छम्मकछल्लो कितना चमक धमक कर आती है ….

मैं क्या यार तुम भी ना ..कहाँ हक़ वक और पुरानी फैशन की बात करती हो ….अरे जान जरा बहुत मजा लेने में क्या जाता है ….कौन सा मेरा लण्ड घिस जायेगा या उसकी चूस ही पुरानी हो जाएगी …

जूली अब तो आप पागल हो गए हो ….लगता है आप पर भी नजर रखनी होगी …कहीं बाहर कुछ गड़बड़ तो नहीं कर रहे ….

मैं (उसके उखड़े मूड को देखते हुए …मामले को थोड़ा रोकते हुए) अरे नहीं मेरी जान बस थोड़ा बहुत मजाक …बाकि क्या तुमको लगता है कि मैं कुछ करूँगा..

जूली (मेरे होंठो पर जोरदार चुम्बन लेते हुए) हाँ मेरे राजा ..मुझे पता है… मेरा राजा और उसका ये पप्पू केवल मेरा है ….मगर उस कमीनी पर तो मुझे कोई भरोसा नहीं…

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Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:12

मैं अरे नहीं जानू क्यों उस बेचारी को गली दे रही हो .. कितना ख्याल रखती है वो मेरा …

जूली अरे तो मैं ख्याल रखने को कब मना कर रहीं हूँ ……लेकिन मेरा हक़ नहीं ….

मैंने जूली को कसकर अपनी बाँहों में ले लिया …अरे मेरी जान मैं और मेरा लण्ड हमेशा तुम्हारे हैं …किसी चूत में वो दम नहीं कि इ तुमसे छीन सकें…

जूली भी मुझसे चिपक गई … हाँ जानू मुझे पता है …थोड़ा बहुत तो सही है मगर (मेरे लण्ड को मुट्ठी में पकड़) ये मैं किसी के साथ नहीं बाँट सकती …

जूली अच्छा चलो अब जल्दी से तैयार तो हो जाओ…ये क्या ऐसे नंगु पंगु …यहाँ खड़े हो ….अच्छा मैं ये खिड़की बंद कर देती हूँ….. वरना सब हमारी रासलीला देख देखकर मजा लेते रहेंगे…

मैंने उसके कन्धों से अपनी लुंगी उठा बांधते हुए …क्या जान तुम भी …फिर से …. अरे कोई देखता है तो इसमें हमारा क्या नुक्सान है ….देखने दो साले को …

जूली ओह क्या करते हो …. मैंने अभी पुरे कपडे नहीं पहने …तो ….

मैं अरे तो क्या हुआ जान, हम अपने घर पर ही तो हैं, कौन सा कोई बाजार में नंगे घूम रहे हैं …. अब इन छोटी छोटी बातों को ना सोचकर केवल मजे लिया करो]

जूली अच्छा तो क्या अब खिड़की खुला छोड़कर नंगी घूमू …एक तो पता नहीं कल तिवारी अंकल ने ना जाने क्या क्या देखा होगा …मैं तो सोचकर ही शर्म से मरी जा रहीं हूँ…

मैं क्या अदा है मेरी जान की, अरे कुछ नहीं होता मेरी जान तुम तो नार्मल व्यबहार करना …. देखना वो ही झेपंगे…हाहाहा …..
और तुम इतनी खूबसूरत हो मेरी जान. तुमको पता है खूबसूरत चीजें दिखाई जाती हैं …ना की परदे में रखी जाती हैं….

जूली हाँ हाँ, मुझे पता है ये सब नीलू को देखकर ही बोल रहे हो ..कितने छोटे कपडे पहनकर आती है वो ..

मैं अरे यार फिर उसके पीछे…कपडे पहनने वाला नहीं ..वल्कि उसको गन्दी नजर से देखने वाला गन्दा होता है …ये तो तुम खुद कहती हो ना …

और मैंने कभी तुमको मना किया कुछ भी या किसी भी तरह पहनने को ….ये हमारा जीवन है चाहे जो खाएं ..या पहने …हमको दूसरे से क्या मतलब …

तुमको जो अच्छा लगे करो ना …

जूली आप दुनिया के सबसे प्यारे हस्बैंड हो …पुछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह मुुु हुुुु आआआआ उसने एक लम्बा चुम्मा लिया …

मैं वो तो मैं हूँ, मगर मेरी रानी भी काम नहीं है ….मैंने भी उसको अपने से चिपका लिया ….तो जान अब इन खिड़की या दरवाजे से मत डरना …

हमको किसी से मतलब नहीं, हम अपनी लाइफ मजे करेंगे …..और हाँ जो कुछ भी होगा वो एक दूसरे को भी बताएँगे ….चाहे जो हो …

जूली अरे तो मैं कहाँ कुछ छुपाती हूँ, सब कुछ तो …फिर भी …हाँ ऐसा वैसा कुछ मत करना …नहीं तो …तुको पता ही है ….

मैं अच्छा धमकी…अरे भाई मैं जब तुमको आजादी दे रहा हूँ तो मुझे भी तो कुछ आजादी मिलनी चाहिए न ..

जूली ह्म्म्म्म्म चलो थोड़ा बहुत करने की आजादी है ..मगर अपने पप्पू को संभाल कर रखना ….वरना इतने जोर से काटूंगी कि …कभी मुह नहीं उठाएगा .. हे हे हे ….

मैं अच्छा जी ….चलो काट लेना ….फिर मुह में तो लेना ही होगा …..हाहाहा

जूलीमारूंगी अब हाँ …. अच्छा चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ ….

मैं ठीक है जान ….अरे हाँ याद आया कल शायद अमित आएगा डिनर पर …बता देना अगर कुछ चाहिए तो….

अमित मेरा पुराना दोस्त है वो डॉक्टर है, उसकी कुछ समय पहले ही शादी हुई है .. नेहा से ,.वो ऑस्ट्रेलिया में ही ज्यादा रही है …इसलिए बहुत मॉडर्न है ….

जूली अच्छा तो अब तो नेहा के साथ ही आएंगे ..

मैं हाँ यार बहुत दिन से उसको बुला रहा था तो कल ही उसका फ़ोन आया …आने के लिए ….

जूली ठीक है जानू मैं सब तयारी कर लुंगी ….

मैं और हाँ जरा मॉडर्न कपडे ही पहनना, मैं नहीं चाहता कि अमित के सामने मेरी बीवी ..जो नेहा कई गुना खूबसूरत है जरा भी फीकी लगे …

जूली मगर वो तो कितने छोटे कपडे पहनती है ..याद है शादी के चार दिन बाद ही उसने अपनी उस पार्टी में किता छोटा मिडी पहना था …और सबको अपनी वो चमकीली पैंटी दिखाती घूम रही थी ….

मैं क्या यार …..मगर मेरी जान उससे कहीं ज्यादा बोल्ड और खूबसूरत है…दरअसल मैं उस साले को दिखाना चाहता हूँ कि हमारे भारत की लड़की उन जैसी फॉरेन में पली भरी से कहीं अधिक खूबसूरत होती हैं बस …

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