रिक्शे वाले ने बारिश में चोदा
Re: रिक्शे वाले ने बारिश में चोदा
में : मेडम मत कहो.. प्लीज़ मेरा नाम इशिका है.. बड़ा अजीब लगता है अपने से बड़े लोगों से मेडम सुनना।
लखन : ठीक है इशिका जी.. में सोच रही थी कि मर्द बड़ा रेस्पेक्ट देते है.. जब तक लड़की पट नहीं जाती.. लेकिन जब एक बार चोद लेते है.. तो रेस्पेक्ट को हमारी गांड मे डाल देते है। मुझे ये सोचकर हंसी आ गई कि अभी जब इसे चूत दे दूँगी.. तो फिर जी वी सब गायब हो जायेगा।
लखन : क्या हुआ इशिका जी।
में : यही सोच रही थी कि आपको क्या मज़ा आता होगा.. लखन भी इशारे पकड़ रहा था अब।
लखन : आपको पता है क्या?
में : हाँ आजकल तो सब को पता होता है और में मुस्कुराकर अपनी छाती बाहर निकाल कर नीचे देखने लगी। मेरी चूचियां फिर गीली टी-शर्ट पर चिपक गयी थी.. अब लखन का लंड भी पेंट का शेप बिगाड़ रहा था।
में : आपकी शादी हो गई होगी।
लखन : हाँ.. अब लखन की आँखें मेरे छाती पर टिकी थी और वो मुझसे एक हाथ की दूरी पर था।
में : फिर भी आप जवान लड़कियों को देखकर मज़े लेते हो?
लखन : जितनी टाईट होती है ना उतना मज़ा आता है देखने में भी और इतना कहकर ही उसने अपना एक हाथ मेरे लेफ्ट बोबे पर रख दिया और हॉर्न की तरह ज़ोर से दो तीन बार दबा दिया।
में : आह.. ये क्या कर रहे हो आप?
लखन : ड्रामा तो खूब कर लेती हो इशिका बेवकूफ़ समझती हो क्या? कब से लाइन दे रही हो।
में : में तो नॉर्मल ही बात कर रही थी और मैंने उसे हल्का सा धक्का दिया.. में भी मज़े ले रही थी।
लखन : भोसड़ी की.. नोर्मल बातें सभी के लंड भी ले लेती होगी। फिर तो वो और मेरे उपर झपटा और मेरे बूब्स को दोनों हाथों से पकड़ लिया। फिर कसकर होर्न बजाने लगा और आटे की तरह गूँथने लगा। मेरे हाथ उसके हाथों पर थे.. मेरी चूत अचानक ही उफन पड़ी और खूब सारा जूस बहने लगा। में शाम के उजाले में खुले रोड़ पर साईड में एक रिक्शे वाले से अपने बूब्स दबवा रही थी.. ये सोचकर मुझे और जोश आ गया.. अब में मोन कर रही थी। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
में : म्म्म्ममस्सस्स।
लखन : साली मज़ा आने लगा। आ गयी तू लाइन पर.. ये कहकर उसने टी-शर्ट के उपर से ही मेरे बूब्स के बीच मुँह रगड़ दिया।
लखन : ठीक है इशिका जी.. में सोच रही थी कि मर्द बड़ा रेस्पेक्ट देते है.. जब तक लड़की पट नहीं जाती.. लेकिन जब एक बार चोद लेते है.. तो रेस्पेक्ट को हमारी गांड मे डाल देते है। मुझे ये सोचकर हंसी आ गई कि अभी जब इसे चूत दे दूँगी.. तो फिर जी वी सब गायब हो जायेगा।
लखन : क्या हुआ इशिका जी।
में : यही सोच रही थी कि आपको क्या मज़ा आता होगा.. लखन भी इशारे पकड़ रहा था अब।
लखन : आपको पता है क्या?
में : हाँ आजकल तो सब को पता होता है और में मुस्कुराकर अपनी छाती बाहर निकाल कर नीचे देखने लगी। मेरी चूचियां फिर गीली टी-शर्ट पर चिपक गयी थी.. अब लखन का लंड भी पेंट का शेप बिगाड़ रहा था।
में : आपकी शादी हो गई होगी।
लखन : हाँ.. अब लखन की आँखें मेरे छाती पर टिकी थी और वो मुझसे एक हाथ की दूरी पर था।
में : फिर भी आप जवान लड़कियों को देखकर मज़े लेते हो?
लखन : जितनी टाईट होती है ना उतना मज़ा आता है देखने में भी और इतना कहकर ही उसने अपना एक हाथ मेरे लेफ्ट बोबे पर रख दिया और हॉर्न की तरह ज़ोर से दो तीन बार दबा दिया।
में : आह.. ये क्या कर रहे हो आप?
लखन : ड्रामा तो खूब कर लेती हो इशिका बेवकूफ़ समझती हो क्या? कब से लाइन दे रही हो।
में : में तो नॉर्मल ही बात कर रही थी और मैंने उसे हल्का सा धक्का दिया.. में भी मज़े ले रही थी।
लखन : भोसड़ी की.. नोर्मल बातें सभी के लंड भी ले लेती होगी। फिर तो वो और मेरे उपर झपटा और मेरे बूब्स को दोनों हाथों से पकड़ लिया। फिर कसकर होर्न बजाने लगा और आटे की तरह गूँथने लगा। मेरे हाथ उसके हाथों पर थे.. मेरी चूत अचानक ही उफन पड़ी और खूब सारा जूस बहने लगा। में शाम के उजाले में खुले रोड़ पर साईड में एक रिक्शे वाले से अपने बूब्स दबवा रही थी.. ये सोचकर मुझे और जोश आ गया.. अब में मोन कर रही थी। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
में : म्म्म्ममस्सस्स।
लखन : साली मज़ा आने लगा। आ गयी तू लाइन पर.. ये कहकर उसने टी-शर्ट के उपर से ही मेरे बूब्स के बीच मुँह रगड़ दिया।
Re: रिक्शे वाले ने बारिश में चोदा
लखन : ब्ब्ब्बररररराआाहह। फिर मेरी पिचकारी छूट पड़ी।
लखन : पसंद आ रही है साली रंडी।
में : ओह हाँ… पर यहाँ कोई देख लेगा.. कहीं और चलो।
लखन : देख लेगा तो क्या? वेसे भी यहाँ कई रंडियां चुदती है कोई कुछ नहीं कहता।
में : अरे पर में रंडी थोड़ी ही हूँ।
लखन : जो भी हो.. तू माल तो अच्छा है। उसने मेरी टी-शर्ट उपर की और अपना मुँह जितना खुल सके.. उतना खोलकर मेरे सीधे वाले बूब्स पर चिपका दिया और खूब ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. लग रहा था कि आज तो दूध ही निकल आयेगा। चूसते चूसते उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ पर दबा दिए और जानवरों की तरह दबाने लगा।
में : प्लीज़.. साईड में चलो.. में मना थोड़ी कर रही हूँ.. जो चाहो कर लेना लेकिन उस झाड़ी के पीछे चलो।
फिर लखन मुझे झाड़ी के पीछे ले गया.. मुझे पीछे से दबोच कर जिससे कि उसका लंड मेरी गांड मे चुभ रहा था। झाड़ी के पीछे आते ही उसने मेरी टी-शर्ट निकालकर साईड में फेंक दी।
में : अरे क्या कर रहे हो.. मुझे जाना भी है कही गंदा मत करो। लखन मेरे बूब्स पर चींटे की तरह मुँह लगाकर चिपका हुआ था और ऐसे ही में टी-शर्ट उठाने लगी। फिर बड़ी मुश्किल से टी-शर्ट उठाकर साईड में रखी.. अब में ऊपर से नंगी थी और मेरा एक बूब्स लखन खा रहा था और एक लटक रहा था। मुझे अंदाज़ा हो गया कि ये बड़ा भूखा है.. आज तो हालत ख़राब कर देगा। फिर मैंने सोचा जल्दी ख़त्म करते है.. मैंने झट से अपनी जीन्स का बटन खोल दिया और उतारकर साईड में रख दी.. लखन खड़ा होकर खुशी से देखने लगा।
लखन : अपनी ठुकाई की तैयारी खुद ही कर रही है।
लखन : पसंद आ रही है साली रंडी।
में : ओह हाँ… पर यहाँ कोई देख लेगा.. कहीं और चलो।
लखन : देख लेगा तो क्या? वेसे भी यहाँ कई रंडियां चुदती है कोई कुछ नहीं कहता।
में : अरे पर में रंडी थोड़ी ही हूँ।
लखन : जो भी हो.. तू माल तो अच्छा है। उसने मेरी टी-शर्ट उपर की और अपना मुँह जितना खुल सके.. उतना खोलकर मेरे सीधे वाले बूब्स पर चिपका दिया और खूब ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. लग रहा था कि आज तो दूध ही निकल आयेगा। चूसते चूसते उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ पर दबा दिए और जानवरों की तरह दबाने लगा।
में : प्लीज़.. साईड में चलो.. में मना थोड़ी कर रही हूँ.. जो चाहो कर लेना लेकिन उस झाड़ी के पीछे चलो।
फिर लखन मुझे झाड़ी के पीछे ले गया.. मुझे पीछे से दबोच कर जिससे कि उसका लंड मेरी गांड मे चुभ रहा था। झाड़ी के पीछे आते ही उसने मेरी टी-शर्ट निकालकर साईड में फेंक दी।
में : अरे क्या कर रहे हो.. मुझे जाना भी है कही गंदा मत करो। लखन मेरे बूब्स पर चींटे की तरह मुँह लगाकर चिपका हुआ था और ऐसे ही में टी-शर्ट उठाने लगी। फिर बड़ी मुश्किल से टी-शर्ट उठाकर साईड में रखी.. अब में ऊपर से नंगी थी और मेरा एक बूब्स लखन खा रहा था और एक लटक रहा था। मुझे अंदाज़ा हो गया कि ये बड़ा भूखा है.. आज तो हालत ख़राब कर देगा। फिर मैंने सोचा जल्दी ख़त्म करते है.. मैंने झट से अपनी जीन्स का बटन खोल दिया और उतारकर साईड में रख दी.. लखन खड़ा होकर खुशी से देखने लगा।
लखन : अपनी ठुकाई की तैयारी खुद ही कर रही है।
Re: रिक्शे वाले ने बारिश में चोदा
में : हाँ.. नहीं तो तुम तो सारा दिन बूब्स ही चूसते रहोगे.. और मैंने दोनों बूब्स को पकड़कर हिला दिया और फिर झट से पेंटी उतारी और ज़मीन पर ही कुत्तिया बन गई। मुझे लगा कि लखन अपना लंड डालेगा.. देसी आदमी वेसे भी सिर्फ़ चुदाई ही जानते है.. मुझे लगा पर वो भूखे शेर की तरह मेरी चूत पर मुँह लगाकर जूस चूसने लगा.. मेरी चीख निकल गयी.. सुनने वालों ने कई दूर से सुन ली होगी.. ऐसी चीख थी।
में : क्या कर रहे हो.. खा ही जाओगे क्या?
लखन : इतनी सुन्दर चूत है तेरी.. खानी ही पड़ेगी। ऐसी चूत तो सिर्फ़ विदेशी फ़िल्मो में देखी है।
में : तुम्हे पसंद आई?
लखन : दिखाता हूँ कितनी पसंद आई। उसने फिर एक थप्पड़ घुमाकर मेरी चूत पर मारा और में एकदम से उछल गई।
में : आअहह.. जानवर ही हो क्या?
लखन : शेर हूँ शेर।
में : शेर का तो लंड छोटा होता है.. काफ़ी बड़ा तो गधे का होता है और में हंस पड़ी। लखन ने मुझे बाल पकड़कर उठाया.. शायद वो समझ चुका था कि मुझे काबू करना आसान है और में ज़्यादा कहूँगी नहीं.. मुझे उसने घुटनो के बल बैठाया और अपना पेंट खोल दिया। उसका लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था.. पर उसकी हेल्थ के हिसाब से काफ़ी ज़्यादा मोटा था।
में : वाउ.. ये तो काफ़ी मोटा है..
इतना बोलते ही उसने अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया और ज़ोर ज़ोर से चूत की तरह चोदने लगा.. लंड मेरे गले तक घुस रहा था.. वो चोदे जा रहा था.. मेरा चिपचिपा थूक निकलकर लंड पर लग गया। जिससे कि वो और चिकना हो गया और सरर सररर मुँह में अंदर बाहर होने लगा। में मुँह साईड में करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसने मुझे कसकर बालों से पकड़ा हुआ था.. पर आख़िर में मुँह साईड में करने में कामयाब हो गई और वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरे गले की जगह वो मेरे गाल को अपने मोटे लंड से चोद रहा था.. गाल ऐसा लग रहा था कि फट ही जायेगा.. उसने खूब मुँह को चोदा। फिर जल्दी से मुझे मोड़ा और फिर से कुत्तिया बना दिया और ज़ोर से मेरी चूत में लंड डाल दिया।
में : क्या कर रहे हो.. खा ही जाओगे क्या?
लखन : इतनी सुन्दर चूत है तेरी.. खानी ही पड़ेगी। ऐसी चूत तो सिर्फ़ विदेशी फ़िल्मो में देखी है।
में : तुम्हे पसंद आई?
लखन : दिखाता हूँ कितनी पसंद आई। उसने फिर एक थप्पड़ घुमाकर मेरी चूत पर मारा और में एकदम से उछल गई।
में : आअहह.. जानवर ही हो क्या?
लखन : शेर हूँ शेर।
में : शेर का तो लंड छोटा होता है.. काफ़ी बड़ा तो गधे का होता है और में हंस पड़ी। लखन ने मुझे बाल पकड़कर उठाया.. शायद वो समझ चुका था कि मुझे काबू करना आसान है और में ज़्यादा कहूँगी नहीं.. मुझे उसने घुटनो के बल बैठाया और अपना पेंट खोल दिया। उसका लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था.. पर उसकी हेल्थ के हिसाब से काफ़ी ज़्यादा मोटा था।
में : वाउ.. ये तो काफ़ी मोटा है..
इतना बोलते ही उसने अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया और ज़ोर ज़ोर से चूत की तरह चोदने लगा.. लंड मेरे गले तक घुस रहा था.. वो चोदे जा रहा था.. मेरा चिपचिपा थूक निकलकर लंड पर लग गया। जिससे कि वो और चिकना हो गया और सरर सररर मुँह में अंदर बाहर होने लगा। में मुँह साईड में करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसने मुझे कसकर बालों से पकड़ा हुआ था.. पर आख़िर में मुँह साईड में करने में कामयाब हो गई और वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरे गले की जगह वो मेरे गाल को अपने मोटे लंड से चोद रहा था.. गाल ऐसा लग रहा था कि फट ही जायेगा.. उसने खूब मुँह को चोदा। फिर जल्दी से मुझे मोड़ा और फिर से कुत्तिया बना दिया और ज़ोर से मेरी चूत में लंड डाल दिया।