रिक्शे वाले ने बारिश में चोदा
Re: रिक्शे वाले ने बारिश में चोदा
लखन : साली रांड़ कितनो से चुदवा चुकी है.. चूत तो खुली है तेरी.. पर काफ़ी टाईट है ।
में : आअहह ऊऊ.. मेरे बॉयफ्रेंड से ही बस।
लखन : मेरा लंड केसा लगा तुझे।
में : मज़ेदार आआआअहह है काफी मस्त है लंड तुम्हारा.. पर थोड़ा और लंबा होता तो और गहरा उतर जाता.. हहस्सस्स।
लखन : गहरे का क्या है? ये देख.. लखन ने मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारा और पूरी जान लगाकर अपनी कमर हिलाने लगा.. लग रहा था कि लंड नहीं खंजर हो.. जो मेरी चूत में अंदर बाहर हो रहा है। इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊँ.. में वहां पड़े पड़े ही मज़े ले रही थी.. इतने में फोन बज पड़ा।
पायल : ओये कहां है तू?
में : यहीं हूँ।
पायल : बारिश तो कब की बंद हो गयी.. कब आयेगी।
में : अरे बस निकल रही हूँ।
लखन : भोसड़ी की कौन है ये जो चुदाई में बाधा डाल रही है। मैंने पीछे मुड़कर इशारा किया चुप होने का.. लखन मेरी पीठ से चिपक गया और मेरे उपर लगभग लेट गया और चोदना चालू रखा।
पायल : अरे यार तेरे चक्कर में कब से खड़ी हूँ.. तू अब जल्दी आजा।
में : बस पहुँच रही हूँ.. उऊऊइीईईई।
पायल : ये तेरी आवाज़ को क्या हुआ.. लखन धीरे से मज़े लेता हुआ कहता है.. चूत चुद रही है रंडी की।
में : उउंम्म रोड़ पर गड्डे है यार काफी.. रिक्शे वाले धीरे चलाओ.. उउउइई माँआआ।
पायल : कौन से रास्ते से आ रही है तू.. खेर जल्दी आजा।
में : ठीक है।
में : फिर बच गई.. लखन अब खूब तेज़ झटके मार रहा था। उसने अपनी दोनों हथेली मेरी पीठ पर रखी.. हाथ सीधे किए और ज़मीन पर सिर्फ़ उसके पंजे थे.. जैसे मेरी पीठ को दबा रहा हो और फिर वो हथेली और पंजो के सहारे ही बेलेंस बनाकर जोरदार झटके मारने लगा। उसके झटके तेज़ हो रहे थे.. में समझ गई कि इसका निकलने वाला है.. में एकदम से आगे हुई और उसका लंड बाहर आ गया.. पर वो झटका मार रहा था और इसलिये बाहर आते ही लंड मेरी गांड के छेद में ज़ोर से लगा।
लखन : माँ की लोड़ी आने वाला है.. क्या कर रही है? में एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बूब्स में उसका लंड समेट कर ऊपर नीचे करने लगी। उसने मुझे धक्का दिया और में पत्तो पर पीठ के बल गिर गई और वो मेरे उपर चड़ गया और मेरे पेट पर बैठकर अपना लंड मेरे बोबो के बीच फंसाकर आगे पीछे घिसने लगा। थोड़ी देर में उसकी पिचकारी मेरी गर्दन पर और बोबो पर बिखर गई.. मैंने मज़े लेकर उसका माल उंगली से चाटा.. वो मेरे उपर ही लेट गया और लिपट गया।
में : ले लिए मज़े अब तो।
लखन : अभी कहां.. अभी तो असली काम बाकी है।
में : वो क्या?
लखन : में तेरी मोटी गदराई गांड पर फिदा हूँ.. वो लेनी है।
में : आअहह ऊऊ.. मेरे बॉयफ्रेंड से ही बस।
लखन : मेरा लंड केसा लगा तुझे।
में : मज़ेदार आआआअहह है काफी मस्त है लंड तुम्हारा.. पर थोड़ा और लंबा होता तो और गहरा उतर जाता.. हहस्सस्स।
लखन : गहरे का क्या है? ये देख.. लखन ने मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारा और पूरी जान लगाकर अपनी कमर हिलाने लगा.. लग रहा था कि लंड नहीं खंजर हो.. जो मेरी चूत में अंदर बाहर हो रहा है। इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊँ.. में वहां पड़े पड़े ही मज़े ले रही थी.. इतने में फोन बज पड़ा।
पायल : ओये कहां है तू?
में : यहीं हूँ।
पायल : बारिश तो कब की बंद हो गयी.. कब आयेगी।
में : अरे बस निकल रही हूँ।
लखन : भोसड़ी की कौन है ये जो चुदाई में बाधा डाल रही है। मैंने पीछे मुड़कर इशारा किया चुप होने का.. लखन मेरी पीठ से चिपक गया और मेरे उपर लगभग लेट गया और चोदना चालू रखा।
पायल : अरे यार तेरे चक्कर में कब से खड़ी हूँ.. तू अब जल्दी आजा।
में : बस पहुँच रही हूँ.. उऊऊइीईईई।
पायल : ये तेरी आवाज़ को क्या हुआ.. लखन धीरे से मज़े लेता हुआ कहता है.. चूत चुद रही है रंडी की।
में : उउंम्म रोड़ पर गड्डे है यार काफी.. रिक्शे वाले धीरे चलाओ.. उउउइई माँआआ।
पायल : कौन से रास्ते से आ रही है तू.. खेर जल्दी आजा।
में : ठीक है।
में : फिर बच गई.. लखन अब खूब तेज़ झटके मार रहा था। उसने अपनी दोनों हथेली मेरी पीठ पर रखी.. हाथ सीधे किए और ज़मीन पर सिर्फ़ उसके पंजे थे.. जैसे मेरी पीठ को दबा रहा हो और फिर वो हथेली और पंजो के सहारे ही बेलेंस बनाकर जोरदार झटके मारने लगा। उसके झटके तेज़ हो रहे थे.. में समझ गई कि इसका निकलने वाला है.. में एकदम से आगे हुई और उसका लंड बाहर आ गया.. पर वो झटका मार रहा था और इसलिये बाहर आते ही लंड मेरी गांड के छेद में ज़ोर से लगा।
लखन : माँ की लोड़ी आने वाला है.. क्या कर रही है? में एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बूब्स में उसका लंड समेट कर ऊपर नीचे करने लगी। उसने मुझे धक्का दिया और में पत्तो पर पीठ के बल गिर गई और वो मेरे उपर चड़ गया और मेरे पेट पर बैठकर अपना लंड मेरे बोबो के बीच फंसाकर आगे पीछे घिसने लगा। थोड़ी देर में उसकी पिचकारी मेरी गर्दन पर और बोबो पर बिखर गई.. मैंने मज़े लेकर उसका माल उंगली से चाटा.. वो मेरे उपर ही लेट गया और लिपट गया।
में : ले लिए मज़े अब तो।
लखन : अभी कहां.. अभी तो असली काम बाकी है।
में : वो क्या?
लखन : में तेरी मोटी गदराई गांड पर फिदा हूँ.. वो लेनी है।
Re: रिक्शे वाले ने बारिश में चोदा
में : ओह नो.. नहीं प्लीज़… अभी नहीं.. अभी मुझे जाना पड़ेगा.. में बाद में मिलूंगी कभी तो वो भी ले लेना।
लखन : चल ठीक है कहां भागेगी.. अब तो तू मेरी रंडी है।
में : हाँ हाँ हाँ… फिर में उठी और लखन ने अपना लंड चुसवाकर साफ करवाया। फिर अपने आपको लखन की चड्डी से साफ किया और अपने कपड़े पहने। फिर में झाड़ी से बाहर आई.. तो देखा उसी रोड़ पर दूसरी साईड में ऑटो आ रहा था। उस ऑटो में पायल बैठी थी और मुझे देख रही थी.. उसने ऑटो रुकवाया.. पर ऑटो कुछ आगे जाकर रुका। लखन पेशाब करके मेरे पीछे से निकला और रिक्शे पर बैठ गया.. पायल उसे मेरे पीछे से निकलते नहीं देख पाई थी।
लखन : चलो मेडम।
में : ओह रूको.. मेरी दोस्त यहाँ है।
लखन : चलो.. तो फिर अपना नम्बर तो बता दो.. मैंने लखन का नम्बर लिया और फिर रिक्शे में बैठकर ही उसी साईड चल दी जहाँ से आई थी.. वेसे लखन को भी वापस जाना था.. वहीं आगे में ऑटो के पास उतरी और ऑटो में बैठने लगी।
पायल : अरे पैसे तो दे दे बेचारे को.. में सोच रही थी कि चूत और मुँह तो दे ही दिया है और ऊपर से पैसे भी दूँ।
लखन : अरे नहीं नहीं.. मेडम का ख़ाता है मेरे साथ.. कोई बात नहीं.. बाद में ले लूँगा.. जब कभी दिखेंगी। पायल ने कहा.. ओके और हम दोनों चल दिये.. पायल ने रास्ते में कहा.. मुझे सब पता है किस खाते की बात हो रही थी। मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी कि इसे कैसे पता चला? फिर होस्टल पहुँचने पर उसने बताया कि तुझे जो झटके लग रहे थे.. वो चुदाई ही हो सकती थी.. फिर मैंने आँख मारी और कहा कि क्या करूँ? चूत के लिए ये सब करना पड़ता है ।।
धन्यवाद …
लखन : चल ठीक है कहां भागेगी.. अब तो तू मेरी रंडी है।
में : हाँ हाँ हाँ… फिर में उठी और लखन ने अपना लंड चुसवाकर साफ करवाया। फिर अपने आपको लखन की चड्डी से साफ किया और अपने कपड़े पहने। फिर में झाड़ी से बाहर आई.. तो देखा उसी रोड़ पर दूसरी साईड में ऑटो आ रहा था। उस ऑटो में पायल बैठी थी और मुझे देख रही थी.. उसने ऑटो रुकवाया.. पर ऑटो कुछ आगे जाकर रुका। लखन पेशाब करके मेरे पीछे से निकला और रिक्शे पर बैठ गया.. पायल उसे मेरे पीछे से निकलते नहीं देख पाई थी।
लखन : चलो मेडम।
में : ओह रूको.. मेरी दोस्त यहाँ है।
लखन : चलो.. तो फिर अपना नम्बर तो बता दो.. मैंने लखन का नम्बर लिया और फिर रिक्शे में बैठकर ही उसी साईड चल दी जहाँ से आई थी.. वेसे लखन को भी वापस जाना था.. वहीं आगे में ऑटो के पास उतरी और ऑटो में बैठने लगी।
पायल : अरे पैसे तो दे दे बेचारे को.. में सोच रही थी कि चूत और मुँह तो दे ही दिया है और ऊपर से पैसे भी दूँ।
लखन : अरे नहीं नहीं.. मेडम का ख़ाता है मेरे साथ.. कोई बात नहीं.. बाद में ले लूँगा.. जब कभी दिखेंगी। पायल ने कहा.. ओके और हम दोनों चल दिये.. पायल ने रास्ते में कहा.. मुझे सब पता है किस खाते की बात हो रही थी। मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी कि इसे कैसे पता चला? फिर होस्टल पहुँचने पर उसने बताया कि तुझे जो झटके लग रहे थे.. वो चुदाई ही हो सकती थी.. फिर मैंने आँख मारी और कहा कि क्या करूँ? चूत के लिए ये सब करना पड़ता है ।।
धन्यवाद …