जिस्म की प्यास compleet

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zainu98
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Joined: 13 Oct 2014 16:05

Re: जिस्म की प्यास

Unread post by zainu98 » 21 Oct 2014 03:21

raj bhai kya agy ke kahani nahe post karo ge abhe tak kesi bhe sait pr 24 se jada part nahe post keya bhai kahani to bahut damdar hai lagy raho intezar hai

raj..
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Re: जिस्म की प्यास

Unread post by raj.. » 22 Oct 2014 06:42

दोस्तो थोड़ा सा टाइम मिल गया है तो सोचा आप लोगो से हाई हेल्लो करता चलु आपका दोस्त राज शर्मा

raj..
Platinum Member
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Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: जिस्म की प्यास

Unread post by raj.. » 22 Oct 2014 06:43

जिस्म की प्यास--17

गतान्क से आगे……………………………………

डॉली जब घर पहुचि तो चेतन और शन्नो दोनो अपने अपने कमरे में थे... वो चेतन से मिलना नही चाहती थी

तो वो अपने मम्मी के कमरे में गयी.... डॉली के पुछ्ने पर शन्नो ने बहाना बना दिया कि उसकी तबीयत बहुत

खराब है तो वो अपने कमरे में ही रहेगी बाकी तुम दोनो बाहर से खाना मंगवा लो....

हिम्मत करकर डॉली चेतन के कमरे में गयी जोकि अपने मोबाइल पर कुच्छ कर रहा था... डॉली उससे

बिल्कुल शांत होकर प्यार से बात करी... चेतन ने भी कुच्छ उल्टा सीधा नही कहा और डॉली से तमीज़ से बात करने लगा...

डॉली को खुशी हुई कि कल रात का असर चेतन पर अभी भी है और वो बस यही दुआ कर रही थी कि उसका भाई अब पहले जैसे ही हो जाए (जोकि हक़ीकत नही थी) आने वाले कयि दिन दोनो मा बेटी के लिए काफ़ी अजीब से बीते.... चेतन दोनो से काफ़ी दूर दूर रहने लगा...

ज़्यादातर वो अपने कमरे में ही बंद रहता था... शन्नो को जब भी मौका मिलता वो हॉलो मॅन से बात करती और

अपनी ही दुनिया में खो जाती... मगर अब उसका बातो में इतना मन नही लग रहा था...

वो हॉलो मॅन से मिलना चाहती थी... वो उसके लंड को अपनी चूत में लेना चाहती थी... जितने भी दिनो शन्नो ने

हॉलो मॅन से बात करी उसने बस उससे मिलके चुदवाने की इच्च्छा जगाई....

डॉली का पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नही लग रहा था क्यूंकी केयी दिनो से उसकी राज से ढंग से बात तक नही हुई थी...

वो राज को मैसेज भी करा करती मगर 10 मैसेज के बाद कही जाके उसका 1 मैसेज आता और ऐसे व्यावार से काफ़ी चिंतित थी...

वो सोचती कहीं उसने उस रात राज को हरी झंडी दिखा कर ग़लती तो नही करी...

भोपाल में कुच्छ रात के 10:30 बज रहे थे.... दोनो आदमी ( नारायण/सुधीर) साथ में बैठे टीवी देख रहे थे...

टीवी वो ही साँस बहू के सीरियल्स देख देख के दोनो परेशान हो चुके थे...

चॅनेल बदल बदल के सुधीर फॅशन टीवी पे चॅनेल पे आके कुच्छ सेकेंड रुक गया और जब उसने उसे हटाया तो

नारायण ने उसे वापस लगाने के लिए बोला... सुधीर को पता चल गया कि बॉस भी रंगीन मिसाज के है बड़े....

FटV पे सर्दी के कपड़ो की नुमाइश हो रही थी जिसको देख कर दोनो ने टीवी ही बंद कर्दिआ...

सुधीर ने नारायण से कहा " वैसे ये विदेशी मॉडेल्स कितनी सूखी सी होती है इससे बेहतर तो हमारी देसी होती है पतली वाली भी बड़ी सुंदर दिखती है"

नारायण ने इस बात पे हामी भरी और सुधीर से पूछा "ये रश्मि का केस समझाओ मुझे"

सुधीर अंजान बनके बोला "कुआ क्या हुआ सर?"

नारायण ने सच सच बताया "मैने रश्मि और तुम्हे कॅंटीन के पास देखा था और दूर से तुम दोनो काफ़ी अच्छे

दोस्त नज़र आ रहे थे"

"वो तो बस ऐसे ही सर" सुधीर ने कहा

नारायण बोला "अच्छा वैसे बाकीओ से वो सीधे मुँह बात नही करती मगर तुम्हारी बड़ी फॅन सी लग रही थी"

सुधीर ने कहा "सर सच बोलू तो रश्मि मेरी गर्लफ्रेंड है" ये सुनके नारायण चौक गया और बोला

"अर्रे भाई ये कब और कैसे हो गया"

सुधीर ने कहा "सर वो तो काफ़ी पहले से थी और उसको नौकरी देने की एक ये भी वजह थी"

नारायण बोला "वैसे काम में तो वो माहिर ही है तो मुझे इस बात से कोई दिक्कत नही है.... वैसे निकाह कब होने वाला है"

सुधीर शर्मा बोला "उस बारे में कुच्छ सोचा नही है सर.. मगर जल्द ही होगा"

दोनो ने फिर सोने की तैयारी करी... नारायण को अभी भी थोड़ा अजीब सा लग रहा था क्यूंकी रश्मि को देख कर ऐसा नही लगता था कि वो लव मॅरेज करेगी..."

उस रात ललिता का पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था तो उसने लड़ झगरकर रिचा को भी पढ़ने नहीं दिया..

दोनो फिर अपने स्कूल की लड़के-लड़कियों के बारे में बात करने लगे.. रिचा ललिता के पहले बॉय फ्रेंड के बारे में

पुच्छने लगी कि उसे किसके साथ सबसे ज़्यादा अच्छा लगा था वगेरा वगेरा.. ललिता ने फिर रिचा से भी यही सब

पूछा तो रिचा ने कहा "मेरा तो सिर्फ़ एक ही बॉय फ्रेंड था और उसके साथ भी ज़्यादा दिन नहीं चल पाया था.."

तो फिर ललिता ने पूछा "ऐसा क्या हो गया"

रिचा ने नज़र नीचे करते हुए कहा "यार तू जानती है ना लड़को को जब देखो गंदी गंदी बातें करते रहते है और मुझे वो सब पसंद नहीं था"

ललिता ये सुनके हँसने लगी.. रिचा ने उसको हल्के से मारा और बोली "बेटा तूने ना काफ़ी कुच्छ कर रखा है ना तेरेको शरम नहीं आती क्या??'


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