मेरी आशिकी - Hindi Love romance long story

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Fuck_Me
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Re: मेरी आशिकी - Hindi sex long story

Unread post by Fuck_Me » 29 Sep 2015 08:11

” सर एव्हरी थींग इज क्लिअर … यू कॅन प्रोसीड” वह वायरलेसपर बोला और फिरसे अपनी पैनी नजर इधर उधर घूमाने लगा. शायद वह, वहांसे चली गई कार कही वापस तो नही आ रही है, या उस कारका पिछा करते हूए वहां और कोई तो नही आयाना, इस बातकी तसल्ली करता होगा.

” सर एव्हती थींग इज क्लिअर… कन्फर्मींग अगेन” वह फिरसे वायरलेसपर बोला.

उस पेढपर बैठे आदमीका इशारा मिलतेही जिस पेढके तनेको लाल निशान लगाया हुवा था, उस पेढके बगलमेंही एक बढा सुखे हूए पत्तोका ढेर था, उसमें कुछ हरकत होगई. कार शुरु होनेका आवाज आया और उस सुखे हूए पत्तोके ढेरको चिरते हूए, उसमेंसे एक कार बाहर आ गई. वह कार धीर धीरे आगे सरकती हूई जहां वह ब्रीफकेस पडी हूई थी वहा गई. कारसे एक काले कपडे पहना हूवा और मुंहपरभी काले कपडे बंधा हूवा एक आदमी बाहर आ गया. उसने अपनी पैनी नजरसे इधर उधर देखा. जहां उसका आदमी पेढपर बैठा हूवा था उधरभी देखा और उसे अंगुठा दिखाकर इशारा किया. बदलेमें उस पेढपर बैठे आदमीनेभी अंगूठा दिखाकर जवाब दिया. शायद सबकुछ कंट्रोलमें होनेका संकेत दिया. उस कारमेंसे उतरे, उस काले कपडे पहने आदमीने आसपास कोई उसे देखतो नही रहा है इसकी तसल्ली करते हूए वह निचे पडी हूई ब्रीफकेस धीरेसे उठाई. ब्रीफकेस उठाकर कारके बोनेटपर रखकर खोलकर देखी. हजार रुपयोंके एकके उपर एक ऐसे रखे हूए बंडल्स देखतेही उसके चेहरेपर काले कपडेके पिछे, एक खुशीकी लहर जरुर दौड गई होगी. और उन नोटोंकी खुशबू उसके नाकसे होते हूए उसके मश्तिश्क तक उसे एक नशा चखाती हूए दौड गई होगी. उसने उसमेंसे एक बंडल उठाकर उंगली फेरकर देखकर फिरसे ब्रिफकेसमें रख दिया. उसने फिरसे ब्रिफकेस बंद की. पेढपर बैठे आदमीको फिरसे अंगुठा दिखाकर सबकुछ ठिक होनेका इशारा किया. वह काला साया वह ब्रिफकेस उठाकर फिरसे अपने कारमें जाकर बैठ गया. कारका दरवाजा बंद हो गया, कार शुरु होगई और धीरे धीरे गति पकडती हूई तेज गतिसे वहांसे अदृष्य होगई. मानो वहांसे जल्द से जल्द निकल जाना उस कारमें बैठे आदमीके लिए उन नोटोंपर जल्द से जल्द कब्जा जमाने जैसा था.

उस दिलको दर्द देनेवाले, नही दिल को पुरी तरह तबाह कर देनेवाले घटनाको घटकर अब लगभग 10-15 दिन हो गए होंगे. उस घटना को जितना हो सके उतना भूलनेकी कोशीश करते हूए अंजली अब पहले जैसे अपने काममें व्यस्त हो गई थी. या यू कहिए उन घटनासे होनेवाले दर्दसे बचनेके लिए उसने खुदको पुरी तरह अपने काममें व्यस्त कर लिया था. उसी बिच अंजलीको आयटी क्षेत्रमें भूषणाह समझे जाने वाला ‘आय टी वुमन ऑफ द ईअर’ अवार्ड मिला. उस अवार्डकी वजहसे उसके यहां प्रेसवालोंका तांता लगने लगा था. उस भिडकी अब अंजलीकोभी जरुरत महसूस होने लगी थी. क्योंकी उस तरहसे वह अपने अकेलेपनसे और कटू यादोंसे बच सकती थी. पिछले चारपांच दिनसे लगभग रोजही कभी न्यूजपेपरमें तो कभी टिव्हीपर उसके इंटरव्हू आ रहे थे.

अंजली ऑफीसमें बैठी हूई थी. शरवरी उसके बगलमेंही बैठकर उसके कॉम्प्यूटरपर काम कर रही थी. उस बुरे अनुभवके बाद अंजलीका चॅटींग और दोस्तोंको मेल भेजना एकदमही कम हुवा था. खाली समयमें वह यूंही बैठकर शुन्यमें ताकते हुए सोचते बैठती थी. उसके दिमागमें मानो अलग अलग तरहकी विचारोंका सैलाब उठता था. लेकिन वह तुरंत उन विचारोंको अपने दिमागसे झटकती थी. अबभी उसके मनमें विचारोंका सैलाब उमड पडा था. उसने तुरंत अपने दिमागमें चल रहे विचार झटकर अपने मनको दुसरे किसी चिजमे व्यस्त करनेके लिए टेबलका ड्रावर खोला. ड्रॉवरमें उसे उसने संभालकर रखे हूए न्यूजपेपरके कुछ कटींग्ज दिखाई दिए. ‘ आय टी वुमन ऑफ द इअर – अंजली अंजुळकर’ न्यूज पेपरके एक कटींगपर हेडलाईन थी. उसने वह कटींग बाहर निकालकर टेबलपर फैलाया और वह फिरसे वह समाचार पढने लगी.

यह समाचार पढनेके लिए अब इस वक्त मेरे पिताजी होने चाहिए थे….

उसके जहनमें एक विचार आकर गया.

उन्हे कितना गर्व महसूस हुवा होता… अपनी बेटीका …

लेकिन भाग्यके आगे किसका कुछ चला है? …

अब देखोना अभी अभी आया हुवा विवेकका ताजा अनुभव …

वह सोच रही थी तभी कॉम्प्यूटरका बझर बजा.

काफी दिनोंसे चॅटींग और मेलींग कम करनेके बाद ज्यादातर उसे किसीका मेसेज नही आता था ….

फिर यह आज किसका मेसेज होगा …

कोई हितचिंतक?…

या कोई हितशत्रू…

आजकल कैसे हर बातमें उसे दोनो पहेलू दिखते थे – एक अच्छा और एक बुरा. ठेस पहूंचनेपर आदमी कैसे संभल जाता है और हर कदम सोच समझकर बढाता है.

अंजलीने पलटकर मॉनीटरकी तरफ देखा.

” विवेकका मेसेज है …” कॉम्प्यूटरपर बैठी शरवरी अंजलीकी तरफ देखकर सहमकर बोली. शरवरीके चेहरेपर डर और आश्चर्य साफ नजर आ रहा था. वह भावनाए अब अंजलीके चेहरेपरभी दिख रही थी. अंजली तुरंत उठकर शरवरीके पास गई. शरवरी अंजलीको कॉम्प्यूटरके सामने बैठनेके लिए जगह देकर वहांसे उठकर बगलमें खडी हो गई. अंजलीने कॉम्प्यूटरपर बैठनेके पहले शरवरीको कुछ इशारा किया वैसे शरवरी तुरंत दरवाजेके पास जाकर जल्दी जल्दी कॅबिनसे बाहर निकल गई.
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.

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Fuck_Me
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Re: मेरी आशिकी - Hindi sex long story

Unread post by Fuck_Me » 29 Sep 2015 08:12

” मिस. अंजली … हाय … कैसी हो ?” विवेकका उधरसे आया मेसेज अंजलीने पढा.

एक पल उसने कुछ सोचा और वह भी चॅटींगका मेसेज टाईप करने लगी –

” ठीक है … ” उसने मेसेज टाईप किया और सेंड बटनपर क्लीक करते हूए उसे भेज दिया.

” तुम्हे फिरसे तकलिफ देते हूए मुझे बुरा लग रहा है … लेकिन क्या करे? … पैसा यह साली चिजही वैसी है … कितनेभी संभलकर इस्तमाल करो तो भी खतम हो जाती है …” उधरसे विवेकका मेसेज आ गया.

अंजलीको शक थाही की कभी ना कभी वह और पैसे मांगेगा …

” मुझे इस बार 20 लाख रुपएकी सख्त जरुरत है …” उधरसे विवेकका मेसेज आ गया.

” अभी तो तुम्हे 50 लाख रुपए दिए थे … अब मेरे पास पैसे नही है …” अंजलीने झटसे टाईप करते हूए मेसेज भेज भी दिया.

मेसेज टाईप करते हूए उसके दिमागमें औरभी काफी विचारोंका चक्र चल रहा था.

” बस यह आखरी बार … क्योंकी यह पैसे लेकर मै परदेस जानेकी सोच रहा हूं ” उधरसे विवेकका मेसेज आया.

” तुम परदेस जावो … या और कही जावो … मुझे उससे कुछ लेना देना नही है … देखो … मेरे पास कोई पैसोका पेढ तो नही है … ” अंजलीने मेसेज भेजा.

” ठिक है … तुम्हे अब मुझे कमसे कम 10 लाख रुपए तो भी देने पडेंगे … पैसे कब कहा और कैसे पहूंचाने है वह मै तुम्हे मेल कर सब बता दुंगा …” उधरसे मेसेज आया.

अंजली कुछ टाईप कर उसे भेजनेसे पहलेही विवेकका चॅटींग सेशन बंद हो गया था. अंजली एकटक उसके सामने रखे कॉम्प्यूटरके मॉनिटरकी तरफ देखने लगी. वह देखतो मॉनिटरके तरफ थी लेकिन उसके दिमागमें विचारोंका तांता लग गया था. लेकिन फिरसे उसके दिमागमें क्या आया क्या मालूम?, वह झटसे उठकर खडी हो गई और लंबे लंबे कदम भरते हूए कॅबिनसे बाहर निकल गई.

‘इथीकल हॅकींग कॉम्पीटीशन – ऑर्गनायझर – नेट सेक्यूरा’ ऐसा एक बॅनर बडे अक्षरोंमें स्टेजपर लगाया गया था. आज कॉम्पीटीशन का आखरी दिन था और जितनेवालोंके नाम घोषीत किए जाने थे. पारीतोषीक वितरणके लिए प्रमुख अतिथीके तौर पर अंजलीको बुलाया गया था. स्टेजपर उस बॅनरके बगलमें अंजली प्रमुख अतिथी के लिए आरक्षित कुर्सीपर बैठी हुई थी. और उसके बगलमें एक अधेड उम्र आदमी, भाटीयाजी बैठे थे. वे ‘नेट सेक्यूरा’ के हेड थे. तभी स्टेजके पिछेसे ऍन्कर सामने माईकके पास जाकर बोलने लगा,

” गुड मॉर्निंग लेडीज ऍंड जन्टलमन… जैसे की आप सब लोग जानते हो की हमारी कंपनी ” नेट सेक्यूराका यह सिल्वर जूबिली साल है और उसी सिलसिले में हमने ‘इथीकल हॅकींग’ इस प्रतियोगीता का आयोजन किया था … आज हम उस प्रतियोगीताके आखरी दौरसे यानीकी पारितोषीक वितरणके दौरसे गुजरने वाले है … इस पारितोषीक वितरण के लिए हमने एक खास मेहमान को यहां आमंत्रित किया है … जिन्हे हालहीमें ‘आय टी वूमन ऑफ द ईयर’ सम्मान देकर गौरवान्वीत किया गया है … ”

हॉलमें बैठे सब लोगोंकी नजरे स्टेजपर बैठे अंजलीपर टीक गई थी. अंजलीनेभी एक मंद स्मित बिखेरते हूए हॉलमें बैठे लोगोंपर एक नजर दौडाई.

” और उन खास मेहमानका नाम है … मिस अंजली अंजुळकर …. उनके स्वागतके लिए मै स्टेजपर हमारे एक्सीक्यूटीव मॅनेजर श्रीमती नगमा शेख इन्हे आमंत्रित करता हूं …”

श्रीमती नगमा शेखने स्टेजपर आकर फुलोंका गुलदस्ता देकर अंजलीका स्वागत किया. अंजलीनेभी खडे होकर उस गुलदस्तेका बडे विनयके साथ अभिवादन करते हूए स्विकार किया. हॉलमें तालीयां गुंज उठी. मानो एक पलमें वहां उपस्थित लोगोंके शरीमें उत्साह प्रवेश कर गया हो. तालीयोंकी आवाज थमतेही ऍन्कर आगे बोलने लगा –

” अब मै स्टेजपर उपस्थित हमारे मॅनेजींग डायरेक्टर श्री. भाटीयाजीके स्वागतके लिए हमारे मार्केटींग मॅनेजर श्री. सॅम्यूअल रेक्सजीको यहां आमंत्रित करता हूं …”

श्री. सॅम्यूअल रेक्सने स्टेजपर जाकर भाटीयाजीका एक गुलदस्ता देकर स्वागत किया. हॉलमें फिरसे तालियां गुंज उठी.

” अब भाटीयाजींको मै बिनती करता हूं की वे यहां आकर दो शब्द बोलें ” ऍन्करने माईकपर कहां और वह भाटीयाजींकी माईकके पास आनेकी राह देखते हूए खडा रहा.

भाटीयाजी खुर्चीसे उठकर खडे हो गए. उन्होने एक बार अंजलीकी तरफ देखा. दोनों एक दुसरेकी तरफ देखकर मुस्कुराए. और अपना मोटा शरीर संभालते हूए धीरे धीरे चलते हूए भाटीयाजी माईकके पास आकर पहूंच गए.

” आज इथीकल हॅकींग इस स्पर्धाके लिए आमंत्रित की गई … जी.एच इन्फॉर्मॆटीक्स इस कंपनीकी मॅनेजींग डायरेक्टर और आय टी वूमन ऑफ दिस इयर मिस अंजली अंजुळकर, यहां उपस्थित मेरे कंपनीके सिनीयर आणि जुनियर स्टाफ मेंबर्स, इस स्पर्धामें शामिल हूए देशके कोने कोनेसे आए उत्साही युवक आणि युवतीयां, और इस स्पर्धाका नतिजा जाननेके लिए उत्सुक लेडीज ऍन्ड जन्टलमन… सच कहूं तो … यह एक स्पर्धा है इसलिए नही तो हर एक के जिंदगी की हर एक बात एक स्पर्धाही होती है … लेकिन स्पर्धा हमेशा खिलाडू वृत्तीसे खेली जानी चाहिए .. अब देखो ना … यह इतना बडा अपने कंपनीके स्टाफका समुदाय देखकर मुझे एक पुरानी बात याद आ गई … की 1984 में हमने यह कंपनी शुरु की थी…. तब इस कंपनीके स्टाफकी गिनती सिर्फ 3 थी … मै और, और दो सॉफ्टवेअर इंजिनिअर्स… और तबसे हमने हर दिन लढते झगडते …. हर दिनको एक स्पर्धा एक कॉंपीटीशन समझते हूए हम आज इस स्थितीमें पहूंच गए है….. मुझे यह बताते हूए खुशी और अभिमान होता है की आज अपने कंपनीने इस देशमेंही नही तो विदेशमेंभी अपना झंडा फहराया है और आज अपने स्टाफकी गिनती .. 30000 के उपर पहूंच चूकी है …”
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Re: मेरी आशिकी - Hindi sex long story

Unread post by Fuck_Me » 29 Sep 2015 08:12

हॉलमें फिरसे एकबार लोगोंने तालियां बजाते हूए हॉल सर पर उठा लिया. तालीयां थमनेके बाद भाटीयाजी फिरसे आगे बोलने लगे. लेकिन स्टेजपर बैठी अंजली उनका भाषण सुनते हूए कब अपने खयालोंमे डूब गई उसे पताही नही चला …

अंजली और शरवरी कॉफी हाऊसमें एकदुसरेके सामने बैठे थे और दोनो अपने अपने सोच मे डूबी धीरे धीरे कॉफीकी चुस्कीयां ले रही थी. उनमें एक अजिबसा सन्नाटा फैला हुवा था. आखिर अंजलीने उस सन्नाटेको भंग किया –

” बराबर 2 दिन हो गए है … उसकी अगली मेल अभीतक कैसे नही आई ? ”

” शायद उसे शक हुवा होगा ” शरवरीने कहा.

” ऐसाही लगता है … ” अंजली आह भरती हुई बोली.

” मुझे लग रहा था की इस बार हम उसे पकडनेमें जरुर कामयाब होंगे … लेकिन अब मुझे चिंता होने लगी है की हम उसे कभी पकडनेमें कामयाबभी होंगे की नही ” अंजलीने कहा.

” और हा उसे शक होना भी उतनाही खतरनाक है .. उसने सारे फोटो अगर इंटरनेटपर डाले तो सारा ही खेल बिगड जाएगा … और बदनामीभी होगी वह अलग ” शरवरीने कहा.

अंजलीने अपने सोचमें डूबे हूए हालतमें सिर्फ सर हिलाया.

” एकही झटकेमें उसे पकडना जरुरी है … नही तो अपना प्लान पुरा फेल हो जाएगा ” अंजलीने कहा ….

…. हॉलमें चल रहे तालीयोंकी गुंजसे अंजली अपने सोचके विश्वसे बाहर आ गई. उसने चारो तरफ अपनी नजरे दौडाई. भाटीयाजींका स्पीच खत्म हो चुका था और वे उसके बगलकेही सिटपर वापस आ रहे थे. वह उनके तरफ देखकर मुस्कुराई, मानो उनके स्पिचकी सराहना कर रही हो. उधर ऍन्कर फिरसे माईकके पास गया था और उसने ऐलान किया – ” अब मै पारितोषीक वितरणके लिए जी. एच. इन्फॉरमेटीक्सकी मॅनेजींग डायरेक्टर … दि आय. टी वुमन ऑफ दिस इयर… मिस. अंजली अंजुळकर … उन्हे आमंत्रित करता हूं …”

अंजली उठ खडी होगई और माइकके पास चली गई. फिरसे हॉल तालीयोंसे गुंज उठा.

” तो अब हम पारितोषीक वितरणके लिए आगे बढते है … ” एन्करने माइकपर जाहिर किया.

”… जैसे आप लोग जानते हो … इस प्रतियोगिता को जब जाहिर किया गया तब हमे इसमें भाग लेनेके लिए इच्छूक लोगोंका बहुत प्रतिसाद मिला… देशभरसे लगभग तिन हजार लोगोंके अप्लीकेशन फॉर्मस हमें मिले …. पहले छाननीमें हमनें उसमेंसे सिर्फ 50 अप्लीकेशन्स चूने … और अब फायनलमें जो चुने है वे है सिर्फ तिन … लेकिन उन तिन लोगोंके नाम जाननेके पहले हमें थाडा रुकना पडेगा. क्योंकी पहले हम कुछ लोगोंको कुछ प्रोत्साहनपर प्राईजेस देने वाले है ….”

प्रोत्साहनपर प्राइजेस देनेमें जादा समय न बिताते हूए ऍन्कर एक एकको स्टेजपर बुला रहा था और अंजली उनको प्राईज देकर उनको शाबासकी देकर उनकी वहांसे रवानगी कर रही थी. प्रोत्साहनपर प्राईजेस खत्म हूए वैसे लोगोंमे फिरसें उत्साह बढता हूवा दिखने लगा.

” अब जिन तिनोंके नाम जाननेके लिए हम उत्सुक है वह वक्त आ चुका है … सबसे पहले मै तिसरा प्राईज जिसे मिला उस प्रतियोगीका नाम जाहिर करने वाला हूं … ” एन्करने सब लोगोंकी जिज्ञासा और बढाते हूए एक बडा पॉज लिया , ” तिसरा प्राईज है 1 लाख रुपये कॅश और मोमेंटो… तो थर्ड प्राईज… मि. अमोल राठोड फ्रॉम जयपूर… प्लीज कम ऑन द स्टेज… ”

हॉलमें तालियां गुंजने लगी. एक पतलासा सावला 20 -22 जिसकी उम्र होगी ऐसा एक लडका सामनेके दसमेंसे एक कतारमेंसे खडा होकर स्टेजकी तरफ जाने लगा. उस प्रतियोगीकी तरफ देखकर किसे लगेगा नही की उसे तिसरा प्राईज मिल सकता है … लेकिन उसके चलनेमें एक जबरदस्त आत्मविश्वास झलक रहा था. अमोल राठोड स्टेजपर आया. जिस आत्मविश्वाससे वह चला था उसी आत्मविश्वासके साथ उसने पुरस्कारका स्विकार किया और अंजलीसे हस्तांदोलन किया. हॉलमें मेडीयाकी भी काफी उपस्थिती थी. पुरस्कार स्विकार करते वक्त बिजली चमकें ऐसे फोटोंकें फ्लॅश दोनोंके उपर चमक रहे थे.

फिरसे हॉलमें मानो जोरसे बारिश हो ऐसे लोगोंने तालियां बजाई. अमोल राठोड स्टेजसे उतरकर फिरसे अपने कुर्सीकी तरफ जाने लगा वैसे ऍन्कर दुसरा प्राईज जिसे मिला उसके नामका ऐलान करनेके लिए सामने आया,

” दुसरा पारितोषीक है 1.5 लाख रुपये कॅश और मोमेंटो… तो थर्ड प्राईज गोज टू… मिस. अनघा देशपांडे फ्रॉम पुणे … प्लीज कम ऑन द स्टेज… ”

हॉलमें फिरसे तालियां बजने लगी. एक गोरी उंची पतली नाजूकसी लगभग 20-21 सालकी युवती स्टेजपर आने लगी. अंजली शायद वह खुदभी एक स्त्री होनेसे उस लडकीकी तरफ आंखे भरकर देख रही थी. अनघा स्टेजपर अंजलीके पास आ गई. पुरस्कार देकर अंजलीने उसे गले लगा लिया. फिरसे कॅमेरेके फ्लॅश जैसे बिजली चमके ऐसे चमकने लगे.

अनघा जैसेही स्टेजसे निचे उतरकर अपने जगहपर वापस आगई ऍन्करने फिरसे माईकपर कब्जा कर लिया था ,

” अब आखिरमें हम जिस पलकी इतनी बेसब्रीसे राह देख रहे है वह पल एकदम नजदिक आ पहूंचा है … पहला पुरस्कार ऐलान करनेका पल … इन फॅक्ट मै अपने आपको बडा भाग्यशाली समझता हूं की पहला पुरस्कार किसको जानेवाला है यह ऐलान करनेका सौभाग्य मुझे मिल रहा है … क्योंकी वह प्रतिस्पर्धी सारे भारतमें एक अव्वल प्रतिस्पर्धी रहनेवाला है … तो पहले देखते है की वह प्रथम पुरस्कार क्या है … प्रथम पुरस्कार है 3 लाख रुपए कॅश, मोमेंटो ऍन्ड अ जॉब ऑफर इन नेट सेक्यूरा… ”
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