मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
सेठ कांती लाल के घर मे एक वाइट कलर की नयी एर कंडीशंड इंनोवा कार थी और दूसरी रेड कलर की मारुति एस्टीम जो थोड़ी पुरानी थी. मैं और शाँतिलाल दोनो ही कार चलाना जानते थे और अक्सर आउटिंग के लिए लोंग ड्राइव पे चले जाते थे और लेट नाइट ही वापस आते. एक टाइम ऐसा हुआ के हम आउटिंग के लिए शहेर से दूर चले गये और वापसी मे देर हो गयी और उस दिन अच्छी ख़ासी ठंड पड़ रही थी. कार के ग्लासस बंद थे फिर भी हमे ठंडी लग रही थी. ऐसी ठंड मे मेरा लंड एक दम से अकड़ गया और पॅंट मे मुझे अड्जस्ट नही हो रहा था उस टाइम मैं कार चला रहा था और शाँतिलाल मेरे बाज़ू मे बैठा हुआ था. मैं बार बार अपने लंड को अपने पॅंट मे अड्जस्ट करने की कोशिश कर रहा था तो उसने पूछा के क्या हुआ तो मैं ने बोला के यह साला मेरा लंड पॅंट के अंदर अकड़ गया है और तकलीफ़ दे रहा है तो उसने कहा ऐसी क्या बात है ले मैं खोल देता हू और उसने अपने हाथो से मेरे पॅंट की ज़िप खोल दी और मेरे आकड़े हुए लंड को बाहर निकाल दिया. उसका हाथ लगते ही मेरा लंड कुछ और ज़ोर से अकड़ने लगा वो लोहे जैसा सख़्त हो चुका था और आज फ़र्स्ट टाइम मेरे लंड पे शाँतिलाल का हाथ लगने से मुझे मज़ा आया था. मेरे मूसल जैसे लंड को देख के उसके मूह से वाउ निकल गया और बोला के यार राजू तेरा लौदा तो बड़ा मस्त है और अगर यह मोटा लोहे जैसा लंड पिंकी की चूतमे घुस जाए तो वो तो मर ही जाएगी
तो मैं ने बोला के यार कैसी बाते करता है तू अपनी बहेन के बारे मे और पिंकी को मैं क्यों चोदने लगा तो वो मुस्कुरा के बोला के मैं देख रहा हू आजकल पिंकी तुझे बोहोत मीठी नज़रो से देख रही है. (अब मैं उसे क्या बता सकता हू के मैं ने पिंकी को क्या करते देखा है और मैं और पिंकी क्या कुछ नही कर चुके है अब तक) मैं ने बोला के चल यार ऐसी बातें नही करते तो फिर वो बोला के खैर पिंकी को छोड़ तू जिस लड़की को चोदेगा वो बही लकी होगी यार जब यह मुझे ही इतना मस्त लगता है तो लड़कियाँ तो तेरे लंड पे मर मिटेंगी तो मैं ने बोला के तेरा लौदा कैसा है उसे भी निकाल तो सही बाहर तो उसने भी अपनी पॅंट की ज़िप खोल दी और अपनी छोटी सी नूनी बाहर निकाल दी तो मैं ने उसको अपने हाथ से पकड़ा और अपनी उंगलिओ से पकड़ के दबाया तो दो या तीन ही टाइम आगे पीछे किया के उसकी ज़ुबान से एक उूुुुुुउऊहह की आवाज़ निकली और उसकी बिना एरेक्ट हुई छोटी सी नूनी मे से पतला पानी निकल आया और वो गहरी गहरी साँसें लेता हुआ अपनी सीट पे ढेर हो गया. थोड़ी देर के बाद उसने कहा के यार मेरा पानी इतनी जल्दी निकल जाता है मैं क्या करू तो मैं ने कहा के चल किसी डॉक्टर से कन्सल्ट करते है तो उसने बोला के नही बाबा मैं डॉक्टर के पास नही जाउन्गा नही तो सारे खानदान मैं मेरी बदनामी हो जाएगी कोई और उपाए सोच तो मैं ने बोला के ठीक है देखते है बाद मे.
जब उसका पानी निकल रहा था तब उसने अपना हाथ मेरे लंड पे से हटा लिया था और पानी निकलने के बाद जब उसकी साँस थोड़ी ठीक हुई तो उसने फिर से मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ लिया और प्यार से दबाया तो मेरे लंड के सुराख मैं से एक बड़ा सा प्री कम का चमकदार ड्रॉप निकल आया जिसे शाँतिलाला ने अपनी उंगली पे ले के चाट लिया और बोला के वाह यार यह तो बोहोत ही मीठा है और फिर से मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ लिया और लंड के डंडे को ऊपेर नीचे कर के मूठ मारने लगा. मूठ मारते मारते बोला के यार तेरा लंड तो बोहोत ही शानदार है इसे देख के तो मेरे मूह मे भी पानी आता है काश के ऐसा लौदा मेरा होता तो मैं ने फिर कहा के अरे यार यह तेरा ही तो है जब चाहे ले लेना कोई फिकर मत कर और अपना हाथ उसके हाथ पे रख के मैं ने इशारा किया के मूठ मार तो वो फिर से मूठ मारने लगा. मेरा मूसल जैसा लंड बोहोत बड़ा और मोटा था और अब लोहे जैसा सख़्त भी हो चुका था और उसके हाथ मे पूरा नही समा रहा था पर वो मस्ती मे मूठ मारने लगा और फिर मेरे देखते ही देखते वो अपनी सीट से झुका और मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगा मैं एक दम से असचर्या मे पड़ गया और बोला के अरे अरे यार यह क्या कर रहा है रे तू मैं यह कहता ही रहा और वो मेरा लंड अपने मूह मे ले के मज़े से किसी लॉली पोप की तरह से चूसने लगा. थोड़ी देर मे मुझे बोहोत ही मज़ा आने लगा. यह फर्स्ट टाइम था जब उसने मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया था. वो
चूस रहा था और मुझे बे इंतेहा मज़ा आ रहा था मेरी आँखें मस्ती मैं बंद होने लगी थी मेरा दिमाग़ सातवे आसमान पे था तो मैं ने कार को रोड के एक साइड मे कर के रोक दिया और अपने टाँगो को फैला दिया ता कि उसको चूसने मे आसानी हो. शाँतिलाल ने मेरे लंड के डंडे को अपने हाथ से पकड़ के मूठ मार रहा था और आधा लंड उसके मूह मे था कभी कभी पूरा लंड अपने मूह मे ले लेता तो लंड का सूपड़ा उसके थ्रोट तक चला जाता तब मुझे बोहोत ही मज़ा आता और वो मेरे लंड को किसी लॉली पोप की तरह से चूस्ता रहा और फिर शाएद 5 मिनिट के अंदर ही मुझे लगा जैसे मेरा बदन सुन्न होने लगा है और मेरे बॉल्स मे से कोई चीज़ निकलने को मचल रही है और फिर देखते ही देखते मेरे लंड मे से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम क्रीम का फव्वारा उड़ उड़ के उसके मूह मे गिरने लगा जिसे उसने बड़े मज़े से खा लिया और एक एक ड्रॉप निकलने तक चूस्ता ही रहा. मेरी भी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी आँखें बंद हो गयी थी. थोड़ी देर के बाद जब मेरी आँख खुली तो मैं ने शाँतिलाल की तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दिया और बोला के देख यार कुछ बोलना नही मुझे तेरी मलाई खा के बड़ा मज़ा आया आज पहली बार मैं ने तेरी मलाई खाई है बड़ी मस्त और टेस्टी थी तेरी मलाई. मेरे लौदे मे से तो पतला पानी जैसा ही निकलता है और तेरे लंड मे से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम मलाई आज मुझे इसका स्वाद मालूम हुआ और हंसते हुए बोला के अब तो मैं तेरी मलाई ख़ाता ही रहूँगा मुझे मना नही करना ओके. फिर उसने मेरे लंड को बड़े प्यार से दबाया और पॅंट के अंदर डाल के ज़िप को बंद कर दिया. मेरे लिए यह पहली बार था के किसी मेल ने मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूस चूस के मेरी क्रीम निकाली हो मुझे तब लगा के किसी मेल से लंड चुसवाने का भी एक अलग ही मज़ा है. सच मे मुझे शांति से लंड चुसवाने मे बोहोत मज़ा आया.
तो मैं ने बोला के यार कैसी बाते करता है तू अपनी बहेन के बारे मे और पिंकी को मैं क्यों चोदने लगा तो वो मुस्कुरा के बोला के मैं देख रहा हू आजकल पिंकी तुझे बोहोत मीठी नज़रो से देख रही है. (अब मैं उसे क्या बता सकता हू के मैं ने पिंकी को क्या करते देखा है और मैं और पिंकी क्या कुछ नही कर चुके है अब तक) मैं ने बोला के चल यार ऐसी बातें नही करते तो फिर वो बोला के खैर पिंकी को छोड़ तू जिस लड़की को चोदेगा वो बही लकी होगी यार जब यह मुझे ही इतना मस्त लगता है तो लड़कियाँ तो तेरे लंड पे मर मिटेंगी तो मैं ने बोला के तेरा लौदा कैसा है उसे भी निकाल तो सही बाहर तो उसने भी अपनी पॅंट की ज़िप खोल दी और अपनी छोटी सी नूनी बाहर निकाल दी तो मैं ने उसको अपने हाथ से पकड़ा और अपनी उंगलिओ से पकड़ के दबाया तो दो या तीन ही टाइम आगे पीछे किया के उसकी ज़ुबान से एक उूुुुुुउऊहह की आवाज़ निकली और उसकी बिना एरेक्ट हुई छोटी सी नूनी मे से पतला पानी निकल आया और वो गहरी गहरी साँसें लेता हुआ अपनी सीट पे ढेर हो गया. थोड़ी देर के बाद उसने कहा के यार मेरा पानी इतनी जल्दी निकल जाता है मैं क्या करू तो मैं ने कहा के चल किसी डॉक्टर से कन्सल्ट करते है तो उसने बोला के नही बाबा मैं डॉक्टर के पास नही जाउन्गा नही तो सारे खानदान मैं मेरी बदनामी हो जाएगी कोई और उपाए सोच तो मैं ने बोला के ठीक है देखते है बाद मे.
जब उसका पानी निकल रहा था तब उसने अपना हाथ मेरे लंड पे से हटा लिया था और पानी निकलने के बाद जब उसकी साँस थोड़ी ठीक हुई तो उसने फिर से मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ लिया और प्यार से दबाया तो मेरे लंड के सुराख मैं से एक बड़ा सा प्री कम का चमकदार ड्रॉप निकल आया जिसे शाँतिलाला ने अपनी उंगली पे ले के चाट लिया और बोला के वाह यार यह तो बोहोत ही मीठा है और फिर से मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ लिया और लंड के डंडे को ऊपेर नीचे कर के मूठ मारने लगा. मूठ मारते मारते बोला के यार तेरा लंड तो बोहोत ही शानदार है इसे देख के तो मेरे मूह मे भी पानी आता है काश के ऐसा लौदा मेरा होता तो मैं ने फिर कहा के अरे यार यह तेरा ही तो है जब चाहे ले लेना कोई फिकर मत कर और अपना हाथ उसके हाथ पे रख के मैं ने इशारा किया के मूठ मार तो वो फिर से मूठ मारने लगा. मेरा मूसल जैसा लंड बोहोत बड़ा और मोटा था और अब लोहे जैसा सख़्त भी हो चुका था और उसके हाथ मे पूरा नही समा रहा था पर वो मस्ती मे मूठ मारने लगा और फिर मेरे देखते ही देखते वो अपनी सीट से झुका और मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूसने लगा मैं एक दम से असचर्या मे पड़ गया और बोला के अरे अरे यार यह क्या कर रहा है रे तू मैं यह कहता ही रहा और वो मेरा लंड अपने मूह मे ले के मज़े से किसी लॉली पोप की तरह से चूसने लगा. थोड़ी देर मे मुझे बोहोत ही मज़ा आने लगा. यह फर्स्ट टाइम था जब उसने मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया था. वो
चूस रहा था और मुझे बे इंतेहा मज़ा आ रहा था मेरी आँखें मस्ती मैं बंद होने लगी थी मेरा दिमाग़ सातवे आसमान पे था तो मैं ने कार को रोड के एक साइड मे कर के रोक दिया और अपने टाँगो को फैला दिया ता कि उसको चूसने मे आसानी हो. शाँतिलाल ने मेरे लंड के डंडे को अपने हाथ से पकड़ के मूठ मार रहा था और आधा लंड उसके मूह मे था कभी कभी पूरा लंड अपने मूह मे ले लेता तो लंड का सूपड़ा उसके थ्रोट तक चला जाता तब मुझे बोहोत ही मज़ा आता और वो मेरे लंड को किसी लॉली पोप की तरह से चूस्ता रहा और फिर शाएद 5 मिनिट के अंदर ही मुझे लगा जैसे मेरा बदन सुन्न होने लगा है और मेरे बॉल्स मे से कोई चीज़ निकलने को मचल रही है और फिर देखते ही देखते मेरे लंड मे से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम क्रीम का फव्वारा उड़ उड़ के उसके मूह मे गिरने लगा जिसे उसने बड़े मज़े से खा लिया और एक एक ड्रॉप निकलने तक चूस्ता ही रहा. मेरी भी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी आँखें बंद हो गयी थी. थोड़ी देर के बाद जब मेरी आँख खुली तो मैं ने शाँतिलाल की तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दिया और बोला के देख यार कुछ बोलना नही मुझे तेरी मलाई खा के बड़ा मज़ा आया आज पहली बार मैं ने तेरी मलाई खाई है बड़ी मस्त और टेस्टी थी तेरी मलाई. मेरे लौदे मे से तो पतला पानी जैसा ही निकलता है और तेरे लंड मे से गाढ़ी गाढ़ी गरम गरम मलाई आज मुझे इसका स्वाद मालूम हुआ और हंसते हुए बोला के अब तो मैं तेरी मलाई ख़ाता ही रहूँगा मुझे मना नही करना ओके. फिर उसने मेरे लंड को बड़े प्यार से दबाया और पॅंट के अंदर डाल के ज़िप को बंद कर दिया. मेरे लिए यह पहली बार था के किसी मेल ने मेरे लंड को अपने मूह मे ले के चूस चूस के मेरी क्रीम निकाली हो मुझे तब लगा के किसी मेल से लंड चुसवाने का भी एक अलग ही मज़ा है. सच मे मुझे शांति से लंड चुसवाने मे बोहोत मज़ा आया.
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
हम घर वापस आ गये थे और इस वाक़ये के बाद भी बोहोत टाइम शाँतिलाल ने मेरे लंड को चूसा और कभी तो मूठ मार मार के जब मेरी मलाई निकलने वाली होती तब मेरे लंड के सूपदे पे मूह लगा देता और सारी क्रीम खा जाता और कभी कभी तो मूठ मार मार के देखता रहता के मेरे लंड के सुराख से मलाई कैसे हवा मे ऊपेर उड़ती है और जब मलाई हवा मे उड़ के मेरे बदन पे गिर जाती तो वो मेरे बदन से मलाई को मज़े ले ले के चाट लेता. मैं भी उसके नूनी को अपनी उंगलिओ से पकड़ लेता और एज यूज्वाल उसकी नूनी मे एरेक्षन आने से पहले एक ही मिनिट के अंदर उसका पतला पानी निकल जाता था और वो मुझ से पूछता के यार ऐसे होगा तो मैं शादी कैसे करूँगा और मैं पायल को कैसे चोद पाउन्गा तो मैं ने फिर से बोला के चल यार किसी डॉक्टर से बात करते है तो फिर से उसने
बोला के नही यार मैं मर जाउन्गा पर डॉक्टर के पास ऐसे नही जाउन्गा तो मैं ने बोला के फिर तू ही बता क्या करेगा और शादी कैसे करेगा. शादी से मना भी तो नही कर सकता शादी तो तुझे करनी ही है तो वो कुछ सोच मे पड़ जाता फिर बोलता के चल बाद मे देखते है क्या होता है पर मे समझ नही सका के उसके दिमाग़ मे क्या चल रहा है और शाएद वो ऐसे ही सोचते सोचते इन्फीरियारिटी कॉंप्लेक्स मे घिरता चला गया.
एक शाम मैं कॉलेज से वापस आ कर मैं क्रिकेट खेलने के लिए घर से बाहर निकला ही था के शाँतिलाल ने मुझे बुलाया और बोला के चल राजू जल्दी से कार मे बैठ हमै अभी फार्महाउस जाना है वाहा कोई एलेक्ट्रिसिटी का प्राब्लम हो गया है. जल्दी बैठ रात तक वापस आ जाएँगे तो मैं ने कहा के अरे यार मैं ने चड्डी पहनी हुई है ज़रा रुक पॅंट पहेन के आता हू तो वो बोला के अरे यार चल चड्डी मे कोई प्राब्लम है क्या तेरे कू चल बैठ तो मैं ने अपनी मम्मी को फोन कर दिया के मैं जा रहा हू और लेट नाइट वापस आउन्गा. मेरी मम्मी को पता था के मैं शाँतिलाल के घर ज़ियादा और अपने घर मे कम ही रहता हू और वो मुझे कभी मना भी नही करती थी. मम्मी से बोलने के बाद हम मारुति एस्टीम मे बैठ कर सिड्डिपेट फार्महाउस की तरफ चल दिए. सिड्डिपेट तक पहुँचते पहुँचते रात हो गयी थी. घर मे एलेक्ट्रिसिटी नही थी और सर्वेंट’स क्वॉर्टर मे कॅंडल जल रही थी जिस से धीमी रोशनी आ रही थी. गंगू बाई ने बताया के मीटर मे कोई खराबी होने के कारण बिजली चली गयी जिस से फ्रिड्ज मई रखी सारी चीज़ें खराब होने लगी हैं.
शाँतिलाल एलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के लाइनमेन को जानता था और उस से दोस्ती भी थी उसको फोन किया और वो थोड़ी ही देर मे फार्महाउस आ गया और उसने प्राब्लम को देखा और अपने दूसरे लाइन मॅन को बुलाया और लाइट ठीक करने मे लग गया. एलेक्ट्रिसिटी के आते आते रात के 11 बज गये. शाँतिलाल बोला के चल राजू आज रात यही रुक जाते है तो मैं ने कहा के अरे ऐसे कैसे रुक जाते है चल वापस चलते है मैं तो अपने कपड़े भी नही लाया तो उसने बोला अरे यार कपड़ो की क्यों फिकर करता है इधर अलमारी मे बोहोत कपड़े पड़े है जो मर्ज़ी आए पहेन लेना नही तो ऐसे ही सो जाना क्या प्राब्लम है तेरे कू और बोला के यार देख अभी रात बोहोत हो गयी है और बिजली भी चमक रही है हो सकता है के रास्ते मे बारिश हो जाए इसी लिए हम सुबह ही निकल चलते है तो मैं ने कहा चल ठीक है और दोनो ने घर फोन कर दिया के हम रात यही फार्महाउस पे रुक रहे है और कल सुबह वापस आएँगे. हम ने खाना भी नही खाया था. गंगू बाई ने बोला के बाबूजी मैं कुछ पका देती हू आप लोग यही खाना खा लीजिए और फ्रिड्ज को खोल के देखा तो पता चला के बिजली नही होने के कारण वाहा जो कुछ भी रखा था वो सब कुछ खराब हो चुका था और उसको फेक देना पड़ा. गंगू बाई
ने बोला के कोई फिकर ना करो बाबू मेरे पास खाना पका है अगर आप लोग खाओ तो ले के आती हू और थोड़ी ही देर मे वो खाने के लिए कुछ सब्ज़ी, दाल और चावल ले के आ गयी जिसे हम ने खाया.
मैं और शाँतिलाल एक रूम मे आ गये और एर कंडीशन खोल दिया. दिन भर की भाग दौड़ के बाद कुछ गर्मी लग रही थी. गंगू बाई ने बेड साफ कर के दूसरी बेड शीट बिछा दी थी और हम दोनो एक ही डबल बेड पे लेट गये और सोने की तय्यारी करने लगे. शाँतिलाल को फिर से अपने छोटे लौदे की चिंता सताने लगी और बोला के यार मैं पायल को कैसे चोदुन्गा अपने इस छोटे से लंड से तो मैं ने फिर डॉक्टर से कॉन्सल्टेशन करने का सुझाव दिया जिसे उस ने फिर से रिजेक्ट कर दिया. हम दोनो पास पास ही लेते थे और शाँतिलाल ने मेरे थाइस पे हाथ लगाया और एक दम से मेरे बदन मे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गयी और लंड एक ही सेकेंड के अंदर अकड़ गया जिसे उसने फॉरन ही अपनी मुथि मे पकड़ लिया और बड़े प्यार से दबाने लगा. अब हम दोनो ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए और नंगे ही लेट गये फिर मैं ने भी अपना हाथ उसके लौदे पे रखा और अपनी दो उंगलिओ से पकड़ा और एक दो ही झटको मे उसका पानी निकल गया और एक बार फिर से शाँतिलाल निराश हो गया. उसने मेरे लंड को पकड़ के मूठ मारना शुरू कर दिया और फिर देखते ही देखते मेरे लंड को अपने मूह मे भर के चूसना भी शुरू कर्दिआ. तकरीबन 10 मिनिट्स तक चूसने के बाद मेरे लंड मे से निकालने वाली मलाई को वो खा गया और हम दोनो सो गये
मैं बोहोत ही गहरी नींद मे था तो मुझे महसूस हुआ के मेरे लंड से कोई खेल रहा है बड़ी मुश्किल से आँख खुली तो देखा के शाँतिलाल मेरे लंड से खेल रहा है और मेरा लंड है के फुल्ली एरेक्ट हो चुका है. मैं भी देखना चाहता था के वो क्या करता है और मैं ने ऐसा पोज़ किया जैसे मे गहरी नींद सो रहा हू. वो अपनी जगह से उठा और साइड मे रखी हुई ड्रेसिंग टेबल से हेर गेल का डिब्बा उठा लाया और पहले अपनी गंद पे गेल लगाया और फिर मेरे लंड पे खूब बोहोत सारा गेल लगा दिया मैं चुप चाप पड़ा रहा और इंतेज़ार करने लगा के देखते है अब आगे क्या करता है और फिर वो मेरे बदन के दोनो तरफ अपनी दोनो टाँगें रख के मेरे लंड पे बैठने लगा मैं फिर भी चुप पड़ा रहा. मेरा लंड का सूपड़ा बोहोत मोटा था और उसकी गंद मैं नही घुस रहा था और फिर जब उसने थोडा और प्रेशर डाला तो लंड का सूपड़ा उसकी गंद के छेद मे घुस्स गया और फॉरन ही मैं ने अपनी आँख खोल दी और पूछा अरे शांति यह क्या कर रहा है तू. तो उसने बोला के यार प्लीज़ एक टाइम मुझे अपनी गंद मैं तेरा लंड लेने दे ना प्लीज़ बॅस एक टाइम. मैं ने बोला के नही यार तू मेरा दोस्त है
मैं तेरे साथ ऐसे कैसे कर सकता हू तो उसने बोला के यार प्लीज़ कोई बात नही यहा कोई नही है बॅस यह बात या तो तू जानता है या मैं किसी को भी खबर नही होगी प्लीज़ यार तो मैं ने कहा के देख मेरा लंड बोहोत मोटा और बड़ा है तेरी गान्ड मे नही घुस पाएगा और अगर ज़बरदस्ती घुसाया तो तेरी गंद फॅट जाएगी तो तुझे बोहोत दरद होगा तो उसने कहा के कोई बात नही यार ऐसे शानदार लंड से गंद फॅट भी जाए तो कोई बात नही पर आज मना मत कर और इसको मुझे अपनी गंद मे लेने दे प्लीज़. दोस्तो मैं गे तो नही हू पर उस टाइम पे मुझे शांति पे दया आ गयी और बोला के ठीक है तू ही ट्राइ कर और जितना अपनी गंद मे ले सकता है लेले. उसने कहा ठीक है और अब वो फिर से कुछ और गेल लगा के ट्राइ करने लगा. थोड़ा थोड़ा कर के पूरा सूपड़ा अंदर घुस ही चुका था और शाँतिलाल का सारा बदन अकड़ गया था और एरकॉनडिशन के चलते हुए भी उसको तकलीफ़ से पसीना आने लगा था. फिर मैं ने बोला के ठीक है चल तू नीचे लेट जा मैं ही ट्राइ करता हू तेरी गंद मारने की और वो नीचे उल्टा पेट के बल लेट गया और अपनी गंद को थोडा उठा दिया. मैं अब उसकी टॅंगो को फैला के उसकी टॅंगो के बीच आ गया और थोड़ा और हेर गेल उसकी गंद मैं लगाई और अपने लंड पर भी लगाया और अपने घुटने मोड़ के उसके बदन पे झुक गया और उसका शोल्डर पकड़ के उसकी फैली हुई टाँगो को अपनी टाँगो से थोड़ा और फैला दिया और उसकी गंद मैं अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा. एक दो टाइम तो लंड उसकी गंद के छेद से स्लिप हो गया पर एक टाइम एक झटका सही जगह पे लगा और उसकी गंद के सुराख मैं मेरे लंड का मोटा सा सूपड़ा अटक गया जिस से उसकी हल्की सी चीख निकल गयी आआऐईईईई और उसको दरद हुआ तो उसने बोला के आराम से डाल यार. मैं कुछ देर के लिए ऐसे ही रुक गया फिर धीरे धीरे लंड के सूपदे को ही आगे पीछे करने लगा थोड़ी ही देर मैं उसकी गंद का सुराख मेरे लंड के सूपदे को अड्जस्ट कर पाया तो मैं ने एक ज़ोर दार धक्का मारा तो शाँतिलाल के मूह से निकला म्*म्म्ममाआआआररर्र्र्र्ररर द्द्द्द्द्द्द्द्द्दाआआल्ल्ल्ल्
बोला के नही यार मैं मर जाउन्गा पर डॉक्टर के पास ऐसे नही जाउन्गा तो मैं ने बोला के फिर तू ही बता क्या करेगा और शादी कैसे करेगा. शादी से मना भी तो नही कर सकता शादी तो तुझे करनी ही है तो वो कुछ सोच मे पड़ जाता फिर बोलता के चल बाद मे देखते है क्या होता है पर मे समझ नही सका के उसके दिमाग़ मे क्या चल रहा है और शाएद वो ऐसे ही सोचते सोचते इन्फीरियारिटी कॉंप्लेक्स मे घिरता चला गया.
एक शाम मैं कॉलेज से वापस आ कर मैं क्रिकेट खेलने के लिए घर से बाहर निकला ही था के शाँतिलाल ने मुझे बुलाया और बोला के चल राजू जल्दी से कार मे बैठ हमै अभी फार्महाउस जाना है वाहा कोई एलेक्ट्रिसिटी का प्राब्लम हो गया है. जल्दी बैठ रात तक वापस आ जाएँगे तो मैं ने कहा के अरे यार मैं ने चड्डी पहनी हुई है ज़रा रुक पॅंट पहेन के आता हू तो वो बोला के अरे यार चल चड्डी मे कोई प्राब्लम है क्या तेरे कू चल बैठ तो मैं ने अपनी मम्मी को फोन कर दिया के मैं जा रहा हू और लेट नाइट वापस आउन्गा. मेरी मम्मी को पता था के मैं शाँतिलाल के घर ज़ियादा और अपने घर मे कम ही रहता हू और वो मुझे कभी मना भी नही करती थी. मम्मी से बोलने के बाद हम मारुति एस्टीम मे बैठ कर सिड्डिपेट फार्महाउस की तरफ चल दिए. सिड्डिपेट तक पहुँचते पहुँचते रात हो गयी थी. घर मे एलेक्ट्रिसिटी नही थी और सर्वेंट’स क्वॉर्टर मे कॅंडल जल रही थी जिस से धीमी रोशनी आ रही थी. गंगू बाई ने बताया के मीटर मे कोई खराबी होने के कारण बिजली चली गयी जिस से फ्रिड्ज मई रखी सारी चीज़ें खराब होने लगी हैं.
शाँतिलाल एलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के लाइनमेन को जानता था और उस से दोस्ती भी थी उसको फोन किया और वो थोड़ी ही देर मे फार्महाउस आ गया और उसने प्राब्लम को देखा और अपने दूसरे लाइन मॅन को बुलाया और लाइट ठीक करने मे लग गया. एलेक्ट्रिसिटी के आते आते रात के 11 बज गये. शाँतिलाल बोला के चल राजू आज रात यही रुक जाते है तो मैं ने कहा के अरे ऐसे कैसे रुक जाते है चल वापस चलते है मैं तो अपने कपड़े भी नही लाया तो उसने बोला अरे यार कपड़ो की क्यों फिकर करता है इधर अलमारी मे बोहोत कपड़े पड़े है जो मर्ज़ी आए पहेन लेना नही तो ऐसे ही सो जाना क्या प्राब्लम है तेरे कू और बोला के यार देख अभी रात बोहोत हो गयी है और बिजली भी चमक रही है हो सकता है के रास्ते मे बारिश हो जाए इसी लिए हम सुबह ही निकल चलते है तो मैं ने कहा चल ठीक है और दोनो ने घर फोन कर दिया के हम रात यही फार्महाउस पे रुक रहे है और कल सुबह वापस आएँगे. हम ने खाना भी नही खाया था. गंगू बाई ने बोला के बाबूजी मैं कुछ पका देती हू आप लोग यही खाना खा लीजिए और फ्रिड्ज को खोल के देखा तो पता चला के बिजली नही होने के कारण वाहा जो कुछ भी रखा था वो सब कुछ खराब हो चुका था और उसको फेक देना पड़ा. गंगू बाई
ने बोला के कोई फिकर ना करो बाबू मेरे पास खाना पका है अगर आप लोग खाओ तो ले के आती हू और थोड़ी ही देर मे वो खाने के लिए कुछ सब्ज़ी, दाल और चावल ले के आ गयी जिसे हम ने खाया.
मैं और शाँतिलाल एक रूम मे आ गये और एर कंडीशन खोल दिया. दिन भर की भाग दौड़ के बाद कुछ गर्मी लग रही थी. गंगू बाई ने बेड साफ कर के दूसरी बेड शीट बिछा दी थी और हम दोनो एक ही डबल बेड पे लेट गये और सोने की तय्यारी करने लगे. शाँतिलाल को फिर से अपने छोटे लौदे की चिंता सताने लगी और बोला के यार मैं पायल को कैसे चोदुन्गा अपने इस छोटे से लंड से तो मैं ने फिर डॉक्टर से कॉन्सल्टेशन करने का सुझाव दिया जिसे उस ने फिर से रिजेक्ट कर दिया. हम दोनो पास पास ही लेते थे और शाँतिलाल ने मेरे थाइस पे हाथ लगाया और एक दम से मेरे बदन मे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गयी और लंड एक ही सेकेंड के अंदर अकड़ गया जिसे उसने फॉरन ही अपनी मुथि मे पकड़ लिया और बड़े प्यार से दबाने लगा. अब हम दोनो ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए और नंगे ही लेट गये फिर मैं ने भी अपना हाथ उसके लौदे पे रखा और अपनी दो उंगलिओ से पकड़ा और एक दो ही झटको मे उसका पानी निकल गया और एक बार फिर से शाँतिलाल निराश हो गया. उसने मेरे लंड को पकड़ के मूठ मारना शुरू कर दिया और फिर देखते ही देखते मेरे लंड को अपने मूह मे भर के चूसना भी शुरू कर्दिआ. तकरीबन 10 मिनिट्स तक चूसने के बाद मेरे लंड मे से निकालने वाली मलाई को वो खा गया और हम दोनो सो गये
मैं बोहोत ही गहरी नींद मे था तो मुझे महसूस हुआ के मेरे लंड से कोई खेल रहा है बड़ी मुश्किल से आँख खुली तो देखा के शाँतिलाल मेरे लंड से खेल रहा है और मेरा लंड है के फुल्ली एरेक्ट हो चुका है. मैं भी देखना चाहता था के वो क्या करता है और मैं ने ऐसा पोज़ किया जैसे मे गहरी नींद सो रहा हू. वो अपनी जगह से उठा और साइड मे रखी हुई ड्रेसिंग टेबल से हेर गेल का डिब्बा उठा लाया और पहले अपनी गंद पे गेल लगाया और फिर मेरे लंड पे खूब बोहोत सारा गेल लगा दिया मैं चुप चाप पड़ा रहा और इंतेज़ार करने लगा के देखते है अब आगे क्या करता है और फिर वो मेरे बदन के दोनो तरफ अपनी दोनो टाँगें रख के मेरे लंड पे बैठने लगा मैं फिर भी चुप पड़ा रहा. मेरा लंड का सूपड़ा बोहोत मोटा था और उसकी गंद मैं नही घुस रहा था और फिर जब उसने थोडा और प्रेशर डाला तो लंड का सूपड़ा उसकी गंद के छेद मे घुस्स गया और फॉरन ही मैं ने अपनी आँख खोल दी और पूछा अरे शांति यह क्या कर रहा है तू. तो उसने बोला के यार प्लीज़ एक टाइम मुझे अपनी गंद मैं तेरा लंड लेने दे ना प्लीज़ बॅस एक टाइम. मैं ने बोला के नही यार तू मेरा दोस्त है
मैं तेरे साथ ऐसे कैसे कर सकता हू तो उसने बोला के यार प्लीज़ कोई बात नही यहा कोई नही है बॅस यह बात या तो तू जानता है या मैं किसी को भी खबर नही होगी प्लीज़ यार तो मैं ने कहा के देख मेरा लंड बोहोत मोटा और बड़ा है तेरी गान्ड मे नही घुस पाएगा और अगर ज़बरदस्ती घुसाया तो तेरी गंद फॅट जाएगी तो तुझे बोहोत दरद होगा तो उसने कहा के कोई बात नही यार ऐसे शानदार लंड से गंद फॅट भी जाए तो कोई बात नही पर आज मना मत कर और इसको मुझे अपनी गंद मे लेने दे प्लीज़. दोस्तो मैं गे तो नही हू पर उस टाइम पे मुझे शांति पे दया आ गयी और बोला के ठीक है तू ही ट्राइ कर और जितना अपनी गंद मे ले सकता है लेले. उसने कहा ठीक है और अब वो फिर से कुछ और गेल लगा के ट्राइ करने लगा. थोड़ा थोड़ा कर के पूरा सूपड़ा अंदर घुस ही चुका था और शाँतिलाल का सारा बदन अकड़ गया था और एरकॉनडिशन के चलते हुए भी उसको तकलीफ़ से पसीना आने लगा था. फिर मैं ने बोला के ठीक है चल तू नीचे लेट जा मैं ही ट्राइ करता हू तेरी गंद मारने की और वो नीचे उल्टा पेट के बल लेट गया और अपनी गंद को थोडा उठा दिया. मैं अब उसकी टॅंगो को फैला के उसकी टॅंगो के बीच आ गया और थोड़ा और हेर गेल उसकी गंद मैं लगाई और अपने लंड पर भी लगाया और अपने घुटने मोड़ के उसके बदन पे झुक गया और उसका शोल्डर पकड़ के उसकी फैली हुई टाँगो को अपनी टाँगो से थोड़ा और फैला दिया और उसकी गंद मैं अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा. एक दो टाइम तो लंड उसकी गंद के छेद से स्लिप हो गया पर एक टाइम एक झटका सही जगह पे लगा और उसकी गंद के सुराख मैं मेरे लंड का मोटा सा सूपड़ा अटक गया जिस से उसकी हल्की सी चीख निकल गयी आआऐईईईई और उसको दरद हुआ तो उसने बोला के आराम से डाल यार. मैं कुछ देर के लिए ऐसे ही रुक गया फिर धीरे धीरे लंड के सूपदे को ही आगे पीछे करने लगा थोड़ी ही देर मैं उसकी गंद का सुराख मेरे लंड के सूपदे को अड्जस्ट कर पाया तो मैं ने एक ज़ोर दार धक्का मारा तो शाँतिलाल के मूह से निकला म्*म्म्ममाआआआररर्र्र्र्ररर द्द्द्द्द्द्द्द्द्दाआआल्ल्ल्ल्
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
ल्ल्ल्ल्लाआआअ और मेरा लंबा मोटा खूँटे जैसा लंड एक ही झटके मे उसकी गंद के अंदर पूरा घुस चुका था और उसी के साथ शाँतिलाल का बदन अकड़ गया और मेरे लंड को उसकी गंद के टाइट मसल्स से पकड़ लिया. उसकी गंद मैं अपना लंड अंदर डाले ही उसके ऊपेर लेटा रहा थोड़ी देर के बाद लंड अंदर बाहर करते करते उसकी गंद मारने लगा. यह मेरा पहली बार था किसी की भी गंद मारने का. अब तो मुझे भी शांति की टाइट गंद मरने मैं मज़ा आने लगा और मे तेज़ी से उसकी गंद मारने लगा तो उसने कहा के देख राजू मेरे लौदे मे कुछ हो रहा है तो मैं ने अपने हाथ से उसके लौदे को पकड़ के देखा तो तो थोड़ा सा अकड़ गया था. यह पहली बार था के उसका लौदे मैं थोड़ा सा एरेक्षन आया था तब मुझे बोहोत
पहले पढ़ा हुआ एक आर्टिकल याद आया जिसमे लिखा था के कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनकी गंद मारने से उनके लौदे मैं थोड़ा सा एरेक्षन आ जाता है और मैं सोचने लगा के शायद शाँतिलाल भी उसी केटेगरी का मर्द होगा. शाँतिलाल के छोटे लौदे मे भी थोड़ा सा एरेक्षन आया था पर अभी भी उतना नही था के किसी की चूत मे घुस सके और वैसे भी उसका लौदा 3 इंच का ही तो था और एक बार फिर मेरा हाथ उसके लौदे पे लगते ही उसका पानी निकल गया. मैं धना धन उसकी गंद मार रहा था और वो भी अब मज़ा लेने लगा था क्यॉंके उसके लौदे मैं से भी पानी निकल चुका था. थोड़ी देर तक उसकी गंद मारने के बाद अब मैं भी झड़ने के करीब आगेया और उसको बोला के मैं अब झड़ने वाला हू तो उसने बोला के राजू प्लीज़ मेरी गंद मे ही डाल दे अपनी सारी मलाई और फिर एक मिनिट के अंदर ही मेरे लंड मे से मेरी क्रीम की गाढ़ी गाढ़ी धारियाँ निकलने लगी और उसकी गंद भरने लगी. क्रीम निकलने के बाद मैं उसके बॅक पे लेट गया और लंड अभी भी उसकी गंद के अंदर ही था. थोड़ी देर के बाद जब मेरा लंड थोड़ा नरम पड़ा तो मैं ने खेच के बाहर निकाल लिया तो उसकी फटी गंद मे से खून निकल के बेड शीट पे गिर गया. मेरे लंड ने शाँतिलाल की वर्जिन गंद को फाड़ डाला था. ब्लड देख के वो मुस्कुराते हुए बोला के वाउ राजू तू ने मेरे गंद की चर्री ले ली और मेरी गंद की सील भी तोड़ डाली और हम दोनो हंस पड़े.
सुबह हम दोनो उठ के बेडशीट को फोल्ड कर के वॉशिंग मशीन मे धोने के लिए डाल दिया और वापस हयदेराबाद की तरफ चल पड़े. बाद मे हमै पता चला के गंगू बाई ने वो खून देखा और समझ गयी कि दो मे से किसी की गंद फटी है लैकिन किसकी फटी है उसको नही पता. अब जब कभी भी शाँतिलाल को मोका मिलता है वो मुझ से अपनी गंद मरवाने की ज़िद्द करने लगता है और मैं कभी कभी उसकी गंद भी मार देता हू कभी उसके मूह मे ही लंड डाल के चूसने के लिए दे देता हू जिसे वो किसी टेस्टी लॉलीपोप की तरह से चूस्ता और लंड मे से निकाल सारी मलाई मज़े ले ले के खा जाता.
प्यारी पिंकी :
अब मैं आपको वो किस्सा सुनता हू जब मैं ने पहली बार पिंकी और पायल के छोटे छोटे नंगे बूब्स को दबा के मसला था. यूँ तो पिंकी के बूब्स को हाथ लगाता ही रहता था लैकिन शर्ट के ऊपेर से ही लैकिन आज वो फर्स्ट टाइम था जब रियल मे उसके नंगे बूब्स को अपने हाथो मे ले के खूब दबाया.
होली का त्योहार आ गया था. मैं तो हमेशा से ही होली का वेट किया करता था क्यॉंके मुझे पिंकी और पायल के साथ होली खेलने मे बोहोत ही मज़ा आता था. पिंकी और पायल तकरीबन एक ही उमर की थी और अपने दोस्तो के पास होली खेलने से पहले मेरे साथ खेलना पसंद करते थे. एक दूसरे के बदन को खूब रगड़ रगड़ के, इधर उधर दबा दबा के, चिल्ला के हंसते, खेलते रंग लगाया करते थे बड़ा ही मज़ा आता था मुझे तो क्यॉंके दोनो के बूब्स भी दबाने का मोका मिल जाता था और उनको अपने आकड़े हुए लंड का स्पर्श भी दिलाता रहता था. हम लोग होली तकरीबन एक या डेढ़ घंटा खेलते थे उसके बाद वो दोनो के फ्रेंड्स आ जाते या यह दोनो अपने फ्रेंड्स के पास चले जाते थे.
इस टाइम हमेशा की तरहा मैं वाइट कुर्ता पाजामा ( यहा यह बता दू के हम लोग होली खेलने की शुरुआत वाइट कपड़ो से ही करते थे और शाम तक यह कपड़े इतने रंगीन हो जाते के इनका असली रंग कही से भी नही मालूम होता था ) हा तो वाइट कुर्ता पाजामा पहेन के मैं शांति के घर आ गया. वो लोग बस ब्रेकफास्ट करके बैठे ही थे. मुझे देख के सब ही मुस्कुरा दिए क्यॉंके मैं सब से पहले रेडी हो के आ गया था और शांति के घर अभी तक कोई भी रेडी नही हुआ था पिंकी की मम्मी बोली के चल बेटा पिंकी देख राजा तुझ से पहले ही रेडी हो के आ गया चल अब तू भी जल्दी से रेडी हो जा. अभी उनका सेंटेन्स ख़तम भी नही हुआ था के पायल भी वाइट सलवार कमीज़ पहेन के रेडी हो के आगयी और सब को नमस्ते बोला. मैं और पायल भी टेबल पे बैठ गये और सब के साथ चाइ पीने लगे.
इतनी देर मे पिंकी रेडी होने के लिए ऊपेर जा चुकी थी. चाइ ख़तम होने के बाद मे हमेशा की तरह पिंकी की माताजी के पास गया और अपने हाथ से थोड़ा सा गुलाल उनके लेफ्ट गाल के नीचे लगा दिया वो मुस्कुरा दी. दोस्तो आपको बता दू के उनकी मुस्कुराहट भी बड़ी कातिलाना होती थी. उनके बदन पे हाथ लगते ही मेरे जिस्म मैं एक दम से जैसे करेंट दौड़ गया यह फर्स्ट टाइम था के ऐसे हुआ था फिर पायल ने भी दूसरे गाल के नीचे रंग लगाया और बॅस वही से होली का खेल शुरू हो गया.
पायल नेजैसे ही माताजी के गाल पे रंग लगा के मूडी उसने अपने हाथ मे गुलाल भरा और मेरे मूह पे मल दिया और हंसते हुए ऊपेर भाग गयी. मे उसके पीछे भागा लैकिन तब तक वो ऊपेर जा चुकी थी और इस से पहले के वो किसी कमरे मे घुस के अपने आपको कमरे के अंदर बंद कर लेती मैं ने उसको पकड़ लिया
और उसकी मूह पे गुलाल मलने लगा इतनी देर मे उसने कुछ और रंग मेरे सीने पे मल दिया और जो मेरे कुर्ते को पकड़ के ज़ोर से खेचा तो मेरा कुर्ता सामने से थोड़ा सा फॅट गया और वो हँसने लगी इस बीचे वो अपने आपको मेरी ग्रिप से आज़ाद कराने के लिए मचल रही थी और इसी बीच वो नीचे गिर गयी और मैं उसके ऊपेर चढ़ के बैठ गया. वो फिर मेरे नीचे से निकलने के लिए मचलने लगी और इसी घमासान मैं पायल चित हो गयी और अपनी पीठ के बल लेट गयी और उसकी शर्ट उसके पेट से थोड़ा ऊपेर तक उठ चुकी थी और उसका नंगा पेट दिखाई देने लगा. उफ्फ क्या बताउ उसका कलर एक दम से क्रीम मक्खन मलाई जैसा गोरा और चिकना. मैं उसकी दोनो टाँगो के ऊपेर च्चढ़ के बैठ गया और एक मिनिट के लिए उसके मलाई जैसे गोरे पेट को देखने लगा और फिर करीब रखे रंग के डिब्बे से रंग निकाला और उसके पेट पे रगड़ने लगा और फिर मेरा हाथ उसके शर्ट के अंदर स्लिप हो गया और मैं ने उसके बूब्स को पकड़ लिया वाउ उसने ब्रस्सिएर भी नही पहनी थी उसके बूब्स छोटे पर बड़े ही सख़्त थे और मैं उसके बूब्स को दोनो हाथो से मसल्ने लगा वो कंटिन्यू हँसे जा रही थी और अपने आपको मेरी ग्रिप से छुड़ाने के लिए मचल रही थी. वह क्या मस्त छोटे छोटे बूब्स थे उसके गोल्फ के बॉल जैसे जो मेरे हाथो मे समा गये थे बोहोत ही मज़ा आ रहा था अब वो मुझे अपने हाथ से मेरे सीने पे मार रही थी जब मैं अछी तरह से उसके बूब्स को दबा दबा के मसल चुका तो उसके हाथो को पकड़ लिया.
अब पोज़िशन ऐसी थी के पायल मेरे नीचे चित पीठ के बल लेटी थी और मई उसके थाइस पे अपने पैर दोनो तरफ मोड़ के बैठा था और उसके बूब्स को पकड़ते ही मेरा लंड अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो चुका था. मैं झुक के उसके दोनो हाथो को पकड़ के फ्लोर पे दबा दिया और ऐसी पोज़िशन मई मई भी कुछ झुक चुका था जिस से मेरा फुल्ली एरेक्ट लंड जो मेरे पाजामा के तीन मेटीरियल मे बिल्कुल नंगा जैसा ही लग रहा था और उसकी तीन मेटीरियल की सलवार के ऊपेर से उसकी चूत भी नंगी ही लग रही थी उस पे मेरे लंड लगने लगा ऐसा महसूस हो रहा था के मेरा लंड डाइरेक्ट उसकी चूत मे लग रहा हो मेरे लंड के सूपद पे उसके मलाई जैसी चूत की गर्मी महसूस हो रही थी. पायल मचल रही थी और मैं उसके बदन पे झुका हुआ अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ रहा था और फिर ऐसे ही 6 – 7 धक्के मारा जैसे मई उसको चोद रहा हू इतनी देर मैं उसने मेरे लंड को अपनी चूत के ऊपेर फील किया और मैं ने महसूस किया के पायल का मचलना एक दम से रुक गया और वो एक दम से खामोश हो गयी और उसकी आँखे बंद हो गई और साँस तेज़ी से चलने लगी मैं एक बार फिर से उसके हाथ को छोड़ के उसके बूब्स को मसल्ने लगा अब उसके हाथ आज़ाद हो चुके थे पर उसका मचलना अब ख़तम हो चुका था और उसने अपने पैर फैलाए और मेरी बॅक
को अपने हाथो से पकड़ के मेरे नीचे बिना मूव्मेंट के लेटी रही. मुझे लगा के अगर मैं अपने लंड पे थोड़ा और प्रेशर डालु तो वो पायल की चूत मैं ही घुस जाता था. मैं ने फील किया के कही मामला सीरीयस ना हो जाए और मेरा लंड उसकी चूत मैं ना घुस्स जाए इतने मैं ही एक बार फिर मैं ने उसकी शर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसके बूब्स को मसल दिया और अपने लंड को उसकी चूत पे बोहोत ज़ोर से दबा दिया और हम दोनो के तीन मेटीरियल के पाजामा की वजह से मुझे लगा के मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के पंखाड़ियों को चीरता हुआ उसकी चूत के सुराख मैं अटक गया हो और उसके मूह से एक लंबी सिसकारी ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह म्*म्म्ममाआआआआ निकली और उसके बदन मे थोड़ा सा तनाव आया और उसने ऑटोमॅटिकली अपनी टाँगो को थोड़ा और खोल लिया और फिर लंड को वही रखके एक और झटका मारा तो मुझे लगा के मेरे लोहे जैसा लंड कही उसकी चूत के सुराख मैं चला गया थोडा और लंड को दबाया और झुक के उसके होटो पे एक ज़बरदस्त किस जड़ दिया जिस से पायल की आँखे बंद हो गयी थी उसके माथे पे पसीने की बूँदें झलकने लगी थी, उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था और उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी शाएद वो मस्ती मैं आ गयी थी या हो सकता है के वो झाड़ ही गई हो.
यह पहले मोका था के मेरा लंड किसी चूत से टकराया था मैं भी अभी वर्जिन ही था और शाएद उसके लिए भी पहला ही मोका था के किसी का लंड उसकी चूत से लगा था इसी लिए दोनो ही फुल मूड मे आ गये थे और इस से पहले के सच मे पायल को चोदना शुरू कर्दु पिंकी का डोर खुलने की आवाज़ आई तो इस से पहले के पिंकी हमे इस पोज़िशन मे देख लेती मैं पायल के ऊपेर से उठ गया. मेरा लंड अभी भी तना हुआ था और मुझे अपना पाजामा कुछ गीला सा महसूस हुआ शाएद मेरे लंड का प्रेकुं निकला होगा या पायल की चूत का रस होगा. मैं पायल के ऊपेर से उठा और रंग ले के पिंकी की तरफ भागने लगा लैकिन पायल कुछ देर वही पर ऐसे ही लेटी रही उसकी साँसें अभी भी तेज़ी से चल रही थी उसको अपने आपको संभाल ने मे और हमारे पास आने मे तकरीबन 4 – 5 मिनिट लग गये और जब करीब आ गयी तो मेरी तरफ अजीब नज़रो से देखने लगी उसकी साँसें अभी भी तेज़ चल रही थी इतनी देर मे पिंकी और मे एक दूसरे को रंग लगाने लगाने और मस्ती करने लगे. पिंकी झुकी हुई थी और मैं उसके पीछे था और उसके मूह पे रंग लगाने की कोशिश कर रहा था वो सामने को झुकी हुई थी और बचने की कोशिश कर रही थी उसके पीछे से मेरा आकड़ा हुआ लंड उसकी गंद पे लग रहा था. मेरे लंड पे उसकी गरम गंद बड़ी अछी लग रही थी और जब उसने अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा छुपा लिया तो मैं उसकी शर्ट के अंदर हाथ डाल के
उसके छोटे छोटे निपल वाले बूब्स को मसल्ने लगा जिस से वो हँसने लगी और बोली शैतान यह क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे और इतनी देर मे पायल भी वाहा आ गयी और अब तक उसकी हालत ठीक हो चुकी थी उसने सामने से पिंकी को पकड़ लिया और उसके हाथो को ऊपेर उठाया और उसके मूह पे रंग लगा दिया लैकिन मैं ने अपने हाथ उसके शर्ट के अंदर से बाहर नही निकले और ऐसे ही उसके छोटे छोटे बूब्स को मसलता ही रहा और अपना तना हुआ लंड उसकी गंद मे लगाता ही रहा. और फिर जब उसने मूड के मुझे रंग लगाने की कोशिश की तो मैं ने उसके दोनो हाथ पकड़ लिए और उसके हाथो को नीचे कर के दोनो के बदन के बीच ले के आगया और अपने आकड़े हुए लंड पे उसका हाथ रख दिया जिसे उसने महसूस तो किया पर पकड़ा नही. मैं ने उसको अपनी ओर खेच लिया जिस से मेरा लंड उसके नवल एरिया मे लगने लगा पता नही उसने फील किया या नही फिर वो मुझे रंग लगाने लगी और इसी तरह से हम खेलने लगे और जैसे ही वो मेरी ग्रिप से निकली वो दौड़ती हुई नीचे भाग गयी.
पहले पढ़ा हुआ एक आर्टिकल याद आया जिसमे लिखा था के कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनकी गंद मारने से उनके लौदे मैं थोड़ा सा एरेक्षन आ जाता है और मैं सोचने लगा के शायद शाँतिलाल भी उसी केटेगरी का मर्द होगा. शाँतिलाल के छोटे लौदे मे भी थोड़ा सा एरेक्षन आया था पर अभी भी उतना नही था के किसी की चूत मे घुस सके और वैसे भी उसका लौदा 3 इंच का ही तो था और एक बार फिर मेरा हाथ उसके लौदे पे लगते ही उसका पानी निकल गया. मैं धना धन उसकी गंद मार रहा था और वो भी अब मज़ा लेने लगा था क्यॉंके उसके लौदे मैं से भी पानी निकल चुका था. थोड़ी देर तक उसकी गंद मारने के बाद अब मैं भी झड़ने के करीब आगेया और उसको बोला के मैं अब झड़ने वाला हू तो उसने बोला के राजू प्लीज़ मेरी गंद मे ही डाल दे अपनी सारी मलाई और फिर एक मिनिट के अंदर ही मेरे लंड मे से मेरी क्रीम की गाढ़ी गाढ़ी धारियाँ निकलने लगी और उसकी गंद भरने लगी. क्रीम निकलने के बाद मैं उसके बॅक पे लेट गया और लंड अभी भी उसकी गंद के अंदर ही था. थोड़ी देर के बाद जब मेरा लंड थोड़ा नरम पड़ा तो मैं ने खेच के बाहर निकाल लिया तो उसकी फटी गंद मे से खून निकल के बेड शीट पे गिर गया. मेरे लंड ने शाँतिलाल की वर्जिन गंद को फाड़ डाला था. ब्लड देख के वो मुस्कुराते हुए बोला के वाउ राजू तू ने मेरे गंद की चर्री ले ली और मेरी गंद की सील भी तोड़ डाली और हम दोनो हंस पड़े.
सुबह हम दोनो उठ के बेडशीट को फोल्ड कर के वॉशिंग मशीन मे धोने के लिए डाल दिया और वापस हयदेराबाद की तरफ चल पड़े. बाद मे हमै पता चला के गंगू बाई ने वो खून देखा और समझ गयी कि दो मे से किसी की गंद फटी है लैकिन किसकी फटी है उसको नही पता. अब जब कभी भी शाँतिलाल को मोका मिलता है वो मुझ से अपनी गंद मरवाने की ज़िद्द करने लगता है और मैं कभी कभी उसकी गंद भी मार देता हू कभी उसके मूह मे ही लंड डाल के चूसने के लिए दे देता हू जिसे वो किसी टेस्टी लॉलीपोप की तरह से चूस्ता और लंड मे से निकाल सारी मलाई मज़े ले ले के खा जाता.
प्यारी पिंकी :
अब मैं आपको वो किस्सा सुनता हू जब मैं ने पहली बार पिंकी और पायल के छोटे छोटे नंगे बूब्स को दबा के मसला था. यूँ तो पिंकी के बूब्स को हाथ लगाता ही रहता था लैकिन शर्ट के ऊपेर से ही लैकिन आज वो फर्स्ट टाइम था जब रियल मे उसके नंगे बूब्स को अपने हाथो मे ले के खूब दबाया.
होली का त्योहार आ गया था. मैं तो हमेशा से ही होली का वेट किया करता था क्यॉंके मुझे पिंकी और पायल के साथ होली खेलने मे बोहोत ही मज़ा आता था. पिंकी और पायल तकरीबन एक ही उमर की थी और अपने दोस्तो के पास होली खेलने से पहले मेरे साथ खेलना पसंद करते थे. एक दूसरे के बदन को खूब रगड़ रगड़ के, इधर उधर दबा दबा के, चिल्ला के हंसते, खेलते रंग लगाया करते थे बड़ा ही मज़ा आता था मुझे तो क्यॉंके दोनो के बूब्स भी दबाने का मोका मिल जाता था और उनको अपने आकड़े हुए लंड का स्पर्श भी दिलाता रहता था. हम लोग होली तकरीबन एक या डेढ़ घंटा खेलते थे उसके बाद वो दोनो के फ्रेंड्स आ जाते या यह दोनो अपने फ्रेंड्स के पास चले जाते थे.
इस टाइम हमेशा की तरहा मैं वाइट कुर्ता पाजामा ( यहा यह बता दू के हम लोग होली खेलने की शुरुआत वाइट कपड़ो से ही करते थे और शाम तक यह कपड़े इतने रंगीन हो जाते के इनका असली रंग कही से भी नही मालूम होता था ) हा तो वाइट कुर्ता पाजामा पहेन के मैं शांति के घर आ गया. वो लोग बस ब्रेकफास्ट करके बैठे ही थे. मुझे देख के सब ही मुस्कुरा दिए क्यॉंके मैं सब से पहले रेडी हो के आ गया था और शांति के घर अभी तक कोई भी रेडी नही हुआ था पिंकी की मम्मी बोली के चल बेटा पिंकी देख राजा तुझ से पहले ही रेडी हो के आ गया चल अब तू भी जल्दी से रेडी हो जा. अभी उनका सेंटेन्स ख़तम भी नही हुआ था के पायल भी वाइट सलवार कमीज़ पहेन के रेडी हो के आगयी और सब को नमस्ते बोला. मैं और पायल भी टेबल पे बैठ गये और सब के साथ चाइ पीने लगे.
इतनी देर मे पिंकी रेडी होने के लिए ऊपेर जा चुकी थी. चाइ ख़तम होने के बाद मे हमेशा की तरह पिंकी की माताजी के पास गया और अपने हाथ से थोड़ा सा गुलाल उनके लेफ्ट गाल के नीचे लगा दिया वो मुस्कुरा दी. दोस्तो आपको बता दू के उनकी मुस्कुराहट भी बड़ी कातिलाना होती थी. उनके बदन पे हाथ लगते ही मेरे जिस्म मैं एक दम से जैसे करेंट दौड़ गया यह फर्स्ट टाइम था के ऐसे हुआ था फिर पायल ने भी दूसरे गाल के नीचे रंग लगाया और बॅस वही से होली का खेल शुरू हो गया.
पायल नेजैसे ही माताजी के गाल पे रंग लगा के मूडी उसने अपने हाथ मे गुलाल भरा और मेरे मूह पे मल दिया और हंसते हुए ऊपेर भाग गयी. मे उसके पीछे भागा लैकिन तब तक वो ऊपेर जा चुकी थी और इस से पहले के वो किसी कमरे मे घुस के अपने आपको कमरे के अंदर बंद कर लेती मैं ने उसको पकड़ लिया
और उसकी मूह पे गुलाल मलने लगा इतनी देर मे उसने कुछ और रंग मेरे सीने पे मल दिया और जो मेरे कुर्ते को पकड़ के ज़ोर से खेचा तो मेरा कुर्ता सामने से थोड़ा सा फॅट गया और वो हँसने लगी इस बीचे वो अपने आपको मेरी ग्रिप से आज़ाद कराने के लिए मचल रही थी और इसी बीच वो नीचे गिर गयी और मैं उसके ऊपेर चढ़ के बैठ गया. वो फिर मेरे नीचे से निकलने के लिए मचलने लगी और इसी घमासान मैं पायल चित हो गयी और अपनी पीठ के बल लेट गयी और उसकी शर्ट उसके पेट से थोड़ा ऊपेर तक उठ चुकी थी और उसका नंगा पेट दिखाई देने लगा. उफ्फ क्या बताउ उसका कलर एक दम से क्रीम मक्खन मलाई जैसा गोरा और चिकना. मैं उसकी दोनो टाँगो के ऊपेर च्चढ़ के बैठ गया और एक मिनिट के लिए उसके मलाई जैसे गोरे पेट को देखने लगा और फिर करीब रखे रंग के डिब्बे से रंग निकाला और उसके पेट पे रगड़ने लगा और फिर मेरा हाथ उसके शर्ट के अंदर स्लिप हो गया और मैं ने उसके बूब्स को पकड़ लिया वाउ उसने ब्रस्सिएर भी नही पहनी थी उसके बूब्स छोटे पर बड़े ही सख़्त थे और मैं उसके बूब्स को दोनो हाथो से मसल्ने लगा वो कंटिन्यू हँसे जा रही थी और अपने आपको मेरी ग्रिप से छुड़ाने के लिए मचल रही थी. वह क्या मस्त छोटे छोटे बूब्स थे उसके गोल्फ के बॉल जैसे जो मेरे हाथो मे समा गये थे बोहोत ही मज़ा आ रहा था अब वो मुझे अपने हाथ से मेरे सीने पे मार रही थी जब मैं अछी तरह से उसके बूब्स को दबा दबा के मसल चुका तो उसके हाथो को पकड़ लिया.
अब पोज़िशन ऐसी थी के पायल मेरे नीचे चित पीठ के बल लेटी थी और मई उसके थाइस पे अपने पैर दोनो तरफ मोड़ के बैठा था और उसके बूब्स को पकड़ते ही मेरा लंड अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो चुका था. मैं झुक के उसके दोनो हाथो को पकड़ के फ्लोर पे दबा दिया और ऐसी पोज़िशन मई मई भी कुछ झुक चुका था जिस से मेरा फुल्ली एरेक्ट लंड जो मेरे पाजामा के तीन मेटीरियल मे बिल्कुल नंगा जैसा ही लग रहा था और उसकी तीन मेटीरियल की सलवार के ऊपेर से उसकी चूत भी नंगी ही लग रही थी उस पे मेरे लंड लगने लगा ऐसा महसूस हो रहा था के मेरा लंड डाइरेक्ट उसकी चूत मे लग रहा हो मेरे लंड के सूपद पे उसके मलाई जैसी चूत की गर्मी महसूस हो रही थी. पायल मचल रही थी और मैं उसके बदन पे झुका हुआ अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ रहा था और फिर ऐसे ही 6 – 7 धक्के मारा जैसे मई उसको चोद रहा हू इतनी देर मैं उसने मेरे लंड को अपनी चूत के ऊपेर फील किया और मैं ने महसूस किया के पायल का मचलना एक दम से रुक गया और वो एक दम से खामोश हो गयी और उसकी आँखे बंद हो गई और साँस तेज़ी से चलने लगी मैं एक बार फिर से उसके हाथ को छोड़ के उसके बूब्स को मसल्ने लगा अब उसके हाथ आज़ाद हो चुके थे पर उसका मचलना अब ख़तम हो चुका था और उसने अपने पैर फैलाए और मेरी बॅक
को अपने हाथो से पकड़ के मेरे नीचे बिना मूव्मेंट के लेटी रही. मुझे लगा के अगर मैं अपने लंड पे थोड़ा और प्रेशर डालु तो वो पायल की चूत मैं ही घुस जाता था. मैं ने फील किया के कही मामला सीरीयस ना हो जाए और मेरा लंड उसकी चूत मैं ना घुस्स जाए इतने मैं ही एक बार फिर मैं ने उसकी शर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसके बूब्स को मसल दिया और अपने लंड को उसकी चूत पे बोहोत ज़ोर से दबा दिया और हम दोनो के तीन मेटीरियल के पाजामा की वजह से मुझे लगा के मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के पंखाड़ियों को चीरता हुआ उसकी चूत के सुराख मैं अटक गया हो और उसके मूह से एक लंबी सिसकारी ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह म्*म्म्ममाआआआआ निकली और उसके बदन मे थोड़ा सा तनाव आया और उसने ऑटोमॅटिकली अपनी टाँगो को थोड़ा और खोल लिया और फिर लंड को वही रखके एक और झटका मारा तो मुझे लगा के मेरे लोहे जैसा लंड कही उसकी चूत के सुराख मैं चला गया थोडा और लंड को दबाया और झुक के उसके होटो पे एक ज़बरदस्त किस जड़ दिया जिस से पायल की आँखे बंद हो गयी थी उसके माथे पे पसीने की बूँदें झलकने लगी थी, उसका चेहरा टमाटर की तरह लाल हो गया था और उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी शाएद वो मस्ती मैं आ गयी थी या हो सकता है के वो झाड़ ही गई हो.
यह पहले मोका था के मेरा लंड किसी चूत से टकराया था मैं भी अभी वर्जिन ही था और शाएद उसके लिए भी पहला ही मोका था के किसी का लंड उसकी चूत से लगा था इसी लिए दोनो ही फुल मूड मे आ गये थे और इस से पहले के सच मे पायल को चोदना शुरू कर्दु पिंकी का डोर खुलने की आवाज़ आई तो इस से पहले के पिंकी हमे इस पोज़िशन मे देख लेती मैं पायल के ऊपेर से उठ गया. मेरा लंड अभी भी तना हुआ था और मुझे अपना पाजामा कुछ गीला सा महसूस हुआ शाएद मेरे लंड का प्रेकुं निकला होगा या पायल की चूत का रस होगा. मैं पायल के ऊपेर से उठा और रंग ले के पिंकी की तरफ भागने लगा लैकिन पायल कुछ देर वही पर ऐसे ही लेटी रही उसकी साँसें अभी भी तेज़ी से चल रही थी उसको अपने आपको संभाल ने मे और हमारे पास आने मे तकरीबन 4 – 5 मिनिट लग गये और जब करीब आ गयी तो मेरी तरफ अजीब नज़रो से देखने लगी उसकी साँसें अभी भी तेज़ चल रही थी इतनी देर मे पिंकी और मे एक दूसरे को रंग लगाने लगाने और मस्ती करने लगे. पिंकी झुकी हुई थी और मैं उसके पीछे था और उसके मूह पे रंग लगाने की कोशिश कर रहा था वो सामने को झुकी हुई थी और बचने की कोशिश कर रही थी उसके पीछे से मेरा आकड़ा हुआ लंड उसकी गंद पे लग रहा था. मेरे लंड पे उसकी गरम गंद बड़ी अछी लग रही थी और जब उसने अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा छुपा लिया तो मैं उसकी शर्ट के अंदर हाथ डाल के
उसके छोटे छोटे निपल वाले बूब्स को मसल्ने लगा जिस से वो हँसने लगी और बोली शैतान यह क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे और इतनी देर मे पायल भी वाहा आ गयी और अब तक उसकी हालत ठीक हो चुकी थी उसने सामने से पिंकी को पकड़ लिया और उसके हाथो को ऊपेर उठाया और उसके मूह पे रंग लगा दिया लैकिन मैं ने अपने हाथ उसके शर्ट के अंदर से बाहर नही निकले और ऐसे ही उसके छोटे छोटे बूब्स को मसलता ही रहा और अपना तना हुआ लंड उसकी गंद मे लगाता ही रहा. और फिर जब उसने मूड के मुझे रंग लगाने की कोशिश की तो मैं ने उसके दोनो हाथ पकड़ लिए और उसके हाथो को नीचे कर के दोनो के बदन के बीच ले के आगया और अपने आकड़े हुए लंड पे उसका हाथ रख दिया जिसे उसने महसूस तो किया पर पकड़ा नही. मैं ने उसको अपनी ओर खेच लिया जिस से मेरा लंड उसके नवल एरिया मे लगने लगा पता नही उसने फील किया या नही फिर वो मुझे रंग लगाने लगी और इसी तरह से हम खेलने लगे और जैसे ही वो मेरी ग्रिप से निकली वो दौड़ती हुई नीचे भाग गयी.