जवान बहुवे की जवानी - Hindi sex story ...
Re: जवान बहुवे की जवानी - Hindi sex story ...
मैं छोटी वाली के साथ पहली चुदाई के लिए कमरे की तरफ़ चला. रास्ते मैं उसकी एक चूची को पकरकर दबाते उसे मस्त करने के लिए कहा, "हाय अभी तू तुम लार्की हो. बरी वाली तू औरत लगती है. मेरे साथ बहुत मज़ा आएगा."
मुझे चुदासी औरतों से मज़ा लेना आता था. वह चूची दबवाते ही गरम हो गई, ऐसी शानदार चूचियों को पा लंड बेकरार हो गया और पानी भर गया. माल तगर था इसलिए झरने का दर्र था.
चूचियों को पकारते ही समझ गया की इसकी चूत भी कासी होगी. कमरे मैं फौरन कुर्सी पर बैठा और उसकी कमर मैं हाथ दाल उसके चुतर को अपने लंड पर खींचकर गोद मैं ले लीया और दोनों चूचियों को जैसे ही शर्ट के ऊपर से पकरकर गाल को चूमा, वह मेज़ से भर गदराये चुतर को लंड पर रागारती बोली, "छोरिये न बटन खोल दे."
"ऐसे ही दब्वाओ. बाद मैं खोलना. घबराओ नही पूरा मज़ा मिलेगा. तुम छोटी हो इसीलिए पहले लाया हूँ. बताओ बुढा ससुर तुम्हारे साथ क्या-क्या करता है."
नई जवानी को फंफनाये लंड पर बिठा पूछा तू वह बोली, "जी केवल चूमते और चाटते हैं हम्दोनो को."
"इसको पीते भी हैं?"
"जी."
"चुस्वाने मैं मज़ा आता होगा?" मैंने अनार सी चूचियों को कसकर दबाते हुवे लंड को गांड की दरार मैं रागारते कहा तू बोली, "जी आता है." "चूत भी चाटती हो?"
"जी." वह मदहोश हो बोली.
"यह सब कराती हो तू चूत नही गरमाती क्या? चुदवाने का मॅन नही करता क्या? चोद्ता है या नही?"
"नही बाबूजी का तू खरा ही नही होता."
"तुम्हारा आदमी तू चोद्ता होगा?"
"कभी कभी. बहुत पतला सा है ज़रा भी मज़ा नही आता हाय आप करिये न आपका तू तैयार है." वह मेरे लंड पर अपना चुतर रागारती बेताबी के साथ खुलकर चोदने को बोली.
मैं उसको गोद मैं बिठाकर जन्नत मैं पहुँच गया था. उसका गद्राया चुतर लंड को गज़ब का मज़ा दे रहा था और गरम पानी उसमे उतर रहा था. जब खुलकर अपने आदमी(हुस्बंद) के मरियल लंड के बरे मैं बताया तू मैं लंड को उभारता मस्ती के साथ दोनों चूचियों को दबाता प्यार से उसको गोद मैं सम्हालता बोला, "तुम्हारे आदमी का लंड बहुत छोटा है क्या?"
"जी बच्चे सा. मज़ा नही आता हाय करिये न. आपका तू खरा हो गया है. प्य्जामा आगे से फटा है."
वह मेरी जवान गोद मैं हैवी लंड पर अपनी गांड को रख चूचियों को दब्वती चुदास से भर गई थी पर मुझे तू अभी मज़ा लेकर एक बार लंड की मस्ती झारकर प्यार से दमदार तरीके से चोदकर इसकी चूत को पहली चुदाई मैं इतना मज़ा देना था की हरदम मुझसे मज़ा लेने के लिए बेकरार रहे. प्य्जामा दोनों का फटा रहता था. ससुर चूत चाटता था पर अभी तक मैंने उसकी चूत पर एक बार भी हाथ नही लगाया था. जब तनी-तनी चूचियों के निप्प्ले पकरकर मसला तू प्य्जामा की चूत गनगना गई और वह खुलकर बोली, "हाय मेरी मस्त है, छोडिये."
"अभी नही चोदेंगे. पहले जवानी का मज़ा लो. पानी नीकल जाने दो. बताओ तुम्हारा आदमी कितनी देर चोद्ता है?" हाथ मैं आसानी से आने वाली मस्त चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से दबाते कहा तू वह बोली, "जी बहुत जल्दी बस १ मिनट."
"अरे तब तू वह साला न-मर्द है. मज़ा क्या आएगा, कम से कम १० मिनट तक न छोडा तू मर्द ही क्या. शर्मो नही अब तुम मेरा मज़ा लो. आज से तुम अपने आदमी को भूल जाओ और मेरी बीवी बनकर मज़ा लो. बरी बहु से ज़्यादा मज़ा तुमको देंगे. अब बराबर दीन मैं आया करेंगे. तुम लोग ससुर को चटाकर मस्त किए रहना. लो हाथ से पकरकर अपनी चूत पर रखो देखो मेरा लंड तुम्हारी चूत मैं जाएगा या नही. देखो कितना मोटा है."
मैं जानता था की खुलकर चुदाई की बात करने से चूत कुलबुलाती है. छोटी बहु अभी एकदम लौंडिया सी थी. एकदम जवान मस्त चूचियां थी. उसकी चूचियां इतना मज़ा दे रही थी की लंड झड़ने के करीब था. मैंने उसकी चूचियों को मसलते हुवे कहा, "बताओ मेरा मोटा है न"
मुझे चुदासी औरतों से मज़ा लेना आता था. वह चूची दबवाते ही गरम हो गई, ऐसी शानदार चूचियों को पा लंड बेकरार हो गया और पानी भर गया. माल तगर था इसलिए झरने का दर्र था.
चूचियों को पकारते ही समझ गया की इसकी चूत भी कासी होगी. कमरे मैं फौरन कुर्सी पर बैठा और उसकी कमर मैं हाथ दाल उसके चुतर को अपने लंड पर खींचकर गोद मैं ले लीया और दोनों चूचियों को जैसे ही शर्ट के ऊपर से पकरकर गाल को चूमा, वह मेज़ से भर गदराये चुतर को लंड पर रागारती बोली, "छोरिये न बटन खोल दे."
"ऐसे ही दब्वाओ. बाद मैं खोलना. घबराओ नही पूरा मज़ा मिलेगा. तुम छोटी हो इसीलिए पहले लाया हूँ. बताओ बुढा ससुर तुम्हारे साथ क्या-क्या करता है."
नई जवानी को फंफनाये लंड पर बिठा पूछा तू वह बोली, "जी केवल चूमते और चाटते हैं हम्दोनो को."
"इसको पीते भी हैं?"
"जी."
"चुस्वाने मैं मज़ा आता होगा?" मैंने अनार सी चूचियों को कसकर दबाते हुवे लंड को गांड की दरार मैं रागारते कहा तू बोली, "जी आता है." "चूत भी चाटती हो?"
"जी." वह मदहोश हो बोली.
"यह सब कराती हो तू चूत नही गरमाती क्या? चुदवाने का मॅन नही करता क्या? चोद्ता है या नही?"
"नही बाबूजी का तू खरा ही नही होता."
"तुम्हारा आदमी तू चोद्ता होगा?"
"कभी कभी. बहुत पतला सा है ज़रा भी मज़ा नही आता हाय आप करिये न आपका तू तैयार है." वह मेरे लंड पर अपना चुतर रागारती बेताबी के साथ खुलकर चोदने को बोली.
मैं उसको गोद मैं बिठाकर जन्नत मैं पहुँच गया था. उसका गद्राया चुतर लंड को गज़ब का मज़ा दे रहा था और गरम पानी उसमे उतर रहा था. जब खुलकर अपने आदमी(हुस्बंद) के मरियल लंड के बरे मैं बताया तू मैं लंड को उभारता मस्ती के साथ दोनों चूचियों को दबाता प्यार से उसको गोद मैं सम्हालता बोला, "तुम्हारे आदमी का लंड बहुत छोटा है क्या?"
"जी बच्चे सा. मज़ा नही आता हाय करिये न. आपका तू खरा हो गया है. प्य्जामा आगे से फटा है."
वह मेरी जवान गोद मैं हैवी लंड पर अपनी गांड को रख चूचियों को दब्वती चुदास से भर गई थी पर मुझे तू अभी मज़ा लेकर एक बार लंड की मस्ती झारकर प्यार से दमदार तरीके से चोदकर इसकी चूत को पहली चुदाई मैं इतना मज़ा देना था की हरदम मुझसे मज़ा लेने के लिए बेकरार रहे. प्य्जामा दोनों का फटा रहता था. ससुर चूत चाटता था पर अभी तक मैंने उसकी चूत पर एक बार भी हाथ नही लगाया था. जब तनी-तनी चूचियों के निप्प्ले पकरकर मसला तू प्य्जामा की चूत गनगना गई और वह खुलकर बोली, "हाय मेरी मस्त है, छोडिये."
"अभी नही चोदेंगे. पहले जवानी का मज़ा लो. पानी नीकल जाने दो. बताओ तुम्हारा आदमी कितनी देर चोद्ता है?" हाथ मैं आसानी से आने वाली मस्त चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से दबाते कहा तू वह बोली, "जी बहुत जल्दी बस १ मिनट."
"अरे तब तू वह साला न-मर्द है. मज़ा क्या आएगा, कम से कम १० मिनट तक न छोडा तू मर्द ही क्या. शर्मो नही अब तुम मेरा मज़ा लो. आज से तुम अपने आदमी को भूल जाओ और मेरी बीवी बनकर मज़ा लो. बरी बहु से ज़्यादा मज़ा तुमको देंगे. अब बराबर दीन मैं आया करेंगे. तुम लोग ससुर को चटाकर मस्त किए रहना. लो हाथ से पकरकर अपनी चूत पर रखो देखो मेरा लंड तुम्हारी चूत मैं जाएगा या नही. देखो कितना मोटा है."
मैं जानता था की खुलकर चुदाई की बात करने से चूत कुलबुलाती है. छोटी बहु अभी एकदम लौंडिया सी थी. एकदम जवान मस्त चूचियां थी. उसकी चूचियां इतना मज़ा दे रही थी की लंड झड़ने के करीब था. मैंने उसकी चूचियों को मसलते हुवे कहा, "बताओ मेरा मोटा है न"
Re: जवान बहुवे की जवानी - Hindi sex story ...
"जी बहुत अच्छा है." वह लंड पर अपनी गांड दबा मेरे लंड की तारीफ करती बोली.
वह चूत मैं लंड लेने को उतावली थी पर मैं ताजी हसीं चूत को मस्ती के साथ चोदकर मज़ा लेने के मूड मैं था. धीरे से एक हाथ को उसकी एक रान पर लगा शलवार की फटी मियानी पर लता बोला, "ज़रा अपनी चूत तू दिखाओ."
मेरी बात सुन उसने प्यार से टांग को फैलाकर चुताद को उभर तू शलवार के आगे के पते हिस्से से हाथ से फैला दिखाया तू उसकी जवान चूत को देखते लंड झाड़ते-झाड़ते रुका. चूत अभी कच्ची थी. पती और ससुर का लंड खाने के बाद भी फांक कासी थी. बाल भी हलके से थे. एकदम गुदाज़ मस्ती से भरी गरम चूत थी. जैसा सोचा था उससे भी खूबसूरत चूत थी. छोटी बहु ने मेरे जैसे जवान की हरकत से मस्त हो अपनी चूत को मेरे हाथो मैं दे दिया था. मैंने उसकी चूत को दबाते एक चूची को पकड़ कहा, "तुम्हारी तू बिना शलवार उतरे चोदने वाली है. शलवार ख़ुद फादा है?"
"जी."
"बाबु जी मज़ा लेते है तुमसे?"
"जी हाय राम इसको छोडिये." तनी-तनी फांक को ऊँगली से मसला तू वह तड़प कर बोली.
"पहले यह बताओ की मेरा बहुत मोटा है. अगर चोदने मैं चूत फट गई तू?"
"हाय फाड़ दीजिये ओह्ह इसे छोड़ दीजिये."उसकी चूत लिप्स के मसलन पर ही लीक होने लगी थी. गद्रायी चूत को हाथ से सहलाते मुझे भी जन्नत दिखने लगी थी. लंड को झड़ने से रोकने के लिए सुपदे को कसकर दबाया. वह मस्त हो मेरे लंड पर बैठी थी. उसकी दोनों चूचियों को उसकी शमीज़ के बटन खोल बाहर क्या तू अनार सी कड़ी कड़ी नंगी चूचियों को देख तड़प उठा. बहुत मस्त माल हाथ लगा था. नंगी चूचियों मैं और मज़ा आया. मैंने दोनों चूचियों पर हाथ फेरते कहा, "इस समय तुम्हारा ससुर बड़ी वाली बहु की चूचियों को पी रहा होगा."
"जी"
"तुम्हारी भी तू पीता होगा?"
"जी."
"मज़ा आता हो तो मुझे भी पीलाओ."
"पीजिए न हाय आप कितने अच्छे हैं."
"दर्र है कही तुम्हारी चूत फट न जाए. वैसे बड़ी वाली मैं मेरा आराम से जाएगा."
"हाय नही फतेगी, मुझे ही छोडिये." वह उतावलेपन से बोली तू मैं कहा, "बात यह है मेरी जान की मैं सूखी चूत चोद्ता हूँ, तेल या cream लगाकर नही. तुम्हारी चूत छोटी है पर तुम्हारी जेठानी की औरत वाली होगी."
"हाय सूखी ही छोडिये. फटने दीजिये."
"एक बात और मैं नंगी करके चोद्ता हूँ."
"रुकिए मैं सारे कपडे उतार देती हूँ."
अब मुझे यकीन हो गया था की छोटी बहु मेरे मेज़ को पाकर मस्त है. इधर कमरे मैं मैं छोटी बहु बहु के साथ मज़ा ले रहा था उधर वह बुढा आँगन मैं जवान बड़ी बहु के साथ मज़ा ले रहा था. "तुम्हारा आदमी बस एक आध मिनट मैं ही चोदकर हट जाता है?" चूत को हाथ से सहलाते बोला तू वह चूत को उचकते बोली, "जी."
"तभी तू तुम्हारी प्यास नही भुझ्ती. घबराओ नही देखना कम से कम २५ मिनट तक चोदकर ५-६ बार झादुन्गा आज. पर जैसे कहे वैसे मस्त होकर करना तभी मज़ा आएगा." और फंफनाये लंड से निचे उतरा तू फौरन पलटकर मुझे देखने लगी.
उस समय मेरा लंड लुंगी से बाहर था. उस लंड को वह बड़े प्यार से देखने लगी तू मैं खड़ा हो उसकी चूचियों को दबाता बोला, "देख लो." मेरे कहते ही उसने मेरी लुंगी को अपने हाथ से हटाकर मेरे लंड को नंगा क्या तू मैं तानकर खड़ा हो गया जिससे मेरा ९ इंच का लंड खूंटे सा खड़ा हो गया. मेरा जानदार लंड देख जाने कितनी ही चूत वाली मेरी दीवानी हो गई थी. आज यह भी मेरी दीवानी हो गई. उसकी चूत चिप्चिपने लगी थी.
इस तरह से चुदाई का मज़ा ही कुछ और है. वह मेरे मूसल लंड को देखती बेताबी के साथ बोली, "लुंगी खोल दे."
वह चूत मैं लंड लेने को उतावली थी पर मैं ताजी हसीं चूत को मस्ती के साथ चोदकर मज़ा लेने के मूड मैं था. धीरे से एक हाथ को उसकी एक रान पर लगा शलवार की फटी मियानी पर लता बोला, "ज़रा अपनी चूत तू दिखाओ."
मेरी बात सुन उसने प्यार से टांग को फैलाकर चुताद को उभर तू शलवार के आगे के पते हिस्से से हाथ से फैला दिखाया तू उसकी जवान चूत को देखते लंड झाड़ते-झाड़ते रुका. चूत अभी कच्ची थी. पती और ससुर का लंड खाने के बाद भी फांक कासी थी. बाल भी हलके से थे. एकदम गुदाज़ मस्ती से भरी गरम चूत थी. जैसा सोचा था उससे भी खूबसूरत चूत थी. छोटी बहु ने मेरे जैसे जवान की हरकत से मस्त हो अपनी चूत को मेरे हाथो मैं दे दिया था. मैंने उसकी चूत को दबाते एक चूची को पकड़ कहा, "तुम्हारी तू बिना शलवार उतरे चोदने वाली है. शलवार ख़ुद फादा है?"
"जी."
"बाबु जी मज़ा लेते है तुमसे?"
"जी हाय राम इसको छोडिये." तनी-तनी फांक को ऊँगली से मसला तू वह तड़प कर बोली.
"पहले यह बताओ की मेरा बहुत मोटा है. अगर चोदने मैं चूत फट गई तू?"
"हाय फाड़ दीजिये ओह्ह इसे छोड़ दीजिये."उसकी चूत लिप्स के मसलन पर ही लीक होने लगी थी. गद्रायी चूत को हाथ से सहलाते मुझे भी जन्नत दिखने लगी थी. लंड को झड़ने से रोकने के लिए सुपदे को कसकर दबाया. वह मस्त हो मेरे लंड पर बैठी थी. उसकी दोनों चूचियों को उसकी शमीज़ के बटन खोल बाहर क्या तू अनार सी कड़ी कड़ी नंगी चूचियों को देख तड़प उठा. बहुत मस्त माल हाथ लगा था. नंगी चूचियों मैं और मज़ा आया. मैंने दोनों चूचियों पर हाथ फेरते कहा, "इस समय तुम्हारा ससुर बड़ी वाली बहु की चूचियों को पी रहा होगा."
"जी"
"तुम्हारी भी तू पीता होगा?"
"जी."
"मज़ा आता हो तो मुझे भी पीलाओ."
"पीजिए न हाय आप कितने अच्छे हैं."
"दर्र है कही तुम्हारी चूत फट न जाए. वैसे बड़ी वाली मैं मेरा आराम से जाएगा."
"हाय नही फतेगी, मुझे ही छोडिये." वह उतावलेपन से बोली तू मैं कहा, "बात यह है मेरी जान की मैं सूखी चूत चोद्ता हूँ, तेल या cream लगाकर नही. तुम्हारी चूत छोटी है पर तुम्हारी जेठानी की औरत वाली होगी."
"हाय सूखी ही छोडिये. फटने दीजिये."
"एक बात और मैं नंगी करके चोद्ता हूँ."
"रुकिए मैं सारे कपडे उतार देती हूँ."
अब मुझे यकीन हो गया था की छोटी बहु मेरे मेज़ को पाकर मस्त है. इधर कमरे मैं मैं छोटी बहु बहु के साथ मज़ा ले रहा था उधर वह बुढा आँगन मैं जवान बड़ी बहु के साथ मज़ा ले रहा था. "तुम्हारा आदमी बस एक आध मिनट मैं ही चोदकर हट जाता है?" चूत को हाथ से सहलाते बोला तू वह चूत को उचकते बोली, "जी."
"तभी तू तुम्हारी प्यास नही भुझ्ती. घबराओ नही देखना कम से कम २५ मिनट तक चोदकर ५-६ बार झादुन्गा आज. पर जैसे कहे वैसे मस्त होकर करना तभी मज़ा आएगा." और फंफनाये लंड से निचे उतरा तू फौरन पलटकर मुझे देखने लगी.
उस समय मेरा लंड लुंगी से बाहर था. उस लंड को वह बड़े प्यार से देखने लगी तू मैं खड़ा हो उसकी चूचियों को दबाता बोला, "देख लो." मेरे कहते ही उसने मेरी लुंगी को अपने हाथ से हटाकर मेरे लंड को नंगा क्या तू मैं तानकर खड़ा हो गया जिससे मेरा ९ इंच का लंड खूंटे सा खड़ा हो गया. मेरा जानदार लंड देख जाने कितनी ही चूत वाली मेरी दीवानी हो गई थी. आज यह भी मेरी दीवानी हो गई. उसकी चूत चिप्चिपने लगी थी.
इस तरह से चुदाई का मज़ा ही कुछ और है. वह मेरे मूसल लंड को देखती बेताबी के साथ बोली, "लुंगी खोल दे."
Re: जवान बहुवे की जवानी - Hindi sex story ...
"हाँ खोल लो रानी, आज से यह तुम्हारा है. घबराओ नही बुलबुल मैं तुमको ही ज्यादा चोदुन्गा. बड़ी वाली को तू बस कभी कभी तास्ते चंगे करने के लिए. आज जमकर चुद्वा लो ऐसा लंड कही मिलेगा नही. लुंगी खोलो तू तुमको नया मज़ा दे."
"जी."
"देखना अब मेरे साथ कितना मज़ा आता है." और उसके दोनों गुलाबी हो गए गाल को सहलाया.
तभी उसने मेरी लुंगी को खोलकर अलग क्या. मुझे नया मज़ा आया. नंगा होते ही मैं अपने लंड को उसके हाथ मैं देते बोला, "मुझे तू दर्र लग रहा है, तुम्हारी चूत फट न जाए."
वह एक हाथ को शलवार के हिस्से पर लगा दूसरे हाथ से मेरे लंड को कसती बोली, "हाय कितना तगड़ा है. नही फतेगी रजा अब चोदो." मेरे लंड को पकड़ते ही वह चुदवाने को बेचैन हुयी तू मैं उसकी नशीली चूचियों को पकड़ते बोला, "घबराओ नही शाम तक रहूंगा. जो कहे वह करो. चलो कुर्सी पर बैठो. आज तुमको वह मज़ा दूंगा जो कभी नही पाया होगा. इस लंड के एक पानी को नीकल दो तब आयेगा इससे चुदवाने का असली मज़ा. मैं एक मिनट वाला नही हूँ. ससुर को छठा चटाकर खूब पानी निकला है वरना मेरे लंड को देखते ही चूत पानी छोर देती."
"जी हाय."
"पानी निकला." उसकी दोनों चूचियों को दबाता उसे कुर्सी पर बीतता बोला तू वह बेताबी से बोली, "अभी नही निकला हाय रजा." मैं तू बेताब प्यासी लौंडिया को पाकर मस्त था और पूरी तरह से मस्त करके चोदने के चक्कर मैं था. कुर्सी पर बिठाने के साथ अपने लंड को हाथ से पकड़ उसके गुलाबी नरम-नरम हून्तो के पास करते कहा, "लो मेरी जान आगे वाला सुपदा मुंह मैं लेकर चूसू, देखना अभी चूत पानी नीकल देगी." मुझे लंड चूसने मैं बहुत मज़ा आता था. छोटी बहु को पिलाने मैं अनोखा मज़ा आता. अब तक जितनी छोडा था सब २५ से ऊपर थी. यह पहली थी १६ साल की. अगर आज चुस्ती तू फीर रोज़ ही लंड पिलाकर मनपसंद मज़ा ले सकता था. वह हिचकी तू मैं लंड को उसके मुंह के पास से अलागकर बोला, "नही चूसना तू जाओ बड़ी वाली को भेज दो. हम उसे चुसकर उसी को चोदेंगे. चूसने मैं बहुत मज़ा आता है. लंड चूसते ही चूत से पानी निकलता है. जाओ तुम अपने मरियल आदमी से ही चुद्वाओ." बड़ी वाली को भेजने की बात सुन वह फौरन अपने हाथ से लंड को पकड़ मुंह मैं ले सुपदे को दबा-दबा चूसने लगी. अब मैं तानकर खड़ा हो लौंडिया जैसी छोटी बहु को से सबसे प्यारे मेज़ को लेने लगा. उसे मेरे मोटे तगडे लंड को चूसने मैं मज़ा आया हो या न पर मुझे तू गज़ब का मज़ा आ रहा था. उसने १४-१५ बार ही चूसा था की मैंने लंड को उसके मुंह से बाहर क्या और झड़ने लगा. वह मेरे झाड़ते लंड को प्यार से देखने लगी.
झड़ने के बाद मैंने उसको अपने बदन से चिपकाते गांड की तरफ़ से उसकी चूत को टटोलते पूछा, "क्यों रानी तुम्हारी चूत झारी?" "हाँ रजा सच बहुत मज़ा आया. अब रोज़ लंड चुसाना."
"इसीलिए तू चुसाया था की एक पानी तुम्हारा भी नुकल जाए तू चुदाई का मज़ा आ जाता है. अब तुम सब कपडे उतारकर नंगी होकर चूत को पूछकर बैठो. मैं पेशाब करके आता हूँ तब चोदुन्गा."
"हाय आपका तऊ ........"
"तुम्हारी गद्रायी रसीली चूचियां पीते ही फीर खड़ा हो जाएगा."
झड़ने से मस्ती हलकी हुयी पर लंड खड़ा था. म्में नंगा ही बाहर आया. मुझे एक तीर से दो शिकार करने थे. बाहर आया तू देखा की बड़ी बहु ससुर के सामने टाँगे फैलाये फटी शलवार से चूत को बाहर किए हाथ से फैलाये छठा रही थी. उसका बुध्हा ससुर उसकी गांड पर हाथ रख घुटने के बल बैठ कुत्ते की तरह जीभ से अपनी बड़ी जवान बहु की चूत को चाट रहा था.
मेरी आहात पा वह खड़ा हो गया. मैं पूरा नंगा था. मुझे देख बड़ी बहु मेरे पास आ मेरे लंड को देखती अपने ससुर के सामने ही बोली, "अब मुझे छोडिये."
"अभी नही."
"हाय उसको कितनी देर से मज़ा दे रहे हैं आप. मुझे भी." उसने मेरे लंड को पकड़कर कहा तऊ तऊ मैं उसकी शमीज़ से बाहर झाँक रही चूचियों को पकड़ दबाते बोला, "अभी ससुर से मज़ा लो न."
"हाय आपका लंड कितना तगड़ा है. मुझे भी एक बार चोदकर ही जियेगा." "घबराओ नही पहले छोटी वाली की कासी चूत को ठीक से चोदकर अपने लायक फैला लूँ फीर प्यार से तुम्हारी जवान चूत को चोदुन्गा. जाओ जब तक ससुर से चट्वाओ."
"जी."
"देखना अब मेरे साथ कितना मज़ा आता है." और उसके दोनों गुलाबी हो गए गाल को सहलाया.
तभी उसने मेरी लुंगी को खोलकर अलग क्या. मुझे नया मज़ा आया. नंगा होते ही मैं अपने लंड को उसके हाथ मैं देते बोला, "मुझे तू दर्र लग रहा है, तुम्हारी चूत फट न जाए."
वह एक हाथ को शलवार के हिस्से पर लगा दूसरे हाथ से मेरे लंड को कसती बोली, "हाय कितना तगड़ा है. नही फतेगी रजा अब चोदो." मेरे लंड को पकड़ते ही वह चुदवाने को बेचैन हुयी तू मैं उसकी नशीली चूचियों को पकड़ते बोला, "घबराओ नही शाम तक रहूंगा. जो कहे वह करो. चलो कुर्सी पर बैठो. आज तुमको वह मज़ा दूंगा जो कभी नही पाया होगा. इस लंड के एक पानी को नीकल दो तब आयेगा इससे चुदवाने का असली मज़ा. मैं एक मिनट वाला नही हूँ. ससुर को छठा चटाकर खूब पानी निकला है वरना मेरे लंड को देखते ही चूत पानी छोर देती."
"जी हाय."
"पानी निकला." उसकी दोनों चूचियों को दबाता उसे कुर्सी पर बीतता बोला तू वह बेताबी से बोली, "अभी नही निकला हाय रजा." मैं तू बेताब प्यासी लौंडिया को पाकर मस्त था और पूरी तरह से मस्त करके चोदने के चक्कर मैं था. कुर्सी पर बिठाने के साथ अपने लंड को हाथ से पकड़ उसके गुलाबी नरम-नरम हून्तो के पास करते कहा, "लो मेरी जान आगे वाला सुपदा मुंह मैं लेकर चूसू, देखना अभी चूत पानी नीकल देगी." मुझे लंड चूसने मैं बहुत मज़ा आता था. छोटी बहु को पिलाने मैं अनोखा मज़ा आता. अब तक जितनी छोडा था सब २५ से ऊपर थी. यह पहली थी १६ साल की. अगर आज चुस्ती तू फीर रोज़ ही लंड पिलाकर मनपसंद मज़ा ले सकता था. वह हिचकी तू मैं लंड को उसके मुंह के पास से अलागकर बोला, "नही चूसना तू जाओ बड़ी वाली को भेज दो. हम उसे चुसकर उसी को चोदेंगे. चूसने मैं बहुत मज़ा आता है. लंड चूसते ही चूत से पानी निकलता है. जाओ तुम अपने मरियल आदमी से ही चुद्वाओ." बड़ी वाली को भेजने की बात सुन वह फौरन अपने हाथ से लंड को पकड़ मुंह मैं ले सुपदे को दबा-दबा चूसने लगी. अब मैं तानकर खड़ा हो लौंडिया जैसी छोटी बहु को से सबसे प्यारे मेज़ को लेने लगा. उसे मेरे मोटे तगडे लंड को चूसने मैं मज़ा आया हो या न पर मुझे तू गज़ब का मज़ा आ रहा था. उसने १४-१५ बार ही चूसा था की मैंने लंड को उसके मुंह से बाहर क्या और झड़ने लगा. वह मेरे झाड़ते लंड को प्यार से देखने लगी.
झड़ने के बाद मैंने उसको अपने बदन से चिपकाते गांड की तरफ़ से उसकी चूत को टटोलते पूछा, "क्यों रानी तुम्हारी चूत झारी?" "हाँ रजा सच बहुत मज़ा आया. अब रोज़ लंड चुसाना."
"इसीलिए तू चुसाया था की एक पानी तुम्हारा भी नुकल जाए तू चुदाई का मज़ा आ जाता है. अब तुम सब कपडे उतारकर नंगी होकर चूत को पूछकर बैठो. मैं पेशाब करके आता हूँ तब चोदुन्गा."
"हाय आपका तऊ ........"
"तुम्हारी गद्रायी रसीली चूचियां पीते ही फीर खड़ा हो जाएगा."
झड़ने से मस्ती हलकी हुयी पर लंड खड़ा था. म्में नंगा ही बाहर आया. मुझे एक तीर से दो शिकार करने थे. बाहर आया तू देखा की बड़ी बहु ससुर के सामने टाँगे फैलाये फटी शलवार से चूत को बाहर किए हाथ से फैलाये छठा रही थी. उसका बुध्हा ससुर उसकी गांड पर हाथ रख घुटने के बल बैठ कुत्ते की तरह जीभ से अपनी बड़ी जवान बहु की चूत को चाट रहा था.
मेरी आहात पा वह खड़ा हो गया. मैं पूरा नंगा था. मुझे देख बड़ी बहु मेरे पास आ मेरे लंड को देखती अपने ससुर के सामने ही बोली, "अब मुझे छोडिये."
"अभी नही."
"हाय उसको कितनी देर से मज़ा दे रहे हैं आप. मुझे भी." उसने मेरे लंड को पकड़कर कहा तऊ तऊ मैं उसकी शमीज़ से बाहर झाँक रही चूचियों को पकड़ दबाते बोला, "अभी ससुर से मज़ा लो न."
"हाय आपका लंड कितना तगड़ा है. मुझे भी एक बार चोदकर ही जियेगा." "घबराओ नही पहले छोटी वाली की कासी चूत को ठीक से चोदकर अपने लायक फैला लूँ फीर प्यार से तुम्हारी जवान चूत को चोदुन्गा. जाओ जब तक ससुर से चट्वाओ."