नीता चौधरी का लंड - hindi sex story - -
Re: नीता चौधरी का लंड - hindi sex story - -
अब क्या विचार है ?” मैंने कहा ।
“अब तुम्हारी बारी है । एक बार और हो जाये, फिर चले जाना, मेरी लंड की खुजली मिटा दो राज ।” अपनी लंड को सहलाते हुए उन्होँने कहा ।
“क्या !” मैँने एकदम झटके खाए । नीता की अगले कार्यक्रम के बारे में सोच कर सिहर उठा ।
और फिर उन्होँने मुझे पलंग पर चोपाया कर दिया और अपनी मुंह मेरी गांड पर झुकायी और गांड के छेद पर जीभ फिराने लगी ।
अब उन्होँने अपनी नेक उंगली मेँ ढेर सारा थूक लगा उसे मेरी गांड मेँ पूरा डाल दिया और अंगुल को गांड के छेद मेँ अंदर-बाहर करने लगी । फिर उन्होँने मुझे बलपूर्वक पलट दिया और मेरी गांड हवा मेँ उठा कर गांड के छेद को जीभ से खोदने लगी । व अब मेरी गांड पर थूक डाल रही थी और अपनी जीभ गांड की छेद पर लगा कर धीरे-धीरे चाटने लगी । गांड पर उनकी जीभ की स्पर्श पा कर मैँ पूरी तरह से हिल उठा ।
उन्होँने पूरी लगान के साथ दोनोँ हाथोँ से मेरी गांड के छेद को फैलयी और अपनी नुकीली जीभ को उसमेँ ठेलने की कोशिश करने लगी । मुझे उनकी इस काम में बडा मस्ती आ रहा था । कुछ देर तक मेरी गांड चाटने के बाद नीता उठ कर खड़ी हो गयी और अपनी लंड को हाथ से सहलाते हुए मुझे पलंग पर सीधा लिटा दी । मैं हैरान था, मेरी छोटी सी गांड के छेद मेँ उनकी विशाल लंड कैसे जाएगा ?
नीता ने ढेर सारे थूक अपनी लंड पर लगा दी और पुरे लंड की मालीश करने लगी और मुस्कुरा कर पलंग से उतरी और अपनी उभरी हुई भारी गांड को लहराती हुई ड्रेसिंग टेबल से वस्सेलीन की शीशी उठा लाई ।
ढक्कन खोल कर ढेर सारा वस्सलिन हाथोँ मेँ ले ली और अपनी लंड की मालीश करने लगी । अब उनकी लंड रोशनी मेँ चमकने लगी । फिर उन्होँने मुझे पलंग पर पेट के बल लिटा कर मेरी गांड हवा मेँ उचका दिए । फिर व झुक कर मेरी गांड को मुंह मेँ भर कर कस कर काट ली । मुझे इसमेँ बड़ा मज़ा आ रहा था । कुछ देर बाद नीताजी भी पलंग पर चढ कर मेरे उठी हुई गांड के उपर खडी हो गयी । फिर दोनों तरफ पैर डाले मेरे गांड पर अपनी लंड पकड कर झुक गयी और लंड को गांड के छेद से रगड़ने लगी ।
नीता ने थोड़ी पीछे होकर लंड को निशाने पर रखा । फिर उन्होँने दोनोँ हाथों से मेरे गांड का छेद को फैला कर धक्का लगायी तो उनकी सुपडा गांड के छेद मेँ चला गया । फिर नीता ने दोबारा धक्का लगाई तो मेरे गांड को चीरती हुई उनकी आधी लंड गांड मेँ दाखिल हो गयी । मैँ ज़ोर से चीख उठा । पर नीताजी ने मेरे चीख पर कोई ध्यान नहीँ दी और अपनी लंड थोड़ी पीछे खींच कर जोरदार शॉट लगायी । उनकी 9 इंच की लंड मेरे गांड को चीरती हुई पुरी की पुरी अंदर दाखिल हो गयी । नीताजी की आंखे बंद थी और मुह खुली थी, अंदर सांसेँ ले रही थी । फिर नीता ने आगे को झुक कर अपनी चुचीयोँ को मेरे पीठ पर दबा दी और उन्हेँ रगडने लगी । नीताजी की लंड अभी भी पुरा का पुरा मेरे गांड के अंदर था । कुछ देर तक मेरे गांड मे लंड डाले अपनी चूंचीयोँ को मेरी पीठ पर दबाती रही । जब नीता ने कुछ नॉर्मल हुई तो अपनी भारी गांड धीरे-धीरे हिला कर लंड मेरे गांड मेँ अंदर-बाहर करना शुरू कर दी ।
मेरी गांड बहुत ही टाईट था । गांड के कसावट के कारण उन्हेँ चोदने मेँ मजा आ रहा था और अपनी उभरी गांड को जोर-जोर से हिला कर आगे पीछे होने लगी । इसे चोदाई मेँ मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था । अब नीता सिसकारी भरती हुई धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी, उनकी लंड अब पुरी तेज़ी से मेरे गांड मेँ अंदर-बाहर हो रही थी । नीताजी की लंड ऐसे अंदर-बाहर हो रही थी मानो एंजिन का पिस्टन हो । पूरे कमरे मेँ चुदाई का गच-गच की आवाज़ गुंज रही थी । नीता ने बहुत जोर-जोर से धक्के लगा रही थी, बहुत ताकत थी उसमेँ । पागलोँ की तरह मुझे चोद रही थी, मेरे पीठ पर नीताजी के दूध रगड खा रहे थे जिनको मैं लगातार एक हाथ उपर उठा कर मसल रहा था ।
उन्हेँ भी इस चोदाई मेँ बहुत मजा आने लगा था । नीताजी की थिरकती हुई बडे-बडे अंडे मेरे गांड से टकरा रहे थे । अब व पुरे जोश मेँ पुरी तेज़ी से मेरे गांड मेँ लंड अंदर-बाहर करती हुई सिसकारी भर रही थी । हम दोनोँ पसीने-पसीने हो गये थे पर नीताजी रुकने का नाम नहीँ ले रही थी । जब नीताजी पूरा का पूरा लंड बाहर खीँच कर झटके से मेरे गांड मेँ डालती तो मेरी चीख निकल जाती । उनकी लावा अब निकलने वाली थी तो नीताजी ने मेरे बदन को पूरी तरह अपनी बाहों मेँ समेट कर अपनी स्तन मेरे पीट पर रगडती हुई दनादन शॉट लगाने लगी । हम दोनोँ की सांस फुल रही थी ।
“अब तुम्हारी बारी है । एक बार और हो जाये, फिर चले जाना, मेरी लंड की खुजली मिटा दो राज ।” अपनी लंड को सहलाते हुए उन्होँने कहा ।
“क्या !” मैँने एकदम झटके खाए । नीता की अगले कार्यक्रम के बारे में सोच कर सिहर उठा ।
और फिर उन्होँने मुझे पलंग पर चोपाया कर दिया और अपनी मुंह मेरी गांड पर झुकायी और गांड के छेद पर जीभ फिराने लगी ।
अब उन्होँने अपनी नेक उंगली मेँ ढेर सारा थूक लगा उसे मेरी गांड मेँ पूरा डाल दिया और अंगुल को गांड के छेद मेँ अंदर-बाहर करने लगी । फिर उन्होँने मुझे बलपूर्वक पलट दिया और मेरी गांड हवा मेँ उठा कर गांड के छेद को जीभ से खोदने लगी । व अब मेरी गांड पर थूक डाल रही थी और अपनी जीभ गांड की छेद पर लगा कर धीरे-धीरे चाटने लगी । गांड पर उनकी जीभ की स्पर्श पा कर मैँ पूरी तरह से हिल उठा ।
उन्होँने पूरी लगान के साथ दोनोँ हाथोँ से मेरी गांड के छेद को फैलयी और अपनी नुकीली जीभ को उसमेँ ठेलने की कोशिश करने लगी । मुझे उनकी इस काम में बडा मस्ती आ रहा था । कुछ देर तक मेरी गांड चाटने के बाद नीता उठ कर खड़ी हो गयी और अपनी लंड को हाथ से सहलाते हुए मुझे पलंग पर सीधा लिटा दी । मैं हैरान था, मेरी छोटी सी गांड के छेद मेँ उनकी विशाल लंड कैसे जाएगा ?
नीता ने ढेर सारे थूक अपनी लंड पर लगा दी और पुरे लंड की मालीश करने लगी और मुस्कुरा कर पलंग से उतरी और अपनी उभरी हुई भारी गांड को लहराती हुई ड्रेसिंग टेबल से वस्सेलीन की शीशी उठा लाई ।
ढक्कन खोल कर ढेर सारा वस्सलिन हाथोँ मेँ ले ली और अपनी लंड की मालीश करने लगी । अब उनकी लंड रोशनी मेँ चमकने लगी । फिर उन्होँने मुझे पलंग पर पेट के बल लिटा कर मेरी गांड हवा मेँ उचका दिए । फिर व झुक कर मेरी गांड को मुंह मेँ भर कर कस कर काट ली । मुझे इसमेँ बड़ा मज़ा आ रहा था । कुछ देर बाद नीताजी भी पलंग पर चढ कर मेरे उठी हुई गांड के उपर खडी हो गयी । फिर दोनों तरफ पैर डाले मेरे गांड पर अपनी लंड पकड कर झुक गयी और लंड को गांड के छेद से रगड़ने लगी ।
नीता ने थोड़ी पीछे होकर लंड को निशाने पर रखा । फिर उन्होँने दोनोँ हाथों से मेरे गांड का छेद को फैला कर धक्का लगायी तो उनकी सुपडा गांड के छेद मेँ चला गया । फिर नीता ने दोबारा धक्का लगाई तो मेरे गांड को चीरती हुई उनकी आधी लंड गांड मेँ दाखिल हो गयी । मैँ ज़ोर से चीख उठा । पर नीताजी ने मेरे चीख पर कोई ध्यान नहीँ दी और अपनी लंड थोड़ी पीछे खींच कर जोरदार शॉट लगायी । उनकी 9 इंच की लंड मेरे गांड को चीरती हुई पुरी की पुरी अंदर दाखिल हो गयी । नीताजी की आंखे बंद थी और मुह खुली थी, अंदर सांसेँ ले रही थी । फिर नीता ने आगे को झुक कर अपनी चुचीयोँ को मेरे पीठ पर दबा दी और उन्हेँ रगडने लगी । नीताजी की लंड अभी भी पुरा का पुरा मेरे गांड के अंदर था । कुछ देर तक मेरे गांड मे लंड डाले अपनी चूंचीयोँ को मेरी पीठ पर दबाती रही । जब नीता ने कुछ नॉर्मल हुई तो अपनी भारी गांड धीरे-धीरे हिला कर लंड मेरे गांड मेँ अंदर-बाहर करना शुरू कर दी ।
मेरी गांड बहुत ही टाईट था । गांड के कसावट के कारण उन्हेँ चोदने मेँ मजा आ रहा था और अपनी उभरी गांड को जोर-जोर से हिला कर आगे पीछे होने लगी । इसे चोदाई मेँ मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था । अब नीता सिसकारी भरती हुई धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी, उनकी लंड अब पुरी तेज़ी से मेरे गांड मेँ अंदर-बाहर हो रही थी । नीताजी की लंड ऐसे अंदर-बाहर हो रही थी मानो एंजिन का पिस्टन हो । पूरे कमरे मेँ चुदाई का गच-गच की आवाज़ गुंज रही थी । नीता ने बहुत जोर-जोर से धक्के लगा रही थी, बहुत ताकत थी उसमेँ । पागलोँ की तरह मुझे चोद रही थी, मेरे पीठ पर नीताजी के दूध रगड खा रहे थे जिनको मैं लगातार एक हाथ उपर उठा कर मसल रहा था ।
उन्हेँ भी इस चोदाई मेँ बहुत मजा आने लगा था । नीताजी की थिरकती हुई बडे-बडे अंडे मेरे गांड से टकरा रहे थे । अब व पुरे जोश मेँ पुरी तेज़ी से मेरे गांड मेँ लंड अंदर-बाहर करती हुई सिसकारी भर रही थी । हम दोनोँ पसीने-पसीने हो गये थे पर नीताजी रुकने का नाम नहीँ ले रही थी । जब नीताजी पूरा का पूरा लंड बाहर खीँच कर झटके से मेरे गांड मेँ डालती तो मेरी चीख निकल जाती । उनकी लावा अब निकलने वाली थी तो नीताजी ने मेरे बदन को पूरी तरह अपनी बाहों मेँ समेट कर अपनी स्तन मेरे पीट पर रगडती हुई दनादन शॉट लगाने लगी । हम दोनोँ की सांस फुल रही थी ।
Re: नीता चौधरी का लंड - hindi sex story - -
फिर आचानक नीता ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर-जोर से अह्ह्ह्ह?? ..हूऊऊऊओ?? हहसी……. हम्मसीई?..म्म्म्माआआ… की आवाज़ निकालने लगी । अब व अपनी दोनोँ हाथ के सहारे थी और अपनी चुचियोँ को मेरे पीठ पर दबाये हुए थी । नीता अब बहुत स्पीड से पागलोँ की तरह आवाज़ निकालते हुए जोर-जोर से धक्का मार कर मुझे चोदे जा रही थी । आचानक नीता ने बहुत जोर से चीखी-अह्ह्हह्ह.?.. म्म्म्म्माआआ?? गूऊऊऊ??.. सीईउससेसेसे.. अह्ह्ह??.. हम्म? हम्म.अह्ह्ह्ह और मेरे पीठ से चिपक कर मेरे गांड मेँ पिचकारी छोड दी और झड गयी । मैँने अपनी गांड मेँ नीताजी की लंड से निकली गर्म वीर्य की तेज धार को महसुस कर रहा था । उसके बाद भी नीता ने अपनी लंड को अंदर तक पेल रखी थी और अपनी उभरी गांड को हवा मेँ उछाल रही थी । नीता ने उसी तरह से मेरे पीठ पर स्तनोँ को दबायी हुई चिपकी रही ।
नीताजी को जबरदस्त ख़ुशी हुयी थी, उन्हेँ पुरा आनद मिल गयी थी । व मेरे पीठ पर लेट गयी, नीता की लंड अभी भी मेरी गांड में थी । मैं प्यार से उनकी मांसल गांड पर हाथ फिराने लगा । करेब 10 मिनट बाद हम उठे नीता बहुत खुश थी, मुझे बहुत चुमे जा रही थी । बहुत प्यार किया, मुझे भी उनपर बहुत प्यार आया खेर फिर हम बाथरूम गए और अपने-अपने लंड साफ किए । बाथरुम से आकर मैंने कपडे पहनके निकलने को तैयार था, नीता अब साडी पहन चुकी थी व मेरे सीने चिपक गयी और मुझे चुमते हुए बोली-
“फिर कब आओगे राज ! मैँ तुम्हारा इंतजार हर पल करुंगी । तुमने तो मुझे जन्नत की सैर करा
दी ! और मुझे क्या चाहिए था ।”
तो मैँने कहा-
“नीताजी, मैं अब चलता हूँ ! आप सन्तुष्ट हैं, आप जब चाहे बुला लेना, मैँ हाजिर हो जाउंगा।” कहते के साथ मैंने नीताजी से जाने की इजाजत मांगी और बाहर आ गया ।
नीताजी को जबरदस्त ख़ुशी हुयी थी, उन्हेँ पुरा आनद मिल गयी थी । व मेरे पीठ पर लेट गयी, नीता की लंड अभी भी मेरी गांड में थी । मैं प्यार से उनकी मांसल गांड पर हाथ फिराने लगा । करेब 10 मिनट बाद हम उठे नीता बहुत खुश थी, मुझे बहुत चुमे जा रही थी । बहुत प्यार किया, मुझे भी उनपर बहुत प्यार आया खेर फिर हम बाथरूम गए और अपने-अपने लंड साफ किए । बाथरुम से आकर मैंने कपडे पहनके निकलने को तैयार था, नीता अब साडी पहन चुकी थी व मेरे सीने चिपक गयी और मुझे चुमते हुए बोली-
“फिर कब आओगे राज ! मैँ तुम्हारा इंतजार हर पल करुंगी । तुमने तो मुझे जन्नत की सैर करा
दी ! और मुझे क्या चाहिए था ।”
तो मैँने कहा-
“नीताजी, मैं अब चलता हूँ ! आप सन्तुष्ट हैं, आप जब चाहे बुला लेना, मैँ हाजिर हो जाउंगा।” कहते के साथ मैंने नीताजी से जाने की इजाजत मांगी और बाहर आ गया ।