ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

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sexy
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Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:52

ऋतु- ऐसा कुच्छ नही है मलिक एक तो मैं खुद बालिग नही थी आप मुझे जब चाहे छोड़ सकते थे पर मालकिन के दर से आप ऐसा नही करते थे और दूसरा मैं खुद अपनी जवानी को तभी लुटवाना चाहती थी जब मेरा हर एक आंग भरपूर जवान हो जाता और मर्दों के लायक हो जाता यानी की मैं पूर्णतया व्यस्क हो जाओं और लो अब मैं 18 साल की मस्त लौंडिया बन चुकी हूँ मुझे छोड़ के अपनी प्यास भुझाओ मलिक आज मालकिन भी नही है अक्चा मौका है आपके पास अपनी ऋतु की जवानी का प्रथम उपयोग करने का आओ मलिक मेरी छूट मार के मेरी नाथ उतरो और मेरे जिस्म का कामुक उपभोग करो

अजय, राज- हन रंडी ऋतु आज हम दोनो मर्द अपने मस्त मोटे लॉड से तेरी नरम छूट को कुटेंगे और तेरे उरजो को मसल मसल के लाल कर देंगे और तेरी गंद भी मरेंगे

ऋतु – आओ मेरे पहले मर्दो मेरी जवानी से अपनी कामुक और मनचाही कंतृप्ति हासिल करो.

(अजय और राज अपने जिस्म से कपड़ो को उतार फेकटे है और दोनो भी मदरजात नंगे होके फिर से ऋतु के न्नगी जवानी से लिपट जाते है उनके लॉड के शरीर से टच होते ही ऋतु की छूट पानी से भर जाती है)

ऋतु- आआआहह कितने मस्त है तुम दोनो के लॉड आओ राजा मेरी जवानी को अपने लॉड के रस से गीला कर दो मेरे हर आंग मे लॉडा उतार दो मैं भरपूर चुदसी बन चुकी हूँ हाए मेरी फॅंटेसी पूरी करो मेरे मर्दों

राज – (ऋतु की गीली छूट मे उंगली फेरता हुआ) साली हरंजड़ी माल तो तू कसा हुआ है लगता है की तेरी किसी भी घोड़े ने घुड़सवारी नही की है आज तो तुझे छोड़ने मे मज़ा ही आ जाएगा क्या फॅंटेसी है तेरी

अजय- (ऋतु की गंद मे उंगली फसाते हुए) साली कुटिया माल तो तू पिच्छाले च्छेद से भी कुँवारी है आज हम दोनो एक नयी निकोर छूट छोड़ेंगे बता हरज़ादी क्या सोचती है चुदाई के लिए तू

ऋतु –(दोनो के लॉड का सूपड़ा खोल के) आओ मर्दो तुम्हारे लॉड को चूस के छूट और गंद के लिए तय्यार कर दूं मेरी फॅंटेसी है की तुम दोनो मर्द मेरी छूट और गंद एक साथ छोड़ो मेरे दोनो च्छेदों की नाथ उतरई एक साथ एक ही समय मे हो

ऋतु अजय और राज के लॉड को चूस के और टन देती है इधर दोनो हरमज़ड़ो की तरह ऋतु की गोल और ठोस चुचि को दबा दबा के उसे चुदाई के लिए मस्त कर देते है

ऋतु- आआआआआअहह जान प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ प्यार से मस्लो मेरी च्चातियों को मैं चुदाई के लिए तय्यार हूँ मेरी छूट मे पानी भर गया है आओ राज और अजय प्ल्ज़ मेरी छूट और गंद मे अपना अपना गरम सूपड़ा उतार दो

अजय- सोच ले साली एक साथ दोनो का लॉडा लेगी तो मार जाएगी

ऋतु- कोई बात नही आप दोनो एक साथ मेरे दोनो छेड़ो का उद्घाटन करो प्ल्ज़ मलिक

राज- तेरी इतना ही मान है तो चल साली कुटिया बन जा हम दोनो एक साथ तेरी बर और गंद मरेंगे

इतना बोलते ही ऋतु ने कुटिया की पोज़िशन लेलेई और अजय ने नीचे लेट के उसकी कुँवारी छूट पर लंड को टीकाया और राज ने पिच्चे से उक्सी चिकनी गंद पर और राज के एक जोरदार धक्का लगते ही

ऋतु- आआआआआआआहह मार गयी रे सालो क्या दल दिया मेरी बर और गंद मे कुत्टो हट जाओ मेरे उपर से मैं मार जवँगी

राज- अब साली याद आई बहुत बड़ी रंडी बन रही थी रुक मदर छोड़ तेरी बहन छोड़ता हूँ आज मैं

ऋतु अपनी छूट को उपर करती है तो राज का लंड उसकी गंद मे घुसने लगता है और नीचे करती है तो अजय का लंड उसकी नाथ उतरने को उतावला है वो बेबस हो जाती है उसकी आँखों मे आँसू आ जाते है वो बोलती है

ऋतु- मलिक ग़लती हो गयी मैं सोचती थी चुदाई बड़ी मस्त चीज़ होती होगी प्ल्ज़ आप अपने अपने लॉड को हटा लो मुझे नही चूड़ना है

अज़ैई- साली कुटिया तू मस्त न्नगी मेरे लॉड के उपर लेती हुई है तुझे छोड़े बिना छ्चोड़ा तो नमार्द काहलौँगा आज तेरी कक़ची जवानी के गोस्त को हम दोनो शिकारी खाएँगे आज तेरी मा भी आ जाए तो तुझे हम दोनो के लॉड से नही बचा सकती है

इतना कहके अजय ने अपने लॉड को उसकी छूट मे और डाला उपर से राज ने उसकी गंद मे तेल लगाया और फिर लंड पेलना शुरू किया

ऋतु- हाए रे मार गयी सालो मेरी जवानी पर रहम खाओ

राज- तू कुटिया की औलाद मेरा लॉडा खा टुजेह तेरी गंद का डूबा हुआ लॉडा खिलता हूँ अपनी ही टट्टी का स्वाद चखेगी तो तोड़ा शांत होगी ले मदर छोड़ मूह खोल के मेरा लॉडा छत

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Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:52

ऋतु मारती क्या ना करती वाली हॉल्ट मे थी उसने अपनी ही गंद मे घुसा लंड चूसना शुरू किया

इदहर् अजय ने उसकी सील तोड़ दी और उसकी नरम छूट को भकभक छोड़ने लगा उधर ऋतु को अपनी छूट की चुदाई का आनंद आना शुरू हो चुका था उसने मूह से लंड निकाला और बोली

ऋतु- छोड़ो मेरे मलिक मेरी जवान सिने के अनरो को पकड़ के मेरी छूट मरो आआआआअ हह अब मज़ा आने लगा है अब पता चला

अजय- क्या पता चला साली

ऋतु- की मालकिन क्यों हर रत न्नगी हिके आपके लॉड को अपनी छूट मे उतरती है

अजय- साली वो छूट मे नही उतरती है वो इस घोड़े से अपनी घोड़ी की घुड़ दौड़ करवाती है और रोज़ मेरा घोड़ा उसकी घोड़ी को छोड़ता है और घुड़दौड़ जीत जाता है आ तेरी कक़ची घोड़ी को अपने मोटे घोड़े से घुड़दौड़ करवा दूं

इतना कहके अजय ने ऋतु के सिने के अनरो को मुट्ठी मे भरा और उसे ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगा इधर ऋतु के मूह ने राज का लूडा था और वो उसे हर धक्के के साथ चुस्ती जा रही थी

राज- साली मेरे लॉड का रस पीना है क्या तेरे को या रुक पहले तेरी गंद मरता हूँ तब चूसना तू मेरा लॉडा

राज ने वापस अपना घोड़े जायदा लंड ऋतु की गंद के छेड़ पर फिर टीकाया और धक्का मारा इस बार लॉडा काफ़ी अंदर तक घुसा

ऋतु- हहाआआाआआइईईईईई साले फाड़ दी मेरी गंद

राज- चुप रंडी जयदा बोलेगी तो सच्ची मे गंद फाड़ दूँगा

ऋतु- बहुत दर्द है निकालो बाहर

राज- चुप्प रह मदर छोड़ अभी तेरी गंद का दर्द दूर करता हूँ

इतना बोल के राज ने लगातार ऋतु की गंद पर लंड का प्रहार करना शुरू किया इससे ऋतु की गंद का च्छेद छुड़ा होता गया और उसे भी गंद चुदाई मे आनेंड आने लगा वो अब रंडी की तरह मस्त मज़ा लेने लगी छूट मे अजय का लंड और गंद मे राज का लॉडा वो अपने आपको स्वर्ग की रंडी समझ रही थी

ऋतु- हाँ आब छोड़ो सालो कुत्टो मुझे कुटिया बना रखा है तो तुम दोनो मेरी छूट मरने वेल कुत्ते हो छोड़ो ज़ोर लगा के और मरो मेरी बर और गंद दोनो मस्त मज़ा आने लगा है और छोड़ो

ऋतु इसी तरह आँत शांत बकने लगी और चुदाई का मज़ा लूट रही थी अजय और राज उसकी छूट और गंद का बाज़ा बजाने मे लगे थे दोनो ने ऋतु की चुचियों को नोंचा और मरोड़ा ऋतु के नरम और मस्त गुदज उरोज दोनो के लॉड को तूफान बना रहे थे दोनो को लगा की वो अब झड़ने वेल है तो दोनो ने अपने अपने लॉड को ऋतु की बुए और गंद से निकल लिया ऋतु हाँफती हुई सोफे पर बैठी देखने लगी की अब क्या होगा इधर दोनो ने अपने आप को मूठ मारना शुरू किया और सामने पड़ी काँच की मेज पर वीर्या गिरने लगे

ऋतु- हाए मेरे राजा क्या कर रहे हो मेरी किस्मत की मलाई बेकार कर रहे हो

राज- चुप कुटिया यह तेरी मलाई अभी मिलेगी तुझे रुक एक मिनिट को

राज ने अपनी उंगली से दोनो के वियरा को मिक्स किया

राज- ले हरमज़ड़ी छत हम दोनो का वीर्या और मेज बिल्कुल साफ नही हुई तो तेरी मा को यहीं बुला के उसके सामने तुझे छोड़ूँगा

ऋतु- अभी साफ करती हूँ मेरी जान यह मलाई मुझे बड़ी पसंद है

ऋतु ने मेज पर पड़े वीर्या को जैसे ही चटा एक बार मे जीभ फिरते ही उसे केक की क्रीम और वीर्या के टेस्ट मे समानता महसूस हुई उसने नज़र उठे के देखा तो अजय और राज दोनो मंद मंद मुस्कुरा रहे थे

ऋतु- यह तो

अजय- हाँ साली उस केक मे भी हम दोनो का वीर्या था

ऋतु- अगर मैं नही चुड्ती तो तुम दोनो अपनी फॅंटेसी पहले ही पूरी कर चुके थे

राज- हाँ जान हम दोनो ने सोचा की तू चूड़ेगी नही तो हुमारा वीर्या तो खा ही चुकी होगी आ मेरे पास आ अब मैं तेरे च्चती मसल मसल के तुझे फिर जवान करता हूँ और तेरे कोमल छूट मारूँगा

ऋतु आयेज बड़ी और मुस्कुराते हुए राज की गोदी मे आके बैठ गयी

ऋतु- लो जानू मेरी जवानी पूरी नंगी तेरे सामने है इसे जैसे मर्ज़ी उसे करो और मेरी कोमल छूट को अपने घोड़े जैसे लॉड से छोड़ दो

राज ने ऋतु को अपनी गोदी मे बैठा लिया और उसके दोनो चुःसियों को अपनी मुट्ठी मे कुचलते हुए
बोला

राज- आजा साली अब मैं तेरी छूट का भरपूर मज़ा लूँगा आ कुटिया तुझे मस्त छोड़ता हूँ तेरी पनियाई हुई छूट का पूरा मज़ा लूँगा इस बार मेरा वीर्या तेरी बच्चेड़नी मे गिरा के तुझे मस्त कोंगा

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Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:52

ऋतु- आआआअहह मेरी जान तूने बोल दिया बस मैं चुड गयी मेरे राजा पूरा पेलना बाकछेड़नी तक हाए रे इतना मस्त मोटा लूडा मेरी छूट मे जाएगा तो मस्त पानी छ्होएडगी मेरी कमसिन छूट

इतना कहके ऋतु खुद उचक के राज के मस्त लॉड पर चाड गयी और खुद ही उपर नीचे होने लगी राज को ज़्यादा ज़ोर नही लगान पड़ा उसका लंड ऋतु की छूट की गहराई मे घुस चुका था उसने ऋतु के उरोज मरोड़ने शुरू किए इससे ऋतु चुड भी रही थी और कामुक सिसकारी भी मार रही थी

ऋतु- आआहह आआआआआआआआअ हह साले और छोड़ मेरी घोड़ी को अपने मस्त घोड़े के लंड का मज़ा दे मेरी घुड़सवारी कर मेरे घोड़े आओ अजय बाबू मेरी गंद मार लो

अजय- तू ना भी बोलती तो इस पोज़ मे मैं तेरी पिच्छली घोड़ी को छोड़ने वाला ही था तुझे पता ही है तेरे मालकिन की गंद भी मैं बहुत बजता हूँ

ऋतु- हाँ मुझ एपटा हिया मालकिन अक्सर ज़िकरा करती है आपसे गंद मरवाई का मैं उनकी गोरी गोरी गंद पर कई बार तेल मालिश भी करती हूँ मालकिन तो राज बाबू का भी ज़िक्र करती है बिल्ती है राज बाबू मस्त मर्द है जिस रंडी को चाहे छोड़ डालते है रंडियों के बीच राज साहेब के लॉड के चर्चे बहुत है

अजय- अक्चा साली तेरा मालकिन से इतना याराना है तेरे से बर लंड की बातें करती है ले तेरे गंद मे उसके मर्द का लॉडा

ऋतु- आआआआआहह प्यार से छोड़ो मलिक उँचुड़ी और उनतुकी लौंडिया हूँ

राज- साली अब तो तू चुड चुकी है फॉर क्यों ऐसा बोल रही है

ऋतु- हाए मेरे मर्दो पहली पहली बार दो दो लौड़ों को ले रही हूँ आदि होने मे समय तो लगेगा ही

अजय& राज- ठीक है हरमज़ड़ी तेरा मान है जैसे मर्ज़ी चुड साली

ऋतु- आआआअहह हाँ और छोड़ो मेरे कामुक छूट को मरने वालो छोड़ो अपनी ऋतु को

मैं झरने वाली हूँ आआआहह

राज- रुक जा साली मैं साथ मे भी अपना माल उदेलूँगा तेरी छूट मे

(राज ने ऋतु की चुचियों को बहुत ज़ोर से उमेटा और उसकी छूट मे अपना वीर्या गिरने लगा इधर ऋतु की छूट भी पानी फेक गयी ऋतु को राज ने फिर सामने पड़ी काँच की मेज पर ऋतु को बैठा दिया ऋतु की लाल पद गयी छूट से पानी की धार और राज की गढ़ी मलाई मिक्स होकर मेज पर फैलने लगी इधर अजय ने भी मूठ मार मार कर अपना वीर्या भी मेज पर गिरा दिया उसके बाद दोनो के ऋतु को इशारा किया ऋतु मुस्कुरा के झुकी और अपनी छूट से पानी के साथ साथ दोनो मर्दों की मलाई चाटने लगी. इतनी देर की चुदाई के बाद तीनो बुरी तरह तक गये थे ऋतु सारी मलाई छत के उठी और बाहर जाने लगी

राज- कहाँ जा रही है मदारचोड़ हम दोनो को छ्चोड़ के

ऋतु- कहीं नही राजा पूरी रत मस्ती लेनी है बस मूतने जा रही थी

राज- तो तू उसके लिए वहाँ कहाँ जा रही है इधर आ मेरे मूह को इस कम मे ला

ऋतु- हाए रे आब तुम मेरा मूत पियोगे

राज- मूत कहाँ रानी 18 साल की कामुक काली का मूत शराब होता है आ इधर आ साली

(ऋतु कमर मतकती हुई आई और राज के मूह पर छूट रख के बैठ गयी उसकी मस्त छूट से च्छुल च्छुल करके राज के मूह मे मूतने लगी और राज उसकी इस नशीली शराब को मस्त होके पीने लगा)

राज- आआअहह आजा अजय इस कुटिया की छूट की शराब पीके देखना साली विस्की से भी ज्यदा नशीली है

अजय- हाँ राज इसकी अगली शराब मेरे गले मे होगी और इसे क्यों ना देसी का मज़ा दिया जाए

ऋतु- देसी??

राज- हाँ साली हमारे मूत का

ऋतु- कैसे अब मेरे मूह मे लॉडा पेल के या ग्लास मे दल के

राज- नही ऐसा किया तो राज का रंडियों के पास जाना बेकार है तुझे नये तैरके से मूत पिलायुंगा

ऋतु- कैसे

राज- तेरी ही छूट से

ऋतु- क्य्ाआआआअ

राज- हाँ इधर आ साली

ऋतु राज के पास आई और राज ने उसे पीठ के बाल लिटा दिया और परों को मोड़ के उसके घुटने उसीके कंधे के पास इतना नज़दीक ले गया की उसकी छूट लगभग उसके मूह के पास आ गयी ऋतु राज के द्वारा दिए गये इस आसान से मुकुराई और उसके अपने मूह को अमृतपान के लुए खोल दिया राज ने अपने लंड को रातू की छूट मे इस तरह फिराया जैसे आत्म मे कार्ड फिरते है और उसने अपने लॉड से मुतना शुरू किया तो धार सीधी ऋतु के मूह मे गिरी उसने भी चुड़ैल रंडी की तरह राज का मूत का कटरा बेकार नही होने दिया और सारा मूत पी गयी और राज के बाद अजय आयेज बड़ा और अपना लॉडा ऋतु की छूट मे दल दिया और मूतने लगा जब ऋतु की छूट मूत से भर गयी तो उसने लॉडा बाहर खींचा और अपना बचा हुआ मूत ऋतु के मूह ने डाला ऋतु ने पहले तो अजय का मूत लंड की धार से पिया और फिर अपनी छूट को मूह से सता के अजय का बाकी मूत पी गयी.

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