ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

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sexy
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Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:54

सभी- ले कुटिया तेरे उपर मलाई तो अभी गिरते है फिर करते है तेरी चुदाई का नया रौंद शुरू

इतना बोलके सबने अपने अपने लॉड से वीर्या गिरना शुरू किया

नरेश- आआआअहह रागिनी तेरी छूट बड़ी मस्त है साली कुटिया की तरह चुड एक बार ना तेरे को मस्त घोड़े की तरह छोड़ा तो मेरा नाम नरेश नही तेरे साथ 5 काइलामीटर तक गुड्दौड़ करूँगा

ऋतु- साले मैं ऋतु हूँ और यह 5 काइलामीटर की घुड़दौड़ का मतलब क्या है

नरेश- पता है जान अब रागिनी नही तो तुझे ही रागिनी समझ के तेरी छूट मे झाड़ रहा हूँ ऐसा लगा रहा है वो कुटिया खुद उचक उचक के छुड़वा रही है

ऋतु- (नरेश के कन मे) साले जब उसका भाई तेरी गंद मरेगा तो

नरेश- कसम से ऋतु रानी अगर रागिनी की छोड़ने को मिले तो किशोर से गंद भी मरवा लूँगा

ऋतु- देखूँगी साले जब गंद मे बेलन जाएगा तो मा चुड जाएगी तेरी यह 5 काइलामीटर की घुड़दौड़ का मतलब तो बता

नरेश- साली जब मैं किसी की छूट मरता हूँ तो उस छूट को घोड़ी समझ के और अपने लॉड को घोड़ा मान लेता हूँ और फिर उस घोड़ी मे घोड़ा तब तक फसाता हूँ जब तक एक नॉर्मल घोड़ा 5-7 काइलामीटर की दुआदा लगा ले और मेरा दावा है हर चुदसी घोड़ी इतनी देर मे पानी फेक देती है तो रागिनी की क्या बिसात वो मासून काली तो देखना 2-3 काइलामीटर की दौड़ मे पानी छ्चोड़ देगी या हो सकता है मेरा घोड़ा देख ले पानी फेक दे.

ऋतु- (ऐथते हुए) हाँ साले मैं तोझड़ी अब तुम लोगो का क्या हाल है मेरे घोड़ो

सब- हम तो झड़ने की कगार पर है तो बता कहाँ झाडे मलाई को छूट मे डलवाएगी या मेज पर डाले

ऋतु- सब अपना अपना वीर्या मेज पर गिरयो मैं मिक्स मलाई खयुंगी

सभी नौकरो ने अपने अपने लॉड को सहलाते हुए इरया को मेज पर गिरा दिया जिसे इस कामिनी ऋतु ने रंडी की तरह झुक के चाटना शुरू किया और सेसएंड़ो मे सारी मलाई छत गयी

नरेश- वा भाभी तुम तो ऐसे मलाई खा गयी जैसे किचन मे दूध के उपर की मलाई छत लेती हो

ऋतु- नही साले वो मलाई तो पूछ बाबू से कुच्छ खाती हूँ और कुछ इसकी नज़ारे बचा के अपनी छूट पर माल लेती हूँ ताकि यह छूट मस्त बनी रहे सालो आओ मेरी छूट गंद और मूह को छोड़ो और अपनी पोज़िशन बदल लो जो हस्त मैथुन का स्वाद ले रहे थे वो मेरे गंद और मूह पे आ जाओ और इस नरेश को कुत्ते की तरह मेरी छूट मरने को छ्चोड़ दो.

बाबू – क्यों

ऋतु- सला कुँवारा है ना रोज़ रोज़ छूट नही मिलती है ना और मस्त जवान घोड़ी मिली है तो छोड़ने दे ना साले घोड़े को

नरेश- (ऋतु के कन मे) इस बार टुजेह रागिनी बनके छोड़ूँगा मेरी भाभी

ऋतु- जो मर्ज़ो कर चाहे किरण समझ के छोड़ या रागिनी मैं दुबारा तेरे घोड़े की घुड़सवारी को तय्यार हूँ मेरे नये मर्द

नारश- नही किरण नही सिर्फ़ नंगी और कामुक चुदसी रागिनी साली की नाथ उतरने को मिले तो कसम से जान डेडुन

ऋतु- हाए इतना उसकी छूट का प्यासा है

नरेश- हाँ मेरी भाभी अगर कुच्छ बात बनने की उम्मेड हो तो बता

ऋतु- साले मैं कोई दलाल हूँ लंड मे दूं है तो उपर फर्स्ट फ्लोर पे सो रही है जाके छोड़ दे साली को और उसकी कक़ची छूट को मर्द का स्वाद दे दे

नरेश- रहने दे भाबी तेरी छूट से ही कम चला लेता हूँ अभी तो पर अगर मौका लगा तो साली को घोड़ी ज़रूर बनौँगा

इधर रागिनी ने सारी नरेश और ऋतु की बाते सुनी उसकी छूट मे पानी भर आया वो अपने रूम मे पहुँच के मूली से ठंडी हयी किरण ने किशोर के लॉड से प्यास भुझाई और ऋतु ने पंक्च मर्दो का फिर से वीर्या चखा और मुस्कुराते हुए अपने रूम की ऊवार चली गयी क्योंकि उसे विस्वास था की उसकी डबल गांग बंग के बाद किशोर ने किरण को जी भर के छोड़ा होगा.

चंदर- (बाहों मे फाँसी किरण की चुही मसलता हुआ) बड़ी मस्त चुड्ती है तेरे भाबी घर की नौकरणीयाँ की इतनी गरम है या तूने सिर्फ़ मेरे मान रखने को मस्त कहानी नमक मिर्च दल के सुनाई है

किरण- क्या मतलब है तेरा मैं झूठ बोली क्या

चंदर – यह तो अभी पता चल जाएगा

किरण- कैसे

चंदर- तू देखती जा मैं कैसा मेला लगवाता हूँ यहाँ पे

किरण- (गले मे कुच्छ फास्टे हुए) क्य्ाआआआ ( वो दर गयइ की उसका रागिनी बनने का भेद अब खुल जायगा)

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Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:54

Chandar- han Sali dekhti ja kya hota hai
(chandar ne mobile nikala aur apne gang ke ek daku ko phone karne laga)
Chandar- are aman jara ek kam to kar
aman – kya sardar
Chandar- idhar common room me ek mela lagwa
aman- kiska
Chandar- is haveli ki sabhi chuton aur laudon ka han apne sahi aadmi bhi wahin honge
aman- thi sardar 10 min do humko
Chandar- diye aur han sabse rasili chut ka swad bhi tu li lutega
Aman- thik hai sardar jaisa aap bolo abhi mela lag jayega us bhudde budiya ko bhi laoo
Chandar- le aa wo hi to dekhe uski beti kaise chudti hai bhare darbar
Aman – thik hai
(thodi der bad sab log comon room me hote hai sadar wahan ragini aur kiran ko khinch lata hai sabhi 6 naukar 5 naukrani 20 daku kiran kishor ragini uske mata pita sab ikaththa ho gaye)
Aman – lo sardar jaisa kahan sab ko le aaya ab kya karna hai
Chandar- buddhe chabi deta hai aage khel shuru karu
Sasur- jo man ho wo kar chabi nahi dunga
Chandar- thik hai aman karde nnangi sabhi auraton ko sabke kapde utarna mat fad dalna taki koi bhage to haveli ke bahar nangi jaye
Aman- is budiya ko bhi
Chandar- nahi sirf jawan aur kamuk randiyon ko
Sasur- are randi kisko bola
Chandar- (aage badke uske muh pe jhapad marke) teri haveli ki sabhi garam aur jawan chuton ko sale kuch aur bola to lund kat ke hath de dunga sari jindagi teri budiya haveli ke naukron se chudti firegi. Chal aman kar nnaga dekhun to kaun si jayda kamuk hai aur kaun si jyada sexy ya kaun si mast mal hai
Aman- kaise dekhoge sardar
Chandar- nangi to kar fir inka chut competetion hoga
Aman- ha ha samajh gaya jo pichhale dake me kiya tha wo hi abhi karta hun sabhi laundion ko nangi
Thodi der me ragini, kiran, ritu, soni, aditi, richa, muskan sab naukaraiyan aur dono beti bahu mast madarjat nnagi khadi thi. Chandar ne sabhi naukron ko bhi nanga karwa diya aur kishor ko bhi. Saas sasur ko kursi se bandh diya aur ghar ke sabhi mardo ke hath pichhe bandh diye. Iske bad sare daku bhi pure nange ho gaye. Ab yeh alam tha common room me 26 lund latak rahe they aur 7 chuten khuli khadi thi.
Chandar- chal aman ab khel shuru kar mujhe pata to chale is haveli ki beti mal hai ya bahu
Ya koi mast naukarai inse baji mar leti hai
Aman- (kishor ko aage dakelte huye) chal kutte chat in sabki chut aur bata kaunsi tasty hai
Kishor- main
Aman- tu nahi to maine chati to mat bolna teri biwi ki chut chus raha hun sale mauka diya to nakhre
Kishor- thik hai (aage badke ragini ki chut ke pass pahunchta hai kyonki wo sabse aage khadi thi
Kishor ne hichakte huye ragini ki chut par jibh firai wo yeh dekh ke hairat metha rangini uski jibh ke liye pahle se hi bharpur gili thi kishor badi der tak use chatata hai)
Aman- sale apni biwi ki chut chatata rahega bahan ki bhi chat sale
Kishor aage badke kiran ki chut ki oor jata hai usne paya ki kiran ki chut gili nahi thi wo samajh gay aki ragini usko chut chatwana chahti thi idhar sasur,naukron, naukraniyon ke dimag me yeh sawal aaya ki daku kiran ko ragini kyon bol rahe hai par wo chup rahe aor sara khel dekhne lage
Aman- bata sale teri bahan gili hai ya biwi
Kishor- meri ragini
Aman- saleeeeeeeee bahan chod bahan ki chut gili lagi pura bol khul ke nahi to teri gand mar lunga
Kishor- meri bahan ragini ki chut jyada gili hai usko chusne me jayda maza aaya mujhe
Ragini ki chut ne yah sun ke aur pani chhod diya idhar chandar ko laga ki wo kiran ki chut ke liye bate kar raha hai aur udhar baki sabko pata tha ki wo ragini ki chut chat ke lund khada kar chuka hai aur ragini uski unchudi bahan hai
Chandar- thik hai sale ki aankh pe patti bandho
Aman ne aage badke kishor ki aankh pe patti bandh di
Chandar- chal sale kutte apna muh sabhi aurton ki chuhci par mar aur bata kiski chuhci hai tu is haveli ka rajkumar hai tujhe sabhi naukraniyonki chuchi pata hi hongi biwi ki bhi aur bachi chuchi teri bahan ragini ki koi Sali siskari maregi to uski chut mere sare aadmi chodenge dhyan rahe
Aur sabhi naukraniya apna naam batao mujhe
Sabhi ne apna nam bataya aur idhar kishor ko nanga hath piche bandhe huye chuchyon ki oor dhakel diya gaya wo sabse pahle ritu ki chhuchi ke pass pahuncha aur uski chuchi ko zor se muh me bhar liya ritu siskari marti marti ruk gayi wo machal gayi par kishor me uski chuchi ko chhoda nahi aur mast hoke chusne laga.
Chandar- chod sale chuchi chus ke nahi insabko chod ke jhadna hai tujhe bata kis kutiya ki chuchi hai
Kishor – meri jan ritu ki
Kishor ki baten sunke sab chaunk gaye wo itna khul ke kaise bol raha tha sabke samne ritu ko meri jan kahane ka matlab
Chandar – wah to yeh teri jan hai
Kishor- han is randi ko mere dad aur maine kai bar choda hai agar main aise khul ke bolunga to sabhi ki chuten gili rahengi jisse chudai ke khel ka anand aayega varna sukhi chuton ko chodunga aur masti bhi nahi aayegi

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Re: ak sex se bhari shaam - कामुक संध्या - hindi sex story

Unread post by sexy » 04 Jan 2016 09:54

अमन- सरदार इसी के चुची चूसने से हम लोग क्यों मान जाये की किसकी चुची बेहतर है किसकी नहीं क्यों न कुछ अलग किया जाये
चंदर- क्या
अमन- अब चूचियां मैं चूस के बताता हूँ
चंदर- ठीक है पर ए कुत्ते चल अपनी जोरू की चुची तो चूस और तू अमन इसकी बहन से शुरुआत कर
(किशोर ने आगे बढ़के रागिनी की चुचियों पर मुह रख दिया और अमन ने किरण की चुचियों पर किशोर यह देखके हैरान था की रागिनी उसे बड़े उत्साह के साथ सपोर्ट कर रही थी और उधर किरण ने एक दो बार कुछ नखरे दिखने की कोशिश की ताकि डाकुयों को लगे की वो ही हवेली की बेटी है)
चंदर – ऐसा कर अमन इस कुत्ते की औलाद के हाथ खोल दे
अमन- ठीक है सरदार उससे क्या होगा?
चंदर- जैसा तू इस मादरचोद की बहन के साथ करेगा वो ही काम ये साला अपनी जोरू से करेगा ऐसा लगेगा जैसे हम लोग शीशे में चुदाई देख रहे हो ऐसा माहौल बन जाये तो मज़ा आ जायेगा
अमन- ऐसा ही होगा
अमन- देख साले कुत्ते जो मैं तेरी बहन के साथ करू वैसा नहीं किया तो तेरी माँ को मेरे सभी साथी चोद डालेंगे
किशोर- नहीं नहीं जैसा बोलोगे वैसा ही करूँगा
(मन ही मन – हरामियों क्या पता तुमहे की बीबी चोदोगे या बहन कुत्तों तुम्हे मेरी बीवी के दिमाग का पता ही नहीं , या यह सब रागिनी की चाल है चलो बाद में पूछूंगा अभी जाये तो सही ये कमीने चूत मारने वाले कुत्ते)
इधर किशोर रागिनी की ओर बढ़ जाता है और अमन किरण की तरफ रागिनी किशोर को अपनी ओर आता देख के और भी गरमा जाती है और उधर किरण अमन का लंड का ख्याल लेके गीली हो जाती है
किशोर रागिनी की चूची के निप्पल को दांत से चुभलाता है और उधर अमन कुछ ऐसा ही किरण की मादक जवानी के साथ कर रहा है अमन किरण को रागिनी समझ रहा है

किशोर- (धिरे से) यह क्या है रागिनी तू किरण बनी हुई है और वो साली रागिनी बनके चुद रही है
रागिनी- भैया आप मेरे साथ मस्ती करो यह राज सिर्फ भाभी को पता है मैं तो उसका साथ दे रही हूँ
किशोर- ठीक है
चंदर- कोई साला बातचीत नहीं करेगा और तू कुत्ते क्या बाते कर रहा है अपनी जोरू से कभी चुदाई में बाते नहीं की क्या
अमन- सरदार एक आईडिया दूँ क्या
चंदर- बोल अमन
अमन- मैं इसकी बहन पर चढने वाला हूँ क्यों ना यह साला खुद अपनी बहन चोदे
चंदर- कैसे
अमन- अपनी जोरू को बहन समझ के जोर से बोल बोल के
चंदर- सुना तूने कुत्ते तू अपनी जोरू को अपनी बहन समझ के बोल बोल के चोद और हम सब इस अनोखी चुदाई का मज़ा लूटेंगे देखेंगे तेरी जोरू तेरी बहन बनके कैसे चुदती है तेरे से
रागिनी- क्या मैं इनको अपना भाई बोलूंगी हाय राम
चंदर- साली सब भेद खोलू क्या क्या करती है रातों में दिन में इसे सिर्फ भैया बोलने में दिक्कत है तू कर तो अगर मस्ती नहीं आई तो मेरा नाम बदल दियो तू
किशोर- जो बोल रहे है वो करो नहीं तो हमारी दुर्गति कर देंगे ‘
रागिनी- ठीक है
रागिनी- आआआआअह्ह्ह भैया थोडा धीरे चुसो मेरी चूची दर्द होता है
किशोर- हाय रागिनी इसमें मज़ा भी तो आता है है न मेरी जान
रागिनी- हाँ भैया फिर भी प्यार से दबाओ मेरे ठोस अनारों को
किशोर- रागिनी तेरी जवानी पर मेरी बहुत दिनों से नज़र थी मैं सोच ही रहाथा की कौन होगा जो तेरी कुंवारी चूत में लौड़ा डालेगा काश यह किस्मत मेरी होती और देख मुझे मौका मिल ही गया अपनी ही जवान बहन की चूत मारने का
रागिनी – भैया तुम्हारा लंड बड़ा मस्त गर्म हो रहा है हाय राम बहुत चोदु हो तुम तो मेरी चूत फाड़ ही डालोगे
किशोर ने लौड़े को रागिनी की गरम चूत के ऊपर सटा दिया उसके सुपदे की गर्मी से रागिनी के शरीर में झुरझुरी दौड़ने लगी वो साली कुतिया अपनी जिंदगी का पहला पहला लंड जो ले रही थी
चंदर- साली हरामजादी ऐसे एक्टिंग कर जैसे अपना कुंवारापन दे रही हो अपने भाई को या फिर मैं आके चोदु साली कुतिया
रागिनी- (डर के साथ) नहीं नहीं मैं जो बोलोगे वो ही करुँगी
किशोर- आआआआअह्ह्ह रागिनी मेरी बहन तेरी चूत मस्त टाईट है रे साली किसी का लंड नहीं खाई क्या तू आज तक
रागिनी- नहीं भैया लंड क्या होता है यह मैंने नज़दीक से आज पहली बार देखा है
किशोर – साली मस्त है तू आ मेरे जिस्म से अपना अनछुआ जिस्म रगड़ आह रागिनी तू मेरे लंड को चूत में लेने से पहले ही झाड देगी लगता है
रागिनी अपने जिस्म को किशोर के साथ और मस्ती में डूब के रगडती है इधर सभी डाकुयों के लौड़े यह माहौल देख के तन जाते है वो अपनी अपनी मुठ मारने लगते है उनको लंड मसलते देख के रागिनी, किरण और सभी नौकरानिया पूरी तरह गीली हो जाती है
चंदर – सालो यहाँ से कोई प्यासा नहीं जायेगा जिसका मन हो वो उस रंडी को चोद ले चलो साथियों एक एक नौकरानी पर चार चार पांच पांच चढ़ जाओ लगा दो मेला चुदाई का
किशोर- अरे तुमने तो कहा था
चंदर- चुप साले तो तेरा मतलब है हम सब इतने मस्त दृश्य को ऐसे ही छोड़ दे तेरा लंड खड़ा होता और सामने चूत होती तो तू बता तू खुद क्या करता . इतनी मस्त चिकनी और चुदासी चूतों को छोड़ के भाग जाता चलो साथियों जो कहा है वो करो चोद डालो हर एक गर्म चूत को मरो सालियों की बुर गांड और मुहं भी चोद दो
किशोर- प्लीज प्यार से
चंदर- (हँसते हुए) ऐसा होता है चल तू बोला तो , साथियों थोडा प्यार मुहब्बत से पेश आना बाकि चोदना जी भर के और हाँ कोई भी अपना वीर्य किसी के अन्दर नहीं डालेगा वो सारा मुझे इस मेज पर चाहिए
लगभग सभी समझ गए की क्या होना है और हवेली में मस्त चुदाई का मेला लग गया सभी डाकुयों ने नौज्रानियों को दबोच लिया इधर किरण और रागिनी पर अमन और किशोर चड़े थे चंदर ने आगे बढ़ के किशोर की माँ के मुंह के आगे अपना लौड़ा लहरा दिया.

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