nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum garam

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Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara

Unread post by admin » 09 Jan 2016 11:35

" साली शादी शुदा हो कर भी लोंडिया के जेसे जींस पहनती हे ....चुतड मटका के चलती हे ....

गांड के छेद में ये खूंटा गाड कर गांड का होद बना दूंगा मादरचोद के ....साली लंड की चट्टी ....

हलक तक अन्दर ले इसे पूरा झड तक मुह में जाना चाहिए ..वर्ना रंडी तेरा मुह फाड़ दूंगा ....साली

कुत्ते की मूत मादरचोद .....तेरी माँ का भोस्ड़ा में ये बम्बू फंसा दूंगा ...!"

और वो उसके बालों को पकड़ कर उसके मुह को अपने लौड़े की तरफ दबाये जा रहा था साथ ही उसके कुल्हे भी

तेजी से आगे पीछे हो रहे थे ! लार बहकर उसके मुह को चिकना कर रही थी और उस चिकने मुलायम मुह को

शास्त्री बूर समझ कर खूब तेजी से चोद रहा था !

ऐसी बुरी तरह से की गई उसके मुह की चुदाई को महसूस कर तनु की आत्मा तक कांप गई थी !

लेकिन अपनी सुन्दरता से पंडित जी जेसे किसी सभ्य पुरुष को बौराते देख कर खुद भी मस्ता गई थी !

आखिर वो थी भी इतनी सुन्दर और कामुक की जब तक कोई उसे जानवर बन कर नहीं चोदे वो भी

तृप्त नहीं होती थी !

इसी लिए इन पति पत्नी का येही काम था किसी पुरुष को चुटिया बना कर उत्तेजित करे जिसे देख कर

दोनों मियां बीबी उत्तेजित हो जाते फिर अचानक आ कर मन उस पुरुष को ऐसे ही रख देता और घर जाकर तनु की

जानवरों की तरह चुदाई करता !

पर आज वो लेट हो रहा था शास्त्री जितना आगे कोई नहीं बढ़ा था आज तक !

आज क्या पता वो क्या करना चाहता था उसके मन को भी शास्त्री के लौड़े की मोटाई लम्बाई मंत्र मुग्ध कर रही थी !

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Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara

Unread post by admin » 09 Jan 2016 11:35

तनु को अपनी सुन्दरता पर कुछ अभिमान हो रहा था !

थोड़ी देर पहले जो पुरुष सभ्य इंसान था उसके योवन के ताप से जल कर वहशी हो चूका था !

यही तो वो चीज हे जो ओरत को कामुक बनाती हे !

तनु को आज पता चला की उसके योवन में किसी नर के व्यक्तित्व को किस सीमा

तक बदलने की क्षमता हे !

ये सोच कर उसके चुचक कड़े हो गए मांसल चूचियां पूरी तरह से तन गई और चूत में बह रहे पानी

का गाढ़ा पन और बढ़ गया !

कामुकता की ज्वाला उसकी योनि के भीतर दहकने लगी !

वह इस बौराये हुए पुरुष के मोटे काले विशाल लंड का आक्रमण अपनी चिपकी योनि के छोटे से छेद

पर झेलने के लिए उत्तेजित थी !

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Re: nonveg story - लौड़ा साला गरम गच्क्का - lund ak dum gara

Unread post by admin » 09 Jan 2016 11:35

मुह चुदाई के बाद अब बारी थी उसके कबूतरों पर व्यभिचार की !

शास्त्री इतनी जल्दी झड़ने वालों में नहीं था सुबह शाम घोट कर दो बड़े बड़े भांग के लड्डू निगलता था

भांग का सीधा असर स्तम्भन शक्ति पर पड़ता हे !

और फिर पुरे पंद्रह साल बाद उसे ये स्त्री देह मिली थी जिसे वो पुरे मन से भोगना चाहता था !

तनु को भी उसकी बातों से पता चल गया था की पंद्रह साल बाद इसका ब्रम्चर्य खंडित उसका सुन्दर

और सुडोल शरीर कर रहा था इस बात पर वो मन ही मन आनादित भी हो रही थी !

शास्त्री अब पूरा बौरा गया था !

हवस की आंच पर भून कर ना खाया जाय तो क्या सुख !

उसकी बड़ी बड़ी कठोर चुचियों को नोचते हुए सा बोला :-"ये तो रंडीयों वाली चूचियां हे साली .....कितने हरामियों

को दूध पिलाई हे ...अपने इन थनों से .....कुतिया ....?"

"चट्ट ...."

इसी के साथ शास्त्री ने हवस के प्रवाह में उसके स्तनों पर एक झापड़ दे मारा !


तनु ने अपने पति के अलावा अभी किसी से नहीं चुदाई और न ही स्तन पान करवाया पर मार के डर से और रंडी कहलाने के रोमांच

झूठ मुठ की हाँ भर रही थी !

"सी sssssss ...बहुतों को पिलाया ...कभी गिना नहीं ..."

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