Hindi Sex Stories By raj sharma

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raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 19:14

गतान्क से आगे........

"कोई नही आएगा, नीचे दरवाजा बंद है" उसका सफेद चिकना पेट खिड़की से आ रहे सूरज के प्रकाश से दीप्तिमान हो रहा था और जैसे जैसे कमीज़ उपर उठती जा रही थी काली ब्रा में छिपि दो गोल चुचियाँ उसकी कमीज़ से ऐसे उभर कर बाहर आ रही थी जैसे बदल के छटने से ग्रहण लगा हुआ चाँद उभर रहा हो. अनिल ने पहली बार दिव्या की चुचियों को कमीज़ के बाहर देखा था. उसका लंड तुरंत पॅंट फाड़ कर बाहर निकलने के लिए उतावला हो गया. उसने दिव्या को फिर से बेड पकड़ कर आगे की तरफ झुकने के लिए कहा. दिव्या की मक्खन जैसी चिकनी पीठ पर ब्रा के काले स्ट्रॅप केअलावा कुच्छ भी नही था. नीचे काले रंग की चूड़ीदार सलवार नीचे की तरफ सरकी हुई थी जिससे दिव्या की गुलाबी ब्रा का उपरी भाग बाहर झाँक रहा था. अपनी गर्म नंगी पीठ पर अनिल की शार्ड उंगलियों के स्पर्श से शिहर उठी. उसने बेड को मुट्ठी में जाकड़ लिया. अनिल अपने हाथ से दिव्या की पीठ की गर्मी को महशूष करता हुआ उसके गर्दन से कमरपर होते हुए नितंब तक गया. फिर अहिश्ते आहिस्ते उपर बढ़ कर उसके ब्रा के स्ट्रॅप को अनहुक किया. दिव्या ने अपनी आँखो को बंद कर लिया. अनिल के हाथ दिव्या की पीठ से होते हुए उसकी गोल चुचियों को अपनी हथेलियो से ढक कर मसल्ने लगे. दिव्या की चुचियों पर से ब्रा की काली पर्छाया हटा कर अनिल ने दोनो चंद्रमाओं को ग्रहण से मुक्त किया और वो चाँदनी की तरह चमक उठे. चमकते गोलाकार चाँद पर दिव्या के गुलाबी निपल्स शिखर के समान खड़े थे. अनिल ने उन गुलाबी शिखरों को अपनी उंगलियों के बीच में दबा कर मसला. "इस्शह" दिव्या नशीले धीमी स्वर में चीखी. दिव्या की चीख ने अनिल के लंड में रक्त संचार को और तीव्र कर दिया. उसने दिव्या की चुचि को ज़ोर से मसल्ते हुए अपने लंड को उसकी गांद पर दबाया. फिर अपने एक हाथ को नीचे सरकाते हुए दिव्या के पेट पर ले गया. दिव्या की मुट्ठी काज़ोर बढ़ने लगा. जैसे जैसे अनिल के हाथ नीचे की तरफ बढ़ रहे थे वैसे वैसे दिव्या का बदन तन रहा था. उसके नितंब कस गये और दिव्या अपनी दोनो जांघों को दबाने लगी. अनिल ने दिव्या की सलवार के नाडे को खीच कर खोल दिया और अपने हाथ से उसकी सलवार को नीचे सरका कर दिव्याको नंगा कर दिया. सलवार के नीचे जाते ही गुलाबी पॅंटी के बीच आधे छिपे दिव्या के पुष्ट सुडौल नितंब प्रत्यक्ष हो उठे.

अनिल ने अब तक दिव्या को केवल ढीले सलवार और कमीज़ में देखा था जिसमे उसके जिश्म की खूबसूरती पूरी तरह से नही झलकती थी. नंगी दिव्या के जिश्म का नज़ारा कुच्छ और ही था. साढ़े पाँच फुट लंबा कद, दुबली काया - 26 की कमर. दुबली साइलेंडरिकल बदन पर दो गोल पुष्ट उरोज़ और कमर के नीचे औसत से अधिक बड़े नितंब दिव्या को बहुत सेक्सी बना रहे थे. दिव्या के इस कामिनी रूप देखने के पस्चात अनिल के लिए सब्र रखना मुश्किल हो रहा था. उसने अपना शर्ट और पॅंट उतारना सुरू कर दिया. बंद आँखों में मूर्ति की तरह झुक कर खड़ी दिव्या अचानक से अनिल कास्पर्श ख़त्म होने से थोड़ी अचंभित थी. उसने ये उम्मीद नही किया था कि उसके अनिल सर उसके सामने नंगे हो जाएँगे. थोड़ी देर बाद जब अपनी जांघों पर अनिल के जांघों की गर्मी, अपनी चूत के पास अनिल के लंड, अपनी गांद पर अनिल के बॉल और पीठ पर अनिल की नंगी छाती महशूष करने के बाद उसे यकीन हो चुका था कि सर नंगे हो गये हैं. पर उसकी आँख खोल कर देखने की हिम्मत नही हो रही थी. उसने अपने निचले होंठ को दांतो में दबा लिया और सर के अगले कदम का इंतेज़ार करने लगी. दिव्या को अधिक देर तक इंतेज़ार नही करना पड़ा. अनिल का एक हाथ फिर से उसकी चुचियों से खेल रहा था और दूसरा हाथ नीचे उसकी पॅंटी के उपर से उसकी गीली चूत को मसल रहा था. चुदाई के इस पहले मौके में अनिल केलिए सब्र रखना संभव नही था. वह बिना अधिक समय गवायें दिव्या की पॅंटी को नीचे सरका कर उसकी चूत को अपनी उंगली से मसल्ने लगा. ज़ोर से धड़कते दिल और तेज़ चलती सांसो के बीच बंद आँखों में अपने होंठ को दाँतों तले दबाए दिव्या ने अपनी जांघों को एक दूसरे की तरफ दबाया. अनिल ने उसकी जांघों को फैलाया और उसकी चूत में अपनी उंगली घुसा दी. दिव्या का बदन अकड़ गया. अनिल की उंगली इस काली घाटी की गहराइयों में उतरने लगी. अब दिव्या भी आनंद में मचल रही थी. अनिल दिव्या को मस्ती में देख समझ गया कि अब दिव्या उसके लंड को लेने केलिए तैयार है. उसने उसकी चूत से उंगली निकाल कर अपने लंड का सूपड़ा उसकी चूत पर मसल्ने लगा. फिर धीरे धीरे उसने लंड को अंदर घुसाया. दिव्या की कुँवारी चूत बहुत टाइट थी. लंड के दबाव से दिव्या चीखने लगी. अनिल ने लंड को अंदर घुसाना बंद कर उसकी चुचियों को मसल्ने लगा. दिव्या के शांत होने पर उसकी चुचियों को छ्चोड़ अनिल दिव्या की कमर और गांद को अपने दोनो हाथों से मसल्ने लगा. और फिर दिव्या की कमर को पकड़ एक झटके के साथ लंड को अंदर धकेल दिया. दिव्या दर्द से चीख उठी. दिव्या के शांत होने तक अनिल उसकी चुचियों और बदन को सहलाने लगा. कुच्छ देर में दिव्या फिर से शांत हो गयी. फिर अनिल ने अपने लंड को धीरे धीरे हिलाना सुरू किया. थोड़ी देर में ही अनिल दिव्या को पूरे जोश में चोद रहा था और दिव्या भी अपनी गांद को हिला और सिसकारियाँ भर कर अनिल को पूरा सहयोग दे रही थी. पहली बार चुदाई का मज़ा ले रहे अनिल और दिव्या को चरम पर पहुँचने में अधिक वक़्त नही लगा. एक धमाके के साथ दोनो के प्रेमरस का संगम हुआ. आख़िरकार अनिल को उसकी पहली चुदाई का मज़ा मिल ही गया.


उस दिन दिव्या का ट्यूशन पूरी रात चला और पूरी रात अनिल ने उसे अलग अलग ढंग से सज़ा दी. अगले 18 महीनो के ट्यूशन में अनिल ने दिव्याको हर तरह से, हर पोज़िशन में हर पासिबल तरीके से चोद कर उसका मज़ा लिया. दिव्या इस ट्यूशन से फिज़िक्स मैथ में स्ट्रॉंग तो नही हुई परचुदाई में अव्वल दर्जे की हो गयी.
दोस्तो ये तो होना ही था मुझे पहले से ही शक था कि ये ट्यूशन पढ़ाई का है या चुदाई का आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त दा एंड

raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma बबिता और मैं

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 19:18

बबिता और मैं


दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और मस्त कहानी लेकर हाजिर हूँ ये कहानी मेरे और बबिता के सेक्स संबंधो की कहानी है वो मेरे घर के साथ रहती है और चुदाई से कुच्छ दिन पहले ही मैं ने इक़रार मोहब्बत किया था. वो सिर्फ़ सत्रह साल की है और बिल्कुल ही वर्जिन थी. वाइट कलर स्मार्ट लंबा क़द पतले होन्ट स्माल टिट्स (बूब) छ्होटी सी गंद टाइट फुददी बस क़ायामत का हुस्न है उस का मतलब बहुत ही क्यूट हर तरफ से.

ऐक दिन वो मेरे घर आई थी जब मैं ने उस को पहली बार देखा और देखते ही उस पर मर मिटा और रात को देर तक उस को चोदने की सोचता रहा. कुच्छ दिन ऐसा चलता रहा और काफ़ी दिनो बाद वो दोबारा मेरे घर आई और इस बार मुझ से रहा ना गया और मैं ने उस से कह दिया के आप मुझे बहुत अच्छी लग'ती हैं. मुझे आप से प्यार हो गया है.
बबिता: अच्च्छा तो कैसे प्यार हो गया और कब हुआ वैसे सब लड़के ऐक जैसे होते हैं प्यार कुच्छ दिनो बाद ख़तम, जब कोई और मिल जाए तो.
नही डियर ऐसी बात नही है रियली आइ लव यू सो मच.
अच्छा मैं सोच कर बताऊं गी.
फिर उस के बाद मेरी तड़प उस के लिए और भी बढ़ गयी और मैं रात को उस के ख्वाब देखता रहा और अचानक ऐक दिन फिर वो आई और मौका मिलते ही मैं उस के पास गया और जवाब माँगा तो उस ने इशारा कर दिया सिर हिला कर के हां और मेरी खुशी की इंतेहा ना रही. यक़ीन ही नही हो रहा था के उस ने हां कर दी.
थोरी देर बाद मौका बना और मैं उस के क़रीब जा कर खड़ा हो गया और हॅंड शेक किया उस ने फ़ौरन मेरा हाथ पकड़ा और थोरी देर बाद छुड़ा लिया. उस दिन सिर्फ़ इतना ही हुआ ऐक दो बार हाथ पकड़ा और उस से ज़ियादा कुच्छ नही कर सके और ना ही मौका था.
फिर कुच्छ ही दिन गुज़रे और वो दोबारा मेरे घर आई उस दिन संडे था और मैं संडे को देर तक सोता हूँ और वो जल्दी आ गयी और मैं सो रहा था. घर पर सिर्फ़ मोम थी और कोई नही था और मैं अपने रूम मैं सो रहा था. मोम टीवी पर जियो न्यूज़ सुन रही थी.
मैं सो रहा था और अचानक ऐक बहुत ही प्यारी आवाज़ मे मैं ने अपना नाम सुना और आँख खोली तो सामने बबिता खड़ी थी.
मैं: अर्रे आप और इतनी सुबह और मेरे रूम मैं आज सूरज कहाँ से निकला जनाब.
बबिता: मैं ने सोचा आज आप को च्छुटी है इस लिए मिल आऊँ और आप हैं के अभी तक सो रहे हैं. हमारे लिए क्या हुकुम है, हम वेट करे जनाब या चले जाएँ. क्यों के आंटी भी टीवी देख रही हैं और मैं अकेली क्या करूँ गी यहाँ.
मैं: हम जो हैं आप को कंपनी देने के लिए लकिन सिर्फ़ थोरी देर वेट करे. मैं अभी तैयार हो जाता हूँ. और इस दौरान मैं ने उस के हॅंड पर बहुत सारे किस कर लिए उस ने कुच्छ भी नही कहा ना ही मना किया बस आराम से बैठी रही मेरे सामने. थोरी देर हम बाते करते रहे उस के बाद मैं ने उस से कहा के क्या मैं आप को किस कर सकता हूँ तो उस ने कहा इतने तो कर लिए बिना इजाज़त और अब इजाज़त माँग रहे हैं वाह क्या बात है आप की.
मैं: जनाब इस बार हम आप के होन्ट पर किस करना चाहते हैं अगर माइंड ना करे और इजाज़त हो तो.
बबिता: मैं क्या कह सकती हूँ क्यों के मुझे शरम आती है आप की मेर्ज़ी है.
मैं: हेलो मेडम जब आप यहाँ आया करे उस वक़्त शरम घर पर छ्चोड़ आया करे यहाँ हमारे साथ शरम का कोई काम नही है अंडरस्टॅंड…
बबिता: ओके एज यू विश जो दिल चाहे कर ले लकिन सिर्फ़ उप्पेर तक ही रहना है नीचे नही जाना अभी.
मैं: अर्रे डरो नही हमारा हक सिर्फ़ आप के पैट (स्टमक) के उप्पेर तक है नीचे हमारा क्या काम. वैसे क्या डर लगता है आप को मुझ से.
बबिता: जी लगता तो है लकिन बहुत कम मीन 20% डर लगता है और 80% नही लगता. उस के बाद मैं उठा और बाथ गया नहा धो कर तैयार हो कर वापिस आ गया और वो मोम के साथ बैठी थी मैं जब अच्छी तरह तैयार हो गया तो टीवी लाउंज मैं आया और देखा मोम नही थी वो बाथरूम मे थी. मैं ने मौका देखते ही फ़ायडा उठाया और बबिता को इशारे से कहा के उप्पेर आ जाओ और बाहर जाने का बहाना कर के मोम से पूचछा के मैं बाहर जा रहा हूँ कोई काम है. मोम ने कहा नही कोई काम नही है और मैं खामोशी से उप्पेर चढ़ गया और थोरी देर बाद बबिता भी आ गयी. अब मोम को यही पता था के मैं बाहर गया हुआ हूँ और बबिता अपने घर चली गयी है. लकिन उन्हे क्या पता के उन का बेटा क्या गुल खिला रहा है उप्पेर.
उपर जाते ही मैं ने बबिता से कहा के आओ और मुझे गले मिलो. उस ने कहा नही मुझे शरम आती है.
मैं ने कहा देखो मैं ने पहले कहा था ना के शरम घर रख कर आया करो जब मुझ से मिलने आया करो.
तो वो उठी और नज़दीक आ गयी और उस वक़्त मेरा लंड बिल्कुल ही सख़्त हो गया था और मैं आगे हुआ और उस को गले से लगा कर उस के पूरे चेहरे पर किस्सिंग करने लगा और इस से थोरी देर बाद उस को भी मज़ा आने लगा.
मैं ने उस के कान मे कहा के बबिता क्या मैं आप के बूब्स को हाथ लगा सकता हूँ क्यों के मुझे आप के बूब बहुत अच्छे लगते हैं और मैं इन के साथ खेलना चाहता हूँ.
उस ने कहा जो दिल कहे वही करो मुझ से कुच्छ मत पुछो क्यों के मुझे शरम आती है और मैं कुच्छ नही कहूँ गी आप ने जो करना है वही करे बस.
ओके जैसे आप की मेर्ज़ी हम तो हुकुम के गुलाम हैं. उस के बाद मैं ने उस को थोरी देर खरे खरे ही किस किया और गले से लगाए रखा और ऐक हाथ उस की कमर पर फेरता रहा और दूसेरे से उस के बूब को आराम आराम से मसलता रहा ताके उस को ज़ियादा से ज़ियादा मज़ा मिले और जल्दी हॉट हो जाए और आगे कुच्छ भी केरने से मना ना करे.

फिर मैं ने उस को बेड पेर लिटा दिया और उस के साथ लेट गया और ऐक हाथ उस के चेस्ट पर रखा और बड़े प्यार से मसल्ने लगा और साथ साथ बातै भी करता रहा उस का रिक्षन देखने के लिए. अभी तक वो नॉर्मल ही थी और कुच्छ ना बोली मैं ने ये देखा और अपना हाथ उस की कमीज़ के अंदर डालने लगा तो उस ने फ़ौरन मेरा हाथ पकड़ा और मेरी तरफ देखा कर कहा.
देखो जान मुझे तुम पर यक़ीन है लकिन थोड़ा डर भी लगता है कहीं कुच्छ ग़लत ना हो जाए हम से. तुम जो चाहो करो मैं मना नही करूँ गी लकिन ऐसा कुच्छ मत करना जिस से मेरी ज़िंदगी तबाह हो जाए और मैं किसी को मूँह दिखाने के लाइक ही ना रहूं.
बबिता अगेर मुझ पर यक़ीन है तो सुनो मैं तुम्है बहुत चाहता हूँ और तुम से शादी करने की कोशिश भी करूँ गा लकिन तू किस्मत के फ़ैसले को तो मानती हो ना अगेर किस्मत मैं हुआ तो ज़रूर हो गी हमारी शादी वेर्ना नही और मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ अभी इसी वक़्त क्यों के मुझ से वेट नही होता और रही ज़िंदगी तबाहा होने वाली बात तो आज कल हर दूसरी लड़की ये सब करती है तुम कोई पहली लड़की नही हो और हम किसी को बता थोड़ा रहे हैं जो तुम्हारी ज़िंदगी तबाह हो जाए गी.
बबिता: हू तो ठीक है लकिन अगर कुच्छ गड़बड़ हो गयी तो मीन बच्चा हो गया तो कैसे च्छूपाऊँ गी. इस लिए डरती हूँ. और दर्द भी होता है उस से भी डर लगता है. क्यों के कुच्छ दिन पहले मैं अपनी कज़िन की शादी पर गयी थी उस ने सब बताया के क्या हुआ था पहली रात.
हां दर्द तो होता है लकिन फिकेर मत करो मैं आराम से करूँ गा कुच्छ भी नही हो गा और बच्चा ऐसे नही होता जब तक कम अंदर ना जाए तब तक कुच्छ नही होता और ना ही किसी को ऐसे पता चले गा.
इस के बाद वो मुस्कुरा कर आन्खै बंद कर के आराम से जैसे थी वैसे ही लेटी रही और मुझे इशारा मिला के उस की तरफ से हां है. मैं अब दिल मे बहुत खुश था.
मैं ने जल्दी से उस को किस करना शुरू कर दिया और उस की कमीज़ उप्पेर कर दी उस ने ब्लॅक ब्रा पहना हुआ था मैं ने पूछा के क्या साइज़ है ब्रा का तो वो बोली 32सी.
फिर मैं ने उस को उठाया और कमीज़ उतार दी और ब्रा मे भी अब वो आधी नंगी थी लकिन मैं कपड़ो मे ही था अभी तक. मैं ने उस के बूब्स को बारी बारी चूसना शुरू कर दिया और अपना ऐक हाथ उस की कमर पर फेरने लगा और दूसेरा उस की फुदी पर ले गया और आराम से उस की फुदी पर हाथ फेरने लगा और जब हाथ शलवार मैं डालना चाहा तो उस ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा.
बबिता: हाथ अंदर मत डालो मुझे बहुत शरम आ रही है क्यों के आज ही मैं ने शेव की है और कभी किसी को दिखाई भी नही इस लिए शलवार मत उतारो.

raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 19:18

मैं: ऐसे कैसे मज़ा आएगा और कैसे चोदून्गा अगेर शलवार नही उतारी तो. फिर मैं ने उस को किस्सिंग करते करते इतना गरम कर दिया कि मैं ने उस की शलवार उतारने की कोशिश की तो उस ने मुझे रोका नही बलके खुद ही अपनी गंद उपेर उठा कर मेरी हेल्प की शलवार उतारने मैं फिर वो एक दम नंगी मेरे सामने थी मैं ने उस के जिस्म पर किस करना सूरू कर दिया वो जोश मैं आहह उउउफफफफफ्फ़ कर रही थी मुझे उस की आवाज़ सुन कर बोहत मज़ा आ रहा था फिर उस ने मुझ से कहा,
प्ल्ज़ जान जो कुच्छ भी करना आराम से करना मुझे दर्द बिल्कुल अच्च्छा नही लगता इस लिए आराम से करना और जितना हो सके मज़ा देना. फिर मैं ने एक फिंगर उस के कंट मे उप्पेर से ही फेरना शुरू कर दी और किस्सिंग भी करता रहा कभी लिप्स पर कभी बूब कभी निपल्स सक करता कभी कहीं मीन पूरे जिस्म पर किस किया और किस करते करते उस की चूत पर ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया. उस को बोहत मज़ा आने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी.
जान प्ल्ज़ और करो बोहत मज़ा आ रहा है मेरी चूत को और चॅटो अपनी पूरी ज़ुबान मेरी चूत मे डाल दो प्ल्ज़ बोहत मज़ा आ रहा है और थोरी देर बाद जब महसूस हुआ के वो हॉट हो रही हैं तो मैं ने अपनी फिंगर उस की फुदी मैं डाली बिल्कुल आराम से.
बबिता: ऊह जान आराम से करना मुझे बहुत डर लग रहा है लकिन मज़ा भी आ रहा है. बहुत अच्छा फील कर रही हूँ मैं. आज तक ऐसा कभी फील नही हुआ आराम से अंदर करो प्यार से बहुत ही प्यार से आअहह हां मज़ा आ आहा है ऐसे ही अफ ऐसा क्यों हो रहा है मेरे साथ मुझ मे इतनी गर्मी क्यों है आग लगी हुई है जिस्म मे. बुझा दो इस आग को कुच्छ करो बहुत ही गेर्मी लग रही है मुझे. आहह मज़ा बहुत आ रहा है उउंम ऊहह जान आहह ऊहह अभी एक ही फिंगर ठीक है मज़ा आ रहा है….. नही दूसेरी अंदर मत करो ना ऐसे ही अच्च्छा महसूस हो रहा है आहह.
मैं: देखा बबिता कितना मज़ा है इस काम मैं और जनाब आप के कपड़े तो उतर गये हमारे कौन उतारे गा.
बबिता: जो करना है खुद करो मुझे बस मज़ा दो जितना हो सके और जल्दी करो कहीं कोई आ ना जाए मेरा पता करने और हम पकड़े ना जाएँ. जल्दी करो जान.
मैं ने अपने कपड़े उतार दिए और फिर उस के साथ लेट गया और उस को बाहों मे जाकड़ लिया और थोड़ा ज़ोर लगा कर उस को दबाया और फिर अपना काम शुरू कर दिया मीन फिंगरिंग आंड किस्सिंग आंड रब्बिंग.
बबिता: हां मज़ा आ रहा है ऊहह करते जाओ करते जाओ ऊहह उउंम्म अर्रे ये क्या सख़्त और हॉट चीज़ मुझे लग रही है टाँगो मे…
यही तो है जिस का सारा काम है जिस ने आप को और मुझ को खूब मज़ा देना है. यही तो अंदर डालूं गा तुम्हारी फुदी मैं लकिन तोड़ा इस के सर पर हाथ फेरो इस को प्यार करो उस के बाद ये तुम्है अपना काम दिखाए गा.
उस ने मेरा लंड अपने हाथ मे पकड़ा और उस को सहलाने लगी और उस को बहुत अच्च्छा फील हो रहा था ऐसा करते और करवाते हुए. वो बहुत हॉट हो गयी थी शायद अब बर्दाश्त नही कर रही थी अपने और मेरे बदन की गर्मी.
बबिता: अफ हाँ इतना मज़ा आ रहा है तुम ने पहले क्यों नही बताया था के इतना मज़ा आता है इस काम मे. मैं तो कब से प्यार करती थी तुम्है और तुम ने इतना टाइम लगा दिया कहने मे. लकिन जो हुआ अच्छा हुआ क्यों के सबर का फल मीठा होता है. सुना तो था आज देख भी रही हूँ. आज मुझे खूब मज़ा दो. मुझे प्यार करो मुझे ठंडा कर दो अब और बर्दाश्त नही हो रहा है.
मैने उस से कहा कि मेरे लंड को मुँह मैं डाल कर लॉली पोप की तरहा चूसो पहले उस ने मना किया लकिन जब मैं ने उस को कहा कि मैं ने तुम्हारी फुदी को भी चॅटा था तो वो मान गयी और उस ने मेरे लंड को किस करना शुरू कर दिया और फिर मु'ह मे ले कर चूसने लगी. मैं बता नही सक़ता मुझे कितना मज़ा आ रहा था मैं ने उस को 69 पोज़िशन मे कर दिया और उस की फुदी को सक करना शुरू कर दिया वो मेरा लंड सक कर रही थी और मैं उस की फुदी. 15 मिनट तक सक करने क बाद उस की फुदी से जूस निकलने लगा और मैं ने सारा जूस चाट चाट कर सॉफ कर दिया. उस के बाद मैं ने उस से कहा कि अब तुम लेट जाओ और उस को बेड पर लिटा कर उस की गंद के नीचे एक तकिया रख दिया जिस से उस की फुदी उपेर की तरफ उठ गयी फिर मैं ने उस की टाँगे उपेर उठा दी तो उस ने पोच्छा,
टाँगे क्यों उठा रहे हो अब क्या इरादा है ऐसे क्या हो गा.
अब चुदाई करने जा रहा हूँ और आप ने भी साथ देना है मीन पेन पर कंट्रोल करना है और चिल्लाना भी नही है मेरी खातिर बेरदाश्त कर लो थोरी देर बाद बहुत मज़ा मिले गा ओके तैयार हो करूँ अंदर.
हां मैं तैयार हूं और तुम्हारा साथ भी दूंगी तुम बेफिकेर हो कर अपना काम करो बस मुझे मज़ा दो चाहे जैसे भी और तुम भी कोशिश करना आराम से और प्यार से करने की जिस से दर्द कम और मज़ा ज़ियादा मिले ऐसा काम करना.
मैं ने उस की फुदी पर लंड रखा ठीक निशाने पर और आराम से अंदर करने लगा वो बहुत टाइट थी और उस को तकलीफ़ भी होना शुरू हो गई…

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