आराम से डालो आराम से हां आहिस्ता आहिस्ता प्यार से करो अंदर अफ बहुत मज़ा आ रहा है. हां थोड़ा और करो हां आराम से ओई मा जान दर्द हो रहा है लकिन तुम रूको नही बस आराम आराम से अंदर करते जाओ. मज़ा आ रहा है ऊहह म्मा आराम से हां ऐसे ऊहह करो और अंदर करो ओईईई माआअ बहुत दर्द हो रहा है आआहह उउउँ मेरे लिप्स सक करो बूब्स को रागडो मुझे प्यार भी करो जान.
अभी तक मेरा आधा लंड उस के अंदर घुसा था और अब उस को पेन भी बहुत हो रहा था इस लिए मैं ने वही तक ही अंदर रखा और आहिस्ता आहिस्ता हिलने लगा ताके उस को मज़ा ज़ियादा और दर्द कम महसूस हो. मेरा लंड अभी 2 इंच ही अंदर गया था और अंदर नही जा रहा था कोई चीज़ और अंदर जाने से रोक रही थी मैं समझ गया कि यह उस की फुदी की सील है जो लंड को और अंदर नही जाने दे रही थोड़ी देर तक मैं 2 इंच लंड ही अंदर बाहर करता रहा फिर बबिता बोली
हां अब ठीक है अब करो अंदर ऐक ही झटके से अंदर बाहर करो. उस ने सोचा पूरा अंदर जा चुक्का है इसी लिए ऐसा कहा और मैं ने भी नही बताया के अभी 2 इंच ही अंदर है और 5 इंच बाहर बस उस का यही कहना था मैं ने उस के लिप्स पर अपने लिप्स रखे और ऐक ज़ोर दार फुल पवर से झटका मारा और पूरा लंड अंदर गुम हो गया.
लंड अंदर जाते ही उस ने ऐक ज़ोर दार चीख मारी लकिन मेरे मुँह मे ही रही उस की चीख और उस की आँख से पानी निकल आया थोरी देर ऐसे ही लेटा रहा और जब देखा के अब कुच्छ नॉर्मल है तो मैं ने उस के लिप्स फ्री कर दिए और उस ने गुस्से से मेरी आँखूं मे देखा और रोने लगी. उस की फुदी से खून निकलना शुरू हो गया था.
मैं: आइ म सॉरी बबिता रो मत और तुम ने खुद ही तो कहा था के झटका मार कर अंदर बाहर करूँ और अब तुम रो रही हो.
शी: मैं ने कहा था लकिन मुझे क्या पता था अभी बाहर भी बचा है और जनाब ने भी बताने की तकलीफ़ नही महसूस की. बहुत बुरे हो तुम अब कुच्छ नही केरने दूंगी बस आज पहली और आखरी बार कर लो जितना और जैसा करना है इस के बाद कभी नही करेंगे.
लकिन ऐक बात है उस वक़्त दर्द बहुत हुआ ऐसा लगा जैसे किसी ने चाकू मार दिया हो और मेरी फुदी चीर डाली हो लकिन अब कुच्छ दर्द कम हो गया है पहले से. बहुत ज़ालिम हो तुम अब निकालो इस को बाहर थोड़ा दर्द कम होने दो उस के बाद करना अभी कुच्छ मत करो.
ठीक है लकिन अंदर ही रहने दो मैं नही हिलूं गा और जब दर्द ख़तम हो जाए गा फिर स्टार्ट करेगे.
नही इतनी देर अंदर ही रहो गे तो मैं मर जाऊं गी. बस करो जैसा करना है मैं बर्दाश्त करती हूँ. लकिन करना आराम से और करो भी जल्दी मैं ने जाना भी है.
हां ऐसे ही प्यार से करो बहुत मज़ा आ रहा है. ऊओ एस अब ठीक है अच्च्छा फील हो रहा है अब और कितनी देर करना है बस भी करो ना. मैं थक गयी हूँ 10 मिनट से मेरी टाँगे उठा कर मेरे उप्पेर चढ़े हैं जनाब कोई एहसास भी है मेरा या नही.
बस जान थोरी सी देर और ओन्ली 2 मिनट. मैं छूट'ने वाला हूँ.
ओके कर लो लकिन सिर्फ़ 2 मिनट हैं आआआअहह आराम से करो ना जान आराम से करो दर्द होता है ऊओह नूऊ मैं नाराज़ हो जाऊं गी साची कहती हूँ.
जान आख़िर मैं मत रोको मुझे मज़ा लेने दो आख़िर मे मैं ऐसे ही चोद्ता हूँ.
अच्च्छा लकिन थोड़ा सा तो आहिस्ता करो साची दर्द हो रहा है इतना कहा भी नही मानो गे आअहह. साची बहुत दर्द हो रहा है उउफफफ्फ़ मैं आज कहाँ फँस गयी. मैं अच्छी भली घर मैं बैठी थी. पता नही क्या हुआ यहाँ आ गयी तुम से चुदवाने. जान हां हां करो अब कुच्छ अच्छा लग रहा है. करो ऐसे ही करते रहो अब मुझे अच्छा लग रहा है मज़ा आ रहा है. अब हाईईइ कितना अच्छा है चुदवाना काश मैं तुम्हारी बीवी होती. उस से डेली तो करते हां करो और तेज़ और तेज़ करो ऊओ अलईइीई आहह. तुम्हारी सांस क्यों तेज़ आ रही है.
बिकॉज़ आइ एम सो नियर टू कम. बबिता दबाओ मुझे हाथ मेरी कमर पर रखो. जितना ज़ोर है दबाओ अपने सीने से लगा लो मैं आ रहा हूँ आइ एम कमिंग जान.
हां हां ज़ोर से और तेज़ अब मज़ा आ रहा है मेरे अंदर कुच्छ हो रहा है जैसे पिशाब आ रहा हो. करो करो अब मत रुकना. ऊहह कुच्छ निकल रहा है आअहह ऊओ नू क्या हो रहा है. करो रूको नही ऊहह. आइ फील सम्तिंग इन मी ऊओ तुम छूट गये ना अया मुझ मे कुच्छ गिर रहा है. बहुत मज़ा आ रहा है ऊवू चोदो मुझे बहुत मज़ा आ रहा है जान आइ लव यू.
हम दोनो ऐक साथ ही फारिग हुए और ऐक दूसरे के साथ लिपट कर कुच्छ देर लेटे रहे उस के बाद दोनो उठ कर बैठ गये और थोड़ी देर बाते करते रहे और किस्सिंग भी. फिर बबिता कपड़े पहन कर चोरी से दबे पाँव वहाँ से चली गयी
उसके बाद हम काफ़ी टाइम तक सेक्स करते रहे फिर बबिता की शादी हो गई मैं फिर से अकेला रह गया किसी दूसरी बबिता के लिए कहानी कैसी लगी बताना मत भूलिएगा आपका दोस्त राज शर्मा
Hindi Sex Stories By raj sharma
Re: Hindi Sex Stories By raj sharma तीन सहेलियाँ
तीन सहेलियाँ
मेरा नाम मिनी है. मेरी उमर 19 साल की है और मैं बहुत ही खूबसूरत हूँ. मेरी दो सहेलियाँ हैं जिसका नाम निशा और उषा है. वो दोनो मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ती थी. हम तीनो ही बहुत ही सेक्सी थे. कॉलेज में ही हमारा ढेर सारे लड़को से संबंध था. हम तीनो ही उनसे खूब चुदवाते थे. उषा चुदवाने में सबसे ज़्यादा तेज थी. उषा हमेशा ही खूब लंबे और मोटे लंड की तलाश में रहती थी. निशा को कयि लड़को से एक साथ चुदवाने में ज़्यादा मज़ा आता था लेकिन उसे ज़्यादा लंबा और मोटा लंड पसंद नहीं था. जहाँ तक मेरा सवाल है तो मुझे एक साथ चूत और गांद दोनो में लंड लेना पसंद था.
पढ़ाई ख़तम होने के बाद निशा और मैं 2 साल के लिए दूसरे शहर में पढ़ने चले गये. हमारे जाने के 6 महीने के बाद ही उषा की शादी उसी शहर में जय के साथ हो गयी थी. जय बहुत ही अमीर आदमी था और अय्याश भी. उषा ने हम दोनो को भी शादी में बुलाया लेकिन हम उसकी शादी में नहीं आ सके. उषा ने अपनी शादी की दूसरी सालगिरह पर हम दोनो को बुलाया. मैं निशा के साथ उषा के पास आ गयी. उषा ने हम दोनो को देखा तो बहुत खुश हो गयी. हम सब ने आपस में खूब बातें की
उषा ने मुझे बताया कि वो शादी के बाद से और ज़्यादा सेक्सी हो गयी थी और वो कयि आदमियों से चुदवा चुकी थी. उसकी एक दलाल से जान पहचान हो गयी थी जो कि अमीर औरतों को आदमी सप्लाइ करता था. मैं जानती थी कि ये मुंबई के लिए आम बात है. उषा ने हम दोनो को लगभग 150 आदमियों के फोटो दिखाए और बोली, मैं इन सब से चुदवा चुकी हूँ. वो सभी आदमी फोटो में एक दम नंगे थे. उन सब आदमियों का लंड एक से बढ़कर एक था. किसी का लंड 8" से कम लंबा नहीं था. मैने उषा से कहा, इन सब का लंड तो बहुत ही लंबा और मोटा है. वो बोली, तू तो जानती ही है कि मुझे तो खूब मोटा और लंबा लंड ही पसंद आता है और उसी से चुदवाने में मुझे मज़ा भी आता है. आज मैने एक पार्टी रखी है. आज हम सब सारी रात चुदाई का पूरा मज़ा उठाएँगे.
उषा ने 6 मर्दो के फोटो हमारे सामने रखते हुए कहा, मैं आज इन सब को बुलाया है. मैने पूच्च्छा, अगर जय आ गया तो. वो बोली, वो तो महीने 25 दिन बाहर ही रहता है. इसी लिए तो मैने दूसरे आदमियों से चुदवाना शुरू किया है. मैने कहा, जय तुझे कुच्छ कहता नहीं. वो बोली, वो भी तो अय्याश है और तमाम लड़कियों को चोद्ता रहता है. मैं उसके सामने भी कयि बार चुदवा चुकी हूँ. मैने कहा, तो फिर तूने आज 6 मर्दो को क्यों बुलाया है. उषा बोली, क्या तुम सब को चुदवाना नहीं है. मैने कहा, चुदवाना तो है लेकिन 6 मर्द एक साथ. वो बोली, तो क्या हुआ, तभी तो चुदाई का असली मज़ा आएगा. मैने कहा, इन सभी का लंड 11" से कम नहीं है. वो बोली, इसी लिए में केवल इन्हें ही बुलाया है. मैं तो आज रात इन सब से कम से कम 1 बार ज़रूर चुदवाउन्गि.
निशा बोली, उषा, तू तो जानती है कि मुझे कयि मर्दो से एक साथ चुदवाना पसंद है लेकिन मैं ज़्यादा लंबा और मोटा लंड पसंद नहीं करती. उषा बोली, छ्चोड़ यार, तूने लंबे और मोटे लंड का मज़ा कभी लिया ही नहीं फिर तू क्या जाने की खूब लंबे और मोटे लंड से चुदवाने का मज़ा क्या होता है. आज तो मैं तुझे इन सब ज़रूर चुदवाउन्गि. निशा बोली, तब मेरी हालत एक दम खराब हो जयगी क्यों की इसमें से किसी का लंड 11" से कम लंबा नहीं है. मैं तो सुबह तक बिस्तेर पर से हिलने डुलने के काबिल ही नहीं रहूंगी. उषा बोली, क्यों तुझे कल सुबह कहीं जाना है क्या. निशा बोली, नहीं यार, कहीं नहीं जाना है. हम दोनो तो तेरे पास कम से कम 10 दीनो तक रहेंगी. उषा बोली, फिर सारा दिन तू बिस्तेर पर ही आराम करना.
उसके बाद उषा ने मुझसे कहा, तेरा क्या ख़याल है, मिनी. मैने कहा, तू तो जानती ही है मुझे एक साथ दो लंड अंदर लेना पसंद है. मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है. मैं पहले भी 11" लंबा लंड अंदर ले चुकी हूँ. मैं तो इन सब से कम से कम 2 बार ज़रूर चुदवाउन्गि. उषा बोली, फिर ठीक है. आज रात हम सब को चुदवाने में खूब मज़ा आएगा.
सारा दिन हम गॅप शॅप करते रहे. रात के 8 बजे एक सूमो आ कर खड़ी हुई. उसमें से 6 हत्थे कत्थे जवान मर्द बाहर आए. मैं उन्हें देखकर खुश हो गयी. निशा उन्हें देख कर थोड़ा उदास हो गयी. उषा ने निशा से पुचछा, तू क्यों उदास है. वो बोली, इन सब के लंड के बारे में सोच कर मैं परेशान हूँ. उषा बोली, फिर तो आज सबसे पहले मैं तेरी ही चुदाई कराउंगी. निशा बोली, नहीं, मैं सब से बाद में चुदवाउन्गि. उषा ने कहा, तू लाख कोशिश कर ले लेकिन आज मैं सबसे पहले तुझे ही इन सब के हवाले करूँगी. ये सब तेरी चुदाई कर कर के तेरी चूत को एक दम चौड़ा कर देंगे. निशा बोली, इसका मतलब आज तू मेरा कतल करवाने पर तुली है. उषा बोली, कुच्छ ऐसा ही समझ ले. निशा बोली, ये सब मेरी चूत की हालत खराब कर देंगे और साथ में मेरा भी. उषा बोली, मुझसे शर्त लगा ले. कल सुबह के पहले अगर तूने खुद ही अनिल से दोबारा नहीं चुदवाया तो मैं अपना नाम बदल दूँगी. निशा बोली, ये अनिल कौन है. उषा बोली, अनिल सबसे ज़्यादा देर तक चोद्ता है और बहुत ताकतवर भी. मैं सबसे पहले उसी से तेरी चुदाई कराउंगी. निशा चुप हो गयी.
वो सभी अंदर आ गये. उषा ने कहा, तुम सब कुच्छ पियोगे. उसमें से एक बोला, आज रात बहुत मेहनत करनी है. हो सके तो कुच्छ ड्रिंक पीला दो. उषा ने उन सब को 1 बॉटल शराब ला कर दे दी. वो सब शराब पीने लगे. उषा ने निशा की तरफ इशारा करते हुए अनिल से कहा, ये मेरी सहेली निशा है. आज तक इसने 7" से ज़्यादा लंबे लंड से नहीं चुदवाया है. तुम सबसे पहले इसकी चुदाई करो. मैं नहीं चाहती कि इसे बार बार तकलीफ़ उठानी पड़े. तुम इसकी चूत में एक दम बेरहमी से अपना लंड घुसा देना. अनिल बोला, मेडम, फिर तो ये बहुत चिल्लाएगी. उषा ने कहा, तो क्या हुआ. एक बार ही तो चिल्लाएगी. उसके बाद इसे इन सब से चुदवाने में मज़ा आएगा. वो बोला, ठीक है मेडम, मैं एक दम रेडी हूँ, आप कहें तो मैं शुरू कर दूं. उषा बोली, हां, शुरू कर दो.
निशा ने उषा से कहा, तू मुझे मरवाएगी क्या. उषा बोली, नहीं यार, मैं एक बार में ही तेरा काम तमाम कर देना चाहती हूँ जिस से हम सब एक साथ मज़ा ले सकें. इसी लिए तो मैं सब से पहले अनिल से ही तेरी चुदाई करने को कह रही हूँ. तब तक अनिल निशा के पास आ गया. उसका लंड एक दम टाइट हो चुका था. उसका लंड लगभग 11" लंबा और 3" मोटा था और वो बहुत ताकतवर भी लग रहा था. उसने निशा के सारे कपड़े उतार दिए और उसे बेड के किनारे लिटा दिया. उसके बाद वो निशा के पैरो के बीच में ज़मीन पर खड़ा हो गया. उसने निशा की चूत के मूह को फैला कर अपना लंड बीच में रख दिया.
उषा ने बाकी के आदमियों को इशारा कर दिया तो वो सभी निशा के पास आ गये. उन सब ने निशा के हाथ ज़ोर से पैर पकड़ लिए. एक ने अपना लंड निशा के मूह में दे दिया. निशा उसका लंड चूसने लगी. तभी अनिल ने एक धक्का मारा. निशा ने उस आदमी का लंड अपने मूह से बार निकाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. उस आदमी ने दूसरा धक्का लगाया तो निशा बुरी तरह से चीखने लगी. उषा बोली, तू इतना चीख क्यों रही है. 7" लंबा लंड तो तू पहले ही अंदर ले चुकी है. इसका लंड तो अभी तेरी चूत में केवल 5" ही घुसा है. निशा बोली, इसका मोटा भी तो बहुत है. अनिल जैसे ही रुका तो उषा ने उसे ज़ोर से डांटा, क्यों बे, रुक क्यों गया. घुसा अपना पूरा लंड इसकी चूत में. अनिल बोला, ग़लती हो गयी मेडम. अब मैं नहीं रुकुंगा.
अनिल ने पुर ताक़त के साथ बहुत ही जोरदार दो धक्के लगाए. इन दो धक्कों के साथ ही उसका लंड निशा की चूत में 8" तक अंदर घुस गया. निशा की चूत से खून निकलने लगा और वो बहुत ही बुरी तरह से चिल्लाने और तड़पने लगी. निशा का सारा बदन पसीने से लथपथ हो चुका था. अनिल ने एक गहरी सांस लेते हुए 2 बहुत ही जोरदार धक्के और लगा दिए. इन दो धक्कों के साथ ही उसका लंड निशा की चूत में 10" तक अंदर घुस गया. निशा की चूत बुरी तरह से फैल चुकी थी. उसकी चूत ने अनिल के लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा था. तभी अनिल ने पूरी ताक़त के साथ बहुत ही ज़ोर का धक्का मारा. इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड निशा की चूत में समा गया. उसके बाद अनिल ने निशा की चुदाई शुरू कर दी.
उषा ने निशा से कहा, आख़िर तूने इसका 11" लंबा लंड अंदर ले ही लिया. अब तो तुझे खूब मज़ा आ रहा होगा. वो बोली, मैं दर्द के मारे मरी जा रही हूँ और तुझे मज़ाक सूझ रहा है. उषा बोली, मेरी जान, बस 10 मिनट में ही तू एक दम पक्की चुड़क्कड़ बन जाएगी और तुझे वो मज़ा आएगा की तू भी मेरी तरह कभी छ्होटा और पतला लंड पसंद ही नहीं करेगी. वो बोली, ये तो है. लंबा और मोटा लंड अंदर लेने के बाद छ्होटा लंड भला किसे पसंद आएगा. अनिल निशा को चोद्ता रहा और निशा चिल्लाति रही. 10 मिनट की चुदाई के बाद जब निशा शांत हो गयी तो उषा ने अनलि से कहा, अब तू रहने दे. निशा बोली, अब मुझे मज़ा आ रहा है तो तू इसे मना क्यों कर रही है. उषा बोली, अब तुझे रमेश चोदेगा फिर उसके बाद राज शर्मा जब तक मैं नहीं कहूँगी तब तक कोई भी अपने लंड का जूस तेरी चूत में नहीं निकलेगा. निशा बोली, तू ऐसा क्यों कर रही है. उषा बोली, बस, तू केवल देखती जा.
अनिल हट गया तो रमेश निशा को चोदने लगा. 15 मिनट की चुदाई के बाद राज ने निशा को चोदना शुरू किया. उसने भी लगभग 15 मिनट तक निशा की चुदाई की. उसके बाद कमाल, केशरी और शिव ने निशा को लगभग 15-15 मिनट तक चोदा. निशा को अब मज़ा आने लगा था और उसे अब ज़रा सा भी दर्द नहीं हो रहा था. उषा ने सभी को मना कर रखा था इस लिए किसी ने अपने लंड का जूस उसकी चूत में नहीं निकाला.
उषा ने अनिल और रमेश से मुझे चोदने को कहा. उन दोनो का लंड एक ही साइज़ का था. मैं अनिल के उपर आ गयी और उसका लंड अपनी चूत में डाल लिया. रमेश मेरे पिछे आ गया और उसने अपना लंड मेरी गांद में डाल दिया. उसके बाद वो दोनो मुझे चोदने लगे. राज उषा को चोदने लगा. उषा भी खूब मज़े ले ले कर चुदवा रही थी. मुझे भी खूब मज़ा आ रहा था. बहुत दीनो के बाद मुझे बहुत अच्छे लंड से एक साथ चुदवाने का मौका मिला था. मैने ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरते हुए उन दोनो के जोश को बढ़ा रही थी. वो दोनो भी बहुत ताकतवर थे और बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहे थे.
उधर निशा पूरी मस्ती के साथ कमाल, केशरी से चुदवा चुकी थी. अब उसे शिव चोद रहा था. उसे चुदवाते हुए लगभग 1 घंटे हो चुके थे. वो अब तक केयी बार झाड़ भी चुकी थी. अनिल और रमेश भी मुझे लगभग 30 मिनट तक चोद चुके थे. उन दोनो के हट जाने के बाद क्मल और केशरी मुझे चोदने लगे. वो दोनो मेरी चूत और गांद की बुरी तरह से धुनाई कर रहे थे. मैं भी एक दम मस्ती के साथ चुदवा रही थी. उषा ने सभी को मना कर रखा था कि किसी के लंड से जूस नहीं निकलना चाहिए. वो सभी जब झड़ने वाले होते तो हट जाते थे. जब थोड़ी देर में उनका जोश कुच्छ ठंढा पड़ जाता तो वो फिर से शुरू हो जाते थे. वो सभी बारी बारी से हम तीनो की चुदाई कर रहे थे.
3 घंटे तक हम सब की चुदाई चलती रही. उषा ने उन सब से कहा, अब तुम सब रुक जाओ. वो सब हमारी चूत से अपना लंड बाहर निकाल कर खड़े हो गये तो उषा ने कहा, अनिल, अब तुम्हें मेरी गांद मारनी है. अनिल बोला, मेडम, आप ने आज तक कभी गांद नहीं मरवाई है. वो बोली, तो क्या हुआ. आज मेरे साथ मेरी सहेलियाँ भी हैं इस लिए आज मैं गांद भी मर्वाउन्गि. तुम मेरी गांद मारना शुरू कर दो. मुझ पर ज़रा सा भी रहम मत करना और पूरा का पूरा लंड मेरी गांद में घुसेड कर ही दम लेना. वो बोला, ठीक है मेडम.
उसके बाद उषा ने रमेश से कहा, रमेश, तुम निशा की गांद मारो और अपना पूरा लंड उसकी गांद में ही घुसा कर ही रुकना. नहीं तो समझ लो कि मैं तुम्हारे साथ क्या सलूक करूँगी. वो बोला, मेडम, मैं कोई ग़लती नहीं करूँगा. निशा बोली, तू मुझे क्यों मारने पर तुली हुई है. उषा बोली, मैने इसी लिए 6 आदमियों को बुलाया था. अब तू रमेश का लंड अपनी गांद के अंदर लेगी और मिनी राज से गांद मरवाएगी. उसके बाद हम सब को 2-2 आदमी एक साथ चोदेन्गे.
अनिल ने उषा की गांद में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया. उषा बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी. रमेश भी अपने लंड का सूपड़ा निशा की गांद के छेद पर रख चुका था. निशा ने उषा से कहा, खुद तो दर्द के मारे मरी जा रही है और मुझे भी फसा दिया. तभी रमेश का बहुत ही ज़ोर का धक्का लगा. निशा ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. मैं खड़ी हो कर तमाशा देख रही थी. अनिल और रमेश पूरे ताक़त के साथ ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहे थे. सारा रूम चीखों से गूँज रहा था. तभी राज ने मुझसे कहा, मेडम मैं भी शुरू कर दूं. मैने कहा, मैं तो आदि हूँ. ज़रा इन दोनो की गांद में पूरा लंड तो घुस जाने दो उसके बाद तुम मेरी गांद मारना.
5 मिनट में ही उषा और निशा की गांद में उन दोनो का पूरा का पूरा लंड समा चुका था. वो दोनो अब उनकी गांद मार रहे थे. मैने राज से कहा, चलो अब तुम भी शुरू हो जाओ. राज ने मेरी गांद मारनी शुरू कर दी. उषा और निशा अभी भी बहुत ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. राज बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाता हुआ मेरी गांद मार रहा था. मुझे खूब मज़ा आ रहा था. 10 मिनट के बाद उषा और निशा शांत हो गयी. अब उन दोनो की गांद में अनिल और रमेश का लंड सटा सॅट अंदर बाहर होने लगा था. उन दोनो ने 10 मिनट तक और गांद मरवाई. उसके बाद उषा बोली, अनिल और रमेश अब तुम दोनो रुक जाओ. उन दोनो ने अपना लंड उनकी गांद से बाहर निकाला और हट गये.
उषा बोली, रमेश तुम लेट जाओ. मैं तुम्हारे उपर आ कर तुम्हारा लंड अपनी चूत में डाल लेती हूँ और कमाल पिछे से मेरी गांद मारेगा. उसके बाद उषा ने अनिल से कहा, तुम भी लेट जाओ. निशा तुम्हारे उपर आ कर तुम्हारा लंड अपनी चूत में डाल लेगी और केशरी उसके पिछे आ कर उसकी गांद मारेगा. उसके बाद उषा ने शिव से कहा, मिनी राज का लंड अपनी चूत में डाल लेगी और तुम पिछे से उसकी गांद मारना. इस बार तुम सब हमारी चूत और गांद को अपने लंड के जूस से भर देना. वो सब बोले, ठीक है मेडम.
उषा ने जैसा कहा था ठीक उसी तरह से हम सब की चुदाई शुरू हो गयी. लगभग 1 घंटे तक हमारी खूब जम कर चुदाई हुई. निशा ने पूरी मस्ती के साथ 2-2 लंड का एक साथ मज़ा लिया. उषा ने भी पहली बार गांद मरवाने का पूरा मज़ा उठाया. उषा ने निशा से पुचछा, क्यों बेबी, मज़ा आया. निशा मुस्कुराते हुए बोली, कसम से बहुत मज़ा आया. मैं ज़्यादा लंबे और मोटे लंड से बहुत डरती थी लेकिन आज मेरा सारा डर ख़तम हो गया. आ तो मैं हेमशा केवल खूब लंबे और मोटे लंड से ही चुदवाउन्गि. तुम इन सभी से कह दो की बिना रुके ही खूब जम कर मेरी चुदाई करें और मेरी चूत और गांद को अपने लंड के जूस से एक दम भर दें. उषा बोली, ऐसा ही होगा, रानी जी. उषा ने उन सब से कहा, तुमने सुना कि ये क्या कह रही है. अब तुम सब शुरू हो जाओ और मेरी सहेली को एक दम मस्त कर दो. ये जब तक मना ना करे तुम सब इसे खूब जम कर चोदना.
उन सभी ने सुबह होने तक निशा को तरह तरह के स्टाइल में खूब जम कर चोदा और उसकी गांद मारी. सुबह को निशा ने उन सभी को खुद ही मना कर दिया. वो एक दम मस्त हो चुकी थी और थक कर चूर भी. उसके बाद उषा ने उन सब से कहा, तुम सब 1-2 घंटे आराम कर लो. उसके बाद मिनी को भी इसी तरह से चोदना. मैने उषा से कहा, क्या तू ऐसे ही रहेगी. उषा बोली, मेरा क्या, मैं तो हमेशा ही चुदवाती रहती हूँ. तुम दोनो मेरी सहेली हो और मेहमान भी. पहले तुम दोनो का अच्छि तरह से स्वागत होना चाहिए.
उन सब ने 2 घंटे तक आराम किया और फिर उसके बाद वो सब मुझ पर टूट पड़े. उन्होने 5 घंटे तक लगातार खूब जम कर मेरी चुदाई की और मेरी गांद भी मारी. मैं भी निशा की तरह से एक दम मस्त हो गयी. मुझे बहुत दिनो के बाद चुदाई का मज़ा मिला और वो भी जी भर के.
दोपहर के 3 बजे वो सब जाने लगे तो उषा ने अनिल, रमेश और राज से कहा, तुम तीनो रात के 8 बजे आ जाना. उसके बाद वो सब चले गये. निशा ने उषा से कहा, अब जब मुझे चुदाई का असली मज़ा मिल गया है तो तूने आज केवल तीन को ही क्यों बुलाया है. उषा बोली, मेरी रानी, देखती जाओ. उषा ने अपने दलाल को फोन किया और उस से कहा कि रात के 8 बजे 6 आदमियों को और भेज देना लेकिन एक बात का ध्यान रखना की उन सभी का लंड 11" से कम नहीं होना चाहिए और साथ में खूब मोटा भी होना चाहिए. दलाल ने कहा की भेज दूँगा.
रात के 8 बजे सूमो से 9 लोग आ गये. उन सभी का लंड एक से बढ़ कर एक था. उसमें से एक का नाम जयंत था. उसका लंड देखते ही निशा बहुत खुश हो गयी. उषा ने निशा से पूछा, क्या बात है, तू जयंत को देख कर बहुत खुश हो रही है. निशा बोली, मुझे इसका लंड बहुत ही शानदार लग रहा है. मैने तो आज सबसे पहले इसी से चुदवाउगी. उषा ने कहा, तू तो ज़्यादा लंबे और मोटे लंड से बहुत डरती थी. आज तुझे क्या हो गया. निशा बोली, तूने खूब लंबे और मोटे लंड से मेरी चुदाई करा कर मेरी चूत और गांद में आग लगा दी है. अब तो मुझे इस आग को बुझाना ही है. उषा बोली, शाबाश बेबी, आख़िर तू जान ही गयी कि असली मज़ा क्या होता है.
जयंत का लंड लगभग 12" लंबा था और उन सभी के लंड से बहुत मोटा भी. जयंत ने निशा की चुदाई शुरू कर दी निशा ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. लेकिन आज वो ज़्यादा नहीं चीखी और थोड़ी ही देर में शांत हो गयी. उसे जयंत से चुदवाने में खूब मज़ा आया. जयंत से चुदवाने में मैं भी बहुत चीखी और चिल्लाई लेकिन बाद में मुझे भी खूब मज़ा आया. उषा का भी वही हाल हुआ. वो भी बहुत चीखी और चिल्लाई लेकिन बाद में उसे भी खूब मज़ा आया. सुबह तक उन सभी ने हमारी खूब जम कर चुदाई की और गांद भी मारी. हम सब पूरी तरह से मस्त हो चुके थे. उसके बाद वो सब चले गये.
मैं निशा के साथ उषा के पास 10 दीनो तक रही. हम सब ने खूब जम कर चुदाई का मज़ा लिया. एक दिन तो उषा ने एक साथ 15 आदमियों को बुला लिया था. उन सभी ने तो हमारा चोद चोद कर बुरा हाल कर दिया. वो सभी रात के 8 बजे आए थे उन्होने दूसरे दिन दोपहर तक हमारी खूब जम कर चुदाई की और गांद भी मारी. उन सभी ने उस दिन हम तीनो को चोद चोद कर और हमारी गांद मार मार कर ऐसा बुरा हाल कर दिया था कि उनके जाने के बाद हम तीनो शाम तक बिस्तेर पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गये थे. मेरी चूत और गांद का मूह पहले से भी ज़्यादा चौड़ा हो चुका था. निशा का तो पूच्छो मत, उसकी चूत और गांद भी एक चौड़े साइज़ की हो चुकी थी. उसे ही सबसे ज़्यादा मज़ा आया. उसके बाद मैं निशा के साथ वापस चली आई. वापस आते समय उषा ने कहा, जब कभी भी इच्छा हो आ जाना. मैने कहा, मैं ज़रूर आउन्गि. निशा बोली, क्या तू मुझे अपने साथ नहीं ले आएगी. मैने निशा से मज़ाक किया, तुझे तो ज़्यादा लंबा और मोटा लंड पसंद ही नहीं है. फिर तू आकर क्या करेगी. निशा ने मेरे गाल काट लिए और बोली, मेरी चूत और गांद में तो अभी भी आग लगी हुई है. मैने कहा, चल मैं तेरे लिए फाइयर बिग्रेड बुला दूँगी. मेरी बात सुनकर वो ज़ोर ज़ोर से हस्ने लगी.
तो दोस्तो कैसी लगी ये मेरी दूसरी बकवास कहानी आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
मेरा नाम मिनी है. मेरी उमर 19 साल की है और मैं बहुत ही खूबसूरत हूँ. मेरी दो सहेलियाँ हैं जिसका नाम निशा और उषा है. वो दोनो मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ती थी. हम तीनो ही बहुत ही सेक्सी थे. कॉलेज में ही हमारा ढेर सारे लड़को से संबंध था. हम तीनो ही उनसे खूब चुदवाते थे. उषा चुदवाने में सबसे ज़्यादा तेज थी. उषा हमेशा ही खूब लंबे और मोटे लंड की तलाश में रहती थी. निशा को कयि लड़को से एक साथ चुदवाने में ज़्यादा मज़ा आता था लेकिन उसे ज़्यादा लंबा और मोटा लंड पसंद नहीं था. जहाँ तक मेरा सवाल है तो मुझे एक साथ चूत और गांद दोनो में लंड लेना पसंद था.
पढ़ाई ख़तम होने के बाद निशा और मैं 2 साल के लिए दूसरे शहर में पढ़ने चले गये. हमारे जाने के 6 महीने के बाद ही उषा की शादी उसी शहर में जय के साथ हो गयी थी. जय बहुत ही अमीर आदमी था और अय्याश भी. उषा ने हम दोनो को भी शादी में बुलाया लेकिन हम उसकी शादी में नहीं आ सके. उषा ने अपनी शादी की दूसरी सालगिरह पर हम दोनो को बुलाया. मैं निशा के साथ उषा के पास आ गयी. उषा ने हम दोनो को देखा तो बहुत खुश हो गयी. हम सब ने आपस में खूब बातें की
उषा ने मुझे बताया कि वो शादी के बाद से और ज़्यादा सेक्सी हो गयी थी और वो कयि आदमियों से चुदवा चुकी थी. उसकी एक दलाल से जान पहचान हो गयी थी जो कि अमीर औरतों को आदमी सप्लाइ करता था. मैं जानती थी कि ये मुंबई के लिए आम बात है. उषा ने हम दोनो को लगभग 150 आदमियों के फोटो दिखाए और बोली, मैं इन सब से चुदवा चुकी हूँ. वो सभी आदमी फोटो में एक दम नंगे थे. उन सब आदमियों का लंड एक से बढ़कर एक था. किसी का लंड 8" से कम लंबा नहीं था. मैने उषा से कहा, इन सब का लंड तो बहुत ही लंबा और मोटा है. वो बोली, तू तो जानती ही है कि मुझे तो खूब मोटा और लंबा लंड ही पसंद आता है और उसी से चुदवाने में मुझे मज़ा भी आता है. आज मैने एक पार्टी रखी है. आज हम सब सारी रात चुदाई का पूरा मज़ा उठाएँगे.
उषा ने 6 मर्दो के फोटो हमारे सामने रखते हुए कहा, मैं आज इन सब को बुलाया है. मैने पूच्च्छा, अगर जय आ गया तो. वो बोली, वो तो महीने 25 दिन बाहर ही रहता है. इसी लिए तो मैने दूसरे आदमियों से चुदवाना शुरू किया है. मैने कहा, जय तुझे कुच्छ कहता नहीं. वो बोली, वो भी तो अय्याश है और तमाम लड़कियों को चोद्ता रहता है. मैं उसके सामने भी कयि बार चुदवा चुकी हूँ. मैने कहा, तो फिर तूने आज 6 मर्दो को क्यों बुलाया है. उषा बोली, क्या तुम सब को चुदवाना नहीं है. मैने कहा, चुदवाना तो है लेकिन 6 मर्द एक साथ. वो बोली, तो क्या हुआ, तभी तो चुदाई का असली मज़ा आएगा. मैने कहा, इन सभी का लंड 11" से कम नहीं है. वो बोली, इसी लिए में केवल इन्हें ही बुलाया है. मैं तो आज रात इन सब से कम से कम 1 बार ज़रूर चुदवाउन्गि.
निशा बोली, उषा, तू तो जानती है कि मुझे कयि मर्दो से एक साथ चुदवाना पसंद है लेकिन मैं ज़्यादा लंबा और मोटा लंड पसंद नहीं करती. उषा बोली, छ्चोड़ यार, तूने लंबे और मोटे लंड का मज़ा कभी लिया ही नहीं फिर तू क्या जाने की खूब लंबे और मोटे लंड से चुदवाने का मज़ा क्या होता है. आज तो मैं तुझे इन सब ज़रूर चुदवाउन्गि. निशा बोली, तब मेरी हालत एक दम खराब हो जयगी क्यों की इसमें से किसी का लंड 11" से कम लंबा नहीं है. मैं तो सुबह तक बिस्तेर पर से हिलने डुलने के काबिल ही नहीं रहूंगी. उषा बोली, क्यों तुझे कल सुबह कहीं जाना है क्या. निशा बोली, नहीं यार, कहीं नहीं जाना है. हम दोनो तो तेरे पास कम से कम 10 दीनो तक रहेंगी. उषा बोली, फिर सारा दिन तू बिस्तेर पर ही आराम करना.
उसके बाद उषा ने मुझसे कहा, तेरा क्या ख़याल है, मिनी. मैने कहा, तू तो जानती ही है मुझे एक साथ दो लंड अंदर लेना पसंद है. मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है. मैं पहले भी 11" लंबा लंड अंदर ले चुकी हूँ. मैं तो इन सब से कम से कम 2 बार ज़रूर चुदवाउन्गि. उषा बोली, फिर ठीक है. आज रात हम सब को चुदवाने में खूब मज़ा आएगा.
सारा दिन हम गॅप शॅप करते रहे. रात के 8 बजे एक सूमो आ कर खड़ी हुई. उसमें से 6 हत्थे कत्थे जवान मर्द बाहर आए. मैं उन्हें देखकर खुश हो गयी. निशा उन्हें देख कर थोड़ा उदास हो गयी. उषा ने निशा से पुचछा, तू क्यों उदास है. वो बोली, इन सब के लंड के बारे में सोच कर मैं परेशान हूँ. उषा बोली, फिर तो आज सबसे पहले मैं तेरी ही चुदाई कराउंगी. निशा बोली, नहीं, मैं सब से बाद में चुदवाउन्गि. उषा ने कहा, तू लाख कोशिश कर ले लेकिन आज मैं सबसे पहले तुझे ही इन सब के हवाले करूँगी. ये सब तेरी चुदाई कर कर के तेरी चूत को एक दम चौड़ा कर देंगे. निशा बोली, इसका मतलब आज तू मेरा कतल करवाने पर तुली है. उषा बोली, कुच्छ ऐसा ही समझ ले. निशा बोली, ये सब मेरी चूत की हालत खराब कर देंगे और साथ में मेरा भी. उषा बोली, मुझसे शर्त लगा ले. कल सुबह के पहले अगर तूने खुद ही अनिल से दोबारा नहीं चुदवाया तो मैं अपना नाम बदल दूँगी. निशा बोली, ये अनिल कौन है. उषा बोली, अनिल सबसे ज़्यादा देर तक चोद्ता है और बहुत ताकतवर भी. मैं सबसे पहले उसी से तेरी चुदाई कराउंगी. निशा चुप हो गयी.
वो सभी अंदर आ गये. उषा ने कहा, तुम सब कुच्छ पियोगे. उसमें से एक बोला, आज रात बहुत मेहनत करनी है. हो सके तो कुच्छ ड्रिंक पीला दो. उषा ने उन सब को 1 बॉटल शराब ला कर दे दी. वो सब शराब पीने लगे. उषा ने निशा की तरफ इशारा करते हुए अनिल से कहा, ये मेरी सहेली निशा है. आज तक इसने 7" से ज़्यादा लंबे लंड से नहीं चुदवाया है. तुम सबसे पहले इसकी चुदाई करो. मैं नहीं चाहती कि इसे बार बार तकलीफ़ उठानी पड़े. तुम इसकी चूत में एक दम बेरहमी से अपना लंड घुसा देना. अनिल बोला, मेडम, फिर तो ये बहुत चिल्लाएगी. उषा ने कहा, तो क्या हुआ. एक बार ही तो चिल्लाएगी. उसके बाद इसे इन सब से चुदवाने में मज़ा आएगा. वो बोला, ठीक है मेडम, मैं एक दम रेडी हूँ, आप कहें तो मैं शुरू कर दूं. उषा बोली, हां, शुरू कर दो.
निशा ने उषा से कहा, तू मुझे मरवाएगी क्या. उषा बोली, नहीं यार, मैं एक बार में ही तेरा काम तमाम कर देना चाहती हूँ जिस से हम सब एक साथ मज़ा ले सकें. इसी लिए तो मैं सब से पहले अनिल से ही तेरी चुदाई करने को कह रही हूँ. तब तक अनिल निशा के पास आ गया. उसका लंड एक दम टाइट हो चुका था. उसका लंड लगभग 11" लंबा और 3" मोटा था और वो बहुत ताकतवर भी लग रहा था. उसने निशा के सारे कपड़े उतार दिए और उसे बेड के किनारे लिटा दिया. उसके बाद वो निशा के पैरो के बीच में ज़मीन पर खड़ा हो गया. उसने निशा की चूत के मूह को फैला कर अपना लंड बीच में रख दिया.
उषा ने बाकी के आदमियों को इशारा कर दिया तो वो सभी निशा के पास आ गये. उन सब ने निशा के हाथ ज़ोर से पैर पकड़ लिए. एक ने अपना लंड निशा के मूह में दे दिया. निशा उसका लंड चूसने लगी. तभी अनिल ने एक धक्का मारा. निशा ने उस आदमी का लंड अपने मूह से बार निकाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. उस आदमी ने दूसरा धक्का लगाया तो निशा बुरी तरह से चीखने लगी. उषा बोली, तू इतना चीख क्यों रही है. 7" लंबा लंड तो तू पहले ही अंदर ले चुकी है. इसका लंड तो अभी तेरी चूत में केवल 5" ही घुसा है. निशा बोली, इसका मोटा भी तो बहुत है. अनिल जैसे ही रुका तो उषा ने उसे ज़ोर से डांटा, क्यों बे, रुक क्यों गया. घुसा अपना पूरा लंड इसकी चूत में. अनिल बोला, ग़लती हो गयी मेडम. अब मैं नहीं रुकुंगा.
अनिल ने पुर ताक़त के साथ बहुत ही जोरदार दो धक्के लगाए. इन दो धक्कों के साथ ही उसका लंड निशा की चूत में 8" तक अंदर घुस गया. निशा की चूत से खून निकलने लगा और वो बहुत ही बुरी तरह से चिल्लाने और तड़पने लगी. निशा का सारा बदन पसीने से लथपथ हो चुका था. अनिल ने एक गहरी सांस लेते हुए 2 बहुत ही जोरदार धक्के और लगा दिए. इन दो धक्कों के साथ ही उसका लंड निशा की चूत में 10" तक अंदर घुस गया. निशा की चूत बुरी तरह से फैल चुकी थी. उसकी चूत ने अनिल के लंड को बुरी तरह से जाकड़ रखा था. तभी अनिल ने पूरी ताक़त के साथ बहुत ही ज़ोर का धक्का मारा. इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड निशा की चूत में समा गया. उसके बाद अनिल ने निशा की चुदाई शुरू कर दी.
उषा ने निशा से कहा, आख़िर तूने इसका 11" लंबा लंड अंदर ले ही लिया. अब तो तुझे खूब मज़ा आ रहा होगा. वो बोली, मैं दर्द के मारे मरी जा रही हूँ और तुझे मज़ाक सूझ रहा है. उषा बोली, मेरी जान, बस 10 मिनट में ही तू एक दम पक्की चुड़क्कड़ बन जाएगी और तुझे वो मज़ा आएगा की तू भी मेरी तरह कभी छ्होटा और पतला लंड पसंद ही नहीं करेगी. वो बोली, ये तो है. लंबा और मोटा लंड अंदर लेने के बाद छ्होटा लंड भला किसे पसंद आएगा. अनिल निशा को चोद्ता रहा और निशा चिल्लाति रही. 10 मिनट की चुदाई के बाद जब निशा शांत हो गयी तो उषा ने अनलि से कहा, अब तू रहने दे. निशा बोली, अब मुझे मज़ा आ रहा है तो तू इसे मना क्यों कर रही है. उषा बोली, अब तुझे रमेश चोदेगा फिर उसके बाद राज शर्मा जब तक मैं नहीं कहूँगी तब तक कोई भी अपने लंड का जूस तेरी चूत में नहीं निकलेगा. निशा बोली, तू ऐसा क्यों कर रही है. उषा बोली, बस, तू केवल देखती जा.
अनिल हट गया तो रमेश निशा को चोदने लगा. 15 मिनट की चुदाई के बाद राज ने निशा को चोदना शुरू किया. उसने भी लगभग 15 मिनट तक निशा की चुदाई की. उसके बाद कमाल, केशरी और शिव ने निशा को लगभग 15-15 मिनट तक चोदा. निशा को अब मज़ा आने लगा था और उसे अब ज़रा सा भी दर्द नहीं हो रहा था. उषा ने सभी को मना कर रखा था इस लिए किसी ने अपने लंड का जूस उसकी चूत में नहीं निकाला.
उषा ने अनिल और रमेश से मुझे चोदने को कहा. उन दोनो का लंड एक ही साइज़ का था. मैं अनिल के उपर आ गयी और उसका लंड अपनी चूत में डाल लिया. रमेश मेरे पिछे आ गया और उसने अपना लंड मेरी गांद में डाल दिया. उसके बाद वो दोनो मुझे चोदने लगे. राज उषा को चोदने लगा. उषा भी खूब मज़े ले ले कर चुदवा रही थी. मुझे भी खूब मज़ा आ रहा था. बहुत दीनो के बाद मुझे बहुत अच्छे लंड से एक साथ चुदवाने का मौका मिला था. मैने ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरते हुए उन दोनो के जोश को बढ़ा रही थी. वो दोनो भी बहुत ताकतवर थे और बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहे थे.
उधर निशा पूरी मस्ती के साथ कमाल, केशरी से चुदवा चुकी थी. अब उसे शिव चोद रहा था. उसे चुदवाते हुए लगभग 1 घंटे हो चुके थे. वो अब तक केयी बार झाड़ भी चुकी थी. अनिल और रमेश भी मुझे लगभग 30 मिनट तक चोद चुके थे. उन दोनो के हट जाने के बाद क्मल और केशरी मुझे चोदने लगे. वो दोनो मेरी चूत और गांद की बुरी तरह से धुनाई कर रहे थे. मैं भी एक दम मस्ती के साथ चुदवा रही थी. उषा ने सभी को मना कर रखा था कि किसी के लंड से जूस नहीं निकलना चाहिए. वो सभी जब झड़ने वाले होते तो हट जाते थे. जब थोड़ी देर में उनका जोश कुच्छ ठंढा पड़ जाता तो वो फिर से शुरू हो जाते थे. वो सभी बारी बारी से हम तीनो की चुदाई कर रहे थे.
3 घंटे तक हम सब की चुदाई चलती रही. उषा ने उन सब से कहा, अब तुम सब रुक जाओ. वो सब हमारी चूत से अपना लंड बाहर निकाल कर खड़े हो गये तो उषा ने कहा, अनिल, अब तुम्हें मेरी गांद मारनी है. अनिल बोला, मेडम, आप ने आज तक कभी गांद नहीं मरवाई है. वो बोली, तो क्या हुआ. आज मेरे साथ मेरी सहेलियाँ भी हैं इस लिए आज मैं गांद भी मर्वाउन्गि. तुम मेरी गांद मारना शुरू कर दो. मुझ पर ज़रा सा भी रहम मत करना और पूरा का पूरा लंड मेरी गांद में घुसेड कर ही दम लेना. वो बोला, ठीक है मेडम.
उसके बाद उषा ने रमेश से कहा, रमेश, तुम निशा की गांद मारो और अपना पूरा लंड उसकी गांद में ही घुसा कर ही रुकना. नहीं तो समझ लो कि मैं तुम्हारे साथ क्या सलूक करूँगी. वो बोला, मेडम, मैं कोई ग़लती नहीं करूँगा. निशा बोली, तू मुझे क्यों मारने पर तुली हुई है. उषा बोली, मैने इसी लिए 6 आदमियों को बुलाया था. अब तू रमेश का लंड अपनी गांद के अंदर लेगी और मिनी राज से गांद मरवाएगी. उसके बाद हम सब को 2-2 आदमी एक साथ चोदेन्गे.
अनिल ने उषा की गांद में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया. उषा बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी. रमेश भी अपने लंड का सूपड़ा निशा की गांद के छेद पर रख चुका था. निशा ने उषा से कहा, खुद तो दर्द के मारे मरी जा रही है और मुझे भी फसा दिया. तभी रमेश का बहुत ही ज़ोर का धक्का लगा. निशा ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. मैं खड़ी हो कर तमाशा देख रही थी. अनिल और रमेश पूरे ताक़त के साथ ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहे थे. सारा रूम चीखों से गूँज रहा था. तभी राज ने मुझसे कहा, मेडम मैं भी शुरू कर दूं. मैने कहा, मैं तो आदि हूँ. ज़रा इन दोनो की गांद में पूरा लंड तो घुस जाने दो उसके बाद तुम मेरी गांद मारना.
5 मिनट में ही उषा और निशा की गांद में उन दोनो का पूरा का पूरा लंड समा चुका था. वो दोनो अब उनकी गांद मार रहे थे. मैने राज से कहा, चलो अब तुम भी शुरू हो जाओ. राज ने मेरी गांद मारनी शुरू कर दी. उषा और निशा अभी भी बहुत ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. राज बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाता हुआ मेरी गांद मार रहा था. मुझे खूब मज़ा आ रहा था. 10 मिनट के बाद उषा और निशा शांत हो गयी. अब उन दोनो की गांद में अनिल और रमेश का लंड सटा सॅट अंदर बाहर होने लगा था. उन दोनो ने 10 मिनट तक और गांद मरवाई. उसके बाद उषा बोली, अनिल और रमेश अब तुम दोनो रुक जाओ. उन दोनो ने अपना लंड उनकी गांद से बाहर निकाला और हट गये.
उषा बोली, रमेश तुम लेट जाओ. मैं तुम्हारे उपर आ कर तुम्हारा लंड अपनी चूत में डाल लेती हूँ और कमाल पिछे से मेरी गांद मारेगा. उसके बाद उषा ने अनिल से कहा, तुम भी लेट जाओ. निशा तुम्हारे उपर आ कर तुम्हारा लंड अपनी चूत में डाल लेगी और केशरी उसके पिछे आ कर उसकी गांद मारेगा. उसके बाद उषा ने शिव से कहा, मिनी राज का लंड अपनी चूत में डाल लेगी और तुम पिछे से उसकी गांद मारना. इस बार तुम सब हमारी चूत और गांद को अपने लंड के जूस से भर देना. वो सब बोले, ठीक है मेडम.
उषा ने जैसा कहा था ठीक उसी तरह से हम सब की चुदाई शुरू हो गयी. लगभग 1 घंटे तक हमारी खूब जम कर चुदाई हुई. निशा ने पूरी मस्ती के साथ 2-2 लंड का एक साथ मज़ा लिया. उषा ने भी पहली बार गांद मरवाने का पूरा मज़ा उठाया. उषा ने निशा से पुचछा, क्यों बेबी, मज़ा आया. निशा मुस्कुराते हुए बोली, कसम से बहुत मज़ा आया. मैं ज़्यादा लंबे और मोटे लंड से बहुत डरती थी लेकिन आज मेरा सारा डर ख़तम हो गया. आ तो मैं हेमशा केवल खूब लंबे और मोटे लंड से ही चुदवाउन्गि. तुम इन सभी से कह दो की बिना रुके ही खूब जम कर मेरी चुदाई करें और मेरी चूत और गांद को अपने लंड के जूस से एक दम भर दें. उषा बोली, ऐसा ही होगा, रानी जी. उषा ने उन सब से कहा, तुमने सुना कि ये क्या कह रही है. अब तुम सब शुरू हो जाओ और मेरी सहेली को एक दम मस्त कर दो. ये जब तक मना ना करे तुम सब इसे खूब जम कर चोदना.
उन सभी ने सुबह होने तक निशा को तरह तरह के स्टाइल में खूब जम कर चोदा और उसकी गांद मारी. सुबह को निशा ने उन सभी को खुद ही मना कर दिया. वो एक दम मस्त हो चुकी थी और थक कर चूर भी. उसके बाद उषा ने उन सब से कहा, तुम सब 1-2 घंटे आराम कर लो. उसके बाद मिनी को भी इसी तरह से चोदना. मैने उषा से कहा, क्या तू ऐसे ही रहेगी. उषा बोली, मेरा क्या, मैं तो हमेशा ही चुदवाती रहती हूँ. तुम दोनो मेरी सहेली हो और मेहमान भी. पहले तुम दोनो का अच्छि तरह से स्वागत होना चाहिए.
उन सब ने 2 घंटे तक आराम किया और फिर उसके बाद वो सब मुझ पर टूट पड़े. उन्होने 5 घंटे तक लगातार खूब जम कर मेरी चुदाई की और मेरी गांद भी मारी. मैं भी निशा की तरह से एक दम मस्त हो गयी. मुझे बहुत दिनो के बाद चुदाई का मज़ा मिला और वो भी जी भर के.
दोपहर के 3 बजे वो सब जाने लगे तो उषा ने अनिल, रमेश और राज से कहा, तुम तीनो रात के 8 बजे आ जाना. उसके बाद वो सब चले गये. निशा ने उषा से कहा, अब जब मुझे चुदाई का असली मज़ा मिल गया है तो तूने आज केवल तीन को ही क्यों बुलाया है. उषा बोली, मेरी रानी, देखती जाओ. उषा ने अपने दलाल को फोन किया और उस से कहा कि रात के 8 बजे 6 आदमियों को और भेज देना लेकिन एक बात का ध्यान रखना की उन सभी का लंड 11" से कम नहीं होना चाहिए और साथ में खूब मोटा भी होना चाहिए. दलाल ने कहा की भेज दूँगा.
रात के 8 बजे सूमो से 9 लोग आ गये. उन सभी का लंड एक से बढ़ कर एक था. उसमें से एक का नाम जयंत था. उसका लंड देखते ही निशा बहुत खुश हो गयी. उषा ने निशा से पूछा, क्या बात है, तू जयंत को देख कर बहुत खुश हो रही है. निशा बोली, मुझे इसका लंड बहुत ही शानदार लग रहा है. मैने तो आज सबसे पहले इसी से चुदवाउगी. उषा ने कहा, तू तो ज़्यादा लंबे और मोटे लंड से बहुत डरती थी. आज तुझे क्या हो गया. निशा बोली, तूने खूब लंबे और मोटे लंड से मेरी चुदाई करा कर मेरी चूत और गांद में आग लगा दी है. अब तो मुझे इस आग को बुझाना ही है. उषा बोली, शाबाश बेबी, आख़िर तू जान ही गयी कि असली मज़ा क्या होता है.
जयंत का लंड लगभग 12" लंबा था और उन सभी के लंड से बहुत मोटा भी. जयंत ने निशा की चुदाई शुरू कर दी निशा ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. लेकिन आज वो ज़्यादा नहीं चीखी और थोड़ी ही देर में शांत हो गयी. उसे जयंत से चुदवाने में खूब मज़ा आया. जयंत से चुदवाने में मैं भी बहुत चीखी और चिल्लाई लेकिन बाद में मुझे भी खूब मज़ा आया. उषा का भी वही हाल हुआ. वो भी बहुत चीखी और चिल्लाई लेकिन बाद में उसे भी खूब मज़ा आया. सुबह तक उन सभी ने हमारी खूब जम कर चुदाई की और गांद भी मारी. हम सब पूरी तरह से मस्त हो चुके थे. उसके बाद वो सब चले गये.
मैं निशा के साथ उषा के पास 10 दीनो तक रही. हम सब ने खूब जम कर चुदाई का मज़ा लिया. एक दिन तो उषा ने एक साथ 15 आदमियों को बुला लिया था. उन सभी ने तो हमारा चोद चोद कर बुरा हाल कर दिया. वो सभी रात के 8 बजे आए थे उन्होने दूसरे दिन दोपहर तक हमारी खूब जम कर चुदाई की और गांद भी मारी. उन सभी ने उस दिन हम तीनो को चोद चोद कर और हमारी गांद मार मार कर ऐसा बुरा हाल कर दिया था कि उनके जाने के बाद हम तीनो शाम तक बिस्तेर पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गये थे. मेरी चूत और गांद का मूह पहले से भी ज़्यादा चौड़ा हो चुका था. निशा का तो पूच्छो मत, उसकी चूत और गांद भी एक चौड़े साइज़ की हो चुकी थी. उसे ही सबसे ज़्यादा मज़ा आया. उसके बाद मैं निशा के साथ वापस चली आई. वापस आते समय उषा ने कहा, जब कभी भी इच्छा हो आ जाना. मैने कहा, मैं ज़रूर आउन्गि. निशा बोली, क्या तू मुझे अपने साथ नहीं ले आएगी. मैने निशा से मज़ाक किया, तुझे तो ज़्यादा लंबा और मोटा लंड पसंद ही नहीं है. फिर तू आकर क्या करेगी. निशा ने मेरे गाल काट लिए और बोली, मेरी चूत और गांद में तो अभी भी आग लगी हुई है. मैने कहा, चल मैं तेरे लिए फाइयर बिग्रेड बुला दूँगी. मेरी बात सुनकर वो ज़ोर ज़ोर से हस्ने लगी.
तो दोस्तो कैसी लगी ये मेरी दूसरी बकवास कहानी आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
Re: Hindi Sex Stories By raj sharma
एक चूतिया कहानी पार्ट--1
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शादी के बाद सुषमा अपने ससुराल आई. उसके ससुराल मे उसकी 45 साल की सास 50 साल का ससुर रहते थे. उसका पति दब्बु किस्म का आदमी था उम्र उसकी 22 साल थी और कद काठी से ठीक ठाक थी मगर लोग उसके पति को मीठा कह के पुकारते थे जबकि उसका नाम सुरेश था. उसकी एक ही ननद थी जो शादी कर के ससुराल चली गयी थी. गाओं मे सुषमा का छ्होटा सा घर था और ज़मीन नहीं थी. उसके सास ससुर गाओं के ज़मींदार के खेत पेर काम करते थे जबकि उसका पति एक दूधवाले की गायों की देख रेख करता था.
शुरू शुरू में वो घर के सारे काम करती और घर के पिछवारे बँधी अपनी तीन गायों की देखभाल करती और उनका दूध निकालती.. घरवाले तड़के घर से निकलते थे जो शाम को ही लौटते थे. एक दिन सुषमा ने सोचा कि वो अपने पति सुरेश को दोपहर में खाना दे आए. खाना बाँधकर वो निकली तो पता चला कि सुरेश गायों को चराने के लिए गाओं से बाहर गया है. वो भी पूछते पूछते उसी दिशा मे चल पड़ी. कोई दो कोस चलने के बाद उसे गाएँ दिखाई दी और एक झाड़ी के पास सुरेश के चप्पल और धोती दिखाई दी उसने झड़ी के पीछे देखा तो दंग रह गयी. उसे समझ मे नही आया ये क्या हो रहा है. सुरेश नंगा था और घोड़ी बना हुआ था एक 17-18 साल का लरका घुटनो के बल बैठ कर उसकी गांद मार रहा था. सुरेश की आवाज़ उसको साफ सुनाई दे रही थी,' चोद मुझे ज़ोर से चोद राजा, फाड़ दे मेरी गांद तेरे मूसल जैसे लंड से..' और वो ऊहह आ करता जा रहा था. सुनीता ने देखा कि वो लरका कुत्ते की तरह उसके पति की गांद मार रहा था उसका मोटा काला लंड बार बार उसके पति की गंद से बाहर आ कर अंदर जा रहा था. उसने देखा कि नीचे सुरेश की छ्होटी सी लुल्ली लटक रही थी जिसके पीछे चिपके हुए मूँगफली जैसे छ्होटे आँड थे. जबकि उसके पति को चोद रहे उस लरके के अंडकोष किसी सांड के जैसे भारी भरकम थे. सुषमा के मूह से चीख निकल पड़ी और उसको सुनते ही दोनो मूड गये लरके ने अपना लंड सुरेश की गांद से बाहर निकाला और सुरेश ने अपने हाथो से अपने गुप्तँग को ढक लिया,' क्या कर रहे थे आप ये?” सुषमा ने पूछा. “ कुछ नही रानी ये यासीन है मेरा दोस्त,' घबराया हुआ सुरेश बोला. उधर सुषमा की नज़र उस लरके के चिकने लंड से हट ही नही रही थी और ये देख कर उस लरके को लगा कि मौका अछा है और उसने तुरंत आगे बढ़ कर सुषमा को दबोच लिया.. सुषमा कुछ समझती उस से पहले तो उसने उसको मसलना शुरू कर दिया और उसके होठ खुद के होंठो मे दबा लिए. एक झटके मे उस लरके ने सुषमा की सारी उप्पेर कर दी चड्डी तो वो पहनती नही थी और उसकी चूत मे उंगली करने लगा. सुषमा के होश उड़ गये. उसे समझ मे नही आ रहा था ये क्या हो रहा है.
सुषमा उस लरके से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी तब तक सुरेश ने अपने कपड़े वापस पहन लिए थे और उसके सामने वो झुक कर उस लरके का लंड चूस रहा था. एक झटके मे उस लरके ने सुषमा को नीचे मिट्टी पर गिरा दिया उसकी सारी उप्पेर की और अपने लंड को उसकी चूत के मूह पर अड़ा दिया. सुषमा की बालो वाली चूत के मूह पर उसका मोटा काला कटा हुआ लंड दस्तक दे रहा था और सुरेश उसे पकड़ कर उसकी बीवी की चूत मे घुसा रहा था. घबराई हुई सुषमा एक झटके मे उस लरके की गिरफ़्त से छूटी और भाग छूटी. सरपट दौरती हुई पाँच मिनिट मे हफ्ती हुई घर पहुच गयी. सुषमा इतनी परेशान थी कि उसे कुछ समझ मे नही आया ये क्या हुआ. रात के आठ बजे तक उसका पति लौट कर घर नही आया. सुषमा से रहा नहीं गया उसने घबराते हुए सास को चुपचाप सारी बात बताई,' बेटा एक दिन तो तुझे ये सब पता चलना ही था,' सुषमा की सास रुक्मणी बोली. रुक्मणी ने कहा कि चिंता की बात नही सुरेश घर आ जाएगा. रुक्मणी सुषमा को छत पर ले गयी और बोली बेटा अब मे तुझे सारी कहानी बता देती हू.
रुक्मणी ने सुषमा को बताया की सुरेश उसके ससुर से पैदा नही हुआ बल्कि ज़मींदार के भाई का बच्चा है,' शादी के बाद में ज़मींदार के घर का काम करने जाती तो उसकी पत्नी मुझे रोज़ अपने कमरे मे बुला कर अपनी चूत चटवाती और उसमे केला कद्दू वगेरह डलवाती. बाद मे ज़मींदार के छ्होटे भाई की पत्नी रानी भी मुझसे ये सब करवाने लगी. ज़मींदार के छ्होटे भाई विकलांग थे और वीलचेर पर बैठे रहते थे. मुझे बाद मे उन लोगो ने छ्होटे मलिक की ज़िम्मेदारी दे दी मे उनको नहलाती उनकी कपड़े बदलती और उनका पाखाना मूत वगेरह सॉफ करती ग़रीबी में और कोई चारा भी नहीं था'. रकमणी कहने लगी कि छ्होटे मालिक धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने लगते और उसको किस करते,' उनका शरीर कमर से उप्पेर स्वस्थ था और वो मुझे बिस्तर के कोने पर लिटा कर मेरी चूत चाट कर मुझे मज़ा देते,' सास कहने लगी. रुक्मणी ने सुषमा को बताया कि धीरे धीरे छ्होटे मालिक को नहलाता समय वो उनके सुस्त और नरम लंड कि भी मालिश करती,' एक बार एक वैध्य उनके लिए एक दवाई लाया और मुझे कहा गया कि मैं उसको छ्होटे मालिक के लंड पर दिन में तीन बार लगाउ,' रुक्मणी बोली. “ एक दिन में मालिश कर रही थी कि छ्होटे मलिक के निर्जीव लंड मे हल्का सा तनाव आया और वो उसकसे ज़ोर ज़ोर से उसको हिलाने का कहने लगे. मैने उसको हिलाया तो दो चार बूंदे निकली मगर उनको बड़ा मज़ा आया. धीरे धीरे छ्होटे मालिक के लंड मे तनाव आने लगा और मे उनकी मूठ मारती रही. एक दिन उन्होने मुझे नीचे लिटा कर उप्पेर चढ़ कर लंड को अंदर डालने की कोशिश की मगर पूरी ताक़त नही होने से वो डाल नहीं पाए. उनको बहुत गुस्सा आया उन्होने अपनी पत्नी और तेरे ससुर को बुलाया साथ ही उनका भयंकर कुत्ता भी मँगवाया,' रुक्मणी बोली. सुषमा अवाक से सब सुन रही थी उसकी सास ने बताया कि उसके बाद सुषमा के ससुर यानी लल्लू लालजी रुक्मणी की चूत चाट कर गीली करते और छ्होटे मालिक की पत्नी छ्होटे मालिक का लंड चूस चूस कर बड़ा करती फिर लल्लू लाल रुक्मणी की टाँगे चौड़ी करता और छ्होटी मालकिन अपने पति का लंड पकड़ कर अंदर डालती,' ऐसे वो मुझे रोज़ चोद्ते रहे और बाद में तो अपने कुत्ते से मेरी चूत चत्वाते थे,' रुक्मणी बोली. छोटे मालिक ने सख़्त हिदायत दे रखी थी कि जब तक मुझे गर्भ नहीं ठहर जाए तब तक मेरा पति मुझे नहीं चोदेगा. कोई तीन महीने की इस चुदाई के बाद मुझे बच्चा ठहर गया तब कहीं जाकर छ्होटे मालिक खुश हुए बदले मे उन्होने मेरे पति यानी तेरे ससुर को छ्होटी मालकिन को चोदने की इजाज़त दी लेकिन मेरा बच्चा गिर ना जाए इसलिए वो मुझे छ्छू भी नहीं सकते थे,' रुक्मणी ने बताया.
सुषमा साँस रोके ये सब सुन रही थी,' इसका मतलब हमारे पति सुरेश ससुरजी के वीर्य से नहीं पैदा हुए?' उसने पूछा.' नहीं बेटी सुरेश तो छ्होटे मिल्क की ही औलाद है ,' रुकमनि ने बताया. रुक्मणी आगे का हाल बताने लगी,' रात होते ही कमरे में मे तेरे ससुर छ्होटे मालिक छ्होटी मालकिन और उनका कुत्ता कमरे में आ जाते फिर सबसे पहले छ्होटी मालकिन उस कुत्ते का लंड चाट कर खड़ा करती फिर वो छ्होटे मालिक पर चढ़ कर उनको चोद्ता जब उसकी गाँठ छ्होटे मालिक की गंद मे फस जाती तब वो तेरे ससुर से कहते को वो छ्होटी मालकिन को चोदे,' रुक्मणी बोली. “ कभी कभी वो तेरे ससुर से भी अपनी गंद मरवाते उस से पहले छ्होटी मालकिन तेल लगा कर उनकी गंद के छेद को चिकना कर देती,' रुक्मणी बोली. “ तेरे ससुर जैसा लंड गाओं में शायद ही किसी का होगा बहू, पूरा 9 इंच का मोटा और काला और एक बार किसी पर चढ़ जाएँ तो उसको आधे घंटे चोदे बिना नीचे नहीं उतरते और उनके आँड तो सांड से कम नहीं एक बार वीर्य किसी चूत में डाल दे तो गर्भ तो ठहरा हुआ समझो बेटी,' ये सुन कर सुषमा की आँखों मे चमक आ गयी. रुक्मणी कहने लगी कि लल्लू लाल की चुदाई से छ्होटी मालकिन को भी गर्भ ठहर गया और उनका बच्चा जो अब 18 साल का है इसका नाम राहुल है असल में तुम्हारे ससुर का बेटा है.
रुक्मणी बताने लगी कि बड़े मालिक यानी ज़मींदार गांद मरवाने के शौकीन थे और सुरेश के पिता उनकी गांद मारा करते थे बदले में वो भी उनको अपनी पत्नी को चुड़वाते थे,' मालकिन को एक लरका और एक लर्की हुए वो दोनो भी तुम्हारे ससुर के वीर्य से ही पैदा हुए बेटी,' रुक्मणी बताने लगी. “लेकिन सुरेश का लंड इतना छ्होटा कैसे मा?” सुषमा ने पुचछा,' बेटी इसकी बड़ी दुखद कहानी है एक दिन जब सुरेश 6 साल का था तो छ्होटी मालकिन नहाने के बहाने उसके छ्होटे लंड से खेलने लगी और छ्होटे मालिक ने देख लिया वो गुस्से में आग बाबूला हो गये और कपड़े धोने की सोटी लाकर सुरेश के छोटे से लंड पर ज़ोर से मारी और वो बेहोश हो गया सुरेश बच तो गया मगर डॉक्टर ने कह दिया अब वो कभी बाप नही बन पाएगा उसके आँड का कच्मर बन गया था,' रुक्मणी बोली. सुषमा रोने लगी बोली,' मा मेरा जीवन नरक क्यू बनाया मेरी शादी नपुंसक से क्यू की?' रुक्मणी ने उसे गले लगाया और बोली चिंता मत कर बेटी में हू ना तेरे ससुर मुझे बच्चा नहीं दे पाए तो क्या अपनी बहू को तो दे सकेंगे एक साथ वो बाप भी बनेंगे और दादा भी और घर की बात घर में रह जाएगी. सुषमा को कुछ समझ नही आया वो बोली ऐसा कैसे हो सकता है मा?' चिंता मत कर बेटी में हू ना और सुरेश की चिंता मत कर वो इस काम में सहयोग करेगा?” सुषमा चौंकी,' सहयोग वो कैसे मा?” उसने पूछा. “ अब तुझसे क्या छुपाना बेटा सुरेश गांद मरवाने का इतना आदि हो गया है कि उसने तुम्हारे ससुर का लंड भी नहीं छ्चोड़ा एक बार लिए बगैर रात में सोता तक नहीं वो,' रुक्मणी बोली.' क्या मा सच में?' उसने पूछा.' हां बेटा मेरे सामने ही तो होता है हर रोज़,' रुक्मणी बोली. सुरेश मेरी चूत भी चाट लेता है कई बार तुम्हारे ससुर का लंड चूस कर मेरे लिए कड़क करता है फिर मेरी चूत में भी डालता है और जब तुम्हारे ससुर मुझे चोद्ते है तो उनकी गांद और आंड चाट ता है फिर उनके झड़ने के बाद मा की चूत का सारा वीर्य चाट कर सॉफ कर देता है. सुषमा को अब कुछ कुछ समझ आने लगा था. “ आज रात तू नहा धो कर तय्यार रहना तेरी सुहाग रात मैं आज तेरे ससुर के साथ,' रुक्मणी आख मार कर बोली.
रात को खाना वाना खाने के बाद सुषमा ने नयी सारी पहनी पर्फ्यूम लगाया और तय्यार हो गयी. दस बजे उसकी सास उसके रूम में आई,' चल बेटी घबराना मत में तेरे पास हूँ,' ये कह कर वो उसे ले गयी. सुषमा अंदर गयी तो देखा कि उसके ससुर बिस्तेर पर नंगे लेटे हैं और सुरेश भी नंगा होकर उनकी तेल मालिश कर रहा है. उष्मा ने आँखे इधर फेर ली. रुक्मणी ने सुषमा को बिस्तर पर लिटाया और धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगी हो गयी सुषमा आँखे मुन्दे लेटी रही. थोड़ी देर में उसने देखा कि सुरेश उसकी तेल मालिश कर रहा है और बाद मे उसकी चूत को चाटने लगा.' चूत एकदम गीली होने के बाद सुरेश ने उस पर खूब सारा तेल लगाया. सुषमा ने देखा की नीचे चटाई पर रुक्मणी ससुर का लंड चूस रही है और उस पर तेल लगा रही है. सुषमा की आँखे ससुर के हथियार को देख फटी रह गयी,' सास सच कह रही थी ये लंड नही हाथोरा है,'उसने सोचा. थोड़ी देर में रुक्मणी उसके पास आई और बोली बेटी तय्यार हो जा. लल्लू लाल भी बिस्तर पर आ गये और सुषमा के बड़े बड़े गोल स्तन सहलाने और दबाने लगे. उधर रुक्मणी ने सुषमा की टाँगे चौड़ी कर दी और सुरेश उसकी चूत में पूरी जीभ डाल कर उसको कुत्तो की तरह चाट रहा था.
सुषमा आँखे बंद कर लेटी हुई थी तभी उसको लगा उसके ससुर उसके उप्पेर आ गये हैं. उसके होठ ससुर के होंठो से मिले वो उसको पागलो की तरह चूमने लगे और अपने मज़बूत हाथो से सुषमा के बड़े बड़े स्तन दबाने और मसल्ने लगे सुषमा के स्तन पहली बार कोई मर्द इस तरह दबा रहा था. उसकी चूत धीरे धीरे एकदम गीली हो चुकी थी. ससुर को शायद इस बात का एहसास था उन्होने अपने मोटे लंड को सुषमा की चूत के मूह पर रखा और उस दिन की तरह सुरेश उसको पकड़ कर उसकी चूत मे घुसाने लगा.' सुषमा की चूत के दरवाज़े पर जैसे ही लल्लू लाल का मोटा तगड़ा लंड पहुचा उसको दर्द महसूस हुआ मगर उसकी सास उसकी दोनो टाँगे पकड़े हुए थी और दर्द से बचना नामुमकिन था. उधर तेल की वजह से लल्लू का लंड भीतेर सरकने लगा और सुषमा के होठ भिचने लगे,' बेटा चिंता मत करो सहयोग करो एक दो बार का ही दर्द है फिर मज़ा आएगा,' ससुरजी बोले. रुकमनि ने थोड़ी टाँगे और चौड़ी कर दी और ससुरजी से बोली आप तो एक झटके में पूरा लंड पेल दो फिर कुछ नही होगा मगर ससुरजी धीरे धीरे लंड सरकाते रहे सुषमा की चूत दर्द से फट रही थी टाँगे दुखने लगी थी. मगर लल्लू लाल अनारी नही थे चूमते रहे और धीरे धीरे लंड सरकाते रहे सुषमा चिल्लाति रही,' ससुरजी रहम कीजिए फिर कर लीजिएगा मेरी चूत फट जाएगी,' वो चिल्लाते चिल्लाते बोली. मगर लल्लू लाल कहा रुकने वाले थे 5 मिनिट बाद उन्होने अपने पूरा चिकना लंड बहू की चूत में पेल ही दिया अब सिर्फ़ आँड बाहर रह गये. जैसे ही सुषमा का दर्द थोडा कम हुआ और वो नॉर्मल हुई उन्होने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,' लल्लू लाल बहू की चूत के खून से रंगा लंड अंदर बाहर करते रहे सुषमा की चीखे सुनाई देती रहीं,' बेटा तू बापू की गांद चाट में आँड चाटती हू नही तो ये बहू को चोद चोद कर मार डालेंगे,' रुक्मणी बोली. सुषमा ने देखा कि उसका पति उसके ससुर की गांद चाट रहा था और सास ससुर के मोटे काले अंडकोष चाट रही थी. लल्लू लालजी उत्तेजना के शिखर पर थे,' बहू भर दू तुम्हारी कुँवारी चूत मेरे ताक़तवर वीर्य से?” उन्होने पूछा. सुषमा ने बोला ही था कि वो गर्र गर्र करते हुए झाड़ गये,' ओह ओह आपने तो कोई आधा कप पानी बहू की चूत में छोड़ दिया है बच्चा हो कर रहेगा,' रुक्मणी बोली. ससुरजी उप्पेर से हट कर बिस्तेर के कोने पर बैठ गये और सुषमा को सहलाने लगे. उधर सुरेश नीचे जाकर रुक्मणी की चूत चाट रहा था,' चाट मेरे लाल चाट मेरे बेटे तेरी जीभ तो लंड से भी ज़्यादा मज़ा देती है.' रुक्मणी बोल रही थी. उधर लल्लू लालजी भी नीचे पहुच गये उन्होने और सुरेश की गांद में तेल लगा कर उसको उंगली से चोदना शुरू कर दिया,' हा बापू फाडो मेरी गंद,' सुरेश गांद नचाते हुए बोल रहा था. ससुर ने सुषमा को नीचे खेंचा और उसका मूह अपने लंड से अड़ा दिया,' इसको चूस चूस कर बड़ा कर बहूरानी ताकि में तेरे पति की सेवा कर सकु,' उन्होने कहा. सुषमा ने उनके मोटे काले लंड को कस के पकड़ा और जीभ फेरने लगे धीरे धीरे लल्लू लालजी का सुपरा चीकू जितना बड़ा हो गया और लंड एकदम हाथोरे जैसा. ससुरजी ने बहू को धन्यवाद दिया और वापस से सुरेश की गंद पर अपने हथियार तान दिया. किसी मंजे हुए खिलाड़ी की तरह सुरेश ने गांद को अड्जस्ट किया और एक ही झटके में लल्लू लालजी का आधा लंड उसकी गांद में चला गया सुरेश ज़ोर से चीखा मर गया बापू,' अभी पूरा कहा मारा है अभी तो आधा ही मारा है,' लल्लू लालजी बोले और पूरा लंड पेल दिया. सुषमा सोचने लगी सुरेश की गांद क्या उतनी बड़ी है? उधर सुरेश अपनी मा की चूत चाट रहा था. रुक्मणी उछल रही थी,' बेटा में झड़ने वाली हू पूरी जीभ डाल दे तेरी मा के भोस्डे में,' वो बोली और दो मिनिट में हाफते हुए अपना पानी छ्चोड़ दिया. उधर लल्लू लालजी की रफ़्तार बढ़ गयी थी.
रुक्मणी पीछे आ गयी,' मेरे बेटे की गांद फाड़ दोगे क्या अब रहम करो,' वो बोली और सुरेश के नीचे लेट गयी. सुषमा ने देखा कि रुक्मणी सुरेश की लुल्ली को चूस रही थी और अपने हाथो से ससुरजी के बड़े बड़े आंडो को मसल रही थी,' अब अपने बेटे की चूत अपने पानी से भर दो,' रुक्मणी बोली. ये सुनते ही लल्लू लालजी तेज़ हो गये और बोले,' हा जान ये ले तेरे बेटे की गांद में अपना पानी डालता हू,' कहकर वो झाड़ गये. सुषमा थक कर सो गयी.
क्रमशः.........................
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शादी के बाद सुषमा अपने ससुराल आई. उसके ससुराल मे उसकी 45 साल की सास 50 साल का ससुर रहते थे. उसका पति दब्बु किस्म का आदमी था उम्र उसकी 22 साल थी और कद काठी से ठीक ठाक थी मगर लोग उसके पति को मीठा कह के पुकारते थे जबकि उसका नाम सुरेश था. उसकी एक ही ननद थी जो शादी कर के ससुराल चली गयी थी. गाओं मे सुषमा का छ्होटा सा घर था और ज़मीन नहीं थी. उसके सास ससुर गाओं के ज़मींदार के खेत पेर काम करते थे जबकि उसका पति एक दूधवाले की गायों की देख रेख करता था.
शुरू शुरू में वो घर के सारे काम करती और घर के पिछवारे बँधी अपनी तीन गायों की देखभाल करती और उनका दूध निकालती.. घरवाले तड़के घर से निकलते थे जो शाम को ही लौटते थे. एक दिन सुषमा ने सोचा कि वो अपने पति सुरेश को दोपहर में खाना दे आए. खाना बाँधकर वो निकली तो पता चला कि सुरेश गायों को चराने के लिए गाओं से बाहर गया है. वो भी पूछते पूछते उसी दिशा मे चल पड़ी. कोई दो कोस चलने के बाद उसे गाएँ दिखाई दी और एक झाड़ी के पास सुरेश के चप्पल और धोती दिखाई दी उसने झड़ी के पीछे देखा तो दंग रह गयी. उसे समझ मे नही आया ये क्या हो रहा है. सुरेश नंगा था और घोड़ी बना हुआ था एक 17-18 साल का लरका घुटनो के बल बैठ कर उसकी गांद मार रहा था. सुरेश की आवाज़ उसको साफ सुनाई दे रही थी,' चोद मुझे ज़ोर से चोद राजा, फाड़ दे मेरी गांद तेरे मूसल जैसे लंड से..' और वो ऊहह आ करता जा रहा था. सुनीता ने देखा कि वो लरका कुत्ते की तरह उसके पति की गांद मार रहा था उसका मोटा काला लंड बार बार उसके पति की गंद से बाहर आ कर अंदर जा रहा था. उसने देखा कि नीचे सुरेश की छ्होटी सी लुल्ली लटक रही थी जिसके पीछे चिपके हुए मूँगफली जैसे छ्होटे आँड थे. जबकि उसके पति को चोद रहे उस लरके के अंडकोष किसी सांड के जैसे भारी भरकम थे. सुषमा के मूह से चीख निकल पड़ी और उसको सुनते ही दोनो मूड गये लरके ने अपना लंड सुरेश की गांद से बाहर निकाला और सुरेश ने अपने हाथो से अपने गुप्तँग को ढक लिया,' क्या कर रहे थे आप ये?” सुषमा ने पूछा. “ कुछ नही रानी ये यासीन है मेरा दोस्त,' घबराया हुआ सुरेश बोला. उधर सुषमा की नज़र उस लरके के चिकने लंड से हट ही नही रही थी और ये देख कर उस लरके को लगा कि मौका अछा है और उसने तुरंत आगे बढ़ कर सुषमा को दबोच लिया.. सुषमा कुछ समझती उस से पहले तो उसने उसको मसलना शुरू कर दिया और उसके होठ खुद के होंठो मे दबा लिए. एक झटके मे उस लरके ने सुषमा की सारी उप्पेर कर दी चड्डी तो वो पहनती नही थी और उसकी चूत मे उंगली करने लगा. सुषमा के होश उड़ गये. उसे समझ मे नही आ रहा था ये क्या हो रहा है.
सुषमा उस लरके से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी तब तक सुरेश ने अपने कपड़े वापस पहन लिए थे और उसके सामने वो झुक कर उस लरके का लंड चूस रहा था. एक झटके मे उस लरके ने सुषमा को नीचे मिट्टी पर गिरा दिया उसकी सारी उप्पेर की और अपने लंड को उसकी चूत के मूह पर अड़ा दिया. सुषमा की बालो वाली चूत के मूह पर उसका मोटा काला कटा हुआ लंड दस्तक दे रहा था और सुरेश उसे पकड़ कर उसकी बीवी की चूत मे घुसा रहा था. घबराई हुई सुषमा एक झटके मे उस लरके की गिरफ़्त से छूटी और भाग छूटी. सरपट दौरती हुई पाँच मिनिट मे हफ्ती हुई घर पहुच गयी. सुषमा इतनी परेशान थी कि उसे कुछ समझ मे नही आया ये क्या हुआ. रात के आठ बजे तक उसका पति लौट कर घर नही आया. सुषमा से रहा नहीं गया उसने घबराते हुए सास को चुपचाप सारी बात बताई,' बेटा एक दिन तो तुझे ये सब पता चलना ही था,' सुषमा की सास रुक्मणी बोली. रुक्मणी ने कहा कि चिंता की बात नही सुरेश घर आ जाएगा. रुक्मणी सुषमा को छत पर ले गयी और बोली बेटा अब मे तुझे सारी कहानी बता देती हू.
रुक्मणी ने सुषमा को बताया की सुरेश उसके ससुर से पैदा नही हुआ बल्कि ज़मींदार के भाई का बच्चा है,' शादी के बाद में ज़मींदार के घर का काम करने जाती तो उसकी पत्नी मुझे रोज़ अपने कमरे मे बुला कर अपनी चूत चटवाती और उसमे केला कद्दू वगेरह डलवाती. बाद मे ज़मींदार के छ्होटे भाई की पत्नी रानी भी मुझसे ये सब करवाने लगी. ज़मींदार के छ्होटे भाई विकलांग थे और वीलचेर पर बैठे रहते थे. मुझे बाद मे उन लोगो ने छ्होटे मलिक की ज़िम्मेदारी दे दी मे उनको नहलाती उनकी कपड़े बदलती और उनका पाखाना मूत वगेरह सॉफ करती ग़रीबी में और कोई चारा भी नहीं था'. रकमणी कहने लगी कि छ्होटे मालिक धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने लगते और उसको किस करते,' उनका शरीर कमर से उप्पेर स्वस्थ था और वो मुझे बिस्तर के कोने पर लिटा कर मेरी चूत चाट कर मुझे मज़ा देते,' सास कहने लगी. रुक्मणी ने सुषमा को बताया कि धीरे धीरे छ्होटे मालिक को नहलाता समय वो उनके सुस्त और नरम लंड कि भी मालिश करती,' एक बार एक वैध्य उनके लिए एक दवाई लाया और मुझे कहा गया कि मैं उसको छ्होटे मालिक के लंड पर दिन में तीन बार लगाउ,' रुक्मणी बोली. “ एक दिन में मालिश कर रही थी कि छ्होटे मलिक के निर्जीव लंड मे हल्का सा तनाव आया और वो उसकसे ज़ोर ज़ोर से उसको हिलाने का कहने लगे. मैने उसको हिलाया तो दो चार बूंदे निकली मगर उनको बड़ा मज़ा आया. धीरे धीरे छ्होटे मालिक के लंड मे तनाव आने लगा और मे उनकी मूठ मारती रही. एक दिन उन्होने मुझे नीचे लिटा कर उप्पेर चढ़ कर लंड को अंदर डालने की कोशिश की मगर पूरी ताक़त नही होने से वो डाल नहीं पाए. उनको बहुत गुस्सा आया उन्होने अपनी पत्नी और तेरे ससुर को बुलाया साथ ही उनका भयंकर कुत्ता भी मँगवाया,' रुक्मणी बोली. सुषमा अवाक से सब सुन रही थी उसकी सास ने बताया कि उसके बाद सुषमा के ससुर यानी लल्लू लालजी रुक्मणी की चूत चाट कर गीली करते और छ्होटे मालिक की पत्नी छ्होटे मालिक का लंड चूस चूस कर बड़ा करती फिर लल्लू लाल रुक्मणी की टाँगे चौड़ी करता और छ्होटी मालकिन अपने पति का लंड पकड़ कर अंदर डालती,' ऐसे वो मुझे रोज़ चोद्ते रहे और बाद में तो अपने कुत्ते से मेरी चूत चत्वाते थे,' रुक्मणी बोली. छोटे मालिक ने सख़्त हिदायत दे रखी थी कि जब तक मुझे गर्भ नहीं ठहर जाए तब तक मेरा पति मुझे नहीं चोदेगा. कोई तीन महीने की इस चुदाई के बाद मुझे बच्चा ठहर गया तब कहीं जाकर छ्होटे मालिक खुश हुए बदले मे उन्होने मेरे पति यानी तेरे ससुर को छ्होटी मालकिन को चोदने की इजाज़त दी लेकिन मेरा बच्चा गिर ना जाए इसलिए वो मुझे छ्छू भी नहीं सकते थे,' रुक्मणी ने बताया.
सुषमा साँस रोके ये सब सुन रही थी,' इसका मतलब हमारे पति सुरेश ससुरजी के वीर्य से नहीं पैदा हुए?' उसने पूछा.' नहीं बेटी सुरेश तो छ्होटे मिल्क की ही औलाद है ,' रुकमनि ने बताया. रुक्मणी आगे का हाल बताने लगी,' रात होते ही कमरे में मे तेरे ससुर छ्होटे मालिक छ्होटी मालकिन और उनका कुत्ता कमरे में आ जाते फिर सबसे पहले छ्होटी मालकिन उस कुत्ते का लंड चाट कर खड़ा करती फिर वो छ्होटे मालिक पर चढ़ कर उनको चोद्ता जब उसकी गाँठ छ्होटे मालिक की गंद मे फस जाती तब वो तेरे ससुर से कहते को वो छ्होटी मालकिन को चोदे,' रुक्मणी बोली. “ कभी कभी वो तेरे ससुर से भी अपनी गंद मरवाते उस से पहले छ्होटी मालकिन तेल लगा कर उनकी गंद के छेद को चिकना कर देती,' रुक्मणी बोली. “ तेरे ससुर जैसा लंड गाओं में शायद ही किसी का होगा बहू, पूरा 9 इंच का मोटा और काला और एक बार किसी पर चढ़ जाएँ तो उसको आधे घंटे चोदे बिना नीचे नहीं उतरते और उनके आँड तो सांड से कम नहीं एक बार वीर्य किसी चूत में डाल दे तो गर्भ तो ठहरा हुआ समझो बेटी,' ये सुन कर सुषमा की आँखों मे चमक आ गयी. रुक्मणी कहने लगी कि लल्लू लाल की चुदाई से छ्होटी मालकिन को भी गर्भ ठहर गया और उनका बच्चा जो अब 18 साल का है इसका नाम राहुल है असल में तुम्हारे ससुर का बेटा है.
रुक्मणी बताने लगी कि बड़े मालिक यानी ज़मींदार गांद मरवाने के शौकीन थे और सुरेश के पिता उनकी गांद मारा करते थे बदले में वो भी उनको अपनी पत्नी को चुड़वाते थे,' मालकिन को एक लरका और एक लर्की हुए वो दोनो भी तुम्हारे ससुर के वीर्य से ही पैदा हुए बेटी,' रुक्मणी बताने लगी. “लेकिन सुरेश का लंड इतना छ्होटा कैसे मा?” सुषमा ने पुचछा,' बेटी इसकी बड़ी दुखद कहानी है एक दिन जब सुरेश 6 साल का था तो छ्होटी मालकिन नहाने के बहाने उसके छ्होटे लंड से खेलने लगी और छ्होटे मालिक ने देख लिया वो गुस्से में आग बाबूला हो गये और कपड़े धोने की सोटी लाकर सुरेश के छोटे से लंड पर ज़ोर से मारी और वो बेहोश हो गया सुरेश बच तो गया मगर डॉक्टर ने कह दिया अब वो कभी बाप नही बन पाएगा उसके आँड का कच्मर बन गया था,' रुक्मणी बोली. सुषमा रोने लगी बोली,' मा मेरा जीवन नरक क्यू बनाया मेरी शादी नपुंसक से क्यू की?' रुक्मणी ने उसे गले लगाया और बोली चिंता मत कर बेटी में हू ना तेरे ससुर मुझे बच्चा नहीं दे पाए तो क्या अपनी बहू को तो दे सकेंगे एक साथ वो बाप भी बनेंगे और दादा भी और घर की बात घर में रह जाएगी. सुषमा को कुछ समझ नही आया वो बोली ऐसा कैसे हो सकता है मा?' चिंता मत कर बेटी में हू ना और सुरेश की चिंता मत कर वो इस काम में सहयोग करेगा?” सुषमा चौंकी,' सहयोग वो कैसे मा?” उसने पूछा. “ अब तुझसे क्या छुपाना बेटा सुरेश गांद मरवाने का इतना आदि हो गया है कि उसने तुम्हारे ससुर का लंड भी नहीं छ्चोड़ा एक बार लिए बगैर रात में सोता तक नहीं वो,' रुक्मणी बोली.' क्या मा सच में?' उसने पूछा.' हां बेटा मेरे सामने ही तो होता है हर रोज़,' रुक्मणी बोली. सुरेश मेरी चूत भी चाट लेता है कई बार तुम्हारे ससुर का लंड चूस कर मेरे लिए कड़क करता है फिर मेरी चूत में भी डालता है और जब तुम्हारे ससुर मुझे चोद्ते है तो उनकी गांद और आंड चाट ता है फिर उनके झड़ने के बाद मा की चूत का सारा वीर्य चाट कर सॉफ कर देता है. सुषमा को अब कुछ कुछ समझ आने लगा था. “ आज रात तू नहा धो कर तय्यार रहना तेरी सुहाग रात मैं आज तेरे ससुर के साथ,' रुक्मणी आख मार कर बोली.
रात को खाना वाना खाने के बाद सुषमा ने नयी सारी पहनी पर्फ्यूम लगाया और तय्यार हो गयी. दस बजे उसकी सास उसके रूम में आई,' चल बेटी घबराना मत में तेरे पास हूँ,' ये कह कर वो उसे ले गयी. सुषमा अंदर गयी तो देखा कि उसके ससुर बिस्तेर पर नंगे लेटे हैं और सुरेश भी नंगा होकर उनकी तेल मालिश कर रहा है. उष्मा ने आँखे इधर फेर ली. रुक्मणी ने सुषमा को बिस्तर पर लिटाया और धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगी हो गयी सुषमा आँखे मुन्दे लेटी रही. थोड़ी देर में उसने देखा कि सुरेश उसकी तेल मालिश कर रहा है और बाद मे उसकी चूत को चाटने लगा.' चूत एकदम गीली होने के बाद सुरेश ने उस पर खूब सारा तेल लगाया. सुषमा ने देखा की नीचे चटाई पर रुक्मणी ससुर का लंड चूस रही है और उस पर तेल लगा रही है. सुषमा की आँखे ससुर के हथियार को देख फटी रह गयी,' सास सच कह रही थी ये लंड नही हाथोरा है,'उसने सोचा. थोड़ी देर में रुक्मणी उसके पास आई और बोली बेटी तय्यार हो जा. लल्लू लाल भी बिस्तर पर आ गये और सुषमा के बड़े बड़े गोल स्तन सहलाने और दबाने लगे. उधर रुक्मणी ने सुषमा की टाँगे चौड़ी कर दी और सुरेश उसकी चूत में पूरी जीभ डाल कर उसको कुत्तो की तरह चाट रहा था.
सुषमा आँखे बंद कर लेटी हुई थी तभी उसको लगा उसके ससुर उसके उप्पेर आ गये हैं. उसके होठ ससुर के होंठो से मिले वो उसको पागलो की तरह चूमने लगे और अपने मज़बूत हाथो से सुषमा के बड़े बड़े स्तन दबाने और मसल्ने लगे सुषमा के स्तन पहली बार कोई मर्द इस तरह दबा रहा था. उसकी चूत धीरे धीरे एकदम गीली हो चुकी थी. ससुर को शायद इस बात का एहसास था उन्होने अपने मोटे लंड को सुषमा की चूत के मूह पर रखा और उस दिन की तरह सुरेश उसको पकड़ कर उसकी चूत मे घुसाने लगा.' सुषमा की चूत के दरवाज़े पर जैसे ही लल्लू लाल का मोटा तगड़ा लंड पहुचा उसको दर्द महसूस हुआ मगर उसकी सास उसकी दोनो टाँगे पकड़े हुए थी और दर्द से बचना नामुमकिन था. उधर तेल की वजह से लल्लू का लंड भीतेर सरकने लगा और सुषमा के होठ भिचने लगे,' बेटा चिंता मत करो सहयोग करो एक दो बार का ही दर्द है फिर मज़ा आएगा,' ससुरजी बोले. रुकमनि ने थोड़ी टाँगे और चौड़ी कर दी और ससुरजी से बोली आप तो एक झटके में पूरा लंड पेल दो फिर कुछ नही होगा मगर ससुरजी धीरे धीरे लंड सरकाते रहे सुषमा की चूत दर्द से फट रही थी टाँगे दुखने लगी थी. मगर लल्लू लाल अनारी नही थे चूमते रहे और धीरे धीरे लंड सरकाते रहे सुषमा चिल्लाति रही,' ससुरजी रहम कीजिए फिर कर लीजिएगा मेरी चूत फट जाएगी,' वो चिल्लाते चिल्लाते बोली. मगर लल्लू लाल कहा रुकने वाले थे 5 मिनिट बाद उन्होने अपने पूरा चिकना लंड बहू की चूत में पेल ही दिया अब सिर्फ़ आँड बाहर रह गये. जैसे ही सुषमा का दर्द थोडा कम हुआ और वो नॉर्मल हुई उन्होने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,' लल्लू लाल बहू की चूत के खून से रंगा लंड अंदर बाहर करते रहे सुषमा की चीखे सुनाई देती रहीं,' बेटा तू बापू की गांद चाट में आँड चाटती हू नही तो ये बहू को चोद चोद कर मार डालेंगे,' रुक्मणी बोली. सुषमा ने देखा कि उसका पति उसके ससुर की गांद चाट रहा था और सास ससुर के मोटे काले अंडकोष चाट रही थी. लल्लू लालजी उत्तेजना के शिखर पर थे,' बहू भर दू तुम्हारी कुँवारी चूत मेरे ताक़तवर वीर्य से?” उन्होने पूछा. सुषमा ने बोला ही था कि वो गर्र गर्र करते हुए झाड़ गये,' ओह ओह आपने तो कोई आधा कप पानी बहू की चूत में छोड़ दिया है बच्चा हो कर रहेगा,' रुक्मणी बोली. ससुरजी उप्पेर से हट कर बिस्तेर के कोने पर बैठ गये और सुषमा को सहलाने लगे. उधर सुरेश नीचे जाकर रुक्मणी की चूत चाट रहा था,' चाट मेरे लाल चाट मेरे बेटे तेरी जीभ तो लंड से भी ज़्यादा मज़ा देती है.' रुक्मणी बोल रही थी. उधर लल्लू लालजी भी नीचे पहुच गये उन्होने और सुरेश की गांद में तेल लगा कर उसको उंगली से चोदना शुरू कर दिया,' हा बापू फाडो मेरी गंद,' सुरेश गांद नचाते हुए बोल रहा था. ससुर ने सुषमा को नीचे खेंचा और उसका मूह अपने लंड से अड़ा दिया,' इसको चूस चूस कर बड़ा कर बहूरानी ताकि में तेरे पति की सेवा कर सकु,' उन्होने कहा. सुषमा ने उनके मोटे काले लंड को कस के पकड़ा और जीभ फेरने लगे धीरे धीरे लल्लू लालजी का सुपरा चीकू जितना बड़ा हो गया और लंड एकदम हाथोरे जैसा. ससुरजी ने बहू को धन्यवाद दिया और वापस से सुरेश की गंद पर अपने हथियार तान दिया. किसी मंजे हुए खिलाड़ी की तरह सुरेश ने गांद को अड्जस्ट किया और एक ही झटके में लल्लू लालजी का आधा लंड उसकी गांद में चला गया सुरेश ज़ोर से चीखा मर गया बापू,' अभी पूरा कहा मारा है अभी तो आधा ही मारा है,' लल्लू लालजी बोले और पूरा लंड पेल दिया. सुषमा सोचने लगी सुरेश की गांद क्या उतनी बड़ी है? उधर सुरेश अपनी मा की चूत चाट रहा था. रुक्मणी उछल रही थी,' बेटा में झड़ने वाली हू पूरी जीभ डाल दे तेरी मा के भोस्डे में,' वो बोली और दो मिनिट में हाफते हुए अपना पानी छ्चोड़ दिया. उधर लल्लू लालजी की रफ़्तार बढ़ गयी थी.
रुक्मणी पीछे आ गयी,' मेरे बेटे की गांद फाड़ दोगे क्या अब रहम करो,' वो बोली और सुरेश के नीचे लेट गयी. सुषमा ने देखा कि रुक्मणी सुरेश की लुल्ली को चूस रही थी और अपने हाथो से ससुरजी के बड़े बड़े आंडो को मसल रही थी,' अब अपने बेटे की चूत अपने पानी से भर दो,' रुक्मणी बोली. ये सुनते ही लल्लू लालजी तेज़ हो गये और बोले,' हा जान ये ले तेरे बेटे की गांद में अपना पानी डालता हू,' कहकर वो झाड़ गये. सुषमा थक कर सो गयी.
क्रमशः.........................