गन्ने की मिठास compleet

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rajaarkey
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Re: गन्ने की मिठास

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 20:34

गन्ने की मिठास--39

गतान्क से आगे......................

हरिया ने बंदूक की नोक से मम्मी का मूह अपनी ओर करते हुए कहा, चलो रानी अब तुम अपना ब्लौज उतारो,

रति- नही उतारुँगी चाहे तू मेरी जान ले ले,

हरिया- देखो रानी हमे खून ख़राबा कतई पसंद नही है पर अगर तुम हमारी बात जल्दी से नही मनोगी तो

देखो अभी मेरे 8-10 आदमी उधर दूसरी तरफ है उन्हे बुला लूँगा तो वह खुद ही तुम्हारे सारे कपड़े फाड़ कर

अलग कर देंगे,

अब तुम ही बताओ खुद उतारोगी या उतरवाना पड़ेगा,

रति- देखो ऐसा मत करो वह मेरा बेटा है उसके सामने तुम और फिर मम्मी ने अपना मूह नीचे कर लिया,

हरिया- मेरी ओर देख कर चल भाई इधर आ

मैं उसकी ओर गया और उसने मुझे मम्मी को अपनी बाँहो मे भरने को कहा, और बंदूक मम्मी के गले पर

लगा दी मैने मम्मी को अपनी बाँहो मे भर लिया और उनके गले से आती भीगी गंध ने मुझे एक दम से पागल

कर दिया मैने मम्मी को थोड़ा कस कर पकड़ लिया इन दो पलो मे ही मुझे पता नही चला कब मेरा लंड एक

दम फुल अवस्था मे तन कर सीधे मम्मी की चूत से टकराने लगा, मम्मी ने एक दम से नीचे देखा तो मेरा

मस्त खड़ा हुआ मोटा और लंबा लंड देख कर उसकी आँखे खुली की खुली रह गई, उसने एक बार फिर मेरी तरफ

देखा और फिर एक दम से ऐसी शर्मा गई कि उसके चेहरे का रंग लाल हो गया और उसके चेहरे पर एक हल्की सी

मुस्कान दौड़ गई,

मम्मी की यह हालत देख कर मैं खुस हो गया और हरिया की ओर देख कर आँख मार दी

हरिया- अबे पकड़ कर खड़ा क्या है चल इसके ब्लौज को खोल कर इसके दूध दबा और फिर हरिया ने मम्मी के

हाथ को पकड़ कर मेरे लंड पर रख दिया और मम्मी की मुट्ठी मे जब मेरा लंड आ गया तो हरिया ने उनके

हाथ को मेरे लंड पर कस कर दबा दिया, मैं मम्मी के गले और गोरे गालो को चूमता हुआ उसके दूध को ब्लौज

के उपर से हल्के हल्के दबाने लगा और मेरा लंड अपनी मम्मी के हाथ मे तन कर खड़ा हुआ था,

तभी हरिया

ने मम्मी की साडी पकड़ कर खिच दी और मम्मी की साडी जैसे ही अलग हुई उसका गुदाज उठा हुआ पेट गहरी नाभि

और उसके पेटिकोट के नाडे के नीचे से खुला हुआ वह भाग जहाँ से मम्मी की लाल रंग की पॅंटी उसकी चूत मे कसी

हुई साफ नज़र आने लगी थी, हरिया और रामू की आँखो मे चमक आ चुकी थी और उनके लंड भी उनकी धोती मे

तन चुके थे,


rajaarkey
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Re: गन्ने की मिठास

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 20:36

हरिया तो जैसे मेरी मम्मी की भरी हुई जवानी देख कर पागल हुआ जा रहा था,

मैं पूरा नंगा अपनी मम्मी के गदराए बदन से चिपका हुआ उसके सारे बदन पर हाथ फेर रहा था और

मम्मी मेरे लंड को अपने हाथो मे थामे हुए थी लेकिन मुझसे बहुत शर्मा रही थी और अपनी नज़रे नीचे

किए हुए थी,

तभी हरिया आगे आया और उसने मम्मी के उपर बंदूक तान कर कहा

हरिया- लोंडे बहुत हो गया तेरा नाटक अब जल्दी से ब्लाउज उतार कर इसके दूध को खूब कस कस कर मसल्ते हुए पी

नही तो अभी इसे गोली मार देता हू, हरिया का इतना कहना था कि मैने मम्मी के ब्लौज को खोलना शुरू कर दिया

और मम्मी आह राज मत कर बेटे मुझे शर्म आ रही है,

हरिया- अपना ब्लौज उतारने मे शरम आ रही है और जो दूसरे हाथ मे मस्त लंड सहला रही हो तो शरम नही

आ रही है, हरिया की बात सुन कर मम्मी और भी शर्मा गई और तब तक मैने मम्मी के ब्लौज को खोल दिया,

हाय क्या बताऊ रंडी लाल रंग की ब्रा पहने बड़ी ही मस्त चुदासी लग रही थी और क्या मोटे मोटे दूध अपनी छ्होटी

सी ब्रा मे कसे हुए थी, मैने बिना देरी किए मम्मी के मोटे मोटे दूध को देखते ही खूब दबोच दबोच

कर मसलना शुरू कर दिया और मम्मी एक दम से मुझे देखते हुए मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी और

उसके मूह से आ आ सीईईईई सीईईईईईईईईईईईई ओह बेटे जैसी आवाज़े आने लगी,

लगभग 10 मिनिट तक मे उसके दूध को खूब दबाता रहा और उन्हे अपने होंठो से पीता रहा, अब मम्मी

काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसकी चूत से भी पानी आने लगा था तभी तो मम्मी मेरे लंड को खूब ज़ोर ज़ोर से

मुठियाते हुए उसे खा जाने वाली नज़रो से देख रही थी, अब हरिया कुच्छ कहता इससे पहले ही मैने अपने हाथ

पिछे लेजाकार मम्मी के पेटिकोट के उपर से ही उसकी गुदाज भरी हुई मोटी गंद को जब मैने अपने हाथो मे

भर कर दबोचा तो क्या बताऊ कितना मज़ा आया ऐसी मोटी गंद आज तक मैने नही सहलाई थी क्या मस्त गंद थी

मेरी मम्मी की,

मैं तो पागलो की तरह उसकी पूरी गन्ड को अपने हाथो मे भर भर कर मसल्ने लगा और उसकी

गंद की गहरी दरार मे अपना हाथ भर भर कर रंडी की गुदा को खूब दबा दबा कर सहलाने लगा, उसके बाद

जैसे ही मैने अपने हाथ को आगे लाकर मम्मी की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबोचा तो मम्मी के मूह

से एक गहरी सिसकी निकल गई और वह भी मेरे मूह को चूमते हुए मुझसे खड़ी खड़ी ज़ोर से चिपक गई,


rajaarkey
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Re: गन्ने की मिठास

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 20:36

हरिया ने जब हम दोनो को एक दूसरे से चिपके हुए देखा तो उसने मम्मी के साए के नाडे को पकड़ कर एक दम

से खींच दिया और मम्मी का पेटिकोट उसके पेरो मे गिर गया, पेटिकोट नीचे गिरते ही मम्मी की मस्त चोदने लायक

गदराई जवानी एक दम से आँखो के सामने आ गई मम्मी की गुदाज मोटी मोटी गदराई जंघे और फूली हुई मस्त

मासल चूत पर चढ़ि हुई उसकी लाल रंग की पॅंटी हमारी आँखो के सामने थी,

तभी रामू और हरिया मम्मी के

पिछे जाकर उसकी गुदाज मोटी गंद को देखने लगे, लाल पॅंटी मे मम्मी के गोरे गोरे भरे हुए चूतड़ बहुत

प्यारे लग रहे थे, पॅंटी पूरी तरह से मम्मी की दोनो मोटी गंद की गहराई मे फसि हुई थी, मम्मी के मोटे

मोटे चूतड़ खूब आपस मे चिपके हुए थे, मैं जब अपने हाथ को पिछे लेजाकार मम्मी की मोटी नंगी गंद

को सहलाने लगा तभी मुझे एहसास हुआ कि मम्मी की गुदाज मोटी गंद का छेद अगर देखना है तो उनकी गंद को

खूब कस कर फैलाना होगा,

उनकी गंद बहुत ही मस्त और भारी थी और उनके चूतड़ खूब चिपके हुए थे,

मम्मी की मस्ती का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था कि मम्मी कि मैं गंद और दूध दबा दबा कर सहला

और मसल रहा था और मम्मी बड़े प्यार से मेरे अंडकोष को दबा दबा कर सहलाते हुए मुझे लगातार चूम

रही थी,

तभी मैने मम्मी के मटके जैसे उभरे हुए गोरे और मखमली पेट और गहरी नाभि को देख कर

मेरा लंड रति की चूत मे ठोकर मारने लगा मैने रति की पॅंटी के उपर से जब उसकी उभरी हुई मस्त चूत को

देखा तो अपने हाथ से मैने मम्मी की चूत को कस कर भींच लिया और मेरी इस हरकत पर मम्मी मुझसे आह

बेटे क्या कर रहा है, मम्मी ने जब अपनी चूत को मसले जाने से मस्ती मे आकर यह कहा तब मैने दुबारा

उनकी मस्त फूली बुर को फिर से दबोच लिया और मम्मी सीईईईईईईई की आवाज़ करते हुए मुझसे चिपक गई,

हरिया और रामू ललचाई नज़रो से रति की गुदाज भरी जवानी का रस अपनी आँखो से पी रहे थे तभी हरिया ने

बंदूक रति के उपर तानते हुए कहा

हरिया- ओये लोंडे बहुत नाटक हो गया अब चल जल्दी से इस रंडी को पूरी नंगी कर दे नही तो अभी गोली मार दूँगा

उसकी बात सुन कर मैं मम्मी की ओर देखने लगा जो पूरी मस्ती मे आ चुकी थी और मुझसे दूर होने का नाम ही

नही ले रही थी और बराबर मेरे मोटे लंड को देखते हुए उसे मसल रही थी,

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