नशे की सज़ा compleet

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007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:49

नशे की सज़ा पार्ट--5

गतांक से आगे..............................

इस समय शाम के 7.45 बज चुके थे और कमिशनर साहिब को लगभग 8 बजे आना था.समय बहुत कम रह गया था-राज ने फटाफट मेरे हाथ पीछे करके मेरे हथकड़ी लगाई और मैं प्लान के मुताबिक एक कोने मे ज़मीन पर बैठ गयी-ज़मीन पर बैठने मे मुझे कोई मुश्किल इसलिए नही हुई क्यूंकी मैने स्कर्ट और टी-शर्ट पहन रखी थी.

राज मेरे सामने सोफे पर इस तरह बैठ गया ताकि कमिशनर के आने पर यह लगे कि निशा को उसने गिरफ्तार करने के बाद कमिशनर साहिब की मौज मस्ती के लिए ही रखा हुआ है.-ठीक 8 बजे एक पोलीस की जीप थाने के बाहर आकर रुकी और उसमे से कमिशनर साहिब उतरकर अंदर की तरफ आए-राज ने उन्हे सोफे से उठकर सल्यूट मारते हुए कहा-“गुड ईव्निंग सर ! आज आपको मायूसी नही होगी साहिब.आअज मैने एकदम ताज़ा माल आपके लिए पकड़कर रखा हुआ है-अभी एक घंटे पहले ही मैने इसे जी.टी.रोड के सुनसान इलाक़े से शराब पीकर बिना लाइसेन्स के तेज स्पीड से कार चलाने के जुर्म मे अरेस्ट किया है”

“अभी इसे कोई सज़ा दी है तुमने या नही ?” कमिशनर साहिब ने राज की तरफ देखा-शायद उन्हे शक़ था कि राज किसी हाथ आई खूबसूरत लौंडिया को बिना कुछ किए ही कमिशनर के सुपुर्द कर रहा है.

“अरे नही साहिब, मेरी इतनी जुर्रत कहाँ कि आपकी चीज़ पर मैं नज़र भी डालूं.-यह ताज़ा तरीन कच्ची कली तो खास आपकी मौज़ मस्ती के लिए ही है-जैसे चाहे इस्तेमाल कीजिए बस मेरे प्रमोशन का ख़याल रखें.” राज ने कमिशनर साहिब की चापलूसी करते हुए कहा.

“ठीक है.तुम तो ऐसा करो कि तिलक नगर के एस.एच.ओ से मिलकर एक कॉंप्लिकेटेड केस समझ लो वहाँ उन्होने किसी सेक्स रॅकेट का पर्दाफाश किया है-उसकी इन्वेस्टिगेशन भी मैं तुम्हे ही देना चाहता हूँ-तुम जब तक केस समझ कर यहाँ वापस लौउटोगे,तब तक मैं इस लौंडिया से मज़े ले लेता हूँ.” कमिशनर ने राज को वहाँ से भेजने का प्लान बताते हुए कहा.

राज के जाने के बाद कमिशनर ने दरवाज़ा बंद कर लिया और उसे लॉक भी कर दिया ताकि उसकी मौज़ मस्ती मे किसी भी तरह का डिस्टर्बेन्स ना हो सके. इसके बाद कमिशनर मेरे सामने पड़े सोफे पर बैठ गया और टेबल पर रखे पोलीस वाले डंडे को हाथ मे उठा कर उसे मेरी तरफ करते हुए बोला-“ चल खड़ी हो जा और अपना जुर्म कबूल कर “

मैने भी डरने सहमने का नाटक करते हुए बताया-“सर मैं कार चला रही थी थोड़ी सी शराब पीकर-कॉलेज मे पार्टी थी और मेरे लाइसेन्स हॉस्टिल मे ही रह गया था-बस इस

छोटे से जुर्म के लिए मुझे थानेदार साहिब ने गिरफ्तार कर लिया है-अब आप ही कुछ इंसाफ़ कीजिए मेरे साथ…….”

कमिशनर ने मेरी गोरी नंगी टॅंगो पर अपनी नज़र डाली और बोला-“लगता है तेरे कपड़े उतरवाने पड़ेंगे-चल इधर मेरे नज़दीक आ ताकि मैं तेरी हथकड़ी खोल दूं.”

उसके हुक्म के मुताबिक मैं कमिशनर से सेम जाकर खड़ी हो गयी.

“चलो पीछे घूम जाओ ! “ कमिशनर का हुक्म हुआ और मैं घूम गयी-मेरी हथकड़ी उसने खोल दी और बोला- “ अब ज़रा अपने सारे कपड़े उतारो और अपना खूबसूरत बदन मुझे दिखाओ ताकि मैं तुम्हारी सज़ा तय कर सकूँ.”

मैने शरमाने का नाटक किया-“ सर क्या कोई ऐसी सज़ा नही है जिसमे मुझे कपड़े नही उतारने पड़े क्यूंकी मैने आज तक किसी के भी सामने अपने कपड़े नही उतारे हैं.”

मेरी बात सुनते ही कमिशनर के पॅंट के बीच का उभार एकदम तन गया और वो उस पर हाथ सहलाते हुए बोला-“ नही लड़की,तुझे अपना नंगा बदन मुझे दिखना ही होगा वरना तुझे कम से कम 5 साल के लिए जैल मे बंद करूँगा-समझी कुछ ?”

“ जी समझ गयी “ मेरे मूह से निकला.

“ तो फिर देर मत कर और नंगी हो जा “ कमिशनर ने एक हाथ मे शराब का ग्लास पकड़ लिया.

मैने भी शरमाने का भरपूर नाटक करते हुए धीरे धीरे कपड़े उतरने शुरू किए-मेरी टी शर्ट मे उपर की तरफ गले पर दो बटन थे जो बंद थे-मैने धीरे धीरे उन्हे खोला फिर अपने दोनो हाथों से टी शर्ट को उपर उठकर धीरे धीरे उसे उतारने की कोशिश करने लगी ताकि इस बीच कमिशनर मेरे चिकने पेट और नाभि प्रदेश को देखकर पागल हो सके-और हुआ भी यही-जब टी- शर्ट मेरे बदन से अलग हो गयी और सिर्फ़ वाइट ब्रा ही मेरे कसे हुए सीने पर रह गयी तो कमिशनर के मूह से निकला-“ बेहद खूबसूरत और सेक्सी-अब फटाफट स्कर्ट भी अपने बदन से लग करो “

007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:49

स्कर्ट की साइड ज़िप खोलकर उसे नीचे सरकाते हुए मैं स्कर्ट को भी अपने बदन से लग कर दिया और मेरी वाइट रेंग की पॅंटी उसमे से नज़र आने लगी.मैने अपना एक हाथ अपने योनि प्रदेश पर रख लिया और दूसरे हाथ से अपने सीने के उभारों को छिपाने की कोशिश करने लगी.कमिशनर की हालत देखने लायक थी-उसने शराब का पूरा ग्लास खाली कर दिया था और बोतल मे से और शराब उसमे डाल रहा था.

“ अपने हाथ उपर उठाओ और मेरे नज़दीक आकर खड़ी हो जाओ ! “ कमिशनर ने मुझे अपने पास बुलाया-उसने सोफे पर बैठे हुए अपनी दोनो टाँगे फैला रखी थी ताकि वो अपने खड़े लिंग को बीच सीच मे सहला सके.मैं जान बूझकर उसकी टॅंगो के बीच वाली जगह पर जाकर खड़ी हो गयी-मेरी नाभि उसके होंठों के एकदम नज़दीक थी-मैने थोड़ा सा हिलने का नाटक किया और अपनी नाभि उसके होंठों से एकदम सटा दी-उसने अपने दोनो हाथों से मेरी कमर को पकड़ लिया और अपने चेहरे को मेरे नाभि प्रदेश के चिकने पेट पर रगड़ने लगा.

इसके बाद उत्तेजित होकर उसने खुद ही मेरे बदन से मेरी ब्रा और पॅंटी उतार डाली और मेरे नंगे बदन को सहला सहला कर अपनी भूख को शांत करता रहा.कमिशनर का लिंग पॅंट के अंदर एकदम टेंट की तरह खड़ा हो चुक्का था लेकिन वो अभी भी मेरे बदन से खिलवाड़ करने मे ही लगा हुआ था-मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ होने से पहले मुझे ही कुछ करना पड़ेगा-मैने यकायक अपने बदन का संतुलन बिगड़ने का नाटक करते हुए अपने बदन को कमिशनर की टॅंगो के बीच मे ही गिरा लिया-“सॉरी सर मेरा बॅलेन्स बिगड़ गया-काफ़ी देर से मैं खड़ी हुई हूँ=शायद इसलिए” कहने के साथ ही मैने अपने मूह को उसके पॅंट मे से निकल रहे उभर पर टीका दिया-मेरी इस हरकत से कमिशनर को मानो करेंट जैसा लगा-उसने तुरंत अपने पॅंट की ज़िप खोलकर अपना खड़ा लिंग बाहर निकाला और बोला-“ चल तू थक गयी है तो थोड़ा रिलॅक्स कर ले-इस अपने मूह के अंदर कर और इस पर अपनी जीभ फिरा”

मुझे मानो मूह माँगी मुराद मिल गयी-यही तो मैं चाहती थी क्यूंकी यही मेरी एक्सपर्टीस थी और यही कमिशनर की कमज़ोरी बन सकती थी.

मैने उसके खड़े लिंग को अपने दोनो हाथों मे लिया और उसका अगले भाग पर जीभ फिराते हुए उसे अपने मूह मे ले लिया-इस्के बाद कमिशनर साहिब के होश ही गायब हो गये-उन्हे शायद इतना मज़ा पहले कभी जैसे मिला ही नही था.उनके मूह से जो आवाज़ें आ रही थी उसी से मैने यह अंदाज़ा लगा लिया कि कमिशनर की पूरी तसल्ली हो चुकी है और राज का प्रमोशन लगभग तय है-कुछ देर बाद कमिशनर का वीरया रस मेरे मूह मे निकला और मैने उसे पीने मे कोई देरी नही लगाई.

कमिशनर ने अपना लिंग मेरे मूह से निकाल लिया और बोला-“यह मेरे वीरया रस से काफ़ी भीग गया है-इसे भी अपनी जीभ से सॉफ करो ! “ मैने फिर अपनी जीभ उस पर फिरानी शुरू कर दी और उसे बिल्कुल सॉफ कर दिया-इसी बीच कमिशनर के फोन की घंटी बजी और उसने अपने लिंग को पॅंट के अंदर करते हुए ज़िप बंद कर ली और फोन पर नंबर देखकर उसे डिसकनेक्ट करते हुए कहा-“ यह इनस्पेक्टर राज का फोन था-वो यहाँ पहुँचने वाला ही होगा-तुमने मुझे खुश कर दिया है-इसलिए तुम्हारी सज़ा तो फिलहाल माफ़ हो गयी है-इनस्पेक्टर राज शर्मा से मैं तुम्हारी सज़ा ख़तम करने की सिफारिश कर दूँगा.अब तुम अपने कपड़े पहन लो और यहाँ से जाने की तैय्यरी करो ! “

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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:50

कुछ ही देर मे राज वहाँ पहुँच गया और कमिशनर ने उसे देखते ही खुश होते हुए कहा-“ कंग्रॅजुलेशन्स एसीपी राज शर्मा ! तुम्हारी प्रमोशन पक्की हुई.मैं कल ही तुम्हारे प्रमोशन का ऑर्डर टाइप करवा देता हूँ.”

“ थॅंक यू सर ! मेरे लायक कोई और सेवा हो तो बताएँ ज़रूर ! “ राज की खुशी भी छिपाए नही छिप रही थी.

“ इस लौंडिया का क्या करे साहिब ?“ राज ने मेरी तरफ देखते हुए कमिशनर से पूछा.

“मज़ेदार लौंडिया है….इसे माफ़ कर दो और मेरी मानो तो एक बार तुम भी इसे चख ही लो-अपने प्रमोशन को इसी के साथ सेलेबेरते कर डालो.” कमिशनर ने मानो राज को हिदायत दे डाली.

“ जैसे आप कहे सर ! “ कहकर राज ने कमिशनर की हां मे हां मिलाई.

यह कहकर कमिशनर तो वहाँ से रवाना हो गया और मैं और राज फिर उस कमरे मे अकेले रह गये-“ कहिए सर,मेरा प्लान काम कर ही गया और आपकी प्रमोशन आपको मुबारक हो ! “

“मेरी यह प्रमोशन निशा सिर्फ़ तुम्हारी वजह से हुई है-तुमने कमिशनर को सेट ना लिया होता तो शायद मेरी प्रमोशन नामुमकिन ही थी.” राज ने मेरी तरफ देखा-“अब आज से तुम मेरी पार्ट्नर हो और हम लोग सारी मौज़ मस्ती मिलकर किया करेंगे”.

“ सर, मुझे 24 अवर्स के लिए नेहा चाहिए-शी विल बी माइ सेक्स स्लेव फॉर 24 अवर्स.” मैने जैसे ही राज से कहा,वो बोला-“अब तो जो कुछ भी मेरे है वो तुम्हारा भी है-बताओ कब भेजना है नेहा को तुम्हारे पास ? “

“सर,कल फ्राइडे है-अगले दो दिन के वीकेंड मे मैं कुछ मौज़ मस्ती करना चाहती हूँ.” मैने राज से कहा.

“ ठीक है कल शाम को 8 बजे वो तुम्हारे हॉस्टिल पहुँच जाएगी.” राज ने कहा.

हॉस्टिल वापस पहुँचकर मैने कल यानी फ्राइडे का प्लान बनाना शुरू कर दिया.मेरी रूमेट सलोनी भी बहुत ज़्यादा खुश और उत्तेजित हुई जा रही थी-“ कल नेहा से मैं इतने मज़े लेने वाली हूँ कि वो भी क्या याद रखेगी..”

मैं उसका इशारा समझ रही थी लेकिन क्यूंकी वो मेरी बहुत गहरी दोस्त भी थी,मैं खुद चाहती थी कि उसका भी इसी बहाने कुछ मनोरंजन हो जाए.मैने सलोनी की तरफ देखते हुए कहा-“ मेरा ख़याल था कि मैं कूवोल्गी को भी कल की मौज़ मस्ती के लिए इन्वाइट कर लूँ.तेरा क्या ख़याल है ?” कूवोल्गी मेरा बाय्फ्रेंड था और उसे भी नेहा जैसी कलियों का रस पीने का बहुत शौक था.

“हां यार, यह तो और भी बढ़िया बात है.कूवोल्गी के मुझे भी दर्शन हो जाएँगे….इसी बहाने” सलोनी ने मज़ाक करते हुए मेरी तरफ देखा-मैने कूवोल्गी को फोन करके उसे पूरी स्टोरी और कल का प्लान समझा दिया और वो भी बहुत खुशी ख़ुस्सी कल की मौज़ मस्ती मे भाग लेने के लिए तैय्यर हो गया.

अगले दिन हम तीनो यानी कि मैं,मेरी रूमेट सलोनी और मेरे बाय्फ्रेंड कूवोल्गी अपने कमरे मे बैठकर नेहा के आने का इंतज़ार कर रहे थे-शाम के 7 बजे थे और अभी नेहा के आने मे पूरा 1 घंटा बाकी था-कूवोल्गी ने अपना एक डिजिटल कॅमरा सीक्रेट्ली मेरे कमरे मे फिट कर दिया था ताकि नेहा के साथ की जाने वाली मौज़ मस्ती की पूरी कीं पूरी फिल्म बन सके और उसका बाद मे भी ज़रूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सके.

जब 8 बजने मे सिर्फ़ पाँच मिनिट ही रह गये तो कूवोल्गी से रहा नही गया और उसने मेरी जांघों पर हाथ मारते हुए कहा-“निशा..यार.तेरी वो सेक्स स्लेव अभी तक तो आई नही-कहीं उसका अपना प्लान तो नही बदल गया.”

“नही वो ज़रूर आएगी…” मैने कूवोल्गी की तरफ देखा और अगले ही पल रूम की कल्लबेल्ल बज उठी-सलोनी ने जाकर दरवाज़ा खोल दिया और नेहा कमरे के अंदर आ गयी और बेहद नर्वस होकर हम तीनो की तरफ देखने लगी-“मुझे राज सर ने निशा मॅम के पास भेजा है !” उसने मेरी तरफ देखा.

मैने उसकी तरफ देखते हुए कहा-“मैं ही निशा हूँ और यह मेरी रूमेट सलोनी और मेरे बाय्फ्रेंड कूवोल्गी है-आज से सनडे तक तुम हम तीनो की सेक्स स्लेव बनकर रहोगी और हम लोग जो कुछ भी तुम से कहेंगे वो सब तुम्हे करना होगा-अगर कोई बात नही मानी तो उसकी तुम्हे सज़ा मिलेगी……समझ गयी ?”

“यस मॅम ! “ नेहा बिल्कुल भीगी बिल्ली की तरह बोली.

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