मैने जान बूझकर नेहा को थोड़ा ह्युमिलियेट करने के लिए कूवोल्गी और सलोनी को नेहा का इंट्रोडक्षन दिया-“ यह चिकनी लौंडिया एसीपी राज के पास ड्रग्स के मामले मे अरेस्ट करके लाई गयी थी-राज के इसके सारे कपड़े उतारकर इसे उल्टा करके कमरे मे लटका दिया था और फिर इसने उल्टे लटके लटके राज को एक बेहद रोचक ब्लोवजोब दिया था.”
कूवोल्गी ने नेहा को उपर से नीचे तक एक बार नज़र भरकर देखा-नेहा ने वाइट स्किंटाइट टी- शर्ट और ब्लू जीन्स पहन रखी थी और उसमे से उसकी पूरी फिगर नज़र आ रही थी-कूवोल्गी का लिंग अपनी पॅंट के अंदर एकदम टेंट की तरह खड़ा हो गया-नेहा बेहद खूबसूरत थी-कूवोल्गी ने एक हाथ अपने खड़े लिंग पर रखा और निशा की तरफ देखकर बोला-“ यार यह लौंडिया क्या अमृता राव की छोटी बहन है-बिल्कुल उसी से इसकी शकल मिलती है.”
“ अरे नही….बस यह समझ लो कि लौंडिया बेहद मज़ेदार है…पोलीस वाले किसी ऐसी वैसी लौंडिया को अरेस्ट नही करते हैं-सलोनी तो शायद किसी का खून भी कर दे तो पोलीस वाले इसे अरेस्ट ना करें…….” मैं बोली.
सलोनी गुस्से मे बोली-“ निशा क्या मतलब है तुम्हारा..क्या मैं खूबसूरत नही हूँ…….खैर जाने दे बाद मे तुझसे नीपतूँगी..अभी तो जो मौका हाथ लगा है उसका मज़ा लूटना चाहिए.”
कूवोल्गी ने निशा और सलोनी दोनो की तरफ देखा और बोला-“तुम दोनो यहाँ से फूटने का क्या लोगि-मैं कुछ देर इस चिकनी के साथ एकांत मे रहना चाहता हूँ.”
मैं वहाँ से उठने लगी और बोली-“ ठीक है हम दोनो नीचे ज़रा माल तक चक्कर लगाकर वापस आते हैं-तुम्हारे पास 1 घंटे का एकांत है..उसके बाद हम तीनो मिलकर इसके साथ मज़े करेंगे.”
जाते जाते मैं ईक बार फिर नेहा की तरफ देखा और उसे हिदायत दी-“ देखो,कूवोल्गी से मुझे तुम्हारे बारे मे कोई कंप्लेंट नही मिलनी चाहिए………समझी ? “
“ यस मॅम ! मैं कूवोल्गी सर को बिल्कुल खुश रखूँगी.” नेहा ने डरी सहमी आवाज़ मे कहा और फिर हम दोनो कमरे से बाहर निकल आई-कमरे मे कूवोल्गी और नेहा को अकेला छोड़कर.
आगे जो कुछ भी हुआ वो मैने बाद मे डVड पर ही देखा क्यूंकी कमरे मे होने वाली हर हरकत की डVड रेकॉर्डिंग चल रही थी…….
हम दोनो के जाने के बाद कूवोल्गी ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और नेहा के पास जाकर उसके नितंबों से सटकार खड़ा हो गया-अपने एक हाथ से उसने नेहा के गालों को सहलाया और दूसरा हाथ उसके चिकने पेट पर फिराने लगा-नेहा शरम और ह्युमाइलियेशन से एकदम लाल हो चुकी थी और एकदम बेबस होकर उसकी गिरफ़्त मे मचल रही थी.काफ़ी देर तक कूवोल्गी उसके बदन के साथ ऐसे ही खेलता रहा फिर उसे लेकर सोफे पर आ गया और उसे अपनी गोद मे बिठाकर उसके कपड़े उतारने लगा-नेहा के हाथ उसने उपर उतवाए ताकि वो उसकी टी-शर्ट उतार सके, टी-शर्ट उसके बदन से अलग होते ही उसकी वाइट कलर की ब्रा मे क़ैद सीने के उभार सॉफ सॉफ कूवोल्गी के सामने आ गये-कुछ देर तक कूवोल्गी ने उसके सीने के उभारों को ब्रा के उपर से ही सहलाया फिर इसके बाद उसने उसकी जीन्स के उपर का बटन खोला-जिसके खुलते ही अंदर से उसकी वाइट कलर की पॅंटी नज़र आने लगी.
नशे की सज़ा compleet
Re: नशे की सज़ा
कूवोल्गी ने अपना हाथ उसकी जीन्स के अंदर डाल दिया और उसके योनि प्रदेश तो पॅंटी के उपर से ही सहलाता रहा-नेहा की हालत भी ऐसी हो चली थी मानो वो नशे मे हो और उसके मूह से तरह तारह की आवाज़ें उत्तेजन्ना के रूप मे निकल रही थी.कुछ देर बाद कूवोल्गी ने नेहा की जीन्स की ज़िप भी नीचे की तरफ सरका दी और उसकी जीन्स भी उसके बदन से अलग कर दी-जीन्स अलग होते ही नेहा के बदन पर सिर्फ़ ब्रा और पॅंटी ही रह गये थे.उसकी सुडौल और खूबसूरत चिकनी टाँगे और जंघें किसी को भी बेकाबू कर दें एक मर्द के लिए काफ़ी थी-कूवोल्गी का भी बुरा हाल था-उसने नेहा की मखखान जैसी चिकनी जांघों पर अपना हाथ फिराना शुरू किया और ऐसा करते करते उसने यकायक उसकी पॅंटी को भी उसके बदन से अलग कर डाला-इसके बाद उसने नेहा की ब्रा को भी उसके बदन से अलग करके उसे पूरी तरह नंगा कर दिया और बोला-“अब ज़रा तुम मुझे एक सेक्सी आइटम नंबर पर डॅन्स करके दिखाओ –निशा तुम्हारे सेक्सी डॅन्स की बहुत तारीफ़ कर रही थी.” कहने के साथ ही कूवोल्गी ने म्यूज़िक सिस्टम ऑन कर दिया और उस पर एक नया बॉलीवुड सेक्सी आइटम सॉंग बजने लगा और नेहा ने उसके उपर थिरकना शुरू कर दिया.
गाना चलते चलते कयी बार नेहा अपने डॅन्स मूव्मेंट्स करती हुई कूवोल्गी के नज़दीक तक आई और उस समय कूवोल्गी ने उसे दबा-सहलकर उसके बदन को जी भरकर छेड़ा-कूवोल्गी ने अपने लिंग को अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर उसे बाहर निकाल लिया था और उसे वो अपने हाथ से लगातार सहला रहा था-गाना ख़तम होते ही कूवोल्गी ने नेहा को हुक्म दे डाला-“ घुटनो के बाल बैठो और इसे अपने मूह मे लेकर चॅटो ! “
नेहा समझ गयी थी कि यह सब तो होना ही था-वो अपनी ठीक पोज़िशन मे कूवोल्गी की जांघों के बीच अपने घुटनो के बल बैठ गयी और अपने एक हाथ से उसके खड़े लिंग को सहलाने लगी.कूवोल्गी ने एक हल्की सी चपत नेहा के गालों पर लगाते हुए कहा-“ हाथों से नही,अपने होंठों या फिर जीभ से सहलाओ इसे.” इसके बाद नेहा ने अपनी जीभ उसके खड़े लिंग पर फिरानी शुरू कर दी.
कुछ देर तक कूवोल्गी उसकी जीभ से अपने लिंग पर की जाने वाली इस अद्भुत एरॉटिक मसाज का मज़ा लेता रहा,फिर यकायक उससे बोला-“ ठीक है….अब इसे अपने मूह मे लेकर इस पर अपनी जीभ को गोल गोल घूमाओ ! “ नेहा ने कूवोल्गी के लिंग को अपने गुलाबी होंठों के बीच मे लिया और उस पर गोल गोल अपनी जीभ फिराने लगी.कुछ ही देर बाद कूवोल्गी के मूह से आवाज़ निकली-“ तुम्हारे मूह मे अभी वीरया रस भरने वाला है-ध्यान रहे कि तुम्हे वो सारा का सारा वीरया रस पीना है-एक भी बूँद ज़मीन पर नही गिरनी चाहिए.” यह कहने के साथ ही कूवोल्गी ने उसके मूह मे अपना सारा का सारा वीरया रस छोड़ दिया और नेहा उसे ना चाहते हुए भी पीने लगी.
नेहा को कूवोल्गी ने अपने लिंग से आज़ाद कर दिया था और अपनी पॅंट की ज़िप बंद करने लगा,तभी उसकी नज़र अपने जूतों पर पड़ी –उसके दोनो जूतों पर वीरया रस की कुछ बूंदे छलक कर गिर पड़ी थी-बस कूवोल्गी को तो बहाना चाहिए था-वो नेहा से बोला-“ तुमने मेरे पोलिश किए हुए शूज भी खराब कर दिए-चलो अब तुम्हारी यही सज़ा है कि इन पर अपनी जीभ से पोलिश करके इन्हे चमकाओ !”
कूवोल्गी के लिए यह हुक्म देना जितना सरल था नेहा के लिए उसे एक्सेक्यूट करना उतना ही मुश्किल-कुछ ही देर मे नेहा ज़मीन पर उल्टी होकर पेट के बल लेट गयी क्यूंकी सिर्फ़ इसी पोज़िशन मे रहकर वो अपनी जीभ से कूवोल्गी के जूतों को सॉफ कर सकती थी-नेहा का यह जबरदस्त ह्युमाइलियेशन देखकर कूवोल्गी का लिंग एक बार फिर से तन गया था –उसने नेहा को हूकम देते हुए कहा-“जब तक निशा और सलोनी वापस नही आ जाती तुम इसी तरह लेटी रहो और मेरे शूज चाट चाट कर उन्हे सॉफ करती रहो.समझी…….?”
“ यस सर…….मैं वोही करूँगी जैसा आप चाहते हैं.” नेहा अपनी जीभ कूलगुय के शूज पर फिराते हुए बोली.
अगर आप इस कहानी के सभी पार्ट पढेंगे तो मजा कुछ और होगा
गाना चलते चलते कयी बार नेहा अपने डॅन्स मूव्मेंट्स करती हुई कूवोल्गी के नज़दीक तक आई और उस समय कूवोल्गी ने उसे दबा-सहलकर उसके बदन को जी भरकर छेड़ा-कूवोल्गी ने अपने लिंग को अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर उसे बाहर निकाल लिया था और उसे वो अपने हाथ से लगातार सहला रहा था-गाना ख़तम होते ही कूवोल्गी ने नेहा को हुक्म दे डाला-“ घुटनो के बाल बैठो और इसे अपने मूह मे लेकर चॅटो ! “
नेहा समझ गयी थी कि यह सब तो होना ही था-वो अपनी ठीक पोज़िशन मे कूवोल्गी की जांघों के बीच अपने घुटनो के बल बैठ गयी और अपने एक हाथ से उसके खड़े लिंग को सहलाने लगी.कूवोल्गी ने एक हल्की सी चपत नेहा के गालों पर लगाते हुए कहा-“ हाथों से नही,अपने होंठों या फिर जीभ से सहलाओ इसे.” इसके बाद नेहा ने अपनी जीभ उसके खड़े लिंग पर फिरानी शुरू कर दी.
कुछ देर तक कूवोल्गी उसकी जीभ से अपने लिंग पर की जाने वाली इस अद्भुत एरॉटिक मसाज का मज़ा लेता रहा,फिर यकायक उससे बोला-“ ठीक है….अब इसे अपने मूह मे लेकर इस पर अपनी जीभ को गोल गोल घूमाओ ! “ नेहा ने कूवोल्गी के लिंग को अपने गुलाबी होंठों के बीच मे लिया और उस पर गोल गोल अपनी जीभ फिराने लगी.कुछ ही देर बाद कूवोल्गी के मूह से आवाज़ निकली-“ तुम्हारे मूह मे अभी वीरया रस भरने वाला है-ध्यान रहे कि तुम्हे वो सारा का सारा वीरया रस पीना है-एक भी बूँद ज़मीन पर नही गिरनी चाहिए.” यह कहने के साथ ही कूवोल्गी ने उसके मूह मे अपना सारा का सारा वीरया रस छोड़ दिया और नेहा उसे ना चाहते हुए भी पीने लगी.
नेहा को कूवोल्गी ने अपने लिंग से आज़ाद कर दिया था और अपनी पॅंट की ज़िप बंद करने लगा,तभी उसकी नज़र अपने जूतों पर पड़ी –उसके दोनो जूतों पर वीरया रस की कुछ बूंदे छलक कर गिर पड़ी थी-बस कूवोल्गी को तो बहाना चाहिए था-वो नेहा से बोला-“ तुमने मेरे पोलिश किए हुए शूज भी खराब कर दिए-चलो अब तुम्हारी यही सज़ा है कि इन पर अपनी जीभ से पोलिश करके इन्हे चमकाओ !”
कूवोल्गी के लिए यह हुक्म देना जितना सरल था नेहा के लिए उसे एक्सेक्यूट करना उतना ही मुश्किल-कुछ ही देर मे नेहा ज़मीन पर उल्टी होकर पेट के बल लेट गयी क्यूंकी सिर्फ़ इसी पोज़िशन मे रहकर वो अपनी जीभ से कूवोल्गी के जूतों को सॉफ कर सकती थी-नेहा का यह जबरदस्त ह्युमाइलियेशन देखकर कूवोल्गी का लिंग एक बार फिर से तन गया था –उसने नेहा को हूकम देते हुए कहा-“जब तक निशा और सलोनी वापस नही आ जाती तुम इसी तरह लेटी रहो और मेरे शूज चाट चाट कर उन्हे सॉफ करती रहो.समझी…….?”
“ यस सर…….मैं वोही करूँगी जैसा आप चाहते हैं.” नेहा अपनी जीभ कूलगुय के शूज पर फिराते हुए बोली.
अगर आप इस कहानी के सभी पार्ट पढेंगे तो मजा कुछ और होगा
Re: नशे की सज़ा
नशे की सज़ा--पार्ट--६
गतांक से आगे..........................
ठीक 9.30 बजे जब हम दोनो कमरे पर वापस पहुँची और दरवाज़े पर नॉक किया तो कूवोल्गी ने अपने जूते चाट रही नेहा को कहा-“चलो उठकर खड़ी हो जाओ ! “ नेहा जैसे ही उठकर खड़ी हुई,कूवोल्गी ने दोबारा से उसे हुक्म दिया-“चलो कान पॅक्डो और कोने मे दीवार से लगकर खड़ी हो जाओ ! जब तक मेरा हुक्म ना हो,तुम ऐसे ही खड़ी रहोगी और मेरे अगले ऑर्डर का इंतेज़ार करोगी…समझी ? “
“ यस सर………” नेहा के मूह से निकला.
कूवोल्गी दरवाज़ा खोलने के लिए सोफे से उठकर दरवाज़े की तरफ बढ़ गया-दरवाज़ा खुलते ही मैं और सलोनी कमरे के अंदर आ गयी और हम दोनो की निगाहें यकायक कोने मे कान पकड़कर खड़ी हुई नेहा पर टिक गयी जो पूरी तरह से निर्वस्त्र थी और शरम से उसका चेहरा एकदम लाल हुआ जा रहा था.
हम दोनो खाने के लिए बर्गर,पिज़्ज़ा सॅंडविच और पेस्ट्री लेकर आई थीं ताकि डिन्नर का काम चल सके-कोल्ड ड्रिंक्स और बियर कमरे मे रखे र्फ्रिजरेटर मे पहले से ही काफ़ी मात्रा मे रखे हुए थे-मैने खाने के सारे सामान को डाइनिंग टेबल पर लगाना शुरू कर दिया-लेकिन सलोनी का ध्यान लगातार नेहा पर टिका हुआ था और वो एकदम हाइप्नटिज़ होकर नेहा को ही देखे जा रही थी-कुछ देर बाद उससे रहा नही गया और बोल पड़ी- “ यार इस चिकनी को देखकर मेरी तो भूख प्यास ख़तम हो गयी है-मैं तो इसी को अपना भोजन बनाकर इससे अपनी भूख मिताउन्गि.”
कुछ देर के लिए कूवोल्गी वास रूम मे चला गया और मुझे मालूम था कि वो 5 मिनिट से पहले वास रूम से बाहर आने वाला नही था-मैने इस 5 मिनिट का भी भरपूर फायडा उठाने के लिए नेहा के योनि प्रदेश पर हाथ फ़िरते हुए उससे पूछा- किस बात की सज़ा मिली है तुझे चिकनी-क्या कूवोल्गी को खुश करने मे तुझसे कुछ कमी रह गयी ? “
“नही मॅम..ऐसी बात नही है……..मैने तो वो सब कुछ किया जो सर ने मुझसे कहा……फिर भी उन्होने मुझे ऐसे खड़े रहने का हुक्म दिया और मैं खड़ी हो गयी” नेहा अपने कान पकड़े पकड़े ही बोली.
“ मज़ा आ रहा है ……..कूवोल्गी की स्लेव बनकर..? “ सलोनी ने नेहा के गालों पर हल्की सी चपत लगाते हुए पूछा.
नेहा को शायद समझ नही आया कि क्या जबाब दे-इसलिए कुछ नही बोली.सलोनी ने इसे एक्सक्यूस बनाकर उसके दूसरे गाल पर एक ज़ोर का थप्पर लगाया-“ तूने सुना नही कि मैने क्या सवाल किया..बोल चिकनी…….कूवोल्गी की स्लेव बॅंकर मज़ा आया की नही..”
“ येस मॅम………..” नेहा के मूह से निकला.
इस दौरान कूवोल्गी भी वॉश रूम से बाहर आ गया था और वो सलोनी और नेहा के बीच चल रहे इस नाटक को उत्सुकता से देखने लगा.
“ क्या……यस मॅम……सॉफ सॉफ बोल……..” सलोनी भी पुर मज़े लेने के मूड मे लग रही थी.सलोनी अपने हाथ को नेहा के चिकने पेट पर लगातार फिरा रही थी.नेहा उसकी इस छेड़खानी को सहने के लिए विवश थी क्यूंकी उसने अपने दोनो हाथों से कान पकड़ रखे थे.
नेहा का चेहरा ह्युमाइलियेशन से और भी ज़्यादा लाल हो रहा था क्यूंकी उसे सलोनी ने यह कहने के लिए मजबूर कर दिया-“ यस मॅम मुझे कूवोल्गी सर का सेक्स स्लेव बनने मे बहुत मज़ा आया….”
सलोनी द्वारा किए जा रहे नेहा के इस जबरदस्त ह्युमाइलियेशन को देखकर कूवोल्गी का लिंग एक बार फिर तनकर खड़ा हो गया-डाइनिंग चेर पर बैठता हुआ कूवोल्गी निशा से बोला- “ यार देख ऑलरेडी 10 बज रहे हैं-तुम्हारी यह सहेली इसको इतना ज़्यादा छेड़ रही है क़ि मेरा लिंग बार बार खड़ा हो रहा है-मुझे घर भी पहुँचना है 11 बजे तक-इसलिए तुम लोग अपना खाना पीना करो और मुझे 10-15 मिनिट इस चिकनी के साथ और मौज़ मस्ती करने दो ताकि मेरा खड़ा लिंग किसी तरह शांत हो सके.”
कूवोल्गी की यह बात सुनकर सलोनी बोली- “ अरे यार….कभी हमारे साथ भी रात बिताया करो-घर पर तो हमेशा ही जाते हो….खैर मैं ज़ोर नही डालूंगी…..और संभलो अपनी इस चिकनी को ! “
गतांक से आगे..........................
ठीक 9.30 बजे जब हम दोनो कमरे पर वापस पहुँची और दरवाज़े पर नॉक किया तो कूवोल्गी ने अपने जूते चाट रही नेहा को कहा-“चलो उठकर खड़ी हो जाओ ! “ नेहा जैसे ही उठकर खड़ी हुई,कूवोल्गी ने दोबारा से उसे हुक्म दिया-“चलो कान पॅक्डो और कोने मे दीवार से लगकर खड़ी हो जाओ ! जब तक मेरा हुक्म ना हो,तुम ऐसे ही खड़ी रहोगी और मेरे अगले ऑर्डर का इंतेज़ार करोगी…समझी ? “
“ यस सर………” नेहा के मूह से निकला.
कूवोल्गी दरवाज़ा खोलने के लिए सोफे से उठकर दरवाज़े की तरफ बढ़ गया-दरवाज़ा खुलते ही मैं और सलोनी कमरे के अंदर आ गयी और हम दोनो की निगाहें यकायक कोने मे कान पकड़कर खड़ी हुई नेहा पर टिक गयी जो पूरी तरह से निर्वस्त्र थी और शरम से उसका चेहरा एकदम लाल हुआ जा रहा था.
हम दोनो खाने के लिए बर्गर,पिज़्ज़ा सॅंडविच और पेस्ट्री लेकर आई थीं ताकि डिन्नर का काम चल सके-कोल्ड ड्रिंक्स और बियर कमरे मे रखे र्फ्रिजरेटर मे पहले से ही काफ़ी मात्रा मे रखे हुए थे-मैने खाने के सारे सामान को डाइनिंग टेबल पर लगाना शुरू कर दिया-लेकिन सलोनी का ध्यान लगातार नेहा पर टिका हुआ था और वो एकदम हाइप्नटिज़ होकर नेहा को ही देखे जा रही थी-कुछ देर बाद उससे रहा नही गया और बोल पड़ी- “ यार इस चिकनी को देखकर मेरी तो भूख प्यास ख़तम हो गयी है-मैं तो इसी को अपना भोजन बनाकर इससे अपनी भूख मिताउन्गि.”
कुछ देर के लिए कूवोल्गी वास रूम मे चला गया और मुझे मालूम था कि वो 5 मिनिट से पहले वास रूम से बाहर आने वाला नही था-मैने इस 5 मिनिट का भी भरपूर फायडा उठाने के लिए नेहा के योनि प्रदेश पर हाथ फ़िरते हुए उससे पूछा- किस बात की सज़ा मिली है तुझे चिकनी-क्या कूवोल्गी को खुश करने मे तुझसे कुछ कमी रह गयी ? “
“नही मॅम..ऐसी बात नही है……..मैने तो वो सब कुछ किया जो सर ने मुझसे कहा……फिर भी उन्होने मुझे ऐसे खड़े रहने का हुक्म दिया और मैं खड़ी हो गयी” नेहा अपने कान पकड़े पकड़े ही बोली.
“ मज़ा आ रहा है ……..कूवोल्गी की स्लेव बनकर..? “ सलोनी ने नेहा के गालों पर हल्की सी चपत लगाते हुए पूछा.
नेहा को शायद समझ नही आया कि क्या जबाब दे-इसलिए कुछ नही बोली.सलोनी ने इसे एक्सक्यूस बनाकर उसके दूसरे गाल पर एक ज़ोर का थप्पर लगाया-“ तूने सुना नही कि मैने क्या सवाल किया..बोल चिकनी…….कूवोल्गी की स्लेव बॅंकर मज़ा आया की नही..”
“ येस मॅम………..” नेहा के मूह से निकला.
इस दौरान कूवोल्गी भी वॉश रूम से बाहर आ गया था और वो सलोनी और नेहा के बीच चल रहे इस नाटक को उत्सुकता से देखने लगा.
“ क्या……यस मॅम……सॉफ सॉफ बोल……..” सलोनी भी पुर मज़े लेने के मूड मे लग रही थी.सलोनी अपने हाथ को नेहा के चिकने पेट पर लगातार फिरा रही थी.नेहा उसकी इस छेड़खानी को सहने के लिए विवश थी क्यूंकी उसने अपने दोनो हाथों से कान पकड़ रखे थे.
नेहा का चेहरा ह्युमाइलियेशन से और भी ज़्यादा लाल हो रहा था क्यूंकी उसे सलोनी ने यह कहने के लिए मजबूर कर दिया-“ यस मॅम मुझे कूवोल्गी सर का सेक्स स्लेव बनने मे बहुत मज़ा आया….”
सलोनी द्वारा किए जा रहे नेहा के इस जबरदस्त ह्युमाइलियेशन को देखकर कूवोल्गी का लिंग एक बार फिर तनकर खड़ा हो गया-डाइनिंग चेर पर बैठता हुआ कूवोल्गी निशा से बोला- “ यार देख ऑलरेडी 10 बज रहे हैं-तुम्हारी यह सहेली इसको इतना ज़्यादा छेड़ रही है क़ि मेरा लिंग बार बार खड़ा हो रहा है-मुझे घर भी पहुँचना है 11 बजे तक-इसलिए तुम लोग अपना खाना पीना करो और मुझे 10-15 मिनिट इस चिकनी के साथ और मौज़ मस्ती करने दो ताकि मेरा खड़ा लिंग किसी तरह शांत हो सके.”
कूवोल्गी की यह बात सुनकर सलोनी बोली- “ अरे यार….कभी हमारे साथ भी रात बिताया करो-घर पर तो हमेशा ही जाते हो….खैर मैं ज़ोर नही डालूंगी…..और संभलो अपनी इस चिकनी को ! “