चाचा बड़े जालिम हो तुम--1
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा आपके लिए एक और नई कहानी लेकर आया हूँ दोस्तो वैसे तो आपको मेरी सभी कहानियाँ आप सब को पसंद आती है लेकिन मेरा दावा है ये कहानी आपको बहुत पसंद आएगी . दोस्तो ये कहानी एक ऐसी औरत की है जो अपना वंश चलाने के लिए अपनी बहू को एक सब्जी वाले से ही चुदवा देती है . तो दोस्तो कहानी कुछ इस तरह से है............रज़िया शाह 28 साल की एक शादी शुदा जवान महिला थी उसकी शादी रहमान के साथ 6 साल पहले हुई थी . लेकिन अभी तक उनके कोई बच्चा नही हुआ था . डॉक्टर से जाँच कराने पर रज़िया की रिपोर्ट तो नॉर्मल निकली लेकिन रहमान की रिपोर्ट मे उसके शुक्राणु बहुत कम थे . रज़िया की सास रेहाना बी 60 साल की थी उनके पति 15 साल पहले गुजर चुके थे . जब उनके बेटे की शादी हुई तो रेहाना बी बहुत खुश थी लेकिन शादी के कुछ साल बाद भी जब उनकी बहू के कोई बच्चा पैदा नही हुआ तो उनको चिंता होने लगी . रेहाना बी की चिंता उस दिन और बढ़ गई जब एक दिन उन्होने अपने बेटे की रिपोर्ट पढ़ ली . रेहाना पूरी तरह से नर्वस हो गई कि उनका बेटा कभी बाप नही बन पाएगा . रेहाना बी ने इस मामले को अपने हाथ मे ले लिया उन्होने सारी रिपोर्ट रज़िया को दिखाई . वो किसी भी हाल मे अपने पोते का मुँह देखना चाहती थी चाहे उसके लिए कुछ भी क्यो ना करना पड़े
हरी सिंग एक सब्जी बेचने वाला था . वह पिछले 8-10 साल से रेहाना बी के बंगले के आस पास ही सब्जी बेचता था . हरी सींग की उम्र 40 साल थी वह रेहाना बी को बहन जी बोलता था और रेहाना बी उसे हरी भाई बोलती थी मुहल्ले बाकी सब लोग हरी को हरी चाचा कहते थे हरी देखने मे हॅटा केटा और सुंदर था वो अपने काम के समय शर्ट और धोती पहनता था . दोपहर को हरी रेहाना बी के बंगले के वरांडे मे सीडियो के पास बैठकर ही खाना खाता था रेहाना बी भी उसे अक्सर ठंडा पानी दे दिया करती थी . रेहाना बी ने हरी सिंग से बात करने की शोची लेकिन सवाल ये भी था की अगर हरी मान भी जाता है तो क्या रज़िया एक सब्जी वाले के साथ सोने को तैयार हो पाएगी . फिर रेहाना बी ने सोचा की पहले हरी से बात कर ले फिर वो रज़िया से बात करेंगी
अगले दिन रेहाना बी ने रज़िया को बताया की वो किसी काम से बाहर जा रही है आधे घंटे मे वापस आ जाएँगी दोपहर का समय था काफ़ी लोग रोड पर आ जा रहे थे . रेहाना बी ने सोचा इस समय वो हरी से फ्री होकर बात कर सकेंगी . रज़िया पिशाब के लिए फर्स्ट फ्लोर पर बाथरूम गई . उसने देखा उसकी सास हरी सिंग से बात कर रही है जब 15 मिनट बाद रज़िया वापस आई तो उसने देखा रेहाना बी अभी तक हरी सिंग से बात कर रही थी . ये ठीक नही था वो जानती थी कि जब भी रेहाना बी सब्जी खरीदने हरी सिंग के पास आती तो अक्सर बात करती थी . रज़िया बालकोनी मे आई और वहाँ से दोनो को देखने लगी हरी का मुँह उसकी तरफ था और रेहाना बी की पीठ उसकी तरफ थी
रेहाना बी हरी की छोटी सी दुकान पर गई . हरी ने उनको नमस्ते किया . रेहाना बी ने रोड के इधर उधर देखा और कहा , "हरी भाई मुझे तुमसे एक काम है. काम बड़ा नाज़ुक है, किसी और को मालूम हुआ तो मेरी बड़ी बदनामी होगी. क्या मैं तुमपे भरोसा कर सकती हूँ?"
हरी ने अपनी आँखो ही आँखो मे भरोसा दिलाया और कहा, "कैसी बात करती हो बेहन?आप जो कुछ बोलेंगी वो जान जाने तक किसी को नही पता चलेगा , यहा तक कि आपके बेटे या बहू को भी नही ."
रेहाना बी थोड़ी नर्वस हुई लेकिन फिर उन्होने मन ही मन कुछ सोचा , "हरी देख काम कुछ ग़लत है,कोई भी सास या मा ये काम करने को किसी गैर मर्द को नही बोलेगी. हरी तू जानता है की रहमान की शादी को 6 साल हो गये और अभी उससे औलाद नही हुई. इसमे रज़िया का कोई दोष नही, पूरा दोष रहमान मे है. हरी मुझे मालूम है तूने मेरी बचपन की दोस्त शांति बेन की बहू की मदद की थी,मैं चाहती हूँ वैसे ही मदद तू मेरी बहू की कर और मुझे एक प्यारा सा नाती दे दे उन्होने एक साँस मे ही सारी बात कह दी और हरी के चेहरे की तरफ देखने लगी .
चाचा बड़े जालिम हो तुम compleet
Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम
हरी को अपने कानो पर विश्वास नही हुआ कि रेहाना बी अपनी बहू रज़िया को चोदने के लिए कह रही है क्या ये एक सपना है या सच मे उन्होने ऐसा ही कहा है . हाँ ये सच था कि उसने शांति बेन की बहू को चोदा था . आज उसके एक बेटा था . और वो अपने परिवार मे खुश थी . हरी रेहाना बी के मुँह से दुबारा सुन कर कानो पर विश्वास करना चाहता था . हरी ने रेहाना बी को देखा और कहा "बेहन आपको पोता चाहिए और इसलिए आप चाहती है मैं रज़िया के साथ कुछ करू? मैं हिंदू हूँ और आप मुसलमान, फिर भी आप यह चाहती है? माजी मुझे उसमे कोई दिक्कत नही पर ग़लती से किसी को पता चला तो क्या होगा आप सोच लो. क्योंकि मैं एक हिंदू हूँ और आप एक मुसलमान .
हरी ने रेहाना बी को जाबाब देने के बाद हरी ने देखा कि रज़िया बाल्कनी से उन दोनो को ही देख रही थी
रेहाना बी ने अपने मन मे काफ़ी सोचा फिर बोली , "देख हरी, मेरा ये काम करने के तुम्हे मैं 25000 देने को तैयार हूँ. पर किसी भी तरह बात बाहर नही जानी चाहिए ये देखना तेरा काम है. रही बात हिंदू-मुसलमान की तो तुम तो हमारी मुश्किल जानते हो. मुझे अब तो बस नाती का मुँह देखना है, भले वो पोता मेरे लड़के से हुआ हो या किसी और से. बिना पोते का मुँह देखके मर गयी तो उपर जाके रहमान के अब्बू को क्या मुँह दिखाउन्गि. ये लो 5000 अड्वान्स मे और अब आगे का काम कैसे करना है ये तुम जानो. तुम दोनो को सहूलियत देने के लिए मैं तेरे बोलने पे 15-20 दिन के लिए बेटी के घर जाउन्गि, जब तक मैं वापस आउ तुम काम कर देना मेरा."
हरी ने सोचा आज का दिन कितना शुभ है उसे 5000 रुपये भी मिल रहे है और एक सेक्सी औरत भी . वह कभी पैसो को देखता कभी रेहाना बी को और कभी रज़िया को . उसने रज़िया को छोटी सी स्माइल दी और रेहाना बी से बोला , "वाह बेहन, पैसा भी और बहू भी, मॅज़ा आएगा. ठीक है बेहन मैं आपको पोता दूँगा पर आगे कुछ गड़बड़ हुई तो मुझे मत फँसाना. गड़बड़ मतलब आपका पोता मेरे जैसा दिखे और रहमान ने शक किया और डर की वजह से रज़िया ने अगर आपके लड़के को सब बताया तो वो मुझे मार डालेगा."
रेहाना मुस्कुराइ और बोली, "अरे हरी, रहमान मे अगर मारने का दम होता तो क्या मुझे पोता नही देता. उसकी फिकर मत कर, मैं संभाल लूँगी. पर हां, कोई ज़ोर जबर्जस्ति नही समझे ना? जो भी हो सब राज़ी-खुशी का मामला होना चाहिए ये याद रखना."
हरी , "उसकी चिंता आप छोड़ो, मैं बड़े प्यार से रज़िया को मनाउन्गा. बस आप मुझे 8-10 दिन का वक़्त देना और फिर जब मैं आपसे कहु आप 10-15 दिन के लिए बेटी के घर चली जाना. जब बेटी के घर से आप आओगी तो रज़िया आपको खुश खबरी देगी ये मेरा वादा है बेहन.
हरी ने रज़िया को देखा और बोला , "बेहन अब आप जाओ, पर पीछे मत देखना. पिछले 10मिनिट से रज़िया वाहा खड़ी होके हमे गौर से देख रही है." रेहाना बी घर की तरफ मूडी तो हरी ने रज़िया को स्माइल दी रज़िया ने भी ये जाने बगैर इन दोनो के बीच क्या बात हुई हैं औपचारिकता वश हरी को स्माइल वापस दी
Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम
जैसे हर दोपहर हरी राज़ी के बंगल के वारंडे मे खाना खाने आता था, आज भी आया पर आज सिर्फ़ खाने का मक़सद नही था. आज से रज़िया को पटाने की कोशिश भी करनी थी. रज़िया को पटाके चोद्के उसकी सास को पोता भी देना था हरी को. उस दिन से हरी रज़िया से ज़्यादा बाते करने लगा. बाते करते-करते वो रज़िया का बदन भी देखता.28 साल की रज़िया का बदन कसा हुआ था, गोल चहेरा, बड़ी आँखे, सीने के हिसाब से पतली कमर, पीछे काफ़ी टाइट गांद और सीने पे सबका ध्यान आकर्षित करते मम्मे. रज़िया का रूप निखारते थे. जब हरी रज़िया को घूरते देखता पहले तो रज़िया को अजीब लगता था पर हर्दिन उसे ठंडा पानी देने का काम करना पड़ता. 3-4 दिन नाखुशी से पानी देने के बाद अब रज़िया की शर्म कम हुई. उसने सोचा मर्द औरत को नही देखेगा तो कौन देखेगा? वैसे भी हरी सिर्फ़ उसे देखता था तो देखने दो. उसे अपने रूप पे नाज़ भी था. अब तो पानी देने के बाद रज़िया हॉल मे बैठके हरी से यहा-वाहा की बाते भी करने लगी. ऐसा करते 10-15 दिन बीत गये और अब उन दोनो मे काफ़ी फ्रीनेस आया था. यहाँ तक कि अब हरी से बात करते वक़्त रज़िया के कपड़े कैसे भी होते तो वो शरमाती नही.कई बार पानी देते वक़्त पल्लू ढलता उसका. पहले-पहले जब पल्लू ढलता तो रज़िया शरमाती थी पर अब पानी की बॉटल रखने के बाद टर्न किए बिना, हरी के सामने रज़िया अपना पल्लू ठीक करती. उसे डर इस बात का रहता कि कही रेहानाबी उसे यह सब करते ना देखे. पर अब रेहानाबी खाना खाने के बाद सोने जाती तो रूम से शाम को ही बाहर आती. हरी का घूर्ना रज़िया को अच्छा लगने लगा था. जब हरी उसके पूरे जिस्म पे नज़र घुमाता तो एक बिजली से दौड़ जाती रज़िया के जिस्म मे. अब तो बात यहा तक पहुँच चुकी थी कि रज़िया जब घर मे काम ना हो तो आके बाल्कनी मे खड़ी होके हरी को देखती. हरी भी उसे देखके स्माइल करता. कई बार दोनो मे हसी मज़ाक होती थी और 1-2 बार तो किसी बात पे दोनो ने एक दूसरे को ताली भी दी थी. अपने मुलायम हाथ पे हरी का बड़ा कड़क हाथ एक अजीब से फीलिंग छोड़ जाता रज़िया के. हरी अब ओपन्ली रज़िया की गांद, सीना और चूत देखता और इस बात से रज़िया किसी भी तरह उसे नही रोकती थी सब चलता था. इन सब बातो की रिपोर्ट हरी रेहानाबी को देता और हरी की बात सुनके रेहानाबी को अच्छा भी लगता.
अब 20-25 दिन हो गये इस बात को. एक हिसाब से रज़िया हर दोपहर को हरी के लिए रुकती. यह सब अब तो हरी को भी साँझ आ गया और उसने रेहाना को बेटी के घर जाने कोबोला. उस शाम को रेहाना ने हरी को और 5000 रुपये दिए और रात को खाने के वक़्त अपना बेटी के घर जाने का प्लान रहमान को बताया. प्लान सुनके रज़िया को अच्छा लगा क्योंकि अब वो हरी के साथ और फ्रीली बात कर सकती थी. रज़िया की खुशी रेहाना की आँखो से नही छुपी और उसे अपना प्लान क़यमाब होता नज़र आया. रहमान के सामने हरी तो ग़रीब ज़रूर था पर शायद जिस बात मे मर्द अच्छा होना चाहिए उस बात मे वो अच्छा होगा ऐसा अंदाज़ा रज़िया ने लगाया. दूसरे दिन रेहाना बेटी के घर चली गये. रेहाना बी के जाने के बाद हरी ने 1-2 दिन ऐसे ही जाने दिए. उसके बाद की एक दोपहर को जब तो खाना खाने गया उस्दिन रज़िया ने सिंपल पिंक कलर की कॉटन की सारी और स्लीवेलेस्स ब्लाउस पहना था,ब्लाउस डीप नेकड था, गले मे मंगलसूत्र और पैरो मे पायल थी. यह उसका हर्दिन का पहनावा था पर आज ना जाने क्यों वो हरी को ज़्यादा अच्छी लग रही थी.