खाला के घर में compleet
Re: खाला के घर में
मैं प्यार से बोली, तो अछा किया ना मेरा भी दिल चाह रहा था, खलू बोले, तो फिर कहा करे सब कमरों मे तो कोई ना कोई है, मैं मुस्करा कर बोली, अरे तो यही चोद डालिए ना मुझे कामी तो बड़ी गहरी नींद सोया हुआ है, खलू मेरी बात पर मुस्कुराए और उन्हो ने झट से मुझे नंगा कर दिया, फिर उन्हो ने अपने भी कपड़े उतार दिए और मेरे साथ ही लेट गए, थोड़ी देर तक हम दोनो ऐक दोसरे को किस करते रहे फिर खलू मेरे उपर 69 पोज़िशन मे लेट गये, अब खलू का लंड तो मेरे मुँह के पास था जब के मेरी चूत से खलू का चेहरा टकरा रहा था. 10 मिनिट तक हम दोनो ने ऐक दोसरे का सक किया, फिर खलू लेट गये और मैं अपनी चूत मे खलू का लंड ले कर उनके उपर बैठ गई, खलू ने नीचे से खूब ज़ोर ज़ोर से झटके मारने शुरू कर दिए, खलू के झटके बोहत ज़ोरदार थे और उनके हर झटके पर मैं पूरी उछल जाती थी, मेरे उछलने से मेरे बड़े बड़े मम्मे बुरी तरहा से हिल रहे थे जिस से मुझे तो माज़ा आही रहा था पर खलू को मुझ से ज़ियदा माज़ा आरहा था, माज़े के आलम मे मेरे मुँह से बे इकतियार सिसकारियाँ निकल रही थी, हम दोनो इस पोज़िशन मे थे के ना तो मैं कामी को देख सकती थी और ना खलू, फिर जब खलू ने मुझे लिटाया और खुद उठ कर बैठे तो उनकी नज़र कामी पर पड़ी जो जाग रहा था, वो लेटा हुआ था और उसने अपना नेकर उतार दिया था, अब उसका 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड पूरी तरहा से आकड़ा हुआ था और वो हमे देखता हुआ अपने लंड को मसल रहा था. पहले तो खलू कामी को जागता हुआ देख कर घबराए फिर उन्हे याद आया के कामी भी मुझे चोद चुक्का है तो वो मुस्करा कर कामी से बोले, बेटा कामी क्या देख रहे हो? अपने बाप को मुस्करता हुआ देख कर कामी की हिम्मत बढ़ी और वो बोला, पापा मैं ये देख रहा था के आप तो खूब माज़े से गाज़ल बाजी को चोद रहे हैं और आप का बेटा यहा अपने लंड को हसरत से सहला रहा है. बाप बेटे के बीच मे मैं ने बोलना मुनासिब नही समझा और मैं चुप ही रही. खलू बोले, तुम हसरत से क्यूँ देख रहे हो आओ और आकर अपने बाप की मदद करो, हम दोनो मिल कर गाज़ल को चोदेन्गे. खलू की बात सुनकर कामी झट से अपने बिस्तर से उतरा, उसने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और मेरे बेड पर चढ़ गया, खलू फिर मुझे अपने उपर लेकर लेट गये, उनका लंड अभी तक मेरी चूत मे था, फिर खलू कामी से बोले, बेटा तुम अपना लंड गाज़ल की गंद मे डाल कर इस के उपर लेट जाओ, मैं खलू के उपर लेट गई और कामी अपना लंड मेरी गंद मे डाल कर मेरे उपर लेट गया, अब मैं दोनो बाप बेटे के बीच मे सॅंडविच बन गई थी, फिर दोनो बाप बेटे ने ऐक साथ झटके मारने शुरू कर दिए, बोहत दिनो बाद मुझे दोनो सोराखों से ऐक साथ चुदवाने का मोका मिला था इस लिए मैं खूब माज़ा लेने लगी, दोनो बाप बेटे जानूनी बने हुए कुत्तों की तरहा चोद रहे थे, बोहत दिनो बाद मुझे ऐसी चुदाई नसीब हुई थी इस लिए खूब माज़े के आलम मे सिसकारियाँ लेने लगी. दोनो बाप बेटे ने मुझे सुबह 6 बजे तक चोदा और खलू तो अपने कमरे मे चले गये जब के कामी मुझ से लिपट कर ही सोगया, हम दोनो नंगे ही सोगये थे. सुबह 9 बजे के करीब किसी ने हम दोनो को झंझोर कर उठा दिया, हम दोनो घबरा कर उठ गये, हमे उठाने वाली खाला थी, कामी की तो रूह ही फ़ना होगई अपनी मा को देख कर, खाला गुस्से से मुझ से बोली, गाज़ल ऐसी भी किया बेशर्मी रात मे तुम ने अपनी तसल्ली करी तो कम आज़ कम कपड़े तो पहन कर सोती कोई और कमरे मे आजाता तो, और तुम ने ये लत कामी को भी लगा दी, अभी इस की उमर ही किया है, कामी जल्दी से उठा और अपने कपड़े उठा कर बाथरूम मे भाग गया, मैं अपना सिर झुका कर बोली, वो खाला जान रात 3 बजे के बाद खलू कमरे मे आय थे और फिर जब वो मुझे चोद रहे थे तो कामी उठ गया, फिर खलू ने कामी को भी अपने साथ मिला लिया और दोनो ने मुझे सुबह 6 बजे तक कुत्तों की तरहा चोदा, मैं चुदाई के बाद इतनी थक चुक्की थी के कपड़े पहने बगैर ही सोगाई, मेरी बात सुनकर खाला ने अपने माथे पर हाथ मारा और बोली, ये नरेन के अब्बा पता नही कब सुधरेंगे , अभी बेटा सही से जवान भी नही हुआ और उसको चुदाई पर लगा दिया, मैं बोली, खाला आप कामी की उमर पर ना जाए उसका लंड इस उमर मे भी 7 इंच लंबा है और वो जब चोद्ता है तो चीखे निकाल देता है. खाला ने ऐक दो हत्टर्ड मेरे सिर पर मारा और तिनक कर बोली, तू चुप कर बेशरम, केसे माज़े ले ले कर अपनी चुदाई की बातै कर रही है, मैं हँसी और उठ कर खाला से लिपट गई और बोली, मेरी अछी खाला गुस्सा क्यूँ करती हो, कामी ने आज नही तो कल किसी ना किसी को तो चोदना ही था ना, अछा हुआ जो उसने मुझे चोद लिया, अछा है घर की बात घर मे रह गई, ये बात बाहर निकलती तो बड़ी बदनामी होती, खाला ने फिर तिनक कर मुझे कोसा, हा हा तू तो उसकी तरफ दारी करे गी, ऐक साथ दो दो लंड जो मिल रहे हैं, मैं फिर उनसे चिपटाते हुई बोली, तो इस मे बुराई किया है. अभी हमारी ये बातै चल ही रही थी के कमरे का दरवाज़ा खुला तो हम दोनो ने चोंक कर दरवाज़े की तरफ देखा, मैं अभी तक नंगी थी, आने वाले खलू थे,
Re: खाला के घर में
खलू को देख कर मैं मुस्करा दी, खाला फिर बोली, हा आओ आओ ऐक तुम्हारी ही कमी थी, ये मैं ने क्या सुना है, कल रात तुम ने कामी को साथ मिला कर गाज़ल की चुदाई करी है, खलू मुस्कराते हुए करीब आगाये और बोले, अरे बेगम तो इस मे बुराई किया है, मर्द का बच्चा अगर चुदाई ना करे गा तो क्या करे गा? ये कह कर खलू ने मुझे खाला से अलग किया और मुझे लिपटा कर खाला के सामने ही मुझे किस करने लगे, खाला गुस्से से बोली, नरेन के अब्बा कुछ तो शरम करो, कुछ मेरा ही लिहाज़ करो अभी मैं यहा मोजूद हूँ, खलू ने मेरे कंधों पर दबाब डालते हुए बोले, तो तुम क्यूँ यहा हो, तुम जाओ और बाकी लोगों का ध्यान रखो ज़रा मैं गाज़ल से दो दो हाथ कर लूँ, ये कह कर खलू ने मेरे कंधों पर दबाब डाल कर मुझे घोटनों के बल बिठा दिया. मैं खलू का मतलब समझ गई और मैं ने खलू की शलवार का अज़रबंद खोल दिया और उनका लंड बाहर निकाल लिया, फिर मैं ने उसे मुँह मे लिया और मज़े से कुलफी की तरहा चूसने लगी, खलू ऐक सिसकारी ले कर बोले, हमारा शेर कामी किधर है, खाला बड़बड़ाती होई बोली, वो बाथरूम मे छुपा हुआ है, आप लोगों ने तो बेशर्मी की हद करदी है, ये कह कर खाला बड़बड़ा कर कमरे से चली गई जब के खलू ने ने मुझे खड़ा किया और अपना लंड मेरी चूत मे डाल कर मुझे अपनी गौद मे उठा लिया, इतनी देर मे कामी ने बाथरूम से झाँका तो खलू हंस कर बोले, चल आजा गधे की ओलाद किया बाथरूम मे छुपा हुआ है, खलू की झाड़ सुनकर कामी ने अपने दाँत निकाल दिए. फिर वो भी बाथरूम से बाहर आगेया और उसने आकर पीछे से अपना लंड मेरी गंद मे डाला और फिर दोनो बाप बेटे ने मिल कर मेरी ज़बरदस्त तरीके से चुदाई शुरू करदी और कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूंजने लगा. हम तीनो कमरे से 40 मिनिट बाद निकले, अब्बू नाश्ते की टेबल पर कुछ दोसरे मेहमानों के साथ बैठे थे, हम तीनो भी उनके साथ शामिल होगये. आज वालिमा था इस लिए सब ही अपनी अपनी तय्यारियों मे लग गये. दिन भर खलू ने तो मेरे साथ कुछ नही किया अलबाता कामी को अब अपनी मा का डर नही था इस लिए वो जब भी मुझे अकेला देखता या फिर मैं अकेली खाला के साथ होती तो वो कभी मेरे बूब्स दबाता कभी मुझे किस कर लेता कभी मेरी चूत या गंद मे उंगली कर देता, जब भी कामी खाला के सामने कोई हरकत करता तो खाला सिर्फ़ मुँह बना कर रह जाती थी और मैं मुस्करा देती थी.
क्रमशः.......
क्रमशः.......
Re: खाला के घर में
Raj-Sharma-stories
खाला के घर में--4
गतान्क से आगे.....
वालीमे मे भी मैं ने काफ़ी टाइट सूट पहना था जिस से मेरे बड़े बड़े बूब्स नुमाया थे और मैं काफ़ी लोगों की निगाहों का केन्द्र थी और कामी और खलू का हाल भी इस से कम नही था, फिर जब खाना खोला गया तो सब ही खाने के चक्कर मे लग गये, खलू ने ये मोका देख कर मुझे इशारा किया, मैं उनके पीछे पीछे जेंट्स बाथरूम मे आगई, कामी ने मुझे खलू के साथ बाथरूम मे जाते हो देख लिया था इस लिए वो भी पीछे पीछे अंदर आगया, खलू ने कामी को देखा तो मुँह बना कर बोले, गधे की ओलाद तुम हर वक़्त मेरी जासूसी मे ही लगे रहना, कामी अपने दाँत निकालता हुआ बोला, पापा मैं भी आप ही का बेटा हूँ, जब आप को खुमारी चढ़ सकती है तो किया मुझे नही चढ़े गी, कामी की बात सुनकर मेरी हँसी निकल गई, खलू मुझ से बोले, गाज़ल इस वक़्त सब ही खाने के चक्कर मे हैं और मुझ से बर्दाश्त नही होरहा है, मैं मुस्कराई और बोली, मेरे प्यारे खलू जान कुछ घंटे और इंतिज़ार कर ले घर जाकर जितना दिल चाहे मुझे चोद ली जिए गा, खलू बोले, नही जब तक मुझ से सबर नही होगा, वो मुझसे लिपटने लगे तो मैं बोली, खलू मेरे सूट पर निशान पढ़ जाएँगे, मैं ने आज फिर शरारा और ब्लाउस पहना होवा था, मेरे ब्लाउस थोडा छोटा था जिस से मेरा पेट झलक रहा था. खलू ने मेरी कमर पर लगी ब्लाउस की ज़िप खोल दी, पूरा ब्लाउस ज़िप पर ही टिका हुआ था, ज़िप खोलते ही वो पूरा खुल गया और खलू ने ब्लाउस को मेरे बदन से अलग कर दिया, मेरे शरारे मे अलस्टिक थी इस लिए खलू ने वो खींच कर उतार दिया, अब मैं सिर्फ़ अंडरवेर और ब्राज़ेर मे थी, कुछ देर बाद मेरे बदन पर ब्राज़ेर और अंडरवेर भी नही रहा, खलू ने मुझे दीवार से लगा कर मेरी ऐक टांग उठा कर बाशबेसन पर रख दी जिस की वजा से मेरी चूत के लब खुल गये, कामी ने फॉरन ही नीचे बैठ कर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया, जब के खलू मेरे बूब्स को दबाते हुए मुझे किस करने लगे. अभी हमे कुछ देर ही हुई थी के बाथरूम का दरवाजा खुला और कोई अंदर आगेया, हम तीनो ही घबरा गये, आने वाले 2 मर्द थे, मैं तो उन्है नही जानती थी पर खलू उनको जानते थे, वो दोनो खलू के दोस्त थे ( मुराद साहिब और शकील साहिब ), वो दोनो भी अंदर का मंज़र देख कर चोंक गये थे, फिर मुराद साहिब बोले, वाह खालिद (मेरे खलू का नाम खालिद है) दोनो बाप बेटे मिल कर मज़े कर रहे हो, खलू क्या बोलते शर्मिंदा सी हँसी से बोले, यार वो बस वो मैं ये, खलू के मुँह से सही से अल्फ़ाज़ नही निकल रहे थे. फिर शकील साहिब बोले, अरे यार कोई बात नही मगर अकेले अकेले मज़े करना कोई अछी बात तो नही है तेरे यार दोस्त क्या करेंगे. खलू अब संभाल कर बोले, यार अभी तो नही फिर कभी. मुराद और शकील साहिब भी करीब आगे और बोले, ये फिर कभी की बाते ठीक नही, ये कह कर वो दोनो भी मेरे बूब्स को दबाते हो मेरे जिस्म को सहलाने लगे, खलू बोले, यार ऐसा ना हो जेसे तुम लोग आए हो कोई और ना आजाये, बाद मे वादा तुम लोगों को भी मोका दूँगा, खलू की बात दोनो को समझ आगई और उन लोगों ने मुझे छोड़ दिया, मैं ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन कर अपना हुलिया ठीक किया मगर मुझे जाने से पहले सब को लिपट लिपट कर किस देना पड़ा था. पहले मुराद और शकील साहिब गये, फिर कामी और उसके बाद खलू, थोड़ी देर बाद मे भी बाहर निकली तो बाहर अभी तक खाने का हंगामा चल रहा था और किसी ने नोट ही नही किया के मैं जेंट्स बाथरूम से निकल कर गई हूँ, किसी ने नोट ना करने पर मैं ने शुरकर आड़ा किया. वालीमे का ये हंगामा रात 2 बजे तक चलता रहा, फिर जब हम सब घर पहुचे तो इतने थक गये थे के जाते ही सोगये. दोसरे दिन नाश्ते के बाद जो चंद ऐक मेहमान घर पर रह गये थे वो भी चले गये, कुछ देर बाद अब्बू ने भी अपना समान पॅक कर लिया, खाला अब्बू से कहने लगी, भाई साहिब आप तो जा रहे हैं पर मैं गाज़ल को अपने पास कम से कम महीने दो महीने रखूँगी . अब्बू मुस्कुराए और बोले, गाज़ल आप ही की बेटी है इस को जब तक रखना है अपने पास रखै मैं बीच मे बोलने वाला कोन होता हूँ. अब्बू की बात पर खाला और खलू मुस्करा दिए. थोड़ी देर बाद अब्बू अपना समान लेकर चले गये. अब्बू के जाते ही कामी ने याहूऊ का नारा मारा और मुझे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया, कामी की हरकत से खलू तो मुस्करा दिए जब के खाला ने मुँह बना लिया. थोड़ी देर मे ही कामी मुझे नंगा कर चुक्का था, मेरा नंगा जिस्म देख कर खलू भी मेरे पास आगाये और फिर खलू और कामी ने अपने अपने कपड़े उतार दिए और मुझ पर टूट पड़े, खाला बड़बड़ाती होई उठी और ये कहती होई कमरे से चली गई के नरेन के अब्बा तुम ने तो घर को रंडी खाना बना दिया है. कामी और खलू पर खाला की बात का कोई असर नही हुए और वो दोनो मेरे जिस्म को चूमते और चाटते रहे, थोड़ी देर बाद ही वो दोनो मुझे कुत्तों की तरहा चोद रहे थे और कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूँज रहा था, फिर मुझे चुदवाते चुदवाते दोपेहर होगई, फिर जब खाला हमे खाने के लिए बुलाने आई तो भी दोनो मुझे चोद रहे थे. खाला गुस्से से बोली, बस अब बस भी करे आप दोनो ने तो हद ही करदी है, कुछ गाज़ल का ही ख़याल करे, क्या इसकी हालत खराब करनी है. फिर खलू कुछ कहते मैं बोल पड़ी, रहने दीजिए खाला मुझे कुछ नही होगा आप इन दोनो को अपनी हसरत पूरी करने दे.
खाला के घर में--4
गतान्क से आगे.....
वालीमे मे भी मैं ने काफ़ी टाइट सूट पहना था जिस से मेरे बड़े बड़े बूब्स नुमाया थे और मैं काफ़ी लोगों की निगाहों का केन्द्र थी और कामी और खलू का हाल भी इस से कम नही था, फिर जब खाना खोला गया तो सब ही खाने के चक्कर मे लग गये, खलू ने ये मोका देख कर मुझे इशारा किया, मैं उनके पीछे पीछे जेंट्स बाथरूम मे आगई, कामी ने मुझे खलू के साथ बाथरूम मे जाते हो देख लिया था इस लिए वो भी पीछे पीछे अंदर आगया, खलू ने कामी को देखा तो मुँह बना कर बोले, गधे की ओलाद तुम हर वक़्त मेरी जासूसी मे ही लगे रहना, कामी अपने दाँत निकालता हुआ बोला, पापा मैं भी आप ही का बेटा हूँ, जब आप को खुमारी चढ़ सकती है तो किया मुझे नही चढ़े गी, कामी की बात सुनकर मेरी हँसी निकल गई, खलू मुझ से बोले, गाज़ल इस वक़्त सब ही खाने के चक्कर मे हैं और मुझ से बर्दाश्त नही होरहा है, मैं मुस्कराई और बोली, मेरे प्यारे खलू जान कुछ घंटे और इंतिज़ार कर ले घर जाकर जितना दिल चाहे मुझे चोद ली जिए गा, खलू बोले, नही जब तक मुझ से सबर नही होगा, वो मुझसे लिपटने लगे तो मैं बोली, खलू मेरे सूट पर निशान पढ़ जाएँगे, मैं ने आज फिर शरारा और ब्लाउस पहना होवा था, मेरे ब्लाउस थोडा छोटा था जिस से मेरा पेट झलक रहा था. खलू ने मेरी कमर पर लगी ब्लाउस की ज़िप खोल दी, पूरा ब्लाउस ज़िप पर ही टिका हुआ था, ज़िप खोलते ही वो पूरा खुल गया और खलू ने ब्लाउस को मेरे बदन से अलग कर दिया, मेरे शरारे मे अलस्टिक थी इस लिए खलू ने वो खींच कर उतार दिया, अब मैं सिर्फ़ अंडरवेर और ब्राज़ेर मे थी, कुछ देर बाद मेरे बदन पर ब्राज़ेर और अंडरवेर भी नही रहा, खलू ने मुझे दीवार से लगा कर मेरी ऐक टांग उठा कर बाशबेसन पर रख दी जिस की वजा से मेरी चूत के लब खुल गये, कामी ने फॉरन ही नीचे बैठ कर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया, जब के खलू मेरे बूब्स को दबाते हुए मुझे किस करने लगे. अभी हमे कुछ देर ही हुई थी के बाथरूम का दरवाजा खुला और कोई अंदर आगेया, हम तीनो ही घबरा गये, आने वाले 2 मर्द थे, मैं तो उन्है नही जानती थी पर खलू उनको जानते थे, वो दोनो खलू के दोस्त थे ( मुराद साहिब और शकील साहिब ), वो दोनो भी अंदर का मंज़र देख कर चोंक गये थे, फिर मुराद साहिब बोले, वाह खालिद (मेरे खलू का नाम खालिद है) दोनो बाप बेटे मिल कर मज़े कर रहे हो, खलू क्या बोलते शर्मिंदा सी हँसी से बोले, यार वो बस वो मैं ये, खलू के मुँह से सही से अल्फ़ाज़ नही निकल रहे थे. फिर शकील साहिब बोले, अरे यार कोई बात नही मगर अकेले अकेले मज़े करना कोई अछी बात तो नही है तेरे यार दोस्त क्या करेंगे. खलू अब संभाल कर बोले, यार अभी तो नही फिर कभी. मुराद और शकील साहिब भी करीब आगे और बोले, ये फिर कभी की बाते ठीक नही, ये कह कर वो दोनो भी मेरे बूब्स को दबाते हो मेरे जिस्म को सहलाने लगे, खलू बोले, यार ऐसा ना हो जेसे तुम लोग आए हो कोई और ना आजाये, बाद मे वादा तुम लोगों को भी मोका दूँगा, खलू की बात दोनो को समझ आगई और उन लोगों ने मुझे छोड़ दिया, मैं ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन कर अपना हुलिया ठीक किया मगर मुझे जाने से पहले सब को लिपट लिपट कर किस देना पड़ा था. पहले मुराद और शकील साहिब गये, फिर कामी और उसके बाद खलू, थोड़ी देर बाद मे भी बाहर निकली तो बाहर अभी तक खाने का हंगामा चल रहा था और किसी ने नोट ही नही किया के मैं जेंट्स बाथरूम से निकल कर गई हूँ, किसी ने नोट ना करने पर मैं ने शुरकर आड़ा किया. वालीमे का ये हंगामा रात 2 बजे तक चलता रहा, फिर जब हम सब घर पहुचे तो इतने थक गये थे के जाते ही सोगये. दोसरे दिन नाश्ते के बाद जो चंद ऐक मेहमान घर पर रह गये थे वो भी चले गये, कुछ देर बाद अब्बू ने भी अपना समान पॅक कर लिया, खाला अब्बू से कहने लगी, भाई साहिब आप तो जा रहे हैं पर मैं गाज़ल को अपने पास कम से कम महीने दो महीने रखूँगी . अब्बू मुस्कुराए और बोले, गाज़ल आप ही की बेटी है इस को जब तक रखना है अपने पास रखै मैं बीच मे बोलने वाला कोन होता हूँ. अब्बू की बात पर खाला और खलू मुस्करा दिए. थोड़ी देर बाद अब्बू अपना समान लेकर चले गये. अब्बू के जाते ही कामी ने याहूऊ का नारा मारा और मुझे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया, कामी की हरकत से खलू तो मुस्करा दिए जब के खाला ने मुँह बना लिया. थोड़ी देर मे ही कामी मुझे नंगा कर चुक्का था, मेरा नंगा जिस्म देख कर खलू भी मेरे पास आगाये और फिर खलू और कामी ने अपने अपने कपड़े उतार दिए और मुझ पर टूट पड़े, खाला बड़बड़ाती होई उठी और ये कहती होई कमरे से चली गई के नरेन के अब्बा तुम ने तो घर को रंडी खाना बना दिया है. कामी और खलू पर खाला की बात का कोई असर नही हुए और वो दोनो मेरे जिस्म को चूमते और चाटते रहे, थोड़ी देर बाद ही वो दोनो मुझे कुत्तों की तरहा चोद रहे थे और कमरा मेरी लज़्ज़त भरी सिसकारियों से गूँज रहा था, फिर मुझे चुदवाते चुदवाते दोपेहर होगई, फिर जब खाला हमे खाने के लिए बुलाने आई तो भी दोनो मुझे चोद रहे थे. खाला गुस्से से बोली, बस अब बस भी करे आप दोनो ने तो हद ही करदी है, कुछ गाज़ल का ही ख़याल करे, क्या इसकी हालत खराब करनी है. फिर खलू कुछ कहते मैं बोल पड़ी, रहने दीजिए खाला मुझे कुछ नही होगा आप इन दोनो को अपनी हसरत पूरी करने दे.