रीटा की तडपती जवानी compleet

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rajaarkey
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Re: रीटा की तडपती जवानी

Unread post by rajaarkey » 02 Nov 2014 16:09



राजू के सम्मोहीत सा ईगल-सप्रेड हुई गौरी चिट्टी रीटा की बला सी खूबसुरत लबालब रस से भरी नन्ही सी सुडौल आमन्त्रण देती फुद्दी और रबड बैंड सी टाईट गुलाबी गाँड का आँखों ही आँखों में चौदने लगा। रोमवहीन गन्जी फुद्दी के रिक्त्त्म चीरे से रीटा का कंपकपाता छोटा सा कागजी बादाम सा दाना राजू को जैसे लल्कार दे रहा था। राजू को लगा के वो अब बिना हाथ लगाये ही झड़ जायेगा। दृश्य देख कर राजू का बिफरे हुआ लन्ड ने पानी के कई तुपके छोड दिये "ओहऽऽ रीटा यू आर सौ बयूटीफूल"

जैसे ही राजू का हाथ शरारत करने के लिये आगे आया, रीटा ने झटपट फुद्दी और गाँड को वापिस अपनी टांगो मे भींच लिया और बोली "नो नो भईया दिस ईज़ नाट अलाउड। अब आप अपना तौता दीखाओ, नही तो ये गेम यहीं खत्त्म" रीटा राजू को प्यार से धमकाती हुई बोली।

"ओके ओके, तुम खुद ही देख लो और जौ जी मे आये कर लो" राजू ने बात बिगड़ने के डर से सबर से काम लेन ठीक समझा।

"ओह भईया आई लव यू एन्ड यू आर सो क्यूट" रीटा राजू की बात सुन कर खुशी के मारे चिल्ला सी पडी और राजू की गाल पे पटाक से एक चुम्मा ठोक दिया। रीटा घुटने मोडे राजू के आगे कारपेट पे बैठ गई और चरर्ऽऽऽऽ की अवाज़ से हसीन रीटा ने कांपते नाजुक हाथौं से राजू की पैंट की जिप्प खींच दी। राजू का कच्छा नीचे खिचंते ही राजू का आठ ईंच्च लंबा लन्ड फटाक से रीटा के मुह पर लगा तो रीटा की डर के मारे चीख निकल गई "ऊईऽऽऽऽऽऽऽऽमांऽऽऽ ईत्त्ता बडा हाय रब्बाऽऽऽ मैं मर जांऊऽऽऽ"

खुली हवा मे आठ ईन्च लन्ड झटको के साथ उपर उठता चला गया और बुरी तरह से लोहे सा टना टन छत की तरफ अकडा गया। मौटे लन्ड का गीली गीली जामनी गुलाबी टोपी के उपर खूब बडा सुराख था। खून की तेज़ी से मजबूत लन की नसै फूल गई और लन हवा मे ही झटके खाने लगा। लन्ड़ के नीचे खूब बडे बडे सावले सलौने ट्टटौ की रेशमी थैलियां।

रीटा के जीवन का आज सब से महत्वपूर्ण दिन था। अंगूठे चूसने की उमर मे रीटा को शानदार और जानदार लन्ड चूसने को मिल गया था। सम्मोहीत सी रीटा झटके खाते लन्ड़ को लपक के अपने छौटे छौटे मखमली हाथौ मे ले कर लौड़े की उपरी चमड़ी को नीचे सरका दी, तो राजू की सिसकारी ही निकल गई। सख्त और सुलगते लौड़े के सुपाड़े से निकली सुगंधित हवा का झौंका रीटा के नथुनौ में घुस कर रीटा का दिल बाग बाग कर गया। रीटा के फूल से नादान हाथौं की गरमी और नरमी पा कर राजू को लन्ड़ ने कम्पकपां कर झरझरा के थौडा सा पानी छोड दिया।

मदहोशी में राजू की आँखें बंद सी हो गई। रीटा ने लन पर अपनी छोटी सी मुट्ठी कस कर उपर नीचे करने लगी। अब रीटा की मंजील करीब थी लन्ड़ की खूबसूरती के आगे अब रीटा राजू को भूल चुकी थी। रीटा अपने हौंटो पे भूखी बिल्ली की तरहा जीभ फेर रही थी और रीटा की हल्की भूरी आँखों मे बला की चमक थी।

तभी रीटा ने अचानक झटके से राजू के लन्ड़ की टोटनी पे अपने लाल लाल रसीले हौंट चिपका दिये और राजू की आखो मे आखे डाल कर चुसड़ चुसड़ कर लालीपौप की तरहा चुस्सा मारने लगी। रीटा ने अपना छोटा सा मुह पूरा खोल कर राजू का लन्ड़ अपने गले तक अंदर ले लिया तो राजू के मजे की सीमा न रही और राजू चीख पडा।

राजू की चीख सुन कर उत्तेजित रीटा ने लन्ड़ पर अपना मुह आगे पीछे करने लगी, तो राजू ने घस्से मार मार का रीटा के सुन्दर मुख को चोदना शुरू कर दिया। राजू ने लन्ड़ को रीटा के गले तक ठोक दिया। रीटा की जीभ रह रह कर राजू को लन्ड़ पे वार पे वार कर रही थी। कभी कभी रीटा नीचे से उपर तक राजू के औजार को प्यार से दाँतों से रगड देती। अब रीटा खुल कर और बुन्ड तक जोर लगा कर राजू का लन्ड चुसड चुसड कर के चूसने लगी। रीटा ने अपनी जीभ से लन्ड की गरारी को छेड कर पूरे जोर से चुस्सा मारा तो लन्ड ने भरभरा कर सारा रस रीटा के मुह मे छोड दिया। प्यासी रीटा लन्ड की झडन का कतरा कतरा पीने मे मस्त हो गई।

rajaarkey
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Re: रीटा की तडपती जवानी

Unread post by rajaarkey » 02 Nov 2014 16:10

रीटा की गाँड की चुदाई


हांफते और करहाते हुए, बड़ी ही मुशकिल से ज़बरदस्ती जोर लगा कर राजू ने रीटा के मुँह से अपना लन्ड़ को झटके से "प्लापऽऽ" की ऊंची आवाज़ के साथ बाहर खींचा। ऐसा लगा की जैसे शैम्पयन की बौतल से कार्क हटाने से आवाज आई हो। लन्ड़ का सुपाड़ रीटा के मुख चोदन से गुलाबी से जामनी हो गया। और रह रह कर झटके खा रहा था। दम तोडते लन्ड़ ने आखीरी दो पिच्कारीयाँ रीटा के सुन्दर सलोने चेहरे पर पडी। वासना से अन्धी हुई रीटा हाँफती सी अपनी साप सी लम्बी और गुलाबी जबान को बाहर निकाल कर सड़प सड़प की आवाज़ से राजू के लन्ड़ की सफेद मलाई को भूखी बिल्ली की तरह चाट गई।


राजू के लन्ड़ के कस बल निकाल रीटा की आँखों मे अज़ीब सी सन्तुष्टी थी। पर रीटा की चूत की हालत बद से बदतर हो गई थी। रीटा की जाघें घुटनौ तक तर बतर थी और पनयाई हुई चूत से पानी अब बह सा रहा था। रीटा अपना सिर पकड कर कारपैट पे ठेर होती बोली "हायऽऽऽ भईया अब मे कया करू" रीटा अपने चुच्चे को मसलती और चूत को रगड़ती और कसमसाने लगी। रीटा वासना मे खुमार में अपनी कंदली जाघे रगड़ती सिसकती सी बोली "सीऽऽऽऽ भईया ऐसे तो मैं पागल हो जाऊ गीं"

हाँफनें सी रीटा की नंगी लौहार की धौंकनी सी फैलती सुकुड़ती छातीयाँ छत को छूने को बेताब लग रही थी। याकूत से सुर्ख लाल निप्पल्लस अकड कर एक एक ईंच्च लम्बे हो चुके थे। रीटा ने अपने घुटनौ को उपर उठ कर बेशर्मी से चौड़ा किया तो गजब की खूबसुरत चूत और चूत की पड़ौसन ने सारे कमरे मे जैसे रौशनी सी फैला दी। चूत एकदम सफाचट, जुगनु सी जगमग करती चिकनी चूत पर रौयों का नामो नीशान न था। भला खेलने के मैदान मे घास का कया काम।

राजू ने रीटा की दहकती और जलती जवानी को खींच कर अपने आगौश मे ले लिया गौदी में बैठाने से पहले ही समझदार रीटा ने खुद ही अपना सकर्ट उपर उठा कर अपनी नंगे रेशमी अंगो से राजू का लन्ड़ मसल सा डाला। रीटा ने अपनी गौरे बाजू राजू के गले मे डाल कर सीऽऽऽ सीऽऽऽ करती ज़ौर ज़ौर से अपना जलता और गीला यौवन रगड़ कर राजू के लन्ड़ खडा करने लगी|

राजू ने धधकती सुलगती जवानी को बाहो मे ले कर ताबा तौड़ पटाक पटाक से चुम्बन रीटा के गुलाबी गालौं पर जड दिये। रीटा ने भी राजू पे जवाबी चुम्मीयोँ की बौछार सी कर दी। रीटा को अपनी गाल चुसवा कर बहुत ही मजा आ रहा था। पुच्च पुच की लम्बी लम्बी गीली गीली आवाजो से और गीली फुद्दी की रगड से लन्ड़ का ठरक बुलल्दीयों पर पहुंच गया। निहाल और बलिहारी हुई रीटा अब राजू से अगं प्रतयंग पर गीली मुहरे ठुकवा रही थी।

राजू अब रीटा के नीचे वाले हौट को चूसने और काटने लगा, तो रीटा ने अपनी पिंक जुबान बाहर निकाल दी। राजू ने भी झट से रीटा की जुबान को अपने मुह मे सटक कर बुरी तरह चूसने लगा बीच बीच मे रीटा भी राजू की ज़बान को अपने मुह मे खीच कर जवाब दे देती। तो कभी कभी दोनो की जुबाने मिल कर डांस सा करने लगती। रीटा बुरी तरह राजू की जुबान को बहुत बुरी तरह वहशी हो कर चूस रही थी। एक बार राजू को लगा कि अगर उस नें जुबान को धीला छोडा तो शायद रीटा राजू की जुबान को पी ही ना जाये।

रीटा की मलाई सी गुदगुदी गाँड और गीली सटीमिंग चूत की घिसन से राजू का लन्ड़ फिर से तुनके लगा कर खडा होने लगा। रीटा ने राजू का सरसराते लन्ड़ अपनी रेशमी मुलायम जाघो मैं दबौच कर मसलने और पीसने लगी, तो राजू हाय हाय कर उठा। बावली रीटा पटाक की अवाज़ से चुम्मबन तौड़ती और हाँफनें हुई राजू के कान मे फुसफुसाती बोली "भईया आप को छोटी छोटी स्कूल गर्ल्स से ऐसी बाते करते शर्म नही आती"?

"बेब्बी अब तुम जवान और समझदार हो गई हो" राजू बच्ची रीटा के नंगे मुम्मौ पे चुम्बन ठोकता और सकर्ट के नीचे हाथ आगे बड़ता बोला।

रीटा राजू के आगे अपने मुम्मै नचाती और सताती सी बोली "पर भईया मैं तो आप की छोटी बहन जैसी हूँ "।

"अच्छा तो मैं यह सब नही करता" यह कह राजू ने अपना हाथ वापिस खींच लिया तो रीटा झट से ठुनक कर झूटे गुस्से से बोली "अरेऽऽऽ मैने ऐसा तो नही कहा था"।

अब तो राजू ने अपनी हथेली रज़ामंद रीटा की पानी पानी हुई चूत से चिपका दी और उपर से रीटा का एक चुच्चे की टौटनी को हौंटौं में ले जोर से पीने लगा। अब तो रीटा अपने आप को भूल चुकी थी रीटा ने अपना पूरा का पूरा मुम्म राजू के मुह मे ठोक दिया। रीटा का सारा बदन कमान की तरह अकड गया और झनझना उठा।

अनजाने मे ही चुदास मस्ती मे आई रीटा के मुह से निकल गया "ऊफऽऽऽ बाबा रेऽऽऽऽ बाबा भईयाऽऽऽ आप तो बड़े बहनचौद निकले। बहनचौद भाई अगली बार मैं राखी तेरे पप्पू पर ही बांधूगी"। फिर राजू की अुंगली नीचे सरकती हुई रीटा की फूल सी तूफानी जवानी की नरमी, गरमी और गहराई भांपने लगी।

रीटा ने पूरी अुंगली गपकने के लिये अपनी चूत को ठीला दिया और कमर को आगे और उपर को उछालने लगी। अुंगली जड़ तक अन्दर लेने को बाद रीटा ने अपनी टाईट चूत की मखमली फाकौं से भींच कर टाँगो को बंद कर के राजू के हाथ को जैसे हमेशा के लिये कैद कर लिया। जब राजू ने रीटा के जी सापाट को गुदगुदाया तो सवाद से रीटा का पौर पौर पिनपिना उठा। रीटा जोर से सिसकारा मार राजू की अुंगली को अपनी जानदार फाको मे भींचती खौलती और चूतड़ौ पे राजू के डंन्डे से लन्ड़ की सखती का मजा लेती बोली "सीऽऽऽऽ भईया उफ आप बहुत ज़ालिम हो सीऽऽऽ हाय हाय भईया मैं तो एसे मर जाऊ गीऽऽऽ सीऽऽऽऽ कुछ करीये नाऽऽऽ" मजे की ज्यादती से रीटा बडी अदा से अपने नीचे वाले हौंट के कोने को दांतौ मे दबा, दोनो हाथौं को ढीला कर जोर जोर से झटकने लगी।

दोस्तों कहानी अभी बाकी है कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना
Rita Raut
क्रमशः...................

rajaarkey
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Re: रीटा की तडपती जवानी

Unread post by rajaarkey » 02 Nov 2014 16:11


रीटा की तडपती जवानी--4
By- Rita Raut
गतांक से आगे...............................
राजू वासना के जवालामुखी मे धधकती रीटा की हालत ताड गया़ अब राजू खुद भी रीटा को छोडने वाली हालत मे नही था। रीटा को धुमा कर रीटा की पीठ अपनी तरफ कर के रीट के शर्ट से बाहर आये आज़ाद चुच्चौ में अपनी अगुलीया़ धंसा दी और पौं पौं करने लगा। इस हालत मे तो यह चिकनी चिडीया की गाँड तो दे ही देगी, ये सोच राजू ने रीट की गाँड को उपर उठा कर चूतडौ को दाँतौं से कचौचने लगा। राजू की दंदीयां तो उलटी हईु रीटा पे कहर बन के गिरीं। साथ मे ही राजू ने रीटा की गाँड को अपनी जबान से गुदगुदा कर ठेर सारा थूक से गीला कर दिया। और अपने लन्ड़ का गरम सुपाड़ा रीटा की चूत के पानी से तर गाँड पर टीका दिया तो नादान रीटा सिहर कर अपनी कुंवारी गाड को जौर से भींच कर लौड़ का रास्ता रोक बोली "भईया मै तो बहुत छौटी हूँ "

राजू रीटा की गाड के सुराख पर परेशर बडाता बोला "चिन्त्ता मत करो बेब्बी, इस हालत में तुम्हारी शदाई चूत या गाँड किसी गधे का लन्ड़ सटक सकती है और फिर थूक से मेने तुम्हारी एकदम गीली कर दी है" रीटा पीछे मुड़ कर राजू की तरफ देखती मासूमीयत से बोली "पर भईया कहीं मेरी फट गई तो"?

राजू बोला "बेबी बहुत प्यार से मारूगा और फिर मैं तो कुछ कर भी नही रहा। जो भी करना हे वो तुम्ही को करना है"

राजू की झूठी तसल्ली से रीटा ने अपनी गाँड को आहिस्ता आहिस्ता ठीला छोड दिया। रीटा की चूत थूक और राजू की अपनी लेस से लिबडे लन्ड़ की टौपी "पक्क" की आवाज़ से रीटा की गाँड मे घुस गया "आईऽऽऽऽऽ" हल्की सी मीठी दर्द की लहर और मजे़ से रीटा चीख सी उठी और गाँड को दुबारा से भींच लिया। ईतनी छोटी, टाईट और बच्ची गाँड में राजू का लण्ड पिन पिना उठा।

परन्तु तुरन्त ही रीटा ने चुदास मस्ती मे अपनी गाँड को ठीला छोड अपने दात भींच कर राजू के लोह लन्ड़ पर बैठती सी चली गई। राजू का दहकता सरीये सा लौडा़ रीटा की बेहद टाईट गाँड की मखमली दीवारो को रगड़ता शैन शैन अन्दर घुसता चला गया। गाँड के रेशमी चुगंल मे फसा लौडा हिनहिना कर बिफर उठा। बार बार रीटा राजू के लौडे को अपनी गाँड को भींच कर चूस सा देती थी तो राजू को अपनी नानी याद आ जाती थी।

जैसे तैसे खुद रीटा ने लगभग तीन चौथई लौड़े को अपनी गाँड मे सटक ही लिया और हाँफती बोली "आहऽऽऽ बस भईया और नही ले सकती मैं। आप का तो बहुत ही मोटा और लम्बा है" रीटा पीछे मुड़ कर राजू की तरफ देखती बोली, तो शैतान राजू ने मौका देख रीटा के होंटो अपने होंटो मे प्यार से दबा कर चूसने लगा और साथ ही रीटा की पतली कमर पकड कर नीचे दबा कर और नीचे से लगातार एक के बाद एक तीन जबरदस्त धक्के लगा कर रीटा की गाँड मे पूरा का पूरा मुगदर सा लन्ड़ पेल दिया। राजू की मजबूत बांहो मे रीटा किसी घायल चिडीया सी फड़फडा़ के रह गई। बेचारी बेबस बिलबिलाती रीटा की चीख चुम्बन मे ही घुट के रह गई। पीडा से नन्ही रीटा की आंखो मे मोटे मोटे आंसू गुलाबी गालों पर लुडकते चले गये।

राजू के लन्ड़ पर रीटा की गाँड टाईट रबडबैंड की तरहा चढी हुई थी। रीटा करहाती और रोती हुई बोली "आहऽऽ ईऽऽऽऽ मेरी फट गई आहऽऽऽऽ मुझे नही करवाना ये सब भईया छोड दो मुझे" गिडगिडाती रोती रीटा ने दर्द की वजहा से अपने दौनौ होटौं को दाँतों मे दबा कर चीखौं को रोकने की असफल कोशिश कर रही थी।

परन्तु ठरक से अन्धा राजू अडीयला सांड़ की तरह काबू मे आई हुई नई कबुतरी रीटा को जबरदस्ती बालौं से पकड रीटा का मुह कारपैट पर लगा दिया,तो रीट की गाँड अब छत की तरफ उठ गई और राजू चीखती चिल्लाती रीटा के दबौचे हुऐ अपने लन्ड़ को थौड़ सा बाहर खींच कर दुबारा पूरा का पूरा अंदर ठौक दिया।

रीटा का सकर्ट अब उलट चुका था और रीटा की कसमसाती गोरी गोरी मखमली गाँड बाहर झाँक रही थी। सकूल ड्रैस और कुत्त्त्तीया सटाईल मे रीटा और भी सैक्सी लगने लगी थी। राजू ने बेरेहमी से शैतान लौडीयाँ की गाँड मारने लगा। रीटा गाँड को टाईट कर राजू के लन्ड़ को रौकने की असफल कोशीश करने लगी तो राजू ने तैश मे आ कर रीटा के उचके हुऐ चुतडौं पे खींच कर पूरे जौर से पाँच छ: थप्पड़ जमाते हुए बोला "साली फाड़ के रख दुंगा, अगर अपनी गाँड को टाईट किया तो" राजू के हाथ रीटा की मलाई सी गौरी गाँड पर छपते चले गये साथ मे राजू ने ठेर सारा थूक रीटा गाँड पे थूक दिया। जल्दी की राजू का आगे पीछे होता मस्त थूक से सना लन्ड़ रीटा को मस्ती देने लगा।

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