छोटी सी भूल compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: छोटी सी भूल

Unread post by raj.. » 02 Nov 2014 21:51

उसने फिर से सर उपर उठा कर कहा, प्लीज़ खोल दो ना.

मैने अपनी आँखे बंद कर ली और अपना नाडा खोलने के लिए अपने हाथ नाडे पर रख दिए.

मैं घबरा भी रही थी और मदहोश भी हो रही थी.

एक पल के लिए मैं गहरी चिंता मैं डूब गयी.

मेरे हाथ मेरे नाडे पर थे और बिल्लू बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा था कि मैं नाडा खोल कर अपनी योनि बेपर्दा कर के उशके हवाले कर दू.

फिर वो पल आ ही गया जिसका कि बिल्लू को इंतेज़ार था.

मैने नाडा खोल दिया और अपने हाथो में अपना चेहरा छुपा लिया.

उसने कहा, ये हुई ना बात, जवानी का मज़ा ऐसे ही लिया जाता है.

उसने मेरी सलवार नीचे सरका दी और मेरी पॅंटी को देख कर बोला, तुझे एक काम और करना पड़ेगा, ये पॅंटी भी सरका दो तो मेरा काम बन जाए.

मैने कहा, अब तुम खुद करलो जो करना है, मेरे बस में जो था मैने कर दिया.

वो गिड़गिदते हुवे बोला, नही प्लीज़ सरका दो ना इसे भी, मुझ पर रहम करो मैं सारी रात तेरे लिए तडपा हूँ, अब और मत तद्पाओ

मैने कहा तो तुम खुद क्यो नही सरका लेते ?

उसने कुछ नही कहा और मेरी पॅंटी के उपर से ही मेरी योनि को चूमने लगा.

मैं और ज़्यादा बेचन हो उठी.

उसने कहा कब तक यू ही तड़पोगी सरका लो ना ये पॅंटी.

अब मैने बिना सोचे समझे अपनी पॅंटी नीचे सरका दी और वो मेरी योनि पर झट से टूट पड़ा.

उसने मुस्कुराते हुवे कहा, तू सच में बहुत अछी है.

मैने कोई जवाब नही दिया और आँखे बंद कर ली.

बिल्लू ने मेरी योनि की पंखुड़ियो को फैलाया और फैला कर मेरी योनि को चाटने लगा, उसके थूक से मेरी पूरी योनि गीली हो गयी.

मैं सोच रही थी कि बिल्लू ने ये सब कहा से सीखा.

बिल्लू ने मेरी योनि की फन्खुदियो को होंटो में दबा लिया और उन्हे बेतहासा चूमने लगा.

मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैने कल की तरह फिर से उशके सर को थाम लिया.

उसने मेरी योनि पर से मूह हटा कर पूछा, अछा लग रहा है ना तुझे ?

मैने कहा, मुझे नही पता तुम जल्दी से ये सब करके चले जाओ, कोई आ जाएगा.

उसने कहा, तू कैसी बात करती है, अभी तो मज़ा आने लगा है, और तू कहती है कि जल्दी से कर के चले जाओ, मेरे लंड का क्या होगा जो कब से तेरी चूत में घुस्सने की राह देख रहा है.

ये सब सुन कर मेरी साँसे और ज़्यादा तेज हो गयी.

मैने कहा, बिल्लू कोई आ जाएगा, तुम्हे यहा से जल्दी जाना होगा.

वो बोला, तो चल ना मेरे घर चलते है

मैने कहा, नही मैं दुबारा वाहा नही जाना चाहती.

उसने कहा, कोई बात नही, यही रहते है, कोई आएगा तो मुझे एलेक्ट्रीशियन बता देना, किशी को शक नही होगा.

ये कह कर वो फिर से मेरी योनि पर मूह लगा कर उशे बेतहासा चूमने लगा.

उसकी जीभ मेरी योनि पर यहा वाहा फिसल रही थी, और मैं अजीब सी बेचानी में खोती जा रही थी. मुझे कल से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.

मैं बाहर से तो गीली थी ही अंदर से भी तर बतर हो गयी थी.

अचानक वो रुक गया और मेरे सामने खड़ा हो गया और अपनी ज़िप खोलने लगा.

मैने आँखे झुका कर देखा तो पाया कि उसका लिंग बिल्कुल मेरी योनि के सामने झूल रहा था.

मैं चाह कर भी उशके लिंग से अपनी नज़र नही हटा पाई.

वो बोला, मुझ से अब रुका नही जा रहा, देख मेरा लंड कैसे खड़ा है तेरे लिए, बता देगी क्या अपनी चूत ?

मैने कहा, चुप रहो ऐसी बाते मत करो, जाओ यहा से, हम यहा ये सब नही कर सकते.

वो मेरे करीब आ गया और अचानक उसका लिंग मेरी योनि से टकरा गया, मैं हड़बड़ा कर पीछे हट गयी.

वो बोला, मेरे लंड को भी तेरी चूत चूम लेने दो इसका भी थोड़ा मन बहल जाएगा, पूरी रात ये तेरे लिए तडपा है.

मैने पूछा, तुम कैसी बाते करते हो, ज़रा भी शरम नही करते.

वो बोला, शरम करता तो तेरी जैसी हसीना को कैसे पाटाता.

वो ये कह कर फिर से मेरे करीब आ गयाउसका लिंग अब मेरी योनि की पंखुड़ियो से टकरा रहा था.

मैं घबरा कर फिर से पीछे हट गयी.

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: छोटी सी भूल

Unread post by raj.. » 02 Nov 2014 21:51

मैने कहा समझा करो, कोई आ गया तो, मैं कही की नही रहूंगी.

उसने मुझे गोदी में उठा लिया और बोला, मुझे बस एक बात समझ आ रही है कि आज तेरी आछे से लेनी है, बता तेरा बेडरूम कहा है.

मैने कहा, नही रूको, मुझे नीचे उतारो मैं तुम्हारे साथ वाहा नही जा सकती.

पर वो मुझे गोदी में लेकर बेडरूम ढूनदने निकल पड़ा.

बेडरूम कही छुपा नही था, बेडरूम का दरवाजा खुला होने के कारण वो उसे झट से पहचान गया और बोला, मिल गया ?

मैने कहा, बिल्लू वो सिर्फ़ मेरे और मेरे पति का कमरा है तुम वाहा नही जा सकते.

उसने कहा, ये अजीब बात है यार, मैं तेरी गांद मार सकता हू, तेरी चूत चाट सकता हू पर तेरे बेडरूम में नही जा सकता, क्या मज़ाक है ये ?

मैने कहा कुछ भी हो पर तुम वाहा नही जाओगे.

पर वो नही माना और मुझे गोदी में उठाए हुवे मेरे बेडरूम में घुस्स गया

मैं उसे नही रोक पाई.

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी सलवार उतारने लगा.

मैने पूछा, ये क्या कर रहे हो ?

उसने जवाब दिया, तुझे पूरी नंगी कर के चोदुन्गा.

मेरे हाथ पाँव काम करना बंद कर चुके थे.

मैं इस बात के कारण थर, थर काँप रही थी कि मैं बिल्लू के साथ अपने बेडरूम में थी अगर कोई आ गया तो मैं बुरी तरह फँस जाउन्गि.

बिल्लू ने एक झटके में मेरी सलवार उतार कर एक तरफ फेंक दी और पॅंटी को उतारने लगा.

मैं चाह कर भी उसका विरोध नही कर पा रही थी.

एक पल में मेरी आँखो में वो दिन घूम गया जब उसने मेरे घर के पीछे की झाड़ियो में मेरे साथ एनल सेक्स किया था. ये सब याद करके मेरी धड़कन इतनी तेज हो गयी की मेरी साँसे फूलने लगी.

ये सोच कर कि अब वो क्या करने जा रहा है मैं और भी ज़्यादा बेचन हो उठी.

उसने एक झटके में मेरी पॅंटी भी उतार कर दूर फेंक दी.

अचानक मेरी नज़र उशके लिंग पर गयी, वो अभी भी उसकी ज़िप से बाहर था और पूरी मजबूती से खड़ा हुवा था.

मुझे अचानक ख़याल आया कि, ये इतना बड़ा क्यो है, आज फिर मुझे दर्द होगा.

मैं ये सोच रही थी कि अचानक मेरा ध्यान टूट गया. बिल्लू के हाथ मेरी कमीज़ को उपर सरका रहे थे.

मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, बिल्लू इतना बहुत है, कोई आ गया तो मैं जल्दी में सारे कपड़े कैसे पहनूँगी.

उसने बड़ी बेशर्मी से कहा, तेरी जैसी हसीना की तो नंगी कर के ही लूँगा, तुझे क्या पता तेरे अंग, अंग में कैसा नशा है. एक भी कपड़ा मज़ा कराब कर देगा.

ये कह कर उसने मेरी कमीज़ भी उतार दी.

अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्रा थी.

उसने बड़ी बेशर्मी से कहा, अब इन मोटे-मोटे संतरों को भी आज़ाद कर दो देंखु तो सही इन में कितना रस है.

मैं शर्मा उठी.

मैने कहा तुम खुद उतार दो.

उसने कहा, यार मुझे ब्रा उतारनी नही आती तू खुद उतार दे ना.

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: छोटी सी भूल

Unread post by raj.. » 02 Nov 2014 21:52

मैने थोडा गुस्से में कहा तुम एक नंबर के कामीने हो.

पर वो ये सुन कर मुस्कुरा दिया, और बोला, जैसा भी हू तेरा दीवाना हूँ, प्लीज़ मेरे लिए ये ब्रा भी उतार दो.

मैने आँखे बंद कर के अपनी ब्रा उतार कर एक तरफ रख दी.

पर रह रह कर बार बार मुझे ये चिंता सता रही थी कि मुझे बिल्लू के साथ अपने बेडरूम में नही होना चाहिए.

मैं सोच रही थी कि अछा होता अगर में उसके साथ उसके घर ही चली जाती.

बिल्लू ने आगे बढ़ कर मेरे उभरो को थाम लिया और उन्हे बेरहमी से कुचलने लगा.

संजय भी मेरे उभरो को बहुत मसालते थे, पर बिल्लू कुछ अलग ही ढंग से उन्हे कुचल रहा था.

उसने अचानक बहुत ज़ोर से मेरे उभरो को दबाया, मेरे मूह से चीन्ख निकल गयी…आआहह आराम से

वो बेशर्मी से बोला, आराम से कुछ नही होगा, तुझे मज़ा लेना है तो थोड़ा ज़ोर से तो दब्वाना पड़ेगा ही.

मैने गुस्से में कहा मुझे कोई मज़ा नही लेना हट जाओ.

वो बोला, रुक तो सही तुझे सच में अछा लगेगा.

वो अलग अलग ढंग से मेरे उभरो को दबाता रहा.

दबाते हुवे वो बोला, आज तक मैने ऐसे बूब्स नही दबाए, सच बहुत सेक्सी है तेरे बूब्स.

मैने कुछ नही कहा, मैं गुस्सा भूल कर अब और ज़्यादा बहकति जा रही थी.

सच में मुझे मज़ा आने लगा था, मुझे मेरे उभरो में अजीब सी बेचनि हो रही थी, जैसी की मैने आज तक महसूस नही की थी.

ऐसा लग रहा था जैसे की मेरे उभार उशके हाथो का खिलोना बन कर खुद को ख़ुसनसीब महसूष कर रहे थे.

उसने मेरा एक निपल होंटो में दबा लिया और उसे चूसने लगा, मेरी साँसे और ज़्यादा भड़क गयी और मैने उसके सर को दोनो हाथो से थाम लिया.

वो मेरे निपल को मूह से निकाल कर बोला, ये हुई ना बात तू ऐसे ही मज़ा ले चिंता की कोई बात नही है.

मैने फॉरन उसके सर से हाथ हटा लिए.

उसने हंसते हुवे कहा अरे क्या हुवा पकड़ लो ना मुझे भी अछा लग रहा था.

पर मैने फिर से उशके सर पर हाथ नही रखा,

मैं फिर से उशे मुझ पर हँसने का मोका नही देना चाहती थी.

वो बारी बारी से मेरे निपल्स को चूस्ता रहा और मैं चुपचाप मदहोशी में वाहा पड़ी रही.

मेरे निपल्स से मूह हटा कर वो बोला, तेरे अंगूर बहुत मीठे है इन में ऐसा क्या भर रखा है.

मैं शर्मा कर रह गयी.

वो फिर से अपने काम में लग गया.

अचानक वो मेरे उभारो से हट गया और मेरी टाँगो के बीच आकर बैठ गया.

वो मेरी योनि पर झुक गया और फिर से मेरी योनि को चूसने लगा. मैं फिर से इतनी ज़्यादा मदहोश हो गयी कि मैने उशके सर को थाम लिया.

थोड़ी देर बाद बिल्लू हट गया और अपनी शर्ट उतारने लगा.

मैने कहा, ये क्या कर रहे हो तुम आज ज़रूर मुझे मरवाओगे.

वो हंसते हुवे बोला, तू घबरा मत तेरा कुछ नही बिगड़ेगा, पर बेचारी तेरी चिकनी चूत ज़रूर मारी जाएगी.

ये कह कर उसने एक झटके में अपनी शर्ट उतार का एक तरफ फेंक दी. उसकी छाती पर हल्के हल्के बाल थे, जिन्हे मैं टकटकी लगा कर देख रही थी.

फिर वो अपनी पॅंट उतारने लगा.

मैने अब उसे रोकना ठीक नही समझा, वैसे भी वो मेरी सुन-ने वाला तो था नही.

Post Reply