ड्राइवर बोला, “मेंसाब्, सुरेश बाबू ने मुझे आपके पास भेजा है”.
“हां हां मुझे पता है. तुम हमें ब्लॅकमेल कर रहे हो, तुम्हे शरम आनी चाहिए. ” ?? पिंकी ने गुस्से में ड्राइवर से कहा.
पिंकी पूरी चदडार ओढ़े हुवे थी और चदडार के अंदर से ही ड्राइवर को डाँटते हुवे बोल रही थी.
“जब आप लोगो को शरम नही आती तो भला मुझे क्यो शरम आनी चाहिए. और हां ‘मेंसाब्’, आप मुझे अछी लगती हो, तभी सुरेश बाबू से आपके बारे में बात की, वरना मुझे क्या पड़ी थी यहा आने की”
“सूरत देखी है अपनी, अछी लगती हूँ….हा…… अपनी औकात में रहो”. --- पिंकी ने ड्राइवर से गुस्से में कहा.
“औकात में ही हूँ मेंसाब् वरना अबतक मैं कबका संज्ञा मेंसाब् को सब कुछ बता चुका होता” --- ड्राइवर ने हंसते हुवे कहा
पिंकी ने अपने मूह से हल्की सी चदडार हटाई और ड्राइवर की और देखते हुवे कहा, “ये सब करके तुम्हे क्या मिल जाएगा”
ड्राइवर ने मुश्कूराते हुवे कहा, “वही जो सुरेश बाबू को आप से मिलता है, मेंसाब्”
“शूट उप… योउ बस्टर्ड, तुम्हारी इतनी हिम्मत” ---- पिंकी चील्ला कर बोली.
“मैने सुरेश बाबू को वादा किया है मेंसाब् इसीलिए तमीज़ से पेश आ रहा हूँ, इसका मतलब ये नही है कि आप मुझे अँग्रेज़ी में गालियाँ दो” --- ड्राइवर ने चेहरे पर गंभीरता लाते हुवे कहा
देखो में तुम्हे अभी पैसे दे देती हूँ, तुम कहीं भी किसी प्रॉस्टिट्यूट के पास चले जाओ.
“मुझे ना पैसे चाहिए और ना ही मुझे किसी प्रॉस्टिट्यूट के पास जाना है, जो सौदा हुवा था वो पूरा कीजीए. सुरेश बाबू तो कह रहे थे कि आप तैयार है. मैं अभी उन्हे बुला कर लाता हूँ” --- ड्राइवर ने पिंकी से कहा
ड्राइवर वाहा से जाने के लिए मुड़ा ही था कि पिंकी बोल पड़ी, “नही, नही रहने दो, उसकी कोई ज़रूरत नही है”.
“ज़रूरत है मेंसाब् आप तो कुछ और ही बाते कर रहीं है, आप की खातिर मैं अपनी संजना मेंसाब् को धोका दे रहा हूँ और आप है कि मुझे यू ही तरका रही है” ---- ड्राइवर ने पिंकी की और देखते हुवे कहा.
पिंकी कुछ नही बोली और कमरे की छत को देखते हुवे किसी गहरी चिंता में खो गयी
ड्राइवर उशके पास आ गया और उसे उपर से नीचे तक देखने लगा, उशके चेहरे पर हवश के भाव सॉफ दीख रहे थे.
“पर एक बात है मेंसाब् जो बात आप में है वो किसी भी प्रॉस्टिट्यूट में नही होगी, उनके साथ करने का क्या मज़ा, आप ही मान जाओ ना” ----- ड्राइवर ने अपने पेनिस को मसालते हुवे कहा
“शूट उप,….. यू पिग..” ----- पिंकी चील्ला कर बोली
“अछा मैं पिग हूँ…….., आप ग़लत भासा का इश्तेमाल कर रही है मेंसाब्” ---- ड्राइवर गंभीरता से बोला.
ये कह कर, ड्राइवर ने पिंकी के उपर से चदडार खींच ली और खींच कर दूर फेंक दी, और बोला, “देंखु तो सही कि आप क्या है”
“बदतमीज़ ये क्या कर रहे हो, चदडार दो मुझे जल्दी” ---- पिंकी ने गुस्से में चील्ला कर कहा.
पिंकी को नंगा देख कर ड्राइवर की आँखो में चमक आ गयी. पिंकी उस से चदडार माँग रही थी और वो पिंकी को घुरे जा रहा था.
पिंकी अपने हाथो से अपने बदन को ढकने की पूरी कोशिस कर रही थी. पर ड्राइवर को पूरा नज़ारा मिल रहा था.
“अरे आप तो एक दम नंगी पड़ी है…हे..हे”….अछा अब समझ में आया, आप मेरे साथ यू ही नाटक कर रही थी, तभी तो कहूँ कि सुरेश बाबू तो कह रहे थे कि आप मेरे साथ करने के लिए तैयार है, फिर अचानक क्या हो गया.” ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
पिंकी ने झट से एक तकिया अपने बूब्स पर रख लिया और एक तकिया अपनी टाँगो के बीच में अपनी योनि को छुपाने के लिए दबा लिया और बोली, “तुम्हे ज़रा भी तमीज़ नही है क्या, मैं कोई तैयार नही हूँ, मुझे मजबूर किया जा रहा है”.
ड्राइवर का ध्यान तो पिंकी के नंगे बदन पर था, वो पिंकी की बातो की परवाह किए बिना,उसे एक तक उपर से नीचे तक देखे जा रहा था.
“हाए रे अपनी 38 साल की जींदगी में मैने ऐसा नज़ारा नही देखा, क्या मस्त माल हो आप मेंसाब्” ------ ड्राइवर ने अपने पेनिस को मसालते हुवे कहा
“देखो मुझे चदडार दे दो, वरना” ----- पिंकी गुस्से में बोली
ड्राइवर गिड़गिदाते हुवे बोला, “देखने दो ना मेंसाब्, जब करना ही है तो प्यार से कीजीए ना. इसमें मजबूरी की क्या बात है, मैं आपको खुस कर दूँगा”.
“चुप रहो तुम, और बकवास मत करो” ---- पिंकी ने चील्ला कर ड्राइवर से कहा.
“ठीक है मेंसाब् बात कम और काम ज़्यादा करते है, मैं भी यही चाहता हूँ,… हे..हे…हे…हे” --- ड्राइवर हंसते हुवे बोला
ये कह कर ड्राइवर ने पिंकी के बूब्स पर से ज़बरदस्ती तकिया खींच लिया और उसके एक बूब्स को ज़ोर से दबोच लिया.
पिंकी चील्ला उठी, उउऊययययीीई….. आराम से. पागल हो क्या ?
“आपको नंगा देख कर थोड़ा सा हो गया हूँ. माफ़ कीजीए ज़रा ज़ोर से दब गया”. --- ड्राइवर ने मुश्कूराते हुवे कहा.
“छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है, तुमने सुरेश से वादा किया था कि तुम तमीज़ से पेश आओगे.” ---- पिंकी ने ड्राइवर से कहा
“हां किया था पर इसका ये मतलब नही है कि मैं आपके संतरे नही निचोड़ूँगा” ड्राइवर ने पिंकी के बूब्स को फिर से ज़ोर से दबोचते हुवे कहा.
“आआहह दर्द हो रहा है, तुम आराम से नही कर सकते क्या” ---- पिंकी ने गिड़गिदाते हुवे कहा.
ड्राइवर ने पिंकी के बूब्स पर पकड़ थोड़ी ढीली कर दी और बोला, “अब ठीक है मेंसाब्” ?
“कुछ ठीक नही है, तुम मुझ से दूर हो जाओ”, मैं ये सब नही कर सकती”.---- पिंकी ने थोड़ा झल्लाते हुवे कहा.
“ठीक है मैं सुरेश बाबू को फोन लगाता हूँ, वही आकर आपको समझाएँगे” ---- ड्राइवर ने कहा
पिंकी तुरंत बोल पड़ी, “अरे नही रूको,…… अछा कर लो….. पर आराम से”.
“मैं आराम से ही तो दबा रहा था, मेंसाब्, आप भी ना बस. पर एक बात है, आप हो बहुत प्यारी. काश आपके जैसी मेरी बीवी होती तो मज़ा आ जाता ? --- ड्राइवर ने पिंकी को प्यार से कहा.
“देखो अपनी औकात मत भूलो, और तमीज़ से पेश आओ वरना” ? --- पिंकी ने गुस्से में ड्राइवर से कहा
“वरना क्या ? मुझे धमकी मत दो मेंसाब्, वरना मैं अभी जा कर संजना मेंसाब् को सब कुछ बता दूँगा” --- ड्राइवर ने पिंकी के बूब्स को ज़ोर से दबाते हुवे कहा.
पिंकी फिर से चीन्ख पड़ी, उउय्य्यीइ कहा था ना आराम से.
पिंकी के चेहरे पर दर्द सॉफ दिखाई दे रहा था.
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Re: छोटी सी भूल
“मैं तो आराम से ही कर रहा हूँ, आप ही बार बार मुझे गुस्सा दिला रहे हो” --- ड्राइवर ने कहा.
तभी ड्राइवर पिंकी के बूब्स पर झुक गया और उशके बायें निपल को मूह में लेकर बुरी तरह चूसने लगा.
पिंकी ने उशके सर को अपने बूब्स से हटाते हुवे कहा “दूर हटो, जानवर कहीं के, ये कौन सा तरीका है” ?
पर ड्राइवर पिंकी के हटाने से कहा हटने वाला था. आख़िर कहा वो मोटा तगड़ा ड्राइवर और कहा पतली सी पिंकी, उसकी उसके आगे एक नही चली.
कोई 10 मिनूट तक वो पिंकी के बूब्स को चूस्ता रहा और पिंकी बार बार उसे अपने बूब्स से हटाने की कोशिस करती रही.
और अचानक वो हांपते हुवे पिंकी के बूब्स को छ्चोड़ कर उसकी ब्रेस्ट से हट गया और बोला, आप मुझे बार बार हटा क्यो रही थी ? ये सब तो करना ही है ना, फिर क्यो ऐसा कर रहीं है आप. ऐसे मैं नही कर पाउन्गा, आप सुरेश बाबू को बुला लीजिए, जैसा वो कहेंगे वैसा कर लेंगे.
“तुम जानवरो की तरह क्यो कर रहे हो, आराम से नही कर सकते क्या, मुझे दर्द हो रहा था, तुम्हारे दाँत चुभ रहे थे मुझे, और ये लाल-लाल क्या लगा दिया यहा” --- पिंकी ने अपने बूब्स की ओर देखते हुवे गुस्से में कहा.
“ओह सॉरी मेरे मूह में पान था,….. लीजिए अब मैं आराम से चूसूंगा” ---- और ये कह कर उसने पिंकी के बायें बूब्स को मूह में ले लिया और धीरे धीरे चूसने लगा.
वो थोड़ी देर चूसने के बाद बोला, अब ठीक है मेंसाब्, या थोडा और आराम से करूँ. आप जैसा कहेंगी मैं वैसा ही करूँगा.
“ठीक है, ठीक है…….. पिग कहीं का” ---- पिंकी ने ड्राइवर से गुस्से में कहा
“क्या कहा आपने मेंसाब्”---- ड्राइवर ने पिंकी से पूछा.
पिंकी ने जवाब दिया, “कुछ नही तुम अपना काम करो”
पिंकी बेड पर लेटी हुई थी, उसकी टॅंगो के बीच में तकिया था और वो ड्राइवर उशके बूब्स पर झुका हुवा था और पागलो की तरह उशके बूब्स को एक, एक करके चूस रहा था.
अचानक वो खड़ा हो गया और अपनी शर्ट उतारने लगा.
पिंकी ने कहा, “ये क्या कर रहे हो, कपड़े मत उतारो ऐसे ही कर लो, जो करना है”
“नही मेंसाब्, जब तक आपके गोरे बदन से मेरा नंगा बदन नही टकराएगा तब तक मज़ा नही आएगा” ---- ड्राइवर पिंकी की और हंसते हुवे बोला.
“तुम बहुत बदतमीज़ हो” --- पिंकी ने अपनी आँखे बंद करके कहा.
पिंकी के साथ साथ मैने भी अपनी आँखे बंद कर ली.
थोड़ी देर बाद मैने आँखे खोल कर देखा तो वो वाहा बिल्कुल नंगा खड़ा था, उष्की जाँघो में घने बॉल थे और बालो के बीच में उसका वो लटक रहा था.
“मेंसाब् मेरी तरफ देखिए ना” --- ड्राइवर ने हंसते हुवे कहा.
“क्यो ? तुम क्या बहुत शुनदर हो ?” ---- पिंकी ने गुस्से में पूछा.
“मैं शुनदर ना सही पर मेरा ये ज़रूर आपके काम का है” ------- ड्राइवर ने अपने पेनिस को हाथ में ले कर कहा.
पर पिंकी ने उसकी ओर नही देखा और चुपचाप आँखे बंद किए पड़ी रही.
“आपकी दिखाओ ना, देंखु तो सही आपकी कैसी है” --- ड्राइवर गिड़गिदाते हुवे बोला.
“शूट उप यू अग्ली पिग” ---- पिंकी झल्ला कर बोली
“शूट उप कहने से काम नही चलेगा मेंसाब्, आपको मुझे अपनी देनी है, अगर दिखाएँगी नही तो देंगी कैसे” ? ---- ड्राइवर ने कहा
ये बोल कर उसने पिंकी की टाँगो के बीच से तकिया खींच लिया और चील्ला कर बोला, “अरे क्या चिकनी है आपकी ……म्म्म्ममम….एक भी बॉल नही है….. मेरे यहा तो पूरा जंगल उगा हुवा है”
“मैं तुम्हारी तरह जानवर नही हूँ, तकिया वापस दो मुझे” ---- पिंकी ने गुस्से में कहा.
“तकिया नही मेंसाब् अब तो आपको कुछ और दूँगा” --- ड्राइवर मुश्कूराते हुवे बोला.
ये कह कर वो बेड पर चढ़ गया और पिंकी की टाँगो के बीच में आ गया.
पिंकी वाहा से उठने लगी पर उसने ज़ोर से उसे एक हाथ से दबा कर वही लेटा दिया. पिंकी उस मोटे के एक हाथ के नीचे ही दब गयी और छटपटाने लगी.
“देखो ज़बरदस्ती मत करो, जो करना है आराम से करो, अपना वादा मत भूलो” --- पिंकी अब गिड़गिदाते हुवे बोली.
तभी ड्राइवर पिंकी के बूब्स पर झुक गया और उशके बायें निपल को मूह में लेकर बुरी तरह चूसने लगा.
पिंकी ने उशके सर को अपने बूब्स से हटाते हुवे कहा “दूर हटो, जानवर कहीं के, ये कौन सा तरीका है” ?
पर ड्राइवर पिंकी के हटाने से कहा हटने वाला था. आख़िर कहा वो मोटा तगड़ा ड्राइवर और कहा पतली सी पिंकी, उसकी उसके आगे एक नही चली.
कोई 10 मिनूट तक वो पिंकी के बूब्स को चूस्ता रहा और पिंकी बार बार उसे अपने बूब्स से हटाने की कोशिस करती रही.
और अचानक वो हांपते हुवे पिंकी के बूब्स को छ्चोड़ कर उसकी ब्रेस्ट से हट गया और बोला, आप मुझे बार बार हटा क्यो रही थी ? ये सब तो करना ही है ना, फिर क्यो ऐसा कर रहीं है आप. ऐसे मैं नही कर पाउन्गा, आप सुरेश बाबू को बुला लीजिए, जैसा वो कहेंगे वैसा कर लेंगे.
“तुम जानवरो की तरह क्यो कर रहे हो, आराम से नही कर सकते क्या, मुझे दर्द हो रहा था, तुम्हारे दाँत चुभ रहे थे मुझे, और ये लाल-लाल क्या लगा दिया यहा” --- पिंकी ने अपने बूब्स की ओर देखते हुवे गुस्से में कहा.
“ओह सॉरी मेरे मूह में पान था,….. लीजिए अब मैं आराम से चूसूंगा” ---- और ये कह कर उसने पिंकी के बायें बूब्स को मूह में ले लिया और धीरे धीरे चूसने लगा.
वो थोड़ी देर चूसने के बाद बोला, अब ठीक है मेंसाब्, या थोडा और आराम से करूँ. आप जैसा कहेंगी मैं वैसा ही करूँगा.
“ठीक है, ठीक है…….. पिग कहीं का” ---- पिंकी ने ड्राइवर से गुस्से में कहा
“क्या कहा आपने मेंसाब्”---- ड्राइवर ने पिंकी से पूछा.
पिंकी ने जवाब दिया, “कुछ नही तुम अपना काम करो”
पिंकी बेड पर लेटी हुई थी, उसकी टॅंगो के बीच में तकिया था और वो ड्राइवर उशके बूब्स पर झुका हुवा था और पागलो की तरह उशके बूब्स को एक, एक करके चूस रहा था.
अचानक वो खड़ा हो गया और अपनी शर्ट उतारने लगा.
पिंकी ने कहा, “ये क्या कर रहे हो, कपड़े मत उतारो ऐसे ही कर लो, जो करना है”
“नही मेंसाब्, जब तक आपके गोरे बदन से मेरा नंगा बदन नही टकराएगा तब तक मज़ा नही आएगा” ---- ड्राइवर पिंकी की और हंसते हुवे बोला.
“तुम बहुत बदतमीज़ हो” --- पिंकी ने अपनी आँखे बंद करके कहा.
पिंकी के साथ साथ मैने भी अपनी आँखे बंद कर ली.
थोड़ी देर बाद मैने आँखे खोल कर देखा तो वो वाहा बिल्कुल नंगा खड़ा था, उष्की जाँघो में घने बॉल थे और बालो के बीच में उसका वो लटक रहा था.
“मेंसाब् मेरी तरफ देखिए ना” --- ड्राइवर ने हंसते हुवे कहा.
“क्यो ? तुम क्या बहुत शुनदर हो ?” ---- पिंकी ने गुस्से में पूछा.
“मैं शुनदर ना सही पर मेरा ये ज़रूर आपके काम का है” ------- ड्राइवर ने अपने पेनिस को हाथ में ले कर कहा.
पर पिंकी ने उसकी ओर नही देखा और चुपचाप आँखे बंद किए पड़ी रही.
“आपकी दिखाओ ना, देंखु तो सही आपकी कैसी है” --- ड्राइवर गिड़गिदाते हुवे बोला.
“शूट उप यू अग्ली पिग” ---- पिंकी झल्ला कर बोली
“शूट उप कहने से काम नही चलेगा मेंसाब्, आपको मुझे अपनी देनी है, अगर दिखाएँगी नही तो देंगी कैसे” ? ---- ड्राइवर ने कहा
ये बोल कर उसने पिंकी की टाँगो के बीच से तकिया खींच लिया और चील्ला कर बोला, “अरे क्या चिकनी है आपकी ……म्म्म्ममम….एक भी बॉल नही है….. मेरे यहा तो पूरा जंगल उगा हुवा है”
“मैं तुम्हारी तरह जानवर नही हूँ, तकिया वापस दो मुझे” ---- पिंकी ने गुस्से में कहा.
“तकिया नही मेंसाब् अब तो आपको कुछ और दूँगा” --- ड्राइवर मुश्कूराते हुवे बोला.
ये कह कर वो बेड पर चढ़ गया और पिंकी की टाँगो के बीच में आ गया.
पिंकी वाहा से उठने लगी पर उसने ज़ोर से उसे एक हाथ से दबा कर वही लेटा दिया. पिंकी उस मोटे के एक हाथ के नीचे ही दब गयी और छटपटाने लगी.
“देखो ज़बरदस्ती मत करो, जो करना है आराम से करो, अपना वादा मत भूलो” --- पिंकी अब गिड़गिदाते हुवे बोली.
Re: छोटी सी भूल
ड्राइवर ने पिंकी की बात पर ध्यान नही दिया और अपने पेनिस पर थूक लगाने लगा.
उसने मूह से, थूक-थूक कर अपने पेनिस को काफ़ी चीकना कर लिया और बोला, “लीजिए मेंसाब् में आपकी लेने के लिए तैयार हूँ, क्या आप तैयार हो” ?
“नही मैं तैयार नही हूँ” --- पिंकी गिड़गिदाते हुवे बोली.
“ठीक है फिर, अभी तैयार कर देता हूँ आपको” ---- ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
वो पिंकी की योनि के उपर झुका, और उशके उपर थूक दिया.
“ओह्ह्ह्ह छी ये क्या कर रहे हो” --- पिंकी ने ज़ोर से पूछा.
“आपको तैयार कर रहा हूँ, मेंसाब्” --- ड्राइवर फिर मुश्कूराते हुवे बोला.
उसने पिंकी की योनि में उंगली से थूक सरका दिया और बोला, “लीजिए हो गयी आप तैयार, अब मैं आपकी जी भर कर मारूँगा”
पिंकी उसके हाथ के नीचे पड़ी पड़ी सब सह रही थी.
ड्राइवर ने उसके उपर से हाथ हटा लिया और बड़ी फुर्ती से उसकी टाँगो को अपने दोनो कंधो पर रख लिया.
“रूको…. मैं अभी तैयार नही हूँ ?…”---- पिंकी ने फिर से गिड़गिदाते हुवे कहा.
“मैने आपकी चूत में थूक लगा दिया है मेंसाब् आप चिंता मत करो फिसलता हुवा आराम से जाएगा” ------- ड्राइवर बड़ी बेशर्मी से बोला.
“देखो तुम ज़बरदस्ती कर रहे हो, ये ठीक नही है, पीछे हटो” पिंकी ने गुस्से में कहा.
“ये ज़बरदस्ती नही है मेंसाब्, लगता है आपने अभी ज़बरदस्ती देखी ही नही है, ज़बरदस्ती कर रहा होता तो आप यहा पड़ी हुई रो रही होती”. ----- ड्राइवर ने कहा
“ज़बरदस्ती नही तो और क्या है” --- पिंकी ने ड्राइवर से पूछा.
अगर ये आपको ज़बरदस्ती लग रहा है तो ठीक है मैं जा रहा हूँ, संजना मेंसाब् के पास, उनको सच सच बता कर कोई अछा काम ही कर लूँ, यहा आपके साथ ज़बरदस्ती करने का क्या फ़ायडा.----- ड्राइवर गंभीरता से बोला.
“मेरा ये मतलब नही था” --- पिंकी ने कहा
“आपने मरवानी है तो आराम से मर्वाओ और ये नखरे मत करो, मुझे कोई शॉंक नही है आपके साथ ज़बरदस्ती करने का. ------ ड्राइवर ने पिंकी से कहा.
ये कह कर ड्राइवर ने अपने दायें हाथ में अपना पेनिस पकड़ कर पिंकी के होल पर लगा दिया.
“रूको ऐसा मत करो, कम से कम कॉंडम तो चढ़ा लो.” ---- पिंकी ने गिड़गिदाते हुवे कहा.
“मेंसाब् इस वक्त कॉंडम तो नही है, आपके पास हो तो दे दिजीये” ----- ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
“मैं क्या कॉंडम ले कर घूम रही हूँ, पिग कही का” --- पिंकी गुस्से में बोली
“क्या सुरेश बाबू भी कॉंडम लगा कर करते है” --- ड्राइवर ने पिंकी से पूछा
“उस से तुम्हे कोई मतलब नही है समझे” --- पिंकी झल्ला कर बोली.
“मेंसाब् कॉंडम की कोई ज़रूरत नही है, ऐसे ही करने दो ना, आप तो गोलियाँ खाती ही होंगी” ----- ड्राइवर ने पिंकी से कहा.
“शूट उप, तुम नीच लोगो का क्या भरोसा, कहा कहा मूह मारते फिरते हो, मुझे कोई बीमारी लगा दी तो, जाओ पहले कॉंडम ले कर आओ” --- पिंकी ने कहा.
ऐसा लग रहा था जैसे कि पिंकी ड्राइवर को बातो में उलझाने की कोशिश कर रही है, वो बार बार कॉंडम की माँग कर रही थी, क्योंकि उसे पता था कि ड्राइवर के पास कॉंडम नही है. शायद वो सोच रही थी कि इस तरह से वो बच सकती है.
तबतक पिंकी की योनि के होल के उपर से ड्राइवर का लिंग हट चुका था, इसलिए वो हाथ से लिंग को उशके होल पर टीकाने की कोशिश कर रहा था.
अपने लिंग को पिंकी के होल पर रख कर ड्राइवर ने कहा, मेंसाब् में तो डालने जा रहा हूँ, आपको ऐसे ही बिना कॉंडम के करना होगा, मुझ से अब रुका नही जा रहा..
“नही मुझे कोई बीमारी लगाओगे क्या” --- पिंकी झट से बोली.
“मुझे कोई बीमारी नही है मेंसाब्, आप चिंता मत करो और आराम से कर्वाओ” ---- ड्राइवर ने पिंकी को कॉनविसे करते हुवे कहा.
उसकी हर प्लॅनिंग बेकार होते देख पिंकी ने कहा, “देखो तुम्हारा बहुत बड़ा है, अंदर नही जाएगा, ऐसा करते है मैं तुम्हारा हाथ से कर देती हूँ.
“आप डरो मत मेंसाब्, आप कोई कुँवारी तो हो नही, एक साल से सुरेश बाबू को दे रही हो, अब तक तो आपकी खुल चुकी होगी”----- ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
“ये तुम्हे किसने बताया, की एक साल से…..” ----- पिंकी ने हैरानी भरे शब्दो में पूछा.
“क्यों झूठ है क्या” ---- ड्राइवर ने पूछा
“पहले तुम बताओ किसने बताया” --- पिंकी ने ड्राइवर से पूछा.
“यू ही पीछले हफ्ते सुरेश बाबू के मूह से निकल गया था कि वो आपको एक साल से जानते है, इसीलिए अंदाज़ा लगाया, सही है ना मेरा अंदाज़ा, मेंसाब्…हे..हे..हे” ------ ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
“शूट उप यू बस्टरड” ------- पिंकी ने चील्ला कर कहा
“ओके, मेंसाब् हे… हे.. आप तो बुरा मान गयी, सॉरी माफ़ कर दीजिए” ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
ये कह कर ड्राइवर ने अपने दायें हाथ में अपने पेनिस को पकड़ा और उसे पिंकी की योनि पर थोडा मसल कर, सही जगह फिट कर दिया.
उसने मूह से, थूक-थूक कर अपने पेनिस को काफ़ी चीकना कर लिया और बोला, “लीजिए मेंसाब् में आपकी लेने के लिए तैयार हूँ, क्या आप तैयार हो” ?
“नही मैं तैयार नही हूँ” --- पिंकी गिड़गिदाते हुवे बोली.
“ठीक है फिर, अभी तैयार कर देता हूँ आपको” ---- ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
वो पिंकी की योनि के उपर झुका, और उशके उपर थूक दिया.
“ओह्ह्ह्ह छी ये क्या कर रहे हो” --- पिंकी ने ज़ोर से पूछा.
“आपको तैयार कर रहा हूँ, मेंसाब्” --- ड्राइवर फिर मुश्कूराते हुवे बोला.
उसने पिंकी की योनि में उंगली से थूक सरका दिया और बोला, “लीजिए हो गयी आप तैयार, अब मैं आपकी जी भर कर मारूँगा”
पिंकी उसके हाथ के नीचे पड़ी पड़ी सब सह रही थी.
ड्राइवर ने उसके उपर से हाथ हटा लिया और बड़ी फुर्ती से उसकी टाँगो को अपने दोनो कंधो पर रख लिया.
“रूको…. मैं अभी तैयार नही हूँ ?…”---- पिंकी ने फिर से गिड़गिदाते हुवे कहा.
“मैने आपकी चूत में थूक लगा दिया है मेंसाब् आप चिंता मत करो फिसलता हुवा आराम से जाएगा” ------- ड्राइवर बड़ी बेशर्मी से बोला.
“देखो तुम ज़बरदस्ती कर रहे हो, ये ठीक नही है, पीछे हटो” पिंकी ने गुस्से में कहा.
“ये ज़बरदस्ती नही है मेंसाब्, लगता है आपने अभी ज़बरदस्ती देखी ही नही है, ज़बरदस्ती कर रहा होता तो आप यहा पड़ी हुई रो रही होती”. ----- ड्राइवर ने कहा
“ज़बरदस्ती नही तो और क्या है” --- पिंकी ने ड्राइवर से पूछा.
अगर ये आपको ज़बरदस्ती लग रहा है तो ठीक है मैं जा रहा हूँ, संजना मेंसाब् के पास, उनको सच सच बता कर कोई अछा काम ही कर लूँ, यहा आपके साथ ज़बरदस्ती करने का क्या फ़ायडा.----- ड्राइवर गंभीरता से बोला.
“मेरा ये मतलब नही था” --- पिंकी ने कहा
“आपने मरवानी है तो आराम से मर्वाओ और ये नखरे मत करो, मुझे कोई शॉंक नही है आपके साथ ज़बरदस्ती करने का. ------ ड्राइवर ने पिंकी से कहा.
ये कह कर ड्राइवर ने अपने दायें हाथ में अपना पेनिस पकड़ कर पिंकी के होल पर लगा दिया.
“रूको ऐसा मत करो, कम से कम कॉंडम तो चढ़ा लो.” ---- पिंकी ने गिड़गिदाते हुवे कहा.
“मेंसाब् इस वक्त कॉंडम तो नही है, आपके पास हो तो दे दिजीये” ----- ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
“मैं क्या कॉंडम ले कर घूम रही हूँ, पिग कही का” --- पिंकी गुस्से में बोली
“क्या सुरेश बाबू भी कॉंडम लगा कर करते है” --- ड्राइवर ने पिंकी से पूछा
“उस से तुम्हे कोई मतलब नही है समझे” --- पिंकी झल्ला कर बोली.
“मेंसाब् कॉंडम की कोई ज़रूरत नही है, ऐसे ही करने दो ना, आप तो गोलियाँ खाती ही होंगी” ----- ड्राइवर ने पिंकी से कहा.
“शूट उप, तुम नीच लोगो का क्या भरोसा, कहा कहा मूह मारते फिरते हो, मुझे कोई बीमारी लगा दी तो, जाओ पहले कॉंडम ले कर आओ” --- पिंकी ने कहा.
ऐसा लग रहा था जैसे कि पिंकी ड्राइवर को बातो में उलझाने की कोशिश कर रही है, वो बार बार कॉंडम की माँग कर रही थी, क्योंकि उसे पता था कि ड्राइवर के पास कॉंडम नही है. शायद वो सोच रही थी कि इस तरह से वो बच सकती है.
तबतक पिंकी की योनि के होल के उपर से ड्राइवर का लिंग हट चुका था, इसलिए वो हाथ से लिंग को उशके होल पर टीकाने की कोशिश कर रहा था.
अपने लिंग को पिंकी के होल पर रख कर ड्राइवर ने कहा, मेंसाब् में तो डालने जा रहा हूँ, आपको ऐसे ही बिना कॉंडम के करना होगा, मुझ से अब रुका नही जा रहा..
“नही मुझे कोई बीमारी लगाओगे क्या” --- पिंकी झट से बोली.
“मुझे कोई बीमारी नही है मेंसाब्, आप चिंता मत करो और आराम से कर्वाओ” ---- ड्राइवर ने पिंकी को कॉनविसे करते हुवे कहा.
उसकी हर प्लॅनिंग बेकार होते देख पिंकी ने कहा, “देखो तुम्हारा बहुत बड़ा है, अंदर नही जाएगा, ऐसा करते है मैं तुम्हारा हाथ से कर देती हूँ.
“आप डरो मत मेंसाब्, आप कोई कुँवारी तो हो नही, एक साल से सुरेश बाबू को दे रही हो, अब तक तो आपकी खुल चुकी होगी”----- ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
“ये तुम्हे किसने बताया, की एक साल से…..” ----- पिंकी ने हैरानी भरे शब्दो में पूछा.
“क्यों झूठ है क्या” ---- ड्राइवर ने पूछा
“पहले तुम बताओ किसने बताया” --- पिंकी ने ड्राइवर से पूछा.
“यू ही पीछले हफ्ते सुरेश बाबू के मूह से निकल गया था कि वो आपको एक साल से जानते है, इसीलिए अंदाज़ा लगाया, सही है ना मेरा अंदाज़ा, मेंसाब्…हे..हे..हे” ------ ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
“शूट उप यू बस्टरड” ------- पिंकी ने चील्ला कर कहा
“ओके, मेंसाब् हे… हे.. आप तो बुरा मान गयी, सॉरी माफ़ कर दीजिए” ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
ये कह कर ड्राइवर ने अपने दायें हाथ में अपने पेनिस को पकड़ा और उसे पिंकी की योनि पर थोडा मसल कर, सही जगह फिट कर दिया.