Hindi Sex Stories By raj sharma

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raj..
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Hindi Sex Stories By raj sharma नादान चूत की चुदाई

Unread post by raj.. » 11 Oct 2014 08:11

कामुक-कहानियाँ

नादान चूत की चुदाई

हेलो फ्रेंड्स, आंटीस आंड स्वीट चूत की मालकिनो, अप सब को आर्नब के खड़े लंड की तरफ से मोस्ट वेलकम!! मैं आर्नब उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हूँ. मैं जब क्लास 8थ मे पढ़ता था तभी से मेरे अंदर सेक्स की फीलिंग आ गयी थी. मैं आप लोगो का फालतू समय और पैसा वेस्ट ना कर के सीधे स्टोरी पर आता हूँ.

ये एक सच्ची घटना है. लेकिन इसमे नाम, प्लेस बदला हुआ है और इस घटना को हॉट और एरॉटिक स्टोरी का रूप देने के लिए कुछ बाते जोड़ी गयी हैं. लेट्स नाउ वी कम टू थे स्टोरी…

बात उस समय की है जब मैं 11थ मे पढ़ता था, मैं राज शर्मा की कहानिया बहुत पढ़ता था, और अपने लंड को मसलता रहता. और सोचता रहता कि कोई मुझसे भी चुदवा ले. लेकिन चुदाई होती कैसे है मुझे पता नही था. मैं जहाँ रहता था वहाँ ऐसे लोग भी रहते थे जिनके पास दोनो टाइम खाने को भी नही रहता.

हर दिन शाम को मेरी माताजी उनमे से कुछ बच्चो को दिन का बचा हुआ खाना खाने को देती थी. उनमे दो लड़कियाँ भी थी जो डेली खाना माँगने आ जाती थी. उनकी एज 14-15 साल थी. एक का नाम किरण था और दूसरी का नाम रीना. किरण बहुत गोरी थी जबकि रीना सावली थी. दोनो के चुचिया आपल जितनी बड़ी थी, और वो छ्होटे फ्रॉक पहनती थी, क्यूकी वैसे भी उन के पास पहन ने के लिए कपड़े नही थे.

किरण की चुचिया रीना से बड़ी थी, और उसकी जांघे छ्होटे फ्रॉक मे गोल-गोल और काफ़ी चिकनी और गोरी थी, और उसके चूतड़ भी गोल-गोल और बहुत मस्त लगते थे, कभी-कभी जब वो बैठी रहती तो उसकी छ्होटी सी चड्डी उसकी चूत पर चिपकी हुई दिख जाती थी और जब उठती थी तो उसका फ्रॉक उसके चुतड़ों की गहरहियो मे घुस जाता जिसको देखकर मैं डेली मूठ मारता था.

और रीना, वो सावली तो थी लेकिन बहुत ब्यूटिफुल और सेक्सी लगती थी. मैं जिस एज मे था उसमे वैसे तो सभी लड़कियाँ, भाभियाँ और आंटीस सेक्स बॉम्ब ही लगती है, लेकिन रीना सच मे बहुत सेक्सी थी..जब वो चलती तो उसके उसके चूतड़ जैसे डॅन्स करते थे..बहुत हॉट लगती थी. लेकिन मैं दोनो से कुछ भी कहने या करने डरता था कि वो घर पे बता देंगी.

एक बार मेरे घर के सभी लोग रिलेटिव के यहाँ शादी अटेंड करने चले गये. घर मे सिर्फ़ मैं और एक बुज़ुर्ग नौकर थे. मेरा 11थ का हाफ यियर्ली एग्ज़ॅम स्टार्ट होना था एसलिए मैं नही जा पाया. वो दोनो रोज़ की तरह मा के जाने के बाद भी खाना लेने शाम को आ गयी..लेकिन घर मे कुछ था ही नही. तो दोनो चली गयी.

थोड़ी देर बाद किरण फिर आई और बोली, मुझे भूक लगी है, मेरे घर मे कल रात से कुछ नही बना, क्यूकी उसका बाप दारू पीता था, और उसने जो भी कमाया था उसको दारू मे उड़ा दिया था. मैने कहा आज तो कुछ है नही कल सुबह आना. मैने देखा उसकी आँखो मे आँसू आ गये थे.

किरण को देखकर मुझे बहुत दया आई, और मैं उसके पास जाकर उसके आँसुओ को अपने हाथ से पोछने लगा. उसके गाल को टच करते ही मेरे अंदर सेक्स की फीलिंग होने लगी. मैने उसके गोरे और मुलायम हाथ को पकड़ा और उसको अंदर बुलाया और अपने रूम मे ले गया, और फ्रिड्ज से ब्रेड और बटर ले आया. वो उसको इस तरह खाने लगी जैसे कई दिनो की भूखी हो.

मैं उसके बगल उसके झंघो से अपना जाँघ सटा कर बैठ गया और उसके पीठ पर अपना हाथ रखकर सहलाने लगा. वो ब्रेड खाए जा रही थी. जब उसने 4 ब्रेड खा लिए तब मैने पूछा और चाहिए तो वो हां मे सर को हिलाई. तब मैं जिस हाथ से ब्रेड का पॅकेट पकड़ा था, उस हाथ को उसके गोद मे रख कर बोला आज तो किरण को मैं अपने हाथ से खिलाउँगा..मेरे हाथ से खाओगी..तो वो मुस्कुरा कर हाँ बोली. मुझे लगा आज कुछ मज़ा आ सकता है.

उसकी गोद मे मेरा जो हाथ था वो उसकी चूत के उपर था, जिसे मैं फील कर रहा था. उसकी चूत काफ़ी फूली हुई और बहुत सॉफ्ट लग रही थी. मैने ब्रेड को अपने हाथ से किरण को खिलाना शुरू किया..मैं अब उससे और चिपक गया था. एक अज़ीब सा नशा मेरे अंदर होता जा रहा था. मेरा जो हाथ उसकी गोद मे था मैने उसको उसकी चूत पर थोड़ा और दबा दिया तो वो खाते हुए मेरी तरफ देखी और उसके होंठो पर हल्की सी बट सेक्सी स्माइल थी.

मैने पुछा किरण कैसा लग रहा है, तो उसने कहा क्या?? मैने कहा अरी ब्रेड की बात कर रहा हूँ. तो वो बोली बहुत अच्छा. हम लोगो को ऐसा खाने को कहाँ मिलता है. तब मैने कहा जब तक मम्मी नही है तू रोज़ दोपहर मे आ जाया कर, मैं तुझे बहुत अच्छी-अच्छी चीज़े खाने को दूँगा. तो बोली ठीक है.

मैने देखा कि मेरा जो हाथ उसकी चूत के उपर था, वो कभी-कभी बीच मे वहाँ पर चोरी से देख लेती थी. मैने फील किया कि उसकी साँसे मेरी तरह थोड़ी ज़ोर-ज़ोर से चलने लगी थी, और उसने अपनी जाँघो को थोड़ा और फैला लिया. अब तो उसकी गोद मे रखा मेरा हाथ उसकी दोनो टाँगो के बीच उसकी चूत पर पूरी तरह से आ गया.

मेरा लंड हाफ पॅंट के अंदर जो थोड़ा सा खड़ा था वो उसकी मस्त फूली हुई चूत के एहसास से पूरा खड़ा हो गया था. मेरा डर भी उसकी इस हरकत से कम हो गया था. मैने ब्रेड का पॅकेट बेड पर रखा और उसकी चिकनी जाँघो को धीरे-धीरे सहलाने लगा, और किरण के मूह से दबी-दबी सिसकियाँ निकलने लगी.

मैने उसके फ्रॉक को थोड़ा सा हटा कर उसकी फूली हुई नमकीन चूत को उसकी पतली सी चड्डी के उपर से दबाने और सहलाने लगा, और दूसरे हाथ को आपल जैसी हार्ड चुचियो पर ले जा कर दबा दिया. किरण के मूह से कामुक सी आवाज़ आई…आआआअहह..और वो मुझसे लिपट गयी.

अब तो पूरा रास्ता क्लियर था. मैं उठा और जा कर पहले मैन गेट बंद किया. फिर किरण के पास आया तो वो मेरे बेड पर अपनी गोरी टाँगे फैला कर बैठी थी, मुझे देखते ही सेक्सी स्माइल दिया. मैने किरण को बेड पर लिटा कर उसका फ्रॉक उपर किया और उसकी मस्त छ्होटी सी चूत को उसकी चड्डी के उपर से ही सहलाने लगा और उसकी चुचियाँ जो फ्रॉक उपर करने से खुल गयी थी, क्यूकी उसने फ्रॉक के नीचे कुछ भी नही पहना था, उसको मूह मे ले कर चूसना स्टार्ट किया.

किरण…आआआहह! क्या कर रहे हो आप….. लग रहा है जैसे मेरी चूत मे बहुत सारी चईटियाँ घुस गयी हैं…ऊऊओह!!! और ज़ोर से चूसिए ना…मेरे राजा…मेरे निप्पल्स को खा जाओ ना…आआआहह..!!! बहुत अच्छा लग रहा है…और ज़ोर से दबाओ मेरी चुचियो को… आआआअहह….और जब मैने उसके निप्पल्स को एक बार ज़ोर से मसल दिया तो…आआओउऊउक्ककचह….

मैने किरण की चड्धि नीचे खींच दे..उसकी गोरी, मक्खन जैसी, फूली हुई, और बहुत पिंक चूत मेरी आँखो के सामने थी… बहुत छ्होटी सी चूत थी उसकी, लेकिन बहुत प्यारी…मैं पहली बार किसी की चूत देख रहा था..मैने उसकी चूत पर अपना हाथ रखा तो उसको झटका सा लगा..वो अपने चुतड़ों को बार-बार उठा रही रही थी..उसको बहुत मज़ा आ रहा था..लेकिन सच बोलूं तो मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे मैने कोई खजाना पा लिया है.

मैं किरण की चूत के लिप्स को फैला कर उंगली से उसके बीच का हिस्सा सहलाने लगा तो पागल सी हो गयी… उसकी बूर पूरी तरह से भींग चुकी थी…मैने अपना भी हाफ पॅंट खोल दिया और लंड को बाहर निकाल कर उसके हाथ मे पकड़ा दिया. तो किरण ने कहा मेरे राजा ये तो बहुत बड़ा है..मेरे पापा के लंड से भी..मैने पूछा तुम अपने पापा का लंड कब देखी..तो उसने बताया कि रात मे जब पापा ममी को चोद्ते हैं तब.

और वो मेरे लंड को सहलाने लगी…मेरा तो हाल दोस्तो बहुत बुरा हो गया था…मैने अब किरण की चूत पर अपना मूह लगा दिया…लेकिन मुझे कुछ अच्छा नही लगा..लेकिन राज शर्मा की सभी कहानियो मे लड़की की चूत की चुसाइ और चाटने का जो किस्सा होता थॉ वो मुझे याद आया कि लड़की की चूत चाटने और चूसने से लड़की को बहुत मज़ा आता है.

तब मैने उसकी चूत को चाटना स्टार्ट किया…स्पेशली उसकी बूर को फैला कर बीच वाला हिस्सा..अब किरण पागल होकर बोलने लगी..मेरे राजा अब मेरी बूर मे अपना लंड डाल कर चोदो ना…मुझे तो तुमसे ही अपनी बूर चुदवानी थी..आआअहह!! तभी तो मैं आज फिर से आई…चोदो ना मेरे जानू मुझे…मैने कहा मैं जैसे तेरी बूर चूस रहा हूँ तू भी मेरा लंड चूस ना..तो वो बोली हाँ क्यू नही मैं तो अपने राजा की हर बात मानूँगी..और लंड के उपर का पिंक हिस्सा अपने जीभ से चाटने लगी…आआअहह!! क्या एहसास था दोस्तो…और इधर उसकी बूर पानी पर पानी छ्चोड़े जा रही थी..नमक जैसा स्वाद..

थोड़ी देर मे ही मुझे लगा मेरा पानी गिर जाएगा और मैने उसके मूह मे ही अपना पूरा पानी गिरा दिया..और किरण वो मेरे लंड का पानी बहुत मस्त से पी रही थी…फिर मैने किरण के सारे कपड़े निकाल दिए और उसको अपनी बाँहो मे ले कर बेड पाए लेट गया..मेरा लंड जो सिकुड कर छ्होटा हो गया था..उसकी बूर से चिपका हुआ था..और मेरा हाथ उसकी गोरी , गोल और बला की खूबसूरत चुतड़ों को सहला रहा था. फिर मैने अपना हाथ उसके चुतड़ों की दरार मे डाला और एक उंगली से उसके गांद के छेद को सहलाने लगा..किरण बार-बार अपना गांद आगे पीछे कर रही थी जिस से उसकी चूत बार-बार मेरे लंड से रगड़ खा जाती..

धीरे-धीरे मेरा लंड फिर से टाइट होने लगा. मैं थोड़ा सा नीचे की तरफ सरक कर उसकी चुचियो को मूह मे लेकर चूसने लगा..और मेरे हाथ उसके गोल-गोल चुतदो पर थे..वो अब मेरा लंड अपने हाथ मे लेकर सहला रही थी. फिर मैं अपना हाथ उसकी बूर पर ले गया जो फिर से पूरी तरह गीली हो चुकी थी मैने उसके बूर को सहलाते हुए उसकी चूत मे उंगली डाली जो बहुत आराम से चली गयी..वो फिर से मादक अंदाज़ मे सिसकियाँ लेने लगी…आआआहह…जानू अब तो चोदो मुझे…मेरी बूर को फाड़ डालो ना…

अब मेरे बर्दस्त के भी बाहर होता जा रहा था..मैने उसकी टाँगो को फैला कर उसकी फूली हुई मस्त बूर पर अपना लंड रखा और ज़ोर का धक्का लगाया मेरा लंड 3 इंच उसकी बूर मे चला गया…वो अया..अया.. कर रही थी…फिर मैने एक धक्का फिर लगाया तो लंड 5 इंच घुस गया लेकिन तभी वो चिल्लाने लगी… ऊउउउउईईएईई माआ….फट गई मेरी बूर…निकालो बहुत दर्द हो रहा है…मैने कहा ठीक है बस 5 मिनट रूको फिर निकाल लेता हूँ…मैं लंड को हिलाउन्गा नही..ऐसे ही तुम्हारी बूर मे रहेगा..और मैं उसकी चुचियो को चूसने लगा…और एक हाथ उसकी बूर के पास घुसा कर सहलाने लगा.

5 मिंट भी नही हुए होंगे वो अपने चुतदो को बार - बार उठाने लगी…लौंडिया मस्ती मे आ चुकी थी..तभी मैने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा पूरा 7 इंच का लंड उसकी बूर की गहराइयों मे जा चुक्का था..मैने धीरे-धीरे उसके बूर को चोदना स्टार्ट किया…थोड़ी देर मे

वो आआआअहह….. ऊऊऊहह!!! जानू चोदो, और ज़ोर से… और वो अपने मस्त गांद को उठा-उठा कर अपनी बूर को भोसड़ा बनवाने लगी….चोदो जान…मैं पहले एक बार नानी के घर गयी थी तब मामा के लड़के ने मुझे 2 दिन चोदा था…तभी से मैं आप से चुदवाना चाहती थी…आआअहह..!! क्या मस्त लॉडा है मेरे राजा का…अंदर तक मेरी बूर की ठोकाई कर रहा है…आआहह…मेरे राजा ये क्या हो रहा है मुझे..आअहह!!! मेरी बूर मे कुछ हो रहा है…कहते हुए मुझे और ज़ोर से जाकड़ लिया और उसने ढेर सारा पानी अपनी बूर से निकाल दिया…मैं अभी भी उसको चोद रहा था..

अब लंड और भी आराम से और लपलुप उसकी बूर मे आ जा रहा रहा था..और आवाज़ भी बहुत मस्त आ रही थी…फफफफ़ूूचह….फफफफफुऊऊुउऊचह….

15 मिंट की चुदाई का बाद मेरा भी गिरने वाला था…मैने ज़ोर-ज़ोर के 15-20 स्ट्रोक्स उसकी..कमसिन बूर को दिए और उसकी बूर मे ही पूरा पानी भर दिया..और उसके उपर गिर गया…

मैं उसकी गांद भी मारना चाहता था लेकिन बहुत देर हो गयी थी..और उसकी मा उसको ढूँढ भी सकती थी. एसलिए मैने उसको दूसरे दिन दोपहर मे बुलाया. दूसरे दिन हम दोनो ने 4 बार चुदाई की और 2 बार मैने उसकी टाइट गांद भी मार कर फाड़ दी...

समाप्त!!

raj..
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Hindi Sex Stories By raj sharma मामा के घर

Unread post by raj.. » 11 Oct 2014 08:15

raj sharma stories

मामा के घर

हाई मैं कुसुम उमर 17 रंग गोरा चुचि गोल,फिगर 34 30 32,खास मेरे चुतताड की गोलाई और मेरे पिंक निपल लड़के देख कर पागल हो जाते है मुझे सेक्स बहुत पसंद है सखत सेक्स,चुदवाते वक़्त गालिया सुन-ना मुझे पसंद है.


मैं एक बार अपने मामा के घर गयी मामा विलेज मे रहते है उनकी लड़की है पिंकी मेरी उमर की चंचल लड़की, उसकी चुचि मुझसे बड़ी फिगर होगी कोई 36 30 34 गोरी चित्ति हम आपस मे बाते कर रही थी बाते सेक्स पर आ गयी मैने पिंकी की चुचि पर हाथ फेरा और बोली पिंकी ये तो बहुत बड़ी है वो शर्मा गयी, शाम को हम गाओं मे घूमने निकली तो मुझे उसकी बड़ी चुचिओ का राज पता लग गया हम जिस भी गली से जाते उस पर कॉमेंट होते मेरी छेमिया मेरी जान एट्सेटरा हम जब घर आए तो मैने पूछा ये क्या था पहले तो वो टालती रही पर जब मैने कहा कि मैं भी मज़े लेना चाहती हू तो वो खुल गयी उसने बताया यहा तो जब मैं 14 साल की थी जब से ही मज़े कर रही है फिर तो हम स्टार्ट हो गयी मैने पूछा कैसे करती हो तो वो बोली रात को बताउन्गी वो बोली यहा तो लगभग हर लड़की 15 साल की उमर मे चुद जाती है मुझे बड़ी जलन हुई उस से, वो बताती रही कि लड़के जब लड़की को चोद्ते है है तो बहुत तंग करते है कई बार तो मार भी देते है मैं बोली मेरी चूत को लंड मिलेगा वो बोली तुम्हारे उप्पर तो टूट के पड़ेंगे आज रात को ही तेरा कल्याण हो जाएगा पर तू सह तो लेगी मैं बोली यार चिंता मत कर.


रात तक हम एक दूसरे को छेड़ते रहे रात को 9 के करीब हम रूम मे गये मैने पिंकी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए उसे पूरी नंगी करके मैने उसकी कूची पर हाथ फेरा और उस-से पूछा पिंकी तेरी इस चूत का उद्धाटन किसके लंड से हुआ था वो बोली पापा के दोस्त है उन्होने ही मेरी सील तोड़ी थी, अंकल ने मम्मी की चुदाई भी की हुई है और आज अंकल और उसके दोस्त तेरी चूत का कल्याण करेगे मैं बोली उनका लॉडा कैसा है, पिंकी बोली जान चिंता मत कर तेरी चूत की तो धज्जिया उड़ा देंगे हमारी बातो मे 10 के करीब टाइम हो गया मैं बोली कब उड़े गी चूत की धहाज़िया उसने खिड़की खोली और मुझे बोली नीचे कूद जा मैं नीचे कूदी पीछे पीछे चादर लपेटे वो कूद गयी अब हम दोनो खेत मे खड़े थे वो बोली चल मैं उसके पीछे चल पड़ी थोड़ी दूर ही खेत मे एक मकान था हम दोनो उसमे घुस गयी.


वाहा आँगन मे तीन 40-45 साल के आदमी ताश खेल रहे थे मुझे डर सा लगा वो तीनो कछे और बनियान मे थे उनमे से एक बोला आ गयी छेमिया, ये कॉन है मेरी तरफ देखते हुए बोले, पिंकी बोली शहर से आई है मेरी बुआ की लड़की अपनी चूत की धहाज़िया उड़वाने, वो बोले अरे ये तो बिम्ला की लड़की लगती है अपनी मम्मी का नाम सुन कर मैं हैरान हो गयी मैं बोली तुम कैसे जानते हो मम्मी को वो बोला तेरी मा यहा बहुत चुदी है आज तो हमारी किस्मत खुल गयी जवानी मे मा को चोदा अब लड़की को वाह,पिंकी ने अपनी चादर उतार दी अब वो पूरी नंगी थी.


पिंकी बोली यार हमे तो चोद लो मम्मी को बाद मे चोद लेना, उन तीनो नई हम दोनो को अपनी और खींच लिया हम दोनो उनकी गोदी मे लेटी पड़ी थी मेरी कुर्त और पाजामी दो मिनिट मे ही मुझसे अलग हो गये वे तीनो(मैं तीनो के नाम लिख दू सुरेश,रमेश,मनोज) हमे बुरी तरह से चूसने लगे मसलने लगे मेरी चुचिओ पर गर्दन पर नीले मार्क्स बना दिए हम दोनो के मूह से.


आआआआआअऊऊऊ वॉववववववव एयाया वॉववववव ऊऊऊ ऊऊ आआआआ ऊऊऊऊऊऊओह निकल रही थी रमेश बोला साली अपनी मा से भी चिकनी पड़ी है तभी रमेश ने मुझे गोदी मे ही उल्टी कर दिया अब मेरे चुतताड रमेश की गोदी मे थे और मेरा मूह सुरेश के लंड के पास था सुरेश ने अपना कछा उतारा उसका 10" लंबा.


लंड स्प्रिंग के तरह मेरे चेहरे से टकराया, उसके लंड देख कर मेरे होश उड़ गये रमेश ने मेर लेग्स खोल के मेरी चूत मे 2 उंगलिया डाली मैं चिहुक गयी वो बोला क्या हुआ, मैं बोली मैने नही चुदवाना ये तो मेरी चूत ही फाड़ देगा पिंकी बोली क्यू बड़ा शौक चढ़ा था चूत की धहाज़िया उड़वाने का सुरेश बोला तू वैसे ही डर रही है पिंकी तेरे से छ्होटी है फिर भी इससे रोज़ाना चुदवाति है 14 साल की उमर मे ही ये इसे अपनी चूत मे ले गयी थी मैने सुरेश का लोड्‍ा अपने हाथ मे पकड़ा उसका लंड लोहे से भी सखत था पिंकी मनोज की गोदी मे बैठी थी मनोज पिंकी की चुचिया चूस रहा था सुरेश मेरी गॅलो मेरे होंठो पर अपना मोटा लंड फिरा रहा था मेरे होठ सख्ती से बंद थे तभी रमेश ने मेरी गांद मे उंगली दे दी मेरा मूह खुला मूह खुलते ही सुरेश ने अपना लंड मेरे मूह मे सरका दिया सुरेश का लंड बड़ी मुश्किल से मेरे मूह मे आ रहा था पर उसने धक्के मार- मार के मूह मे जगह बना ली मैं धीरे धीरे उसका लंड चूसने लगी तभी रमेश ने मेरे को अपनी गोदी से नीचे पटक दिया और अपने कपड़े उतार कर मेरे सामने आ गया मैं उसका लंड देख कर फिर कांप गयी उसका लंड सुरेश से भी बड़ा और बीच मे से कुछ टेडा था वो अपना लुंड पूचकारता हुआ मेरे सामने खड़ा था.


मैं मन मे सोच रही थी आज मेरी खैर नही इतने मे मूज़े पिंकी की चीख सुनाई दी आाआूऊ ऊऊऊऊ माआआआआअ ऊऊऊऊऊ धीरेयययययययी ऊऊऊऊऊऊओ माआआआआआ आआमम्म्ममममाआआआररर्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईई मैने उसकी तरफ उसकी दोनो टांगे हवा मे थी और मनोज अपना लंड उसकी चूत मे सरका रहा था मैं पिंकी की तरफ देख रही थी सुरेश बोला उधर क्या देख रही है तेरा भी यही हॉल होना है मुझे भी मस्ती चढ़ि थी पिंकी को देख कर पर मैं नाटक करती बोली, मैने नही चुदवाना तुमसे अपनी चूत नही फदवाणी इतने मोटे मोटे लॉड मेरी चूत मे नही जा पाएगे, पिंकी चुद्ते हुए बोली साली तो यहा भजन करने आई है अभी तक शहर के लूलिओ से चुदवाइ होगी आज पता चलेगा गाओं का लंड क्या मस्ती देता है पिंकी सुरेश को बोली अंकल इसे बड़ा शौक है अपनी चूत की धहाज़िया उड़वाने का आज इसकी चूत की धहाज़िया ही उड़ानी है मैं डर गयी मैं बोली पिंकी क्या बोल रही है तू, पर सुरेश ने मेरे मूह से लंड निकाला लंड निकलते ही टक की आवाज़ आई.


सुरेश और रमेश मुझे खींच कर पिंकी के पास ले गये पिंकी की चूत मे मनोज का लंड सटा-सॅट आ जा रहा था उसकी चूत की दोनो किनारिया दूर तक अलग हुई पड़ी थी मनोज की स्पीड इतनी तेज़ थी कि बस लंड सिर्फ़ चमकता था मैं पिंकी की चुदाई मे खो सी गयी मैं झुकी तो हुई थी रमेश ने मुझे थोड़ा और झुका दिया रमेश अंकल ने मेरी टांगे खुलवा कर अपना लंड मेरी चूत पर लगाया तो मैं चोकते हुए बोली अंकल अंदर मत करना पिंकी बोली क्यू मैं बोली मुझे इनके मुड़े हुए लंड से डर लग रहा रहा है रमेश बोला ये मुड़ा हुआ लंड तेरी मा को बहुत पसंद है उसने मेरी कमर पकड़ के ज़ोर से धक्का मारा तो छ्होटा गुबारा फटने की आवाज़ आई और लंड चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया मेरे मूह से भयनकर चीख निकली आआआआआहह ऊऊऊऊ ऊओ मर गई ईईइ उउईईईईईईईईईई माआआआआ ऊऊऊओ माआआआआ फत्त्तटटटटतत्त गैिईईईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊ आआआअ हहूओ ऊऊहह हमाआआआआ आआआआ बाहर निकालो प्ल्ज़ बहुत दर्द हो रहा है पिंकी बोली साली दो मिनिट रुक जा तू ही बोलेगी और अंदर डालो, रमेश ने धीरे धीरे धक्के लगाने स्टार्ट किए मैं उउउउउआआअ कर रही थी रमेश बोला कुसुम पूरा डाल दू पिंकी बोली अभी इस हरंजड़ी के अपना पूरा लोड्‍ा अंदर नही डाला रमेश ने दुबारा धक्का मारा उसका लंड छूट को चीरता हुआ मेरी बच्चे दानी को टच करने लगा मैं चीखती रही पर रमेश ने स्पीड से धकके मारने शुरू कर दिए, उधर पिंकी झड़ने वाली थी वो आंट-शॅंट बोल रही थी आआआ......राजा ज़ोर से चोदो अपनी रानी को मुझे चोद चोद के मार डालो मनोज भी झड़ने वाला था मनोज भी बोल रहा ले संभाल इसको अपनी चूत मे ले मैं आअ रहा हू आआआ मैं गया


जैसे ही मनोज झाड़ा दो काम एक साथ हुए, मनोज ने अपना टपकता लंड मेरे मूह मे डाल दिया और सुरेश ने पिंकी को अपने उप्पर खींच के पिंकी की चूत मे लंड घुसा दिया मेरे मूह मे मनोज का लंड झाड़ रहा था उसके लंड से पिंकी की चूत का स्वाद आ रहा था पूरी तरह झड़ने के बाद भी मनोज का लंड बड़ा दिख रहा था मैं लंड पकड़ कर बोली पिंकी अपनी चूत मे इतना बड़ा लंड कैसे ले गयी, पिंकी सुरेश के लंड पर बैठे थी सुरेश ने उसकी कमर मे हाथ डाल कर अपने उप्पर लिटा लिया पिंकी की चुचिया रमेश की छाती से दब गयी और पिंकी के चुतताड बाहर को उभर आए सुरेश ने अपनी टांगे मोड़ के धक्के मार रहा था मैं पिंकी की ओर देख रही थी तो रमेश ने मुझे उठाया और पिंकी की चूत के पास ले आया वाहा मुझे कुत्ति की तरह झुका के पीछे से लंड दुबारा घुसा दिया मेरा मूह पिंकी के चुतताड़ो की तरफ था मनोज ने मेरा मूह पिंकी की गांद पर लगा दिया मैं पिंकी की गांद चाटने लगी पिंकी के मूह से सिसकारिया निकल रही थी मेरी जीब थोड़ी सी नीचे आई तो वो सुरेश के लंड को टच कर रही थी मैं सुरेश की गोलिया सहला रही थी तभी सुरेश ने लंड निकाला मैने उसे चूस के दुबारा पिंकी की चूत मे डाल दिया मैं अपने चरम पर थी मैं रमेश को बोली अंकल तेज़ चोदो मुझे और हा सनडे को मम्मी आ रही है मैने मम्मी के साथ चुदना है रमेश बोला ये कैसे होगा मैं बोली मैं और मम्मी साथ मे चुद चुकी है पिंकी बोली मैं भी बुआ के साथ चुड़ूँगी रमेश ने स्पीड बढ़ाते हुए कहा ठीक है मैं उुआअ कर रही तभी मेरा बदन कस गया और मैं निढाल सी पड़ गयी रमेश ने भी मेरी चूत मे पिचकारी मारनी स्टार्ट कर दी उधर पिंकी और सुरेश झाड़ चुके थे सारी रात मैं और पिंकी ऐसे ही चुद्ती रही .

समाप्त

raj..
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Hindi Sex Stories By raj sharma 'कैसी लगी रात की चुदाई '

Unread post by raj.. » 11 Oct 2014 08:16

'कैसी लगी रात की चुदाई '


दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो मैं रक्षाबन्धन की छुट्टी मे घर पर अकेला था. सनडे को मैं अपने दोस्त के घर गया. उसकी एक बहन है जिसका नाम है भावना. देखने मे बिल्कुल ही डॉल लगती थी. उसकी हाइट 5 फिट 6 इंच थी. मैं अक्सर अपने दोस्त के घर उसके पास जाता था. वो इतनी सुंदर और गोरी थी कि मैं उसे बयान नही कर सकता हू. मैने उसके साथ सेक्स करने का प्लान तो कयि बार बनाया लेकिन मौका ही नही मिलता था. उस दिन मेरे दोस्त के मम्मी,पापा नोएडा गये हुए थे,मेरा दोस्त और उसकी बहन घर पर अकेली थे जब मैं पहुचा तो मेरे दोस्त ने मुझसे कहा कि वो भी नोएडा जाना चाहता था पर भावना के एग्ज़ॅम(यूनिट टेस्ट)के वजह से नही जा पाया, फिर उसने कहा कि तुम कुछ दिन मेरे घर रुक जाओ तो मैं नोएडा चला जाउन्गा, मेरे तो दिल की हसरत जैसे पूरी हो गयी लेकिन उसे शक ना हो इस लिए मैं हिचकिचाने लगा पर वो रिक्वेस्ट करने लगा तो मैं तैयार हो गया मेरा दोस्त दोपहर की ट्रेन से नोएडा चला गया.उसे स्टेशन छोड़ने के बाद मैं जब वाहा पहुँचा तो मैने भावना को हाफ पैंट और टी शर्ट मे बेड पर बैठा पाया. मैं उसकी गोरी टाँगो पर देखता रहता था. लेकिन उसने कभी ध्यान नही दिया. मैं कुच्छ देर तक उसके साथ बात करता रहा. अब मैं सोने के लिए तैयार होने लगा. मैने अपनी पैंट खोल के तावेल पहन लिया और बेड पर लेट गया.उसके घर मे सिर्फ़ दो रूम ही थे चुकी इस रूम मे ए.सी.था इस लिए वो भी उस रूम मे आ गयी.

भावना भी सीधी रूम के दरवाजा को बंद कर के लाइट बुझा के नाइट बल्ब को जलाकर के मेरे बगल मे आके लेट गयी. उसने अपनी पीठ को मेरे तरफ कर रखा था. मैं कुच्छ देर तक सोचता रहा. कुच्छ देर के बाद मैने फाइनल डिसाइड कर लिया कि अब मुझे सोचना नही चाहिए. मैने अब अपनी कमर को उसकी कमर से सटा दिया. उसने अपनी कमर को थोड़ा सा खिचा. मैने फिर थोड़ी देर के बाद अपनी कमर को उसकी कमर से सताया. अब वो दीवाल मे सॅट चुकी थी. सो मैने अपनी कमर को उसकी कमर मे सताने के बाद जैसे ही अपने हाथ को उसकी कमर पर रखा तो उसने बोला 'ये क्या कर रहे हो' मैने बोला वही जो एक जवान लड़का एक सुंदर जवान और हसीन लड़की को अकेले मे पाकर करता है. वो बोली ' नही मैं ये नही करूँगी'. मैने बोला कि 'क्यो तुम्हारा मन नही करता' वो बोली नही ये ग़लत है. मैने बोला कि ग़लत क्या है. ये तो बिल्कुल सत्य है. अब मैं ने ये कहते हुए उसकी पैंट के एक बटन को खोल दिया. उसने मेरे हाथ को पकड़ के अपने कमर से हटा दिया. मैने पिछे से उसके पैंट को खिच दिया. वो पैंट को खिच के पहनने लगी तो मैने उसके हाथ को हटा दिया और उससे बोला ' क्यो दिखावा कर रही है, तुम्हारा मन भी तो है., और मैने उसकी पैंट को दोनो हाथो से पकड़ के खोल दिया. उसने मुझे धक्का दे दिया और रूम का डोर खोलने लगी मैने उसे पक्कड़ कर बेड पर गिरा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. अब मैं अपने एक हाथ से लंड को पकड़ के दूसरे हाथ को उसके गंद पर फेरते हुए अपने लंड को उसके गंद के होल के पास ले गया. अब मैने एक हाथ से उसके गंद को फैलाते हुए अपने लंड को उसकी गंद मे जाने के लिए रास्ता दिखाया. अपने लंड को.

मैने उसकी गंद के होल के दरवाजे पर रखते हुए उसके कमर को पकड़ के अपनी कमर को ज़ोर का झटका मारा और वो आआऔऊक्कककककककााआआअ कर के सिसक उठी. मैने पुछा क्या हुआ गया है. वो बोली हाआआआआअ अब मैने अपने हाथ से उसकी कमर को पकड़ के अपने तरफ खीच के अपने लंड को उसकी गंद मे जल्दी से जल्दी ले जाने के लिए ज़ोर ज़ोर के झटके मारने लगा. वो मेरे हर झटके के साथ आआआआआआआआआआअहह ऊऊऊऊऊओह हाआआआआआत की आवाज़ निकालती जो मेरे मन को और भी बढ़ाती थी. कुच्छ देर मे मैने अपने पूरे लंड को उसके गंद मे घुसा दिया था. दस मिनट के ठेलम पेल के बाद मेरा संपूर्ण लंड उसकी गंद मे घुस गया था मैने कुछ ही धक्के लगाए थे की मेरा वीर्य निकल गया फिर मैने अपने लंड को निकाल दिया और कुच्छ देर तक वैसे ही लेटे रहने के बाद उठ के बाथ रूम मे चला गया. मैने पेशाब करने के बाद अपने लंड को पूरी तारह से सॉफ किया और तब मे रूम मे आया. आने के बाद मैने भावना को वैसे ही बेड पर पड़ा पाया. मैने बोला जाओ बाथरूम नही जाना.' वो बिना कुच्छ बोले बाथ रूम मे चली गयी . मैने अब अगले दौर की तैयारी करना सुरू कर दिया. मैने अपने लंड को तेल के डिबे मे डाल दिया. जैसे ही भावना रूम मे आई मैने उससे पूरे कपड़े उतारने के लिए बोला वो बोली कि 'अब चोदोगे भी?' मैने बोला हा ये तो अभी ट्रेलर था अभी फाइनल तो बाकी है. उसने अपनी टी शर्ट और ब्रा को खोल के बेड के पास रख दिया. मैने देखा कि उसकी चूत पर तो एक भी बाल नही था. मैं इसी तरह के चूत को चोदना पसंद करता हू. मैने उसके हाथ को पकड़ के अपने लंड को उसके हाथ मे पकड़ाते हुए उसे मूह मे लेने के लिए बोला क्योकि मैं अभी पूरी तरह से तैयार नही हुआ था. उसने मेरे लंड को अपने हाथ मे लेलिया और अब झुक के मेरे लंड को अपने मूह मे लेने के बाद चूसने लगी.

मैं कुछ देर मे बिल्कुल ही हॉट हो गया, मैने उससे लंड छ्चोड़ के बेड पर लेटने के लिए बोला. उसने अपने मुँह से लंड को निकाल दिया और बेड पर सीधे लेट गयी. मैने डिबे से तेल निकाल के उसके छूट पर लगा दिया. उसके चूत की साइज़ 3 इंच होगी.मैं अब उसकी जाँघ पर बैठ के उससे चूत को फैलाने के लिए बोला. भावना की चूत इतना सुंदर थी कि मैं अपने लंड को जो कि लगभाड़ 8 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा है, एक झटके मे पूरा अंदर डाल देना चाहता था. मैने अपने लंड को जैंसे ही उसकी चूत के उपर रखा उसने अपने दोनो हाथो से अपनी चूत को फैला दिया. मैने अपने लंड के फ्रंट पार्ट को एक हल्के से झटके के साथ जैसे ही चूत के अंदर किया वो आआ आआआ एयाया ऊऊओ ऊऊ ऊ आआआ अहह नहियीईई धेरेय्य्य्य्य्य्य धेरेय्य्य्य्य्य्य्य धेरेय्य्य्य्य्य्य्य्य आआ ऊऊऊऊओ ऊऊऊऊऊ स्लॉवववव बाबययययययी गो स्लॉवववववववव लग जय्गीईईई स्लॉववववववववव की आवाज़ के साथ पूरी तरह से सिहर उठी. उसने अपने दोनो पैरो को पूरी तरह से टाइट कर दिया. मैने अब उसकी दोनो तनी हुए चुचिओ को अपनी दोनो हथेलियो मे लेते हुए हल्का हल्का दबाना सुरू किया. मैने कुछ देर के बाद जब देखा कि उसके पैर अब धीरे धीरे ढीले पड़ने लगे तो मैने अपनी कमर को फिर से हिलाना सुरू कर दिया. अब उसके मूह से फिर से आआअहह आअहह ऊऊसस ऊआाअ अहह अहह की आवाज़ निकलने लगी. मैने उसकी चुचिओ को ज़ोर ज़ोर से मसलना सुरू कर दिया. कुच्छ देर पर मैने एक ज़ोर का झटका मारा तो वो आअऊओ ऊऊऊऊऊओ नहियीईईईईईईईईई माआआआअ लगगगगगगगगगगगग गैिईईईईईईईईईईईईई नहियीईईईईईईईईईई निकालूऊऊऊऊऊऊ दर्द्द्दद्ड हूऊओ रहा हाईईईईईईईई आआआआअ बसस्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊ मात्त्तटटटटटटतत्त करूऊऊऊओ आआहनाईईईईईईईईईईईईई कर के चिल्ला उठी. मैने पुछा क्या हुआ वो बोली कि लगता है चूत फॅट गयी. मैने अपने लंड के तीन हिस्से मे से दो हिस्से को उसकी चूत मे डाल दिया था. अब मैने उसके पैर को फैलाने के लिए उठ के के बैठ गया और उसके पैरो को पकड़ के समेटते हुए फैला दिया. अब मैं अपने लंड को उसके चूत के अंदर ले जाने का पूरा फ़ैसला कर लिया.

मैने उसके कमर को पकड़ के एक ज़ोर का झटका मारा इस बार तो वोआाहह नाहहिईीईईईईईईईईईईईईईई लगगगगगगगग रहाआआआआअ है ईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआअ आआअहबब्ब्ब्बबबाआआआअपरीए आआआआअ करके जैसे बुरी तरह से छटपटा उठी. मैने जब उसके चूत पर देखा पाया कि मेरा पूरा लंड उसके गोरी चूत के अंदर जा चुका था. मैने जब देखा कि वो ऐसे शांत नही होगी तो मैं उसके उपर लेट गया और उसके होंठो को अपने होटो मे लेके दबा लिया और अपने दोनो हाथो से उसकी दोनो चुचिओ को मसल्ने लगा. मैने ज़ोर ज़ोर से झटका लगाना भी सुरू कर दिया. मैं कुच्छ देर के बाद अपनी कमर के नीचे देखा तो पाया कि वो भी अब अपनी कमर को हिलाने लगी थी. सयद उसे भी अब मज़ा आ रहा था. मैने पुछा कि मज़ा आ रहा है तो उसने मुस्कुरा के सर को हिलाया. कुच्छ देर तक इसी तरह से चुदाई करने के बाद मैने अपने स्पर्म को जैसे ही उसकी चूत मे गिराया तो मैने उसके होटो को कुछ देर तक चुसता रहा और एक तरफ उसकी दोनो चुचिओ को मसलता रहा तो दूसरी तरफ उसके होटो को चूस्ता रहा और उसने भी पूरा साथ दिया. अब हम दोनो बुरी तरह से थक चुके थे. मैं कुच्छ देर तक उसके उपर लेटा रहा तब उठ के अपने लंड को निकाल के भावना के बगल मे लेट गया. और कुच्छ देर मे हम दोनो वैसे ही सो गये. सुबह जब नींद खुली तो दिन के 9 बज रहे थे. मुझे अपने काम से जाना था. मैं उठ के तैयार हो गया. भावना भी उठ गयी थी. वो भी खुस थी. मैने मुस्कुराते हुए पुछा 'कैसी लगी रात की घटना' वो मुस्कुराते हुए बोली 'बहुत अच्छा लगा तुमने तो मेरी चूत ही फाड़ डाली.' मैने उसके कपड़ा पहनने के बाद दरवाज़ा खोला और अपने रूम के लिए निकल गया. इसके बाद भावना को 3 दिन और चोदा. दोस्तो कैसी लगी ये दास्तान ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा

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