raj sharma stories
ग्रेट गोल्डन जिम --6
गतान्क से आगे....
मेरे लंड से गरम गरम लावा निकल रहा था और उसकी चूत से गरम गरम अमृत. लंड को बड़ी मस्त चूत की मस्त गर्मी मिल रही थी. मैं दीपा के ऊपेर ही ढेर हो गया. मेरा लंड उसकी चूत मे घुसा पड़ा था और मैं उसकी पीठ पे पड़ा गहरी गहरी साँसें ले रहा था.
दीपा राई मेरे लंड का मूठ मार के फव्वारे का मज़ा ले रही थी
जैसे ही मेरे लंड से लावा निकलना बंद हुआ, मैं ने दीपा को पलटा लिया और फिर से उसके ऊपेर लेट गया. दीपा ऐसी मस्त चुदाई से बोहोत ही मस्ती मे आ आ गई थी. मैं दीपा के ऊपेर लेटा हुआ था मेरा लंड उसके पेट पे था और हमारे बदन के बीच सॅंडविच बना हुआ पड़ा था.. दीपा ने मुझे टाइट पकड़ा हुआ था और मुझे चूम रही थी के इतने मे कमरा ऐसे रोशन हो गया जैसे दिन निकल आया हो. हम दोनो की आँखें चुन्धिआ गई.
देखा तो किसी ने शॅनडेलियर की लाइट्स ऑन कर दी थी. मैं एक झटके से दीपा के ऊपेर से उठ गया और अपने हाथो से अपने भीगे लंड को छुपाते हुए अपने कपड़े देखने लगा. अरे ऐसी भी क्या जल्दी है कुछ मुझे भी तो देखने दो ना यह आवाज़ सुनते ही मेरे पसीने छ्छूट गये. देखा तो एक और दीपा खड़ी थी. मेरा सर चकरा गया. मैं हैरानी से कभी एक दीपा को देखता तो कभी दूसरी दीपा को. दोनो ही एक साथ हंस पड़ी और बोली के क्यों क्या हुआ तो मैं कुछ बोला नही क्यॉंके मेरी समझ मे कुछ भी नही आ रहा था के मैं यह क्या देख रहा हू और मेरी दीपा जान कोन है. मुझे ऐसे हैरानी से देखते हुए उस दीपा ने जिसने शॅनडेलियर ऑन किया था उसने बोला के हे राज यार तुम्हारी जान तो मैं हू यह मेरी बहन है रूपा राई. मेरा सर चकराने लगा. मैं तो जैसे पागल हो गया. आक्च्युयली जिसे मैं अब तक दीपा समझ के चोद रहा था वो दीपा नही बलके उसकी जुड़वा बहेन रूपा थी, रूपा राई. दीपा राई और रूपा राई मे प्रॅक्टिकली कोई डिफरेन्स नही था. एक ही हाइट, एक जैसा रंग, एक जैसे बॉल, एक जैसी आँखें, एक जैसा फिगर मुझे लगता था के शाएद किसी के पति किसी को भी चोद के समझते होंगे के उन्हो ने अपनी वाइफ को चोदा है और यह भी हो सकता है के यह दोनो बहने आपस मे हज़्बेंड्स को स्वप भी कर लेती होगी. दोनो की आवाज़ भी एक जैसी थी, फेस कट एक जैसा था, दोनो का बदन एक जैसा था, दोनो के बूब्स का साइज़ और शेप भी एक जैसा था अरे और तो और दोनो की चूते भी एक जैसी ही थी.. सच मे, मैं तो जैसे पागल हो गया. सच मानो मुझे यकीन नही आ रहा था के मैं ने दीपा को चोदा था या रूपा को. इतनी सिमिलॅरिटी तो शाएद किसी भी ट्विन्स मे नही होती होगी. यह सोचते सोचते मैं कभी एक को देखता तो कभी दूसरे को. मैं कमरे मे नंगा खड़ा था अब तो मेरा हाथ भी कब मेरे लंड से हट गया खबर ही नही हुई. मैं इस बात को समझ ही नही सका. फिर बाद मे हम तीनो ने मिलके 3सम किया. मुझे वो एग्ज़ाइट्मेंट अभी भी याद है के मैं दो सग़ी ट्विन्स बहनो को एक साथ चोद रहा हू. इस एग्ज़ाइट्मेंट मे मेरा लंड झटके खाने लगा.
रूपा राई कैसे मज़े से चुदवा रही है
रूपा राई की गुलाबी फूली हुई चूत.
अबकी बार चितकी मेरी गंद पे ले गई तो मैं चोंक पड़ा और घबरा के इधर उधर देखने लगा तो आनी ने चुटकी बजा के पूछा हे मिसटर किन्न ख़यालो मे खो जाते हो तुम, मैं कब से खड़ी हू और तुमको पता है के मुझे मस्क्युलर पेन हो रही है मैं ठीक से खड़े भी नही हो सकती और तुम बजाए मुझे अटेंड करने के
दीवार को घूर घूर के देख रहे हो. उसकी नज़र बार बार मेरे आड़के हुए लंड पे जा रही थी पर कोई कॉमेंट नही किया.
ग्रेट गोल्डन जिम compleet
Re: ग्रेट गोल्डन जिम
मैं अपने ख़यालो से वापस आ गया था. मेरे सामने आनी खड़ी थी. दीपा राई की बेटी. दीपा जिसको मैं इस 3 महीनो मे शाएद 100 से ज़ियादा टाइम चोद चुका था. सम्टाइम्ज़ तो मुझे यह भी धोका होता के मैं दीपा को चोद रहा हू या रूपा को. एनिहाउ दीपा और रूपा को मैने इन 3 महीनो मे कम से कम 100 बार या उस से भी ज़ियादा टाइम चोद चुका था और कंटिन्यू चोद रहा था.
दोनो की गंद भी मार चुका था. अब तो दोनो ही किसी रॅंडियो की तरह से चुदवाती और पवरफुल चुदाई के मज़े लेती. कभी उसके घर मे तो कभी यही उनके फार्महाउस मे. यहा अपने पार्लर मे एक फर्स्ट टाइम जो चोदा था बॅस उसके बाद वो मुझे अपने फार्म हाउस पे ही ले जा के चुदवाने लगी. कभी तो मैं दीपा और रूपा 3सम भी करते. मुझे बोहोत कॉस्ट्ली गिफ्ट्स भी देती रहती है दोनो. इन दोनो को चोदने के बाद मुझे पता चला के यह अमीर घर की बीवियाँ कितनी प्यासी होती है. इनके हज़्बेंड्स को पैसे कमाने से फ़ुर्सत नही मिलती. उन्हे पता ही नही चलता के उनके घर मे एक गरमा गरम चूत उन के लंड से चुदवाने का कितने बेकरारी से इंतेज़ार कर रही है. पैसा कमाने के चक्कर मे अपनी अपनी बिवीओ की नीड्स को भूल जाते हिया और उनकी चूत की ज़रूरत पूरी नही करते. उनको खबर ही नही होती की उनकी वाइफ अभी जवान है उनकी चूत मे भी तूफान आता है और फिर जब घर मे उनकी चूत का उमड़ता तूफान ठंडा नही होता तो फिर हम जैसे यंग लड़को से ही चुदवा के मज़े लेती है. और जब चुदवाती है तो किसी रॅंडियो की तरह से बातें करती है और यही औरतें जब समाज मे लोगो के सामने आती है तो कितनी शरीफ लगती है. लोग समझते है के इन के जैसी शरीफ औरतें शाएद दुनिया मे कही नही मिलेगी उनको क्या पता के जब यह टाँगें खोल देती है तो इनकी चूत से जूस का समंदर बह निकलता है और मूह से ऐसी ऐसी गालियाँ निकलती है के सुनने वाले हैरत से देखते रह जाएँ.
हा तो अब मेरे सामने इसी दीपा राई की एकलौती कमसिन बेटी अनिता राई (आनी) अपनी पूरी सुंदरता के साथ अपनी कमसिन जवानी लिए मेरे सामने खड़ी थी जिसके माथे का पसीना पार्लर के एरकॉनडिशन की ठंडी हवा से सूख चुका था. मैं ने उसको ऊपेर से नीचे देखते हुए कहा के ऐसे कपड़ो मे मालिश कर्वओगि तो सारे कपड़े खराब हो जाएगे. तो उसने पूछा के फिर क्या करू तो मैं ने बोला के एक तो तुम्हारा यह शॉर्ट इतना टाइट है के इसको निकाले बिना मसाज नही हो सकता और अगर तुमको यह कीमती टी शर्ट खराब करनी है तो पहने रहो नही तो इसको भी निकाल दो. नही मैं अपनी शर्ट को खराब नही कर सकती, यह नयी शर्ट है और पापा लास्ट वीक ही इसको इटली से लाए है. मैं ने बोला के तो तुम ऐसा करो के वाहा उस कमरे मे चली जाओ और अपने यह कपड़े निकाल के वाहा से एक चादर ओढ़ लो और यहा आ के लेट जाओ. यह मेरा नया मसाज टेबल है जो अभी अभी फिट किया गया है तुम पहली कस्टमर होगी इस नयी चेर पे जो अभी अभी जर्मनी से आई है तो वो चेर देख के खुश हो गई और बोली के यह चेर तो कुछ नये स्टाइल की लगती है ऐसा लग रहा है जैसे कोई रोबोट हो तो मैं ने कहा के हा यह ऑलमोस्ट रोबोट ही है इसके एक एक पार्ट पे हिंजस लगे है और यह हर जगह से मूड सकता है और इस टेबल को मसाज करने वाला या मसाज करने वाली लड़की (मसाजर) अपनी हाइट के हिसाब से अड्जस्ट कर सकता है. मैं ने उसको नीचे फ्लोर के करीब टेबल से जुड़े एक लीवर को बता के बोला के इस टेबल के बोहोत से मूव्मेंट यह लीवर कंट्रोल करता है और कुछ लेग रेस्ट के पास और कुछ हेड रेस्ट के पास लीवर्स है. इस टेबल को पूरा 90 डिग्री पे सीधा खड़ा भी किया जा सकता है और उसी तरह से 90 डिग्री पे उल्टा भी किया जा सकता है आइ मीन के सर के बल भी हो जाती है और यह देखो यह हॅंड रेस्ट और लेग्स रेस्ट के साथ यह बेल्ट्स लगे है और जब यह बेल्ट लगा के टाइट कर दिए जाते है तो इस पे लेटी हुई लड़की नीचे नही गिरती. वो इंट्रेस्टिंग निगाहो से टेबल को देख रही थी. मैं ने कहा चलो बेबी.. उसने मेरी बात काट ते हुए कहा के हे मिसटर तो मैने उसकी बात काट ते हुए कहा के राज आइ आम राज.
ओके राज यार कितनी बार बताऊ के मैं बेबी नही हू मैं एक जवान लड़की हू और इंटर 2न्ड एअर (12त) क्लास मे पढ़ती हू. तो मैने हस्ते हुए कहा के अछा मिस आनी.. अभी इतना ही कहा था के उसने फिर बात काटी और बोली के नो मिस विस्स जस्ट कॉल मी आनी, आइ लव दिस नेम. मैं ने बोला के ओके आनी अब आप टेबल पे लेट जाओ मैं मसाज शुरू करता हू. वो लंगड़ाती हुई कमरे मे जाने लगी तो मैं ने उसके पीठ से हाथ डाल के उसको सपोर्ट किया और कमरे मे ले गया. मैं ने बोला के वाहा सोफे पे बैठ जाओ और चेंज कर्लो. उसने बोला के ठीक है. मैं कमरे से बाहर आ गया.
2 मिनिट के अंदर ही उसने मुझे पुकारा ऱाअज्ज्ज्ज तो मैं कमरे मे चला गया. देखा के उसका ब्लू सपेंड्रल आधा उतरा हुआ उसके घुटनो के बीच फसा पड़ा है और वो कमर के दरद की वजह से उसको निकालने के लिए झुक नही पा रही है. उसने मुझे हेल्प के लिए पुकारा. उसकी गोरी गोरी नंगी मक्खन जैसी चिकनी थाइस देख के मेरे लंड ने एक और झटका खाया और टवल के नीचे मचलने लगा. लंड का झटका आनी की नज़रो से छुपा नही रह सका. उसके चेहरे पे एक हल्की सी मुस्कान आ गई जिसे मैं ने चोर नज़रो से देख लिया. मैं ने पूछा क्या बात है तो उसने बोला के राज यह नही निकल रहा है प्लीज़ थोड़ी हेल्प करो ना. मैं ने बोला ओके और नीचे फ्लोर पे ही उसके सामने घुटनो के बल बैठ गया और उसकी टाँगो को अपने शोल्डर पे रख लिया. वाउ क्या नज़ारा था उसकी वाइट सिल्की सी थ्रू पॅंटी के अंदर से उसकी गुलाबी चूत की पूरी आउटलाइन और उभरी हुई चूत की पंखाड़ियाँ मेरी नज़रो के सामने दिखाई दे रहे थे. शाएद आनी मेरी नज़रो को भाप गई और अपने हाथो से अपनी चूत को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी. मैं उसके टाइट शॉर्ट को धीरे से खेच के निकालने लगा. सपेंड्रल शॉर्ट काफ़ी टाइट था, निकालने के टाइम जिस स्टाइल से उसको खेचना पड़ रहा था उस तरीके से उसकी गंद भी थोड़ी थोड़ी ऊपेर उठ रही थी और जब भी गंद ऊपेर उठ ती उसकी चूत का उभार सॉफ दिखाई देता और मेरे लौदे का तो हाल ही ना पूछो.
Re: ग्रेट गोल्डन जिम
अगर यह आनी, राई साहेब की बेटी ना होती तो शाएद कब का चोद चुका होता. मैं बड़ी मुश्किल से अपने आप पे काबू रख रहा था के कही कुछ उल्टा सीधा ना हो जाए नही तो लेने के देने पड़ जाएगे, बड़े बाप की बेटी जो है.
अनिता राइ जैसी खूबसूरत
अनिता राइ की जैसे सेक्सी मुस्कान
मैं उसका शॉर्ट निकाल के फिर से बाहर जा रहा था तो उसने बोला के एक मिनिट राज मुझे भी सहारा दे के ले चलो और उसने चादर उठाई और अपनी शर्ट को दोनो हाथ क्रॉस कर के नीचे से ऊपेर तक उठाया और सर के ऊपेर से निकाल दिया. बॅस एक ही सेकेंड के लिए उसके गोल गोल बूब्स दिखाई दिए. उफ्फ क्या बताऊ दोस्तो ऐसे किल्लर बूब्स थे के बॅस चूस डालु यही सोच आई मेरे
दिमाग़ मे. गोल्फ बॉल जीतने होगे. पूरी तरह से नही दिखाई दिए बॅस एक झलक मे ही मेरे होश उड़ गये. मेरा शक सही था. आनी ने अंदर ब्रस्सिएर नही पहनी थी. उसने चादर ओढ़ ली और खड़ी हो गई तो मैं उसको फिर से उसकी कमर मे हाथ डाल के सहारा दे के बाहर ले आया. ऐसी पोज़िशन मे मेरे हाथो को उसके बूब्स भी टच कर रहे थे जिसकी वजह से मेरे बदन मे बिजलिया कडकने लगी. .
आनी को टेबल के पास खड़ा किया और लीवर से टेबल को ऑलमोस्ट ऐसे हाइट पे ला के रोका के वो इतमीनान से उस टेबल पे लेट सके. मैं ने उसको सहारा दे के टेबल पे उल्टा लिटा दिया क्यॉंके कमर पे ज़ियादा प्राब्लम थी. उसके टेबल पे लिटा ने के बाद मैं ने टेबल को अपने थाइ लेवेल तक ऊँचा उठाया और फिर टाँगो वाले पोर्षन के लीवर से टाँगो के पोर्षन को अलग किया ऐसी पोज़िशन मे उसके पैर ऑलमोस्ट 45 डिग्रीस तक खुले हुए थे, ऐसे जैसे कॉंपस बॉक्स का डिवाइडर खुला हुआ हो और उसको सामने से थोड़ा सा ऊपेर उठाया हुआ था. ऐसी पोज़िशन मे उसके पैर अलग अलग थे और वो स्ट्रेट नही लेटी थी बलके सर के पास से थोड़ा सा ऊपेर उठी हुई थी. दोस्तो टेबल की पोज़िशन को इमॅजिन करे तो समझ मे आएगा. उसके पैरो के पास एक फुट रेस्ट था जिस पे उसके पैर फिट बैठे थे. अब तो नही गिर सकती थी. जैसे एरोप्लेन के टेक ऑफ के टाइम पे पोज़िशन होती है या हॉस्पिटल मे पेशेंट को खाना खिलाने के टाइम पे सर के पास से जो थोड़ा सा बेड उठाया जाता है बॅस वोही पोज़िशन आनी की भी थी. आइ होप के आप की समझ मे आ गया होगा.
हा तो आनी मेरे सामने टेबल पे लेटी थी. जैसे वो टेबल पे लेटी थी मैं खुली टेबल से चल कर उसकी टाँगो के बीच चूत तक चला जा सकता था और उसको जहा भी मसाज की ज़रूरत हो कर सकता था. और अगर मैं उसकी टाँगो और चूत तक चला जाता तो मेरा लंड उसकी चूत से टकरा सकता था ऐसी हाइट और पोज़िशन थी टेबल की और उसके लेटने की. टेबल किसी उल्टे “Y” की शकल का हो गया था.
मुश्किल यह आ गई थी के आनी ने जिस स्टाइल से चादर ओधी थी, चादर उसके पेट के नीचे और टाँगो तक लिपट गई थी. बड़े साइज़ के टवल जैसा था वो कपड़ा जिसे वो ओढ़ कर लेटी थी. खैर मैं ने वो कपड़ा उसके बदन के नीचे से हाथ डाल के निकाल लिया और उसके ऊपेर डाल दिया. कपड़े को उसकी कमर से नीचे रोल कर के उसके चूतदो पे रख दिया. वो ऊपेर से नंगी थी और उल्टी पेट के बल लेटी थी. उसका बदन एक दम से मक्खन की तरह से चिकना और दूध की तरह से सफेद था. मैं कुछ देर तक ऐसे ही उसके बदन को देखता और निहारता रहा. मेरा लंड मेरे टवल के अंदर कब का टेंट बना चुका था. फिर मैं ने टेबल से जुड़ी बॉटल के सॉकेट से आयिल की बॉटल निकाली और आनी के नंगी पीठ पे एक धार लगा दी शोल्डर्स से नीचे कमर तक. मैं उसकी दोनो टाँगो के बीचे इतना करीब खड़ा था के कभी कभी तो मेरा लंड उसकी खुली टाँगो के बीचे उसकी चूत से टकरा रहा था. टेबल के ऐसे जॉइंट पे एक “डब्ल्यू” के शेप की ट्रे जैसे थी. अगर पीठ के बल सीधा लेटा जाए तो वो “डब्ल्यू” शेप की ट्रे को लीवर के थ्रू बाहर निकाला जा सकता था जहा पे गंद एक दम से फिट बैठ ती थी. और जब उल्टा लेट ते यानी पेट के बल तो चूत जॉइंट पे खुली ही रहती थी. आनी के लेट जाने के बाद मैं ने दोनो हाथो से आयिल को स्प्रेड किया और फिर धीरे धीरे मसाज करने लगा. उसका चिकना बदन किसी मक्खन की याद दिला रहा था. मैं तो जैसे दीवाना हो रहा था. अपने दोनो अंगूठो से ऊपेर नीचे कर के मालिश कर रहा था और उंगलियाँ सपोर्ट का काम दे रही थी. उसकी पीठ पे डोर तक मालिश करता तो मेरा हाथ उसके बदन के साइड्स से उसके बूब्स से भी टकरा जाता जो के एक नॅचुरल सी बात है. कंप्लीट बूब हाथ मे नही आ रहा था बॅस बूब्स के साइड का गोल वाला हिस्सा ही उंगलिओ से लग रहा था. एक दो टाइम जब तेल की वजा से हाथ स्लिप हुआ तो उसके बूब्स पे चला गया था जिसे मैं ने फॉरन ही निकाल लिया था. मैं ने पूछा आनी कुछ आराम दिख रहा है तो उसने बड़ी सेक्सी आवाज़ मे जवाब दिया के हा बोहोत अछा लग रहा है राज ऐसे ही करो. थोडा और नीचे भी करो शाएद डिस्क मे भी मार लगी है तो मैं ने कपड़े को उसकी चूतदो पे और नीचे रोल किया और बोला के आनी यहा तो तुम्हारी पॅंटी है इस्पे आयिल के धब्बा लग जाएगा तो उसने बोला के
राज उसे निकाल दो ना प्लीज़. उसने बोला के अब यहा और कोई है भी तो नही ना और तुम तो एक डॉक्टर के समान हो और पता है डॉक्टर से पेशेंट की कोई चीज़ ना छुपी रहती है और ना ही छुपाई जा सकती है. मैं धीरे से मुस्कुराया जिसे वो देख नही सकी और बोला के ओके आनी और फिर उसकी वाइट सिल्की पॅंटी जिसपे बोहोत खूबसूरत छोटे छोटे डिफरेंट कलर के फूल बने थे, उसकी फूलो से भरी पॅंटी किसी गार्डन से कम नही लग रही थी, उसकी पॅंटी के साइड से एलास्टिक मे उंगलियाँ डाल के नीचे खेचने लगा तो उसने अपना नवल थोड़ा ऊपेर उठा लिया ता के मुझे पॅंटी निकालने मे आसानी हो. आनी की पॅंटी भी निकल चुकी थी और अब वो मेरे सामने टेबल पे एक दम से नंगी लेटी किसी संग – ए – मरमर से तराशि हुई मूर्ति लग रही थी.
क्रमशः........