गतान्क से आगे............
"हाँ मैने देखा तो ज़रूर है, पर मैने नही सहलाया नहीकभी, और पिताजी और चाचा का लंड भी इतना बरा नही था," जया देवकी से बोली. जया तब अपनी दीदी की बात मानते हुए अपने पती का लंड अपने कोमल हाथों मे पकर कर उसके उपर अपना हाथ फेरने लगी.
"हाँ ऐसे ही अपने पती का लंड अपने हाथों से पकर कर सहला और उसको हाथों से कस मसल, इस'से जगन को भी बहुत मज़ा आएगा" देवकी बोली.
"क्या तुमको मज़ा मिल रहा है जगन?" देवकी जगन से पूछी. जगन तब एक हाथ से जया की एक चूंची और दूसरे हाथ से देवकी की एक चूंची को दबाते हुए अपना सर हिलाया.
"ठीक है अब इस लंड को अपने मूह मे लेकर इसके सुपरे को चूस" देवकी फिर जया से बोली.
"देख ऐसे इसको अपने मूह मे भर ले" इतना कह कर देवकी जगन का लंड अपने मूह मे भर लिया और उसके सुपरे को अपने होठों से चूसने लगी. देवकी तब जगन का लंड अपने मूह मे पूरा का पूरा भर कर अपना सर उपर नीचे कर के ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. जया अब धीरे धीरे गरम हो रही थी. अपनी दीदी के कहे अनुसार जया ने लंड अपने मूह मे ले लिया और जैसा देवकी ने दिखाया था उसको चूसने लगी. लंड चूसने से जया को बहुत मज़ा मिल रहा था, क्योंकी वो पहली बार कोई लंड अपने मूह मे भर कर चूस रही थी. देवकी जया के पिछे जा कर उसकी दोनो चूंची अपने हाथों मे ले कर मसल्ने लगी.
जया की चूंची देवकी की चूंची के बराबर बरी थी और उस'से और करी थी. जया की निपल को अपने उंगलेओं के बीच ले कर देवकी उनको मरोर्ने लगी. देवकी उसके बाद जया को अपनी बाहों मे भर कर उसकी गर्दन और कंधों मे चुम्मा दिया. देवकी पिछे से झाँक कर देखी कि जया अपने पती के हथियार को बरा मन लगा कर चूस रही है. देवकी तब अपना एक हाथ जया की गंद के नीचे से ला कर जया की चूत को टटोलने लगी.
उसने जया की चूत पर हाथ फेरने के बाद अपनी एक उंगली उसकी चूत के उपर घूमने लगी. देवकी ने फिर जया की क्लिट को अपने हाथों मे लेकर मसलना शुरू कर दिया, इससे जया बहुत गर्म हो गयी और उसकी गले से तरह तरह की आवाज़ निकालने लगी. देवकी तब अपनी एक उंगली जया की चूत के अंदर डाल दिया. जया अब बहुत उत्तेजीत हो गयी थी और उसकी चूत से ढेर सारा रस निकल रहा था. देवकी अपनी बहन को और गरमना चाहती थी. उसने जगन को जया की खुली जांघों की बीच जा कर उसकी चूत को चाटने को बोली. जगन जैसे ही देवकी की बात सुना, खुशी खुशी जया की चूत को अपनी जीव से चाटने लगा और अपना जीव जितना हो सके अंदर डाल कर चूत का रस पीने लगा.
देवकी को अब लगा की उसकी बहन अपनी चूत चुद्वने के लिए तैइय्यार है. उसने जया को बिस्तेर पर लेटा दिया और उसके पैर घुटने से मोर कर उसकी जांघों को अपने हाथों से फैला दिया. फिर देवकी एक तकिया जया की चूतर के नीचे रख दिया जिससे की जया की चूत पहली बार लंड खाने के लिए और खुल जाए और जया से आराम से लेटने के लिए बोली. देवकी तब जगन से अपनी बीवी के उपर चढ़ने के लिए बोली.
"देख छ्होटी, बिल्कुल घबराना मत, मैं तेरे साथ ही हूँ. मैने जगन से कह दिया है की वो अपना लंड धीरे धीरे तेरे चूत मे डाले. जगन तेरे को बहुत आराम के साथ चोदेगा. मैं अपने हाथों से जगन का लंड तेरी चूत मे डालूंगी, तू बस ज़ोर ज़ोर से सांस ले," देवकी अपने छोटी बहन को समझाते हुए बोली. फिर देवकी जगन का खरा लंड अपने हाथों मे लेकर उसको जया की चूत के दरवाजे पर रख दिया. फिर देवकी जगन से धीरे धीरे अपने लंड को जया की चूत मे डालने के लिया बोली. जगन वैसे ही किया. जया चुप चाप अपनी टाँगे उठाए और जांघों को फैलाए बिस्तेर पर परी रही.
जगन अपना लंड थोरा सा और जया की चूत मे घुसेरा. जैसे जैसे जगन का लंड जया की चूत मे घुसता गया, देवकी अपने हाथों से जया की चूत पर मालीश करने लगी. थोरी देर मे जगन का करीब आधा लंड जया की चूत मे चला गया. जगन अपना लंड अपनी बीवी की चूत मे अंदर बाहर करने लगा. जया की चूत मे अब तक पानी रिसने से काफ़ी फिसलन हो गयी थी और बहुत टाइट और गरम थी. धीरे धीरे देवकी के समझाने से जया अपने जांघों को और फैला लिया और जगन का पूरा का पूरा लंड अपनी चूत मे पिलवाने के कोशिश करने लगी.
"दीदी चूत मे दर्द हो रही है. लगता है की मेरी चूत जगन के लंड से फॅट जाएगी" जया अपनी दीदी से बोली.
"देख छ्होटी बस अब थोरा सा लंड ही बाहर रहा गया है, तू बस अब और थोरा सा बर्दस्त कर ले, फिर तो मज़े मज़े है. अभी जगन अपना पूरा का पूरा लंड तेरी चूत मे घुसेर कर तुझको चोदेगा, और इससे तेरेको और जगन को भी बहुत मज़ा आएगा" देवकी जया की चूंची पर हाथ चलाते हुए बोली.
"ठीक है दीदी, जैसा तुम और जगन चाहते हो, जगन से बोलो की वो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दे. चाहे मेरी चूत रहे या ना रहे मैं भी पूरे लंड की चुदाई का मज़ा लेना छ्चाहती हूँ. अब मुझको कोई डर नहीं है दीदी, तुम जगन से बोलो वो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दे." जया मारे उत्तेजना से देवकी से बोली. फिर जया अपने पती की तरफ देखते हुए बोली,
"जगन मेरे राजा तुम अपना लंड पूरा का पूरा मेरी चूत मे घुसेर दो और मुझको अक्च्चे तरह से चोदो". जगन तब धीरे धीरे अपना पूरा का पूरा मूसल जैसा लंड जया की चूत मे डाल दिया और अपनी बीवी को मज़े से चोदने लगा. जया अब पूरी तरह से खुल चुकी थी और अपनी चूत की पहली चुदाई का मज़ा ले रही थी. जैसे जैसे जगन अपना चोदने का रफ़्तार बढ़ा ने लगा जया अपनी जांघों को और फैला कर जगन को अपने हाथों से बाँध लिया और बर्बाराने लगी.
"ओह! ओह! आह! है मेरे राजा और ज़ोर से चोदो. तुम्हारी चुदाई से बहुत मज़ा मिल रहा है. तुम्हारे लंड को खा कर हुमारी चूत का भाग्या खुल गया. हाँ हाँ ऐसे ही चोद्ते रहो. है देखो देखो मेरी चूत कैसे तुमहरी लंड पिलवा कर फूल गयी है. बस ऐसे ही पेलते रहो. अब मुझको कोई डर नही है. अब रोज, नही नही हर वक़्त तुम मुँझे ऐसे ही चोदना. अब तुम जब चाहो, जहाँ चाहो और जैसे चाहो मुझे चोद सकते हो. मैं हुमेशा तुम्हरे लंड खाने के लिए अपना चूत खुला रखूँगी."
गाओं की मस्ती compleet
Re: गाओं की मस्ती
देवकी तब अपनी बहन से दूर जा कर बैठ गयी और अपनी बहन की चूत अपने यार के लंड से चुद्ते देखती रही और अपने हाथों से अपनी चूत को सहलाती रही. ठीक उसी समय देव बिल्कुल नंगा हो कर कमरे मे घुस गया. देवकी कमरे मे नंगे देव को देखते ही उसका लंड अपने हाथों से पकर लिया और देव से बोली,
"आओ मेरे राजा, मेरी चूत के मलिक, मुझे इस समय तुम्हारी बहुत ज़रूरत है." देवकी देव को अपने पास बुला लिया और खुद पिछे मूर कर अपने चार हाथ और पैर के बल झुक गयी. देव जब देवकी को झुक कर अपनी गंद उठा कर बैठते देखा तो वो भी झट देवकी के पिछे से जा कर अपना लंड देवकी की चूत मे एक झटके के साथ डाल दिया. जया अपनी दीदी और जीजा को चुदाई करते देख बहुत शर्मा गयी, लेकिन इस समय उसकी चूत मे भी बहुत बरा तूफान चल रहा था. इसलिए जया अपनी दीदी और जीजा का चुदाई देख देख कर अपनी कमर उच्छलने लगी और अपनी चूत मे जगन का लंड अंदर लेने लगी. कमरे के अंदर दो जोरों की चुदाई से अब बहुत गर्मी हो गयी थी. इस समय जगन और देव दोनो अपनी बीवियों को अपनी कमर हिला हिला कर ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे.
कमरे के अंदर इस समय चुदाई की सिसकारी और चूत और लंड की खोस्बू भर गया था. दोनो जोरे अपनी चुदाई करते करते एक दूसरे को देख रहे थे और मस्ती से भर रहे थे. देवकी अपने पती के लंड की ताक़त को अपनी चूत से महसूस करके बहुत खुश हो रही थी. देवकी अपने पती के हर धक्को के साथ अपना कमर आगे पिछे कर के जवाब दे रही थी और मुँह से आवाज़ निकाल रही थी. देवकी को देव का लंड अपने बछेदनि के मूह मे धक्के मारने का एहसास हो रहा था. देव इस समय देवकी की चूत मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अपनी बीवी को रगर कर चोद रहा था. इसी तरह से धक्के मारते हुए देव अपना पूरा का पूरा लंड देवकी की चूत मे थॅन्स कर अपनी पिचकारी छोड दी और अपने पानी से देवकी की चूत को भर दिया.
देव और देवकी अपनी चुदाई ख़तम करके धीरे धीरे अलग हो कर जगन और जया की चुदाई देखते रहे. इस समय जगन और जया दोनो एक दूसरे को अपने बाहों मे समेट कर अपनी अपनी कमर हिला हिला कर चुदाई कर रहे थे. जया अपनी कमर उच्छाल उच्छाल कर जगन का लंड के झटके का जवाब दे रही थी. थोरी देर के बाद जगन ने एक ज़ोर दार झटका मारा और जया की चूत के अंदर अपना पिचकारी छोड दिया. जगन की पिचकारी छूटने से जया का चूत लाबा लब भर गया और वो अपने हाथों से जगन को पाकर कर हफने लगी. पूरा कमरे मे शान्ती छा गयी.
देवकी लेते लेते ही जया के पास पहुँच गयी और जया को अपने बाहों मे ले लिया और उसको चूम कर पुच्छी,
"बता छ्होटी कैसा रहा तेरी चूत की चुदाई अपने पती के लंड से? क्या बहुत तकलीफ़ हुई?" टीबी जया भी अपनी दीदी को चूमते हुए बोली,
"बहुत अक्चा था मेरी चूत की चुदाई. मुझे बहुत मज़ा आया दीदी," फिर जया कमरे के चारो तरफ देखी तो पाया की कमरे मे सब के सब नंगे लेते हुए हैं. जया को बहुत शरम महसूस हुई और अपने शरीर को कपरे से ढकने लगी, लेकिन देवकी ने जया को रोक दिया. फिर देवकी बोली,
"यह हम लोगों का परिवार है, और हम सब लोग एक हैं. इस कमरे मे हम लोग जो भी करते हैं वो हम लोगों का अपना राज़ है. छोटी तू बिल्कुल मत शर्मा. तेरे पती ने हुमलोगों पर कई उपकार किए हैं और हम लोग जगन के आभारी हैं. जब हम लोगोने तेरी शादी जगन से करनी चाही तो मुझे पता था कि तू मान जाएगी. हम लोग जब छोटे थे, हम लोग आपस मे बहुत मज़ा लूटा है. अब हम लोगों के पास अपने अपने पती है और उनको हम लोग मिल बात कर मज़ा लेंगे, ठीक जैसे हम लोगों की मा हुमारे पिताजी और चाचा को मिल बात मज़े लेती थी. जब हम लोगों की मा को यह बात मालूम चलेगा तो ओ भी बहुत खुस होंगी." जया अपनी दीदी से बोली,
"दीदी मैं तुम्हारी हर बात को समझ रही हूँ. लेकिन मेरे लिए बिल्कुल नया है."
"जया तुम बिल्कुल चिंता मत करो, हम सब लोग तुम्हारी हर तरफ से ख़याल रखेंगे," देव अपनी साली से बोला.
"एक तरफ से तुम भी देवकी और मुझको मदद कर रही हो" देव फिर से बोला. इन सब बातों को सुन कर और सुसताने के बाद जगन का लंड फिर से खरा होने लगा. जगन के लंड को खरा होते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,
"जा छोटी जा, तेरे पती का लंड फिर से खरा हो रहा है. जा तू फिर अपनी चूत को चुदवा कर मज़े ले."
"दीदी, जैसे अभी तुम चुदवा रही थी मैं भी उसी तरह से अपनी चूत चुदवाना चाहती हूँ" जया अपनी दीदी से बोली. एक बार की चुदाई से ही जया अब अपनी सारी शरम और हया भूल चुकी थी और चुदाई के बारे मे खुल कर सब के सामने बोल रही थी. जगन जैसे ही जया की बात सुना, उठ कर जया के पास गया और जया को अपने घुटने बल झुका कर उसके पिछे से अपना तन तनया हुआ लंड चूत मे पेल दिया. जया भी कम नही थी, वो भी अपनी कमर को आगे पिछे हिला कर जगन का लंड अपने चूत मे पिलवा रही थी.
"आओ मेरे राजा, मेरी चूत के मलिक, मुझे इस समय तुम्हारी बहुत ज़रूरत है." देवकी देव को अपने पास बुला लिया और खुद पिछे मूर कर अपने चार हाथ और पैर के बल झुक गयी. देव जब देवकी को झुक कर अपनी गंद उठा कर बैठते देखा तो वो भी झट देवकी के पिछे से जा कर अपना लंड देवकी की चूत मे एक झटके के साथ डाल दिया. जया अपनी दीदी और जीजा को चुदाई करते देख बहुत शर्मा गयी, लेकिन इस समय उसकी चूत मे भी बहुत बरा तूफान चल रहा था. इसलिए जया अपनी दीदी और जीजा का चुदाई देख देख कर अपनी कमर उच्छलने लगी और अपनी चूत मे जगन का लंड अंदर लेने लगी. कमरे के अंदर दो जोरों की चुदाई से अब बहुत गर्मी हो गयी थी. इस समय जगन और देव दोनो अपनी बीवियों को अपनी कमर हिला हिला कर ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे.
कमरे के अंदर इस समय चुदाई की सिसकारी और चूत और लंड की खोस्बू भर गया था. दोनो जोरे अपनी चुदाई करते करते एक दूसरे को देख रहे थे और मस्ती से भर रहे थे. देवकी अपने पती के लंड की ताक़त को अपनी चूत से महसूस करके बहुत खुश हो रही थी. देवकी अपने पती के हर धक्को के साथ अपना कमर आगे पिछे कर के जवाब दे रही थी और मुँह से आवाज़ निकाल रही थी. देवकी को देव का लंड अपने बछेदनि के मूह मे धक्के मारने का एहसास हो रहा था. देव इस समय देवकी की चूत मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अपनी बीवी को रगर कर चोद रहा था. इसी तरह से धक्के मारते हुए देव अपना पूरा का पूरा लंड देवकी की चूत मे थॅन्स कर अपनी पिचकारी छोड दी और अपने पानी से देवकी की चूत को भर दिया.
देव और देवकी अपनी चुदाई ख़तम करके धीरे धीरे अलग हो कर जगन और जया की चुदाई देखते रहे. इस समय जगन और जया दोनो एक दूसरे को अपने बाहों मे समेट कर अपनी अपनी कमर हिला हिला कर चुदाई कर रहे थे. जया अपनी कमर उच्छाल उच्छाल कर जगन का लंड के झटके का जवाब दे रही थी. थोरी देर के बाद जगन ने एक ज़ोर दार झटका मारा और जया की चूत के अंदर अपना पिचकारी छोड दिया. जगन की पिचकारी छूटने से जया का चूत लाबा लब भर गया और वो अपने हाथों से जगन को पाकर कर हफने लगी. पूरा कमरे मे शान्ती छा गयी.
देवकी लेते लेते ही जया के पास पहुँच गयी और जया को अपने बाहों मे ले लिया और उसको चूम कर पुच्छी,
"बता छ्होटी कैसा रहा तेरी चूत की चुदाई अपने पती के लंड से? क्या बहुत तकलीफ़ हुई?" टीबी जया भी अपनी दीदी को चूमते हुए बोली,
"बहुत अक्चा था मेरी चूत की चुदाई. मुझे बहुत मज़ा आया दीदी," फिर जया कमरे के चारो तरफ देखी तो पाया की कमरे मे सब के सब नंगे लेते हुए हैं. जया को बहुत शरम महसूस हुई और अपने शरीर को कपरे से ढकने लगी, लेकिन देवकी ने जया को रोक दिया. फिर देवकी बोली,
"यह हम लोगों का परिवार है, और हम सब लोग एक हैं. इस कमरे मे हम लोग जो भी करते हैं वो हम लोगों का अपना राज़ है. छोटी तू बिल्कुल मत शर्मा. तेरे पती ने हुमलोगों पर कई उपकार किए हैं और हम लोग जगन के आभारी हैं. जब हम लोगोने तेरी शादी जगन से करनी चाही तो मुझे पता था कि तू मान जाएगी. हम लोग जब छोटे थे, हम लोग आपस मे बहुत मज़ा लूटा है. अब हम लोगों के पास अपने अपने पती है और उनको हम लोग मिल बात कर मज़ा लेंगे, ठीक जैसे हम लोगों की मा हुमारे पिताजी और चाचा को मिल बात मज़े लेती थी. जब हम लोगों की मा को यह बात मालूम चलेगा तो ओ भी बहुत खुस होंगी." जया अपनी दीदी से बोली,
"दीदी मैं तुम्हारी हर बात को समझ रही हूँ. लेकिन मेरे लिए बिल्कुल नया है."
"जया तुम बिल्कुल चिंता मत करो, हम सब लोग तुम्हारी हर तरफ से ख़याल रखेंगे," देव अपनी साली से बोला.
"एक तरफ से तुम भी देवकी और मुझको मदद कर रही हो" देव फिर से बोला. इन सब बातों को सुन कर और सुसताने के बाद जगन का लंड फिर से खरा होने लगा. जगन के लंड को खरा होते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,
"जा छोटी जा, तेरे पती का लंड फिर से खरा हो रहा है. जा तू फिर अपनी चूत को चुदवा कर मज़े ले."
"दीदी, जैसे अभी तुम चुदवा रही थी मैं भी उसी तरह से अपनी चूत चुदवाना चाहती हूँ" जया अपनी दीदी से बोली. एक बार की चुदाई से ही जया अब अपनी सारी शरम और हया भूल चुकी थी और चुदाई के बारे मे खुल कर सब के सामने बोल रही थी. जगन जैसे ही जया की बात सुना, उठ कर जया के पास गया और जया को अपने घुटने बल झुका कर उसके पिछे से अपना तन तनया हुआ लंड चूत मे पेल दिया. जया भी कम नही थी, वो भी अपनी कमर को आगे पिछे हिला कर जगन का लंड अपने चूत मे पिलवा रही थी.
Re: गाओं की मस्ती
जगन तब अपना एक उंगली जया की गंद मे पेल दिया और गंद के अंदर घुमाने लगा. जया को इस'से बहुत मस्ती चढ़ गयी और अपनी कमर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और अपनी दीदी से बोली,
"दीदी देखो तो तुम्हारी छोटी बहन अपने पती का लंड ठीक तरीके से अपने अंदर ले रही या नही. दीदी ठीक ठीक बोलना में ठीक तरह से अपनी चूत चुदवा रही हूँ की नही? अगर कोई कमी है तो बोलो दीदी, मैं अभी ठीक कर लेती हूँ." जया को कुतिया की तरह चुद्ते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,
"सबाश मेरी बहन सबाश, तूने मेरा नाम रख लिया और दूसरी चुदाई के समय ही तूने अपने पती का लंड पिछे से अपनी चूत मे पिलवा लिया. आगे चल कर तू बहुत चुद्दकर बनेगी और हम लोगों की मा का नाम रोशन करेगी. चुड़वा छोटी चुदवा, खूब चुद्व अपने पती के लंड का सारा का सारा रस नीचोर ले अपनी चूत से." देव अपनी साली की चुदाई देख कर फिर से गरम हो गया और अपना खरा हुआ लंड देवकी को दिखलाया.
क्रमशः.....................
"दीदी देखो तो तुम्हारी छोटी बहन अपने पती का लंड ठीक तरीके से अपने अंदर ले रही या नही. दीदी ठीक ठीक बोलना में ठीक तरह से अपनी चूत चुदवा रही हूँ की नही? अगर कोई कमी है तो बोलो दीदी, मैं अभी ठीक कर लेती हूँ." जया को कुतिया की तरह चुद्ते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,
"सबाश मेरी बहन सबाश, तूने मेरा नाम रख लिया और दूसरी चुदाई के समय ही तूने अपने पती का लंड पिछे से अपनी चूत मे पिलवा लिया. आगे चल कर तू बहुत चुद्दकर बनेगी और हम लोगों की मा का नाम रोशन करेगी. चुड़वा छोटी चुदवा, खूब चुद्व अपने पती के लंड का सारा का सारा रस नीचोर ले अपनी चूत से." देव अपनी साली की चुदाई देख कर फिर से गरम हो गया और अपना खरा हुआ लंड देवकी को दिखलाया.
क्रमशः.....................