डॉली अब राज से लड़ नही रही थी... राज ने अपना दूसरा हाथ डॉली की पीठ की तरफ बढ़ाया और उसकी ब्रा
का हुक एक झटके में खोल दिया और डॉली की सफेद ब्रा राज के पेट पे जा गिरी.... डॉली अब उपर से पूरी नंगी हो चुकी थी... पंखे की हवा उसकी चुचियो पे लग कर उन्हे सख़्त बना रही थी... राज ने डॉली के हाथो को आज़ाद किया और डॉली
ने उसको बाँहो में ले लिया... डॉली के स्तन राज की छाती से चिपके पड़े थे और राज के हाथ डॉली की नंगी
पीठ को सहला रहे थे... दोनो एक दूसरे को चूमने लगे और राज ने डॉली की जीन्स की तरफ जब हाथ बढ़ाया तब डॉली
ने उसे रोकते हुए कहा "अभी नही.. ललिता है घर पर"
राज भी डॉली के कहने पे रुक गया और दोनो ने फिर एक दूसरे को आधे मिनट के लिए चूमा और फिर डॉली ने अपने
कपड़े वापस पहेन लिए... 2 बजने को आए थे और राज घर से निकलने ही वाला था... डॉली और राज ललिता
के कमरे में उससे मिलने के लिए मगर वो बिस्तर पड़ी सो रही थी.... राज और डॉली ने हसके कहा "और हम इससे डर रहे थे"
स्कूल में नारायण ने अपनी घड़ी में समय देखा तो उसे लगा कि अब घर के लिए निकलना चाहिए...
दोपहर के ढाई बज गये थे और नारायण अपना समान अपने बक्से में डालने लगा था.... वो अपनी कुर्सी से उठा और
दरवाज़ा की तरफ जैसे ही बढ़ा तो दरवाज़ा अपने आप खुल गया और उसके सामने रश्मि खड़ी हो गयी....
रश्मि ने एक काले नीले रंग की जीन्स के उपर लाल रंग का स्लीव्ले टॉप पहेन रखा था... नारायण को समझ नही
आ रहा था कि ये लड़की इस वक़्त उसके कॅबिन में क्या करने के लिए आई है.... नारायण को हल्का सा धक्का देकर वो कॅबिन
के अंदर गयी तो उसके पीछे पीछे रीत भी कमरे में आई स्कूल की यूनिफॉर्म में और उसके साथ वोई पीयान मोती लाल था.... रश्मि कुर्सी पे अपनी एक टाँग के उपर दूसरी टाँग रखके रानिओ की तरह बैठ गयी....
नारायण ने अपनी नज़रे घुमाई तो वो मोती लाल रीत के बदन जोकि स्कूल के कपड़ो से ढका हुआ था उसपे हाथ फेरने लगा...
रीत की आँखो में शरम सॉफ झलक रही थी जिसको देख कर नारायण ने रश्मि से बोला "ये क्या हो रहा है यहाँ??"
रश्मि बोली " दिख नहीं रहा क्या प्रिनिसिपल सर??"
नारायण बोला " देखो जो करना है करो बस स्कूल में ना करो"
रश्मि बोली " अर्रे गुस्सा क्यूँ हो रहे हो प्रिनिसिपल सर हमे तो खुद रीत ने कहा कि मेरेको प्रिनिसिपल सर के सामने
चुद्ना है तो बस हम उसकी चाहत को पूरा कर रहे है"
मोती लाल अपनी मस्ती में लगा हुआ था उसने रीत को गौद में उठाया और उसको नारायण की टेबल पे बिठा दिया....
नारायण को पता था कि उसके हाथ में कुच्छ नही है तो वो वहाँ से जाने लगा...
"एक मिनट" रश्मि ने नारायण को रोकते हुए कहा.. वो बोली "आपके बगैर तो मूवी बन ही नही सकती नारायण सर"
ये सुनके नारायण पीछे मुड़ा तो रश्मि ने अपने पर्स में हॅंडीकॅम निकाला और मोती लाल को पकड़ा दिया...
मोटी लाल ने कॅमरा शुरू करते हुए ही रीत को कहा "चल छमिया शुरू हो जा... और इस बार कोई गड़बड़ नही होनी चाहिए"
सहमी हुई रीत ने अपने खुले बालो को अपने कानो के पीछे करा ताकि उसका चेहरा कमेरे में ढंग से दिखे और
अपने चेहरे पे मुस्कान लाकर वो आहिस्ते से बोलने लगी "हाई मेरा नाम नवरीत कौर है और मेरा काम है आपको
खुश करना.... वैसे में एक स्कूल गर्ल हूँ मगर पढ़ाई से ज़्यादा मुझे चुदाई में मज़े आते है"
ये कहते कहते वो एक एक करकर अपनी सफेद शर्ट के बटन्स को खोलने लगी....
रीत ने फिर कहा " आज मैं अपने प्रिन्सिपल सर के कमरे में आई हुई हूँ जो मुझे सारे एग्ज़ॅम्स में फैल होने के लिए
डाटेंगे मगर मैं इनको अपने जिस्म के जादू में इतना डुबोदूँगी कि वो ये सब कुच्छ भूल जाएँगे"
ये कहते ही रीत अपने कंधे को हिलाते हुए अपनी सफेद स्कूल की शर्ट को उतारकर बैठ गयी.... उसके बाद मोती लाल ने
कॅमरा पॉज़ कर दिया और रश्मि बोली "प्रिनिसिपल सर आज आपको अपनी प्यारी स्टूडेंट रीत की वीडियो बनानी है तो हर
एक मजेदार सीन रेकॉर्ड होना चाहिए नहीं तो आप जानते है क्या होगा"
क्रमशः…………………..
जिस्म की प्यास compleet
Re: जिस्म की प्यास
nice store age ke parts jalde bhejo raj bhai